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एक्शन में उपभोक्ता मंत्रालय, सरकार को चूना लगा रही इन कंपनियों के बुरे दिन शुरू
मंत्रालय ने इन सभी से जवाब दाखिल करने को भी कहा है. गौरतलब है कि ये कंपनियां देश के कानून के विरुद्ध इन प्रोडक्ट को ई कॉमर्स साइट पर बेच रही थीं.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
नई दिल्ली: उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने देश की 63 भार तोलने की मशीनों को बनाने वाली और उनका आयात करने वाली कंपनियों को नियमों के पालन न करने को लेकर नोटिस जारी किया है. इन कंपनियों को ये नोटिस गैरकानूनी तरीके से ई कॉमर्स वेबसाइट पर अपने प्रोडक्ट बेचने को लेकर जारी किया गया है.
जवाब देने को कहा
मंत्रालय ने इन सभी से जवाब दाखिल करने को भी कहा है. गौरतलब है कि ये कंपनियां देश के कानून के विरुद्ध इन प्रोडक्ट को ई कॉमर्स साइट पर बेच रही थीं, जिससे सरकार को रेवन्यू का नुकसान हो रहा था. इसके बाद ही मंत्रालय की ओर से ये कानूनी कार्रवाई की गई है.
क्यों जारी किया गया नोटिस
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार केन्द्र के लीगल मेट्रोलॉजी विभाग की ओर से भार तोलने की मशीन बनाने वाली और उनका आयात करने वाली कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है. ई कॉमर्स साइट पर भार तोलने की मशीन बनाने वाली, बेचने वाली और आयात करने वाली इन कंपनियों को उनके मॉडल के निर्माण और आयात की अनुमति और डीलर लाइसेंस और भार स्केल के लाइसेंस और वेरिफीकेशन न कराने को लेकर ये नोटिस जारी किया गया है.
मंत्रालय की नोटिस में और क्या कहा गया है
मंत्रालय की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि इन यंत्रों को इन कंपनियों के अपने प्रोडक्ट को गैरकानूनी तरीके से ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर बेचने के कारण जहां उत्पादों की कमी हो रही है, वहीं सरकार को रेवन्यू का भी नुकसान हो रहा है. मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि उपभोक्ताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए भार तोलने और नापने की मशीन को ई कॉमर्स साइट पर सेल करने से पहले सेक्शन 22 के तहत इन्हें निर्माण लाइसेंस, आयात रजिस्ट्रेशन और मशीनों का वेरिफिकेशन स्टैंपिंग लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट 2009 के तहत आवश्यक है.
रिकॉर्ड रखना भी बेहद आवश्यक
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि उपभोक्ता के हितों को देखते हुए ये सभी वेरिफिकेशन अति आवश्यक हैं. इन मशीनों का निर्माण करने वाले और बेचने वालों के लिए इनका उचित रिकॉर्ड रखना भी बेहद आवश्यक है. साथ ही सरकार को उसकी वेरिफिकेशन फी को अदा करना भी आवश्यक है. इन सभी नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सेक्शन 32 और सेक्शन 45, सेक्शन 38 और सेक्शन 33 के तहत कार्रवाई भी की जा सकती है.
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