पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को शेयर बाजार में तेजी आई थी और आज भी बाजार हरे निशान पर बंद हुआ है.
शेयर बाजार आज यानी सोमवार को बढ़त के साथ बंद हुआ. इस तरह, लगातार दो कारोबारी सत्रों में बाजार में तेजी दिखाई दी. इससे पहले, शुक्रवार को भी मार्केट हरे निशान पर बंद हुआ था. ऑटो सेक्टर के शेयरों में लगातार दिख रही मजबूती और इस बात की प्रबल संभावना कि फेडरल रिजर्व इस महीने के अंत में ब्याज दरों में इजाफा नहीं करेगा, भारतीय बाजार में आज की तेजी की प्रमुख वजह हैं.
अभी और भर सकता है उड़ान
ब्लू-चिप निफ्टी 50 इंडेक्स 0.32 फीसदी चढ़कर 18,593.85 और BSE सेंसेक्स 0.38 फीसदी इजाफे के साथ आज 62,787.47 के लेवल पर बंद हुआ. इंडिपेंडेंट मार्केट एनालिस्ट नीरज दीवान का कहना है कि निफ्टी को 18,200 के स्तर के आसपास मजबूत समर्थन मिला है, जबकि इमीडियेट रेजिस्टेंस लगभग 18,700 पर है, हम अगले कुछ हफ्तों में उन उच्च स्तरों पर कुछ कंसोलिडेशन की उम्मीद करते हैं. इंडेक्स अपने उच्च स्तर को छू सकता है. बता दें कि इंडेक्स अपने मार्च के लो लेवल से 9.7 फीसदी चढ़ चुका है.
इस पर है शेयर मार्केट का फोकस
दीवान ने कहा कि शेयर बाजार का पूरा ध्यान इस समय अमेरिका और भारत में मौद्रिक नीति बैठकों और मानसून की प्रगति पर है, क्योंकि देश की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर करती है. सोमवार यानी आज वैश्विक शेयर भी इस आशा के साथ ऊपर चढ़े कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व इस महीने के अंत में होने वाली बैठक में ब्याज दरों में वृद्धि पर लगाम लगा देगा. क्योंकि आंकड़ों से पता चलता है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था ने पिछले महीने 339,000 नौकरियां उत्पन्न की हैं. हालांकि, वेतन वृद्धि में कमी आई है और बेरोजगारी दर बढ़ी है.
ऑटो सेगमेंट का अच्छा प्रदर्शन
इस हफ्ते निवेशकों की नजर भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति से जुड़े फैसले पर रहेगी. संभावना जताई जा रही है कि केंद्रीय बैंक 8 जून को होने वाली अपनी बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करेगा. गौरतलब है कि 13 प्रमुख निफ्टी इंडेक्स में, ऑटो सेगमेंट के शेयरों में मजबूती देखने को मिल रही है. इसकी वजह है बिक्री के मोर्चे पर ऑटो कंपनियों का अच्छा प्रदर्शन.
कर्ज में डूबी कंपनी वोडाफोन-आइडिया के दिन फिरते नजर आ रहे हैं. एंकर इनवेस्टर्स ने इस FPO में 5400 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसमें GQG Partners के राजीव जैन भी शामिल हैं.
राजीन जैन ये नाम बीते साल से चर्चा में है. साल 2023 की शुरुआत के साथ जब अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने Adani Group को लेकर रिसर्च रिपोर्ट पब्लिश की, उसके बाद इनका नाम सुर्खियों में आ गया और लगातार बना हुआ है. दरअसल, हिंडनबर्ग के असर के चलते जब अडानी के शेयरों में सुनामी आई थी. तब इन्वेंस्टमेंट फर्म जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) ने ही अडानी की कंपनियों में बड़ी हिस्सेदारी खरीदकर बड़ा सहारा दिया था. अब राजीव जैन ने वोडाफोन आइडिया के FPO में करीब 1,350 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
Vi में किया बड़ा निवेश
जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) डूबते के लिए तिनका जीक्यूजी पार्टनर्स ने वोडाफोन-आईडिया में बड़ा निवेश किया है. इसी के साथ, पब्लिक इन्वेस्टर्स के लिए मेगा एफपीओ के ओपनिंग से ठीक पहले, वोडाफोन आइडिया (Vi) ने अपने एंकर बुक आवंटन को बंद करने का ऐलान भी कर दिया है. वोडाफोन-आईडिया के एंकर बुक को सब्सक्राइब करने वाले प्रमुख निवेशकों में जीक्यूजी पार्टनर्स के अलावा सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स मॉरीशस, गोल्डमैन सैक्स और फिडेलिटी यूबीएस, मॉर्गन स्टेनली इंडिया इन्वेस्टमेंट फंड शामिल हैं.
कौन हैं राजीव जैन?
राजीव जैन लगभग 8 साल पुरानी इनवेस्टिंग फर्म GQG Partners के को-फाउंडर हैं. यह कंपनी तेजी से के साथ स्टॉक मार्केट में अपना विस्तार कर रही है. आप जानकर हैरान होंगे कि राजीव जैन का ट्विटर अकाउंट नहीं है और वह टीवी पर बहुत कम दिखाई देते हैं. उनके ग्रोथ स्टॉक फंड में किसी बड़ी कंपनी का नाम नहीं है. उनके फंड में आपको निश्चित रूप से सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाली सभी इंडस्ट्रीज मिलेंगी. इस लिस्ट में तेल, तंबाकू, बैंकिंग, आदि शामिल हैं. राजीव जैन साल 1994 में एसेट मैनेजमेंट कंपनी Vontobel को ज्वाइन किया. राजीव ने साल 2002 में एक स्विस फर्म की CIO के रूप में पद संभाला. 23 सालों से ज्यादा एक्सपीरिएंस वाले जैन 2016 में GQG Partners की शुरुआत की. आज वो इसके अध्यक्ष और मुख्य निवेश अधिकारी हैं.
