Budget 2024 Live : बजट में महिलाओं को 3 लाख करोड़ रुपये की सौगात, मिलेगा ये लाभ

मोदी सरकार का शुरुआत से ही महिला सशक्तीकरण पर खास फोकस रहा है. इस बार भी बजट में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने कई घोषणा की है.

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Tuesday, 23 July, 2024
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मंगलवार यानी 23 जुलाई 2024 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 का पहला आम बजट पेश किया. इस दौरान वित्त मंत्री ने महिलाओं के लिए भी कई बड़े ऐलान किए हैं. तो आइए जानते हैं बजट में महिलाओं को क्या तोहफा मिला है?

कर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना प्राथमिकता

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में पूर्ण बजट पेश करते हुए महिलाओं के लिए एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि वर्कफोर्स में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना सरकार की प्राथमिकता होगी, यानी उनके लिए भी कई रोजगार के अवसर खुलेंगे, जिससे महिलाएं आत्मनिर्भर होंगी.

मिली करोड़ों की सौगात

बजट पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महिलाओं को कई तरह की सौगात दी हैं. मोदी सरकार के 3.0 बजट में महिलाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये के बजट की घोषण की गई हैं. इस आम बजट में महिलाओं के लिए स्किल प्रशिक्षण को लेकर भी अलग-अलग योजनाओं का ऐलान किया गया है. साथ ही स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए MSME के तहत कई योजनाओं की घोषणा की गई है.

कामकाजी महिलाओं के लिए हास्टल और शिशु गृह की स्थापना

निर्मला सीतारमण ने कार्यबल में महिलाओं का हिस्सा बढ़ाने की योजना का जिक्र किया. निर्मला सीतारमण ने कहा कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सरकार कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास स्थापित करेगी. इसके अलावा शिशु गृह की स्थापना की जाएगी. इसके अलावा महिलाओं के नाम मकान की रजिस्ट्री होगी तो,  स्टैम्प ड्यूटी में भी सरकार की ओर से छूट दी जाएगी.  

 महिला सम्मान बचत सर्टिफिकेट योजना

पिछले बजट यानी 2023 में केंद्र सरकार ने महिला सशक्तिकरण के लिए महिला सम्मान बचत सर्टिफिकेट  योजना की शुरुआत की थी. यह योजना मार्च 2025 तक उपलब्ध है और इसमें महिलाओं या लड़कियों के नाम पर दो साल के लिए अधिकतम दो लाख रुपये 7 प्रतिशत की ब्याज दर पर जमा किए जा सकते हैं.

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Reliance Foundation और Vital Voices ने लॉन्च की वीमेनलीड इंडिया फेलोशिप, 50 महिलाओं का किया चयन

रिलायंस फाउंडेशन और वाइटल वॉइसेस (Vital Voices) ने 2024-2025 के लिए वुमनलीडर्स इंडिया फेलोशिप के तहत 50 असाधारण महिला लीडर्स का चयन किया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 13 September, 2024
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Friday, 13 September, 2024
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Reliance Foundation और Vital Voices ने WomenLeaders India Fellowship 2024-2025 के लिए 50 शानदार महिलाओं का चयन किया है. इस फेलोशिप के दूसरे चरण में ऐसी महिलाओं को चुना गया है जो अपने समुदायों में बदलाव लाने के लिए गहरी प्रतिबद्धता रखती हैं और सामाजिक क्षेत्र की नेता और सामाजिक उद्यमी हैं.  2023 में भारत की G20 अध्यक्षता के दौरान पहली बार ध्यान महिलाओं के विकास से बढ़कर महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास पर केंद्रित हुआ. भारत की 'जेंडर इक्वलिटी और सभी महिलाओं और लड़कियों को सशक्त बनाना' की दृढ़ प्रतिबद्धता ने G20 नई दिल्ली नेताओं के घोषणा पत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया.

