फरवरी में मारुति सुजुकी ने बेची इतनी कारें , जानिए कितना हुआ इजाफा 

कंपनी ने जनवरी में कुल 172,535 वाहन बेचे, जिसमें 151,367 वाहन घरेलू बाजार में बेचे जबकि इसकी तुलना में, कंपनी ने फरवरी 2023 में कुल 172,321 यूनिट्स की बिक्री की है. 

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Wednesday, 01 March, 2023
maruti suzuki

देश में भले ही रिजर्व बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा हो लेकिन देश में कारों की बिक्री में कमी आती नहीं दिख रही है. आलम ये है कि मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, जो भारत में अग्रणी कार कंपनियों में से एक है उसके फरवरी के आंकड़ों में ग्रोथ दर्ज हुई है. एक महीने में कंपनी की बिक्री में 5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. कंपनी ने अकेले फरवरी में 172321 कारों को बेचा है, जो पिछले साल से उसकी कार बिक्री में काफी ज्‍यादा है. 

कितनी रही फरवरी में कंपनी की सेल 
कंपनी ने फाइलिंग में बताया है कि फरवरी 2023 में उसने कुल 172,321 कारों की बिक्री की है. फरवरी में कंपनी ने जो कारें बेचीं उसमें इसकी कुल बिक्री में 150,823 इकाइयों को उसने घरेलू बाजार में बेचा है जबकि 4,291 इकाइयों को उसने ओईएम में बेचा और 17,207 इकाइयों को उसने एक्‍सपोर्ट किया है. जबकि पिछले साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो कंपनी ने फरवरी 2022 में 1,64,056 कारों की बिक्री की थी. अपनी फाइलिंग में, मारुति सुजुकी ने बताया कि उसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की कमी का सामना करना पड़ा, जिससे उसके उत्पादन पर इसका मामूली प्रभाव पड़ा, खासकर घरेलू बाजार में इस कमी का सामना करना पड़ा.

जनवरी में कितनी हुई थी बिक्री 
आंकड़ों के अनुसार कंपनी ने जनवरी में, 172,535 वाहन बेचे, जिसमें 151,367 वाहन घरेलू बिक्री में शामिल थे जबकि ओईएम (मूल उपकरण निर्माताओं) को उसने 3,775 इकाइयां बेची और 17,393 इकाइयों का निर्यात भी शामिल है, जिसके परिणामस्वरूप कुल बिक्री में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. इस साल फरवरी में घरेलू थोक बिक्री 11 प्रतिशत बढ़कर 1,55,114 इकाई हो गई, जबकि पिछले साल फरवरी में यह 1,40,035 इकाई थी.

निर्यात में हुई कमी 
आंकड़ों के अनुसार इस साल फरवरी में कुल निर्यात 28 प्रतिशत घटकर 17,207 यूनिट रह गया, जो फरवरी 2022 में 24,021 यूनिट था. माइक्रो-सेगमेंट में, बलेनो, सेलेरियो, डिज़ायर, इग्निस, स्विफ्ट, टूर एस और वैगनआर की बिक्री फरवरी 2022 में 77,795 यूनिट से बढ़कर फरवरी 2023 में 79,898 हो गई. जनवरी 2023 में मारुति सुजुकी इंडिया ने घरेलू बाजार में 147,348 यूनिट यात्री वाहन बिक्री किए जो जनवरी 2022 की 128,924 इकाइयों की बिक्री से 14.2 प्रतिशत अधिक है. माइक्रो-सेगमेंट में, ऑल्टो और एस-प्रेसो की बिक्री जनवरी 2023 में बढ़कर 25,446 यूनिट हो गई थी, जो जनवरी 2022 में 18,634 यूनिट थी. इसी तरह व्यावसायिक वाहनों की बात करें तो फरवरी 2023 में ट्रकों और बसों सहित MH और ICV की घरेलू बिक्री में काफी वृद्धि हुई और फरवरी 2022 में 14,596 यूनिट की तुलना में फरवरी 2023 में 17,282 यूनिट रही.


निवेशकों को मनाने में जुटे Byju Raveendran, शेयर धारकों को भेजा 'शांति प्रस्ताव'

कुछ निवेशकों ने बायजूज के फाउंडर बायजू रवींद्रन को कंपनी से बाहर निकालने की कोशिश की थी. अब रवींद्रन बायजू ने इन निवेशकों को साथ आने का न्यौता भेजा है.

