मोदी सरकार IDBI बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना से पीछे नहीं हटी है. उसने इसके लिए पूरी तैयारी कर रखी है.
सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपने में गहरी दिलचस्पी रखने वाली मोदी सरकार के बजट में इस बार निजीकरण पर कोई घोषणा नहीं हुई. हालांकि, इसका ये मतलब नहीं है कि सरकार ने IDBI बैंक को बेचने का इरादा छोड़ दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IDBI में अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है. रिपोर्ट्स में डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सेक्रेटरी तुहिन कांता पांडे के हवाले से बताया गया है कि IDBI बैंक में संभावित बोलीदाता का पता लगाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की जांच प्रक्रिया एडवांस स्टेज में पहुंच गई है.
केंद्र का इतना स्टेक
दरअसल, वित्त मंत्री इस निर्मला सीतारमण इस बात को अच्छी से समझती थीं कि बजट में निजीकरण की कोई भी घोषणा विपक्ष के साथ-साथ सहयोगियों का मूड भी बिगाड़ सकती है. इसलिए उन्होंने इस विषय पर चुप्पी साधे रखी. सरकार पिछले काफी समय से IDBI बैंक को बेचने की कोशिश कर रही है. केंद्र की मोदी सरकार के पास इस बैंक में 45.48 प्रतिशत और लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (LIC) के पास 49.24 प्रतिशत हिस्सेदारी है. दोनों मिलकर अपनी 60.7 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं. इसका मतलब है कि किसी निजी कंपनी के पास IDBI बैंक का नियंत्रण चला जाएगा.
इन पर खरा उतरना होगा
रिपोर्ट्स के अनुसार, RBI ने संभावित बोलीदाताओं के लिए कुछ मानदंड निर्धारित किए हैं. जैसे कि बोली लगाने वालों की नेटवर्थ कम से कम 22,500 करोड़ रुपए होनी चाहिए और पिछले 5 में से 3 सालों में उन्होंने नेट प्रॉफिट अर्जित किया हो. कोटक महिंद्रा बैंक, प्रेम वत्स समर्थित सीएसबी बैंक और अमीरात एनबीडी ने इसी साल अप्रैल में IDBI बैंक में बहुमत हिस्सेदारी हासिल करने के लिए अपनी शुरुआती बोलियां दाखिल की थीं. इसके बाद आरबीआई ने जांच प्रक्रिया शुरू की. DIPAM का कहना है कि ये जांच प्रक्रिया एडवांस स्टेज पर पहुंच गई है.
भरेगी सरकार की झोली
IDBI बैंक की हिस्सेदारी बेचकर सरकार अपनी झोली भरना चाहती है. आईडीबीआई का मार्केट कैप करीब 95,000 करोड़ रुपए है. इस लिहाज से देखें तो हिस्सेदारी बेचने से सरकार की झोली में लगभग 29,000 करोड़ रुपए मिल सकते हैं. IDBI बैंक के विनिवेश की प्रक्रिया अक्टूबर 2022 में शुरू हो गई थी. इस बैंक के पास 11,520 करोड़ रुपए की विलंबित कर एसेट्स हैं. इसके अलावा मुंबई, पुणे और चेन्नई सहित कई शहरों में उसकी 129 संपत्तियां भी हैं. बैंक की मुंबई में 68, पुणे में 20, चेन्नई में 9 और अहमदाबाद में 7 प्रॉपर्टी हैं. इसी तरह, कोलकाता में 6 और दिल्ली में 5 और हैदराबाद में भी 5 संपत्तियां हैं.
रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि जिस कंपनी पर एक्शन लिया है, उसने सीओआर में खास शर्तों का पालन नहीं करने के बाद भी लोगों से पैसे डिपॉजिट लिए और लोन दिए हैं.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एसजी फिनसर्व लि. पर 28.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. कंपनी पर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट से संबंधित कुछ खास शर्तों का पालन नहीं करने के लिए जुर्माना लगाया गया है. एसजी फिनसर्व को पहले मूंगिपा सिक्योरिटीज के नाम से जाना जाता था. RBI समय-समय पर वित्तीय संस्थाओं के नॉन-कंप्लाइंस के मुद्दों पर नजर रखता है और पेनल्टी जैसे एक्शन भी लेता रहता है जिससे कंपनियों और बैंकों के ऊपर नजर बनी रहे.
