पीएम मोदी के विजिट से चर्चा में आए इस राज्‍य में 15 रुपये तक कम हुए पेट्रोल-डीजल के दाम

केन्‍द्र सरकार ने लक्ष्‍यद्वीप के जिन इलाकों में पेट्रोल-डीजल के दामों में कमी की है वहां पेट्रोल 100 रुपये से ज्‍यादा और डीजल 100 रुपये तक मिल रहा था. 

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Saturday, 16 March, 2024
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लोकसभा चुनावों की घोषणा से पहले केन्‍द्र सरकार ने लक्ष्‍यद्वीप के लोगों को बड़ा तोहफा दिया है. लक्ष्‍यद्वीप के दो द्वीपों एड्रोंट और कल्‍पेनी द्वीप में केन्‍द्र सरकार ने पेट्रोल के दाम 15 रुपये और कल्‍पेनी द्वीप में 5 रुपये तक की कमी कर दी है. लक्ष्‍यद्वीप के एड्रोंट और कल्‍पेनी द्वीप 15.3 रुपये प्रति लीटर इसी तरह से कावारात्‍ती और मिनिकाय में 5.2 रुपये की कमी की गई है. केन्‍द्र सरकार के निर्णय के अनुसार, दामों में ये कमी आज से ही लागू हो गई है. 

पेट्रोलियम मिनिस्‍ट्री ने किया क्‍या ट्वीट 
पेट्रोलियम मिनिस्‍ट्री ने अपने ट्वीट के जरिए जानकारी देते हुए कहा कि इंडियनऑयलसीएल की सूचना के अनुसार पेट्रोल और डीजल दोनों की कीमत में एंड्रोट और कल्पेनी द्वीपों के लिए 15.3 रुपये प्रति लीटर और लक्षद्वीप द्वीपों में कावारत्ती और मिनिकॉय के लिए 5.2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की गई है, जो आज से प्रभावी है.  लक्षद्वीप में, IOCL चार द्वीपों कवरत्ती, मिनिकॉय, एंड्रोट और कल्पेनी को पेट्रोल और डीजल की आपूर्ति कर रहा है. IOCL के कवरत्ती और मिनिकॉय में डिपो हैं, और इन डिपो में उत्पाद की आपूर्ति केरल के कोच्चि में IOCL डिपो से की जाती है. कावारत्ती और मिनिकॉय में खुदरा दुकानों को हमारे डिपो से सीधे पाइपलाइनों के माध्यम से आपूर्ति की जाती है। अन्य दो द्वीपों, एंड्रोट और कल्पेनी को कावारत्ती डिपो से बैरल के माध्यम से आपूर्ति की जाती है. 

अब इतने में मिलेगा पेट्रोल डीजल 
केन्‍द्र सरकार ने पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर जिन इलाकों में जितनी कमी की है उसके बाद अब वहां पेट्रोल 100.75 रुपये और डीजल 95.71 रुपये में मिलेगा. केन्‍द्र सरकार ने ये फैसला ठीक चुनावों से पहले लिया है. इससे पहले केन्‍द्र सरकार पूरे देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में 2 रुपये तक की कमी की जा चुकी है. 

 
 


अब इन दो बैंकों पर चला आरबीआई का चाबुक, जानते हैं क्‍या है इनकी गलती?

आरबीआई ने जिन दो बैंकों पर कार्रवाई की है उनमें एक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है जबकि दूसरे पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई लगातार बैंकों पर कार्रवाई कर रहा है. 

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Monday, 29 April, 2024
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देश की अर्थव्‍यव्‍सथा की निगरानी से लेकर बैंकों के कारोबार पर निगरानी रखने वाली संस्‍था आरबीआई ने एक बार फिर दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इन बैंकों पर नियमों का पालन न करने को लेकर ये कदम उठाया है. RBI की ओर से जिन बैंकों के खिलाफ ये कदम उठाया गया है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक और द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक जैसे नाम शामिल हैं. 

आखिर क्‍यों हुई है ये कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से इन दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेंट्रल बैंक पर आरोप है कि उसने NABARD(National Bank For Agriculture and Rural Devlopement) की ओर से धोखाधड़ी, क्लॉसीफिकेशन, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए जारी किए गए नियमों का पालन नहीं किया. आरबीआई की ओर से जांच में ये पाया गया कि फ्रॉड के मामलों में की सूचना देरी से दी गई है. इसी तरह दद वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर KYC के नियमों का पालन न करने को लेकर कार्रवाई की गई है. 

आरबीआई लगातार कर रहा है कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से समॉल फाइनेंस बैंकों से लेकर यूनिवर्सल बैंकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. जनवरी में पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई के बाद अभी कुछ दिन पहले ही आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. कोटक महिंद्रा बैंक पर क्रेडिट कार्ड के कारोबार में अनियमित्‍ता का आरोप था. इन दोनों फाइनेंस सेक्‍टर की कंपनियों पर कार्रवाई के बाद इन्‍हें बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था. 2023 में भी आरबीआई की ओर से कई बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.  

