ये एक ऐसा मामला है जो 2015 में पहले भी आ चुका है. उस वक्त टेलीकॉम कंपनियों का इसका जबर्दस्त विरोध झेलना पड़ा था.
देश की कई नामी कंपनियों ने TRAI से Net Neutrality को मजबूत करने का आग्रह किया है. TRAI को ये पत्र 129 स्टार्टअप संगठनों ने दिया है. इन्होंने ये पत्र टेलीकॉम कंपनियों द्वारा दिए गए जवाब के संबंध में दिया है जिसमें कहा गया था कि इंटरनेट कंपनियों के द्वारा उत्पन्न ट्रैफिक के आधार पर उन्हें टेलीकॉम कंपनियों को भुगतान करना चाहिए. जिन कंपनियों और स्टार्टअप ने ये पत्र लिखा है उनमें पेटीएम, जेरोधा, फोन पे और रजोरपे जैसी कंपनियां शामिल हैं.
टेलीकॉम कंपनियों के इस प्रस्ताव की हो चुकी है आलोचना
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस कदम की पहले ही कई जानकार आलोचना कर चुके हैं. वो कह चुके हैं कि दूरसंचार कंपनियों का ये प्रस्ताव छोटी कंपनियों को बाजार से बाहर कर देगा. सिर्फ यही नहीं ये उपयोगकर्ताओं की पसंद को भी सीमित कर सकता है. उस वक्त इसका जबर्दस्त विरोध देखने को मिला था.
क्या कहा गया है इस पत्र में?
ट्राई के अध्यक्ष पी डी वाघेला और सलाहकार अखिलेश कुमार त्रिवेडी को लिखे इस पत्र में कहा गया है कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों की हालिया मांगों और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के संदर्भ में हम ट्राई से 2016 के नियमों में प्रिंसिपल को और मजबूत करने का आग्रह करते हैं ना कि इसे कमजोर किया जाए. इस पत्र में ये भी कहा गया है कि नेट न्यूट्रेलिटी सिद्धांत में ये बात शामिल है कि इंटरनेट कंपनियों को सभी ऑनलाइन ट्रैफिक के साथ एक जैसा व्यवहार करना चाहिए.
पत्र पर जिन कंपनियों के प्रमुखों ने हस्ताक्षर किए हैं उनमें मैपल्स के रोहन वर्मा, भारत मैट्रीमोनी के मुरुगावेल जानकीरमन, पेटीएम इनसाइडर के श्रेयस श्रीनिवासन, रितेश मलिक ने भी हस्ताक्षर किए हैं. इन सभी की ओर से पत्र में लिखा गया है कि हम प्राधिकरण से हम नेट तटस्थता सिद्धांतों को लेकर अपना समर्थन जारी रखने की अपील करते हैं.
2015 में पहले भी सामने आ चुका है ये मामला
सेव द इंटरनेट का ये पूरा मामला 2015 में भी सामने आ चुका है. अलग-अलग कंपनियों के द्वारा लिखा गया ये पत्र ‘सेव द इंटरनेट’ के बैनर तले लिखा गया है. ये एक ऐसा संगठन है जो पहली बार 2015 में शुरू किया गया था जब इस सिद्धांत पर बहस छिड़ी थी. उस वक्त इस अभियान को जनता का बड़ा सम्मान मिला था. उस वक्त इसमें ट्राई से नेट की आजादी को लेकर समर्थन करने की अपील की गई थी.
एचडीएफसी बैंक की एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में 94.6 फीसदी हिस्सेदारी है. इस आईपीओ के जरिए वह अपनी हिस्सेदारी भी कम करेगा.
देश का सबसे बड़ा ऋणदाता HDFC bank की यूनिट HDB Financial Services जल्द अपना IPO लेकर आ रही है. इस सर्वाजनिक इश्यू के लिए बोर्ड को हरी झंडी मिल गई है. यह आईपीओ 12,500 करोड़ रुपये का होगा, जिसमें एचडीएफसी बैंक की 10,000 करोड़ की हिस्सेदारी बेचेगा. आईपीओ के तहत, फ्रेश इक्विटी बिक्री 2,500 करोड़ रुपये की होगी, जिससे इश्यू का कुल साइज करीब 12,500 करोड़ रुपये हो जाएगा. इससे पहले, एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने एचडीबी फाइनेंशियल को सार्वजनिक करने को मंजूरी दे दी थी.