Adani के शेयरों में तीन बार निवेश
वोडाफोन-आइडिया में इन्वेस्ट करने से पहले GQG Partners के राजीव जैन ने गौतम अडानी की कंपनियों में तीन इन्वेटमेंट किया है. हिंडनबर्ग के भर में फंसे अडानी ग्रुप को तब बड़ी राहत मिली थी, जब समूह की चार कंपनियों में मार्च 2023 में राजीव जैन द्वारा 15,446 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश किया गया था. इसके बाद भी उनका भरोसा अडानी के शेयरों पर कायम रहा और मई 2023 में उन्होंने अपनी हिस्सेदारी में 10 फीसदी का इजाफा कर दिया था. इसके बाद तीसरी बार उनकी कंपनी GQG Partners करीब 100 करोड़ डॉलर का निवेश किया.
बाबा रामदेव का भी सहारा बने थे राजीव जैन
पतंजलि फूड्स में दिग्गज निवेशक GQG पार्टनर्स ने बड़ी हिस्सेदारी खरीदी है. जानकारी के अनुसार, Patanjali Foods में राजीव जैन की GQG Partners ने हिस्सेदारी बढ़ा कर 11.38% कर ली है, जो कि पहले (दिसंबर तिमाही तक) 3.30 फीसदी थी. बता दें, Patanjali Foods में GQG Partners के दो फंड्स की कुल हिस्सेदारी 11.48 फीसदी है, इन दो फंड्स में पहला फंड है GQG Partners Emerging Markets Equity Fund A series का, जो कि 9.31 हैं. जबकि दूसरा फंड है GQG Partners Emerging Markets Equity Fund का जिसके पास 2.17 फीसदी हिस्सा है.
एलन मस्क की कंपनी टेस्ला के भारत में कुछ सप्लायर हैं, जिनके शेयरों में अभी से उछाल आ रहा है.
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla) जल्द ही भारत की मेहमान बनने वाली है. एलन मस्क (Elon Musk) की ये कंपनी भारत में मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाएगी. इसके लिए जगह की तलाश चल रही है. खबर है कि टेस्ला के कुछ सीनियर अधिकारियों ने इस संबंध में राजस्थान सरकार के साथ बैठक की है. इसी के साथ टेस्ला के संभावित प्लांट वाले राज्यों की लिस्ट में महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु के साथ अब राजस्थान का नाम भी शामिल हो गया है. एलन मस्क 21 अप्रैल को 2 दिवसीय यात्रा पर भारत आ सकते हैं और माना जा रहा है कि तभी इसका ऐलान किया जाएगा कि टेस्ला का प्लांट कहा लगेगा.
इन कंपनियों का टेस्ला से नाता
टेस्ला का भारत आना जहां हमारे EV ईको-सिस्टम और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है. वहीं, इससे उन कंपनियों के शेयरों को भी बूस्ट मिल सकता है, जो टेस्ला की सप्लायर हैं. ब्लूमबर्ग सप्लायर डेटाबेस के अनुसार, सोना BLW प्रिसिजन फोर्जिंग्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, समवर्धन मदरसन इंटरनेशनल, सुप्रजीत इंजीनियरिंग, वैरोक इंजीनियरिंग और बॉश लिमिटेड भारत में Tesla की आपूर्तिकर्ता कंपनियां हैं. इसके अलावा, गुडलक इंडिया, संधार टेक्नोलॉजीज और भारत फोर्ज भी टेस्ला की कंपोनेंट सप्लायर माना जाता है. टेस्ला के आने की खबर से ही इनमें से अधिकांश कंपनियों के शेयर चढ़ गए हैं.
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तेजी से दौड़ रहे हैं शेयर
Varroc Engineering के शेयर मंगलवार के गिरावट वाले बाजार में भी 1.07% की बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे. 512 रुपए के भाव पर मिल रहा हे शेयर बीते एक महीने में 4.85% की ग्रोथ हासिल कर चुका है. Sona Blw Precision Forgings भी कल 1.58% की बढ़त के साथ 676.50 रुपए पर बंद हुआ. पिछले 5 सत्रों में इसने 4.62% की मजबूती हासिल की है. हिंडाल्को इंडस्ट्रीज का शेयर कल जरूर नुकसान में रहा, लेकिन इससे पहले के 5 सेशन उसके लिए अच्छा रहे. इस दौरान इसने 6.15% का उछाल दर्ज किया. इस शेयर की कीमत 610.50 रुपए है. Samvardhana Motherson International के शेयर भी गिरावट वाले बाजार में 3.35% चढ़कर 124.85 रुपए पर पहुंच गए. इसी तरह, सुप्रजीत इंजीनियरिंग, वैरोक इंजीनियरिंग, बॉश लिमिटेड, संधार टेक्नोलॉजीज और भारत फोर्ज के शेयरों में भी तेजी देखने को मिली है.
काफी पुराना है टेस्ला से रिश्ता
एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत में टेस्ला का प्लांट लगने से इन कंपनियों को सीधे तौर पर फायदा होगा. उन्हें टेस्ला से अभी की तुलना में ज्यादा ऑर्डर मिलेंगे. यानी उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और इससे उनके शेयरों में उछाल आना लाजमी है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि Sandhar Technologies ने टेस्ला के मॉडल 3 के लिए वाइपर सिस्टम एसेंबली के लिए 2 कंपोनेंट्स बनाए था. उसके बाद से कंपनी लगातार टेस्ला के साथ जुड़ी हुई है. इसी तरह, Varroc Engineering और टेस्ला का रिश्ता भी काफी पुराना है. कंपनी को टेस्ला ने पहला ऑर्डर 2017 में दिया था. वैरोक इंजीनियरिंग ने टेस्ला के कुछ मॉडल के लिए पूरा लाइटिंग सिस्टम उपलब्ध कराया था.
