Emcure Pharma की शेयर मार्केट में शानदार लिस्टिंग, निवेशकों को हुुआ तगड़ा मुनाफा

फार्मा सेक्टर की इस कंपनी के शेयर आज NSE और BSE पर लिस्ट हो गए हैं. IPO प्राइस के मुकाबले शेयर का भाव प्रीमियम पर लिस्ट हुआ.

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Wednesday, 10 July, 2024
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शार्कटैंक जज नमिता थापर की कंपनी Emcure Pharma के शेयर आज दोनों एक्सचेंजों यानी नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्ट हो गए हैं. कंपनी के शेयर BSE पर 31.45% प्रीमियम के साथ 1325.05 पर लिस्ट हुए. वहीं, NSE पर 31.45% प्रीमियम के साथ 1325.05 पर लिस्ट हुए. एमक्योर ने आईपीओ का प्राइस बैंड 960-1,008 रुपये प्रति शेयर तय किया है. एमक्योर फार्मा के आईपीओ को 67.87 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था.

IPO से ₹1952 करोड़ जुटाए

3 से 5 जुलाई के बीच ये IPO खुला था, जिसे निवेशकों से जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला था. क्वॉलिफाईड इंस्टीट्यूशन बायर्स (QIBs) ने इस IPO को 191 गुना सब्सक्राइब किया है. ₹1952.03 करोड़ के इस IPO में QIBs के लिए 1.37 करोड़ शेयर ऑफर किए गए थे. आईपीओ के जरिए फार्मा कंपनी ₹800 करोड़ के फ्रेश शेयर जारी कर रही है. साथ ही ₹1,152.03 करोड़ के 1.14 करोड़ शेयर का ऑफर-फॉर-सेल (OFS) है. OFS के जरिए कंपनी के मौजूदा प्रोमोटर सतीश रमनलाल मेहता, सुनील रजनीकांत मेहता, नमिता विकास थापर और समीत सतिश मेहता अपनी हिस्से के कुछ शेयर बेचेंगे.

कितना हुआ था सब्सक्राइब?

इस आईपीओ को कुल 67.87 गुना सब्सक्राइब किया गया है. रिटेल कैटेगरी के निवेशकों ने इसे 7.36 गुना सब्सक्राइब किया है. जबकि, NII कैटेगरी में 49.32 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. कर्मचारियों के लिए रिजर्व रखे गए हिस्से को 8.81 गुना सब्सक्राइब किया गया है. ब्रोकरेज ने दूसरी लिस्टेड कंपनियों के मुकाबले IPO के लिए वाजिब वैल्युएशन के आधार पर इसे सब्सक्राइब करने की सलाह दी थी. 16 ब्रोकरेज फर्म्स ने इस निवेशकों को इस सब्सक्राइब करने की राय रखी थी.

एंकर निवेशकों से मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स

IPO खुलने से पहले कंपनी ने एंकर निवेशकों से 582.6 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. बड़े एंकर निवेशकों की लिस्ट में Abu Dhabi Investment Authority, Goldman Sachs और Morgan Stanley जैसे नाम है. इसके अलावा SBI, HDFC, ICICI Prudential, Whiteoak Capital, Aditya Birla Sun Life Trustee, Axis, Kotak, Nippon Life India, Mirae, Franklin India, UTI, Canara Robeco, और Motilal Oswal ने भी एंकर बुक में हिस्सा लिया है. एंकर निवेशकों के लिए 50% का लॉक-इन पीरियड 30 दिन यानी 7 अगस्त 2024 तक है. जबकि, पूरा एंकर लॉक-इन पीरियड 90 दिन बाद यानी 6 अक्टूबर 2024 को खत्म होगा.
 


छह साल में तीसरी बार बोनस शेयर देने जा रही ये कंपनी, इन बड़े निवेशकों के पास भी है हिस्सेदारी

मल्टीबैगर कंपनी Raghav Productivity Enhancers ने 1:1 के रेशियो में बोनस शेयर देने का ऐलान किया है. कंपनी ने बोनस शेयर की रिकॉर्ड डेट की घोषणा भी कर दी है. 

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Monday, 21 October, 2024
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स्मॉलकैप कंपनी राघव प्रॉडक्टिविटी एन्हैंसर्स (Raghav Productivity Enhancers) के शेयर में सोमवार को जबरदस्त उछाल देखने को मिली है. कंपनी के शेयर अपने 52 हफ्ते के हाई के बिल्कुल करीब पहुंच गए हैं. दरअसल, कंपनी के शेयर में ये उछाल शेयरहोल्डर्स को बोनस शेयर देने की घोषणा करने के बाद देखने को मिली है. कंपनी ने 1:1 के रेशियो में बोनस शेयर बांटने की घोषणा की है. इसका मतलब है कि कंपनी हर शेयर पर 1 बोनस शेयर देगी. आपको बता दें, इस कंपनी में कई दिग्गजों ने भी निवेशक किया हुआ है. 

