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क्या भारत तोड़ पाया चीन की आर्थिक कमर? आंकड़े बयां कर रहे हकीकत
चीन से व्यापार को लेकर जिस तरह की तस्वीर पेश की गई थी आंकड़े ठीक उसके उलट बयां कर रहे हैं, जिसने कई सवाल पैदा कर दिए हैं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
गलवान हिंसा के बाद देश में ऐसा माहौल बनाया गया जैसे भारत पड़ोसी चीन से सभी रिश्ते तोड़ लेगा. चीन को आर्थिक फायदा पहुंचाने वाली सभी नीतियों को रद्द कर देगा. ऐसा दिखाने के लिए कुछ चीनी ऐप्स पर बैन लगाया गया, कुछ कंपनियों पर शिकंजा कसा गया, लेकिन चीन की झोली भरने वाले व्यापार पर कोई रोक नहीं लग सकी. यानी बायकॉट चाइना जैसे तमाम अभियान विफल रहे.
8.4 फीसदी का इजाफा
मीडिया रिपोर्ट्स में चीन के सीमा शुल्क विभाग की तरफ से जारी आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि भारत और चीन के बीच व्यापार (India-China Trade) 2022 में 8.4 फीसदी बढ़कर 135.98 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो अब तक का उच्चतम स्तर है. इससे पिछले साल यह आंकड़ा 125 अरब डॉलर था. इसके साथ भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर 100 अरब डॉलर के पार हो गया है.
चीन का निर्यात बढ़ा
इस दौरान, भारत में चीन का निर्यात सालाना आधार पर 21.7 फीसदी बढ़कर 118.9 अरब अमेरिकी डॉलर रहा. जबकि भारत से 2022 में चीन को निर्यात सालाना आधार पर 37.9 प्रतिशत घटकर 17.48 अरब अमेरिकी डॉलर रह गया. सीधे शब्दों में कहें तो चीन भारतीय बाजार में अपना सामान बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहा है, लेकिन भारत के मामले में ऐसा नहीं है. यदि चीन को आर्थिक चोट पहुंच रही होती, तो उसका निर्यात कम होना चाहिए था, मगर गिरावट भारत के निर्यात में आई है.
पहली बार हुआ ऐसा
भारत से चीन को निर्यात में गिरावट से उसका व्यापार घाटा 101.02 अरब डॉलर रहा, जबकि 2021 में यह 69.38 अरब डॉलर था. बता दें कि व्यापार घाटा पहली बार 100 अरब डॉलर के पार गया है. भारत का चीन को निर्यात 2021 में सालाना आधार पर 34.28 प्रतिशत बढ़कर 28.03 अरब डॉलर रहा था. 2015 से 2021 के बीच भारत-चीन द्विपक्षीय व्यापार 75.30 फीसदी बढ़ा था.
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