होम / बिजनेस / PM मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अपने जोशीले भाषण में क्या-क्या कहा, यहां पढ़ें
PM मोदी ने आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अपने जोशीले भाषण में क्या-क्या कहा, यहां पढ़ें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: आज पूरा देश आजादी का महापर्व मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दिल्ली स्थित अपने आवास पर तिरंगा फहराया.
पीएम मोदी ने देशवासियों को दिलाए 5 प्रण
- विकसित भारत का संकल्प : अब देश बड़े संकल्प लेकर ही चलेगा. वो बड़ा संकल्प है- विकसित भारत.
- गुलामी का पूर्णत: अंत : किसी भी कोने में हमारे मन के भीतर गुलामी के एक भी अंश को बचने नहीं देना है.
- विरासत पर गर्व : हमें हमारी विरासत पर गर्व होना चाहिए.
- एकता और एकजुटता : 130 करोड़ देशवासियों में एकजुटता होनी चाहिए.
- नागरिकों का कर्तव्य : इसमें प्रधानमंत्री भी बाहर नहीं होता है. आने वाले 25 सालों में हमारे सपने को पूरा करने के लिए ये बहुत बड़ी प्रण शक्ति है.
जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान का नया नारा
PM मोदी ने कहा, "लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा. और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है. अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो."
PM Modi के भाषण के प्रमुख अंश
- आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं. दुनिया के हर कोने में आज किसी न किसी रूप में भारतीयों के द्वारा या भारत के प्रति अपार प्रेम रखने वालों के द्वारा हमारा तिरंगा आन बान शान की तरह फहराया जा रहा है. आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत बहुत बधाई. आज का ये दिवस ऐतिहासिक है. एक नई राह, एक नए संकल्प और नए सामर्थ्य के साथ कदम बढ़ाने का ये शुभ अवसर है.
- हिंदुस्तान का कोई कोना ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न किया हो, यातनाएं न झेली हो, आहूति न झेली हो. आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को नमन करने का अवसर है. उनका ऋण स्वीकार करने का अवसर है. उनके सपनों को पूरा करने के लिए संकल्प लेने का भी अवसर है.
- ये देश का सौभाग्य रहा है कि आज़ादी की जंग के कई रूप रहे हैं। उसमें एक रूप वो भी था जिसमें नारायण गुरु हो, स्वामी विवेकानंद हों, महर्षि अरविंदो हों, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर हों, ऐसे अनेक महापुरूष हिंदुस्तान के हर कोने में भारत की चेतना को जगाते रहे.
- देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, असफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत ऐसे हमारे क्रांति वीरों ने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी
- भारत की विविधता ही भारत की अमोल शक्ति है. दुनिया को पता नहीं था कि भारत के पास एक इनहैंड सामर्थ है. भारत लोकतंत्र की जननी है. हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास अनमोल सामर्थ्य है.
- हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है. 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए. आजदी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला.
- हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह न मिली, या उनकों भुला दिया गया था. आज देश ने खोज खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया.
- हमारे देशवासियों ने भी उपलब्धियां की हैं, पुरुषार्थ किया है, हार नहीं मानी है और संकल्पों को ओझल नहीं होने दिया है.
- 2014 में देशवासियों ने मुझे दायित्व दिया. जितना भी आप लोगों को जान पाया हूं मेरे देशवासियों, उसे लेकर मैंने अपना पूरा कालखंड उनके विकास में लगाया.
- भारत में सामूहित चेतना का पुनर्जागरण हुआ है. पुरुषार्थ की पराकाष्ठा जुड़ रही है. ये चेतना का पुनर्जागरण हमारी सबसे बड़ी अमानत है. पिछले 3 दिन से जिस प्रकार से तिरंगे की यात्रा चल पड़ रही है, बड़े-बड़े एक्सपर्ट भी ये कल्पना नहीं कर सकते कि हमारे तिरंगे की कितनी ताकत है.
- पूरे विश्व का भारत की तरफ देखने का नजरिया बदल चुका है. विश्व का ये बदलाव 75 साल की यात्रा के हमारे अनुभव का परिणाम है. दुनिया में विश्वास जगाने में देशवासियों की बड़ी भूमिका है.
- स्थिर सरकार का क्या महत्व होता है, ये भारत ने दिखाया है और दुनिया भी इसे समझ रही है. हमने देखा है हमारी सामूहिक शक्ति को.
- देश के युवा आजादी के 100 साल पूरे होने के लिए अभी से संकल्प लें, तभी यह विकसित देश होगा. विकास के केंद्र में मनुष्य होगा. जब देश आजादी के 100 साल पूरे कर रहा होगा, तब युवा 50-55 साल का होगा.