ये भी पढ़ें: Ola Cabs के सीईओ ने दिया इस्‍तीफा, जनवरी में ही हुई थी ज्‍वॉइनिंग


अब इन दो बैंकों पर चला आरबीआई का चाबुक, जानते हैं क्‍या है इनकी गलती?

आरबीआई ने जिन दो बैंकों पर कार्रवाई की है उनमें एक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है जबकि दूसरे पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. आरबीआई लगातार बैंकों पर कार्रवाई कर रहा है. 

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Monday, 29 April, 2024
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देश की अर्थव्‍यव्‍सथा की निगरानी से लेकर बैंकों के कारोबार पर निगरानी रखने वाली संस्‍था आरबीआई ने एक बार फिर दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की है. इन बैंकों पर नियमों का पालन न करने को लेकर ये कदम उठाया है. RBI की ओर से जिन बैंकों के खिलाफ ये कदम उठाया गया है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक और द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक जैसे नाम शामिल हैं. 

आखिर क्‍यों हुई है ये कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से इन दो बैंकों के खिलाफ कार्रवाई हुई है उनमें सेंट्रल को ऑपरेटिव बैंक पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है जबकि द वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेंट्रल बैंक पर आरोप है कि उसने NABARD(National Bank For Agriculture and Rural Devlopement) की ओर से धोखाधड़ी, क्लॉसीफिकेशन, रिपोर्टिंग और निगरानी के लिए जारी किए गए नियमों का पालन नहीं किया. आरबीआई की ओर से जांच में ये पाया गया कि फ्रॉड के मामलों में की सूचना देरी से दी गई है. इसी तरह दद वैश्‍य को ऑपरेटिव आदर्श बैंक पर KYC के नियमों का पालन न करने को लेकर कार्रवाई की गई है. 

आरबीआई लगातार कर रहा है कार्रवाई 
आरबीआई की ओर से समॉल फाइनेंस बैंकों से लेकर यूनिवर्सल बैंकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. जनवरी में पेटीएम के खिलाफ कार्रवाई के बाद अभी कुछ दिन पहले ही आरबीआई ने कोटक महिंद्रा बैंक के खिलाफ कार्रवाई की है. कोटक महिंद्रा बैंक पर क्रेडिट कार्ड के कारोबार में अनियमित्‍ता का आरोप था. इन दोनों फाइनेंस सेक्‍टर की कंपनियों पर कार्रवाई के बाद इन्‍हें बड़े नुकसान का सामना करना पड़ा था. 2023 में भी आरबीआई की ओर से कई बैंकों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी.  

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कौन हैं BSE के मालिक, जिन्होंने एक ही झटके में गंवा दिए इतने करोड़?

शेयर बाजार में आज अच्छी-खासी बढ़त देखने को मिली, लेकिन BSE के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज हुई.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) आज गुलजार नजर आया. पिछले सप्ताह की गिरावट को पीछे छोड़ते हुए बाजार में शानदार तेजी देखने को मिली. इस दौरान, सेंसेक्स 904.95 उछलकर 74,635.11 के लेवल पर पहुंच गया. बाजार में पैसा लगाने वालों के चेहरे खिले नजर आए. हालांकि, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के निवेशकों को बाजार की तेजी के बावजूद मायूसी हाथ लगी. BSE का शेयर सप्ताह के पहले दिन यानी सोमवार को 13.31% की बड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ.  

पता चल गई गिरावट की वजह
BSE का शेयर पिछले पांच कारोबारी सत्रों से लाल निशान पर कारोबार कर रहा है. इस दौरान, यह 4.54% लुढ़क गया है. चलिए जानते हैं कि BSE के मालिक कौन हैं और इस गिरावट से उन्हें कितना नुकसान हुआ है. BSE में म्यूचुअल फंड कंपनियों से लेकर इंडिविजुअल इन्वेस्टर्स ने पैसा लगाया है. इसमें सबसे ज्यादा स्टेक रखने वालों को एक तरह से इसका मालिक कहा जा सकता है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के शेयर में आई आज की गिरावट के चलते म्यूचुअल फंड कंपनियों को 406 करोड़ रुपए से ज्यादा का झटका लगा है. इस नरमी की वजह बाजार नियामक सेबी (SEBI) का एक निर्देश बताया जा रहा है. दरअसल, सेबी ने ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के रेगुलेटरी फीस को प्रीमियम वैल्यू के बजाए नोशनल वैल्यू के आधार पर कैलकुलेट करने का निर्देश दिया है. इसी के चलते BSE के शेयरों में आज बड़ी गिरावट आई.

