होम / बिजनेस / जानिए कैसे बचा सकते हैं बचत करके अपना टैक्स, ये हैं तरीके….
जानिए कैसे बचा सकते हैं बचत करके अपना टैक्स, ये हैं तरीके….
जब कभी भी वित्तीय वर्ष के अंत में टैक्स ज्यादा बनने लगता है तो उस वक्त हम लोग सोचते है कि ऐसा क्या निवेश करें जो टैक्स बचा ले.उस वक्त कौन सा प्लॉन चुनें यहां यही बताया जा रहा है.
ललित नारायण कांडपाल 10 months ago
टैक्स के दायरे में आने वाले हर शख्स के लिए ये एक बड़ी चिंता रहती है कि आखिर साल के अंत में वो ऐसा कौन सा निवेश करे जो उसके टैक्स को बचाए. उन प्लॉन को चुनना आसान नहीं है. सबसे दिलचस्प बात तो ये है कि साल के अंत में एक ओर जहां टैक्स बचाने की जल्दबाजी होती है वहीं दूसरी ओर सही व्यक्ति के न मिलने के कारण ऐसा निवेश नहीं हो पाता है जो आपको फायदा दे पाए. ऐसे में सबसे जरूरी बात ये है कि आप उन निवेश को पहले से समझ के रखें, जिससे आपको उस वक्त परेशानी का सामना ना करना पड़े.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक्सपर्ट कहते हैं कि सही टैक्स सेविंग प्लॉन चुनना वैसे तो कई बातों पर निर्भर करता है लेकिन उसमें कुछ सबसे खास बात जो है वो ये है कि आपकी आय का स्तर क्या है, आपकी जोखिम लेने की क्षमता क्या है और आपका उस निवेश के पीछे लक्ष्य क्या है. हर सेविंग प्लॉन को कुछ विशेष मापदंडों पर परखा जाना चाहिए ताकि ये पता लगाया जा सके कि आपके लिए ये सही है या नहीं. इनमें आपके निवेश का रिटर्न, सुरक्षा, लिक्विडिटी, आप उसे कितने समय तक रखना चाहते हैं, जीवन लक्ष्य और कराधान के संरेखण के रूप में बांटा जा सकता है. जो कोई भी निवेश इन मापदंडों पर बेहतर उतरता है वो एक अच्छा निवेश कहा जा सकता है.
क्या हो सकते हैं विकल्प
अगर आप टैक्स सेव करना चाहते हैं तो इसके लिए पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ) एक बेहतर विकल्प हो सकता है. पीपीएफ पर मिलने वाले ब्याज और मैच्योरिटी पर टैक्स छूट मिलती है. हालांकि, पीपीएफ 15 साल की लॉक-इन अवधि के साथ आता है, जो लिक्विडिटी को सीमित कर देता है. इतनी लंबी अवधि कुछ लोगों के लिए अच्छी होती हो सकती है लेकिन ज्यादा लोगों के लिए नहीं हो सकती है.
लेकिन पीपीएफ के लंबी अवधि के जवाब में राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) एक छोटी अवधि का निवेश है. ये कर-बचत सावधि जमा (बैंक या डाकघर के साथ) भी है जो 5 साल के लॉक-इन के साथ आती है. इसमें कमाया जाने वाला ब्याज कर योग्य है. चूंकि होल्डिंग समय बहुत लंबा नहीं है, कई निवेशक कर लाभ प्राप्त करने के लिए 5 वर्ष की लॉक-इन अवधि के साथ ठीक हो सकते हैं.
इसके साथ एक विकल्प हो सकता है इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ईएलएसएस) म्यूचुअल फंड. ये तीन साल की सबसे कम लॉक-इन अवधि के लिए भी मिल सकता है और इसमें लगने वाला ब्याज विशेष दरों पर होता है यानी बिना इंडेक्सेशन के 10% होता है. हालांकि ये योजनाएं अन्य इक्विटी शेयरों में निवेश करती हैं इन्हें दूसरों के मुकाबले ज्यादा जोखिम वाला माना जाता है. इसमें तीन साल के पहले निकासी सुविधा नहीं है. हालांकि इनमें से कुछ तरीकों में निवेश करके टैक्स बचाया जा सकता है, लेकिन अगर रिटर्न टैक्स फ्री नहीं है तो उन्हें रिटर्न या अर्जित ब्याज पर ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ सकता है.
मसलन अगर कोई फिक्स डिपॉजिट 7 प्रतिशत ब्याज देता है तो वो 30 प्रतिशत की दर से टैक्स काटने और सेस काउंट करने के बाद 4.81% प्रतिशत ब्याज देगा. हर योजना के एडवांटेज के साथ कुछ डिसएडवांटेज भी हैं.
Investment के भी चैंपिंयन हैं महेन्द्र सिंह धोनी
टैग्स