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अंबानी की चिंता बढ़ाने के बाद अब इन कंपनियों की मुश्किलें बढ़ाएंगे अडानी
गौतम अडानी तेजी से अपना बिज़नेस फैला रहे हैं. 5G स्पेक्ट्रम की बोली में शामिल होकर वह पहले ही मुकेश अंबानी की चिंता बढ़ा चुके हैं. अब अडानी ग्रुप ने एल्यूमिना रिफाइनरी लगाने की योजना बनाई है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
रिलायंस इंडस्ट्री के चेयरमैन मुकेश अंबानी की चिंता बढ़ाने वाले गौतम अडानी (Gautam Adani) अब वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड और आदित्य बिड़ला ग्रुप की धड़कनें बढ़ाने जा रहे हैं. उन्होंने मेटल सेक्टर में पैर जमाने का फैसला लिया है और इन्वेस्टमेंट की पूरी योजना भी बना ली है. अडानी समूह ने एक बयान में कहा कि वह बॉक्साइट खदान और लौह अयस्क परियोजना के पास एक एल्युमिना रिफाइनरी स्थापित करेगा. इसकी सालाना उत्पादन क्षमता 40 लाख टन होगी.
5.2 अरब डॉलर का निवेश
एशिया के सबसे अमीर व्यक्ति गौतम अडानी तेजी से अपना बिज़नेस फैला रहे हैं. 5G स्पेक्ट्रम की बोली में शामिल होकर वह पहले ही मुकेश अंबानी की चिंता बढ़ा चुके हैं. अब अडानी ग्रुप ने एल्यूमिना रिफाइनरी (Alumina Refinery) लगाने की योजना बनाई है. मीडिया रिपोर्ट्स बताती हैं कि अडानी एंटरप्राइजेज उड़ीसा में एल्यूमिना रिफाइनरी लगाने जा रही है. इसके लिए कंपनी ने 5.2 अरब डॉलर के निवेश का प्लान तैयार किया है. कंपनी को रायगडा में रिफाइनरी और कैप्टिव पावर प्लांट लगाने की मंजूरी भी मिल गई है.
क्या है एल्यूमिना रिफाइनरी?
अब यह भी समझ लेते हैं कि आखिर एल्यूमिना रिफाइनरी है क्या? एल्युमिना को एल्युमिनियम ऑक्साइड के रूप में भी जानते हैं. यह एल्युमिनियम और ऑक्सीजन का एक कैमिकल कंपाउंड है. बता दें कि समूह ने इस साल की शुरुआत में स्टील और कॉपर प्लांट्स की घोषणा की थी, अब वह मेटल सेक्टर में अपने पैर जमाना चाहता है. यहां यह बताना भी ज़रूरी है कि अडानी एंटरप्राइजेज ने जनवरी में दक्षिण कोरिया की स्टील कंपनी पॉस्को के साथ हाथ मिलाया था. दोनों की भारत में ग्रीन स्टील मिल लगाने की योजना है.
अभी इनका है दबदबा
मेटल सेक्टर की बात करें, तो इस समय भारत में वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड और आदित्य बिड़ला ग्रुप का दबदबा है. ऐसे में अडानी के इसमें उतरने से इन कंपनियों को तगड़ी चुनौती मिलने वाली है. अडानी जिस तेजी और रणनीति से अपना कारोबार कर रहे हैं, उससे उनके लिए मेटल सेक्टर में बड़ा मुकाम हासिल करना मुश्किल नहीं होगा. इसका सीधा मतलब है कि वेदांता और आदित्य बिड़ला ग्रुप को नुकसान उठाना पड़ सकता है. गौतम अडानी का फोकस अपने कारोबार में विविधता लाने पर है. उन्होंने एग्री ट्रेडिंग और पोर्ट बिजनेस से अपना कारोबार खड़ा किया था, इसके बाद से वह नए-नए क्षेत्रों में खुद को स्थापित करते रहे.
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