एसजी फिनसर्व पर 28.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया
आरबीआई ने सोमवार को कहा कि उसने वित्त वर्ष 2022-23 के कंपनी की फाइनेंशियल डिटेल्स में अन्य बातों के साथ-साथ सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन (सीओआर) से जुड़ी खास शर्तों का पालन न करने का खुलासा हुआ. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा कि कंपनी ने जारी किए गए सीओआर में खास शर्तों का पालन नहीं करने के बाद भी लोगों से पैसे डिपॉजिट के तौर पर लिए और लोन दिए हैं.
अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक पर भी 14 लाख रुपये का जुर्माना
रिजर्व बैंक ने अरुणाचल प्रदेश ग्रामीण बैंक पर भी 14 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. बैंक के ऊपर फाइनेंशियल क्राइटेरिया को मजबूत करने और 'अपने ग्राहक को जानें' (KYC) पर कुछ निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए यह जुर्माना लगाया गया है. छोटे या ग्रामीण इलाकों के बैंक में इस तरह की गलती हो जाती है लेकिन आरबीआई बैंकों का रेगुलेटर है और वो समय-समय पर एक्शन लेता रहता है.
तीन अन्य सहकारी बैंकों पर हुआ RBI का एक्शन
इसके अलावा, कुछ मानदंडों के उल्लंघन के लिए तीन अन्य सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है. ये बैंक हैं जिला सहकारी केंद्रीय बैंक लिमिटेड-भिंड, मध्य प्रदेश, द अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड धरनगांव, महाराष्ट्र और श्री कालाहस्ती को-ऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड-आंध्र प्रदेश. रिजर्व बैंक ने कहा कि जुर्माना नियामक कंप्लाइंस में कमियों पर आधारित है. आरबीआई का मकसद इन संस्थाओं के अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता पर फैसला लेना नहीं है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के जैसे तिमाही नतीजों की उम्मीद मार्केट एक्सपर्ट्स लगाए बैठे थे, हकीकत वैसी नहीं रही है.
मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के नेतृत्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के तिमाही नतीजे बाजार की उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे. चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-अक्टूबर) में RIL का कुल शुद्ध मुनाफा पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 4.8 प्रतिशत घटकर 16,563 करोड़ रुपए रहा. जबकि मार्केट एक्सपर्ट्स इससे ज्यादा की उम्मीद लगाए बैठे थे. रिलायंस ने कल बाजार बंद होने के बाद नतीजे जारी किए थे, लिहाजा आज इनका असर शेयर बाजार पर देखने को मिल सकता है.
क्या था अनुमान?
ब्लूमबर्ग के सर्वेक्षण में 13 एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया था कि रिलायंस इंडस्ट्रीज की इनकम 2.34 लाख करोड़ रुपए रहेगी. इसी तरह, चार विश्लेषकों का अनुमान था कि कंपनी का शुद्ध मुनाफा 18,814 करोड़ रुपए रह सकता है. वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में मुकेश अंबानी की इस कंपनी की इनकम 2.31 लाख करोड़ रुपए रही, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही से कम है. RIL के तिमाही नतीजों पर तेल और पेट्रोरसायन कारोबार में नरमी का असर साफ दिखाई दे रहा है. इसी वजह से लगातार तीसरी तिमाही में कंपनी के शुद्ध मुनाफे में गिरावट आई है. कंपनी की ऑयल एवं गैस सेगमेंट की आय में 6 प्रतिशत की कमी आई है.
मजबूत हुई Jio
उधर, रिलायंस इंडस्ट्रीज की टेलीकॉम कंपनी Jio प्लेटफॉर्म्स का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही में 23.4% बढ़कर 6,539 करोड़ रुपए रहा. दरअसल, जुलाई की शुरुआत में कंपनी ने अपने टैरिफ प्लान में इजाफा किया था, इसकी वजह से उसके मुनाफे में उछाल आया है. पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की तुलना में जुलाई-सितंबर में जियो की प्रति ग्राहक औसत आय 7.4% बढ़कर 191.5 रुपए रही. जबकि इस दौरान कंपनी की आय 18% की उछाल के साथ 31,709 करोड़ रुपए रही.
इधर, मिले-जुले नतीजे
इसी तरह, रिलायंस रिटेल का शुद्ध मुनाफा चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 5.2% बढ़कर 2,935 करोड़ रुपए हो गया. हालांकि, देश के सबसे बड़े रिटेलर की ऑपरेशनल इनकम 3.5% घटकर 66,502 करोड़ रही. फैशन और लाइफस्टाइल सेगमेंट के कमजोर प्रदर्शन से कंपनी की आय प्रभावित हुई. आरआईएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने तिमाही नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए अंबानी ने कहा कि जुलाई-सितंबर तिमाही में भी रिलायंस ने अपने विविध कारोबार पोर्टफोलियो में मजबूती दिखाई है. डिजिटल सेवाओं में अच्छी वृद्धि देखी गई है.
हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए आज से खुल रहा है. निवेशक इसमें 17 अक्टूबर तक बोली लगा सकेंगे,
देश के सबसे बड़े आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (IPO) पर दांव लगाने का मौका आज से मिलने वाला है. दक्षिण कोरियाई ऑटो कंपनी हुंडई की भारतीय यूनिट का आईपीओ 15 से 17 अक्टूबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा. यह देश का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. इससे पहले यह रिकॉर्ड LIC के पास था. हुंडई मोटर इंडिया का आईपीओ 27,870.16 करोड़ रुपए का है और इसे मार्केट में ज़बरदस्त रिस्पांस मिलने की उम्मीद है.
क्या है एक्सपर्ट सलाह?
अधिकांश ब्रोकरेज हाउस ने इसे सब्सक्राइब करने की सलाह दी है. उनका मानना है कि ग्रोथ की मजबूत संभावनाओं के साथ-साथ कंपनी की अच्छी वित्तीय स्थिति से आईपीओ को सपोर्ट मिल रहा है. 2003 में मारुति सुजुकी इंडिया के आईपीओ के बाद यह पहला मौका होगा जब किसी ऑटो कंपनी का आईपीओ आ रहा है. हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ का प्राइज बैंड 1,865 रुपए से 1,960 रुपए प्रति इक्विटी शेयर तय किया गया है. इसका न्यूनतम लॉट साइज 7 शेयर है, जिसका मतलब है कि निवेशकों कम से कम इतने शेयरों के लिए बोली लगानी होगी.
ग्रे मार्केट से बुरी खबर
हालांकि, आईपीओ लॉन्च होने से पहले ग्रे मार्केट से हुंडई मोटर के लिए अच्छी खबर नहीं आई है. हुंडई मोटर आईपीओ का GMP यानी ग्रे मार्केट प्रीमियम गिरावट के संकेत दे रहा है. इस IPO का ग्रे मार्केट प्रीमियम अनलिस्टेड मार्केट में 65 रुपए के प्राइज रेंज में कारोबार कर रहा था. यह सितंबर के आखिरी सप्ताह में देखे गए 570 रुपए के GMP की तुलना में लगभग 90 प्रतिशत की भारी गिरावट. वैसे, मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह एक दीर्घकालिक निवेश है और समय के साथ अच्छे रिटर्न की उम्मीद की जा सकती है.
एंकर निवेशकों से मिला इतना
इस IPO में ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए प्रमोटर के शेयरों की बिक्री की जाएगी. आईपीओ कल ही एंकर निवेशकों के लिए खुल गया था. इस दौरान, कंपनी ने एंकर निवेशकों से 8,315 करोड़ रुपए जुटाए. आईपीओ के तहत प्रमोटर हुंडई मोटर ऑफर-फॉर-सेल में 14.2 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेगी. इससे पहले सबसे बड़े आईपीओ का रिकॉर्ड LIC के नाम था. भारतीय जीवन बीमा निगम का आईपीओ 21,000 करोड़ रुपए का था.
शेयर बाजार का जोश कल हाई दिखा. आज भी बाजार से सकारात्मक प्रतिक्रिया की उम्मीद है. इस बीच, कुछ शेयरों में तेजी के भी संकेत मिले हैं.
शेयर बाजार (Stock Market) के लिए इस सप्ताह का दूसरा दिन यानी सोमवार शानदार रहा. वैश्विक स्तर पर मिले मजबूत संकेतों और IT एवं बैंकिंग सेक्टर में हुई लिवाली के चलते मार्केट सरपट दौड़ता नजर आया. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 591.69 अंकों की बढ़त के साथ 81,973.05 पर बंद हुआ. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 163.70 अंकों की तेजी के साथ 25,127.95 पर पहुंच गया. सेंसेक्स की कंपनियों में से कुछ फायदे में रहीं, जबकि कुछ को मार्केट में तेजी के बावजूद नुकसान उठाना पड़ा. चलिए जानते हैं कि आज कौन शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.
