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भारत की GDP में आएगा ऐसा निखार, चौंधिया जाएंगी US की आंखें; पढ़ें क्या कहती है ये रिपोर्ट
इन्वेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी Goldman Sachs ने अपनी एक रिपोर्ट में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर बड़ा दावा किया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
भारत की तेजी से मजबूत होती अर्थव्यवस्था (India's Economy) से पूरी दुनिया प्रभावित है. कई रिपोर्ट्स में यह बात कही जा चुकी है कि आर्थिक लिहाज से भारत का भविष्य अच्छा है. अब गोल्डमैन सैश (Goldman Sachs) ने अपनी रिपोर्ट में ऐसी बात कही है, जिसे सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा. इस रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए भारत 2075 तक दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.
फिलहाल ये है स्थिति
गोल्डमैन सैश का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था 2075 तक 52.5 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी, जो इसकी वर्तमान GDP का 15 गुना है. 2075 तक अमेरिका 51.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर आ जाएगा, जबकि चीन की अर्थव्यवस्था हावी हो जाएगी. चीन की GDP 57 ट्रिलियन डॉलर पहुंच जाएगी. इसी तरह, जापान 7.5 ट्रिलियन डॉलर के साथ पांचवें और यूरोप 30.3 ट्रिलियन डॉलर के साथ चौथे स्थान पर रहेगा. बता दें कि फिलहाल भारत 3.2 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. वह अमेरिका, जापान, चीन और जर्मनी से पीछे है.
लगातार दिखती रही तेजी
यदि गोल्डमैन सैश का यह पूर्वानुमान सच होता है, तो भारत अगले 50 वर्षों के दौरान आर्थिक विकास के मामले में अमेरिका, जापान और जर्मनी से काफी आगे निकल जाएगा. भारत की अर्थव्यवस्था लगातार तेजी से बढ़ रही है. कोरोना काल में भी जब दुनिया के कई देशों की अर्थव्यवस्था डगमगाने लगी, तब भी भारत में स्थिति सामान्य थी. अमेरिका 23.3 लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी के साथ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है, लेकिन वहां के आर्थिक हालात किसी से छिपे नहीं हैं. इस समय चीन 17.7 लाख करोड़ डॉलर के साथ दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तीसरे नंबर पर जापान है, जिसकी GDP 4.9 लाख करोड़ डॉलर है.
बड़े देशों पर निर्भरता होगी कम
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि प्रतिभा और कार्यबल से अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी. रिपोर्ट में यह अनुमान भी लगाया गया है कि अगले 20 वर्षों में भारत का बड़े देशों पर निर्भरता का अनुपात सबसे कम रह जाएगा. गौरतलब है कि 1974 में भारत में 61 करोड़ से अधिक लोग रहते थे और उनमें से 56% गरीब की श्रेणी में आते थे. संयुक्त राष्ट्र (UN) के हालिया आंकड़े बताते हैं कि 2019 और 2021 के बीच भारत की सिर्फ 16.4% आबादी गरीबी में जी रही थी. यूएन के मुताबिक, भारत ने पिछले 16 सालों में 41.5 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकलने में मदद की है.
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