HDFC ग्रुप की तरफ से 6 साल बाद आ रहा IPO
एचडीएफसी बैंक ने कहा कि आईपीओ से जुड़ी जानकारियां कुछ दिनों बाद दी जाएंगी. पिछले महीने ही एचडीएफसी बैंक ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ को मंजूरी दी थी. इस आईपीओ में 2,500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 10 हजार करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल भी होगा. यह एचडीएफसी ग्रुप की तरफ से 6 साल बाद कोई आईपीओ आ रहा है. एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की स्थापना 2007 में हुई थी. यह कंपनी सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन उपलब्ध कराती है. इसकी देशभर में करीब 1,680 ब्रांच हैं.
RBI के नए नियमों की वजह से करनी पड़ रही लिस्टिंग
एचडीएफसी बैंक को एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की लिस्टिंग आरबीआई (RBI) के नए नियमों की वजह से करनी पड़ रही है. आरबीआई ने साल 2022 में आदेश दिया था कि देश की सभी अपर लेयर एनबीएफसी (NBFC) को सितंबर, 2025 तक स्टॉक मार्केट पर लिस्ट करना ही होगा. इसके चलते कई बड़ी एनबीएफसी को आईपीओ की तैयारी करनी पड़ रही है. इनमें टाटा संस (Tata Sons) जैसी दिग्गज कंपनी भी शामिल थी. मगर, उन्होंने अपना एनबीएफसी लाइसेंस सरेंडर कर दिया है.
इस साल 269 कंपनियों ने मार्केट से 12.57 अरब डॉलर जुटाए
इस साल आईपीओ की बहार आई हुई है. अब तक करीब 269 कंपनियां अपने आईपीओ ला चुकी हैं. इन्होंने मार्केट से 12.57 अरब डॉलर जुटाए हैं. पिछले साल कंपनियों ने आईपीओ के जरिए मार्केट से 7.42 अरब डॉलर जुटाए थे. बड़ी कंपनियों में बजाज ग्रुप की बजाज हाउसिंग फाइनेंस (Bajaj Housing Finance) की लिस्टिंग हो चुकी है. साथ ही अभी हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) का 3.3 अरब डॉलर का आईपीओ खुला हुआ है.
पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) निजी सेक्टर के अधिक से अधिक लोगों को एनपीएस से जोड़ने की तैयारी कर रहा है.
अगर आप नौकरीपेशा हैं और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) से जुड़े हैं या जुड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, रिटर्न दर और बुढ़ापे में पेंशन की सुविधा को देखते हुए निजी सेक्टर को अब एनपीएस पसंद आने लगी है. एनपीएस सीनियर सिटिजन को पेंशन सुविधा देने में काफी मददगार हो सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में प्राइवेट सेक्टर के 9.12 लाख लोग नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) से जुड़े हैं. वहीं, अभी सरकारी और निजी सेक्टर को मिलाकर एनपीएस से 1.54 करोड़ लोग जुड़े हैं.
पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत बढ़े प्राइवेट सेक्टर के लोग
प्राइवेट सेक्टर की एनपीएस में रूचि ज्यादा बढ़ रही है. पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में निजी सेक्टर के 9.12 लाख लोग एनपीएस से जुड़े, जो उससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक है. अभी सरकारी और निजी सेक्टर को मिलाकर एनपीएस से 1.54 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं, जिनमें 94 लाख सरकारी (केंद्र व राज्य मिलाकर) तो 60 लाख निजी सेक्टर के कर्मचारी शामिल हैं. सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्ष 2004 में एनपीएस की शुरुआत की गई थी जबकि निजी सेक्टर के लिए पांच साल के बाद वर्ष 2009 में एनपीएस को खोला गया था.
निजी सेक्टर के 11 लाख कर्माचारियों को एनपीएस से जोड़ने का लक्ष्य
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) भी अब निजी सेक्टर के अधिक से अधिक लोगों को एनपीएस से जोड़ने की तैयारी कर रहा है ताकि उन्हें 60 साल के बाद पेंशन के रूप में अच्छी रकम मिलती रहे. चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पीएफआरडीए ने 11 लाख निजी सेक्टर के कर्मचारियों को एनपीएस से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. वर्तमान में देश में 11 प्रतिशत लोग 60 साल से अधिक आयु के हैं और वर्ष 2050 तक उनकी हिस्सेदारी 21 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी. एनपीएस इन लोगों को सम्मानित पेंशन सुविधा देने में काफी मददगार हो सकती है.