इस दृष्टिकोण के अनुसार, WomenLeaders India Fellowship प्रतिभाशाली महिलाओं के नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने के लिए समर्थन प्रदान करेगी, जिसमें सामाजिक क्षेत्र की नेता और सामाजिक उद्यमी शामिल हैं. WomenLeaders India Fellowship 2024-2025 की शुरुआत मुंबई में 13-14 सितंबर 2024 को एक व्यक्तिगत बैठक के साथ हुई, जहां Fellows ने भारत और दुनिया भर के सामाजिक क्षेत्र के विशेषज्ञों से सीखने और कनेक्ट करने का मौका पाया.

ईशा अंबानी ने महिलाओं को दी बधाई

रिलायंस फाउंडेशन की निदेशक ईशा अंबानी ने इस मौके पर कहा, “जब महिलाएं नेतृत्व करती हैं, तो वे असंभव को संभव बना देती हैं. वे नई सोच और दृष्टिकोण को सामने लाती हैं. वुमनलीडर्स इंडिया फेलोशिप 2024-25 के लिए चुनी गई 50 फेलो को बधाई! महिलाओं के नेटवर्क, उनकी खुशी और एक-दूसरे से सीखने की जो प्रक्रिया होती है, वही इस फेलोशिप का आधार है, जिससे सामाजिक क्षेत्र में प्रभाव को और मजबूत किया जा सके. हमें गर्व है कि हम इस कार्यक्रम का हिस्सा हैं, जिसमें हम एक साथ बदलाव ला रहे हैं.”

महिला नेतृत्व की नई पीढ़ी का समर्थन

वाइटल वॉयसेस ग्लोबल पार्टनरशिप की प्रेसिडेंट और सीईओ अलीस नेल्सन ने कहा कि हम रिलायंस फाउंडेशन के साथ मिलकर भारत की अगली पीढ़ी की महिलाओं के नेताओं का समर्थन करने के लिए बहुत उत्साहित हैं, जो सामाजिक बदलाव की अगली पंक्ति में हैं. हमें विश्वास है कि हमारे नेटवर्क और संसाधनों को सही तरीके से इस्तेमाल करके, हम महिलाओं के नेताओं को समर्थन, मार्गदर्शन और सलाह प्रदान कर सकते हैं, ताकि वे भारत और उसके बाहर बदलाव की प्रेरणा बन सकें. 

10 महीने का विस्तृत कार्यक्रम

अगले दस महीनों में फेलो अपने व्यक्तिगत प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे जो SDGs (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स) को आगे बढ़ाएंगे. उन्हें भारतीय और वैश्विक विशेषज्ञों द्वारा नेतृत्व विकास पर वेबिनार ट्रेनिंग्स दी जाएंगी, ताकि वे अपनी विशेष क्षमताओं को बेहतर बना सकें और अपना नेटवर्क बढ़ा सकें. हर फेलो को अपने सफर के दौरान व्यक्तिगत मार्गदर्शन के लिए मेंटर्स का समर्थन मिलेगा, साथ ही वे अन्य फेलो से भी सीख सकेंगे. वीमेन लीडर्स इंडिया फेलोशिप एक अंतिम व्यक्तिगत सभा के साथ समाप्त होगी, जहां फेलो अपने SDG प्रोजेक्ट्स की प्रगति पर विचार करेंगे और अपनी उपलब्धियों का जश्न मनाएंगे. वीमेन लीडर्स इंडिया महिलाओं के नेतृत्व से सामाजिक क्षेत्र में एक मजबूत समुदाय बनाने और भारत में सतत बदलाव को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखता है.

वीमेन लीडर्स इंडिया फेलो 2024-25 को चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उनके प्रभावशाली काम के लिए पहचाना गया है: जलवायु परिवर्तन, शिक्षा, खेल और आजीविका सृजन. ये फेलो भारत की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों का समाधान खोजने के लिए नवाचारी समाधान का उपयोग कर रहे हैं. भविष्य की पीढ़ियों को सशक्त करने से लेकर समुदायों को बदलने तक, ये फेलो आर्थिक, सामाजिक, और पर्यावरणीय बदलाव लाने के लिए प्रयासरत हैं और जेंडर समानता को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं.