इनमें उछाल के संकेत
सबसे पहले जानते हैं कि मोमेंटम इंडिकेटर MACD ने आज के लिए क्या संकेत दिए हैं. मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने Mankind Pharma, Gujarat Fluoro chemicals, Va Tech Wabag, Neuland Laboratories, ZF Steering Gear और Angel One पर तेजी का रुख दर्शाया है.इसका मतलब है कि इन शेयरों में तेजी का सकती है. जाहिर है ऐसे में इन पर दांव लगाने वालों के लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श ज़रूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
इनमें गिरावट के संकेत
इसी तरह, MACD ने कुछ शेयरों में मंदी के भी संकेत दिए हैं. Vedanta के साथ-साथ Paytm, Five-Star Business Finance, Balrampur Chini Mills और Saregama में गिरावट देखने को मिल सकती है. लिहाजा, इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें. आखिरी में उन शेयरों के बारे में भी जान लेते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में BSE, Tech Mahindra, Anant Raj, Oberoi Realty, Aptus Value Hosuing Finance, Motilal Oswal और Persistent System का नाम शामिल है. दरअसल, इन शेयरों ने अपना 52 वीक का हाई लेवल पार कर लिया है, जो इनमें तेजी का संकेत देता है. इसलिए आज इन शेयरों पर भी नज़र रखें.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
Premier Energies Ltd के शेयर सोमवार यानी 14 अक्टूबर को शेयर बाजार में 10 प्रतिशत तक चढ़ गए.
अगर आपने भी प्रीमियर एनर्जी (Premier Energies Ltd) के शेयर में निवेश किया है, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, सोमवार यानी 14 अक्टूबर 2024 को कारोबार सत्र के दौरान कंपनी के शेयर 10 प्रतिशत तक चढ़ गए हैं. प्रीमियर एनर्जी के शेयर शुक्रवार को 1107.10 रुपये पर बंद हुए थे, जोकि आज 1217 रुपये के इंट्रा डे हाई पर पहुंच गए. बता दें, कंपनी के शेयरों में इस तेजी के पीछे एक बड़ा ऑर्डर है. कंपनी की सहायक कंपनी प्रीमियर एनर्जी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और प्रीमियर एनर्जी फोटोवोल्टिक प्राइवेट लिमिटेड को कुल 765 करोड़ की कीमत के आर्डर मिले हैं. तो चलिए जानते हैं शेयर बाजार में कंपनी के शेयर का क्या हाल है?
इस साल कंपनी के शेयर ने दिया 40 प्रतिशत का रिटर्न
उनकी सहायक कंपनियों को आठ घरेलू ग्राहकों और एक विदेशी ग्राहक से ऑर्डर मिले हैं. कंपनी की इस घोषणा के बाद बीएसई पर प्रीमियर एनर्जीज लिमिटेड के शेयर 9.9 प्रतिशत उछलकर 1217 रुपये के इंट्राडे उच्चतम स्तर पर पहुंच गए थे. हालांकि खबर लिखने के दौरान शेयर नीचे गिरकर 3.12 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,141.90 रुपये पर कारोबार करते नजर आए. बता दें, इस साल कंपनी के शेयर ने अब तक अपने निव्शकों को 40 प्रतिशत तक का रिटर्न दिया है. छह महीनों में शेयर में 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है और एक महीने में शेयर 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ कारोबार कर रहा है. कंपनी के शेयरों के 52 वीक का हाई प्राइस 1,264.90 रुपये और 52 वीक का लो प्राइस 801.60 रुपये है. इसका मार्केट कैप 51,870.61 करोड़ रुपये है.
कंपनी को मिला ये ऑर्डर
कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा कि उसकी सहायक कंपनियों प्रीमियर एनर्जी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और प्रीमियर एनर्जी फोटोवोल्टिक प्राइवेट लिमिटेड ने कई ऑर्डर हासिल किए, जिनकी कुल कीमत 765 करोड़ रुपये है. इसमें सोलर मॉड्यूल के लिए 632 करोड़ और सोलर सेल के लिए 133 करोड़ के ऑर्डर शामिल हैं. कंपनी ने कहा कि इन मॉड्यूल और सेल की सप्लाई जुलाई 2025 में शुरू होने वाली है.
173.35 मेगावाटपी के सौर मॉड्यूल की आपूर्ति के लिए भी हुआ समझौता
इससे पहले 8 अक्टूबर को कंपनी ने सूचित किया था कि उसने ब्राइटनाइट इंडिया के एक विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) बीएन हाइब्रिड पावर -1 प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक मॉड्यूल आपूर्ति समझौते (एमएसए) पर हस्ताक्षर किए हैं. डील के तहत में, प्रीमियर एनर्जीज बीएन हाइब्रिड पावर की 300 मेगावाट फर्म और डिस्पैचेबल रिन्यूएबल एनर्जी (एफडीआरई) ऊर्जा भंडारण बिजली परियोजना के लिए टॉपकॉन तकनीक वाले 173.35 मेगावाटपी के सौर मॉड्यूल की आपूर्ति करेगी, जो राजस्थान के बाड़मेर में स्थित है.
