जैसी की संभावना जताई जा रही थी RBI ने रेपो रेट में इजाफा कर दिया है. इसके चलते अब कर्ज महंगा हो जाएगा.
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने लगातार छठी बार ब्याज दरों (Repo rate) में इजाफा कर दिया है. इस बार रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है, इसके साथ ही यह दर 6.50 फीसदी पर पहुंच गई है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की सोमवार से शुरू हुई मौद्रिक समीक्षा बैठक का आज अंतिम दिन है. इससे पहले RBI ने 2022 में पांच बार रेपो रेट में वृद्धि की थी. ये काफी हद तक पहले ही साफ हो गया था कि RBI लगातार छठी बार नीतिगत ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है और हुआ भी वही.
Pre-Covid स्तर से पीछे हैं दरें
RBI के इस फैसले पर अपनी राय व्यक्त करते हुए LKP Securities के बैंकिंग एनालिस्ट Ajit Kabi ने कहा, 'आरबीआई ने रेपो रेट 25 बीपीएस बढ़ाकर 6.5% कर दी है. एमपीसी के 6 सदस्यों में से 4 ने दरों में बढ़ोतरी के पक्ष में मतदान किया. आरबीआई मुद्रास्फीति पर निगरानी जारी रखेगा. RBI गवर्नर के अनुसार, मुद्रास्फीति 4QFY23 के लिए 5.6% रहने की संभावना है और FY24 में 4% से ऊपर रह सकती है. नीतिगत दर अभी भी प्री-कोविड स्तर से पीछे हैं. दरों में मौजूदा बढ़ोतरी से फ्लोटिंग रेट लिंक्ड लोन के लिए EMI का बोझ बढ़ सकता है. हालांकि, EBLR से जुड़े लोन के बढ़ते अनुपात के कारण बैंक के NIMs के स्थिर रहने की संभावना है'.
बाजारों के लिए अच्छी खबर
वहीं, जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इंवेस्टमेंट स्ट्रेटेजिस्ट वीके विजयाकुमार ने कहा - मौद्रिक नीति की घोषणा का मुख्य आकर्षण वित्त वर्ष 24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में उम्मीद से बेहतर वृद्धि है, जो वित्त वर्ष की पहली तिमाही में तेजी से ऊपर की ओर संशोधन के साथ 6.4% और जी2 विकास दर क्रमशः 7.8% और 6.2% है. यह वर्तमान विकास गति को बनाए रखने वाली अर्थव्यवस्था में केंद्रीय बैंक के भरोसे का प्रतिबिंब है. RBI गवर्नर ने इस तथ्य पर जोर दिया कि जनवरी में अर्थव्यवस्था में ऋण वृद्धि 16.7% साल दर साल है. वित्त वर्ष 24 के सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि के बारे में आशावाद और सीपीआई मुद्रास्फीति को 5.3% पर रखना एफआईआई द्वारा असंतुलित बिक्री के संदर्भ में भी इक्विटी बाजारों के लिए अच्छी खबर है.
एक घरेलू ब्रोकरेज फर्म का अनुमान है कि वोडाफोन आइडिया के शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है.
टेलीकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) के शेयर आज यानी शुक्रवार को भले ही बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हों, लेकिन इनमें करीब 25 प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका जताई जा रही है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने अपनी हालिया रिपोर्ट में अनुमान जताया है कि Voda-Idea के शेयर मौजूदा स्तर से लुढ़क सकते हैं. इसके साथ ही ब्रोकरेज फर्म ने स्टॉक बेचने की सलाह दी है.
कंपनी का घाटा बढ़ा
ब्रोकरेज फर्म का यह अनुमान ऐसे समय में सामने आया है जब वोडाफोन आइडिया का शुद्ध घाटा मार्च तिमाही में बढ़कर 7,674 करोड़ रुपए पहुंच गया है. इसके पहले के वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी को 6,418.9 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था. हालांकि, कंपनी का रिवेन्यु मार्च तिमाही में मामूली बढ़त के साथ 10,606 करोड़ रुपए रहा है. कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कंपनी के वित्तीय परिणामों से पहले जारी अपने रिपोर्ट में कहा था कि वोडाफोन आइडिया का शेयर एक जोखिम भरा दांव दिखाई दे रहा है.
कब बेहतर हो सकती है स्थिति?
ब्रोकरेज फर्म ने कहा था कि सरकारी की तरफ से अतिरिक्त राहत मिलने, प्रतियोगिता में कमी आने और सब्सक्राइबर्स की घटती संख्या पर रोक लगने के बाद ही वोडा-आइडिया के लिए चीजें बेहतर हो सकती हैं. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि वोडाफोन आइडिया को हालिया फंडिंग से बाजार में टिके रहने में मदद मिलेगी, लेकिन फिलहाल सब्सक्राइबर्स की संख्या में बढ़ोतरी का अनुमान कम है. कोटक ने कंपनी के शेयर पर 'Sell' रेटिंग बरकरार रखते हुए इसका टार्गेट प्राइज 10 रुपए तय किया है.