Invesco FM सबसे बड़ी स्टेकहोल्डर
अब यह भी जान लेते हैं कि BSE में किसकी कितनी हिस्सेदारी है और किसे, कितना नुकसान उठाना पड़ा है. मार्च 2024 तक के शेयरहोल्डिंग पैटर्न के अनुसार, बीएसई में सबसे बड़ी हिस्सेदारी Invesco Mutual Fund के पास है. उसके पोर्टफोलियो में BSE के 23 लाख शेयर हैं और सोमवार की गिरावट के चलते उसे 81 करोड़ का नुकसान हुआ. इस तरह उसके शेयरों की वैल्यू घटकर 658 करोड़ रुपए हो गई है. BSE में मोतीलाल ओसवाल के साथ ही एक्सिस और केनरा रोबेको की भी बड़ी हिस्सेदारी है.

इन्हें उठाना पड़ा इतना नुकसान
मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड को आज की गिरावट से करीब 60 करोड़, एक्सिस म्यूचुअल फंड को 58 करोड़ और केनरा रोबेको म्यूचुअल फंड को 48 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. पिछले महीने तक कुल 27 म्यूचुअल फंड कंपनियों के पास BSE लिमिटेड के 1.16 करोड़ शेयर थे, जिसकी मार्केट वैल्यू उस समय 3,304 करोड़ रुपए थी. वहीं, दिग्गग निवेशक Mukul Agrawal भी BSE के बड़े स्टेकहोल्डर्स में शुमार हैं. उनके पास कंपनी के 20 लाख शेयर या 1.48 फीसदी हिस्सेदारी है. उन्हें आज की गिरावट से करीब 70 करोड़ रुपएका नुकसान उठाना पड़ा है.

बालाचंद्रन के भी डूबे 167 करोड़
BSE के इंडिविजुअल स्टेकहोल्डर्स की बात करें, तो इस मामले में सिद्धार्थ बालाचंद्रन सबसे आगे हैं. उनके पास BSE के 47.6 लाख शेयर है, जो कंपनी की 3.52% हिस्सेदारी के बराबर है. आज BSE के शेयर में आई गिरावट से उनके करीब 167 करोड़ रुपए डूब गए हैं. बता दें कि बालाचंद्रन, ब्यूमर्क कॉरपोरेशन लिमिटेड के एग्जिक्यूटिव चेयरमैन एवं सीईओ हैं. वहीं, इंफोसिस के को-फाउंडर एस गोपालकृष्णन के पास बीएसई के 15.93 लाख शेयर हैं और उन्हें आज 56 करोड़ का नुकसान हुआ है. देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC ने भी BSE में पैसा लगाया हुआ है. उसके पास कंपनी के 75.77 लाख शेयर (करीब 5.6% हिस्सेदारी) है. LIC को आज के गिरावट से लगभग 266 करोड़ रुपए की चपत लगी है. उसकी हिस्सेदारी की कुल मार्केट वैल्यू करीब 2,166 करोड़ रुपए है


Ola Cabs के सीईओ ने दिया इस्‍तीफा, जनवरी में ही हुई थी ज्‍वॉइनिंग 

हेमंत बख्‍शी के आने के बाद कंपनी में हाल ही में दो बड़ी नियुक्तियां भी हुई थी. इनमें सीएफओ और सीबीओ जैसे पदों पर लोगों को नियुक्‍त किया गया था. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
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जनवरी में ola Cabs की कमान संभालने वाले हेमंत बख्‍शी ने अपने पद से इस्‍तीफा दे दिया है. हेमंत बख्‍सी के इस्‍तीफे की खबर तब आई है जब आने वाले कुछ महीनों में ओला अपना आईपीओ लेकर आने वाली है. कंपनी कॉस्‍ट कटिंग को लेकर छंटनी करने की भी तैयारी कर रही है. इस छंटनी में 10 प्रतिशत कर्मचारियों के प्रभावित होने की संभावना है. हेमंत बख्‍सी जनवरी में ही HUL से Ola Cabs में आए थे. 

इस छंटनी का इतने कर्मचारियों पर पड़ने वाला है असर
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,कंपनी कॉस्‍ट कटिंग करने के लिए अपने 10 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने जा रही है. माना जा रहा है कि कंपनी के इस कदम से कोई 200 कर्मचारियों पर इसका असर पड़ सकता है. छंटनी की ये खबर ऐसे समय में आई है जब कंपनी आने वाले कुछ समय में अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. Ola Electric कंपनी इसके लिए दिसंबर में अपना रेड हियरिंग प्रॉसपेक्‍ट भी सेबी में जमा करा चुकी है. 

ये भी पढ़ें: दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रहा है ये देश, जानिए इसमें क्‍या है खास?

कंपनी के प्रॉफिट को लेकर कही थी ये बात 
हेमंत बख्‍सी ने जनवरी में ज्‍वॉइन करने के बाद कहा था कि 31 मार्च  2023 तक कंपनी फायदे में आ चुकी है. उन्‍होंने कहा था कि पिछले वित्‍तीय वर्ष के मुकाबले ओला कैब्‍स ने 250 करोड़ का EBITDA दर्ज किया था. जबकि पिछले साल की बात करें तो उस समय EBITDA 66 करोड़ रुपये रहा था. कंपनी के रेवेन्‍यू में 58 प्रतिशत की ग्रोथ देखने को मिली थी जिसके बाद ये 2135 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. 