कंपनी कब बांटेगी बोनस शेयर?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कंपनी ने 1 शेयर पर 1 बोनस शेयर बांटने की घोषणा की है. कंपनी ने बोनस शेयर की रिकॉर्ड डेट 15 नवंबर 2024 के लिए तय की है. बता दें, कंपनी ने पिछले करीब 6 साल में तीसरी बार बोनस शेयर बांटने जा रही है. इससे पहले स्मॉलकैप कंपनी ने मई 2018 में 2:5 के रेशियो में बोनस शेयर दिए थे. यानी, कंपनी ने हर 5 शेयर पर 2 बोनस शेयर बांटे. अगस्त 2023 में 1:1 के रेशियो में बोनस शेयर दिया. 

4 साल में शेयरों में 1500 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी
कंपनी के शेयर सोमवार यानी 21 अक्टूबर 2024 को 7. 60 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,357 रुपये पर बंद हुआ. बता दें. इस कंपनी के शेयर में पिछले 4 साल में 1500 पर्सेंट से अधिक का उछाल देखने को मिला है. स्मॉलकैप कंपनी के शेयर 23 अक्टूबर 2020 को 79 रुपये पर थे. राघव प्रॉडक्टिविटी एन्हैंसर्स के शेयर 21 अक्टूबर 2024 को 1321 रुपये पर जा पहुंचे हैं. पिछले 3 साल में कंपनी के शेयरों में 245 पर्सेंट से अधिक की तेजी देखने को मिली है. वहीं, पिछले एक साल में कंपनी के शेयर 95 पर्सेंट से ज्यादा उछल गए हैं.

इन दिग्गजों ने किया है निवेश 
कई दिग्गज इनवेस्टर्स ने राघव प्रॉडक्टिविटी एन्हैंसर्स पर दांव लगाया हुआ है. रेखा झुनझुनवाला के पास राघव प्रॉडक्टिविटी एन्हैंसर्स के 11,02,852 शेयर हैं. कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 4.80 प्रतिशत है. दिग्गज निवेशक आशीष कचौलिया के पास कंपनी के 4,63,366 शेयर या कंपनी में 2.02 प्रतिशत हिस्सेदारी है. मुकुल महावीर अग्रवाल के पास राघव प्रॉडक्टिविटी एन्हैंसर्स के 3,56,148 शेयर हैं. कंपनी में उनकी हिस्सेदारी 1.55 प्रतिशत है.


 


फ्लाइट में बम की अफवाह फैलाने वालों की अब नहीं खैर! भारी जुर्माने के साथ मिलेगी सजा

मिनिस्टर ऑफ सिविल एलिएशन ऑफ इंडिया राम मोहन नायडू ने कई डोमेस्टिक और इंटरनेशनल फ्लाइट में बम की झूठी कॉल के मामले पर प्रतिक्रिया दी है. सरकार ऐसे लोगों पर अब कार्रवाई करने की योजना बना रही है.

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Monday, 21 October, 2024
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सरकार ने फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी देने वालों पर सख्त कार्रवाई करने की घोषणा की है. दरअसल, पिछले एक हफ्ते में करीब 100 फ्लाइट को बम से उड़ाने की धमकी मिली है. इनमें से सभी धमकियां फर्जी थीं और इनके चलते उड़ान में काफी देरी हुई. इस मामले को सरकार ने अब गंभीरता से लिया है. सरकार का कहना है कि यात्रियों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है, लेकिन, इस तरह का फर्जी कॉल करके पैनिक क्रिएट करने वालों के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा. इसके लिए नियमों में जरूरी बदलाव भी किए जाएंगे. तो चलिए जानते हैं सरकार ने इसे लेकर क्या घोषणा की है?

24 घंटे के भीतर 11 विमानों को मिली बम से उड़ाने की धमकी
मिनिस्टर ऑफ सिविल एलिएशन ऑफ इंडिया राम मोहन नायडू ने बताया कि फोन कॉल आने की शुरुआत के बाद से हितधारकों के साथ कई बैठकें की गई हैं. अब विमान (सुरक्षा) नियमों में संशोधन पर विचार हो रहा है. इसका मकसद इस तरह की धमकियां देने वाले लोगों की पहचान करना और उन्हें नो-फ्लाई लिस्ट में डालना है. इस तरह की फर्जी धमकियों की बाढ़ आ गई है. 19 अक्टूबर को तो 24 घंटे के भीतर 11 विमानों में बम होने की धमकी मिली थी.

एक्शन मोड में सरकार
राम मोहन नायडू ने कहा है कि सरकार SUASCA एक्ट में संशोधन को लेकर दूसरे मंत्रालयों के साथ भी चर्चा कर रही है. सरकार इसे संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाना चाहती चाहती है. उन्होंने कहा कि हम यात्रियों की सुरक्षा के साथ भी किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे. हमारा पूरा ध्यान स्थिति का आकलन करने पर क्योंकि यह बहुत ही नाजुक मसला है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अब से ऐसे फोन कॉल करने वालों को नो-फ्लाई सूची में डालने के साथ ही जुर्माना और सजा का प्रावधान किया जाएगा.  

