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Inspiring Saturday: जब Vedanta के मालिक को 100km तक चलानी पड़ी साइकिल
मेटल और माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल की सक्सेस स्टोरी सभी को प्रभावित करती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
वेदांता के मालिक अनिल अग्रवाल अपनी लाइफ के अनुभवों को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं. उन्होंने कड़ी मेहनत के बल पर यह मुकाम हासिल किया है, इसलिए उनके पास बताने के लिए ऐसा बहुत कुछ है, जो दूसरों को प्रेरित कर सकता है. लंदन स्टॉक एक्सचेंज (London Stock Exchange) में Vedanta को लिस्ट करवाने के लिए के लिए उन्होंने जो कुछ किया, वो न केवल दिलचस्प है बल्कि प्रेरणादायक भी है. उन्होंने खुद ही अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इसके बारे में बताया है.
वो मुझे नौसिखिया समझते थे
अनिल अग्रवाल को अपना यह सपना पूरा करने के लिए 100 किलोमीटर तक साइकिल भी चलाने की जरूरत पड़ गई थी. अग्रवाल ने अपनी पोस्ट में लिखा है, 'पहली भारतीय कंपनी को लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कराने के लिए, मैं कई कंपनियों, वकीलों और बैंकर्स से मिला. मैं चाहता था कि लोग देखें कि ये कंपनी या कहूं कि ये देश, दुनिया को क्या खास ऑफर कर रहा है. हालांकि, अधिकांश मौकों पर मेरी बातों को रिजेक्ट कर दिया गया. मुझसे कहा जाता था कि मेरी सोच अच्छी है, लेकिन ये उनके लिए एक बड़ा जोखिम था क्योंकि उनकी नजर में मैं नौसिखिया था. मैं जानता था कि उनका भरोसा जीतने के लिए मुझे और अधिक मेहनत करनी होगी'.
इसलिए चलानी पड़ी साइकिल
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने लिखा, 'एक नेटवर्किंग कार्यक्रम में मैं जेपी मॉर्गन, बीएचपी और लिंकलेटर्स के टॉप इन्वेस्टर्स से मिला, जो साइकिल यात्रा पर जा रहे थे. मैं बहुत स्पोर्टी नहीं हूं, लेकिन एक इन्वेस्टर ने मुझे अपने साथ साइकिल से ऑक्सफोर्ड चलने की चुनौती दी, जो लगभग 100 किलोमीटर दूर था. मैं बिना ज्यादा सोचे तुरंत हां कर दी. मैं जानता था कि ये यात्रा थकाने वाली होगी,लेकिन मुझे इसका भी अहसास था कि यदि हमारी कंपनी वहां लिस्टेड नहीं होगी तो मुझे और ज्यादा दुख होगा. इसी सोच ने मुझे तेज गति से पैडल चलाने की हिम्मत दी. मैं वो सफर पूरा करने में कामयाब रहा. पहली बार इतनी साइकिल चलाने से पैर में लगी चोट के बावजूद मेरे चेहरे पर बड़ी सी मुस्कान थी'!
अंग्रेजों को चखाया देसी स्वाद
इस साइकिल यात्रा में बने संबंधों के चलते अनिल अग्रवाल को लंदन स्टॉक एक्सचेंज में अपनी कंपनी को लिस्ट करवाने में मदद मिली. उन्होंने आगे लिखा, 'इसके बाद मैंने अपनी पत्नी किरण के साथ उन लोगों के लिए भारतीय लंच होस्ट करने शुरू किए, जो लिस्टिंग में हमारी मदद कर रहे थे. उन्हें भारतीय खाना खिलाने से लेकर साइकिलिंग ट्रिप पर जाने तक, मैंने ये सब इसलिए किया कि इन निवेशकों को भारतीय कंपनी और भारत की क्षमता का पता चले. मैंने अनगिनत दिन और रात अपने लक्ष्य का पीछा करते हुए बिताए. आखिरकार, मेरी मेहनत रंग लाई. घाटे में चल रहे बिजनेस प्रोजेक्ट्स को लाभदायक व्यवसायों में बदलने के मेरे ट्रैक रिकॉर्ड ने उन्हें प्रभावित किया और मेरे सपने सच हो गए. 2003 में, वेदांता लंदन स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने वाली पहली भारतीय कंपनी बन गई'.
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