इसलिए आकर्षित हो रहे निजी सेक्टर के कर्मचारी
पेंशन को लेकर सजग निजी सेक्टर के कर्मचारी मुख्य रूप से एनपीएस की रिटर्न दर को देख इस ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. पिछले तीन सालों में पेंशन फंड का इक्विटी रिटर्न औसतन हर साल 20 प्रतिशत तो पिछले बीस सालों में एनपीएस का औसतन इक्विटी रिटर्न हर साल 14 प्रतिशत का रहा है. बता दें, पिछले तीन सालों में एनपीएस का कारपोरेट बांड रिटर्न 7 प्रतिशत तो सरकारी सिक्युरिटीज रिटर्न 9 प्रतिशत से अधिक रहा है.
यहां लगाया जाता है एनपीएस का फंड
एनपीएस के तहत कर्मचारियों का योगदान इक्विटी, बांड, सिक्युरिटीज जैसी जगहों पर लगाया जाता है और उस रिटर्न से व्यक्तिगत रूप से कर्मचारियों का फंड तैयार होता है. ऊंचे रिटर्न की वजह से एनपीएस का कुल फंड 13 लाख करोड़ को छूने वाला है जिसमें पिछले एक साल में 28 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.
75 साल की उम्र तक जारी रहता है एनपीएस फंड
एनपीएस से जुड़ने वाले कर्मचारी 60 साल की उम्र के बाद अपने कुल फंड के 40 प्रतिशत हिस्से से खुद और अपनी पत्नी के लिए आजीवन पेंशन की खरीदारी कर सकते हैं. बाकी के 60 प्रतिशत राशि को एकमुश्त रूप में वे हासिल कर सकते हैं. कोई चाहे तो वह 75 साल की उम्र तक एनपीएस फंड को जारी रख सकता है. मात्र 1000 रुपये सालाना योगदान से एनपीएस फंड की शुरुआत हो सकती है.
अमेजन की इस 5-Days वर्किंग पॉलिसी ने कई कर्मचारियों को निराश कर दिया है. वहीं, अब Amazon वेब सर्विसेज के सीईओ ने भी इस पॉलिसी का समर्थन कर दिया है.
अमेजन का क्लाउड डिवीजन अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) के सीईओ मैट गार्मन (Matt Garman) ने 5 Days वर्किंग पॉलिसी का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया है. दरअसल, सितंबर में अमेजन के सीईओ एंडी जेसी ने रिटर्न टू ऑफिस (RTO) पॉलिसी के तहत जनवरी 2025 से कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन ऑफिस में आने की बात कही है. इस फैसले के बाद अमेजन के कई कर्मचारी निराश हैं. ऐसे में अब मैट गार्मन ने भी एस पॉलिसी का समर्थन किया है और कर्मचारियों ने कहा है कि जो लोग इससे सहमत नहीं हैं, वे कहीं और नौकरी तलाश सकते हैं.
10 में से 9 कर्मचारियों ने किया पॉलिसी का समर्थन
अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) के लिए एक सर्व-कार्यकारी बैठक के दौरान गार्मन ने कहा कि उन्होंने जिन दस कर्मचारियों से बात की, उनमें से नौ इस नीति के पक्ष में हैं, जो जनवरी में लागू होने वाली है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के दूर से काम करने से सहयोग और इनोवेशन में बाधा आती है, इसके बाद उन्होंने संकेत दिया कि जो लोग इसका पालन नहीं करना चाहते, वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं. गार्मन ने कहा है कि अगर ऐसे लोग हैं, जो उस माहौल में ठीक से काम नहीं करते और काम नहीं करना चाहते, तो कोई बात नहीं; आस-पास दूसरी कंपनियां भी हैं. मेरा मतलब ये नहीं है कि मैं इसे गलत तरीके से कह रहा हूं, और भी जगह हैं, लेकिन अमेजन में हम ऐसे माहौल में रहना चाहते हैं जहां सभी लोग मिलकर काम करें.
कर्मचारियों ने दिया ये तर्क
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस पॉलिसी से अमेजन के कई कर्मचारी निराश हैं, उनका तर्क है कि कार्यालय आने से आने-जाने में समय बर्बाद होता है और कार्यालय में काम करने के लाभों में स्वतंत्र समर्थन का अभाव होता है. रिपोर्ट के अनुसार, कुछ कर्मचारी जिन्होंने पहले पॉलिसी का अनुपालन नहीं किया था, उन्हें सूचित किया गया कि वे "स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं" और बाद में उन्हें कंपनी सिस्टम से बाहर कर दिया गया. वॉलमार्ट के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े निजी नियोक्ता के रूप में अमेजन ने ऑफिस में लौटने के मामले में अपने कई तकनीकी समकक्षों जैसे कि गूगल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट, की तुलना में अधिक सख्त रुख अपनाया है, जिनकी दो से तीन दिन की कार्यालय में उपस्थिति की पॉलिसी है.