विदेशों से आ रही अधिकतर थ्रेट कॉल्स 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार विमानों में बम की हॉक्स कॉल के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय में उच्चस्तरीय बैठक भी हुई. इसमें गृह सचिव ने सीआईएसएफ के DG और BCAS के DG से थ्रेट कॉल पर पूरी जानकारी ली. मीटिंग में BCAS DG और CISF ने जांच की स्टेटस रिपोर्ट भी दी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अधिकतर थ्रेट कॉल्स विदेशों से आ रही हैं.

एयरलाइंस कंपनियां भी हैं परेशान
विमान कंपनियां बम की धमकी वाले फर्जी फोन कॉल से काफी परेशान हैं. इससे फ्लाइट में काफी डिले होता है और यात्रियों को भी असुविधा होती है. यही वजह है कि एयरलाइंस भी इस तरह के फोन कॉल से निपटने के लिए सख्त नियम बनाने की वकालत कर रही हैं. उनका यह भी सुझाव है कि फर्जी बम धमकियों के कारण उन्हें होने वाले नुकसान की भरपाई आरोपियों से की जानी चाहिए.


Reliance Infra जुटाएगी 6,000 करोड़ रुपये, शेयरधारकों से मिली मंजूरी, जानिए क्या है प्लान

रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के निदेशक मंडल ने 19 सितंबर को 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी.

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Monday, 21 October, 2024
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बीते कुछ महीनों से अनिल अंबानी के अच्छे दिन शुरु हो गए हैं, इसकी वजह है अनिल अंबानी की दो कंपनियां. अनिल अंबानी की ये दो कंपनियां हैं रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर. ये दोनों कंपनियां कर्जमुक्त हो चुकी है. अब दिवाली से ठीक पहले रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर एक और खुशखबरी आई है. दरअसल रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर के शेयरधारकों ने शेयरों के क्यूआईपी के जरिए 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की कंपनी की योजना को मंजूरी दे दी है.

कंपनी ने खुद दी जानकारी

कंपनी ने शेयर बाजार को दी जानकारी में बताया कि दोनों प्रस्तावों को शेयरधारकों की मंजूरी मिल गई है, जिसमें डाक मतपत्र के माध्यम से प्रस्तावों के पक्ष में 98 प्रतिशत से अधिक मतदान हुआ है. रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के निदेशक मंडल ने 19 सितंबर को 6,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना को मंजूरी दी थी. इसमें से 3,014 करोड़ रुपये शेयरों या परिवर्तनीय वारंट के तरजीही आवंटन के जरिए जुटाए जाने थे, जबकि 3,000 करोड़ रुपये क्यूआईपी के जरिए जुटाए जाएंगे.

ऐसे होगा विस्तार

पहले चरण में, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर 240 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य पर 12.56 करोड़ इक्विटी शेयर या परिवर्तनीय वारंट जारी करके 3,014 करोड़ रुपये का तरजीही नियोजन शुरू कर रहा है. इसमें से 1,104 करोड़ रुपये रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के प्रवर्तकों द्वारा प्रवर्तक कंपनी राइजी इनफिनिटी प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से निवेश किए जाएंगे. राइजी 4.60 करोड़ शेयर खरीदेगी. तरजीही निर्गम में भाग लेने वाले दो अन्य निवेशक मुंबई स्थित फॉर्च्यून फाइनेंशियल एंड इक्विटीज सर्विसेज और फ्लोरिंट्री इनोवेशन एलएलपी हैं. फ्लोरिंट्री का स्वामित्व ब्लैकस्टोन के पूर्व कार्यकारी मैथ्यू साइरियाक के पास है, जबकि फॉर्च्यून फाइनेंशियल का स्वामित्व निमिश शाह के पास है.

नेटवर्थ बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये होगी

इस प्रेफरेंशियस इश्यू से रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर की नेटवर्थ 9,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 12,000 करोड़ रुपये हो जाने की उम्मीद है, जिससे इसका कर्ज काफी कम हो जाएगा. इससे मिलने वाली राशि का इस्तेमाल सब्सिडियरीज और ज्वाइंट वेंचर में निवेश सहित बिजनेस ऑपरेशन का विस्तार करने के लिए किया जाएगा, साथ ही लॉन्गटर्म वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को भी पूरा किया जाएगा.
 

 

आ रहा एक और धांसू IPO, HDB Financial Services को मिली बोर्ड की मंजूरी, इतना होगा साइज

एचडीएफसी बैंक की एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज में 94.6 फीसदी हिस्सेदारी है. इस आईपीओ के जरिए वह अपनी हिस्सेदारी भी कम करेगा.

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Monday, 21 October, 2024
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देश का सबसे बड़ा ऋणदाता HDFC bank की यूनिट HDB Financial Services जल्द अपना IPO लेकर आ रही है. इस सर्वाजनिक इश्यू के लिए बोर्ड को हरी झंडी मिल गई है. यह आईपीओ 12,500 करोड़ रुपये का होगा, जिसमें एचडीएफसी बैंक की 10,000 करोड़ की हिस्सेदारी बेचेगा. आईपीओ के तहत, फ्रेश इक्विटी बिक्री 2,500 करोड़ रुपये की होगी, जिससे इश्यू का कुल साइज करीब 12,500 करोड़ रुपये हो जाएगा. इससे पहले, एचडीएफसी बैंक के बोर्ड ने एचडीबी फाइनेंशियल को सार्वजनिक करने को मंजूरी दे दी थी.