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Elon Musk की स्पेसएक्स ने Mega Starship Rocket का सफलतापूर्क परीक्षण किया. यह 400 फीट ऊंचा और 33 मीथेन फ्यूल इंजनों वाला अब तक का सबसे शक्तिशाली रॉकेट है.
दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और स्पेसएक्स के मालिक एलन मस्क ने एक नई उपलब्धि हासिल की है. दरअसल, एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स (SpaceX) ने मेगा स्टारशिप रॉकेट लॉन्च किया है. स्टारशिप रॉकेट का परीक्षण मैक्सिकन सीमा के पास टेक्सास के दक्षिणी सिरे से सूर्योदय के समय हुआ. स्टारशिप की ऊंचाई लगभग 400 फीट यानी 121 मीटर है. यह अब तक का सबसे ऊंचा और शक्तिशाली रॉकेट है.
स्पेसएक्स का सफल परीक्षण
SpaceX के द्वारा किया गया यह परीक्षण सबसे साहसिक रहा और सबसे सफल परीक्षण भी रहा. इससे पहले जून 2024 में स्पेसक्स के द्वारा किया गया परीक्षण सबसे सफल रहा था, जिसने बिना विस्फोट के अपनी उड़ान पूरी की थी. बता दें स्टारशिप रॉकेट का यह पांचवा परीक्षण है. एलन मस्क स्टारशिप (Starship) के लिए बड़ा इरादा रखते हैं, यह अकेले बूस्टर पर 33 मीथेन फ्यूल इंजनों के साथ बनाया गया अब तक का सबसे बड़ा और सबसे शक्तिशाली रॉकेट है.
नासा से मिला दो स्टारशिप का ऑर्डर
नासा ने इस दशक के अंत में अंतरिक्ष यात्रियों को चांद पर उतारने के लिए दो स्टारशिप का ऑर्डर दिया है. स्पेसएक्स का इरादा स्टारशिप का इस्तेमाल करके लोगों और आपूर्ति को चांद और मंगल पर भेजने का है. बता दें, स्टारशिप के लिए पहले कई परीक्षण हो चुके हैं. 14 मार्च 2024 को हुए परीक्षण में रीएंट्री के बाद स्टारशिप से संपर्क टूट गया था. उस समय स्पेसएक्स ने बताया था कि कुछ तकनीकी खामियों के चलते ऐसा हुआ. स्पेसएक्स के अनुसार उस समय स्टारशिप रीएंट्री के दौरान सर्वाइव नहीं कर पाया था. बात दूसरे परीक्षण की करें तो इसमें स्टेज सेपरेशन में दिक्कतों के चलते परीक्षण सफल नहीं हो पाया.
स्टारशिप की खासियत
एलन मस्क दुनिया के सबसे शक्तिशाली रॉकेट को यूं ही नहीं सबसे आधुनिक बता रहे हैं. इसके पीछे कुछ वजहें भी हैं. पहला री-यूजेबिलिटी यानी स्टारशिप एक बार उड़ान भरने में अगर फेल होता है तो दूसरी बार भी इसे उड़ाया जा सकता है. यह अब तक के इतिहास का सबसे ऊंचा रॉकेट है. स्टारशिप लगभग 150 टन पेलोड ले जा सकती है. इतना ही नहीं इसमें 33 रैप्टर इंजन लगे हुए हैं, जो इसे बहुत शक्तिशाली बनाते हैं. इस रॉकेट की गति लगभग 27,000 किमी/घंटा है.
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Ola ऐप में कंज्यूमर फ्रेंडली परिवर्तन किए गए हैं,जिससे सेवा पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी. इन बदलावों से उपभोक्ताओं को बेहतर अनुभव मिलेगा.