कंपनी ने हाल ही में की गई कई नियुक्तियां 
Ola Cabs की ओर से कुछ नई नियुक्तियां भी की गई थी. इनमें कार्तिक गुप्‍ता को सीएफओ की जिम्‍मेदारी मिली थी जबकि सिद्ार्थ शकधर को CBO की जिम्‍मेदारी दी गई थी. इससे पहले ओला इलेक्ट्रिक की ओर से दिसंबर में सेबी में जो दस्‍तावेज जमा किए गए थे उसके अनुसार कंपनी 7250 करोड़ रुपये जुटाने के लिए आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. ola Cabs की शुरूआत 2010 में हुई थी, जिसे सॉफ्ट बैंक और टाइगर ग्‍लोबल जैसी कंपनियों का समर्थन मिला हुआ था. 
 


अब एक ही पॉलिसी में होगा सब कुछ कवर, जानिए आप कैसे खरीद सकते हैं?

बीमा रेगुलेटर IRDAI हेल्थ, प्रॉपर्टी और लाइफ जैसे अलग-अलग इंश्योरेंस सिर्फ एक पॉलिसी में देने के लिए एक नई पॉलिसी पर काम कर रहा है.

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Monday, 29 April, 2024
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अगर आप हेल्थ से लेकर प्रॉपर्टी तक कोई भी इंश्योरेंस कराना चाहते हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. दरअसल अब आपको अलग अलग तरह का इशेयोरेंस कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अभी तक हेल्थ, प्रॉपर्टी और लाइफ के लिए अलग अलग इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी पड़ती है, लेकिन अब इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने पॉलिसी पर आप लोगों को अलग अलग इंश्योरेंस लेने के झंझट से छुटकारा देने जा रही है, तो चलिए जानते हैं आपको इसका क्या लाभ मिलेगा?
 
ये इंश्योरेंस होंगे शामिल
अब आपको एक ही इंश्योरेंस में सारा कवरेज मिल सकता है. इसके लिए बीमा नियामक संस्था इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (IRDAI) ने विचार करना शुरू कर दिया है. जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी का नाम बीमा विस्तार हो सकता है, जिसमें हेल्थ, प्रॉपर्टी, पर्सनल एक्सिडेंट और लाइफ का इंश्योरेंस शामिल है.  

इतने रुपये होगा प्रीमियम
IRDAI ने पॉलिसी पर बीमा कंपनियों के साथ बातचीत शुरू कर दी है. कहा जा रहा है कि इसका प्रीमियम करीब 1500 रुपये प्रति पॉलिसी हो सकता है. इस बीमा विस्तार पॉलिसी का मकसद गांवों समेत देश की ज्यादा से ज्यादा आबादी तक बीमा मुहैया कराना है. लाइफ, प्रॉपर्टी और पर्सनल एक्सिडेंट के मामले में 2-2 लाख रुपये का बीमा कवर मिल सकता है. लाइफ कवर के लिए 800 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है. जबकि हेल्थ कवर के लिए 500 और पर्सनल एक्सीडेंट के लिए 100 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है. वहीं प्रॉपर्टी के इंश्योरेंस के लिए भी 100 रुपये का प्रीमियम रखा जा सकता है.

5 हजार के बिल का कैशलेस भुगतान
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसमें आपको हॉस्पिटल कवर के नाम से हेल्थ कवर भी दिया जाएगा, जिसमें बीमा कराने वाले को 5,000 रुपये के बिल का कैशलेस भुगतान किया जाएगा. इसके लिए उन्हें कोई दस्तावेज जमा नहीं कराना होगा.

इसे भी पढ़ें-कबाड़ गाड़ी दीजिए, नई में तगड़ी छूट लीजिए. सब लूट रहे हैं ये स्कीम

पॉलिसी बेचने वाले एजेंट को मिलेगा इतना कमीशन
बीमा विस्तार पॉलिसी में अलग अलग सेगमेंट्स के लिए क्लेम सेटलमेंट का तरीका भी अलग अलग हो सकता है. यह सब बीमा कंपनियों की ओर से तय किया जाएगा. जानकारी के अनुसार इस पॉलिसी को बेचने वाले एजेंट्स को 10 प्रतिशत कमीशन भी मिलेगा. 
 


Google में जारी है छंटनी, एक साथ इस टीम को नौकरी से किया बर्खास्त

गूगल ने पिछले कुछ हफ्तों में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी की है. सुंदर पिचाई की अगुवाई वाली कंपनी ने अब अपनी पूरी पायथन टीम को निकाल दिया है.