पहले समूह में दिसंबर 2022 में फेलो को शिक्षा, ग्रामीण परिवर्तन, आजीविका सशक्तिकरण, और खेल के विकास पर उनके काम के लिए चुना गया था. ये फेलो ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में काम कर रहे थे और कचरा प्रबंधन से लेकर सस्ते ऊर्जा स्रोतों तक के मुद्दों पर काम कर रहे थे. पहले समूह के फेलो ने नेतृत्व के अवसरों में वृद्धि, आत्म-विश्वास में सुधार और SDG से जुड़े प्रोजेक्ट्स में बेहतर भागीदारी की रिपोर्ट दी थी.
 

 

बाबा रामदेव को लगा झटका, पतंजलि फूड्स के इतने करोड़ शेयर बिके!

बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) के शेयरों में शुक्रवार यानी 13 सितंबर 2024 को भारी गिरावट दर्ज हुई है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 13 September, 2024
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Friday, 13 September, 2024
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बाबा रामदेव की मुश्किलें खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. बाबा राम देव को कभी कोर्ट से फटकार, तो कभी कंपनी को शेयर बाजार में भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. अब शुक्रवार को शेयर बाजार बंद होने के साथ बाबा रामदेव को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि फूड्स (Patanjali Foods) के शेयरों में शुक्रवार यानी 13 सितंबर 2024 को भारी गिरावट दर्ज हुई है. इसके साथ ही एक ब्लॉक डील के तहत कंपनी के एक करोड़ से भी अधिक शेयरों का ट्रांजैक्शन हुआ है. तो चलिए जानते हैं कंपनी के शेयर में कितनी गिरावट आई है?

इसलिए गिर एक कंपनी के शेयर
बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि फूड्स का शेयर शुक्रवार को कारोबारी सत्र के दौरान बीएसई पर 4 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1850 रुपये पर आ गया था. वहीं, कंपनी का शेयर 3.75 प्रतिशत की गिरावट के साथ1,858.90 रुपये पर बंद हुआ.   मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसरा यह गिरावट एक ब्लॉक डील के बाद हुई. इसमें कंपनी के 1.2 करोड़ शेयर यानी 3.3 प्रतिशत हिस्सेदारी की अदला-बदली हुई. इस डील की वैल्यू करीब 2,223.4 करोड़ रुपये है. इस डील के लिए फ्लोर प्राइस 1,815 रुपये तय की गई थी. माना जा रहा है कि प्रमोटर्स ने यह हिस्सेदारी बिक्री की है. हालांकि इस लेन-देन में शामिल पक्षों और डील के साइज के बारे में आधिकारिक विवरण फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं 

शेयर बाजार में कैसा है पंतजलि फूड्य के शेयर का हाल?
पतंजलि फूड्स ने एक जुलाई को घोषणा की थी कि उसके बोर्ड ने अपनी मूल कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के नॉन-फूड बिजनस के 1,100 करोड़ रुपये में चरणबद्ध अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. 30 जून, 2024 तक पतंजलि आयुर्वेद के पास पतंजलि फूड्स में 32.4 प्रतिशत हिस्सेदारी थी. पतंजलि फूड्स के पोर्टफोलियो में रुचि सोया फ्रैंचाइज़ी के तहत खाद्य तेल, बिस्कुट, कुकीज, नाश्ता अनाज और नूडल्स शामिल हैं. उसके नॉन-फूड बिजनस में टूथपेस्ट, शैम्पू और साबुन शामिल हैं. पिछले एक साल में पतंजलि फूड्स के शेयरों में 43.7 प्रतिशत की तेजी आई है. इस साल इसमें 18.7 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. पिछले छह महीनों में शेयर 38.5 प्रतिशत तक चढ़ा है.