मध्य प्रदेश में तीन लोकसभा सीटें सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, इसमें गुना, राजगढ़ और छिंदवाड़ा शामिल हैं.
इस बार के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में मध्य प्रदेश पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं. एक तरफ जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) अपनी परंपरागत सीट गुना-शिवपुरी से BJP की टिकट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, पिछले चुनाव में मिली हार के बाद दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) को कांग्रेस ने भोपाल के बजाए राजगढ़ से चुनावी मैदान में उतारा है. प्रदेश का एक बड़ा चेहरा और पूर्व CM कमलनाथ चुनावी मैदान में नहीं हैं, लेकिन उनके बेटे नकुलनाथ (Nakul Nath) छिंदवाड़ा से सियासत के इस रण में कूद गए हैं. हाल ही में तीनों नेताओं ने अपना नामांकन दाखिल किया है. चलिए जानते हैं कि दौलत के मामले में कौन सबसे आगे है.
सिंधिया 424.77 करोड़ के मालिक
इन तीनों नेताओं ने चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट में अपनी संपत्ति की जानकारी दी है. कांग्रेस का 'हाथ' छोड़कर भाजपा का 'कमल' थामने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के पास पति/पत्नी, आश्रित और HUF में रखी संपत्ति को मिलकर कुल 424.77 करोड़ रुपए की संपत्ति है. इसमें 4.64 करोड़ रुपए की चल और 35.53 करोड़ करोड़ रुपए अचल संपत्ति है. जबकि उनकी पत्नी प्रियदर्शनी राजे सिंधिया के पास 14.18 करोड़ की संपत्ति है. वहीं, पैतृक संपत्ति के रूप में 56.29 चल और 326 करोड़ अचल संपत्ति है. सिंधिया की बेटी अनन्या राजे के पास भी 1.49 करोड़ की संपत्ति है. सिंधिया ग्वालियर स्थित अपने पैतृक महल 'जयविलास पैलेस' के मालिक हैं.
इतना है फैमिली के पास कैश
ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ कोई आपराधिक केस तो दर्ज नहीं है, लेकिन परिवार की संपत्ति से जुड़े विवाद ग्वालियर जिला न्यायालय, पुणे जिला न्यायालय और बॉम्बे हाई कोर्ट में विचाराधीन हैं. BJP लीडर ने अपनी पांच सालों की इनकम का लेखाजोखा भी चुनाव आयोग को दिया है. उसके अनुसार, वित्त वर्ष 2022-2023 में उनकी इनकम 50.21 करोड़ रुपए रही है. उनकी पिछले पांच वर्षों में सबसे ज्यादा इनकम वित्त वर्ष 2019-2020 में हुई थी. उस समय ये आकड़ा 1.65 करोड़ रुपए था. सिंधिया के 25 हजार, उनकी पत्नी के पास 20 हजार और बेटी के पास 5 हजार रुपए कैश है. उनकी इनकम का मुख्य सोर्स सांसद के रूप में वेतन और किराया है.
दिग्विजय सिंह 50 करोड़ के मालिक
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की कुल संपत्ति 50 करोड़ रुपए है. उनकी पत्नी अमृता सिंह की कुल संपत्ति 9 करोड़ रुपए से ज्यादा की बताई गई है. दिग्विजय की पिछले 5 साल में बढ़ी है. वित्त वर्ष 2022-23 में कांग्रेस लीडर को 22.33 करोड़ की इनकम हुई. जबकि इसी वित्त वर्ष पत्नी अमृता सिंह की इनकम 98 लाख रही. दिग्विजय के पास 6 लाख 47 हजार 228 रुपए और वाइफ के पास 52 हजार 500 रुपए कैश है. पूर्व CM के बैंक अकाउंट में 13 लाख 6 हजार 599 रुपए हैं. दिग्विजय के पास अपनी खुद की कोई कार नहीं है. अमृता सिंह के पास साढ़े तीन करोड़ रुपए मूल्य की कृषि भूमि का जिक्र शपथ पत्र में किया गया है. बता दें कि राजगढ़ और गुना सीट पर 7 मई को मतदान होगा.
नकुलनाथ के पास दौलत का पहाड़
छिंदवाड़ा सीट से चुनावी मैदान में उतरे प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ के पास दौलत का पहाड़ है. उनकी कुल संपत्ति 649.52 करोड़ रुपए है. इसमें कई कंपनियों के शेयर, म्युच्यूअल फंड, FD और सेविंग्स आदि शामिल हैं. नकुलनाथ की सालाना आय 12 करोड़ से ज्यादा है. उनके पास 48 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति भी है. जबकि पत्नी प्रियानाथ के पास 19.20 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति है. नकुलनाथ के कुल 12 बैंक अकाउंट हैं, जिनमें से 8 भारत में और 4 खाते बहरीन में हैं. इसी तरह, उनकी पत्नी प्रियानाथ के पास 15 बैंक खाते हैं, जिसमें 7 भारत में है और 8 खाते बहरीन, सिंगापुर और मलेशिया की बैंकों में हैं. कमलनाथ के करोड़पति बेटे के पास खुद की कार नहीं है. 2019 में जब नकुलनाथ सांसद बने थे, तब उनके पास 600 करोड़ रुपए से ज्यादा की चल संपत्ति थी. नकुलनाथ ने बताया है कि उनके पास 1896.669 ग्राम सोने की ज्वेलरी, 7.630 किलोग्राम चांदी और 147.58 कैरेट के डायमंड सहित कई कीमती रत्न हैं.