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने ग्राहकों के हित में एक बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल, प्राधिकरण ने ऑनलाइन टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी ओला (Ola) के खिलाफ मिली शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए कई निर्देश दिए हैं. बता दें, ओला ऐप पर जब ग्राहक कोई शिकायत दर्ज करते हैं, तो कंपनी अपनी 'नो-क्वेश्चन-आस्क्ड रिफंड पॉलिसी' के तहत केवल एक कूपन कोड प्रदान करती है, उन्हें कोई विकल्प नहीं मिलता है. इसके अलावा कंपनी ग्राहकों को इनवॉइय प्रदान नहीं करती है. सीसीपीए ने कंपनी की इन्हीं मनमानियों को उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन मानते हुए ऐप में कई बदलाव करने के निर्देश दिए हैं, तो आइए जानते हैं ओला ऐप में क्या बदलाव होंगे और इससे ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
रिफंड के लिए पसंदीदा विकल्प की सुविधा
सीसीपीए ने कंपनी से कहा गया है कि वह ग्राहकों को रिफंड के लिए अपने पसंदीदा तरीके का विकल्प चुनने की सुविधा दे. ग्राहक चाहें तो रिफंड सीधे अपने बैंक खाते में या कूपन के जरिये ले सकेंगे. यह फैसला ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है.
ग्राहकों को ऑटो राइड्स के बदले दिया जाएगा बिल
इसके अलावा ओला को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह अपने प्लेटफॉर्म के माध्यम से बुक की जाने वाली सभी ऑटो राइड्स के लिए ग्राहकों को बिल या रसीद या इनवॉइस प्रदान करे. इससे सेवाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी. प्राधिकरण का नेतृत्व मुख्य आयुक्त निधि खरे कर रही हैं. सीसीपीए ने कहा कि बेचे गए सामान या प्रदान की गई सेवाओं के लिए बिल या इनवॉइस या रसीद जारी नहीं करना उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के तहत 'अनुचित व्यापार व्यवहार' है.
ओला के खिलाफ मिली हैं ये शिकायतें
बता दें, राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) की जानकारी के अनुसार, 1.1.2024 से 9.10.2024 तक ओला के खिलाफ कुल 2,061 शिकायतें दर्ज की गई हैं. इनमें बुकिंग के समय दिखाए गए किराए से अधिक किराया वसूलना, उपभोक्ता को राशि वापस नहीं करना, ड्राइवर की ओर से अतिरिक्त नकदी मांगना औरड्राइवर का सही जगह पर नहीं पहुंचना या गलत जगह पर छोड़ना आदि शामिल हैं.
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ओला ऐप में ये भी हुई बदलाव
1. शिकायत अधिकारी और नोडल अधिकारी का कोई विवरण वेबसाइट पर प्रमुखता से दिखाई नहीं देता था. अब शिकायत अधिकारी और नोडल अधिकारी का नाम, फोन नंबर और ई-मेल वेबसाइट के सपोर्ट सेक्शन में दिखता है.
2. कैंसिलेशन पॉलिसी के अनुसार रद्द करने का अनुमत समय अब सवारी बुकिंग के समय प्रमुखता से डिस्प्ले किया जाता है.
3. कैंसिलेशन शुल्क का उल्लेख अब राइड बुकिंग पेज पर स्पष्ट रूप से किया जाता है, ताकि ग्राहक को उस राशि के बारे में पता चल सके जो राइड रद्द करने पर ली जा सकती है.
4. ड्राइवरों के लिए नई स्वीकृति स्क्रीन जोड़ी गई है जहां पिकअप और ड्रॉप दोनों जगहों का पता ड्राइवरों को दिखाया जाता है.
5. असुविधा और भ्रम से बचने के लिए और कारण जोड़े गए हैं जिनके खिलाफ उपभोक्ता सवारी रद्द करना चाहता है.
6. कुल किराए का गठन करने वाले घटकों की सूची अब सार्वजनिक रूप से उपलब्ध है जैसे कि आधार किराया, प्रति किमी किराया, प्रतीक्षा शुल्क आदि.
7. डिजिटल पेमेंट लेने और एसी चालू करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर ड्राइवरों को कम्यूनिकेट किया गया है.
8. ड्राइवरों के लिए संशोधित पेमेंट साइकिल ताकि उन्हें भुगतान जल्दी मिल सके.
फेस्टिवल सीजन में चेन्नई स्थित एक कंपनी के कर्मचारियों को बड़ा तोहफा मिला है. कंपनी ने कर्मचारियों को कार और बाइक गिफ्ट किए हैं.
चेन्नई स्थित एक कंपनी के कर्मचारियों की दिवाली से पहले ही दिवाली मन गई है. इस स्ट्रक्चरल डिजाइन कंपनी ने अपने कर्मचारियों को 28 कारें और 29 बाइक उपहार में दी हैं. Team Detailing Solutions के मालिक एवं MD श्रीधर कन्नन का मानना है कि इससे कर्मचारी और भी बेहतर कार्य के लिए प्रोत्साहित होंगे. उन्होंने कहा कि हमारे कर्मचारियों ने पूरी मेहनत से काम किया है और यह कंपनी की तरफ से उन्हें एक छोटा सा गिफ्ट है.