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Monday, 29 April, 2024
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गूगल के कर्मचारी पिछले काफी समय से लगातार मुसीबत में फंसे हुए हैं. उन पर लगातार छंटनी की तलवार लटक रही है. एक के बाद एक कई सारे डिपार्टमेंट से लोगों को कॉस्ट कटिंग जैसे कई कारणों का हवाला देकर निकाला जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सुंदर पिचई के नेतृत्व वाली अल्फाबेट (Alphabet) ने पूरी पायथन टीम (Python Team) को नौकरी से निकाल दिया है. इसके पीछे का कारण सस्ता लेबर बताया जा रहा है.

नए सिरे से टीम बनाने की प्लानिंग

Google की Python टीम के एक एक्स एंप्लॉय ने कहा कि वह कंपनी के इस कदम से बेहद नाराज हैं. रिपोर्ट की मानें तो,सुंदर पिचाई की अगुवाई वाली कंपनी Google जर्मनी के म्यूनिख में नए सिरे से नई टीम के गठन के गठन की योजना बना रही है. बता दें कि कथित तौर Google की पायथन टीम में कुल 10 कर्मचारी थे. निकाले गए कर्मचारी Google के पायथन इको सिस्टम के ज्यादात्तर हिस्सों को मैनेज करते थे, जिनमें Google में पायथन की स्थिरता, हजारों थर्ड पार्टी ऐप्लीकेशन को अपडे़ट करना समेत कई सारी जिम्मेदारियां शामिल थीं.

कई डिपार्टमेंट में हो चुकी है छंटनी

गूगल ने रियल एस्टेट और फाइनेंस डिपार्टमेंट में भी छंटनी की है. गूगल के फाइनेंस चीफ रूथ पोराट ने एक ईमेल के जरिए कर्मचारियों को सूचना दी कि कंपनी रीस्ट्रक्चरिंग कर रही है. हम बेंगलुरु, मेक्सिको सिटी और डबलिन में ग्रोथ पर फोकस करना चाहते हैं. इससे पहले गूगल ने इंजीनियरिंग, हार्डवेयर और असिस्टेंट टीम्स से हजारों कर्मचारी निकाले थे. कंपनी ने यह छंटनी आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी पर निवेश बढ़ाने के लिए की थी.

सुंदर पिचाई ने पहले ही दे दिए थे संकेत

गौरतलब है कि Google ने जनवरी में अपनी कई टीमों के सैकड़ों कर्मचारियों की छंटनी की थी, जिनमें इसकी इंजीनियरिंग, हार्डवेयर समेत कई टीमें शामिल थीं. इस दौरान अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई ने एक आंतरिक ज्ञापन के माध्यम से कर्मचारियों अधिक नौकरियां प्रभावित होने के संकेत दिए थे. सुंदर पिचाई ने अपने नोट में लिखा था कि हमारे पास महत्वाकांक्षी लक्ष्य हैं और हम इस साल अपनी बड़ी प्राथमिकताओं में निवेश करेंगे. वास्तविकता यह है कि इस निवेश के लिए क्षमता बनाने के लिए हमें कठिन विकल्प चुनने होंगे.
 


दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रहा है ये देश, जानिए इसमें क्‍या है खास?

मौजूदा समय में सउदी अरब में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट स्थित है. लेकिन अब दुबई अपने मौजूदा एयरपोर्ट से पांच गुना बड़ा एयरपोर्ट बनाने जा रहा है, जिसे उसने मंजूरी दे दी है. 

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Monday, 29 April, 2024
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आने वाले कुछ सालों में दुनिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट की लोकेशन बदलने वाली है. दुबई में दुनिया का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनने जा रहा है जो मौजूदा एयरपोर्ट का 5 गुना है. इस एयरपोर्ट में 400 विमान, 5 रनवे सहित सालाना 12 मिलियन लोगों की क्षमता होगी. इस एयरपोर्ट को दुबई के शासक शेख मोहम्‍मद बिन राशिद ने मंजूरी दे दी है. इस नए एयरपोर्ट का नाम अल मकतूम अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा होगा. उन्‍होंने इसे लेकर ट्वीट करते हुए विस्‍तार से जानकारी दी है. 

क्‍या बोले दुबई के प्रमुख शासक? 
दुबई के प्रमुख शासक शेख मोहम्‍मद ने ट्वीट करते हुए इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, हमने अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नए यात्री टर्मिनलों के डिजाइन को मंजूरी दे दी है, और दुबई एविएशन कॉरपोरेशन की रणनीति के हिस्से के रूप में एईडी 128 बिलियन की लागत से भवन का निर्माण शुरू कर दिया है. 
अल मकतूम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा दुनिया की सबसे बड़ी क्षमता वाला एयरपोर्ट होगा, जिसकी क्षमता 260 मिलियन यात्रियों तक होगी. यह वर्तमान दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के आकार का पांच गुना होगा, और आने वाले वर्षों में दुबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के सभी परिचालन को इसमें स्थानांतरित कर दिया जाएगा. हवाईअड्डे में 400 विमान द्वार होंगे और इसमें पांच समानांतर रनवे होंगे. विमानन क्षेत्र में पहली बार नई विमानन प्रौद्योगिकियों का प्रयोग किया जाएगा.