HDFC ग्रुप की तरफ से 6 साल बाद आ रहा IPO

एचडीएफसी बैंक ने कहा कि आईपीओ से जुड़ी जानकारियां कुछ दिनों बाद दी जाएंगी. पिछले महीने ही एचडीएफसी बैंक ने एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज के आईपीओ को मंजूरी दी थी. इस आईपीओ में 2,500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू और 10 हजार करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल भी होगा. यह एचडीएफसी ग्रुप की तरफ से 6 साल बाद कोई आईपीओ आ रहा है. एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की स्थापना 2007 में हुई थी. यह कंपनी सिक्योर्ड और अनसिक्योर्ड लोन उपलब्ध कराती है. इसकी देशभर में करीब 1,680 ब्रांच हैं.

RBI के नए नियमों की वजह से करनी पड़ रही लिस्टिंग 

एचडीएफसी बैंक को एचडीबी फाइनेंशियल सर्विसेज की लिस्टिंग आरबीआई (RBI) के नए नियमों की वजह से करनी पड़ रही है. आरबीआई ने साल 2022 में आदेश दिया था कि देश की सभी अपर लेयर एनबीएफसी (NBFC) को सितंबर, 2025 तक स्टॉक मार्केट पर लिस्ट करना ही होगा. इसके चलते कई बड़ी एनबीएफसी को आईपीओ की तैयारी करनी पड़ रही है. इनमें टाटा संस (Tata Sons) जैसी दिग्गज कंपनी भी शामिल थी. मगर, उन्होंने अपना एनबीएफसी लाइसेंस सरेंडर कर दिया है.

इस साल 269 कंपनियों ने मार्केट से 12.57 अरब डॉलर जुटाए

इस साल आईपीओ की बहार आई हुई है. अब तक करीब 269 कंपनियां अपने आईपीओ ला चुकी हैं. इन्होंने मार्केट से 12.57 अरब डॉलर जुटाए हैं. पिछले साल कंपनियों ने आईपीओ के जरिए मार्केट से 7.42 अरब डॉलर जुटाए थे. बड़ी कंपनियों में बजाज ग्रुप की बजाज हाउसिंग फाइनेंस (Bajaj Housing Finance) की लिस्टिंग हो चुकी है. साथ ही अभी हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) का 3.3 अरब डॉलर का आईपीओ खुला हुआ है.
 

 

प्राइवेट सेक्टर को पसंद आ रहा NPS, बीते वित्त वर्ष में 9 लाख से अधिक कर्मचारी जुड़े      

पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) निजी सेक्टर के अधिक से अधिक लोगों को एनपीएस से जोड़ने की तैयारी कर रहा है.

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Monday, 21 October, 2024
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अगर आप नौकरीपेशा हैं और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) से जुड़े हैं या जुड़ने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, रिटर्न दर और बुढ़ापे में पेंशन की सुविधा को देखते हुए निजी सेक्टर को अब एनपीएस पसंद आने लगी है. एनपीएस सीनियर सिटिजन को पेंशन सुविधा देने में काफी मददगार हो सकती है. एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में प्राइवेट सेक्टर के 9.12 लाख लोग नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) से जुड़े हैं. वहीं, अभी सरकारी और निजी सेक्टर को मिलाकर एनपीएस से 1.54 करोड़ लोग जुड़े हैं.

पिछले साल की तुलना में 15 प्रतिशत बढ़े प्राइवेट सेक्टर के लोग
प्राइवेट सेक्टर की एनपीएस में रूचि ज्यादा बढ़ रही है. पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में निजी सेक्टर के 9.12 लाख लोग एनपीएस से जुड़े, जो उससे पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक है. अभी सरकारी और निजी सेक्टर को मिलाकर एनपीएस से 1.54 करोड़ लोग जुड़े हुए हैं, जिनमें 94 लाख सरकारी (केंद्र व राज्य मिलाकर) तो 60 लाख निजी सेक्टर के कर्मचारी शामिल हैं. सरकारी कर्मचारियों के लिए वर्ष 2004 में एनपीएस की शुरुआत की गई थी जबकि निजी सेक्टर के लिए पांच साल के बाद वर्ष 2009 में एनपीएस को खोला गया था.

निजी सेक्टर के 11 लाख कर्माचारियों को एनपीएस से जोड़ने का लक्ष्य
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA) भी अब निजी सेक्टर के अधिक से अधिक लोगों को एनपीएस से जोड़ने की तैयारी कर रहा है ताकि उन्हें 60 साल के बाद पेंशन के रूप में अच्छी रकम मिलती रहे. चालू वित्त वर्ष 2024-25 में पीएफआरडीए ने 11 लाख निजी सेक्टर के कर्मचारियों को एनपीएस से जोड़ने का लक्ष्य रखा है. वर्तमान में देश में 11 प्रतिशत लोग 60 साल से अधिक आयु के हैं और वर्ष 2050 तक उनकी हिस्सेदारी 21 प्रतिशत से अधिक हो जाएगी. एनपीएस इन लोगों को सम्मानित पेंशन सुविधा देने में काफी मददगार हो सकती है.