हाई रिस्क-हाई रिवॉर्ड
फर्म के अनुसार, हमारे आउटलुक एनालिसिस में वोडाफोन आइडिया एक हाई रिस्क-हाई रिवॉर्ड वाला शेयर साबित हुआ है. तेजी के मामले में यह 23 रुपए तक जा सकता है, जबकि गिरावट की स्थिति में इसके 7 रुपए तक जाने की भी आशंका है. हालांकि इसकी फेयर वैल्यू हमने 10 रुपए आंकी है. कंपनी के शेयर आज एक प्रतिशत से अधिक की बढ़त के साथ 13.30 रुपए पर कारोबार कर रहे हैं. पिछले 5 दिनों में ये शेयर 5.98% चढ़ा है जबकि इस साल अब तक इसमें 21.76% की गिरावट भी आई है.
पेनी स्टॉक्स में निश्चित तौर पर जोखिम ज्यादा रहता है, लेकिन कम कीमत के चलते यह लोगों को आकर्षित भी करते हैं.
शेयर बाजार (Stock Market) में कब कौनसा शेयर आसमान पर पहुंच जाए और कब कौनसा शेयर आसमान से जमीन पर आ जाए नहीं कहा जा सकता. मार्केट हर दिन कुछ न कुछ सरप्राइज देता रहता है. हालांकि, पर्याप्त रिसर्च और समझदारी से किया गया निवेश प्रॉफिट भी कमाकर देता है. यहां हम आपको 10 रुपए से कम कीमत वाले ऐसे 10 शेयरों के बारे में बता रहे हैं, जो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं.
पहला नाम है Sarveshwar Foods
Penny Stocks की इस लिस्ट में पहला नाम है Sarveshwar Foods का. 1890 में स्थापित इस कंपनी का शेयर आज यानी 17 मई को भले ही गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है, लेकिन इसका इस साल अब तक का रिकॉर्ड अच्छा रहा है. फिलहाल 9.45 रुपए के भाव पर मिल रहा कंपनी क स्टॉक बीते 5 दिनों में करीब 12% और 2024 में अब तक 61.54% का शानदार रिटर्न दे चुका है. इसी तरह, Bhandari Hosiery Exports ने शेयर ने इस साल अब तक 24.22% का रिटर्न दिया है. आज भी यह बढ़त के साथ 7.95 रुपए पर ट्रेड कर रहा है.
5 दिनों में 20.26% का रिटर्न
Mittal Life Style का शेयर कल 1.75 रुपए में उपलब्ध है. आज इसमें करीब 3 प्रतिशत का उछाल आया है और पिछले 5 सत्रों में यह 12.90% चढ़ा है. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस कंपनी का मार्केट कैप 50.31 करोड़ रुपए है. नोएडा की कंपनी FCS Software Solutions के शेयर आज ग्रीन लाइन पकड़कर कारोबार कर रहे हैं. खबर लिखे जाने तक इसमें करीब 3% की तेजी आ चुकी थी. 3.90 रुपए के भाव वाले इस शेयर ने पिछले छह महीने में 36.84% का रिटर्न दिया है. इसी तरह, 1991 में स्थापित Prakash Steelage Limited का शेयर आज दोपहर 1 बजे तक करीब 5 प्रतिशत की उछाल के साथ 9.20 रुपए पर पहुंच गया था. पिछले 5 दिनों में इसने 20.26% का रिटर्न दिया है. हालांकि, इस साल अब तक इसमें 8.91% की गिरावट भी देखने को मिली है.
निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान
इस लिस्ट में अगला नाम है Sunshine Capital Ltd. दिल्ली की इस कंपनी ने अपने निवेशकों के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है. 3.62 रुपए के भाव पर मिल रहे इस शेयर ने इस साल अब तक 194.31% का शानदार रिटर्न दिया है और बीते 5 कारोबारी सत्रों में भी इसका रिकॉर्ड अच्छा है. Empower India के शेयर में आज भले ही नरमी का रुख है, लेकिन 2024 में अब तक यानी जनवरी से लेकर 17 मई तक इसने 45.40% का रिटर्न दिया है. Rhetan TMT Ltd. गुजरात की एक स्टील कंस्ट्रक्शन कंपनी है, जिसका मार्केट कैप 1,027.17 करोड़ रुपए है. इसका शेयर इस साल अब तक 36.57% का रिटर्न दे चुका है. हालांकि, इसकी कीमत 10 रुपए से बढ़कर अब 13.63 रुपए हो चुकी है.
अब ग्रीन लाइन पर लौटे
Debock Industries के शेयर पिछले 5 दिनों से हरे निशान पर दिखाई दे रहे हैं. इस दौरान इन्होंने करीब 4 प्रतिशत का उछाल देखा है. Diligent Media Corporation के शेयर का भी यही हाल है. 4.25 रुपए की कीमत वाला ये स्टॉक आज तेजी के साथ कारोबार कर रहा है और बीते 5 सत्रों में इसने 4.94% का रिटर्न दिया है. BW हिंदी यह स्पष्ट करना चाहता है कि यहां बताए गए शेयरों का जिक्र लेवल जानकारी के लिए किया गया है. इसे निवेश की सलाह के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए.