अगले साल 14 हजार कर्मचारियों की हो सकती है छंटनी
गार्मन ने कहृ कि मैं वास्तव में इस बदलाव को लेकर काफी उत्साहित हूं. उन्होंने स्वीकार किया कि हर कोई उनके उत्साह को साझा नहीं करता. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनी के उद्देश्यों को प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में केवल तीन दिन ही कार्यालय में काम करने की आवश्यकता है. इस बीच एक और खबर सामने आई है, जिसके अनुसार अमेजन अगले साल की शुरुआत में 14,000 प्रबंधकीय पदों में कटौती करने जा रहा है, जो सालाना 3 बिलियन डॉलर बचाने की योजना का हिस्सा है. यह पहल सीईओ एंडी जेसी की रणनीति के अनुरूप है, जिसमें मार्च 2025 तक प्रबंधकों के लिए व्यक्तिगत योगदानकर्ताओं के अनुपात को कम से कम 15 प्रतिशत बढ़ाकर परिचालन दक्षता को बढ़ाना है.
इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री ने बजट में की थी. इस योजना के तहत टॉप 500 कंपनियां 21-24 वर्ष की आयु के युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेंगी.
केंद्र सरकार ने पीएम इंटर्नशिप स्कीम (PM Internship Scheme) को तेजी देने के लिए बड़ा फैसला लिया है. अब पब्लिक सेक्टर कंपनियां अपना सीएसआर (CSR) का पैसा सरकार की इस महत्वाकांक्षी स्कीम पर खर्च कर सकेंगे. इसके लिए सरकार ने पब्लिक सेक्टर कंपनियों के लिए चालू वित्त वर्ष की कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी गाइडलाइन्स में संशोधन किया है. अब इन कंपनियों के सीएसआर में सामान्य विषय या थीम के रूप में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम भी शामिल रहेगी.
CSR फंड का 60 फीसदी पैसा खर्च कर सकेंगी कंपनियां
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हर साल अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए पब्लिक सेक्टर कंपनियां कोई थीम या विषय तय करती हैं. इस थीम पर ही उन्हें अपने सीएसआर फंड का 60 फीसदी पैसा खर्च करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हमने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सीएसआर के लिए सामान्य विषय के रूप में ‘हेल्थ और न्यूट्रिशन’ में पीएम इंटर्नशिप स्कीम को जोड़ा है. अब पब्लिक सेक्टर कंपनियां इस वित्त वर्ष में अपने सीएसआर फंड का 60 फीसदी इन्हीं चीजों पर खर्च कर सकेंगी.
1.25 लाख युवाओं को इस साल दी जानी है इंटर्नशिप
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने इस महीने की शुरुआत में इंटर्नशिप स्कीम के तहत कंपनियों के साथ-साथ इंटर्न का भी रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है. इस स्कीम के तहत 5 साल में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप दी जानी है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत 12 महीने की इंटर्नशिप 2 दिसंबर से शुरू होने वाले है. इस पर करीब 800 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में 1.25 लाख युवाओं को इसके तहत लाने का लक्ष्य है.
वित्त मंत्री ने बजट में लॉन्च की थी यह स्कीम
पीएम इंटर्नशिप स्कीम की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट में की थी. इस योजना के तहत टॉप 500 कंपनियां 21 से 24 वर्ष के युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेंगी. साथ ही उन्हें लाइफ इंश्योरेंस भी दिया जाएगा. एक वर्ष के लिए 5,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता के अलावा इंटर्न के लिए 6,000 रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा. मासिक सहायता में सरकार द्वारा 4,500 रुपये और कंपनी द्वारा अपने सीएसआर फंड से 500 रुपये दिए जाएंगे.
डील की बात कंपनी ने एक प्रेस रिलीज में कही है. करण जौहर धर्मा में शेष 50 फीसदी हिस्सेदारी अपने पास रखेंगे.
एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से बड़ी खबर आ रही है. वैक्सीन निर्माता और अरबपति कारोबारी अदार पूनावाला जल्द ही करन जौहर के धर्मा प्रोडक्शन में 50 प्रतिशत के हिस्सेदार बन जाएंगे. जी हां, सीरम इंस्टीट्यूटर ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला 1000 करोड़ रुपये में करन जौहर के फिल्म और टेलिविज़न प्रोडक्शन व डिस्ट्रीब्यूशन फ्लैगशिप का 50 प्रतिशत हिस्सा खरीदने जा रहे हैं. कंपनी ने इसकी जानकारी प्रेस रिलीज के जरिए दी है.