भावुक हुए कर्मचारी
Team Detailing Solutions द्वारा कर्मचारियों को जो कारें दी गईं हैं उनमें इनोवा, एक्सटर, क्रेटा, i20,ब्रेज़ा और अर्टिगा के लेकर मर्सिडीज बेंज तक शामिल हैं. कंपनी के मुताबिक, जिन कर्मचारियों को संस्थान में 9 साल से अधिक हो गए हैं उन्हें कार और सात साल से अधिक समय से काम कर रहे कर्मचारियों को टू-व्हीलर गिफ्ट के तौर पर दिए गए हैं. श्रीधर कन्नन ने कर्मचारियों और उनके परिवार को इस सरप्राइज के बारे में बताए बिना आमंत्रित किया था. जब उन्होंने इस गिफ्ट का ऐलान किया तो कर्मचारी और उनके परिवार भावुक हो गए.
4 से 180 कर्मचारी तक
कंपनी के मालिक श्रीधर कन्नन ने कहा कि Team Detailing Solutions की शुरुआत 2005 में केवल चार कर्मचारियों से हुई थी और अब दो साइटों पर 180 कर्मचारी हैं. उन्होंने बताया कि अब तक हमने 30 कर्मचारियों को कार और 74 को दोपहिया वाहन उपहार में दिए हैं. कन्नन ने आगे कहा कि यहां काम करने वाले सभी लोग ग्रामीण पृष्ठभूमि से हैं. ऐसे में हम उन्हें बाइक और कार देकर उनके जीवन स्तर को और बेहतर बनाना चाहते हैं.
शादी के लिए 1 लाख
श्रीधर कन्नन ने कहा कि कर्मचारी कई सालों से मेरे साथ काम कर रहे हैं. हमारे बीच एक परिवार जैसा रिश्ता बन गया है. यही वजह है कि कंपनी कर्मचारियों को उनकी शादी के मौके पर सहायता राशि के रूप में 50000 रुपए भी प्रदान करती आई है. इस वर्ष से इस राशि बढ़ाकर 1 लाख रुपए कर दिया गया है. अपने कर्मचारियों का ख्याल रखने के लिए श्रीधर कन्नन की जमकर तारीफ हो रही है. लोगों का कहना है कि ऐसे समय में जब कंपनियां सैलरी के लिए भी कर्मचारियों को लटकाती हैं, श्रीधर कन्नन का कार और बाइक गिफ्ट करना दर्शाता है कि उन्हें वाकई अपने कर्मचारियों की फ़िक्र है.
महारत्न का दर्जा प्राप्त करने के बाद HAL को न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने का मौका मिलेगा. यह भारत की आत्मनिर्भरता को सशक्त करेगा.
अगर आपने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के शेयर में निवेश किया है, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, भारत के रक्षा क्षेत्र की इस सरकारी कंपनी को महारत्न का दर्जा मिला है. यह सम्मान एचएएल की बेहतरीन वित्तीय परफॉर्मेंस और बढ़ते वैश्विक कद का प्रतीक है. कंपनी ने सार्वजनिक उद्यम विभाग (DPE) द्वारा जारी इस फैसले की जानकारी को अपने एक्स (X) हैंडल पर साझा किया है. इस फैसले को वित्त सचिव और कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता वाली समितियों की सिफारिशों के बाद भारत सरकार द्वारा मंजूरी दी गई है. तो आइए जानते हैं एक कंपनी को ये खिताब कैसे मिलता है?
इस वजह से कंपनी को मिला महारत्न का खिताब
एचएएल का महारत्न बनने में इसके शानदार वित्तीय प्रदर्शन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. वित्त वर्ष 2023-24 में एचएएल ने 28,162 करोड़ रुपए का वार्षिक कारोबार किया और 7,595 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया. इस मजबूत वित्तीय स्थिति ने कंपनी को महारत्न का दर्जा दिलाने में अहम योगदान दिया.
रक्षा उपकरणों के विकास और उत्पादन में आएगी तेजी
एचएएल के इस उपलब्धि से भारत के रक्षा क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी. महारत्न का दर्जा प्राप्त करने के बाद कंपनी को न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने का मौका मिलेगा. यह भारत की आत्मनिर्भरता (Aatmanirbhar Bharat) को सशक्त करेगा और भविष्य में नए प्रोजेक्ट्स और इनोवेशन के अवसर पैदा करेगा. एचएएल की इस उपलब्धि से रक्षा उपकरणों के विकास और उत्पादन में भी तेजी आएगी, जिससे देश के रक्षा क्षेत्र को एक नई ऊंचाई मिलेगी.
