FD के दामों में हर बैंक ने किया इजाफा, जानिए कौन दे रहा है कितना ब्‍याज?

रेपो रेट में इजाफेे के बाद अब कई बैंकों ने एफडी के दामों में भी इजााफा कर दिया है, बैंकों ने ये ऑफर सीनियर सिटीजन के लिए निकाला है.

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Thursday, 09 February, 2023
Fixed Rate

RBI ने रेपो रेट के दामों में इजाफा किए जाने को भले ही अलग-अलग विशेषज्ञ अपने तरीके से देख रहे हों, लेकिन इस इजाफे ने सीनियर सिटीजन को एक बेहतर मौका दे दिया है. सभी प्राइवेट बैंक इस वक्‍त सीनियर सिटीजन को बेहतरीन एफडी रेट ऑफर कर रहे हैं. ज्‍यादातर बैंक 8 प्रतिशत से ज्‍यादा का इंटरेस्‍ट रेट ऑफर कर रहे हैं. आप भी अगर अपने माता पिता के लिए कुछ बेहतर ढूंढ़ रहे हैं तो हमारी ये खबर आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकती है. अब हम आपको बताने जा रहे तीन साल के लिए अलग-अलग बैंक कितनी ब्‍याज दर दे रहे हैं.

DCB बैंक

डीसीबी बैंक की ओर से सीनियर सिटीजन के लिए बेहतर एफडी रेट ऑफर किए जा रहे हैं. बैंक की ओर से 3 साल के लिए 8.35 प्रतिशत के रेट ऑफ इंटरेस्‍ट पर एफडी ऑफर कर रही है. अगर आप तीन साल के लिए एफडी करते हैं तो आप इतने प्रतिशत पर एफडी कर सकते हैं.

AU Small बैंक

प्राइवेट सेक्‍टर का एक अन्‍य बैंक भी 8 प्रतिशत से ज्‍यादा इंटरेस्‍ट रेट ऑफर कर रहा है. ये प्राइवेट बैंक है AU Small बैंक. AU Small बैंक भी तीन साल के एफडी पर 8.25% का रेट ऑफ इंटरेस्‍ट दे रहा है. रेपो रेट में इजाफा होने के बाद भले ही लोगों को महंगे कर्ज का सामना करना पड़ रहा हो, लेकिन एफडी के दाम बढ़ गए हैं. AU Small बैंक की तरह इंडस्‍इंड बैंक भी 8.25% का रेट ऑफ इंटरेस्‍ट दे रहा है. बैंको का ये ऑफर सिर्फ सिनीयर सिटीजन के लिए है.

कई बैंक दे रहे 8 प्रतिशत इंटरेस्‍ट

8 प्रतिशत से ज्‍यादा ब्‍याज देने वाले बैंकों के अलावा कई बैंक ऐसे भी हैं जो 8 प्रतिशत तक इंटरेस्‍ट दे रहे हैं. इन बैंकों में आईडीएफसी जैसे बैंक शामिल हैं जो 8 प्रतिशत ब्‍याज दे रहे हैं. इसी तरह एक्सिस बैंक 7.75 % तक दे रहे हैं.


डेस्कटॉप-लैपटॉप नहीं, अब ट्रेडिंग के लिए मोबाइल है ट्रेंड में; आंकड़े दे रहे गवाही 

हर रोज नए निवेशक शेयर बाजार से जुड़ रहे हैं, उसमें मोबाइल पर ट्रेडिंग करने वालों की संख्या ज्यादा है.

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Wednesday, 15 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) में भले ही लाख जोखिम हों, लेकिन इसमें किस्मत आजमाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. खास बात यह है कि लोग मोबाइल के जरिए ट्रेडिंग को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के आंकड़े इसकी पुष्टि करते हैं. इन आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का एक-चौथाई हिस्सा मोबाइल ट्रेडिंग ऐप से आया. कुल ट्रेडिंग में मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है. 

NSE पर भी बढ़ी हिस्सेदारी
साल 2010 में कुल ट्रेडिंग में मोबाइल फोन से होने वाली ट्रेडिंग का हिस्सा मात्र 0.02% था, जो इस साल मार्च में बढ़कर करीब 17% पर आ गया था. वहीं, अप्रैल में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर मोबाइल ट्रेडिंग की हिस्सेदारी लगभग 21% रही. एक्सपर्ट्स का कहना है कि मोबाइल फोन के माध्यम से होने वाली ट्रेडिंग में उछाल के लिए कई फैक्टर्स को जिम्मेदार हैं. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है ट्रेडिंग ऐप्स का आसान और इनोवेटिव होना. इन ऐप्स ने ट्रेडिंग को काफी आसान बना दिया है.

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ये भी है उछाल की वजह
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, ट्रेडिंग के लिए मोबाइल की लोकप्रियता रिटेल इनवेस्टर्स के बीच तो बढ़ी ही है, ट्रेडर्स भी बड़ी संख्या में इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. उनका कहना है कि मोबाइल प्लेटफॉर्म पर अनुभव अब वैसा ही होता है, जैसा कि डेस्कटॉप या लैपटॉप पर, इसलिए निवेशक इसके इस्तेमाल को तवज्जो देते हैं. यह बात भी सामने आई है कि शेयर बाजार से जुड़ रहे अधिकांश नए निवेशक छोटे शहरों से हैं और वे लैपटॉप-डेस्कटॉप के बजाए मोबाइल के इस्तेमाल में ज्यादा सहज हैं. ऐसे में जब बात ट्रेडिंग की आती है, तो वे मोबाइल को ही प्राथमिकता देते हैं. 