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Friday, 29 March, 2024
Byju Raveendran

वित्तीय संकट समेत अन्य दिक्कतों से जूझ रही एडुटेक फर्म बायजू (Byju's) ने निवेशकों को 72 घंटे के भीतर फंडिंग राउंड में शामिल होने का न्यौता भेजा है. बायजू ने Peak XV Partners, जनरल अटलांटिक (General Atlantic), चान-जुकरबर्ग इनिशिएटिव (Chan-Zuckerberg Initiative) और प्रोसुस (Prosus) जैसे निवेशकों के साथ असहमति दूर करने की एक और कोशिश है. इन निवेशकों ने राइट्स इश्यू का रास्ता बंद करने और बायजू के फाउंडर बायजू रवींद्रन को कंपनी से बाहर निकालने की कोशिश की थी. इस मामले में बायजू रवींद्रन ने निवेशकों को जो लेटर भेजा है.

निवेशकों को मनाने की कोशिश

बायजू रवींद्रन ने लेटर में लिखा है कि पिछले महीने राइट्स इश्यू बंद हो गया. यह मौजूदा चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिस्थितियों में कंपनी की स्थिरता और विकास सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था. उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि ऑथराइज्ड शेयर कैपिटल (Authorised Share Capital) बढ़ाने के लिए पहले ही 50% से अधिक वोट मिल चुके हैं. बायजू ने कहा कि इस कंपनी की शुरुआत से ही उनका दृष्टिकोण सभी को एक साथ लेकर चलने और हमेशा चुनौतियों का सामना एक साथ करने का रहा है. चूंकि कुछ निवेशकों ने राइट्स इश्यू में हिस्सा नहीं लिया था तो इसे ध्यान में रखते हुए ही उन्होंने कहा कि वह सभी निवेशकों को इस बदलाव की कहानी का हिस्सा बनाना चाहते हैं.

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जनवरी में आया था Rights Issue

बायजू कंपनी जनवरी महीने में 20 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए राइट्स इश्यू (Rights Issue) को लाई थी. हालांकि यह इश्यू 22-25 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर लाया गया था जो इसके 2200 करोड़ डॉलर के रिकॉर्ड वैल्यूएशन से करीब 99 फीसदी डिस्काउंट पर है. यह इश्यू पूरा भर चुका है और मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कंपनी के फाउंडर बायजू रवींद्रन कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने के लिए राइट्स इश्यू में 4.5-4.6 करोड़ डॉलर लगाने की तैयारी में हैं. 

निवेशकों ने राइट्स इश्यू को बताया था गैरकानूनी

इससे पहले एनसीएलटी (NCLT) में सुनवाई के दौरान निवेशकों ने कहा था कि राइट्स इश्यू के लिए कंपनी का कदम अवैध और गैरकानूनी है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए. वहीं बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कहना है कि निवेशक कंपनी के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में बायजूज के फाउंडर बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं.
 


निवेशकों की झोली भरने वाली Suzlon Energy की कटेगी जेब, मिल गया इतने करोड़ का नोटिस

शेयर बाजार में सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड ने अब तक काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. उसने निवेशकों को बंपर रिटर्न दिया है.

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Friday, 29 March, 2024
file photo

शेयर बाजार (Stock Market) में धूम मचाने वाली रिन्यूएबल एनर्जी से जुड़ी कंपनी सुजलॉन एनर्जी लिमिटेड (Suzlon Energy) को बड़ा झटका लगा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कंपनी पर 260.35 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. डिपार्टमेंट के नेशनल फेसलेस एसेसमेंट सेंटर ने एसेसमेंट ईयर 2016-17 और 2017-18 के मामले में यह कार्रवाई की है. यह जुर्माना गुडविल पर आधारित डेप्रिसिएशन के क्लेम को अस्वीकार करने से जुड़ा है.

ट्रिब्यूनल के पास लंबित है मामला
वहीं, सुजलॉन एनर्जी आयकर विभाग द्वारा लगाए गए जुर्माने पर आपत्ति जताई है. कंपनी ने कहा है कि पहले के न्यायिक आदेशों को ध्यान में रखते हुए उसका मानना है कि जब तक इस सिलसिले में अपील पर सुनवाई पूरी नहीं की जाती, तब तक जुर्माने की कार्यवाही को रोका जाना चाहिए. सुजलॉन एनर्जी के मुताबिक, इस मामले में अपील फिलहाल ट्रिब्यूनल के पास लंबित है, लिहाजा पेनल्टी ऑर्डर को उचित नहीं माना जा सकता.

जुर्माने को चुनौती देने की तैयारी
सुजलॉन एनर्जी ने आगे कहा कि कंपनी अपीलेट/न्यायिक फोरम के सामने जुर्माने को चुनौती देने की प्रक्रिया में है और उसके द्वारा उठाए गए सवाल जायज हैं. जुर्माने के बारे में कंपनी ने बताया कि क्लेम अस्वीकार करने से संबंधित सेक्शन 14A के तहत 35.11 करोड़ रुपए का जुर्माना और सेक्शन 32 (1) के तहत गुडविल से जुड़े डेप्रिसिएशन को अस्वीकार करने के लिए 132.48 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है. इसके साथ ही देरी से भुगतान के लिए भी पेनल्टी लगाई गई है. 

