होम / बिजनेस / लगातार बढ़ रहे दिवालिया मामले लेकिन लगातार गिर रहा है रिकवरी रेट

लगातार बढ़ रहे दिवालिया मामले लेकिन लगातार गिर रहा है रिकवरी रेट

पिछले कुछ समय में दिवालिया मामलों में वृद्धि देखने को मिली है लेकिन इन मामलों के निपटारों की धीमी रफ्तार की बदौलत अब यह मामले बोझ बन रहे हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago

वित्त वर्ष 23 के तीसरे क्वार्टर तक दिवालिया मामलों का कुल रिकवरी रेट 30.4% दर्ज किया गया जिससे पता चलता है कि इन केसों के रिकवरी रेट में लगभग 70% की कटौती हुई है. दिवालिया केसों के रिकवरी रेट में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. जहां वित्त वर्ष 2020 के पहले क्वार्टर में यह 43% था, वहीं वित्त वर्ष 2022 के चौथे क्वार्टर के दौरान रिकवरी रेट गिरकर 32.9% हो गया था. 
लगातार गिरा रिकवरी रेट
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘केयर एज’ ने एक रिपोर्ट में कहा इस गिरावट के पीछे की मुख्य वजह यह थी कि बड़े बड़े प्रस्तावों का पालन पहले ही शुरू हो चुका था और निपटाए जा चुके मामलों में से अधिकतर मामले या तो BIFR (औद्योगिक एवं आर्थिक पुनर्निर्माण बोर्ड) के थे या फिर लम्बे समय तक चलते रहने के साथ-साथ बचाए जाने योग्य कीमतों में कमी आने की वजह से खत्म हो गए थे. 2016 में IBC (दिवाला एवं दिवालियापन संहिता) को लागू किये जाने के बाद से भारत में वित्त वर्ष 2022 के चौथे क्वार्टर तक कुल रिकवरी रेट 32.9% पहुंच गया था और यह लगातार गिर रहा था. वित्त वर्ष 23 के तीसरे क्वार्टर के दौरान रिकवरी रेट 23.45% दर्ज किया गया जबकि क्वार्टर पूरा होने तक कुल रिकवरी रेट 30.4% दर्ज किया गया. 
मामले बन रहे हैं बोझ
फलस्वरूप जिन मामलों का निवारण हो चुका है उनके स्वीकृत दावों पर भी लेनदारों को लगभग 70% की कटौती का सामना करना पड़ा है. फिलहाल चल रहे 2000 CIRP (कॉर्पोरेट दिवालियापन रिजोल्युशन प्रक्रिया) मामलों में से लगभग 64% मामलों को दिसंबर 2022 में 270 दिनों से ज्यादा समय की देरी हो चुकी है. पिछले साल इसी समय इन मामलों की संख्या 73% दर्ज की गयी थी. इतना ही नहीं, ‘180 दिनों से ज्यादा और 270 दिनों से कम’ सेगमेंट वाले मामले दुसरा सबसे बड़ा इशारा हैं कि क्वार्टर की शुरुआत में जिन मामलों की शुरुआत हुई थी वो अब इकट्ठा होकर बोझ बन चुके हैं. 
बढ़ी दिवालिया मामलों की संख्या
महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 21 और वित्त वर्ष 22 के दौरान धीमा पड़ने के बाद वित्त वर्ष 23 के तीसरे क्वार्टर में दिवालिया मामलों की संख्या सालाना आधार पर 25% बढ़ी है. लेकिन मामलों की संख्या बढ़ने के बावजूद दिवालिया मामलों को निपटाने की प्रक्रिया में शामिल किये गए मामलों की संख्या वित्त 2019 और 2020 के शुरूआती क्वार्टर्स के मुकाबले अब भी कम है. पहले के मुकाबले दिवालिया केसों में विभिन्न क्षेत्रों का हिस्सा अभी भी लगभग उतना ही है. इन सभी क्षेत्रों में से मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का हिस्सा 39% है जो सबसे अधिक है, इसके बाद 21% हिस्से के साथ रियल एस्टेट, 11% के साथ कंस्ट्रक्शन और 10% हिस्से के साथ ट्रेडिंग के क्षेत्र भी इस लिस्ट में शामिल हैं. 
मामले वापस लेने के पीछे ये हैं मुख्य वजहें
CIRP में शामिल किये गए 6199 मामलों में से दिसंबर 2022 के अंत में केवल 10% मामलों के निवारण को ही अप्रूवल मिला, वहीं 32% मामले अभी भी निवारण प्रक्रिया में ही हैं जबकि मार्च 2022 में इन मामलों की संख्या लगभग 35% थी. अपील या रिव्यु करने की वजह से लगभग 14% यानी 894 मामलों को बंद किया जा चुका है, वहीं 13% मामलों को सेक्शन 12 A के तहत वापस ले लिया गया है. वापस लिए गए मामलों में से प्रमुख - लगभग 54% - मामले 1 करोड़ रुपयों से कम के मामले थे. मामलों को वापस लेने के पीछे आवेदक के साथ पूरी तरह समझौता करना या फिर लेनदारों से समझौता करना ही मुख्य वजहें हैं.