दोनों के बीच हुई रणनीतिक साझेदारी
प्रेस रिलीज में कहा गया है कि सेरेन प्रोडक्शंस और धर्मा के बीच यह रणनीतिक साझेदारी, धर्मा की समृद्ध विरासत को अदार पूनावाला की रणनीतिक सूझबूझ और संसाधनों के साथ जोड़कर अवसरों का लाभ उठाने के लिए की गई है. अदार पूनावाला ने कहा कि मैं अपने दोस्त करण जौहर के साथ देश के सबसे प्रतिष्ठित प्रोडक्शन हाउस में से एक के साथ साझेदारी करने का अवसर पाकर बहुत खुश हूं. हमें उम्मीद है कि हम धर्मा को आगे बढ़ाएंगे. साथ ही आने वाले वर्षों में और भी अधिक ऊंचाइयों को छुएंगे.
करण जौहर ने इस साझेदारी पर क्या कहा?
धर्मा प्रोडक्शंस के चेयरमैन करण जौहर ने साझेदारी पर कहा कि धर्मा प्रोडक्शंस की शुरुआत से ही हम भारतीय संस्कृति की भावनात्मक कहानियों को दिखाने के लिए जाने जाते हैं. मेरे पिता का सपना था ऐसी फिल्में बनाना जो लोगों के दिलों पर गहरा असर छोड़ें, और मैंने अपने करियर में उसी सपने को और आगे बढ़ाने का काम किया है. आज, जब हम आदर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जो मेरे करीबी दोस्त और एक बेहतरीन इनोवेटर हैं, तो हम धर्मा की विरासत को और ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं. यह साझेदारी हमारी भावनात्मक कहानियों और आगे की सोच के साथ बिजनेस रणनीतियों का बेहतरीन मेल है.
करन जौहर के पास रहेगी 50% हिस्सेदारी
बता दें कि Serene Productions के तहत अदार पूनावाला यह निवेश अपनी पर्सनल कैपेसिटी में कर रहे हैं. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ 1000 करोड़ रुपये की बड़ी डील में धर्मा का आधा हिस्सा खरीदेंगे. बाकी 50 फीसदी हिस्सा धर्मा के पास बरकरार रहेगा. करन जौहर पहले की तरह ही धर्मा प्रोडक्शंस के एग्जिक्युटिव चेयरमैन बने रहेंगे जबकि अपूर्व मेहता भी चीफ एग्जिक्युटिव के पद पर बने रहेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवराज सिंह चौहान को एक खास समिति का प्रमुख बनाया है.
शिवराज सिंह चौहान जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब यह चर्चा आम थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे नाखुश हैं. ऐसे कई तस्वीरें भी सामने आईं जिनमें शिवराज सिंह से मुलाकात के दौरान PM मोदी के चेहरे पर गुस्सा नज़र आ रहा था. हालांकि, अब समय बदल गया है. केंद्र सरकार में कृषि मंत्री की भूमिका निभा रहे शिवराज प्रधानमंत्री मोदी के खास बन गए हैं. यही वजह है कि मोदी ने उन्हें के बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है.
हाल ही में हुई बैठक
एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कृषि मंत्री यानी शिवराज सिंह चौहान को देशभर में सरकार की नई और जारी योजनाओं की समीक्षा का जिम्मा सौंपा है. दरअसल, PM ने एक नई टीम गठित की है, जिसकी कमान शिवराज के पास है. हाल ही में इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. चौहान की अगुवाई वाली ये समिति हर महीने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) समीक्षा बैठक करेगी.
PM ने जताया भरोसा
रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएम मोदी ने शिवराज सिंह चौहान को NDA सरकार के अब तक के कार्यकाल की योजनाओं की समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है. यानी शिवराज 2014 से लेकर अब तक घोषित परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे. हालांकि, सरकार ने इस समिति की जानकारी सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शिवराज की अध्यक्षता में समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि पीएम मोदी सरकारी योजनाओं के लागू होने में हो रही देरी को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में उन्होंने शिवराज सिंह को योजनाओं की समीक्षा करने और उनके रास्ते में आने गतिरोध दूर करने की जिम्मेदारी सौंपकर दर्शा दिया है कि उन्हें शिवराज पर कितना भरोसा है.