- मेरी एक पीड़ा है, मेरा दर्द है. मैं इसे दर्द को देशवासियों के सामने नहीं कहूंगा तो कहां कहूंगा. आज किसी न किसी कारण से हमारे अंदर विकृति आई है, हमारे बोल चाल में, हमारे स्वभाव में, हम नारी का अपमान करते हैं. क्या हम स्वभाव से, संस्कार से, रोजमर्रा की जिंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं. नारी का गौरव राष्ट्र के सपने पूरे करने में बहुत बड़ी पूंजी बनने वाला है, ये सामर्थ्य में देख रहा हूं.
- जब तनाव की बात होती है तो लोगों को योग दिखता है, सामूहिक तनाव की बात होती है तो भारत की पारिवारिक व्यवस्था दिखती है. संयुक्त परिवार की एक पूंजी सदियों से हमारी माताओं के त्याग बलिदान के कारण परिवार नाम की जो व्यवस्था विकसित हुई, ये हमारी विरासत है जिसपर हम गर्व करते हैं.
- हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है. ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है. हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए.
- आज विश्व पर्यावरण की समस्या से जो जूझ रहा है. ग्लोबल वार्मिंग की समस्याओं के समाधान का रास्ता हमारे पास है. इसके लिए हमारे पास वो विरासत है, जो हमारे पूर्वजों ने हमें दी है.
- हम वो लोग हैं, जो जीव में शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं, जो पौधे में परमात्मा देखते हैं, हम वो लोग हैं, जो नदी को मां मानते हैं, हम वो लोग हैं, जो कंकड़-कंकड़ में शंकर देखते हैं.
- आत्मनिर्भर भारत, ये हर नागरिक का, हर सरकार का, समाज की हर एक इकाई का दायित्व बन जाता है. आत्मनिर्भर भारत, ये सरकारी एजेंडा या सरकारी कार्यक्रम नहीं है. ये समाज का जनआंदोलन है, जिसे हमें आगे बढ़ाना है.
- हमारा प्रयास है कि देश के युवाओं को असीम अंतरिक्ष से लेकर समंदर की गहराई तक रिसर्च के लिए भरपूर मदद मिले. इसलिए हम स्पेस मिशन का, Deep Ocean Mission का विस्तार कर रहे हैं। स्पेस और समंदर की गहराई में ही हमारे भविष्य के लिए जरूरी समाधान है.
- जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान का नया नारा
लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था. इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा. और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है. अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो.
- देश के सामने दो बड़ी चुनौतियां : पहली चुनौती - भ्रष्टाचार और दूसरी चुनौती - भाई-भतीजावाद, परिवारवाद.
- जो लोग पिछली सरकारों में देश को लूटकर भाग गए, उनकी संपत्तियां ज़ब्त करके वापिस लाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है उन्हें लौटाना पड़े वो स्थिति हम पैदा कर रहे हैं. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं.
- मैं भाई भतीजावाद, परिवारवाद की बात करता हूं तो लोगों को लगता है मैं सिर्फ राजनीतिक क्षेत्र की बात कर रहा हूं. दुर्भाग्य से राजनीति की इस बुराई ने हिन्दुस्तान की सभी संस्थाओं में परिवारवाद को पोषित कर दिया है. इससे मेरे देश की प्रतिभा को नुकसान होता है.
- भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, उससे देश को लड़ना ही होगा. हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उनको लौटाना भी पड़े, हम इसकी कोशिश कर रहे हैं.
- जब तक भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारी के प्रति नफरत का भाव पैदा नहीं होता होता, सामाजिक रूप से उसे नीचा देखने के लिए मजबूर नहीं करते, तब तक ये मानसिकता खत्म नहीं होने वाली है.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किला पर तिरंगा फहराया
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले में अंतर-सेवाओं और पुलिस गार्ड ऑफ ऑनर का निरीक्षण किया.
- लाल किला पहुंचे पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया उनका स्वागत
- पीएम मोदी ने राजघाट पर बापू को दी श्रद्धांजलि
- पीएम मोदी का ट्वीट
देशवासियों को #स्वतंत्रतादिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद!
— Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2022
Greetings on this very special Independence Day. Jai Hind! #Iday2022
- अमित शाह ने देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं.
76वें स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।
— Amit Shah (@AmitShah) August 15, 2022
आज भारत की संस्कृति,जीवंत लोकतांत्रिक परंपरा व 75 साल की उपलब्धियों पर गर्व करने का दिन है।
खुद को तिल-तिल जलाकर देश में आजादी का सूर्योदय करने वाले स्वतंत्रता सेनानियों व देश की रक्षा हेतु सर्वस्व अर्पण करने वाले वीर जवानों को नमन करता हूँ। pic.twitter.com/fePDKYEl6L
टैग्स