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क्रेडिट कार्ड रखने का शौक, लेकिन बिल चुकाने की हिम्मत नहीं; बढ़ रहे डिफॉल्ट के मामले
केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री ने राज्यसभा में बताया है कि देश में क्रेडिट कार्ड से लिए गए कर्ज की संख्या का आंकड़ा 4000 करोड़ रुपये से ज्यादा तक पहुंच चुका है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 9 months ago
लगातार बढ़ती देश की इकोनॉमी में क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ रहा है. लगभग हर नौकरीपेशा से लेकर कारोबारी के पास इन दिनों क्रेडिट कार्ड है. इसी का नतीजा है कि बढ़ते क्रेडिट कार्ड के डिफॉल्ट की संख्या में इजाफा हुआ है. ये जानकारी केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवद कराद ने संसद में दी है. उन्होंने बताया कि डिफॉल्ट का ये आंकड़ा 4072 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. जो 2022 में 3122 करोड़ हुआ करता था.
क्रेडिट कार्ड GNPA में भी हुआ है इजाफा
भागवद कराद ने बताया कि क्रेडिट कार्ड के GNPA में भी इजाफा हुआ है. उन्होंने 2021, 2022 और 2023 दोनों सालों के आंकड़े जारी करते हुए कहा कि 2021 में ये आंकड़ा 3.56 प्रतिशत था लेकिन 2022 में इसमें कमी देखने को मिली. 2022 में ये घटकर 1.91 प्रतिशत पर आ गया, लेकिन मार्च 2023 में बढ़कर 1.94 प्रतिशत हो गया. जबकि शेडयूल्ड कमर्शियल बैंकिंग का ग्रास NPA 3.87 प्रतिशत रहा.
को-ऑपरेटिव बैंकों में हो रहा है इसमें इजाफा
कराद ने राज्यसभा को जानकारी देते हुए कहा कि को-ऑपरेटिव बैंकों में भी धोखाधड़ी की घटनाओं में इजाफा देखने को मिला है. 2022-23 में रिपोर्ट की गई कुल धोखाधड़ी की घटनांए 964 थी, जिनमें 791.40 करोड़ रुपये की घटनाएं शामिल थी. वहीं अगर ठीक एक साल पहले की स्थिति पर नजर डालें तो 2021-22 के दौरान धोखाधड़ी की घटनाएं 438 थी जबकि उसमें 1958.79 करोड़ रुपये की रकम शामिल थी.
सरकार ने क्या उठाया कदम?
राज्यसभा को ये जानकारी देते हुए कराद ने कहा कि आरबीआई बैंको को जो दिशानिर्देश जारी करता है उसकी जांच सैंपलिंग के आधार पर की जाती है, अगर कोई उसका पालन नहीं करता है तो उस दिशा में उचित कार्रवाई भी की जाती है. उन्होंने ये भी बताया कि नाबार्ड और आरबीआई बैंकों में फ्रॉड की घटना को कम करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. इनमें कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. इन उपायों में कॉशन एडवाइजरी, बैंकों को रोटेशन और अपने कर्मचारियों की अनिवार्य रूप से छुट्टी देना के लिए लगातार सलाह दी जा रही है. इसके अतिरिक्त साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी काम हो रहा है. उन्होंने ये भी बताया कि लोन वसूली के लिए ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से संपत्तियों की नीलामी सहित कई अन्य उपाय किए जा रहे हैं.
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