अगले 3 महीनों में कंपनी का लक्ष्य 250 ड्रोन हब बनाने और 1000 से अधिक ड्रोन नेटवर्क स्थापित करने का है.
ड्रोन उद्योग में एक अग्रणी नाम ड्रोन डेस्टिनेशन ने ड्रोन इकोसिस्टम के लिए कंप्लीट एंड-टू-एंड समाधान प्रदान करने की अपनी रणनीतिक पहल एवरीथिंग ड्रोन्स का अनावरण किया. एवरीथिंग ड्रोन की मदद से कंपनी की योजना भारत में फिक्स्ड और मोबाइल ड्रोन हब का सबसे बड़ा नेटवर्क स्थापित करने की है. अगले 3 महीनों में कंपनी का लक्ष्य 250 ड्रोन हब बनाने और 1000 से अधिक ड्रोन नेटवर्क स्थापित करने का है. अगले दो वर्षों में यह नेटवर्क लागत प्रभावशीलता, दक्षता और टर्नअराउंड समय पर ध्यान केंद्रित करेगा.
कंपनी ने एवरीथिंग ड्रोन्स के तहत निम्नलिखित नई पहल शुरू की गई हैं:
1. ड्रोन हब ऑन व्हील्स- कंपनी ड्रोन दोस्त, ड्रोन डॉक्टर और ड्रोन गुरु के माध्यम से ड्रोन बिक्री, मरम्मत और रखरखाव, ड्रोन सेवाएं और ड्रोन प्रशिक्षण जैसी एकीकृत सेवाएं प्रदान करेगी.
2. ड्रोन शिक्षा- प्रारंभिक स्तर से ही स्कूलों में ड्रोन को एक नई एसटीईएम शिक्षा के रूप में पेश किया जाएगा जिससे छात्रों को ड्रोन बनाने, कोड करने और उड़ाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
3. ड्रोन कौशल- जो छात्र स्कूली शिक्षा के बाद ड्रोन में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए ड्रोन डेस्टिनेशन प्रमाणित ड्रोन पायलट कार्यक्रम सहित कई कौशल कार्यक्रम प्रदान करेंगे.
4. हब्बलफ्लाई बैटरीज़ प्राइवेट लिमिटेड के साथ रणनीतिक साझेदारी में नई ड्रोन बैटरियां प्रदर्शित की गईं, जिनका उपयोग ड्रोन डेस्टिनेशन द्वारा अपनी सभी ड्रोन गतिविधियों के लिए किया जाएगा
5. ड्रोन सॉकर-ड्रोन सॉकर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सहयोग से, ड्रोन सॉकर एक नया रोमांचक खेल है जिसे बच्चों से लेकर वरिष्ठ नागरिकों, फिट या विकलांग लोगों द्वारा खेला जा सकता है.
ड्रोन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा
ड्रोन डेस्टिनेशन के अध्यक्ष आलोक शर्मा ने इन पहलों को लॉन्च करते हुए कहा कि ड्रोन एक उभरता हुआ उद्योग है, इसमें कुछ महत्वपूर्ण कमियां हैं, जिन्हें हम आज लॉन्च की जा रही नीतियों के साथ दूर करना चाहते हैं. ड्रोन हब ऑन व्हील्स टर्नअराउंड टाइम पर ध्यान केंद्रित करते हुए एवरीथिंगड्रोन की पेशकश करेगा. ड्रोन और ड्रोन सेवाओं की बिक्री के बाद प्रत्येक पायलट को कई कौशलों पर प्रशिक्षित किया जाएगा. निष्क्रिय ड्रोन को ठीक करने के लिए ड्रोन डॉक्टर और स्थानीय युवाओं को ड्रोन पर प्रशिक्षण देने के लिए ड्रोन गुरु के लॉन्च करने से देश में ड्रोन उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा इसके साथ ही 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' के माध्यम से दुनिया में भारत के तकनीकी नेतृत्व और मजबूत होगा.
ड्रोन टेक्नोलॉजी को AI से जोड़ेंगे
ड्रोन डेस्टिनेशन के एमडी चिराग शर्मा ने कम समय में कंपनी की सफलता पर कहा कि ड्रोन डेस्टिनेशन ने अपने सभी हितधारकों के प्रति विवेकशील रहकर और वित्तीय अनुशासन का पालन करके स्टार्ट-अप इकोसिस्टम में एक उदाहरण स्थापित किया है. एवरीथिंग ड्रोन्स के साथ आगे बढ़ते हुए हम कंपनी के विकास को सुपरचार्ज करने के लिए आश्वस्त हैं. एवरीथिंग ड्रोन्स आने वाले समय में कृषि, सर्वेक्षण और मानचित्रण, स्मार्ट शहरों, रेल, सड़क, बंदरगाह जैसे बुनियादी ढांचे से लेकर कई उद्योगों में दिखाई देगा. ड्रोन तकनीक के साथ AI को जोड़कर हम खुद को व्यवसायों के लिए पर्याप्त ESG (Environmental, Social, and Governance) परिणाम प्रदान करते हुए देख रहे हैं.
साल 2005 में 24Seven की शुरुआत हुई थी. इस रिटेल चेन के स्टोर्स में किराना से लेकर बहुत कुछ मिलता है.