आज ऐसा रहा बाजार का हाल
वहीं, बाजार के हाल की बात करें तो आज स्टॉक मार्केट गिरावट के साथ बंद हुआ. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स 117.58 अंकों की नरमी के साथ 72,987.03 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 17.30 अंक फिसलकर 22,200.55 पर बंद हुआ. इस दौरान, HDFC Bank और Reliance Industries जैसे हैवीवेट शेयर भी लाल निशान पर कारोबार करते नजर आए. HDFC बैंक के शेयर 1.38% लुढ़ककर 1,440.80 और रिलायंस के शेयर 0.30% गिरकर 2,831.70 रुपए पर पहुंच गए. पंजाब नेशनल बैंक के शेयरों में भी आज गिरावट आई. जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के शेयर 4.04% की बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे. यह शेयर 139.05 रुपए के भाव पर मिल रहा है.

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देश में एक्‍सपोर्ट-इंपोर्ट में हुआ इजाफा,इस चौंकाने वाले आंकड़े पर पहुंचा वित्‍तीय घाटा 

जिन सेक्‍टरों में ज्‍यादा एक्‍सपोर्ट इंपोर्ट हुआ है उनमें टेलीकम्‍यूनिकेशन, कंप्‍यूटर, और आईटी सेक्‍टर शामिल है. इसी तरह ट्रैवल, और रिक्रिएशनल सर्विसेज, कंस्‍ट्रक्‍शन शामिल हैं.

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Wednesday, 15 May, 2024
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अप्रैल महीने के व्‍यापार के आंकड़े सामने आ गए हैं. देश के एक्‍सपोर्ट में जहां पिछले साल के अप्रैल से इस साल बड़ा इजाफा देखने को मिला है. देश में जहां अप्रैल में 64.56 बिलियन डॉलर का एक्‍सपोर्ट हुआ है वहीं इंपोर्ट में भी बड़ा इजाफा हुआ है. इन सभी से परे वित्तिय घाटे के आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं. वित्‍तीय घाटा अप्रैल 24 में 6.51 बिलियन डॉलर रहा है जबकि पिछले साल अप्रैल 23 में ये 2.62 बिलियन डॉलर था. 

पिछले साल से एक्‍सपोर्ट इंपोर्ट में कितना हुआ इजाफा? 
देश में अप्रैल में पिछले साल अप्रैल में जहां एक्‍सपोर्ट 60.40 बिलियन डॉलर था वहीं इस साल अप्रैल में ये 64.56 बिलियन डॉलर रहा है. इसी तरह इंपोर्ट पर नजर डालें तो पिछले साल अप्रैल में 63.02 प्रतिशत था वहीं इस साल अप्रैल में इंपोर्ट 71.07 प्रतिशत रहा है. इंपोर्ट में 8 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इसी तरह से वित्तिय घाटे में भी बड़ा इजाफा हुआ है. वित्‍तीय घाटा अप्रैल 24 में 6.51 बिलियन डॉलर रहा है जबकि पिछले साल अप्रैल 23 में ये 2.62 बिलियन डॉलर था. 

ये भी पढ़ें: शेयर मार्केट ने बढ़ाई वित्त मंत्री की चिंता, इस बात के लिए किया आगाह, जानिए पूरा मामला

इन सेक्‍टरों ने किया है एक्‍सपोर्ट में बेहतरीन प्रदर्शन 
जिन सेक्‍टरों ने एक्‍सपोर्ट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है उनमें सर्विस सेक्‍टर में टेलीकम्‍यूनिकेशन, कंप्‍यूटर, और आईटी सेक्‍टर शामिल है. इसी तरह ट्रैवल, फाइनेंशियल सर्विसेज, पर्सनल, कल्‍चर और रिक्रिएशनल सर्विसेज, कंस्‍ट्रक्‍शन शामिल हैं. अगर ओवरऑल एक्‍सपोर्ट की बात करें तो 2022;-23 में 776.4 यूएस बिलियन डॉलर रहा है जबकि 2023-24 में ये 778.2 बिलियन डॉलर रहा है. इसी तरह से ओवरऑल मर्चेंडाइज एक्‍सपोर्ट की बात करें तो 2022-23 में ये 451.1 बिलियन डॉलर रहा जबकि 2023-24 में ये 437.1 बिलियन डॉलर रहा है. वहीं सर्विस एक्‍सपोर्ट 2022-23 में ये 325.3 बिलियन डॉलर रहा जबकि 2023-24 में ये 341.1 बिलियन डॉलर रहा है

किन देशों को हुआ इंपोर्ट-एक्‍सपोर्ट? 
अप्रैल महीने का डाटा बता रहा है कि जिन देशों को सबसे ज्‍यादा एक्‍सपोर्ट हुआ है उनमें अमेरिका, नीदरलैंड, सिंगापुर, यूनाइटेड अरब अमीरात, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश शामिल हैं. जिन देशों में कम एक्‍सपोर्ट हुआ है उनमें जर्मनी, बांग्‍लादेश और चाइना शामिल है. इसी तरह से टॉप इंपोर्ट कंपनियों पर नजर डालें तो उनमें सबसे ज्‍यादा इंपोर्ट स्विटजरलैंड, रूस, चाइना, इराक, यूएई, अमेरिका इंडोनेशिया और सउदी अरब शामिल हैं. 
 