पतंजलि नूडल्स में मिला कीड़ा, जांच हुई शुरू 
इस बीच मध्य प्रदेश के जबलपुर में पतंजलि नूडल्स में कीड़ा पाए जाने का एक मामला सामने आया है. एक ग्राहक ने दावा किया है कि जब उसने नूडल्स को पकाने के लिए पानी में डाला तो उसमें कीड़े तैरने लगे. यह मामला जबलपुर के कटंगी इलाके का है. नूडल्स पर पैकेजिंग डेट मई 2024 और एक्सपायरी डेट जनवरी 2025 दर्ज है. नूडल्स पैकेट में कीड़े निकलने के बाद कस्टरमर अंकित सेंगर ने इसकी शिकायत नेशनल कंज्यूमर फोरम में की. इसके बाद खाद्य अधिकारी ने जांच शुरू कर दी है.


नोएडा बनेगा सेमीकंडक्टर चिप का हब, यूपी सरकार ने दी जमीन, इतने करोड़ का होगा निवेश

उत्तर प्रदेश स्थित मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स अब भारत में बनने वाले 55% से अधिक मोबाइल और सभी मोबाइल कंपोनेंट्स के आधे से अधिक का उत्पादन कर रही हैं.

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Published - Friday, 13 September, 2024
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Friday, 13 September, 2024
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उत्तर प्रदेश का नोएडा स्मार्टफोन के बाद सेमीकंडक्टर का भी हब बन सकता है. इसके लिए यूपी सरकार ने ताईवान की कंपनी फॉक्सकॉन (Foxconn) और एचसीएल ग्रुप (HCL Group)के ज्वाइंट वेंचर को जेवर एयरपोर्ट के पास जमीन उपलब्ध कराई है. यहां करीब 30 एकड़ जमीन को सेमीकंडक्टर आउटसोर्स असेंबली और टेस्टिंग (OSAT) यूनिट लगाने के लिए आवंटित की गई है. अगर इस प्लांट को केंद्र सरकार की ओर से हरी झंडी मिलती है, तो यह यूपी में आने वाला अपनी तरह का पहला प्रोजेक्ट होगा. 

सेमीकंडक्टर की होगी असेंबलिंग और टेस्टिंग

ईटी की एक रिपोर्ट में मामले से जुड़े लोगों के हवाले से बताया गया है कि फॉक्सकॉन और एचसीएल की जेवी को यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी के क्षेत्र में जमीन का आवंटन हुआ है, जो नोएडा के जेवर में बन रहे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास है. उनका कहना है कि संयुक्त कंपनी इस जगह पर सेमीकंडक्टर आउटसोर्स्ड असेंबली एंड टेस्टिंग प्लांट लगा सकती है. यानी इस प्लांट में सेमीकंडक्टर असेंबल किए जा सकते हैं.

पहले से स्मार्टफोन इंडस्ट्री का हब है नोएडा

उत्तर प्रदेश का नोएडा पहले ही देश में स्मार्टफोन इंडस्ट्री का हब बन चुका है, जहां सैमसंग समेत कई स्मार्टफोन कंपनियों के प्लांट लगे हुए हैं. फॉक्सकॉन और एचसीएल का संयुक्त प्लांट लगने से नोएडा सेमीकंडक्टर के मामले में भी हब बन सकता है. सेमीकंडक्टर के मामले में भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार पहले से ही खास ध्यान दे रही है और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना का ऐलान कर चुकी है.

इतना निवेश करने वाली है फॉक्सकॉन

सूत्रों के अनुसार, फॉक्सकॉन और एचसीएल की संयुक्त कंपनी में ताईवानी कंपनी 37.2 मिलियन डॉलर इन्वेस्ट करने जा रही है, जिसके बदले जेवी में उसके पास 40 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी. बाकी 60 फीसदी हिस्सेदारी एचसीएल के पास रहेगी. यह संयुक्त कंपनी भारत में सेमीकंडक्टर बनाने के लिए गठित की जा रही है. इससे पहले फॉक्सकॉन ने वेदांता के साथ मिलकर भारत में सेमीकंडक्टर बनाने की योजना तैयार की थी, जो बाद में खटाई में चली गई थी.

