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‘महंगाई रोको, वरना सड़कों पर उतर आएगी जनता’, जानें किसने दी ये चेतावनी
पिछले कुछ वक्त में महंगाई तेजी से बढ़ी है. सरकारी आंकड़ों में भले ही राहत हो, लेकिन आम जनता को महंगाई से खास राहत नहीं मिली है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
महंगाई के मोर्चे पर मोदी सरकार आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ खास नहीं कर पाई है. हालांकि, ये समस्या केवल भारत ही नहीं बल्कि कई देशों की सरकारों के साथ ही. अब इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) की चीफ क्रिस्टेलीना जॉर्जीवा (Kristalina Georgieva) ने इस मुद्दे पर दुनियाभर के देशों को चेताया है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकारें महंगाई को रोकने में नाकाम रहीं, तो सड़कों पर जनसैलाब आ जाएगा. उन्होंने कहा कि महंगाई लोगों के सब्र का इम्तेहान ले रही है और उनका धैर्य कभी भी टूट सकता है.
पहले कोरोना, फिर युद्ध
IMF चीफ ने CNN के एक कार्यक्रम में कहा कि दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है. खाने-पीने की चीजों से लेकर तेल के दाम में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है. यदि सरकारें महंगाई को रोकने में नाकाम रहती हैं, तो इससे समाज के सबसे कमजोर तबके पर सबसे ज्यादा असर होगा. उन्होंने कहा कि पहले कोरोना महामारी ने महंगाई को भड़काने का काम किया और रही सही कसर रूस ने यूक्रेन पर हमला करके पूरी कर दी. आज महंगाई सबसे बड़ी दुश्मन बन गई है और अगर इस दुश्मन को काबू में नहीं किया गया तो पूरी दुनिया में लोग सड़कों पर उतर आएंगे.
दुनिया में ऐसा है हाल
दुनिया भर की महंगाई की बात करें, तो ज़्यादातर देशों के हाल खराब हैं. जिम्बाब्वे में अगस्त में महंगाई दर 285% पहुंच गई थी. वहीं, लेबनॉन में यह 168%, सीरिया में 139%, सूडान में 125% और श्रीलंका में 70 फीसदी पहुंच चुकी है. जबकि भारत में खुदरा मंहगाई अगस्त में सात फीसदी रही. पड़ोसी पाकिस्तान के हाल कई बार सामने आ चुके हैं. इस लिहाज से देखें तो दुनिया के कई देशों की तुलना में भारत में महंगाई कम है. हालांकि, केवल इसी आधार पर सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती. भाजपा अच्छे दिनों की बात करके सत्ता में आई थी, उसने महंगाई कम करने का वादा किया था, लेकिन अब वो अपना वादा भूल चुकी है.
फिर महंगा हो सकता है कर्ज
भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) महंगाई को नियंत्रित करने के नाम पर एक बार फिर से रेपो रेट में बढ़ोत्तरी कर सकता है. यदि ऐसा होता है, तो यह लगातार चौथा मौका होगा जब रेपो रेट में बढ़ोत्तरी होगी. और इस तरह लोन एक बार फिर से महंगा जो जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक सर्वे में ज़्यादातर इकनॉमिस्ट का कहना है कि आरबीआई महंगाई को थामने के लिए इस बार भी अपनी नीतियां सख्त रखेगा और ब्याज दरें बढ़ा सकता है. हालांकि, यह बढ़ोत्तरी कितनी होगी इस पर सभी अलग-अलग राय है. कुछ का कहना है कि इसमें 0.35 फीसदी की बढ़ोतरी होगी. वहीं, कुछ को लगता है कि यह इजाफा 0.50 फीसदी तक हो सकता है.
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