Brightcom Group को लगा झटका, 15 जून से नहीं कर पाएंगे इस शेयर में ट्रेडिंग

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) के शेयर पर बैन लगाने का फैसला लिया है. अब ट्रेडर्स इसके शेयर में ट्रेडिंग नहीं कर पाएंगे.

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Wednesday, 15 May, 2024
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नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ने ब्राइटकॉम ग्रुप (Brightcom Group) को जोरदार झटका दिया है. दरअसल, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) ने कंपनी के शेयरों में ट्रेडिंग को आगामी 14 जून से सस्पेंड यानी बंद करने का निर्देश जारी किया है. क्या आप जानते हैं एनएसई ने से फैसला क्यों लिया है? अगर नहीं, तो चलिए आपको इसका कारण बताते हैं.

शेयर खरीद व बेच नहीं पाएंगे ट्रेडर्स
एनएसई द्वारा लगाए इस बैन के बाद अब ट्रेडर्स ब्राइटकॉम के शेयर को खरीद या बेच नहीं पाएंगे. एनएसई ने कहा है कि ब्राइटकॉम ग्रुप जब तक उसके मास्टर सर्कुलर का पालन नहीं करता है, तब तक उसके शेय़रों पर बैन जारी रहेगा.

Z कैटेगरी से भी हटाया
एनएसई द्वारा जारी किए सर्कुलर में कहा गया है कि सस्पेंशन के 15 दिनों बाद मास्टर सर्कुलर का पालन नहीं करने वाली कंपनी के शेयरों में अगले 6 महीनों तक हर हफ्ते के पहले कारोबारी दिन ट्रेड फॉर ट्रेड के आधार पर ट्रेड की अनुमति दी जाएगी. इसके साथ ही ग्रुप के शेयरों को एनएसई ने Z कैटेगरी में भी डाल दिया है. 

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क्यों लगाया बैन?
एनएसई ने कहा है कि ब्राइटकॉम ने लगातार 2 तिमाहियों यानी सितंबर 2023 और दिसंबर 2023 तिमाही तक सेबी (SEBI) के डिस्क्लोजर नियमों का पालन नहीं किया है. इसलिए ब्राइटकॉम लिमिटिड के शेयरों में 14 जून से कारोबार को सस्पेंड कर दिया जाएगा. इससे पहले फरवरी 2024 में सेबी ने प्रेफरेंशियल आधार पर शेयरों के किए गए अलॉटमेंट में अनियमितता से जुड़े मामले में समूह के प्रमोटर सुरेश कुमार रेड्डी पर शेयर बाजार में लगे बैन को हटाने से इंकार कर दिया था. इसके अलावा प्रमोटर सुरेश कुमार रेड्डी पर शेयर बाजार में सूचीबद्ध किसी भी कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल होने पर भी रोक लगा दी थी.

सेबी की सख्ती के बाद हटाए थे सीएमडी
सेबी की सख्ती के बाद अगस्त 2023 में ग्रुप ने अपने चेयरमैन और एमडी सुरेश कुमार रेड्डी और सीएफओ नारायण राजू को पद से हटा दिया था. सेबी के अनुसार कंपनी ने न सिर्फ अकाउंटिंग फ्रॉड किया है, बल्कि शेयरों के प्रिफरेंशियल अलॉटमेंट मामले में बैंक अकाउंट स्टेटमेंट में भी हेराफेरी की है. इसके बाद से ही सेबी ने लगातार कंपनी पर सख्ती बनाई हुई है.      


 


शेयर मार्केट ने बढ़ाई वित्त मंत्री की चिंता, इस बात के लिए किया आगाह, जानिए पूरा मामला

वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण ने BSE से कड़े अनुपालन और मजबूत रेगुलेटरी मानकों के जरिये निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए सेबी के साथ मिलकर काम करने की भी अपील की.

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Wednesday, 15 May, 2024
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगाह किया कि खुदरा निवेशकों के जोखिम भरे फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O)  कारोबार में आने और इसमें ‘बेलगाम तेजी’ भविष्य में परिवारों की जमा-पूंजी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं. उन्होंने शेयर बाजार BSE में एक कार्यक्रम में कहा कि फ्यूचर्स एंड ऑप्शन (F&O) खंड में खुदरा कारोबार में कोई भी बेलगाम तेजी न केवल बाजार के लिए बल्कि निवेशकों की भावनाओं और परिवार के स्तर पर जमा-पूंजी को लेकर भी आने वाले समय में समस्याएं पैदा कर सकती है.

F&O सेगमेंट पर किया आगाह

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम ऐसे तरीकों पर काम कर रहे हैं जिनसे कारोबार को सुविधाजनक बनाया जा सके. लेकिन जिन देशों के पास पूंजी नहीं है, उन्हें व्यापार के बिना नहीं छोड़ा जा सकता है. वे सामान खरीदना और बेचना चाहते हैं. ऐसे समाधान पर हम काम कर रहे हैं. पोस्‍ट ऑफ‍िस और बैंक ड‍िपॉज‍िट से लेकर म्यूचुअल फंड और कैप‍िटल मार्केट तक बचत में आए बदलाव पर बात करने के बाद सीतारमण ने एफएंडओ सेगमेंट पर आगाह किया.

