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महंगाई से लड़ाई कठिन है, अभी और लंबी चलेगी: RBI की रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक हेडलाइन कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई, जो सितंबर में 7.4 परसेंट रही थी, अपने चरम पर पहुंच सकती है और आगे जाकर गिर सकती है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: महंगाई को लेकर लड़ाई जल्द खत्म होती नहीं दिख रही है, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक रिपोर्ट में कहा कि महंगाई के खिलाफ लड़ाई लंबी होगी, क्योंकि मॉनिटरी पॉलिसी लंबे और परिवर्तनशील अंतराल के साथ चलती है. रिपोर्ट को रिजर्व बैंक के 28 अधिकारियों ने लिखा है, जिसमें डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा भी शामिल हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लेखकों के अपने विचार हैं, ये रिजर्व बैंक के विचार नहीं है.
महंगाई से लड़ाई अभी लंबी चलेगी
रिजर्व बैंक की ओर से ‘State of the economy’नाम से रिपोर्ट जारी होती है, इस बार इस रिपोर्ट में महंगाई को लेकर लड़ाई को कठिन बताया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ये अनिश्चतताओं से भरी लड़ाई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि, फिर भी, अगर हम सफल होते हैं, तो हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में भारत की संभावनाओं को मजबूत करेंगे, जो दुनिया के बाकी हिस्सों के साथ नकारात्मक महंगाई अंतर का आनंद ले रही है.
रिपोर्ट के मुताबिक हेडलाइन कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) आधारित महंगाई, जो सितंबर में 7.4 परसेंट रही थी, अपने चरम पर पहुंच सकती है और आगे जाकर गिर सकती है. जनवरी 2022 से CPI रिजर्व बैंक के 2-6 परसेंट की सहनीय सीमा से ऊपर ही रही है. जिसकी वजह से रिजर्व बैंक रेपो रेट में अबतक 190 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी कर चुका है.
9 महीने से महंगाई बेकाबू
रिपोर्ट में कहा गया है कि महंगाई को लेकर सकारात्मक नतीजे विदेशी निवेशकों में एक बार फिर से उत्साह भरेगा, बाजारों को स्थिर करेगा और स्थायी आधार पर वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करेगा. सितंबर में महंगाई दर 7.41 परसेंट रही थी, जो कि लगातार 9 महीने से रिजर्व बैंक की सहनसीमा 6 परसेंट से ऊपर है. अब चूंकि कई बार ब्याज दरें बढ़ाने के बावजूद महंगाई 6 परसेंट की सीमा के ऊपर है, तब रिजर्व बैंक को केंद्र सरकार को ये बताना होगा कि ऐसा क्यों है. आखिर क्यों महंगाई काबू में नहीं आ रही है. रिजर्व बैंक को ये बताना होगा कि क्यों वो महंगाई को 4 परसेंट (+-2%) की सीमा रेखा में लाने में असफल रही है.
हालांकि लेखकों का मानना है कि हेडलाइन महंगाई सितंबर के उच्च स्तर से कम होने के लिए तैयार है, ये सकारात्मक बदलाव खाने पीने की चीजों से आएंगे, जिसे साल की पहली छमाही में काफी झटके लगे हैं. साल के बाकी दिनों में सुधारों में और मजबूती के लिए भारत तैयार है.
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