होम / बिजनेस / भारत में लॉन्च हुई पहली फ्लेक्स फ्यूल कार, जानते हैं क्या होता है फ्लेक्स फ्यूल?
भारत में लॉन्च हुई पहली फ्लेक्स फ्यूल कार, जानते हैं क्या होता है फ्लेक्स फ्यूल?
केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को इस कार को लॉन्च कर दिया. इस कार में 40 प्रतिशत इथेनॉल और 60 प्रतिशत इलैक्ट्रिक का इस्तेमाल किया गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 8 months ago
समूची दुनिया में मौजूद हर देश वैसे तो कई तकनीकों के उपर काम कर रहा है लेकिन उनमें जो सबसे अहम तकनीक है वो है ईंधन की बचत. इसी कड़ी मे भारत में टोयोटा की पहली फ्लेक्स फ्यूल कार का केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उद्घाटन किया. टोयोटा कंपनी की ये कार 40 प्रतिशत इथेनॉल और 60 प्रतिशत इलेक्ट्रिक पर चलती है. ये ऐसी पहली कार है जिसमें ओल्ड स्टार्ट सिस्टम लगाया गया है इसके कारण ये मानइस 15 डिग्री तापमान में भी चल सकती है.
कार में लगा है मेड इन इंडिया इंजन
टोयोटा की इस कार में मेड इन इंडिया इंजन लगा हुआ है. सबसे खास बात ये है कि इथेनॉल पानी को ज्यादा ऑब्जर्व करता है, इससे इंजन में जंक लगने का खतरा बना रहता है. लेकिन इस इंजन को पूरी तरह से वाटर रेसिसटेंट बनाया गया है. इससे जंक लगने की समस्या भी पूरी तरह से खत्म हो गई है. फिलहाल इस इंजन का प्रोटोटाइप बनाया गया है जल्द ही इसका प्रोडक्शन मॉडल भी दुनिया के सामने आ जाएगा.
क्या होती है फ्लेक्स फ्यूल कार?
फ्लेक्स फ्यूल एक तरह की तकनीक है. इस तकनीक के लगने के बाद कार एक से ज्यादा प्रकार के ईंधन से चलने में सक्षम हो जाती है. फ्लेक्स फ्यूल तकनीक को ऐसे भी समझा जा सकता है कि ये किसी भी वाहन को 20 प्रतिशत से ज्यादा इथेनॉल से चलने में सक्षम बना देती है. फ्लेक्स फ्यूल, पेट्रोल, मेथेनॉल या इथेनॉल के मिश्रण से बना एक वैकल्पिक ईंधन है. ये वाहन सामान्य तौर पर वैसे ही होते हैं जैसे दूसरे वाहन होते हैं. लेकिन इनके इंजन और फ्यूल सिस्टम में थोड़ा बदलाव होते है. इस तकनी की शुरुआत 1990 के दशक में हुई थी 1994 में कई कारों में इसे देखने को मिला था.
कैसे बनता है फ्लेक्स फ्यूल ईंधन?
फ्लेक्स फ्यूल ईंधन के तौर पर इथेनॉल को जाना जाता है. इसे गन्ने से मक्के से बनाया जाता है. भारत में इसका उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है, क्योंकि ये फसलें देश में पर्याप्त मात्रा में होती हैं. इथेनॉल की सबसे खास बात ये है कि ये पेट्रोल के मुकाबले काफी सस्ता है. जहां पेट्रोल 100 रुपये लीटर है वहीं इसकी लागत 60 से 70 रुपये तक आती है. इसलिए इसे एक बेहतर विकल्प के तौर पर देखा जा रहा है.
टैग्स