इस हफ्ते 9 आईपीओ शेयर बाजार में आ रहे हैं. इसके अलावा हुंडई इंडिया समेत तीन कंपनियों की लिस्टिंग होने वाली है.
शेयर बाजार में चल रही गिरावट की वजह से प्राइमरी मार्केट का मूड खराब होने की कोई संभावना नहीं है. खास बात तो ये है कि 21 अक्टूबर से शुरू होने वाले आने वाले सप्ताह में मेनबोर्ड और SME सेगमेंट से कई IPO आने वाले हैं. जानकारी के अनुसार इस हफ्ते करीब 11 हजार करोड़ रुपए के 9 आईपीओ शेयर बाजार में आ रहे हैं. साथ ही देश के सबसे बड़े IPO हुंडई इंडिया के साथ तीन कंपनियों की लिस्टिंग होने वाली है. आइए आपको भी बताते हैं कि इस हफ्ते कौन-कौन सी कंपनियों में आईपीओ आने वाले हैं…
इस सप्ताह में खुलेंगे 9 नए IPO
• Premium Plast IPO- 26.20 करोड़ रुपये का यह इश्यू 21 अक्टूबर को खुलेगा और 23 अक्टूबर को बंद होगा. शेयर NSE SME पर 28 अक्टूबर को लिस्ट होंगे. बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 46-49 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 3000 शेयर है.
• Deepak Builders & Engineers India IPO- यह इश्यू 21 अक्टूबर को खुलकर 23 अक्टूबर को बंद होगा, साइज 260.04 करोड़ रुपये है. बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 192- 203 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 73 शेयर है. शेयर BSE और NSE पर 28 अक्टूबर को लिस्ट होंगे.
• Waaree Energies IPO- यह भी 21 अक्टूबर को खुलने जा रहा है, कंपनी इससे 4,321.44 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. IPO में 23 अक्टूबर तक पैसे लगाए जा सकेंगे, शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 28 अक्टूबर को होगी. बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 1427-1503 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है, लॉट साइज 9 शेयर रखा गया है.
• OBSC Perfection IPO- 66.02 करोड़ रुपये का यह इश्यू 22 अक्टूबर को खुलेगा और 24 अक्टूबर को बंद होगा. प्राइस बैंड 95-100 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1200 शेयर है. IPO क्लोज होने के बाद शेयर NSE SME पर 29 अक्टूबर को लिस्ट होंगे.
• United Heat Transfer IPO- 30 करोड़ रुपये का यह IPO भी 22 अक्टूबर को ओपन होगा और 24 अक्टूबर को क्लोजिंग होगी. शेयर NSE SME पर 29 अक्टूबर को लिस्ट होंगे, बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 56-59 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 2000 शेयर है.
• Danish Power IPO- इश्यू 22 अक्टूबर को खुलकर 24 अक्टूबर को क्लोज होगा, साइज 197.90 करोड़ रुपये है. शेयर NSE SME पर 29 अक्टूबर को लिस्ट होंगे, प्राइस बैंड 360-380 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 300 शेयर है.
• Godavari Biorefineries IPO- 554.75 करोड़ रुपये साइज का इश्यू 23 अक्टूबर को खुलेगा और 25 अक्टूबर को बंद होगा. प्राइस बैंड 334-352 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 42 शेयर रखा गया है. IPO की क्लोजिंग के बाद शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 30 अक्टूबर को होगी.
• Usha Financial Services IPO- यह 24 अक्टूबर को खुलेगा और 28 अक्टूबर को बंद होगा, कंपनी 98.45 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. शेयर NSE SME पर 31 अक्टूबर को लिस्ट होंगे, प्राइस बैंड 160-168 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 800 शेयर है.
• Afcons Infrastructure IPO- 5,430 करोड़ रुपये का IPO 25 अक्टूबर को खुलकर 29 अक्टूबर को क्लोज होगा. शेयर BSE, NSE पर 4 नवंबर को लिस्ट हो सकते हैं, अभी इस IPO का प्राइस बैंड, लॉट साइज घोषित नहीं हुआ है.
इन कंपनियों की होने वाली लिस्टिंग
देश के सबसे बड़े आईपीओ Hyundai Motor India की 22 अक्टूबर को लिस्टिंग होने वाली है. कंपनी के IPO का साइज 27,870 करोड़ रुपए है. विशेषज्ञों के अनुसार, हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ शेयरों की शेयर बाजार में सपाट से नकारात्मक लिस्टिंग देखने की उम्मीद है. एसएमई सेगमेंट में, Lakshya Powertech के शेयर पिछले हफ्ते अपने आईपीओ को 550 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन मिलने के बाद 23 अक्टूबर से एनएसई इमर्ज पर कारोबार करना शुरू कर देंगे. Freshara Agro Exports भी इस सप्ताह 24 अक्टूबर को लिस्ट होगी.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा का पालन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों में किया जाता है.