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वित्त मंत्री की BSE से अपील

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने BSE से अपील करते हुए कहा कि आपको सख्त अनुपालन और रेगुलेटरी स्टैंडर्ड को सुनिश्चित करने के लिए सेबी के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि इंवेस्टर्स का भरोसा और बढ़े. वित्त मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि घरेलू वित्त और मीडियम वर्ग के इंवेस्टर्स की भागीदारी बाजार को उतार-चढ़ाव से बचाने में सक्रिय भूमिका निभा रही है. इसलिए, उन्होंने कहा कि इंवेस्टर्स और उनके योगदान की रक्षा करने की जरूरत है.

भारतीय स्टॉक में कर रहे हैं अधिक निवेश

वित्त मंत्री ने कहा कि अधिकांश भारतीय अब शेयर बाजारों में निवेश कर रहे हैं और उनकी घरेलू बचत को मजबूती से संरक्षित किया जाना चाहिए. वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यम वर्ग के परिवारों को एहसास है कि भले ही बाजारों में निवेश के अपने जोखिम हैं, लेकिन इसमें ज्यादा "बेहतर रिटर्न" मिलता है. सीतारमण ने कहा कि हमें शेयर बाजारों में भारतीयों द्वारा दिखाए जा रहे भरोसे की रक्षा करनी चाहिए और उसे मजबूती प्रदान करनी चाहिए. वित्त मंत्री ने कहा कि मध्यमवर्गीय परिवार के लोग अब शेयरों में निवेश के नए-नए तरीके खोज रहे हैं और डीमैट खाते खोल रहे हैं, जो पहले कभी नहीं देखा गया.
 


लोन लेकर महंगे फोन खरीदने में आगे भारतीय, जानें किस फोन की हो रही ज्यादा डिमांड?

एप्पल की iPhone 15 सीरीज और सैमसंग की S24 सीरीज को लोगों ने सबसे ज्यादा खरीदा है. जबकि एंट्री लेवल स्मार्टफोन्स की बिक्री साल-दर-साल के हिसाब से घटी है.

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Wednesday, 15 May, 2024
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पहले भारत के लोग लोन के नाम से भी डरा करते थे. वहीं, अब हालात ऐसे हो गए हैं कि लोन लेकर खरीदारी करना भारतीयों के जीवन का एक हिस्सा बन चुका है. लोगों को मोबाइल फोन खरीदना हो या नया घर लेना हो, सभी के लिए अब आसानी से लोन मिल जाता है. इसी बीच एक रिपोर्ट आई है जिसमें पता चला है कि भारतीयों लोग लोन लेकर महंगे स्मार्टफोन खरीद रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि भारतीयों के बीच लोन लेकर किन फोन की खरीदारी करने की होड़ मची है?

साल की पहली तिमाही में बिके 34 मिलियन फोन

इंटरनेशनल डेटा कॉरपोरेशन (IDC) के अनुसार भारत के स्मार्टफोन मार्केट में सालाना हिसाब से 11.5 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है. साल 2024 की पहली तिमाही में 34 मिलियन स्मार्टफोन की बिक्री हुई है.स तिमाही के दौरान स्मार्टफोन निर्माताओं ने अलग-अलग सेगमेंट में खूब नए फोन लॉन्च किए गए हैं। इस दौरान कंपनियों ने प्रोमोशन पर भी खूब जोर दिया है। जिसका सीधा असर यूजर्स पर भी देखने को मिला है।

इसलिए बढ़ रहा लोन लेकर फोन खरीदने का क्रेज
दरअसल, आज के समय में ढेर सारे माइक्रो फाइनेंसिंग प्लेटफॉर्म मौजूद हैं, जो आसानी से ग्राहकों को लोन उपलब्ध करा रहे हैं. साथ ही बेहद सस्ती दर और आसानी किस्तों पर लोन मौजूद है. इसके अलावा डिजिटिली भी लोन उपलब्ध है. इसका मतलब अब लोन के लिए ज्यादा दौड़भाग और पेपर वर्क करने कीभी झंझट नहीं है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से लेकर यूपीआई प्लेटफॉर्म और फिनटेक कंपनियां कम दर पर लोन की सुविधा उपलब्ध करा रही हैं. ऐसे में लोन लेकर फोन खरीदने की होड़ मची है. मार्केट में ऑनलाइन शॉपिंग प्लेटफॉर्म अमेजन और फ्लिपकार्ट के द्वारा भी फोन पर डिस्काउंट दिए जाते हैं. ऐसे में अधिकतर लोग डिस्काउंट के लालच में लोन पर भी फोन खरीदने के लिए तैयार हो जाते हैं.

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इस बजट के स्मार्टफोन्स की डिमांड
आईडीसी की रिपोर्ट के अनुसार 8,000 से 12,000 हजार की कीमत वाले स्मार्टफोन की डिमांड में गिरावट दर्ज की गई है. इन स्मार्टफोन की खरीदारी में 14 प्रतिशत तक की कमी देखने को मिली है. वहीं, 15 हजार से 20 हजार रुपये के मिड बजट सेमगेंट के स्मार्टफोन की सेल में बढ़ोतरी दर्ज किया गया है. इसमें पिछले साल के मुकाबले में 22 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई है.