नोएडा में ही है एचसीएल का हेडक्वार्टर

उत्तर प्रदेश का नोएडा एचसीएल के लिए पहले से ही खास है, क्योंकि वहां कंपनी का हेडक्वार्टर स्थित है. इसी कारण एचसीएल प्रस्तावित सेमीकंडक्टर प्लांट के लिए बाकी विकल्पों पर नोएडा को तरजीह दे रही थी. नोएडा में पहले से मजबूत उपस्थिति से कंपनी को नए वेंचर के लिए चीजें मैनेज करने में आसानी होगी. अगर यह प्लांट परवान चढ़ता है तो उत्तर प्रदेश में पहली बार सेमीकंडक्टर की असेंबलिंग होने वाली है.
 

 

क्या चीन के पास कर्मचारियों को पेंशन देने के नहीं हैं पैसे? इस फैसले से उठा सवाल  

पड़ोसी देश चीन में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट आयु बढ़ने वाली है. माना जा रहा है कि ऐसा पेंशन फंड पर बढ़ते दबाव के मद्देनजर किया गया है.

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Published - Friday, 13 September, 2024
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Friday, 13 September, 2024
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चीन (China) की आर्थिक सेहत पहले जैसी नहीं रही है. उसे कई मोर्चों पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक तरफ जहां चीन की कम्युनिस्ट  सरकार ने अपने स्वामित्व वाले वित्तीय संस्थानों के वरिष्ठ कर्मचारियों की सैलरी पर भी कैंची चलाई है. वहीं, दूसरी तरफ सरकार अपने कर्मचारियों के रिटायर होने की उम्र बढ़ा रही है.

इतना होगा इजाफा
चीनी मीडिया के अनुसार, सरकार ने शुक्रवार को रिटायरमेंट आयु बढ़ाने को लेकर नई नीति का ऐलान किया है. इस नीति को 15 साल में धीरे-धीरे लागू किया जाएगा. पुरुषों के लिए रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 63 वर्ष की जाएगी. जबकि महिला कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति की आयु उनकी भूमिका के आधार पर 55 और 58 साल की जाएगी.

अभी ये है व्यवस्था
मौजूदा वक्त में चीन में पुरुषों के लिए रिटायरमेंट उम्र 60 वर्ष और महिलाओं के लिए श्रमिक वर्ग में (ब्लू कॉलर जॉब ) 50 वर्ष, जबकि ऑफिस में काम करने वाले वर्ग में (व्हाइट कॉलर जॉब) 55 वर्ष है. चीनी सरकार सेवानिवृत्ति की उम्र क्यों बढ़ा रही है, इसकी वजह पर शोधकर्ता शिउजियान पेंग ने प्रकाश डालने का प्रयास किया है.  

अगले साल से अमल 
ऑस्ट्रेलिया में विक्टोरिया यूनिवर्सिटी में रिसर्च स्कॉलर पेंग ने कहा कि चीन में बड़े पैमाने पर लोग रिटायर होने की उम्र पर पहुंच रहे हैं. इसलिए पेंशन फंड पर काफी दबाव है. संभवतः इसलिए सरकार रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाकर इस दबाव को टालना चाहती है. चीन में पिछली बार रिटारयमेंट उम्र साल 1950 में तय की गई थी. सरकार की यह नई पॉलिसी अगले साल से अमल में आ जाएगी.

बढ़ रही बुजुर्ग आबादी 
एक रिपोर्ट बताती है कि 2023 के अंत तक चीन में 60 साल से अधिक लोगों की संख्या करीब 300 मिलियन होगी और 2035 तक यह बढ़कर 400 मिलियन होने का अनुमान है. तब तक पब्लिक पेंशन फंड खत्म हो चुके होंगे. गौरतलब है कि चीन में जन्म दर तेजी से नीचे आई है. दरअसल,  चीनी युवा बढ़ती महंगाई का हवाला देते हुए बच्चे पैदा नहीं कर रहे हैं. इस वजह से वहां युवा आबादी कम हो रही है. 


