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एक और अच्छी खबर: फिर बढ़ गया हमारा ये भंडार, जानें इसका भरा रहना क्यों है जरूरी
नए साल की शुरुआत में भारत के लिए एक और अच्छी खबर आई है. हमारा विदेशी मुद्रा भंडार फिर से बढ़ गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 4 months ago
विदेशी मुद्रा भंडार के मोर्चे पर भारत को फिर खुशखबरी मिली है. 29 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 2.76 अरब डॉलर बढ़कर 623.2 अरब डॉलर पहुंच गया. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तरफ से बताया गया है कि भारत का विदेशी मुद्रा भंडार बढ़त के साथ 623.2 अरब डॉलर पहुंच गया है. इससे पिछले सप्ताह में देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार 4.47 अरब डॉलर बढ़कर 620.44 अरब डॉलर हो गया था. यानी इसमें लगातार तेजी आ रही है.
सर्वकालिक उच्च स्तर से है कम
हमारा विदेशी मुद्रा भंडार अक्टूबर, 2021 में 645 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया था. पिछले साल तीन नंवबर को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में USD 4.7 बिलियन की भारी बढ़ोतरी हुई थी. जबकि 27 अक्टूबर 2023 को समाप्त सप्ताह के दौरान इसमें 2.6 बिलियन डॉलर का इजाफा हुआ था. इसके साथ हमारा विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 590.78 बिलियन डॉलर पहुंच गया था. RBI आंकड़े बताते हैं कि 29 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में, विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक, विदेशी मुद्रा आस्तियां भी 1.87 अरब डॉलर बढ़कर 551.61 अरब डॉलर हो गई हैं.
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क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार का पर्याप्त संख्या में होना हर देश के लिए महत्वपूर्ण है. इसे देश की हेल्थ का मीटर कहा जाए तो गलत नहीं होगा. इसमें विदेशी करेंसीज, गोल्ड रिजर्व, ट्रेजरी बिल्स आदि आते हैं और इन्हें केंद्रीय बैंक या अन्य मौद्रिक संस्थाएं संभालती हैं. इन संस्थाओं का काम पेमेंट बैलेंस की निगरानी करना, मुद्रा की विदेशी विनिमय दर पर नजर रखना और वित्तीय बाजार स्थिरता बनाए रखना है.
आखिर क्या है इसका उद्देश्य?
विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे पहला उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि रुपया तेजी से नीचे गिरता है या पूरी तरह से दिवालिया हो जाता है तो RBI के पास बैकअप फंड मौजूद हो. इसके साथ ही गिरते रुपए को संभालने के लिए आरबीआई भारतीय मुद्रा बाजार में डॉलर को बेच सकता है. जैसा कि पिछले साल जुलाई में RBI ने 39 अरब डॉलर की बिक्री की थी. हालांकि, इससे विदेशी मुद्रा भंडार में भी कमी आई थी. यदि किसी देश का विदेशी मुद्रा भंडार अच्छी स्थिति में है, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की छवि भी निखरती है, क्योंकि उस स्थिति में व्यापारिक देश अपने भुगतान के बारे में सुनिश्चित हो सकते हैं.
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