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इतने सालों का लगेगा समय
सरकार की योजना के अनुसार इस एयरपोर्ट को बनाने में 10 साल लगेंगे. 10 साल में दुबई एयरपोर्ट का ऑपरेशन नए एयरपोर्ट में शिफ्ट हो जाएगा. वहीं अगर इसे बनाने में होने वाले खर्च की बात करें तो दुनिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने में एक बड़ी रकम खर्च होने जा रही है. दुनिया के इस सबसे बड़े एयरपोर्ट को बनाने में 35 अरब डॉलर यानी 2.9 लाख करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं. इस रकम की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इनसे दो दर्जन बुर्ज खलीफा बनाए जा सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बुर्ज खलीफा को बनाने में दुबई सरकार को 12500 करोड़ रुपये खर्च आए थे. दुबई सरकार की योजना ये भी है कि इस एयरपोर्ट के चारों ओर शहर भी बनाया गया. इस एयरपोर्ट की खास बात ये होगी कि यहां अत्‍याधुनिक सुविधाओं से लैस कार्गो सेवाएं भी मौजूद होंगी. 

ये हैं दुनिया के टॉप फाइव सबसे बड़े एयरपोर्ट 
वहीं दुनिया के सबसे पांच बड़े एयरपोर्ट की बात करें तो उसमें सबसे पहले नंबर पर सबसे बड़ा एयरपोर्ट किंग फहद अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. इसके बाद दूसरे नंबर पर अमेरिका के डेनवर में स्थित अंतराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. तीसरे नंबर पर अमेरिका के डलास में स्थित डलास फोर्ट वर्थ अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डा शामिल है. चौथे नंबर पर भी अमेरिका के ऑरलैंडों में स्थित आरलैंडों हवाई अड्डा शामिल है. वहीं पांचवे नंबर पर अमेरिका के वॉशिंगटन डीसी में स्थित वॉशिंगटन डलेस इंटरनेशनल एयरपोर्ट शामिल है. 
 


कबाड़ गाड़ी दीजिए, नई में तगड़ी छूट लीजिए. सब लूट रहे हैं ये स्कीम

देश के 21 राज्यों ने पुरानी गाड़ियों को स्क्रैप करने के बदले में नई गाड़ी पर रोड टैक्स में 25 प्रतिशत या 50 हजार रुपये तक की छूट देने की घोषणा की है. 

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Monday, 29 April, 2024
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अगर आपकी गाड़ियां पुरानी हो गई है, तो आपके लिए एक खुशखबरी है. दरअसल, अब आपको पुरानी गाड़ी कबाड़ में देने पर अच्छी छूट मिलने वाली है. देश के 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार ने घोषणा की है कि अगर कोई अपनी पुरानी गाड़ी कबाड़ में देता है, तो उसे राज्य सरकार की तरफ से नई गाड़ी पर छूट दी जाएगी. तो चलिए जानते हैं सरकार आपको कैसे और कितनी छूट देने जा रही है? 

इन राज्यों ने किया छूट का ऐलान
केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों से अपने-अपने राज्यों से पुरानी और अनफिट गाड़ियों की स्क्रैपिंग को अनिवार्य बनाने की बात कही है. इसके बाद बिहार, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब और केरल सहित 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मोटर व्हीकल या रोड टैक्स में छूट का ऐलान किया है.

नई कार और कमर्शियल वाहन खरीदने पर मिलेगी छूट
राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश सरकार की ओर से पुराने वाहनों को स्क्रैप करने के बदले नई कार खरीदने पर 25 प्रतिशत तक और कमर्शियल व्हीकल पर 15 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी. अब तक, लगभग 70,000 पुराने वाहनों को अपने आप नष्ट कर दिया गया है. हालांकि उनमें से एक बड़ा हिस्सा केंद्र या राज्य सरकार की एजेंसियों का है. दिल्ली एकमात्र राज्य/केंद्र शासित प्रदेश है जहां 10 और 15 वर्ष से अधिक पुरानी डीजल और पेट्रोल गाड़ीयां ऑटोमैटिकली अनरजिस्टर्ड हो जाती हैं और उन्हें स्क्रैप करना पड़ता है.