इसलिए आकर्षित हो रहे निजी सेक्टर के कर्मचारी
पेंशन को लेकर सजग निजी सेक्टर के कर्मचारी मुख्य रूप से एनपीएस की रिटर्न दर को देख इस ओर तेजी से आकर्षित हो रहे हैं. पिछले तीन सालों में पेंशन फंड का इक्विटी रिटर्न औसतन हर साल 20 प्रतिशत तो पिछले बीस सालों में एनपीएस का औसतन इक्विटी रिटर्न हर साल 14 प्रतिशत का रहा है. बता दें, पिछले तीन सालों में एनपीएस का कारपोरेट बांड रिटर्न 7 प्रतिशत तो सरकारी सिक्युरिटीज रिटर्न 9 प्रतिशत से अधिक रहा है. 

यहां लगाया जाता है एनपीएस का फंड
एनपीएस के तहत कर्मचारियों का योगदान इक्विटी, बांड, सिक्युरिटीज जैसी जगहों पर लगाया जाता है और उस रिटर्न से व्यक्तिगत रूप से कर्मचारियों का फंड तैयार होता है. ऊंचे रिटर्न की वजह से एनपीएस का कुल फंड 13 लाख करोड़ को छूने वाला है जिसमें पिछले एक साल में 28 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है.

75 साल की उम्र तक जारी रहता है एनपीएस फंड
एनपीएस से जुड़ने वाले कर्मचारी 60 साल की उम्र के बाद अपने कुल फंड के 40 प्रतिशत हिस्से से खुद और अपनी पत्नी के लिए आजीवन पेंशन की खरीदारी कर सकते हैं. बाकी के 60 प्रतिशत राशि को एकमुश्त रूप में वे हासिल कर सकते हैं. कोई चाहे तो वह 75 साल की उम्र तक एनपीएस फंड को जारी रख सकता है. मात्र 1000 रुपये सालाना योगदान से एनपीएस फंड की शुरुआत हो सकती है.


5-Days वर्किंग पॉलिसी के समर्थन में अब Amazon वेब सर्विसेज के सीईओ ने कही ये बात...

अमेजन की इस 5-Days वर्किंग पॉलिसी ने कई कर्मचारियों को निराश कर दिया है. वहीं, अब Amazon वेब सर्विसेज के सीईओ ने भी इस पॉलिसी का समर्थन कर दिया है.  

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Monday, 21 October, 2024
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अमेजन का क्लाउड डिवीजन अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) के सीईओ मैट गार्मन (Matt Garman) ने 5 Days वर्किंग पॉलिसी का समर्थन करते हुए एक बयान जारी किया है. दरअसल, सितंबर में अमेजन के सीईओ एंडी जेसी ने रिटर्न टू ऑफिस (RTO) पॉलिसी के तहत जनवरी 2025 से कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन ऑफिस में आने की बात कही है. इस फैसले के बाद अमेजन के कई कर्मचारी निराश हैं. ऐसे में अब मैट गार्मन ने भी एस पॉलिसी का समर्थन किया है और कर्मचारियों ने कहा है कि जो लोग इससे सहमत नहीं हैं, वे कहीं और नौकरी तलाश सकते हैं.

10 में से 9 कर्मचारियों ने किया पॉलिसी का समर्थन 
अमेजन वेब सर्विसेज (AWS) के लिए एक सर्व-कार्यकारी बैठक के दौरान गार्मन ने कहा कि उन्होंने जिन दस कर्मचारियों से बात की, उनमें से नौ इस नीति के पक्ष में हैं, जो जनवरी में लागू होने वाली है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के दूर से काम करने से सहयोग और इनोवेशन में बाधा आती है, इसके बाद उन्होंने संकेत दिया कि जो लोग इसका पालन नहीं करना चाहते, वे जाने के लिए स्वतंत्र हैं. गार्मन ने कहा है कि अगर ऐसे लोग हैं, जो उस माहौल में ठीक से काम नहीं करते और काम नहीं करना चाहते, तो कोई बात नहीं; आस-पास दूसरी कंपनियां भी हैं. मेरा मतलब ये नहीं है कि मैं इसे गलत तरीके से कह रहा हूं, और भी जगह हैं, लेकिन अमेजन में हम ऐसे माहौल में रहना चाहते हैं जहां सभी लोग मिलकर काम करें. 

कर्मचारियों ने दिया ये तर्क
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस पॉलिसी से अमेजन के कई कर्मचारी निराश हैं, उनका तर्क है कि कार्यालय आने से आने-जाने में समय बर्बाद होता है और कार्यालय में काम करने के लाभों में स्वतंत्र समर्थन का अभाव होता है. रिपोर्ट के अनुसार, कुछ कर्मचारी जिन्होंने पहले पॉलिसी का अनुपालन नहीं किया था, उन्हें सूचित किया गया कि वे "स्वेच्छा से इस्तीफा दे रहे हैं" और बाद में उन्हें कंपनी सिस्टम से बाहर कर दिया गया. वॉलमार्ट के बाद दुनिया के दूसरे सबसे बड़े निजी नियोक्ता के रूप में अमेजन ने ऑफिस में लौटने के मामले में अपने कई तकनीकी समकक्षों जैसे कि गूगल, मेटा और माइक्रोसॉफ्ट, की तुलना में अधिक सख्त रुख अपनाया है, जिनकी दो से तीन दिन की कार्यालय में उपस्थिति की पॉलिसी है. 