अब TMC लीडर महुआ मोइत्रा ने बढ़ाई SEBI चीफ की मुश्किलें, लोकपाल से शिकायत

तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर बताया है कि उन्होंने सेबी प्रमुख के खिलाफ लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई है.

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Published - Friday, 13 September, 2024
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Friday, 13 September, 2024
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सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच की मुश्किलों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) लीडर महुआ मोइत्रा ने इजाफा कर दिया है. मोइत्रा ने माधबी पुरी बुच और उनके पति के खिलाफ लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई है.  अपनी शिकायत में TMC लीडर ने सेबी चीफ पर भ्रष्टाचार और हेरफेर का आरोप लगाया है. 

हर लिंक की ही जांच
महुआ मोइत्रा ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया है कि देश में भ्रष्टाचार के मामलों की निगरानी करने वाली संस्था ने उनकी इलेक्ट्रॉनिक शिकायत दर्ज कर ली है और जवाब दिया है कि मामले की जांच की जा रही है. TMC लीडर ने अपने X अकाउंट पर लिखा है - माधवी पुरी-बुच के खिलाफ मेरी लोकपाल में शिकायत दर्ज हो गई है. लोकपाल को 30 दिनों के अंदर इसे शुरुआती जांच और फिर फुल FIR जांच के लिए सीबीआई या ED को भेजना चाहिए. इसमें शामिल हर व्यक्ति को तलब किया जाना चाहिए और हर लिंक की जांच होनी चाहिए.

हर रोज हो रहे खुलासे
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, महुआ मोइत्रा अपनी शिकायत में कहा है कि माधबी पुरी बुच को लेकर लगभग रोज खुलासे हो रहे हैं. इन खुलासों को देखकर ऐसा लगता है कि वह एक सीरियल अपराधी हैं, जिन्होंने ऐसे काम किए हैं जो भारत के राष्ट्रीय हितों को खतरा पहुंचाते हैं. बता दें कि सेबी प्रमुख पर पहले हिंडनबर्ग ने आरोप लगाए थे, उसके बाद से कांग्रेस उन पर कई हमले कर चुकी है. हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया था कि सेबी प्रमुख और उनके पति ने ऑफशोर फंड में निवेश किया, जो अडानी समूह की कंपनियों से जुड़े हैं. जबकि सेबी इस दौरान अडानी समूह के खिलाफ शेयरों में हेरफेर की शिकायतों की जांच कर रहा था.

बोर्ड सदस्य भी जवाबदेह
महुआ मोइत्रा का कहना है कि सेबी के बोर्ड सदस्यों को भी जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. भारतीय शेयर बाजार में अब करीब 10 करोड़ नागरिक हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निवेशक हैं. इसके अलावा, विदेशी निवेशकों ने भी भारत के शेयर बाजारों और इसकी विश्वसनीयता पर गंभीर चिंता जताई है. इसलिए यह राष्ट्रीय हित का एक गंभीर मामला है और इसलिए जांच की जानी चाहिए.


ई-रिक्शा खरीदने पर भी मिलेगा PM E-Drive Scheme का लाभ, जानिए कितनी मिलेगी सब्सिडी?

केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक नई स्कीम 'पीएम ई-ड्राइव योजना' शुरू करने का फैसला लिया है. इसका फायदा ई-रिक्शा खरीदने वालों को भी मिलेगा.

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Published - Friday, 13 September, 2024
Last Modified:
Friday, 13 September, 2024
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अगर आप कोई इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, केंद्र सरकार ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए एक नई स्कीम 'पीएम ई-ड्राइव योजना' शुरू करने का फैसला लिया है. इसका फायदा ई-रिक्शा खरीदने वालों को भी मिलेगा. तो आइए जानते हैं ई-रिक्शा की खरीद पर कितनी सब्सिडी मिल रही है?
 