स्टॉक मार्केट में शानदार प्रदर्शन
वहीं, शेयर बाजार में कंपनी के प्रदर्शन की बात करें, तो Suzlon Energy के शेयर धूम मचा रहे हैं. कल यह 4.94% की उछाल के साथ 40.40 रुपए पर बंद हुए. बीते 5 कारोबारी सत्रों में इस शेयर ने शानदार 10.38 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. जबकि इस साल अब तक ये 4.94% ऊपर चढ़ चुका है. पिछले एक साल में Suzlon के शेयर अपने निवेशकों को 408.18% का रिटर्न देकर मालामाल कर चुके हैं. इस रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी का पोर्टफोलियो मजबूत है. उसे लगातार नए ऑर्डर मिल रहे हैं, इस वजह से उसके शेयरों की चाल भी तेज हो रही है.

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FY24 के आखिरी दिन तूफानी तेजी के साथ बंद हुआ Share Market, निवेशकों की हुई बंपर कमाई

फाइनेंशियल ईयर 2024 के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखने को मिली. आज के बाद अब स्टॉक मार्केट सोमवार को खुलेगा.

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Thursday, 28 March, 2024
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फाइनेंशियल ईयर 2024 के आखिरी कारोबारी दिन गुरुवार को शेयर बाजार में तूफानी तेजी रही. ट्रेडिंग के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी ने अपने पिछले कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. कारोबार के अंत में, बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) 655.04 अंक की तेजी के साथ 73,651.35 अंक पर बंद हुआ. वहीं एनएसई (NSE) का 50 शेयरों वाला इंडेक्स निफ्टी 203.25 अंक की बढ़त के साथ 22,326.90 के स्तर पर बंद हुआ. बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स भी 0.62% और 0.33% की बढ़त के साथ बंद हुए. बीएसई के सभी सेक्टरोल इंडेक्स भी हरे निशान में रहे. 

27 शेयर तेजी के साथ बंद

बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) के 30 में से 27 शेयर आज तेजी के साथ बंद हुए. इसमें भी बजाज फिनसर्व (Bajaj Fiserv) के शेयरों में सबसे अधिक 3.91% की तेजी रही. इसके बाद बजाज फाइनेंस (Bajaj Finance), नेस्ले इंडिया (Nestle India), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और पावर ग्रिड (Power Grid) के शेयरों में सबसे अधिक तेजी रही और ये 2.20% से लेकर 2.98 फीसदी तक की तेजी के साथ बंद हुए. वहीं सेंसेक्स के सिर्फ 3 शेयर आज गिरावट के साथ बंद हुए. इसमें भी टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) का शेयर 0.69 फीसदी की गिरावट के साथ टॉप लूजर्स रहा. वहीं एक्सिस बैंक (Axis Bank) और रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर 0.67% और 0.55% की गिरावट के साथ लाल निशान में बंद हुए. 

Byju's ने ली राहत की सांस, NCTL ने EGM पर नहीं लगाई रोक, जानें क्या पूरा मामला?

निवेशकों ने कमाए ₹3.27 लाख करोड़ 

बीएसई (BSE) में लिस्टेड कंपनियों का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन आज बढ़कर 386.91 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया, जो इसके पिछले कारोबारी दिन यानी बुधवार 27 मार्च को 383.64 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह BSE में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप आज करीब 3.27 लाख करोड़ रुपये बढ़ा है यानि निवेशकों की वेल्थ में करीब 3.27 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है.

नए फाइनेंशियल ईयर का इंतजार

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन भारतीय शेयर बाजार में तूफानी तेजी देखने को मिली. आज के बाद अब स्टॉक मार्केट सोमवार को खुलेगा. इस बीच में, शुक्रवार को गुड फ्राइडे की छुट्टी है. निवेशकों को अब नए फाइनेंशियल ईयर का इंतजार है. दरअसल, अप्रैल महीने में कई बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होने वाले हैं. निवेशक अलग-अलग सेक्टर की कंपनियों के तिमाही नतीजे की उम्मीद लगाए बैठे हैं. 
 


Byju's ने ली राहत की सांस, NCTL ने EGM पर नहीं लगाई रोक, जानें क्या पूरा मामला?

निवेशकों के मुताबिक NCLT ने 27 फरवरी को जो आदेश दिया था, उसके उद्देश्य को फेल करने के लिए ही यह EGM बुलाई गई है.

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Thursday, 28 March, 2024
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लिक्विडिटी की दिक्कतों से जूझ रही एडुटेक कंपनी बायजू (Byju's) को नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने बड़ी राहत दी है. NCLT ने बोर्ड डायरेक्टर्स की तरफ से बुलाई गई एक्स्ट्राऑर्डिनरी जनरल मीटिंग (EGM) पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. इस बैठक को राइट्स इश्यू (Right Issue) को लेकर ऑथराइज्ड कैपिटल जुटाने के उद्देश्य से बुलाया गया है. अब इस मामले में NCLT अगले महीने 4 अप्रैल को सुनवाई करेगी. इसमें बाकी मुद्दों पर भी विचार किया जाएगा, ईजीएम 29 मार्च को होनी है. 