(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).
दरअसल इससे पहले कंपनी का एचआर कर्मचारियों को मौखिक रूप से ये कह चुका है कि अगर उनके प्रोजेक्ट के लिए उनकी जरूरत ऑफिस में है तो उन्हें आना चाहिए.
कोविड के बाद बीमारी को लेकर भले ही हालात सही हो गए हों लेकिन आईटी सेक्टर में सबकुछ सही नहीं हुआ है. कोविड के दौरान शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम कर्मचारियों को कुछ ऐसा भा रहा है कि कंपनियों के द्वारा कई नोटिस देने के बावजूद Employee लौटने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब इसी कड़ी में आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी Cognizant ने अपने कर्मचारियों को आखिरी चेतावनी दे दी है कि अगर वो ऑफिस नहीं लौटे तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा.
नौकरी से निकाल दिए जाएंगे कर्मचारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, Congnizant अपने कर्मचारियों को लगातार मौखिक और मेल के जरिए सूचित कर चुकी है कि उन्हें हफ्ते में तीन दिन ऑफिस आना चाहिए. लेकिन इस बार कंपनी की ओर से अपने कर्मचारियों को कहा गया है कि उन्हें पूरी तरह से ऑफिस आकर काम करना होगा. अगर अब भी कर्मचारी ऑफिस आकर काम नहीं करेंगे तो उन्हें नौकरी से निकाला जा सकता है. इससे पहले टीसीएस, विप्रो, इंफोसिस जैसी कंपनिया भी अपने कर्मचारियों को इसी तरह का निर्देश जारी कर चुकी हैं.
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क्या कहता है कंपनी का नोटिस?
Congnizant ने अपने कर्मचारियों को जो मेल भेजा है उसमें कहा गया है कि बार-बार याद दिलाने के बावजूद अगर कर्मचारी ऑफिस आकर काम नहीं करेंगे तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया जाएगा. मौजूदा समय में Congnizant के भारत और पूरी दुनिया में 3,47,700 कर्मचारी हैं जबकि अकेले भारत में कंपनी के 2,50 लाख कर्मचारी है. मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि कंपनी की ओर से मौखिक तौर पर कहा गया है कि अगर किसी प्रोजेक्ट में कर्मचारियों को ऑफिस आकर काम करने की जरूरत है तो उन्हें करना चाहिए. वहीं कर्मचारियों का कहना है कि ऑफिस लौटने की कोई विशेष तारीख नहीं दी गई थी क्योंकि ये प्रोजेक्ट की जरूरत पर निर्भर करता है.
कई दूसरी कंपनियां दे चुकी हैं ऐसा नोटिस
ऐसा नहीं है अकेली Cognizant वो कंपनी है जिसने ऑफिस आने को लेकर अपने कर्मचारियों को इस तरह का नोटिस जारी किया हो. इससे पहले भारत की आईटी कंपनियां विप्रो, इंफोसिस, टीसीएस जैसी कंपनियां भी अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने के लिए इस तरह का नोटिस जारी कर चुकी हैं. हालांकि कंपनियों को काफी हद तक अपने कर्मचारियों को ऑफिस बुलाने में कामयाबी हासिल हुई है. वर्ष 2023 में कंपनियों में अब बड़े पैमाने पर कर्मचारी ऑफिस आ रहे हैं. हालांकि कई कंपनियां फिलहाल हफ्ते में 3 दिन ही ऑफिस बुला रही हैं.
स्वाति मालीवाल ने आखिरकार पूरे मामले पर चुप्पी तोड़ दी है. वहीं, उनकी शिकायत पर पुलिस भी एक्शन में आ गई है.
आम आदमी पार्टी (AAP) के कोटे से राज्यसभा पहुंचीं स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) के आरोपों ने दिल्ली की सियासत में भूचाल ला दिया है. अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को जमानत मिलते ही फ्रंटफुट पर खेल रही AAP एक ही झटके में बैकफुट पर आ गई है. जबकि भाजपा को केजरीवाल पर हमला बोलने का एक और मौका मिल गया है. राजनीति के जानकारों का कहना है कि लोकसभा चुनाव के बीच इस मामले का बढ़ना आम आदमी पार्टी के लिए नुकसानदायक हो सकता है. वहीं, दिल्ली पुलिस ने स्वाति की शिकायत पर केजरीवाल के PA विभव कुमार के खिलाफ विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज कर ली है.
विभव कुमार 'लापता'
पुलिस ने जांच के लिए 10 टीमें बनाई गई हैं, जो विभव कुमार के आवास सहित अलग-अलग ठिकानों को खंगाल रही हैं. FIR के बाद से केजरीवाल के PA का कोई अतापता नहीं है. स्वाति मालीवाल ने 13 मई की घटना की पूरी जानकारी पुलिस के साथ साझा की है. उन्होंने बताया है कि जब वह मुख्यमंत्री आवास के ड्राइंग रूम में इंतजार कर रही थीं, तो केजरीवाल के निजी सचिव विभव कुमार आए और बिना किसी उकसावे के उन्हें थप्पड़ मारा. इसके बाद कुमार उनके पेट पर मुक्के मारते रहे.