अगले साल 14 हजार कर्मचारियों की हो सकती है छंटनी
गार्मन ने कहृ कि मैं वास्तव में इस बदलाव को लेकर काफी उत्साहित हूं. उन्होंने स्वीकार किया कि हर कोई उनके उत्साह को साझा नहीं करता. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कंपनी के उद्देश्यों को प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वर्तमान में केवल तीन दिन ही कार्यालय में काम करने की आवश्यकता है. इस बीच एक और खबर सामने आई है, जिसके अनुसार अमेजन अगले साल की शुरुआत में 14,000 प्रबंधकीय पदों में कटौती करने जा रहा है, जो सालाना 3 बिलियन डॉलर बचाने की योजना का हिस्सा है. यह पहल सीईओ एंडी जेसी की रणनीति के अनुरूप है, जिसमें मार्च 2025 तक प्रबंधकों के लिए व्यक्तिगत योगदानकर्ताओं के अनुपात को कम से कम 15 प्रतिशत बढ़ाकर परिचालन दक्षता को बढ़ाना है.


 


मोदी सरकार का बड़ा फैसला, PM Internship Scheme को CPSE के CSR खर्च में किया शामिल

इस योजना की घोषणा वित्त मंत्री ने बजट में की थी. इस योजना के तहत टॉप 500 कंपनियां 21-24 वर्ष की आयु के युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेंगी.

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Monday, 21 October, 2024
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केंद्र सरकार ने पीएम इंटर्नशिप स्कीम (PM Internship Scheme) को तेजी देने के लिए बड़ा फैसला लिया है. अब पब्लिक सेक्टर कंपनियां अपना सीएसआर (CSR) का पैसा सरकार की इस महत्वाकांक्षी स्कीम पर खर्च कर सकेंगे. इसके लिए सरकार ने पब्लिक सेक्टर कंपनियों के लिए चालू वित्त वर्ष की कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी गाइडलाइन्स में संशोधन किया है. अब इन कंपनियों के सीएसआर में सामान्य विषय या थीम के रूप में प्रधानमंत्री इंटर्नशिप स्कीम भी शामिल रहेगी.

CSR फंड का 60 फीसदी पैसा खर्च कर सकेंगी कंपनियां 

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, हर साल अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए पब्लिक सेक्टर कंपनियां कोई थीम या विषय तय करती हैं. इस थीम पर ही उन्हें अपने सीएसआर फंड का 60 फीसदी पैसा खर्च करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हमने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सीएसआर के लिए सामान्य विषय के रूप में ‘हेल्थ और न्यूट्रिशन’ में पीएम इंटर्नशिप स्कीम को जोड़ा है. अब पब्लिक सेक्टर कंपनियां इस वित्त वर्ष में अपने सीएसआर फंड का 60 फीसदी इन्हीं चीजों पर खर्च कर सकेंगी.

1.25 लाख युवाओं को इस साल दी जानी है इंटर्नशिप 

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने इस महीने की शुरुआत में इंटर्नशिप स्कीम के तहत कंपनियों के साथ-साथ इंटर्न का भी रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है. इस स्कीम के तहत 5 साल में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप दी जानी है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत 12 महीने की इंटर्नशिप 2 दिसंबर से शुरू होने वाले है. इस पर करीब 800 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में 1.25 लाख युवाओं को इसके तहत लाने का लक्ष्य है.

वित्त मंत्री ने बजट में लॉन्च की थी यह स्कीम 

पीएम इंटर्नशिप स्कीम की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बजट में की थी. इस योजना के तहत टॉप 500 कंपनियां 21 से 24 वर्ष के युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेंगी. साथ ही उन्हें लाइफ इंश्योरेंस भी दिया जाएगा. एक वर्ष के लिए 5,000 रुपये की मासिक वित्तीय सहायता के अलावा इंटर्न के लिए 6,000 रुपये का एकमुश्त अनुदान दिया जाएगा. मासिक सहायता में सरकार द्वारा 4,500 रुपये और कंपनी द्वारा अपने सीएसआर फंड से 500 रुपये दिए जाएंगे.
 

 

अदार पूनावाला ने Dharma Production में खरीदी 50% हिस्सेदारी, इतने करोड़ में हुई डील

डील की बात कंपनी ने एक प्रेस रिलीज में कही है. करण जौहर धर्मा में शेष 50 फीसदी हिस्सेदारी अपने पास रखेंगे.