भारत का रिटेल बाजार काफी बड़ा है और आने वाले सालों में इसके तेजी से विस्तार करने की संभावना है. एक रिपोर्ट बताती है कि अगले दशक में भारत का रिटेल सेक्टर 9 से 10 प्रतिशत की दर से बढ़कर 2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा. यही वजह है कि इस सेक्टर में पहले से मौजूद कंपनियां अपने पोर्टफोलियो को मजबूत करने में जुट गई हैं. इसी कड़ी में टाटा, मुकेश अंबानी और राधाकिशन दमानी रिटेल ग्रोसरी चेन 24सेवन (24Seven) को अपना बनाना चाहते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो तीनों दिग्गज कारोबारियों की नजर घाटे में चल रही 24Seven पर है.
यहां मौजूद है कंपनी
24सेवन (24Seven) का मालिकाना हक के.के. मोदी ग्रुप के निवेश वाली कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स (Godfrey Phillips) के पास है. 24सेवन के दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR), पंजाब और हैदराबाद में करीब 145 स्टोर हैं. कंपनी ने काफी समय पहले ही अपने स्टोर्स की संख्या को 200 करने का टारगेट रखा था, लेकिन उसे हासिल नहीं कर पाई. 24Seven के स्टोर्स उम्मीद के अनुरूप सफलता हासिल नहीं कर पाए हैं. इसलिए Godfrey Phillips ने इस कारोबार से बाहर निकलने का फैसला लिया है.
क्यों खास है 24Seven?
साल 2005 में 24Seven की शुरुआत हुई थी. इस रिटेल चेन के स्टोर्स में किराना से लेकर स्टेपल, स्नैक्स, सॉफ्ट ड्रिंक, पर्सनल केयर प्रोडक्ट्स के साथ-साथ मोदी ग्रुप के ब्यूटी ब्रैंड के उत्पाद भी मिलते हैं. साथ ही इसके कुछ बड़े स्टोर्स पर रेडी-टू-ईट फूड काउंटर भी हैं, जो इसे दूसरों से अलग बनाता है. हालांकि, तमाम खासियतों के बावजूद स्टोर्स Godfrey Phillips के मनमुताबिक भीड़ खींचने में पूरी तरह सफल नहीं रहे. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि घाटे के बावजूद 24सेवन फॉर्मेट का विस्तार संभव है, क्योंकि ग्रोसरी रिटेल सेक्टर में काफी तेजी दिखने को मिल रही है. यही वजह है कि टाटा समूह की ट्रेंट, मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल और राधाकिशन दमानी की एवेन्यू सुपरमार्केट्स इसे खरीदने की दौड़ में हैं.
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कई ग्रुप्स से चल रही बात
रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि मोदी ग्रुप की टाटा ट्रेंट, रिलायंस रिटेल और एवेन्यू सुपरमार्केट्स के साथ बातचीत चल रही है. गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया ने एक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया है कि वो घाटे में चल रही 24सेवन चेन से बाहर निकलने की योजना पर काम कर रही है. कंपनी ने रिटेल बिजनेस डिवीजन की विस्तृत समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है. 24सेवन का वैल्यूएशन एक बड़ा मुद्दा है, जिस पर सहमति बनाने की कोशिश में Godfrey Phillips जुटी हुई है.
इस तरह मिलेगा फायदा
टाटा ग्रुप की रिटेल कंपनी ट्रेंट लिमिटेड ग्रोसरी चेन स्टार बाजार को ऑपरेट करती है और अपने इस कारोबार को बढ़ाना चाहती है. इसी तरह, रिलायंस रिटेल वेंचर्स भारत में 7-इलेवन स्टोर चलाती है. इस अमेरिकी कंपनी के साथ रिलायंस की पार्टनरशिप है और इसके करीब 50 स्टोर हैं. रिटेल चेन डीमार्ट चलाने वाली कंपनी एवेन्यू सुपरमार्ट्स भी 24सेवन को खरीदकर अपने कारोबार का विस्तार करने की कोशिश में है. राधाकिशन दमानी के Dmart आज रिटल सेक्टर में अपनी एक अलग पहचान रखता है. दमानी ने नवी मुंबई में सस्ती जमीन खरीदकर साल 2002 में पहला डीमार्ट स्टोर खोला था और आज इसके देश में 365 स्टोर्स हैं. डीमार्ट स्टोर्स को एवेन्यू सुपरमार्ट्स लिमिटेड ऑपरेट करती है. दमानी DMart स्टोर्स की संख्या बढ़ाकर 1500 करना चाहते हैं.
अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने मैनपुरी लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल कर दिया है.
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री और समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव (Dimple Yadav) भी चुनावी मैदान में हैं. डिंपल ने मैनपुरी लोकसभा सीट (Mainpuri Loksabha Seat) से अपना नामांकन दाखिल कर दिया है. इस नामांकन पत्र के साथ उन्होंने शपथ पत्र भी दाखिल किया है, जिसमें उनकी संपत्ति का ब्यौरा है. मैनपुरी से समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार डिंपल यादव वैसे तो अपनी सादगी के लिए मशहूर हैं, लेकिन उन्हें ज्वेलरी का काफी शौक है.
2022 में इतनी थी संपत्ति
मुलायम सिंह यादव की बहू के पास 2.774 किलोग्राम से अधिक सोने के गहने, 203 ग्राम मोती और 59,76,687 रुपए का एक 127.75 कैरेट का हीरा है. डिंपल यादव के पास कोई कार नहीं है. शपथ पत्र के अनुसार, डिंपल के पास 15.5 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. इसमें 10.44 करोड़ से अधिक की अचल और 5.10 करोड़ की चल संपत्ति है. कैश के नाम पर उनके पास केवल 57,2447 रुपए हैं. गौरतलब है कि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद रिक्त हुई मैनपुरी सीट पर 2022 में हुए उपचुनाव में डिंपल यादव ने जीत हासिल की थी. तब उनके पास 14 करोड़ रुपए की संपत्ति थी.