इन धाराओं में हुई FIR
स्वाति के अनुसार, वह चिल्लाती रहीं, उन्होंने केजरीवाल के PA से ऐसा न करने की विनती भी की, लेकिन वह मारपीट करता रहा. स्वाति ने यह भी कहा कि जब केजरीवाल का PA उनकी छाती, चेहरे, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर वार कर रहा था, अरविंद केजरीवाल अपने सरकारी आवास में भी मौजूद थे. पुलिस ने विभव कुमार के खिलाफ IPC की धारा 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 354 (महिला का शील भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग), 506 (आपराधिक धमकी), और 509 के तहत केज दर्ज किया है. राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि मेरे साथ जो हुआ, वह बहुत बुरा था. मैंने पुलिस को अपना बयान दे दिया है. आशा है कि उचित कार्रवाई होगी.
तीन बैंकों में है स्वाति का खाता
चलिए अब यह भी जान लेते हैं कि स्वाति मालीवाल के पास कुल कितनी दौलत है. स्वाति दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रह चुकी हैं. आम आदमी पार्टी ने उन्हें दिल्ली कोटे से राज्यसभा भेजा है. नेताओं की जन्मकुंडली रखने वाली वेबसाइट मायनेता के अनुसार, AAP सांसद की कुल संपत्ति 19,22,519 रुपए है. कैश के तौर पर उन्होंने 20 हजार होने की जानकारी दी थी. मालीवाल के तीन बैंकों में खाते हैं - State Bank of India, HDFC और Punjab National Bank, जिनमें उनके 32,115 रुपए जमा हैं.
इन Stocks में लगाया पैसा
स्वाति मालीवाल भी स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग करती है. उन्होंने कई कंपनियों के शेयरों में पैसा लगाया है. उनके पास Asian Paints, Alkyl Amines, Fine Organics, GMM PF, Grindwell Norton, Pidilite, TCS और Titan के शेयर हैं. इस तरह उन्होंने शेयर बाजार में करीब 8 लाख रुपए इन्वेस्ट किए हैं. इसके अलावा, उनका NSC, Postal Savings में तीन लाख का निवेश है. साथ ही उनके पास 6,62,450 की ज्वेलरी भी है. स्वाति मालीवाल ने 2 इंश्योरेंस पॉलिसी भी ली है, जिसके लिए उन्होंने 17,138 भरे हैं. आप की राज्यसभा सांसद के पास अपनी कोई कार नहीं है.
युवा पैसा कमाने के लिए पुराने तरीकों की जगह नए तरीकों से पैसा कमाना चाहते हैं. युवा युट्यूब और शेयर बाजार के जरिए पैसा कमाने के आसान विकल्प चुन रहे हैं.
आज के डिजिटल युग में युवा आसान तरीके से ज्यादा पैसा कमाने के नए नए तरीकों से आकर्षित हो रहे हैं. वे अब अपने लिए सुरक्षित करियर बनाकर पैसा कमाने के पांरपरिक तरीके से काफी आगे निकल चुके हैं. अब युवा फाइनेंशियली सफलता के लिए सोशल मीडिया की चकाचौंध और शेयर बाजार से अधिक आकर्षित हो रहे हैं. एक सर्वे में जानकारी सामने आई है कि आज युवा (Gen Z) आईपीएस या आईपीएस बनने की जगह यूट्यूबर या शेयर मार्केट में ट्रेडिंग कर पैसा कमाना चाहता है. तो चलिए जानते हैं इसकी वजह?
कम समय में अधिक कमाई
डिजिटल अर्थव्यवस्था के उदय के साथ पारंपरिक नौकरियों से परे पैसा कमाने के कई नए मौके बढ़े हैं, जिससे लोगों को छोटे समय के लिए कॉन्ट्रैक्ट या फ्रीलांसिंग काम करके ज्यादा पैसा मिल रहा है. यह लचीलापन लोगों को अपनी शर्तों पर काम करने में सक्षम बनाता है और अक्सर पारंपरित नौकरी की तुलना में अधिक कमाई कराता है.
युवाओं ने पैसा कमाने के लिए चुने ये विकल्प
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक सर्वे में युवाओं से पैसा कमाने का सबसे बेस्ट तरीका पूछा गया, जिसमें उन्हें कंटेंट क्रिएशन, कारोबार, ट्रेडिंग या पब्लिक सर्विस का विकल्प दिया गया. इस सर्व में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई, जो या पहले आईपीएस या आईएएस अधिकारी बनने के सपने देखता था, वो अब सोशल मीडिया की चकाचौंध और पैसों से आकर्षित हो रहा है. सर्वे में करीब 14 हजार युवाओं को शामिल किया गया, जिसमें 35 प्रतिशत ने कारोबार करके पैसा कमाने की राह को चुना, 34.4 प्रतिशत युवाओं ने यूट्यूबर बनकर कमाई का एक सुविधाजनक तरीका चुना, 25.1 प्रतिशत ने ट्रेडिंग को चुना और केवल 5.6 प्रतिशत युवा ऐसे थे, जिन्होंने आईपीएस या आईएएस अधिकारी बनने का विकल्प चुना.