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Monday, 21 October, 2024
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एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री से बड़ी खबर आ रही है. वैक्सीन निर्माता और अरबपति कारोबारी अदार पूनावाला जल्द ही करन जौहर के धर्मा प्रोडक्शन में 50 प्रतिशत के हिस्सेदार बन जाएंगे. जी हां, सीरम इंस्टीट्यूटर ऑफ इंडिया के CEO अदार पूनावाला 1000 करोड़ रुपये में करन जौहर के फिल्म और टेलिविज़न प्रोडक्शन व डिस्ट्रीब्यूशन फ्लैगशिप का 50 प्रतिशत हिस्सा खरीदने जा रहे हैं. कंपनी ने इसकी जानकारी प्रेस रिलीज के जरिए दी है.

दोनों के बीच हुई रणनीतिक साझेदारी

प्रेस रिलीज में कहा गया है कि सेरेन प्रोडक्शंस और धर्मा के बीच यह रणनीतिक साझेदारी, धर्मा की समृद्ध विरासत को अदार पूनावाला की रणनीतिक सूझबूझ और संसाधनों के साथ जोड़कर अवसरों का लाभ उठाने के लिए की गई है. अदार पूनावाला ने कहा कि मैं अपने दोस्त करण जौहर के साथ देश के सबसे प्रतिष्ठित प्रोडक्शन हाउस में से एक के साथ साझेदारी करने का अवसर पाकर बहुत खुश हूं. हमें उम्मीद है कि हम धर्मा को आगे बढ़ाएंगे. साथ ही आने वाले वर्षों में और भी अधिक ऊंचाइयों को छुएंगे.

करण जौहर ने इस साझेदारी पर क्या कहा?

धर्मा प्रोडक्शंस के चेयरमैन करण जौहर ने साझेदारी पर कहा कि धर्मा प्रोडक्शंस की शुरुआत से ही हम भारतीय संस्कृति की भावनात्मक कहानियों को दिखाने के लिए जाने जाते हैं. मेरे पिता का सपना था ऐसी फिल्में बनाना जो लोगों के दिलों पर गहरा असर छोड़ें, और मैंने अपने करियर में उसी सपने को और आगे बढ़ाने का काम किया है. आज, जब हम आदर के साथ मिलकर काम कर रहे हैं, जो मेरे करीबी दोस्त और एक बेहतरीन इनोवेटर हैं, तो हम धर्मा की विरासत को और ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं. यह साझेदारी हमारी भावनात्मक कहानियों और आगे की सोच के साथ बिजनेस रणनीतियों का बेहतरीन मेल है.

करन जौहर के पास रहेगी 50% हिस्सेदारी

बता दें कि Serene Productions के तहत अदार पूनावाला यह निवेश अपनी पर्सनल कैपेसिटी में कर रहे हैं. सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ 1000 करोड़ रुपये की बड़ी डील में धर्मा का आधा हिस्सा खरीदेंगे. बाकी 50 फीसदी हिस्सा धर्मा के पास बरकरार रहेगा. करन जौहर पहले की तरह ही धर्मा प्रोडक्शंस के एग्जिक्युटिव चेयरमैन बने रहेंगे जबकि अपूर्व मेहता भी चीफ एग्जिक्युटिव के पद पर बने रहेंगे.
 

 

Modi के खास बन गए हैं शिवराज सिंह चौहान, PM ने सौंपा ये खास काम!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिवराज सिंह चौहान को एक खास समिति का प्रमुख बनाया है.

Last Modified:
Monday, 21 October, 2024
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शिवराज सिंह चौहान जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब यह चर्चा आम थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनसे नाखुश हैं. ऐसे कई तस्वीरें भी सामने आईं जिनमें शिवराज सिंह से मुलाकात के दौरान  PM मोदी के चेहरे पर गुस्सा नज़र आ रहा था. हालांकि, अब समय बदल गया है. केंद्र सरकार में कृषि मंत्री की भूमिका निभा रहे शिवराज  प्रधानमंत्री मोदी के खास बन गए हैं. यही वजह है कि मोदी ने उन्हें के बेहद महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है. 

हाल ही में हुई बैठक
एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने कृषि मंत्री यानी शिवराज सिंह चौहान को देशभर में सरकार की नई और जारी योजनाओं की समीक्षा का जिम्मा सौंपा है. दरअसल, PM ने एक नई टीम गठित की है, जिसकी कमान शिवराज के पास है. हाल ही में इस संबंध में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई थी, जिसमें सचिव स्तर के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए. चौहान की अगुवाई वाली ये समिति हर महीने प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) समीक्षा बैठक करेगी.

PM ने जताया भरोसा
रिपोर्ट में बताया गया है कि पीएम मोदी ने शिवराज सिंह चौहान को NDA सरकार के अब तक के कार्यकाल की योजनाओं की समीक्षा की जिम्मेदारी सौंपी है. यानी शिवराज 2014 से लेकर अब तक घोषित परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे. हालांकि, सरकार ने इस समिति की जानकारी सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि शिवराज की अध्यक्षता में समिति ने अपना काम शुरू कर दिया है.   गौरतलब है कि पीएम मोदी सरकारी योजनाओं के लागू होने में हो रही देरी को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में उन्होंने शिवराज सिंह को योजनाओं की समीक्षा करने और उनके रास्ते में आने गतिरोध दूर करने की जिम्मेदारी सौंपकर दर्शा दिया है कि उन्हें शिवराज पर कितना भरोसा है. 