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कोई क्रिमिनल केस नहीं
डिंपल यादव ने शपथ पत्र में बताया है कि उनके पास 1.25 लाख रुपए कीमत वाला एक कंप्यूटर है. डिंपल के खिलाफ कोई भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है. लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई करने वालीं डिंपल ने 2019 में जब कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ा था, तो उनकी चल संपत्ति 3.68 करोड़ थी और अचल संपत्ति 9.30 करोड़ रुपए थी. डिंपल यादव भले ही लग्जरी कार में चलती हैं, लेकिन उनके नाम पर कोई कार नहीं है.
अखिलेश यादव हैं इतने अमीर
अब यह भी जान लेते हैं कि डिंपल के पति यानी अखिलेश यादव कितने अमीर हैं. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के पास 17.22 करोड़ रुपए से अधिक की अचल संपत्ति और 9.12 करोड़ रुपए की चल संपत्ति है. वह 76 हजार रुपए से अधिक का मोबाइल फोन इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावा, उनके पास 5.34 लाख रुपए की व्यायाम मशीन और 1.6 लाख रुपए की क्रॉकरी है. ताज्जुब की बात यह है कि अखिलेश के नाम पर भी कोई कार नहीं है. एफिडेविट के मुताबिक पत्नी और पत्नी दोनों के पास अपनी कोई कार नहीं है.
इस इंटरनेट सेवा कंपनी से टेलीकॉम उद्योग में एक बड़ा बदलाव लाएगा. यह ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट कनेक्टिविटी में सुधार कर सकता है, कीमतों को कम कर सकता है और सेवाओं को बेहतर बना सकता है.
भारतीय को अभी जो इंटरनेट सेवा मिल रही है जल्द ही उससे भी अधिक हाईस्पीड इंटरनेट की सुविधा मिलने जा रही है, क्योंकि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक को टेलिकॉम मिनिस्ट्री से प्रिंसिपल अप्रूवल मिल चुका है. इंडियन यूजर्स को इसका काफी समय से इंतजार था, जिसके बाद अब फाइनली स्टारलिंक की भारत में एंट्री हो सकती है. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि स्टारलिंक की फाइल अभी कम्युनिकेशन मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव के पास है. अश्विनी वैष्णव सुरक्षा से जुड़े कुछ मुद्दों पर गृह मंत्रालय से फाइनल अप्रूवल का इंतजार कर रहे हैं. Starlink कंपनी कई देशों में हाईस्पीड, लो-इंटेसी ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराती है.
स्टारलिंक का भारत में प्रभाव!
स्टारलिंक के भारत आने से देश में इंटरनेट कनेक्टिविटी और प्रतिस्पर्धा में बड़ा बदलाव आने की संभावना है. स्टारलिंक उन दूरदराज के इलाकों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचा सकता है जहां अभी भी टेलीकॉम कंपनियों की पहुंच नहीं है. इससे ग्रामीण भारत को डिजिटल क्रांति से जोड़ने में मदद मिलेगी. Star link के आने से इंटरनेट सेवाओं की कीमतों में कमी आ सकती है. जियो और एयरटेल जैसी कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए अपनी कीमतों को कम करना होगा. Star link के आने से टेलीकॉम कंपनियों को अपनी सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा. ग्राहकों को बेहतर स्पीड, कम डेटा ड्रॉप और अधिक विश्वसनीय कनेक्टिविटी मिल सकती है.
2022 से स्टारलिंक कर रहा है कोशिश
मस्क ने पहले भी भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू करने का प्रयास किया था. नवीनतम प्रयास नवंबर 2022 में किया गया था, जब स्टारलिंक ने जीएमपीसीएस लाइसेंस (GMPCS License) के लिए आवेदन किया था. हालांकि, उचित लाइसेंस के बिना पूर्व-आदेशों पर सरकार के साथ असहमति के कारण देश में नियोजित उपग्रह संचार सेवा परीक्षणों को रद्द कर दिया गया. सरकार ने पिछले साल दिसंबर में दूरसंचार विधेयक 2023 पारित किया था, जो नीलामी में भाग लेने की जरूरत के बिना उपग्रह-आधारित सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम आवंटन की अनुमति देता है. यह कदम वनवेब, मस्क के स्टारलिंक और अमेजन के कुइपर जैसी कंपनियों के पक्ष में है.
भारत यात्रा पर आने वाले हैं एलन मस्क
एलन मस्क पहली भारत यात्रा पर आ रहे हैं. वह पीएम मोदी से भी मिलेंगे. वह अपनी दो कंपनियों इलेक्ट्रिक कारें बनाने वाली टेस्ला और सैटलाइट इंटरनेट कंपनी स्टारलिंक का काम भारत में शुरू करना चाहते हैं. कयास लग रहे हैं कि मस्क भारत में 2 से 3 बिलियन डॉलर के इन्वेस्टमेंट की बात कर सकते हैं.
क्या है एलन मस्क की यात्रा का मकसद?
टेस्ला की सेल में गिरावट दर्ज की गई है. सालाना कमाई भी पिछले दो साल से घटी है. इसकी वजह ये है कि उसे चीनी और यूरोपियन कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है. टेस्ला भारत आती है तो उसे नया कंस्यूमर बेस मिलेगा. इसके अलावा स्पेस X सस्ती दरों पर स्पेस में सैटलाइट भेजने का काम करती है. 2023 में इंडियन स्पेस पॉलिसी आई. सरकार ने इस सेक्टर में एफडीआई नियमों को भी आसान बनाया है. ऐसे में भारत में स्पेस एक्स की एंट्री के रास्ते में भी कोई बड़ी अड़चन नहीं है.