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क्रिएटिवी और काम की स्वतंत्रता
युवाओं का कहना है कि यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर उन्हें अपनी क्रिएटीविटी के जरिए काफी पैसा कमाने का मौका मिलता है. इसमें काम करने की स्वतंत्रता है. अपनी शर्तों पर काम करके कम समय में ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है. वहीं, युवाओं ने शेयर बाजार को लेकर कहा है कि इसमें रिस्क है, लेकिन प्रॉफिट भी बहुत अधिक है. घर बैठे ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है.
भारत की तेज ग्रोथ को लेकर मूडीज से लेकर एडीबी और आइएमएफ भी बेहतर अनुमान जता चुके हैं. उन सभी का मानना है कि 2025 में भारत की ग्रोथ और बेहतर हो सकती है.
दुनियाभर में भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर सभी जगह सकारात्मक अनुमान लगाए जा रहे हैं. हर एजेंसी का मानना है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ के आंकड़े इस बार 7 प्रतिशत के आसपास रह सकते हैं. इसी कड़ी में यूनाइटेड नेशन की ओर से जारी की गई रिपोर्ट WESP (world Economic Situation and Prospects) में भारत की ग्रोथ को लेकर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी गई है. रिपोर्ट कहती है कि 2024 में भारत की ग्रोथ रेट 6.9 प्रतिशत की ग्रोथ रेट रहेगी तो वहीं 2025 में ये ग्रोथ रेट 6.6 प्रतिशत रह सकती है.
इस ग्रोथ के लिए क्या कारण देती है रिपोर्ट?
यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट कहती है कि भारत की इस ग्रोथ के पीछे जो सबसे बड़ा कारण नजर आ रहा है वो है बाजार में लोगों के निवेश करने की ताकत, निजी खपत में दिखाई देने वाला लचीलापन. यही नहीं यूएन का अनुमान है कि अभी मर्चेंडाइज सेक्टर में भारत के प्रोडक्ट की अच्छी डिमांड बनी हुई है जिसकी आगे भी बने रहने की संभावना है. यही नहीं फॉर्मास्यूटिकल और कैमिकल सेक्टर के एक्सपोर्ट की भी स्थिति बेहतर बनी हुई है. सबसे दिलचस्प बात ये है कि यूएन का ये अनुमान तब आया है जब कुछ दिन पहले ही महंगाई दर के आंकड़े सामने आए हैं और ये अप्रैल 2023 के 6.2 प्रतिशत के मुकाबले इस साल अप्रैल में 4.5 प्रतिशत रहे हैं. ये दर आरबीआई की टारगेट दर के बीच है.
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Moody’s के अनुमान के बाद आया है यूएन का बयान
भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर इससे पहले Moody’s अपना अनुमान जता चुका है. Moody’s के अनुसार मौजूदा वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है. जबकि जानकारों का ये भी मानना है कि मजबूत डिमांड के कारण भारत में लेबर बाजार के इंडीकेटर मजबूत बने हुए हैं. वहीं सरकार वित्तीय घाटे को भी कम करने और कैपिटल इंवेस्टमेंट को बढ़ाने की तैयारी में जुटी हुई है.
बाकी देशों को लेकर क्या कहती है रिपोर्ट?
यूनाइटेड नेशन की रिपोर्ट में दूसरे देशों की स्थिति को लेकर भी अनुमान जताया गया है. रिपोर्ट कहती है कि श्रीलंका और पाकिस्तान की स्थिति में पहले से सुधार हुआ है.भारत की तेज इकोनॉमिक ग्रोथ और बेहतर भविष्यवाणी के साथ समूचे साउथ एशिया में इकोनॉमिक स्थिति सही रहने की संभावना है. क्षेत्रीय देशों की ग्रोथ रेट 5.8 प्रतिशत तक रहने का अनुमान जताया गया है. जनवरी में इसके 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था. वहीं यूएन की रिपोर्ट में 2025 में दुनिया की इकोनॉमिक ग्रोथ 2.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है जबकि जनवरी में ये 2.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
Vodafone idea ने तिमाही नतीजों का एलान कर दिया है. एक्सचेंज फाइलिंग में कंपनी ने कहा है कि मार्च में समाप्त तिमाही में कंपनी का घाटा बढ़ गया है.
देश की तीसरी सबसे बड़ी मोबाइल सर्विसेज देने वाली कंपनी वोडाफोन आइडिया के नुकसान में इजाफा हुआ है. कंपनी ने वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के लिए नतीजों का एलान किया है. चौथी कंपनी में कंपनी को 7675 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है जो बीते वर्ष की चौथी तिमाही में हुए 6419 करोड़ रुपये के नुकसान से ज्यादा है. चौथी तिमाही में वोडाफोन आइडिया का रेवेन्यू 10,606 करोड़ रुपये रहा है जो पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 10,531 करोड़ रुपये रहा था.