सबसे ज्यादा डिमांड में हैं ये फोन
रिपोर्ट के अनुसार भारतीय लोन लेकर सबसे ज्यादा iPhone 14, iPhone 15, iPhone 14 Plus, Redmi 13CVivo T2x, Samsung Galaxy A15, Vivo Y28, Apple iPhone14, इन फोन की खरीदारी कर रहे हैं. ये फोन काफी डिमांड में हैं.
 
 


LIC को SEBI से ऐसी क्‍या मिली खुशखबरी कि झूम उठे कंपनी के शेयर? 

एलआईसी के शेयरों की स्थिति पर नजर डालें तो बुधवार को उनमें 5 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी देखने को मिली. बुधवार को कंपनी का शेयर 977.50 रुपये पर ट्रेड कर रहा है. 

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Wednesday, 15 May, 2024
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देश की सबसे बड़ी लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनी एलआईसी(LIC) को MPC (Minimum Public Holding) को पाने के लिए सेबी की ओर से 3 साल का अतिरिक्‍त समय मिल गया है. इससे पहले भारत सरकार के इकोनॉमिक अफेयर्स से लेकर वित्‍त मंत्रालय तक ने 10 साल का समय दे दिया है. इस खबर के आने के बाद एलआईसी के शेयरों में जबरदस्‍त बढ़त देखने को मिल रही है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
दरअसल नियम ये है कि किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र कंपनी में पब्लिक होल्डिंग 25 प्रतिशत तक होनी चाहिए. लेकिन मौजूदा समय में एलआईसी की स्थिति पर नजर डालें तो उसमें सरकार की हिस्‍सेदारी 96.5 प्रतिशत की है. सरकार ने आईपीओ के माध्‍यम से एलआईसी में 3.5 प्रतिशत यानी 22.13 करोड़ शेयरों को बेचा है. नियम के अनुसार सरकार को इसमें अपनी हिससेदारी को और कम करना है और पब्लिक यानी आम आदमी की हिस्‍सेदारी 25 प्रतिशत तक लानी है. सेबी ने इसी 25 प्रतिशत हिस्‍सेदारी को लाने के लिए एलआईसी को 3 साल का और समय दे दिया है. 

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इस खबर से झूम उठे एलआईसी के शेयर 
एलआईसी को 3 साल का समय दिए जाने की खबर जैसे ही सामने आई उसका सीधा असर कंपनी के शेयरों पर देखने को मिला. कंपनी का शेयर बुधवार को 934 रुपये पर खुला था. लेकिन खबर लिखे जाने तक कंपनी का शेयर 977.50 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. कंपनी के शेयर में 4.99 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखने को मिली. कंपनी का मार्केट कैप 6.18 लाख करोड़ रुपये रहा. एलआईसी के शेयर का 52 हफ्तों का हाई 1175 रुपये रहा है जबकि 52 हफ्तों का लो 561 रुपये रहा है. 

क्‍या है MPC का नियम? 
मिनिमम पब्लिक होल्डिंग का नियम कहता है कि किसी भी लिस्‍टेड कंपनी में आम निवेशक की हिस्‍सेदारी 25 प्रतिशत तक होनी चाहिए. दरअसल किसी भी कंपनी में दो तरह के निवेशक होते हैं. एक वो होते हैं जो कंपनी को शुरू करते हैं और उन्‍हें प्रमोटर कहते हैं. दूसरे आम निवेशक होते हैं जो कंपनी में पैसा लगाते हैं. सेबी का नियम कहता है कि किसी भी लिस्‍टेड कंपनी में प्रमोटर में अपनी हिस्‍सेदारी को 65 प्रतिशत से ज्‍यादा 75 प्रतिशत तक ले जा सकते हैं. लेकिन एलआईसी में ये हिस्‍सेदारी 96 प्रतिशत तक है. ऐसे में सरकार को अपनी हिस्‍सेदारी काफी और कम करनी है. सरकार उसके लिए आने वाले समय में क्‍या रास्‍ता अपनाती है ये आने वाला वक्‍त ही बताएगा. 
 


इस Bank ने लॉन्च किया अपना पहला वर्चुअल क्रेडिट कार्ड, ऐसे करें आवेदन

HDFC Bank ने नया वर्चुअल क्रेडिट कार्ड 'Pixel' लॉन्च किया है. यह 100 प्रतिशत डिजिटल है. इसके साथ यूजर्स को कई सुविधाओं का लाभ मिलेगा.

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Wednesday, 15 May, 2024
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देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक एचडीएफसी (HDFC) बैंक ने अपना पहला वर्चुअल क्रेडिट कार्ड 'PIXEL' लॉन्च किया है. यह कार्ड वीजा नेटवर्क के साथ लॉन्च किया गया है. एचडीएफसी बैंक का यह वर्चुअल क्रेडिट कार्ड दो वैरिएंट्स में उपलब्ध है, पहला पिक्स्ल प्ले (PIXEL Play) और दूसरा पिक्स्ल गो (PIXEL Go), यूजर्स कार्ड में अपने हिसाब से ऑफर और बेनिफिट का विकल्प चुन सकते हैं, यह कार्ड ग्राहकों के लाइफस्टाइल के अनुकूल कस्टमाइज बेनेफिट्स प्रदान करता है. तो चलिए जानते हैं इस कार्ड के लिए आप आवेदन कैसे कर सकते हैं और इसमें क्या सुविधाएं मिलेंगी?