निवेशकों और Byju's के बीच तकरार

निवेशकों के मुताबिक NCLT ने 27 फरवरी को जो आदेश दिया था, उसके उद्देश्य को फेल करने के लिए ही यह EGM बुलाई गई है. 27 फरवरी को NCLT ने बायजू को राइट्स इश्यू से मिले पैसों को तब तक एस्क्रो खाते (Escrow Account) में रखने का निर्देश दिया जब तक कि चार निवेशकों की तरफ से दायर उत्पीड़न और खराब मैनेजमेंट से जुड़ी याचिका पर फैसला न आ जाए. ट्रिब्यूनल ने बायजूज राइट्स इश्यू की आखिरी तारीख को आगे बढ़ाने पर विचार करने का निर्देश दिया था ताकि इसके लिए अप्लाई करने के अधिकारों पर विपरीत असर न पड़े, हालांकि NCLT ने राइट्स इश्यू को रोकने की याचिका को आदेश के लिए सुरक्षित रख लिया. 

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मामले पर 4 अप्रैल को होगी सुनवाई

आज सुनवाई के दौरान निवेशकों ने यह भी कहा कि बायजू ने उन्हें EGM में वोट करने के तरीके पर फैसला लेने के लिए डॉक्यूमेंट्स देखने की भी मंजूरी नहीं दी. इसके अलावा सभी निवेशकों को कानून के मुताबिक EGM का नोटिस भी नहीं दिया गया है. वहीं, बायजू का कहना है कि निवेशकों को डॉक्यूमेंट देखने का मौका दिया गया था और सभी शेयरधारकों को EGM बुलाने का नोटिस भी दिया गया था. NCLT ने कहा कि चूंकि मामले पर 4 अप्रैल को सुनवाई होनी है तो अब अंतरिम आदेश पारित करने की कोई वजह नहीं दिखती है. 

निवेशकों ने EGM को बताया गैरकानूनी

NCLT में सुनवाई के दौरान निवेशकों ने कहा था कि राइट्स इश्यू के लिए कंपनी का कदम अवैध और गैरकानूनी है और इस पर रोक लगाई जानी चाहिए. वहीं, बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स का कहना है कि निवेशक कंपनी के लिए दिक्कतें पैदा कर रहे हैं. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में बायजू के फाउंडर बायजू रवींद्रन, उनकी पत्नी और को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ और उनके भाई रिजू रवींद्रन शामिल हैं. 
 


रघुराम राजन को इस शख्‍स ने दिया जवाब, पैराशूट अर्थशास्‍त्री का दिया उदाहरण 

रघुराम राजन के बयान पर जहां नीति आयोग के सदस्‍य अरविंद विरमानी ने सवाल उठाया तो मोहनदास पाई ने भी जवाब देने में देरी नहीं लगाई.

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Thursday, 28 March, 2024
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 आरबीआई(RBI) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन की भारत की ग्रोथ को लेकर की गई टिप्‍पढ़ी के बाद अब कई अर्थशास्त्रियों ने उसका जवाब दिया है. नीति आयोग के सदस्‍य अरविंद विरमानी ने रघुराम राजन के बयान को लेकर  को लेकर कहा है कि वो भारत के बारे में ऐसे बात कर रहे हैं जैसे आज तक कभी भारत आए ही न हो. रघुराम राजन ने कहा कि था कि भारत अपनी ग्रोथ के बारे में हो रहे प्रचार पर विश्‍वास कर गलत कर रहा है. 

क्‍या बोले अरविंद विरमानी? 
रघुराम राजन के बयान पर अपनी बात कहते हुए अरविंद विरमानी ने ट्वीट करते हुए कहा कि 
1990 के दशक के बीओपी संकट के दौरान, हमारे पास डब्ल्यूबी, आईएमएफ और अन्य एमडीबी अर्थशास्त्रियों के लिए एक शब्द हुआ करता था: ‘पैराशूट अर्थशास्त्री’ विरमानी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'दुख की बात है कि एक पूर्व आरबीआई गवर्नर उस व्यक्ति की तरह लगते हैं जिसने आधी सदी तक भारतीय अर्थव्यवस्था पर काम किया है. 