पैसा रखें तैयार, इस हफ्ते आने वाली है IPO की बहार, निवेश से पहले जान लें सारी डिटेल्स

इस हफ्ते 9 आईपीओ शेयर बाजार में आ रहे हैं. इसके अलावा हुंडई इंडिया समेत तीन कंपनियों की लिस्टिंग होने वाली है.

Last Modified:
Monday, 21 October, 2024
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शेयर बाजार में चल रही गिरावट की वजह से प्राइमरी मार्केट का मूड खराब होने की कोई संभावना नहीं है. खास बात तो ये है कि 21 अक्टूबर से शुरू होने वाले आने वाले सप्ताह में मेनबोर्ड और SME सेगमेंट से कई IPO आने वाले हैं. जानकारी के अनुसार इस हफ्ते करीब 11 हजार करोड़ रुपए के 9 आईपीओ शेयर बाजार में आ रहे हैं. साथ ही देश के सबसे बड़े IPO हुंडई इंडिया के साथ तीन कंपनियों की लिस्टिंग होने वाली है. आइए आपको भी बताते हैं कि इस हफ्ते कौन-कौन सी कंपनियों में आईपीओ आने वाले हैं…

इस सप्ताह में खुलेंगे 9 नए IPO

•    Premium Plast IPO- 26.20 करोड़ रुपये का यह इश्यू 21 अक्टूबर को खुलेगा और 23 अक्टूबर को बंद होगा. शेयर NSE SME पर 28 अक्टूबर को लिस्ट होंगे. बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 46-49 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 3000 शेयर है.
•    Deepak Builders & Engineers India IPO- यह इश्यू 21 अक्टूबर को खुलकर 23 अक्टूबर को बंद होगा, साइज 260.04 करोड़ रुपये है. बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 192- 203 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 73 शेयर है. शेयर BSE और NSE पर 28 अक्टूबर को लिस्ट होंगे.
•    Waaree Energies IPO- यह भी 21 अक्टूबर को खुलने जा रहा है, कंपनी इससे 4,321.44 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. IPO में 23 अक्टूबर तक पैसे लगाए जा सकेंगे, शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 28 अक्टूबर को होगी. बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 1427-1503 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है, लॉट साइज 9 शेयर रखा गया है.
•    OBSC Perfection IPO- 66.02 करोड़ रुपये का यह इश्यू 22 अक्टूबर को खुलेगा और 24 अक्टूबर को बंद होगा. प्राइस बैंड 95-100 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 1200 शेयर है. IPO क्लोज होने के बाद शेयर NSE SME पर 29 अक्टूबर को लिस्ट होंगे.
•    United Heat Transfer IPO- 30 करोड़ रुपये का यह IPO भी 22 अक्टूबर को ओपन होगा और 24 अक्टूबर को क्लोजिंग होगी. शेयर NSE SME पर 29 अक्टूबर को लिस्ट होंगे, बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 56-59 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 2000 शेयर है.
•    Danish Power IPO- इश्यू 22 अक्टूबर को खुलकर 24 अक्टूबर को क्लोज होगा, साइज 197.90 करोड़ रुपये है. शेयर NSE SME पर 29 अक्टूबर को लिस्ट होंगे, प्राइस बैंड 360-380 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 300 शेयर है.
•    Godavari Biorefineries IPO- 554.75 करोड़ रुपये साइज का इश्यू 23 अक्टूबर को खुलेगा और 25 अक्टूबर को बंद होगा. प्राइस बैंड 334-352 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 42 शेयर रखा गया है. IPO की क्लोजिंग के बाद शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 30 अक्टूबर को होगी.
•    Usha Financial Services IPO- यह 24 अक्टूबर को खुलेगा और 28 अक्टूबर को बंद होगा, कंपनी 98.45 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है. शेयर NSE SME पर 31 अक्टूबर को लिस्ट होंगे, प्राइस बैंड 160-168 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 800 शेयर है.
•    Afcons Infrastructure IPO- 5,430 करोड़ रुपये का IPO 25 अक्टूबर को खुलकर 29 अक्टूबर को क्लोज होगा. शेयर BSE, NSE पर 4 नवंबर को लिस्ट हो सकते हैं, अभी इस IPO का प्राइस बैंड, लॉट साइज घोषित नहीं हुआ है.

इन कंपनियों की होने वाली लिस्टिंग

देश के सबसे बड़े आईपीओ Hyundai Motor India की 22 अक्टूबर को लिस्टिंग होने वाली है. कंपनी के IPO का साइज 27,870 करोड़ रुपए है. विशेषज्ञों के अनुसार, हुंडई मोटर इंडिया के आईपीओ शेयरों की शेयर बाजार में सपाट से नकारात्मक लिस्टिंग देखने की उम्मीद है. एसएमई सेगमेंट में, Lakshya Powertech के शेयर पिछले हफ्ते अपने आईपीओ को 550 गुना से अधिक सब्सक्रिप्शन मिलने के बाद 23 अक्टूबर से एनएसई इमर्ज पर कारोबार करना शुरू कर देंगे. Freshara Agro Exports भी इस सप्ताह 24 अक्टूबर को लिस्ट होगी.
 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).