दीपावली के दिन शेयर बाजार बंद रहता है, लेकिन मुहूर्त ट्रेडिंग के लिए एक स्पेशल सेशन आयोजित किया जाता है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने विशेष मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन के समय की घोषणा कर दी है. दिवाली के दिन हर साल एक घंटे का यह विशेष ट्रेडिंग सेशन होता है. BSE में इसकी शुरुआत 1957 में और NSE में 1992 में हुई थी. तब से हर दिवाली पर निवेशक स्टॉक मार्केट में कुछ न कुछ निवेश जरूर करते हैं. मान्यता है कि मुहूर्त ट्रेडिंग में किए गए इन्वेस्टमेंट मुनाफा लेकर आता है और साल भर तक निवेशकों पर कृपा बनी रहती है.
बहुत पुरानी है परंपरा
बीएसई और एनएसई दिवाली के अवसर पर एक घंटे का मुहूर्त ट्रेडिंग सत्र आयोजित करेंगे. एक्सचेंजों के सर्कुलर क मुताबिक, एक नवंबर को सांकेतिक कारोबार सत्र शाम छह से सात बजे के बीच आयोजित किया जाएगा. हर साल इस 1 घंटे के दौरान ब्लॉक डील, प्री-ओपन, रेगुलर, कॉल ऑक्शन और क्लोजिंग सेशन होता है. निवेशकों का मानना है कि मुहूर्त ट्रेडिंग में किया गया निवेश फलदायी रहता है. आंकड़े भी निवेशकों के इस विश्वास की गवाही देते हैं. 2022 में मुहूर्त ट्रेडिंग के दौरान BSE सेंसेक्स महज एक घंटे में ही 524 अंक चढ़ गया था. जबकि 2021 में सेंसेक्स ने दिवाली के दिन करीब 296 अंकों की छलांग लगाई थी. इसी तरह, 2018, 19, 2020 में भी मूहुर्त ट्रेडिंग के दिन बाजार हरे निशान पर बंद हुआ था.
पिछले साल ऐसा था हाल
इस साल 1 नवंबर को शाम सवा 6 से सवा 7 बजे तक मुहू्र्त ट्रेडिंग होगी. वहीं इसके पहले 15 मिनट का प्री-मार्केट सेशन होगा. मुहूर्त ट्रेडिंग की परंपरा का पालन बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) दोनों में किया जाता है. पिछले साल की बात करें, तो मुहूर्त ट्रेडिंग सेशन 12 नवंबर को हुआ था. इस दौरान सेंसेक्स 355 अंक की बढ़त के साथ 65,259.45 और निफ्टी निफ्टी 100 अंकों की उछाल के साथ 19,525.55 पर बंद हुआ था. निवेशक हर साल मुहूर्त ट्रेडिंग को लेकर उत्साहित रहते हैं और इस मौके पर कुछ न कुछ खरीदारी ज़रूर करते हैं.
शेयर बाजार पिछले कुछ समय से उतार-चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है. इसकी एक बड़ी वजह विदेशी निवेशकों का लगातार लिवाल बने रहना है.
पिछले सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शेयर बाजार लाल रंग के प्रभाव से बाहर निकलने में सफल रहा. मजबूत वैश्विक संकेतों के बीच घरेलू स्तर पर कुछ सेक्टर्स में हुई खरीदारी से बाजार को मजबूती मिली. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स शुरुआती झटकों से उबरकर 218.14 अंकों की बढ़त के साथ 81,224.75 पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय यह 384.54 अंक चढ़ गया था. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 104.20 अंकों की उछाल के साथ 24,854.05 पर पहुंच गया. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.
इनमें तेजी के संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Zee Entertainment Enterprises, Aditya Birla Real Estate, Wipro, IDBI Bank, Bank of Baroda और Tejas Networks में तेजी के संकेत दिए हैं. इसका मतलब है कि इन शेयरों में तेजी का सकती है. जाहिर है ऐसे में इन पर दांव लगाने वालों के लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि शेयर बाजार में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श ज़रूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.