एनुअल फीस 500 रुपये
पिक्सल क्रेडिट कार्ड के दो वेरिएंट्स मिलेंगे, जिसमें पिक्सल प्ले (PIXEL Play) और पिक्सल गो (PIXEL GO) शामिल हैं. पिक्सल प्ले को पर्सनल लाभ के साथ खुद के कार्ड बनाने की अनुमति होती है. वहीं, पिक्सल गो को शुरुआती लोगों के लिए डिजाइन किया गया है, यह क्रेडिट स्कोर बनाने में मदद करता है. कार्ड की एनुअल फीस 500 रुपये होगी.

100 प्रतिशत डिजिटल होगा क्रेडिट कार्ड
बैंक के ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार पिक्सल क्रेडिट कार्ड 100 प्रतिशत डिजिटल है. इसमें डॉक्यूमेंट्स, ईमेल और कॉलिंग की जरूरत भी नहीं पड़ती है. इस डिजिटल कार्ड में स्पाइप और स्वाइप के जरिए भी भुगतान किया जा सकता है. बैंक ने कहा है कि अभी ये कार्ड वीजा नेटवर्क के साथ लॉन्च किया गया है, बाद में अन्य नेटवर्क के साथ भी लॉन्च किया जाएगा. ग्राहक Payzapp के जरिए ईएमआई रिपेमेंट कर सकते हैं. बैंक की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि पेजैप ऐप के जरिए क्रेडिट कार्ड यूजर्स को कार्ड कंट्रोल, रिवॉर्ड, ईएमआई डैशबोर्ड, नोटिफिकेशन, स्टेटमेंट, रीपेमेंट, हाटलिस्टिंग, विवाद आदि सुविधाएं मिल सकती हैं. 

ऐसे करें इस्तेमाल
सबसे पहले ग्राहक को बैंक का PayZapp ऐप इन्स्टॉल करना होगा. इसके बाद ‘Apply Now For PIXEL Play’ के लिंक पर क्लिक करें और रजिस्ट्रेशन करें. इस प्रक्रिया के बाद आपको डिजिटल क्रेडिट कार्ड मिल जाएगा. आपको इसी ऐप पर ही रिवार्ड्स, ईएमआई, स्टेटमेंट्स, कार्ड ब्लॉक और अन्य सेवाएं उपलब्ध होंगी.

इन खर्चों पर मिलेंगे रिवार्ड्स
1. आपको  डाइनिंग एवं एंटरटेंमेंट कैटेगरी- बुक MyShow और  Zomato, ट्रैवल कैटेगरी- मेक माय ट्रिप और उबर, Grocery कैटेगरी- Blinkit और रिलायंस स्मार्ट बाजार, इलेक्ट्रॉनिक्स कैटेगरी- क्रोमा और रिलायंस डिजिटल, फैशन कैटेगरी- Nykaa और Myntra, इनमें से दो पैक पर 5 प्रतिशत कैशबैक मिलेगा.

2. Amazon या फ्लिपकार्ट या PayZapp, इन ई-कॉमर्स वेबसाइट पर 3 प्रतिशत का कैशबैक मिलेगा. 
3.अन्य खर्चों पर 1 प्रतिशत का अनलिमिटेड कैशबैक मिलेगा.

कार्ड प्राप्त करने के लिए ये होंगी शर्तें
इस क्रेडिट कार्ड के लिए 21 वर्ष से लेकर 60 वर्ष आयु वर्ग के वेतनभोगी (Salaried) यूजर्स आवेदन कर सकते हैं. यूजर्स का मासिक वेतन 25 हजार रुपये होना चाहिए. सेल्फ एम्पलॉयड ग्राहक, जिनकी उम्र 21-65 वर्ष के बीच है और आईटीआर 6 लाख रुपये सलाना है, वे आवेदन कर सकते हैं.
 


CBI ने इस कंपनी के पूर्व डायरेक्टर को गिरफ्तार, 34000 करोड़ घोटाले का है आरोप

धीरज वाधवान पर 17 बैंकों के साथ 34000 करोड़ का लोन फ्रॉड करने का मामला है. इससे पहले भी वाधवान यस बैंक भ्रष्टाचार मामले में जेल जा चुके हैं और बेल पर बाहर थे.

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Wednesday, 15 May, 2024
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केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉर्प लिमिटेड (DHFL) के पूर्व डायरेक्टर धीरज वधावन को गिरफ्तार कर लिया है. यह गिरफ्तारी 34000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में की गई है. इसके साथ ही वधावन को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. अधिकारियों ने बताया कि वधावन को मुंबई से हिरासत में लिया गया, उन्होंने आगे कहा कि वधावन को दिल्ली की एक स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

17 बैंकों से फ्रॉड का आरोप

सीबीआई ने नई दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट के स्पेशल कोर्ट में DHFL के तबके सीएमडी कपिल वधावन और डायरेक्टर धीरज वधावन समेत कुल 74 लोगों और 57 कंपनियों के खिलाफ चार्जशीट दायर किया था. इनपर 17 बैंकों के साथ फ्रॉड करने का आरोप है. चार्जशीट में सीईओ हरशिल मेहता के नाम को भी शामिल किया गया था.