इन राज्यों में मिलेगी ये छूट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 21 में से 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने पुराने वाहनों को हटाने के बाद कमर्शियल या ट्रांस्पोर्ट व्हीकल को रजिस्ट्रेशन के दौरान 15 प्रतिशत रोड टैक्स रियायत देने की बात कही है. प्राइवेट व्हीकल के मामले में 12 राज्य रोड टैक्स पर 25 प्रतिशत की छूट दे रहे हैं. 
1.    हरियाणा 10 प्रतिशत रियायत या स्क्रैप वैल्यू के 50 प्रतिशत से कम का ऑफर कर रहा है. 
2.    वहीं, दूसरी ओर उत्तराखंड 25 प्रतिशत या 50,000 रुपये की छूट दे रहा है. 
3.    कर्नाटक नए व्हीकल की कीमत के अनुसार रोड टैक्स में फिक्स्ड छूट ऑफर कर रहा है. उदाहरण के लिए, 20 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली कार के लिए 50,000 रुपये की छूट मिलेगी. 
4.    पुडुचेरी में 25 प्रतिशत या 11,000 रुपये की छूट मिल रही है.

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इतने राज्यों में स्क्रैपिंग सेंटर
जानकारी के अनुसार जब से सरकार ने वॉलेंटरी व्हीकल स्क्रैपिंग को बढ़ावा दिया है, 37 रजिस्टर्ड स्क्रैपिंग सेंटर या आरवीएसएफ चालू हो गए हैं. मौजूदा समय में 16 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 52 ऐसे सेंटर्स काम कर रहे हैं. इसी तरह से 11 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में व्हीकल फिटनेस की जांच के लिए 52 ऑटोमैटिक टेस्टिंग सेंटर काम कर रहे हैं. 


 


निवेशक हो जाइए तैयार, रेलवे के ये दो शेयर बनने वाले हैं रॉकेट

शेयर बाजार में इस साल शानदार तेजी देखी जा रही है. जनवरी महीने से ही खासकर पीएसयू स्टॉक बंपर रिटर्न बनाते दिख रहे हैं. सबसे अधिक तेजी तो रेलवे स्टॉक में देखने को मिली है.

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Railway Share

भारतीय शेयर मार्केट में इन दिनों जोरदार तेजी देखने को मिल रही है. बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी (Nifty) दोनों रिकॉर्ड ऊंचाई को छू रहे हैं. मार्केट में आई इस तेजी के बीच कई कंपनियों के शेयरों ने भी जोरदार छलांग लगाई है. पिछले कुछ हफ्ते में भारतीय रेलवे से जुड़े शेयरों ने रफ्तार पकड़ी है. मार्केट में रेलवे से जुड़े जिन स्टॉक में तेजी आई है, उनमें रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड शामिल हैं. अभी जिस कंपनी को 1,200 करोड़ का टेंडर मिला है, उसने पिछले एक साल में 189% का रिटर्न अपने निवेशकों को बनाकर दिया है. निवेशक इसे मल्टीबैगर स्टॉक बता रहे हैं.

इरकॉन को मिला बड़ा ऑर्डर 

आज इरकॉन इंटरनेशनल के शेयरों में आई इस उछाल के पीछे कंपनी द्वारा इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) कार्य के लिए एक महत्वपूर्ण ऑर्डर हासिल करना है. कंपनी ने रविवार को एक एक्सचेंज फाइलिंग में निवेशकों को बताया कि दिनेशचंद्र आर अग्रवाल इंफ्राकॉन के साथ अपने ज्वाइंट वेंचर के माध्यम से 1,200 करोड़ के कांट्रैक्ट के लिए अवार्ड लेटर प्राप्त किया है. इस कांट्रैक्ट में ईस्ट कोस्ट रेलवे के वाल्टेयर डिवीजन के एक डिविजन के लिए कोथावलासा-कोरापुट दोहरीकरण परियोजना का निर्माण शामिल है.

RVNL के पास भी है 50 फीसदी रेलवे के ऑर्डर 

इसके साथ ही रेलवे से जुड़ी एक और कंपनी है, जिसके पास 50 फीसदी रेलवे से जुड़ी परियोजनाएं हैं. पब्लिक सेक्टर की कंपनी रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) की ऑर्डर बुक 65,000 करोड़ रुपए पर पहुंच गई है. कंपनी प्रबंधन ने निवेशक कॉल में कहा कि RVNL अब मध्य एशिया और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ पश्चिमी एशिया जैसे विदेशी बाजारों में नई परियोजनाओं की संभावनाएं तलाश रही है. मैनेटमेंट के टॉप अधिकारियों ने बताया कि हमारे पास अब लगभग 65,000 करोड़ रुपए के ऑर्डर हैं. इनमें से 50 फीसदी रेलवे से जुड़े ऑर्डर हैं. शेष 50 फीसदी ऑर्डर हमें बाजार से मिले हैं. आने वाले समय में हमारी ऑर्डर बुक करीब 75,000 करोड़ रुपए होगी. इस कंपनी के शेयर ने भी पिछले एक साल में 144% का रिटर्न दिया है.

क्या करती है इरकॉन इंटरनेशनल?