रघुराम राजन ने कही थी ये बात 
रघुराम राजन ने कहा कि एक साझात्‍कार के दौरान ये कहा था कि राजन ने कहा कि इसकी संभावना नहीं है कि भारत 2047 तक एक विकसित अर्थव्यवस्था नहीं बन पाएगा और उन्होंने कहा कि उस लक्ष्य के बारे में बात करना ‘बकवास’ होगा ‘यदि आपके बहुत से बच्चों के पास हाई स्कूल की शिक्षा नहीं है और ड्रॉप-आउट दरें ऊंची बनी हुई हैं’. उनके इस बयान के सामने आने के बाद कई जानकारों ने उसकी निंदा की थी. मोहनदास पाई ने उनके बयान को सिली को कहते हुए कहा था कि उनका बयान भारत की ग्राउंड स्थिति से मैच नहीं करता है. उन्‍होंने ये भी कहा कि आज देश में स्‍कूल ड्रापआउट कम हो रहा है, कालेज एडमिशन के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है. यही नहीं कई लोगों को रोजगार भी दिया गया है. 

शिक्षा पर काम करने की बजाए चिप बना रही है सरकार 
पेशे से शिकागो विश्वविद्यालय के बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में वित्त के प्रोफेसर के तौर पर तैनात राजन इससे पहले भारत में आरबीआई के गवर्नर रह चुके हैं. उन्‍होंने भारत की चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा था कि भारत को अगर 8 प्रतिशत की ग्रोथ रेट हासिल करती है तो उसे ज्‍यादा मेहनत करनी होगी. उन्‍होंने सरकार के द्वारा स्‍कूलों से लेकर शिक्षा व्‍यवस्‍था को ठीक करने की बजाए सरकार पर चिप इंडस्‍ट्री जैसे महत्‍वाकांक्षी काम करने को लेकर आलोचना की. 
उन्होंने शिक्षा प्रणाली को ठीक करने के लिए काम करने के बजाय चिप निर्माण जैसी हाई-प्रोफाइल परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी सरकार की आलोचना की
 


वॉटर प्यूरीफायर कारोबार में अब नहीं लग रहा HUL का मन, बेचने की है तैयारी!

HUL ने 2004 में यूरेका फोर्ब्स और केंट जैसे पहले से स्थापित ब्रैंड्स को टक्कर देते हुए बाजार में एंट्री ली थी.

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Thursday, 28 March, 2024
Photo Credit:  Pureit

हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड (HUL) अपने वॉटर प्यूरीफायर कारोबार (Water Purifier Business) को बेचने की योजना बना रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने संभावित खरीदारों से बातचीत भी शुरू कर दी है. HUL प्योरइट (Pureit) नाम से अपना वॉटर प्यूरीफायर कारोबार चलाती है. हालांकि, कंपनी की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. 

कुछ महीनों से जारी है बातचीत
रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि HUL द्वारा वॉटर प्यूरीफायर कारोबार की बिक्री पर कोई औपचारिक निर्णय नहीं लिया गया है. कंपनी अभी संभावनाएं तलाशी जा रही है. इसे लेकर पिछले कुछ महीने में HUL और संभावित खरीदारों के बीच चर्चा भी हुई है, जिसमें बड़े पैमाने पर निजी इक्विटी फंड भी शामिल हुए थे. अभी ये साफ नहीं है कि कंपनी अपने इस बिजनेस को क्यों बेचना चाहती है. हालांकि, माना जा रहा है कि वॉटर प्यूरीफायर मार्केट में बढ़ती प्रतियोगिता के चलते कंपनी ऐसा कर रही है.   

उधर पैरेंट कंपनी बेच रही स्टेक
HUL के वॉटर प्यूरीफायर बिजनेस की बिक्री की खबर ऐसे समय आई है, जब उसकी पैरेंट कंपनी यूनिलीवर पीएलसी वॉटर प्यूरिफिकेशन इक्युपमेंट बनाने वाले चीन के Qinyuan ग्रुप में अपनी बहुमत हिस्सेदारी बेच रही है. यूनिलीवर PLC ने चीन के इस कारोबारी ग्रुप में 2014 में हिस्सेदारी खरीदी थी. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में बताया गया है कि यूनिलीवर PLC, Qinyuan ग्रुप में अपनी हिस्सेदारी बेचने का मन बना चुकी है और प्रस्तावित बिक्री में Qinyuan का वैल्यूएशन करीब 300 मिलियन डॉलर हो सकता है.

2004 में हुई थी बाजार में एंट्री
HUL ने 2004 में यूरेका फोर्ब्स और केंट जैसे पहले से स्थापित ब्रैंड्स को टक्कर देते हुए बाजार में एंट्री ली थी. कंपनी ने पहले एंट्री-लेवल ग्रेविटी वॉटर प्यूरीफायर मार्केट में उतारा था. इसके बाद 2011 में कंपनी ने RO (रिवर्स ऑस्मोसिस) वॉटर प्यूरीफायर लॉन्च किया. मौजूदा वक्त में इस मार्केट में कंपनी का दबदबा है, लेकिन पिछले कुछ समय से प्रतियोगिता बढ़ी है. गौरतलब है कि प्राइवेट इक्विटी फर्म एडवेंट इंटरनेशनल ने 2021 में यूरेका फोर्ब्स में शापूरजी पालोनजी ग्रुप से 4400 करोड़ रुपए में हिस्सेदारी हासिल की थी. HUL द्वारा वॉटर प्यूरीफायर में भी कुछ इक्विटी फंड ने दिलचस्पी दिखाई है.