शेयर बाजार के लिए पिछले कुछ दिन अशुभ साबित हुए हैं. इस दौरान बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है.
शेयर बाजार (Stock Market) के लिए पिछले कुछ दिन मायूसी भरे रहे हैं. बाजार ने ऐसे गोते लगाए हैं कि निवेशकों की नींद उड़ गई है. स्टॉक मार्केट में यह गिरावट कई कारणों से आई है, जिसमें सबसे प्रमुख है इजरायल और ईरान संघर्ष की वजह से बढ़ी टेंशन. इससे पहले हमारा बाजार अच्छी रफ्तार से भाग रहा था. वैसे, तो मार्केट में इस तरह की गिरावट अस्थायी होती हैं, लेकिन यदि दो देशों का संघर्ष युद्ध में तब्दील होता है तो फिर यह स्थिति लंबी खिंच सकती है. चलिए जानते हैं कि राम नवमी की छुट्टी के बाद कल जब बाजार खुलेगा तो उसकी चाल कैसी रह सकती है.
कुछ सेक्टर्स में दिखेगी तेजी
एक्सपर्ट्स का मानना है कि गुरुवार को बाजार की चाल में खास बदलाव दिखाई देने की संभावना कम है. इजरायल-ईरान टेंशन के चलते निवेशक बिकवाली पर ज्यादा जोर दे रहे हैं. दुनियाभर के बाजारों में सुस्ती का माहौल हो. ऐसे में कल यानी गुरुवार को बाजार उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर सकता है. हालांकि, कुछ सेक्टर्स के शेयरों में मजबूती देखने को मिल सकती है. उदाहरण के तौर पर ऑयल मार्केटिंग से जुड़ी कंपनियों के शेयर मंगलवार के गिरावट वाले बाजार में भी संभले रहे थे. इन शेयरों में तेजी बरकरार रह सकती है. बीते सत्र में BPCL के शेयरों में 0.70%, HPCL में 0.50% और IOC में 1.56% का उछाल आया था.
इनके कल आएंगे तिमाही नतीजे
कल कुछ कंपनियों के तिमाही नतीजे आने वाले हैं. इसका भी असर मार्केट पर पड़ सकता है. 18 अप्रैल को दिग्गज IT कंपनी इंफोसिस के साथ-साथ बजाज ऑटो, HDFC लाइफ, ICICI सिक्योरिटी, TV18 ब्रॉडकास्ट, नेटवर्क 18, मास्टेक, ओरिएंट होटल्स, स्वराज इंजन, Accelya Solutions India, Surana Solar और Eimco Elecon (India) कल अपनी जनवरी-मार्च तिमाही नतीजों का ऐलान करेंगी. इसके अलावा, टाटा कॉम्युनिकेशंस सहित कुछ कंपनियों के नतीजे आज आ रहे हैं. चूंकि, आज राम नवमी के उपलक्ष्य में मार्केट बंद है, इसलिए इनका असर भी बाजार पर गुरुवार को ही पता चलेगा.
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विदेशी निवेशकों का रुख महत्वपूर्ण
इसके अलावा, विदेशी निवेशकों का रुख कैसा रहता है, इस पर भी बाजार की चाल निर्भर करेगी. विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) इस समय खरीदारी से ज्यादा बिकवाली पर जोर दे रहे हैं. 15 अप्रैल को उन्होंने शुद्ध रूप से 3,268 करोड़ रुपए के शेयर बेचे थे. हालांकि, इस दौरान घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 4,762.93 करोड़ की खरीदारी भी की, लेकिन विदेशी निवेशकों की बेरुखी बाजार के लिए आगे भी नुकसानदायक साबित हो सकती है. भारतीय शेयर बाजार का इतिहास रहा है कि जब-जब विदेशी निवेशकों ने अच्छी खरीदारी की है, बाजार ऊपर गया है. लेकिन जब उन्होंने बाजार से हाथ खींचे हैं, तो हमारा मार्केट धड़ाम से नीचे आया है.
शेयर बाजार में पिछले कुछ सत्रों से गिरावट आ रही है. इसके बावजूद कुछ छोटे शेयरों ने बड़ा रिटर्न दिया है.
शेयर बाजार (Stock Market) में कब, कौन सा शेयर क्या रंग दिखाए सटीक तौर पर कहना मुश्किल है. कभी-कभी हैवीवेट शेयर जहां बाजार की आंधी में उड़ जाते हैं. वहीं, छोटे शेयर बड़ी छलांग लगाकर सबको चौंका देते हैं. कंस्ट्रक्शन सेक्टर की कंपनी Navkar Urbanstructure भी ऐसे ही शेयरों में शुमार है. इस शेयर में पिछले कुछ दिनों से लगातार तेजी देखने को मिल रही है. मंगलवार के गिरावट वाले बाजार में भी यह शेयर शानदार तेजी हासिल करने में कामयाब रहा.
गिरावट वाले बाजार में चढ़ा
नवकार अर्बन स्ट्रक्चर लिमिटेड की स्थापना 1992 में हुई थी. स्टॉक मार्केट में लिस्टेड इस कंपनी ने अपने निवेशकों को अब तक अच्छा रिटर्न दिया है. मंगलवार को जब बाजार के भूचाल में बड़ी-बड़ी कंपनियों के शेयर गिर रहे थे, तब इस शेयर ने 4.99% की छलांग लगाई. महज 8.41 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर बीते 5 दिनों में 21.36% और एक महीने में 72.34% का शानदार रिटर्न दे चुका है. जबकि इस साल अब तक इसमें 113.99% की तेजी आई है. यदि साल की शुरुआत में आपने इस शेयर में पैसा लगाया होता, तो आज आपको 113.99% का रिटर्न मिल चुका होता.