10,606 करोड़ रुपये रहा कंपनी का रेवेन्यू
जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) का रेवेन्यू 10606 करोड़ रुपये रहा है. एक साल पहले की समान अवधि में टेलिकॉम कंपनी का रेवेन्यू 10532 करोड़ रुपये था. सालाना आधार पर टेलिकॉम कंपनी का रेवेन्यू 0.71 पसेंट बढ़ा है. वोडाफोन आइडिया का इबिडा मार्च 2024 तिमाही में 4336 करोड़ रुपये रहा है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि के दौरान 4210.30 करोड़ रुपये था.
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हर यूजर से होने वाली कमाई बढ़ी
जनवरी-मार्च 2024 तिमाही में वोडाफोन आइडिया का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर (हर यूजर से होने वाली कमाई या ARPU) 146 रुपये रहा है. एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर 135 रुपये था. मार्च 2024 तिमाही में वोडाफोन आइडिया का 4G सब्सक्राइबर बेस बढ़कर 12.63 करोड़ पहुंच गया है, जो कि एक साल पहले की समान अवधि में 12.26 करोड़ था. वित्त वर्ष 2024 में कंपनी की सालाना रेवेन्यू 42650 करोड़ रुपये रहा है, जो कि एक साल पहले 42180 करोड़ रुपये था.
VI के कर्ज में भी आई कमी
वोडाफोन आइडिया पर बैंक और वित्तीय संस्थानों का बकाया कर्ज में 7090 करोड़ रुपये की कमी आई है जो पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 11,130 करोड़ रुपये थी. कंपनी के पास 31 मार्च 2024 तक कैश और बैंक बैलेंस 170 करोड़ रुपये था. 31 मार्च 2024 तक कंपनी पर सरकार का 203,430 करोड़ रुपये बकाया है जिसमें स्पेक्ट्रम भुगतान के मद में 1,33,110 करोड़ और एजीआर के मद में 70,320 करोड़ रुपये बकाया है.
एक साल में कंपनी के शेयरों में 86% की तेजी
वोडाफोन आइडिया के शेयरों में पिछले एक साल में 86 पर्सेट का उछाल आया है. टेलिकॉम कंपनी के शेयर 17 मई 2023 को 7.07 रुपये पर थे। वोडाफोन आइडिया के शेयर 16 मई 2024 को 13.15 रुपये पर पहुंच गए हैं. वहीं, इस साल अब तक कंपनी के शेयरों में करीब 23 पर्सेट की गिरावट देखने को मिली है. इसके साथ ही कंपनी ने हाल ही में भारत में सबसे बड़े FPO के माध्यम से 180 अरब रुपये जुटाए हैं.
6 जून को होने वाली नीलामी में सफल बोली लगाने वाले को 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम राइट्स मिलेगा. इसमें सालाना 20 समान किश्तों में पेमेंट करने की मंजूरी मिलेगी.
रिलायंस जियो ने 5G स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट (EMD) यानी बयाना राशि के रूप में 3,000 करोड़ रुपए जमा किए हैं, जो टॉप-3 टेलिकॉम कंपनियों में शामिल भारती एयरटेल लिमिटेड से 3 गुना और वोडाफोन आइडिया (Vi) से 10 गुना ज्यादा है. डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम (DoT) के अनुसार, भारती एयरटेल ने 1,050 करोड़ और वोडाफोन आइडिया (Vi) ने 300 करोड़ रुपए जमा किए. नीलामी में 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम अधिकार दिए जाएंगे. कंपनियों को हर साल किस्तों में भुगतान करना होगा.
Jio ने जमा किए सबसे अधिक पैसे
Jio ने सबसे अधिक बयाना राशि ऐसे समय में भी जमा कराया है, जब इसके किसी भी लाइसेंस की रिन्यूअल अभी हाल-फिलहाल में नहीं होना है. वहीं दूसरी तरफ एयरटेल और वोडाफोन आइडिया को 6 जून को आगामी नीलामी में कुछ सर्किलों में एयरवेव्स को रिन्यूअल करने की जरूरत पड़ेगी. नीलामी में एयरटेल को जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, बिहार, UP (पूर्व), पश्चिम बंगाल और असम में एयरवेव्स को रिन्यू कराने की जरूरत है. वहीं, हाल ही में FPO के जरिए फंड जुटाने वाली वोडाफोन आइडिया को पश्चिम बंगाल और यूपी पश्चिम सर्कल में स्पेक्ट्रम रिन्यू कराना होगा.