इस प्राइवेट सेक्टर कंपनी का बड़ा ऐलान, वित्त वर्ष 2024-25 में जुटाएगी 6100 करोड़ रुपये

पब्लिक सेक्टर की कंपनी अपने वित्त वर्ष के 2024-25 के लिए रोड मैप तैयार कर लिया है. कंपनी आने वाले वित्त वर्ष में 6100 करोड़ रुपये जुटाएगी.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
NHPC

पब्लिक सेक्टर की कंपनी NHPC के बोर्ड ने वित्त वर्ष 2024-25 में 6100 करोड़ रुपये का कर्ज जुटाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि NHPC के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 27 मार्च को हुई बैठक में प्राइवेट प्लेसमेंट बेसिस (Private Placement Basis), टर्म लोन (Term Loan) या कई चरणों में एक्सटर्नल कमर्शियल बॉरोइंग (External Commercial Borrowing) के आधार पर एक या अधिक किस्तों में नॉन-कनवर्टिबल कॉरपोरेट बॉन्ड (Non-Convertible Corporate Bond) के माध्यम से वित्त वर्ष 2024-25 में 6,100 करोड़ रुपये तक का लोन जुटाने के प्रस्ताव पर विचार किया और मंजूरी दी.

मणिपुर के साथ खत्म होगा ज्वाइंट वेंचर

बैठक में इसके अलावा कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने NHPC की सब्सिडियरी और मणिपुर सरकार के साथ शुरू किए गए ज्वाइंट वेंचर लोकटक डाउनस्ट्रीम हाइड्रोइलेक्ट्रिक कॉरपोरेशन लिमिटेड (Loktak Downstream Hydroelectric Power Corporation Limited) को बंद करने के लिए भी अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी. अब इस क्लोजर के लिए DIPAM (लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग), बिजली मंत्रालय और और मणिपुर सरकार की मंजूरी ली जाएगी. 

सबसे बड़ा सवाल: क्या वाकई देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए नहीं हैं पैसे?

88,900 करोड़ रुपये है NHPC का मार्केट कैप

NHPC का मार्केट कैप वर्तमान में बीएसई पर 88,900 करोड़ रुपये है. कंपनी का शेयर 27 मार्च को बीएसई पर 88.56 रुपये पर बंद हुआ. शेयर की कीमत में पिछले एक साल में 127 प्रतिशत से ज्यादा का उछाल आया है. कंपनी में दिसंबर 2023 के आखिर तक सरकार की हिस्सेदारी 70.95 प्रतिशत और पब्लिक की 29.05 प्रतिशत थी. बीएसई के डेटा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024 की दिसंबर 2023 तिमाही में NHPC का रेवेन्यू 1,697.02 करोड़ रुपये और शुद्ध मुनाफा 546.13 करोड़ रुपये रहा. 

NHPC के शेयर में दर्ज की गई तेजी

शेयर बाजार में आज यानी 28 मार्च को तेजी देखने को मिल रही है. खबर लिखे जाने तक सेंसेक्स 500 अंक से ज्यादा की बढ़त के साथ 73,600 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं, निफ्टी में भी 150 अंक से ज्यादा की तेजी है, ये 22,300 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. वहीं NHPC के बोर्ड की बैठक में लिए गए फैसले के बाद इसके शेयरों में तेजी देखी गई. NHPC के शेयर में 0.51 प्रतिशत की बढ़त देखी गई. 
 


सबसे बड़ा सवाल: क्या वाकई देश की वित्त मंत्री के पास चुनाव लड़ने के लिए नहीं हैं पैसे? 

निर्मला सीतारमण का कहना है कि उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का ऑफर मिला था, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) नहीं लड़ने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि BJP अध्यक्ष जे पी नड्डा ने उन्हें आंध्र प्रदेश या तमिलनाडु से चुनाव लड़ने का विकल्प दिया था, लेकिन उन्होंने इससे इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पैसा नहीं है. सीतारमण ने कहा कि मैंने करीब 10 दिनों तक विचार करने के बाद 'ना' कर दिया. क्योंकि मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पर्याप्त धन नहीं है. देश का वित्त मंत्रालय संभालने वालीं सीतारमण का पैसों का हवाल देकर चुनाव से पीछे हटना चर्चा का विषय बन गया है. 