इन पर रखें नज़र
इसी तरह, MACD ने BSE, Olectra Greentech, Varroc Engineering, Lloyds Metals, DB Realty Express और Varun Beverages के शेयरों में मंदी का रुख दर्शाया है. लिहाजा, निवेश को लेकर सावधानी बरतें. आखिरी में उन शेयरों के बारे में भी जान लेते हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में आज Aditya Birla Real Estate, Anand Rathi Wealth, Motilal Oswal, MCX India, NALCO, Torrent Power औ DOMS Industries का नाम शामिल है. दरअसल, इन शेयरों ने अपना 52 वीक का हाई लेवल पार कर लिया है, जो इनमें तेजी का संकेत देता है. इसलिए आज इन शेयरों पर भी नज़र रखें.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
देश भर में 20 अक्टूबर को करवा चौथ का पर्व मनाया जाएगा. यह त्यौहार खासतौर पर विवाहित महिलाओं के लिए बेहद खास होता है.
देश में करवा चौथ का त्योहार 20 अक्टूबर को मनाया जाएगा. विवाहित महिलाओं के लिए यह सबसे खास त्योहार में से एक है. करवा चौथ के इस मौक़े पर दिल्ली एवं देश के बाज़ारों मे लगभग 22 हजार करोड़ रुपए का व्यापार होने की उम्मीद है. पिछले वर्ष यह आंकड़ा लगभग 15 हजार करोड़ रुपए से अधिक का था. चाँदनी चौक से सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वोकल फॉर लोकल अभियान के तहत करवा चौथ पर लोग भारत में तैयार किए गए सामान को खरीदने पर जोर दे रहे हैं. पिछले दो दिनों से देश के बाज़ारों में इस पर्व की ख़रीदारी को लेकर जोश बना हुआ है. कपड़ों, ज्वैलरी से लेकर श्रृंगार-कॉस्मेटिक्स का सामान, गिफ्ट आइट्म्स, पूजा के आइटम्स की जमकर शॉपिंग की जा रही है.
सिर्फ दिल्ली में होगा ₹4000 करोड़ का बिजनेस
दिल्ली और अन्य जगहों के बाजारों में भीड़ नजर आ रही है. पुरुष और महिलाएं दोनों ही इस पर्व के लिए सक्रिय रूप से खरीदारी कर रहे हैं. पिछले वर्ष की तुलना में, बाजार इस बार और भी बेहतर दिखाई दे रहे हैं. व्यापारियों के अनुसार, करवा चौथ के दौरान देशभर में लगभग 22,000 करोड़ रुपये का व्यापार होने की संभावना है. सिर्फ दिल्ली में ही बिक्री लगभग 4,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है. यह आंकड़ा इस अवसर पर पहले के बिक्री रिकॉर्ड्स को तोड़ देगा.
पूजा से जुड़े तमाम प्रोडक्ट की हो रही बिक्री
खंडेलवाल ने बताया कि खरीदारी में गहने, कपड़े, मेकअप प्रोडक्ट, साड़ियां, पूजा कैलेंडर और करवा, छलनी, दीपक, बत्तियां जैसी पूजा से जुड़ी सामग्रियां शामिल हैं. अधिकांश महिलाएं करवा चौथ की कहानी की पुस्तक और दीपक भी खरीदती हैं. इसके अतिरिक्त, लाल कांच की चूड़ियां, पायल, बिछिया, लॉकेट और तमाम तरह के डिज़ाइन की करवा थालियां भी लोकप्रिय हैं. इस साल बाजार में चांदी के करवा भी उपलब्ध हैं, जिनकी मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है.
श्रृंगार-कॉस्मेटिक्स का बाजार भी खूब फल-फूल रहा
उन्होंने आगे कहा कि करवा चौथ पर मेहंदी लगाना बेहद शुभ माना जाता है, जिससे इसके लिए एक बड़ा बाजार भी है. मेहंदी कलाकार बाजारों, मंदिरों और सार्वजनिक स्थानों पर अपनी दुकानें लगाते हैं, जहां महिलाएं मेहंदी लगवाने के लिए लंबी कतारों में खड़ी रहती हैं. दिल्ली के कनॉट प्लेस का हनुमान मंदिर इस तरह का एक प्रमुख स्थल है, जहां हजारों महिलाएं मेहंदी लगवाने आती हैं.
इस मौके पर ब्यूटी पार्लर्स ने भी खास व्यवस्था की है और कई कलाकारों को घरों में निजी सत्रों के लिए बुलाया जा रहा है, जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों शामिल होते हैं. करवा चौथ व्यापार के लिए एक बड़ा अवसर देता है. पारंपरिक रूप से, इस समय से शादी के मौसम के लिए सोने के गहनों की बुकिंग भी शुरू होती है, जो नवंबर में शुरू होती है.