बॉलीवुड ही नहीं, दौलत के मामले में भी ‘क्वीन’ हैं कंगना, जानिए कितनी संपत्ति की हैं मालकिन

34,000 करोड़ के बैंकिंग फ्रॉड का आरोप

34,000 करोड़ रुपये की 17 बैंकों की कंसोर्टियम से धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई पहले ही मामला दर्ज कर चुकी है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया इस बैंकों की कंसोर्टियम की अगुवाई कर रही है. बैंक फ्रॉड मामले में सीबीआई की चार्जशीट में 2022 में ही धीरज वधावन के नाम को शामिल कर लिया गया था. वहीं, देश के बैंकिंग इतिहास का इसे सबसे बड़ा फ्रॉड माना जाता है. इससे पहले भी सीबीआई धीरज वधावन को यस बैंक घोटाले मामले में गिरफ्तार कर चुकी थी और इस मामले में फिलहाल वो जमानत पर था.

क्या है पूरा मामला?

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर जो FIR दर्ज की गई उसमें कहा गया कि DHFL के कपिल वधावन धीरज वधावन जो कि डायरेक्टर था उसने दूसरे आरोपियों के साथ मिलकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले 17 बैंकों को कंसोर्टियम के साथ फ्रॉड को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश रची और इन बैंकों पर 42,871.42 करोड़ रुपये कर्ज देने को कहा. कर्ज के हिस्से की बड़ी रकम को निकालकर उसका दुरुउपयोग किया गया. सीबीआई के मुताबिक DHFL के बुक्स में हेराफेरी की गई. शिकायत में ये आरोप लगाया गया कि 31 जुलाई, 2020 तक बकाये रकम के 17 बैंको के कंसोर्टियम को 34615 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
 


Open AI के इस को फाउंडर ने आखिर क्‍यों दिया इस्‍तीफा? जानिए इसकी पूरी वजह

पिछले साल नवंबर में जब ओपनएआई (Open AI) में लीडरशिप क्राइसेस हुआ था उस वक्‍त भी उन्‍होंने बोर्ड की कार्रवाई में अपनी भूमिका को लेकर माफी मांगी थी. 

Last Modified:
Wednesday, 15 May, 2024
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कुछ दिन पहले AI (ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) के अब तक सबसे शक्तिशाली वर्जन G-40 को लॉन्‍च करने वाली कंपनी Open AI  में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. कंपनी के को-फाउंडर इल्‍या सुत्‍सकेवर ने इस्‍तीफा दे दिया है. सुत्‍सकेवर ने अभी तक अपनी भविष्‍य की योजनाओं को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है लेकिन अपने ट्वीट में उन्‍होंने Open  AI को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि मेरी कामना है कि वो एक सुरक्षित एजीआई का निर्माण करेगा. 

अपने ट्वीट में उन्‍होंने क्‍या कहा? 
लिवा सुत्‍सकेयर ने ट्वीट में अपनी बात कहते हुए कहा, लगभग एक दशक तक काम करने के बाद, मैंने OpenAI छोड़ने का निर्णय लिया है. कंपनी का अब तक का सफर किसी चमत्कार से कम नहीं रहा है और मुझे विश्वास है कि ओपनएआई(OpenAI) एजीआई का निर्माण करेगा जो कि सैम ऑल्‍टमैन के नेतृत्व में सुरक्षित और फायदेमंद होगा. उन्‍होंने कंपनी के कुछ अहम लोगों को टैग करते हुए लिखा उन सभी के साथ काम करना सम्मान और सौभाग्य की बात थी और मैं सभी को बहुत याद करूंगा. इतना लंबा समय, और हर चीज़ के लिए धन्यवाद. मैं आगे जो आने वाला है उसके लिए उत्साहित हूं - एक परियोजना जो मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत सार्थक है जिसके बारे में मैं उचित समय पर विवरण साझा करूंगा.  

 

Open AI प्रमुख ने इस्‍तीफे पर कही ये बात 
इल्या और ओपनएआई अलग होने जा रहे हैं. ये मेरे लिए बहुत दुखद है. इल्या हमारी पीढ़ी की बेहतरीन प्रतिभाओं में से एक हैं,  हमारे क्षेत्र के मार्गदर्शक हैं और एक प्रिय मित्र हैं. उनकी प्रतिभा और दूरदर्शिता को सभी जानते हैं. उनकी गर्मजोशी और करुणा के बारे में कम लोग जानते हैं लेकिन कम महत्वपूर्ण नहीं हैं.
OpenAI उसके बिना वैसा नहीं होता जैसा आज है. हालाँकि उनके पास व्यक्तिगत रूप से कुछ सार्थक है जिस पर वह काम करने जा रहे हैं, उन्होंने यहां जो किया उसके लिए मैं हमेशा आभारी हूं और जिस मिशन को हमने साथ मिलकर शुरू किया था उसे पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मुझे खुशी है कि इतने लंबे समय तक मैं ऐसी सचमुच बेहतरीन प्रतिभा के करीब रहा, और किसी ने मानवता के बेहतर भविष्य के लिए अपना फोकस लगाया.  