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20 साल के लिए मिलेगा स्पेक्ट्रम राइट्स
6 जून को होने वाली नीलामी में सफल बोली लगाने वाले को 20 साल के लिए स्पेक्ट्रम राइट्स मिलेगा. इसमें सालाना 20 समान किश्तों में पेमेंट करने की मंजूरी मिलेगी. विभाग ने आने वाली नीलामी के लिए जियो को सबसे अधिक 21,363 एलिजिबिलिटी प्वाइंट्स आवंटित किए हैं. इसके बाद एयरटेल को 7,613 और वोडा आइडिया को 2,200 अंक अलॉट किए हैं. सभी टेलीकॉम कंपनियां एलिजिबिलिटी प्वाइंट्स और और स्पेक्ट्रम सीमा के आधार पर किसी भी सर्विस एरिया में किसी भी बैंड में बोली लगा सकती हैं.
96.31 हजार करोड़ के बेस प्राइस पर होगी नीलामी
टेलीकॉम विभाग 6 जून को 93,000 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम की नीलामी करेगा. इसमें 800 मेगाहर्ज, 900 मेगाहर्ज, 1,800 मेगाहर्ट्ज, 2,100 मेगाहर्ट्ज, 2,300 मेगाहर्ट्ज, 2,500 मेगाहर्ट्ज, 3,300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम बिक्री के लिए रखा जाएगा. DOT वेबसाइट पर मौजूद डिटेल्स के मुताबिक 31 दिसंबर, 2023 तक जियो की नेटवर्थ 2.31 लाख करोड़ रुपये और 6 मई 2024 तक एयरटेल की नेटवर्थ 86,260 करोड़ रुपये थी. वहीं 3 मई, 2024 तक वोडा आइडिया की नेटवर्थ निगेटिव 1.17 लाख करोड़ रुपये थी.
स्पेक्ट्रम क्या है और यह कैसे काम करता है?
एयरवेव्स इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के भीतर रेडियो फ्रीक्वेसी हैं जो टेलिकॉम सहित कई सर्विसेज के लिए वायरलेस तरीके से सूचना ले जा सकती हैं. सरकार इन एयरवेव्स का मैनेजमेंट और आवंटन करती है. स्पेक्ट्रम को लो फ्रीक्वेंसी से लेकर हाई फ्रीक्वेंसी तक के बैंड में डिवाइड किया जा सकता है. हाई-फ्रीक्वेंसी वेव ज्यादा डेटा ले जाती हैं और लो-फ्रीक्वेंसी वेव की तुलना में तेज होती हैं, लेकिन इन्हें आसानी से ब्लॉक या ऑब्सट्रक्ट किया जा सकता है. लोअर-फ्रीक्वेंसी वेव वाइडर कवरेज प्रदान कर सकती हैं.
लोकसभा चुनाव के 4 चरण पूरे हो चुके हैं, जबकि तीन चरण का मतदान होना अभी बाकी है. इसके नतीजे 4 जून को आएंगे.
लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के चलते शेयर बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कहा था कि 4 जून के बाद शेयर बाजार रॉकेट बनने वाला है, क्योंकि भाजपा 400 से ज्यादा सीटें जीतकर देश को फिर एक बार स्थिर सरकार देने वाली है. लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आएंगे. तमाम एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यदि भाजपा मिशन 400 पूरा कर लेती है, तो मार्केट में तेजी आएगी. वहीं, अगर उसे 400 से कम सीटें मिलती हैं, तो बाजार की चाल प्रभावित हो सकती है. अब दिग्गज निवेशक मार्क मोबियस (Mark Mobius) ने भी इस पर अपने विचार व्यक्त किए हैं.
बाजार के लिए होगी अच्छी खबर
मार्क मोबियस अमेरिकी मूल के जर्मन फंड मैनेजर और Mobius Capital Partners LLP के फाउंडर हैं. एक मीडिया हाउस से बातचीत में उन्होंने भाजपा के मिशन 400 और शेयर मार्केट के बीच के कनेक्शन के बारे में बताया है. मोबियस का कहना है कि अगर भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन NDA को 400 से ज्यादा सीटें मिलती हैं, तो शेयर बाजार में जबरदस्त तेजी देखने को मिलेगी और यही भारत की अर्थव्यस्था के लिए भी अच्छा होगा. उन्होंने कहा कि भाजपा का 400 पार जाना शेयर बाजार के लिए अच्छी खबर. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि भारत की इकॉनमी के लिए यह बहुत सपोर्टिव होगा.
भारत के लिए भी अच्छा
बाजार में उतार-चढ़ाव के बारे में बात करते हुए मार्क मोबियस ने कहा कि शायद लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर एक अनिश्चितता पैदा होने के चलते ऐसा हो रहा है. चाहे घरेलू निवेशक हों या विदेशी निवेशक सभी को अनिश्चितता से नफरत है. उन्होंने आगे कहा कि खासतौर पर विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए एक अनुकूल माहौल चाहिए, जिसे केवल एक मजबूत सरकार ही दे सकती है. दिग्गज निवेशक ने कहा कि यदि NDA सरकार की मजबूत वापसी होती है, तो सरकार को अपने महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट्स पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी. इसका सीधा फायदा भारत की अर्थव्यस्था और विकास को होगा. मोबियस ने कहा कि भारत के लिए टेक इनोवेशन और टेक मैन्युफैक्चरिंग सेंटर बनने का एक बेहतरीन मौका है, लेकिन यह इस पर निर्भर करता है सरकार अमेरिका, चीन, ताइवान और जापान की बड़ी कंपनियों को किस हद तक आकर्षित कर पाती है.