इरकॉन इंटरनेशनल एक रेलवे निर्माण कंपनी है, जिसने सड़कों, इमारतों, विद्युत सबस्टेशनों और वितरण, हवाई अड्डे के निर्माण, वाणिज्यिक परिसरों और मेट्रो रेल कार्यों में इन्वॉल्ब है. कंपनी ने दुनिया भर के 25 देशों में 128 से अधिक परियोजनाएं और भारत में विभिन्न राज्यों में 401 परियोजनाएं पूरी की हैं. 2024-2025 के हालिया अंतरिम बजट में रेलवे के लिए ₹2.55 लाख करोड़ और सड़कों और राजमार्गों के लिए ₹2.78 लाख करोड़ का रिकॉर्ड कैपिटल आउटले आवंटित किया गया है, जो इन क्षेत्रों में अब तक का सबसे अधिक निवेश है. 
 

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).


UPI के रिकॉर्डतोड़ आंकड़ों के बीच कम नहीं हो रहा है कैश ट्रांजैक्‍शन, हो गया इतना इजाफा

डिजिटल पेमेंट के आंकड़ों को देखें तो उनमें तो हर बार इजाफा हो रही है साथ ही देश में कैश के बढ़ते आंकड़े ने सभी को सोचने पर मजबूर किया है. सवाल ये है कि क्‍या इसे कम किया जा सकता है. 

Last Modified:
Monday, 29 April, 2024
Cash

देश में यूपीआई पेमेंट के आंकड़े जब भी आते हैं तब उनमें हमेशा इजाफा देखने को मिलता है. इस बीच लोगों के कैश इस्‍तेमाल को लेकर आंकड़े सामने आए हैं. CMS consumption के आंकड़े बता रहे हैं कि मासिक कैश के इस्‍तेमाल के औसत में इजाफा देखने को मिल रहा है. 2023 के मुकाबले 2024 में अब तक इसमें 5.51 प्रतिशत से ज्‍यादा का इजाफा देखने को मिल रहा है. इसे ऐसे देखा जा रहा है कि लोग ज्‍यादा कैश खर्च करना पसंद कर रहे हैं जो बढ़ती खपत का संकेत है. 

क्‍या कह रही है CMS Consumption रिपोर्ट? 
 CMS Consumption रिपोर्ट कह रही है कि वर्ष 2023 में जहां लोगों ने 1.35 करोड़ रुपये कैश निकाले वहीं इस बार 1.43 करोड़ रुपये खर्च कर चुके हैं. इसका मतलब ये है कि खपत में 5.51 प्रतिशत का इजाफा है. रिपोर्ट कहती है कि अगर इसका आंकलन मासिक आधार पर करें तो वित्‍त वर्ष 2024 में वित्‍त वर्ष 2023 के मुकाबले 12 में से 10 महीनों में ये 7.23 प्रतिशत ज्‍यादा थी. आंकड़े ये भी बता रहे हैं मेट्रो शहरों में एटीएम से कैश निकालने में 10.37 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि 3.94 प्रतिशत का इजाफा सेमी अर्बन इलाकों में देखने को मिला है और 3.73 प्रतिशत का इजाफा सेमी मेट्रो शहरों में देखने को मिला है. 

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इन शहरों में ज्‍यादा निकाला गया है कैश 
कैश का ज्‍यादा इस्‍तेमाल देश के जिन शहरों में देखने को मिला उत्‍तर भारत के दिल्‍ली और उत्‍तर प्रदेश, पूर्वी भारत का वेस्‍ट बंगाल, दक्षिण भारत का तमिलनाड़ु और कर्नाटका, जैसे राज्‍य शामिल हैं. आंकड़े ये भी बता रहे हैं कि पब्लिक सेक्‍टर बैंक के 49 प्रतिशत एटीएम मेट्रोपोलिटन और अर्बन एरिया में स्थित हैं. जबकि 51 प्रतिशत एटीएम SURU में मौजूद हैं. इसी तरह से अगर प्राइवेट बैंकों के एटीएम की स्थिति देखें तो 64 प्रतिशत एटीएम मेट्रो और अर्बन शहरों में मौजूद हैं और इसी तरह से 36 प्रतिशत एटीएम SURU(Semi urban and Rural ) एरिया में स्थिति हैं. 

इस राज्‍य में निकाला गया सबसे ज्‍यादा कैश 
CMS Consumption Report बता रही है कि कर्नाटक में सबसे ज्‍यादा वित्‍त वर्ष 2024 में 1.83 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्‍शन हुआ है. इसके बाद दूसरे नंबर दिल्‍ली आता है जहां 1.82 करोड़ का कैश ट्रांजेक्‍शन किया गया जबकि वेस्‍ट बंगाल में 1.62 करोड़ रुपये का ट्रांजैक्‍शन किया गया. आंकड़े ये भी बता रहे हैं कि वित्‍त वर्ष 2024 में 23 में से 14 राज्‍यों/केन्‍द्र शासित प्रदेशों में सालाना 6.45 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला है. जबकि 9 राज्‍यों में इसमें 4.14 प्रतिशत की गिरावट देखने को मिली है.