वित्त मंत्री के नाम कोई कार नहीं
अब जब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पैसों की कमी का हवाला देकर चुनाव न लड़ने का फैसला लिया है, तो यह भी जान लेते हैं कि उनके पास कितनी दौलत है. एक रिपोर्ट के अनुसार, निर्मला सीतारमण की कुल संपत्ति 2 करोड़ 50 लाख 99 हजार 396 रुपए है. इसमें चल और अचल संपत्ति दोनों शामिल है. इसके अलावा, उनके पास 315 ग्राम सोना और 2 किलो चांदी है. हालांकि, उनके पास कोई कार नहीं है, लेकिन एक बजाज चेतक स्कूटर उनके नाम पर है, जिसकी कीमत 28,200 रुपए है. 

निर्मला सीतारमण पर इतनी है देनदारी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के पास हैदराबाद के पास 16 लाख रुपए मूल्य की एक गैर कृषि भूमि है. उनकी अचल संपत्ति का कुल मूल्‍य 1,87,60,200 रुपए है. सीतारमण के ऊपर 73,07,458 रुपए की देनदारी भी है. राज्‍यसभा के लिए अपने चुनावी हलफनामे दायर करते हुए उन्होंने बताया था कि उनके पास केवल 17,200 रुपए कैश है. जबकि उनके पास 45,04,479 रुपए की बैंक FD है. हलफनामे में उन्होंने यह भी बताया था कि उनके पति के पास 25,300 रुपए कैश है. निर्मला सीतारमण के बैंक ऑफ इंडिया और केनरा बैंक में अकाउंट हैं. बता दें कि निर्मला सीतारमण कर्नाटक से राज्यसभा की सदस्य हैं.

शक्तिशाली महिलाओं में हैं शामिल
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री के रूप में 30 मई 2019 जो जिम्मेदारी संभाली थी, उसे अब तक वह बखूबी निभाती आई हैं. निर्मला सीतारमण को मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में रक्षा मंत्री बनाया गया था. सितंबर 2017 से मई 2019 तक वह इस पद पर रहीं. इसके बाद मई 2019 में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में उन्हें वित्त मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. निर्मला सीतारमण की गिनती दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में होती है. निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को तमिलनाडु के मदुरै में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उन्होंने तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से इकोनॉमिक्स में ग्रेजुएशन किया. इसके बाद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) से अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विषय में एमफिल किया और यहीं से उन्होंने इंडो यूरोपियन टेक्सटाइल ट्रेड में पीएचडी की डिग्री भी हासिल की. वित्त मंत्री के पिता नारायण सीतारमण रेलवे में काम करते थे, जबकि उनकी मां सावित्री सीतारण हाउसवाइफ थीं. 
 


IDFC फर्स्ट बैंक का साथ छोड़ने को बेकरार है ये कंपनी, आज हो सकती है बड़ी डील

वारबर्ग पिनकस ने इससे पहले दिसंबर में IDFC फर्स्ट बैंक में 1.3 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
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प्राइवेट सेक्टर के IDFC फर्स्ट बैंक को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वारबर्ग पिनकस (Warburg Pincus) से जुड़ी कंपनी क्लोवरडेल इनवेस्टमेंट (Cloverdell Investment) IDFC फर्स्ट बैंक का साथ छोड़ने की तैयारी में है. कंपनी 28 मार्च यानी आज ब्लॉक डील के जरिए बैंक में मौजूद अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच सकती है. क्लोवरडेल इनवेस्टमेंट के पास IDBI फर्स्ट बैंक में 2.25 प्रतिशत हिस्सेदारी है. 

उछाल पर बंद हुए शेयर
क्लोवरडेल इनवेस्टमेंट अपने 15.9 करोड़ शेयर बेचने की तैयारी में है. फ्लोर प्राइज 75 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है, जो मौजूदा मार्केट प्राइज से 4 प्रतिशत डिस्काउंट पर है. रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मॉर्गन स्टैनली (Morgan Stanley) इस डील के लिए ब्रोकर नियुक्त किया गया है. बैंक के स्टॉक मार्केट में प्रदर्शन की बात करें, तो 27 मार्च को बैंक के शेयर 0.26 प्रतिशत की उछाल के साथ 77.90 रुपए पर बंद हुए थे. हालांकि, इस साल अब तक ये शेयर 11.28% नीचे आ चुका है.

पहले भी बेची हिस्सेदारी
वारबर्ग पिनकस ने इससे पहले दिसंबर में IDFC फर्स्ट बैंक में 1.3 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची थी. यह डील ओपन मार्केट ट्रांजेक्शन के जरिए 790 करोड़ रुपए में हुआ था. बैंक की आर्थिक स्थिति पर नजर डालें, तो दिसंबर 2023 तिमाही में IDFC फर्स्ट बैंक का नेट प्रॉफिट 18% की बढ़ोतरी के साथ 716 करोड़ रुपए रहा था. इसी अवधि में बैंक की इंटरेस्ट इनकम बढ़कर 7,879 करोड़ रुपए रही. पिछले साल की इसी तिमाही में यह आंकड़ा 5,912 करोड़ था. दिसंबर 2023 तिमाही में बैंक के ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग रेशियो में भी सुधार देखने को मिला. यह पिछले साल की इसी अवधि के 2.95 प्रतिशत से घटकर 2.04 प्रतिशत हो गया. इसी तरह, नेट NPA 1.03% से घटकर 0.68% हो गया.