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इल्‍या की जगह लेने जा रहे हैं जैकब 
सैम ऑल्‍टमैन ने अपने ट्वीट में बताया कि इल्‍या की जगह अब जैकब हमारे मुख्‍य वैज्ञानिक बनने जा रहे हैं. जैकब भी आसानी से हमारी पीढ़ी के सबसे महान दिमागों में से एक है, मैं रोमांचित हूं कि वह यहां कमान संभाल रहे हैं. उन्होंने हमारी कई सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाएं चलाई हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि वह यह सुनिश्चित करने के हमारे मिशन की दिशा में तेजी से और सुरक्षित प्रगति करने में हमारा नेतृत्व करेंगे कि एजीआई से सभी को लाभ हो.

लीडरशिप क्राइसेस के 6 महीने बाद छोड़ी कंपनी 
पिछले साल नवंबर में बोर्ड की कार्रवाई के बाद सैम ऑल्‍टमैन ने इस्‍तीफा दे दिया था उस वक्‍त भी इल्‍या सुतस्‍केवर ने अपने ट्वीट किया था और बोर्ड की कार्रवाई में अपनी भूमिका को लेकर माफी मांगी थी. उन्‍होंने उस वक्‍त जो ट्वीट किया था उसमें लिखा था कि ‘मुझे बोर्ड के कार्यों में अपनी भागीदारी पर गहरा खेद है.  मेरा कभी भी OpenAI को नुकसान पहुँचाने का इरादा नहीं था. मुझे वह सब कुछ पसंद है जो हमने मिलकर बनाया है और मैं कंपनी को फिर से एकजुट करने के लिए हर संभव प्रयास करूंगा ’.


 


Mutual Funds की फेवरेट हैं ये कंपनियां, बीते 3 सालों में 35 अरब डॉलर किए इन्वेस्ट

HDFC बैंक और रिलायंस जैसी कंपनियों पर म्यूचुअल फंड्स का भरोसा बढ़ा है. पिछले कुछ वक्त में फंड्स ने इनमें काफी पैसा लगाया है.

Last Modified:
Wednesday, 15 May, 2024
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घरेलू म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) ने शेयर बाजार की कुछ कंपनियों पर काफी प्यार लुटाया है. बीते तीन सालों में अलग-अलग क्षेत्रों की 27 टॉप कंपनियों में फंड्स ने करीब 35 अरब डॉलर का निवेश किया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, खासतौर पर HDFC बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा समूह की TCS जैसी कंपनियों में म्यूचुअल फंड्स इन्वेस्टमेंट काफी बढ़ चुका है. इससे पता चलता है कि फंड्स को इन कंपनियों पर सबसे ज्यादा भरोसा है.

इन सेक्टर्स पर है फोकस
म्यूचुअल फंड्स फाइनेंस, ऑटोमोबाइल, एनर्जी, IT और कंज्यूमर गुड्स जैसे सेक्टर्स पर सबसे ज्यादा फोकस किए हुए हैं. इन सेक्टर्स से जुड़ी प्रमुख कंपनियों में Mutial Funds ने जमकर निवेश किया है. रिपोर्ट में नुवामा अल्टरनेटिव एंड क्वांटिटेटिव रिसर्च के प्रमुख अभिलाष पगारिया के हवाले से बताया गया है कि म्यूचुअल फंड द्वारा इक्विटी बाजार में निवेश बढ़ते रहने की संभावना है. फिलहाल, सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) से करीब 2.3 अरब डॉलर की रकम बाजार को एनर्जी दे रही है.

ये हैं टॉप 10 कंपनियां
रिपोर्ट के अनुसार, HDFC बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति सुजुकी, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज यानी TCS, पावर ग्रिड कॉर्प, हिंदुस्तान यूनिलीवर, इंडिगो की पैरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन, बजाज फाइनेंस, कोफोर्ज, वो टॉप 10 कंपनियां हैं, जिनमें म्यूचुअल फंड्स ने बीते कुछ समय में काफी पैसा लगाया है. पिछले महीने खबर आई थी कि फंड मैनेजर्स ने वित्त वर्ष-24 की मार्च तिमाही (Q4FY24) में व्हर्लपूल इंडिया (Whirlpool Of India) में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाकर 31.14% कर दी है. 31 दिसंबर को समाप्त पिछली तिमाही में यह 11.12% थी. इसी तरह, फंड्स ने आवास फाइनेंसर्स (Aavas Financiers) में अपनी हिस्सेदारी को 12.05% से बढ़ाकर 21.13% कर दिया है. जबकि इनोवा कैपटैब (Innova Captab) में उनकी हिस्सेदारी 3.40% से बढ़कर 12.38% तक हो गई है.

म्यूचुअल फंड के प्रकार
म्यूचुअल फंड अलग-अलग प्रकार के होते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड: निवेशकों की रकम को सीधे शेयर बाजार लगाते हैं. लंबी अवधि में ये आपको अच्छा रिटर्न दे सकते हैं. डेट म्यूचुअल फंड डेट सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं. ये स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं. साथ ही बैंकों की FD की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं. हाइब्रिड म्यूचुअल फंड: इसके तहत इक्विटी और डेट दोनों में निवेश किया जाता है.  सल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड:
ये स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती है. उदाहरण के लिए इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चों की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. इसमें आपको कम से कम 5 साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है.