इनके निवेशक भी मुस्कुराए
इसी तरह, Nandan Denim के शेयर भी निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान बिखरने में सफल रहे हैं. मंगलवार को इस शेयर में करीब एक प्रतिशत की उछाल आई और यह 43.50 रुपए पर पहुंच गया. पिछले 5 कारोबारी सत्रों में इसमें 18.85% और एक महीने में 30.83% की तेजी आई है. जबकि इस साल अब तक यह शेयर 55.36% ऊपर चढ़ चुका है. 1948 में स्थापित Hindustan Motors Ltd में भी निवेशक दिलचस्पी दिखा रहे हैं, क्योंकि इस शेयर ने शानदार रिटर्न दिया है. मंगलवार के गिरावट वाले बाजार में यह 19.95% की तेजी के साथ 21.95 रुपए पर बंद हुआ. 5 कारोबारी सत्रों में यह 7.60% और इस साल अब तक 26.15% का रिटर्न दे चुका है.
इन्होंने लगाई लंबी छलांग
Renewable Power के क्षेत्र में काम करने वाली Orient Green Power Company के शेयरों पर भी निवेशकों की नजर है. मंगलवार को कंपनी का शेयर करीब 5 प्रतिशत की उछाल के साथ 21.35 रुपए पर बंद हुआ था. पिछले छह महीनों में यह 54.15% का रिटर्न दे चुका है. हालांकि, बीते 5 कारोबारी सत्रों में इसे 1.39% का नुकसान भी उठाना पड़ा है. ऑटोमोटिव पार्ट्स बनाने वाली कंपनी Tirupati Forge के शेयर भी तेजी से भाग रहे हैं. कल यह शेयर 5.79% की शानदार बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा. पिछले 5 सत्रों में यह 6.67% और इस साल अब तक 16.01 का रिटर्न दे चुका है. वैसे, चीनी उद्योग की स्मॉल-कैप कंपनी पिकाडिली एग्रो इंडस्ट्रीज (Piccadily Agro Industries) के शेयर भी तेजी से दौड़ रहे हैं, लेकिन ये शेयर अब छोटे से बड़ा बन चुका है. फरवरी, 2003 में इसकी कीमत 18 पैसे थे और आज 430.25 रुपए पहुंच गई है.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने बीते दिनों हुए विवाद को पीछे छोड़ते हुए भारत के ग्रोथ अनुमान को बढ़ा दिया है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) को लेकर बीते दिनों काफी बवाल मचा था. दरअसल, IMF के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने अनुमान जताया था कि भारत 8 प्रतिशत की ग्रोथ से आगे बढ़ सकता है. लेकिन IMF ने इस अनुमान को कृष्णमूर्ति का निजी विचार करार देते हुए खुद को उससे अलग कर लिया था. तब यह सवाल उठा था कि क्या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष को भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) की मजबूती पर भरोसा नहीं है? अब IMF ने नया अनुमान जारी करके एक तरह से यह कहने का प्रयास किया है कि जो हुआ उसे भूल जाओ.
हर तरफ से पॉजिटिव खबरें
IMF ने भारत की इकनॉमिक ग्रोथ के लिए अपने अनुमानों को बदल दिया है. उसका कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2024-25 में 6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी. जबकि जनवरी में IMF ने 6.5 प्रतिशत का अनुमान जाहिर किया था. हालांकि, इस अंतरराष्ट्रीय संस्थान ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की ग्रोथ को लेकर अपने पूर्वानुमानों को 6.5% पर बरकरार रखा है. यानी इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. बता दें कि भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर हर तरफ से पॉजिटिव खबरें ही मिल रही हैं. कई अंतरराष्ट्रीय स्थान भारत की ग्रोथ पर अपने अनुमानों को बढ़ा चुके हैं. अब IMF ने भी उसी राह पर चलते हुए अपने पूर्वानुमान को बढ़ा दिया है.
इन्होंने भी बढ़ाया अनुमान
आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत की ग्रोथ 2024 में 6.8% और 2025 में 6.5% रहने का अनुमान है. इससे पहले, एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत की ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया था. पहले उसने कहा था कि भारत 6.7 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगा. इसी तरह, विश्व बैंक ने भी इस महीने की शुरुआत में भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ का अनुमान बढ़ा दिया था. वर्ल्ड बैंक ने कहा था कि वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.6 फीसदी ग्रोथ रेट हासिल कर सकती है. जबकि पहले यह 6.4 फीसदी था.
चीन के लिए अच्छे संकेत नहीं
आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2025-26 में महंगाई दर के घटकर 4.2% होने का अनुमान जताया है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का कहना है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में कुछ तेज वृद्धि होगी, लेकिन उभरते बाजारों और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में वर्ष 2024 और 2025 के दौरान वृद्धि की रफ्तार स्थिर रह सकती है. अंतर्राष्ट्रीय संस्था ने यह भी कहा कि कई निराशाजनक अनुमानों के बावजूद दुनिया मंदी से बच गई है. बैंकिंग तंत्र ने प्रतिकूल हालात का अच्छे से सामना किया और कई प्रमुख उभरती अर्थव्यवस्थाओं को अचानक ठहरना नहीं पड़ा. आईएमएफ का अनुमान है कि चीन की GDP वृद्धि कम रहेगी. यह वर्ष 2023 के 5.2% से कम होकर 2024 में 4.6% और 2025 में 4.1% रह सकती है.