सीईओ की हुई तारीफ  
आईडीएफसी फर्स्ट बैंक (IDFC First Bank) के एमडी और सीईओ वी वैद्यनाथन हाल ही में चर्चा में रहे थे. दरअसल, वैद्यनाथन ने पांच लोगों को बैंक 7 लाख शेयर दान किए, जिनकी कीमत 5.5 करोड़ रुपए थी. प्राइवेट सेक्टर के इस बैंक ने एक रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया गया था वैद्यनाथन ने जिन पांच लोगों को शेयर गिफ्ट किए हैं उनमें सेवानिवृत्त एयरफोर्स अधिकारी और अपने माता-पिता को खो चुका एक बच्चा भी शामिल है. वैद्यनाथन ने मकान खरीदने के लिए समीर म्हात्रे को आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के 50,000 शेयर दान दिए. इसी के साथ उन्होंने अपने सहकर्मी के रिश्तेदार मयंक मृणाल घोष को 75,000 शेयर दिए. उन्होंने वायु सेना के रिटायर्ड विंग कमांडर संपत कुमार को 2.5 लाख शेयर उपहार स्वरूप दिए. इसके अलावा, ए कनौजिया को मकान खरीदने के लिए 2.75 लाख शेयर और मनोज सहाय को 50 हजार शेयर दिए हैं.  
 


कल लाल रंग से पीछा छुड़ाने में सफल रहा बाजार, आज इन शेयरों की बदल सकती है चाल!

शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है, क्योंकि कल गुड फ्राइडे के मौके पर बाजार बंद रहेगा.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) बुधवार को लाल रंग की गिरफ्त से बाहर निकलने में कामयाब रहा. रिलायंस के साथ ही बैंक, ऑटो और पेट्रोलियम कंपनियों के शेयरों में हुई लिवाली से बाजार को सपोर्ट मिला. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का सेंसेक्‍स 526.01 अंक चढ़कर 72996.31 पर पहुंच गया. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 118.95 अंक मजबूत होकर 22123.65 के लेवल पर बंद हुआ. सेंसेक्स के 30 में से 18 शेयर फायदे में रहे. बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है, क्योंकि कल शुक्रवार को गुड फ्राइडे के मौके पर ट्रेडिंग नहीं होगी.  

इनमें है तेजी के संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Max Healthcare के साथ-साथ NLC India, Global Health, Metropolis Health, Prestige Estate और CESC में तेजी के संकेत दिए हैं. इसका मतलब है कि इन शेयरों के भाव ऊपर चढ़ सकते हैं और ऐसे में आपके पास इन पर दांव लगाकर मुनाफा कमाने का मौका भी है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजर में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है. वहीं, MACD ने Vinati Organics और GE Shipping में मंदी का रुख दर्शाया है. यानी इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. 

इनमें है मजबूत खरीदारी
मजबूत खरीदारी वाले शेयरों की बात करें, तो इस लिस्ट में Maruti Suzuki, Bajaj Auto, ABB India, Siemens, Dixon Technologies और Mankind Pharma शामिल हैं. मारुति के शेयरों में कल भी करीब तीन फीसदी की तेजी दर्ज की गई थी. इस तेजी के चलते कंपनी का मार्केट कैप  उछलकर 4 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया. यह मुकाम हासिल करने वाली मारुति 19वीं भारतीय कंपनी बन गई है. अभी तक रिलायंस, TCS, HDFC बैंक और इंफोसिस सहित कुल 18 कंपनियों ने ही यह माइलस्टोन छुआ है. 

इनमें बिकवाली का दबाव
वहीं, कुछ शेयर ऐसे भी हैं, जिनमें बिकवाली का दबाव देखने को मिल रहा है. इसमें Delta Corp, Relaxo Footwear, HLE Glasscoat, Sharda Cropchem, Rajesh Exports, Vinati Organics और Alkyl Amines शामिल हैं. डेल्टा कॉर्प के शेयर कल 4.04% की गिरावट के साथ 112.95 रुपए पर बंद हुए थे. बीते 5 दिनों में ये शेयर 7.95% नीचे आ गया है और इस साल अब तक इसमें 25.45% की नरमी दर्ज हुई है. Relaxo Footwear की बात करें तो इसके लिए बुधवार अच्छा नहीं रहा. ये शेयर 3.87% के नुकसान के साथ कल 784 रुपए पर बंद हुआ. HLE Glasscoat में भी पिछले सत्र में गिरावट देखने को मिली. इन शेयरों में निवेश को लेकर अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है.
 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).