क्या कहा था अमित शाह ने?
हाल ही में अमित शाह ने कहा था कि शेयर बाजार में गिरावट को चुनाव से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए, 4 जून, 2024 को जब लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा होगी, तो बाजार चढ़ेगा. उन्होंने यह भी कहा था कि स्टॉक मार्केट की हालिया गिरावट से चिंतित होने की जरूरत नहीं है. बाजार ने इससे पहले भी कई बार गोते लगाए हैं, इसे चुनाव से नहीं जोड़ना चाहिए. यदि ऐसा अफवाहों के कारण हुआ भी होगा, तो 4 जून के पहले आप खरीदारी कर लेना, बाजार में तेजी आने वाली है.
स्थिर सरकार से आएगी तेजी
होम मिनिस्टर ने कहा था कि मैं शेयर बाजार के लिए आंकलन नहीं कर सकता, लेकिन सामान्य तौर पर जब स्थिर सरकार आती है तो बाजार में तेजी भी आती है. मैं कह रहा हूं कि हमारी 400 से ज्यादा सीटें आने वालीं हैं और देश में फिर से स्थिर सरकार आने वाली है. ऐसे में निश्चित रूप से बाजार ऊपर जाने वाला है. शाह ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बीते तीन चरणों में भाजपा को 190 सीटें हासिल हो चुकी हैं और चौथा चरण भी उनके लिए अच्छा रहा है.
एक्सपर्ट्स का मानना है कि लोकसभा चुनाव के चलते शेयर बाजार में तेज उतार-चढ़ाव का दौर बना रहेगा.
शेयर बाजार (Stock Market) में छाई मंदी गुरुवार को दूर हो गई. हैवीवेट शेयरों में लिवाली और विदेशी बाजारों से मिले मजबूती वाले संकेतों के चलते हमारा शेयर बाजार बड़ी छलांग के साथ बंद हुआ. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 676.69 अंक चढ़कर 73,663.72 पर पहुंच गया. इसी तरह, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी भी 203.30 अंकों की बढ़त के साथ 22,403.85 पर बंद हुआ. सेंसेक्स के कुछ शेयर जहां लाभ में रहे. वहीं, SBI, मारुति, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड और इंडसइंड बैंक के शेयर नुकसान में रहे. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.
MACD के ये हैं संकेत
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Bharat Bijlee, Trent, KEI Industries, Linde India और Mazagon Dock Shipbuilders पर तेजी का रुख दिखाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों की कीमतों में उछाल आ सकता है. इसी तरह, MACD ने Tube Investment of India, Lux Industries, Sky Gold, KFin Technologies और Jana Small Finance Bank में मंदी के संकेत दिए हैं. यानी कि इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें.
इनमें मजबूत खरीदारी
अब बात करते हैं उन शेयरों की जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में दिग्गज टेलीकॉम कंपनी Bharti Airtel सहित M&M, Hero MotoCorp और Hindalco शामिल हैं. एयरटेल के शेयर कल करीब 3 प्रतिशत की छलांग के साथ 1,344 रुपए पर बंद हुए थे. बीते 5 कारोबारी सत्रों में यह शेयर 4.56% ऊपर चढ़ चुका है. इसी तरह, महिंद्रा एंड महिंद्रा भी कल 4% की मजबूती के साथ 2,393.90 रुपए पर बंद हुआ. इसने पिछले 5 दिनों में अपने निवेशकों को 7.34% का रिटर्न दिया है. Hero MotoCorp के लिए गुरुवार तेजी लेकर आया. 5,142 रुपए के भाव पर मिल रहा ये शेयर पिछले 5 सत्रों में 6.10% ऊपर गया है. हिंडाल्को में ज़रूर कल गिरावट आई और यह 652.30 रुपए पर पहुंच गया.
आज इनके आएंगे नतीजे
आज मार्केट में वोडाफोन-आइडिया, बायोकॉन, क्रॉम्प्टन ग्रीव्ज कंज्यूमर, JK पेपर, रेस्टोरेंट्स ब्रांड्स एशिया के वित्तीय नतीजों पर प्रतिक्रिया देखने को मिल सकती है. जबकि JSW स्टील, बंधन बैंक, बलरामपुर चीनी, GMR पावर, गोदरेज प्रॉपर्टीज, फीनिक्स मिल्स, RCF, RVNL सहित कुछ और कंपनियां आज यानी 17 मई को मार्च तिमाही नतीजों का ऐलान करेंगी. एक्सपर्ट्स मानते हैं कि निफ्टी निकट भविष्य में 22,600 का अगला रेजिस्टेंस लेवल छू सकता है. गिरावट की स्थिति में यह 22,280 पर सपोर्ट ले सकता है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि लोकसभा चुनाव की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव भी तेज देखने को मिल सकता है.