यह भी पढ़ें: TCS से आई 'राहत' और 'खुश' करने वाली खबर, कंपनी ने कही ये बड़ी बात


टैग्स
सम्बंधित खबरें

राहुल गांधी का अमेठी से चुनाव लड़ना तय? 'युवराज' के पास इतनी है संपत्ति

राहुल गांधी केरल के वायनाड के साथ-साथ अमेठी से भी चुनाव लड़ सकते हैं. उनके आज नामांकन दाखिल करने की संभावना है.

5 minutes ago

वीकेंड पर अमीरों वाली फीलिंग के लिए आज इन शेयरों पर खेल जाएं दांव!

शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है और आज के लिए कुछ शेयरों में तेजी के संकेत मिले हैं.

53 minutes ago

वोडा-आईडिया में पैसा लगाने वाले निवेशकों की हो सकती है बल्‍ले-बल्‍ले? ये है नया अपडेट 

ग्‍लोबल ब्रोकरेज फर्म की इस राय का शेयर पर क्‍या असर पड़ेगा ये तो आने वाले दिनों में ही पता चलेगा. लेकिन पिछले पांच दिनों में कंपनी के शेयर में बढ़त दिख रही है. 

13 hours ago

CFA ने आरबीआई को Climate Risk को लेकर दिया ये सुझाव, जानिए क्‍या होता है Climate Risk? 

दुनियाभर में लगातार बदलते मौसम के बीच चर्चा ये हो रही है कि आखिर क्‍लाइमेट रिस्‍क से कैसे बचा जा सकता है. इसी को लेकर दुनियाभर की वित्तिय संस्‍थाएं काम कर रही हैं. 

14 hours ago

बृजभूषण का टिकट कटा, बेटे को मिला, कितना दौलतमंद है उनका परिवार?

भाजपा ने कैसरगंज लोकसभा सीट से करण भूषण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. यह उनका पहला चुनाव है.

14 hours ago


बड़ी खबरें

राहुल गांधी का अमेठी से चुनाव लड़ना तय? 'युवराज' के पास इतनी है संपत्ति

राहुल गांधी केरल के वायनाड के साथ-साथ अमेठी से भी चुनाव लड़ सकते हैं. उनके आज नामांकन दाखिल करने की संभावना है.

5 minutes ago

वीकेंड पर अमीरों वाली फीलिंग के लिए आज इन शेयरों पर खेल जाएं दांव!

शेयर बाजार के लिए आज सप्ताह का आखिरी कारोबारी दिन है और आज के लिए कुछ शेयरों में तेजी के संकेत मिले हैं.

53 minutes ago

CFA ने आरबीआई को Climate Risk को लेकर दिया ये सुझाव, जानिए क्‍या होता है Climate Risk? 

दुनियाभर में लगातार बदलते मौसम के बीच चर्चा ये हो रही है कि आखिर क्‍लाइमेट रिस्‍क से कैसे बचा जा सकता है. इसी को लेकर दुनियाभर की वित्तिय संस्‍थाएं काम कर रही हैं. 

14 hours ago

फोन में किसी का नंबर नहीं है सेव, तो आने वाला है ये जबरदस्त फीचर, जिससे काम होगा आसान

सरकार ने कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन का ट्रायल शुरू करने के निर्देश दिए हैं. इससे पहले टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने इसकी सिफारिश की थी. ट्राई ने प्रूफ ऑफ कॉन्सेप्ट शुरू करने के लिए कहा था.

14 hours ago

बृजभूषण का टिकट कटा, बेटे को मिला, कितना दौलतमंद है उनका परिवार?

भाजपा ने कैसरगंज लोकसभा सीट से करण भूषण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा है. यह उनका पहला चुनाव है.

14 hours ago