इन कंपनियों को मिलता है महारत्न दर्जा
महारत्न का दर्जा उन्हीं कंपनियों को दिया जाता है, जो पहले से नवरत्न हों और लगातार तीन साल तक 5,000 करोड़ रुपये का औसत शुद्ध लाभ और 25,000 करोड़ रुपये का वार्षिक टर्नओवर हासिल करती हों. इसके साथ ही कंपनी की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उपस्थिति भी जरूरी होती है.
महारत्न श्रेणी के फायदे
1. महारत्न कंपनियों को फैसले लेने में विशेष स्वायत्तता और अधिकार मिलते हैं.
2. एचएएल को अब अपनी कुल संपत्ति के 15 प्रतिशत तक या 5,000 करोड़ रुपये तक के निवेश का अधिकार मिल जाएगा, जिससे वह किसी प्रोजेक्ट में सरकार की मंजूरी के बिना निवेश कर सकेगी.
3. इसके अलावा, कंपनी को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विलय, अधिग्रहण और रणनीतिक निवेश करने की भी आजादी मिल जाएगी, जिससे उसकी वैश्विक विस्तार की योजनाओं को बल मिलेगा.
दिवाली के मौके पर कर्मचारियों के चेहरे पर मायूसी नजर न आए, इसके लिए एक दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी ने बड़ा कदम उठाया है.
दीपावली की खुशियां अपनों के साथ सेलिब्रेट करने में अक्सर काम आड़े आ जाता है. घर से दूर नौकरी करने वालों को कई बार छुट्टी भी नहीं मिलती. लेकिन ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म मीशो के कर्मचारी इस मामले में भाग्यशाली हैं. कंपनी ने उनके लिए 9 दिन का ब्रेक अनाउंस किया है, जो 26 अक्टूबर से 3 नवंबर तक रहेगा. मीशो ने इस ब्रेक को 'रीसेट एंड रीचार्ज' नाम दिया है. सोशल मीडिया पर मीशो की जमकर सराहना हो रही है. लोगों का कहना है कि कंपनी ने एक अच्छी मिसाल पेश की है.
न ईमेल और न मैसेज
वैसे, ये कोई पहली बार नहीं है जब मीशो ने कर्मचारियों के लिए 9 दिनों के ब्रेक का ऐलान किया है. वह पिछले तीन सालों से ऐसा कर रही है और यह चौथा साल है जब कंपनी अपने कर्मचारियों को यह ब्रेक दे रही है. मीशो ने साफ किया है कि इस ब्रेक के दौरान कर्मचारियों को काम से जुड़ी हर चीज से दूर रखा जाएगा. कंपनी न तो उन्हें किसी मीटिंग में बुलाएगी और न ही कोई ईमेल या मैसेज भेजेगी.
सफलता का इनाम
मीशो ने अपने लिंक्डइन पोस्ट में लिखा है- 'कोई लैपटॉप नहीं, मैसेज, ईमेल नहीं, मीटिंस और स्टैंड-अप कॉल भी नहीं, 9 दिनों तक काम से जुड़ा कुछ भी नहीं! हम 26 अक्टूबर से 3 नवंबर तक अपने चौथे रीसेट एंड रीचार्ज ब्रेक पर जा रहे हैं'. कंपनी ने आगे लिखा है कि हमारी सफल मेगा ब्लॉकबस्टर सेल के बाद अब समय आ गया है कि हम पूरी तरह से अनप्लग करें और खुद पर ध्यान दें. यह ब्रेक हमारे अपने दिमाग और शरीर को तरोताजा करने के लिए है, ताकि हम अगले साल की शुरुआत एक नई ऊर्जा के साथ कर सकें. बता दें कि मीशो के लिए 2024 काफी अच्छा रहा है.
जमकर हो रही तारीफ
सोशल मीडिया पर कंपनी के इस फैसले की जमकर सराहना की जा रही है. लोगों ने इसे एक प्रगतिशील सोच करार दिया है. गौरतलब है कि आजकल अधिकांश कंपनियों में कामकाजी माहौल बेहद खराब हो गया है. बात केवल प्राइवेट सेक्टर की ही नहीं है, सरकारी क्षेत्र में भी कर्मचारियों के बुरे हाल हैं. खासकर बैंकिंग इंडस्ट्री में वर्क-लाइफ बैलेंस जैसा कुछ नहीं बचा है. ऐसे में मीशो का 9 दिनों का ब्रेक देना वाकई काबिले तारीफ है.