ई-रिक्शा की खरीद पर ऐसे मिलेगा सब्सिडी का फायदा 
ई-रिक्शा खरीदारों को पहले साल में 25,000 रुपये और दूसरे साल में 12,500 रुपये की सब्सिडी का फायदा मिलेगा. सब्सिडी योजना दो साल तक जारी रहेगी. वहीं, एल5 कैटेगरी (माल ढुलाई में उपयोग होने वाले तिपहिया वाहन) के लिए पहले साल में 50,000 रुपये की सब्सिडी और दूसरे साल में 25,000 रुपये की सब्सिडी मिलेगी.

 बैटरी की पावर से तय होगी सब्सिडी
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री  एचडी. कुमारस्वामी ने कहा कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत बैटरी की पावर के आधार पर सब्सिडी तय होगी. ये 5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की पावर के हिसाब से दी जाएगी. हालांकि पहले साल में हर दोपहिया वाहन के लिए सब्सिडी की मैक्सिमम लिमिट 10,000 रुपये होगी. दूसरे साल में यह सब्सिडी आधी 2,500 रुपये प्रति किलोवाट घंटा हो जाएगी और तब मैक्सिमम फायदा 5,000 रुपये से अधिक नहीं होगा.

ऐसे मिलेगी पीएम ई-ड्राइव योजना का फायदा
1. योजना के तहत पीएम ई-ड्राइव पोर्टल के जरिये एक आधार प्रमाणित ई-वाउचर जारी किया जाएगा. इस पर खरीदार और डीलर विधिवत हस्ताक्षर करेंगे और उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा. 
2. खरीदार को योजना के तहत सब्सिडी का फायदा लेने के लिए पोर्टल पर सेल्फी अपलोड करनी होगी.

3. योजना में सरकारी सब्सिडी के दुरुपयोग से बचने के लिए कई कदम उठाए गए हैं. मंत्रालय के अनुसार हर छह महीने में प्रोडक्शन की जांच होगी. इससे यह पता चलेगा कि चीजें दुरुस्त हैं या नहीं और कोई गलत तरीके से सब्सिडी तो हासिल नहीं कर रहा है.  

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बिड़ला ग्रुप ने की बड़ी लैंड डील, 537 करोड़ रुपये में खरीदी 24.5 एकड़ जमीन, ये है प्लान

यह क्षेत्र तेजी से विकसित हो रहा है, इस क्षेत्र की बढ़ती मांग और बुनियादी ढांचे के सुधार के कारण यह सौदा महत्वपूर्ण माना जा रहा है.

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Published - Friday, 13 September, 2024
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Friday, 13 September, 2024
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आदित्य बिड़ला ग्रुप की रियल एस्टेट कंपनी बिड़ला एस्टेट्स ने मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) में 537.42 करोड़ रुपये का जमीन का बड़ा पार्सल खरीदा है. यह जमीन ठाणे-बेलापुर रोड पर कलवा में है, जो तेजी से विकसित हो रहा है. दिग्‍गज उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला आदित्‍य बिड़ला ग्रुप के मुखिया हैं. यह डील सितंबर में हुई है, इसमें बिड़ला एस्टेट्स की सहायक कंपनी एकमया प्रॉपर्टी ने हिंडाल्को इंडस्ट्रीज से 99,021.47 वर्ग मीटर (24.5 एकड़) जमीन खरीदी. इस सौदे में 37.61 करोड़ रुपये का स्टांप शुल्क और 30,000 रुपये का रजिस्ट्रेशन शुल्क भी शामिल था. 

बड़े डेवलपर खरीदने में लगे हैं जमीन

स्क्वायर यार्ड्स के को-फाउंडर और सीबीओ, कैपिटल मार्केट एंड सर्विसेज, आनंद मूर्ति ने कहा, 'हम देख रहे हैं कि बड़े डेवलपर्स महत्वपूर्ण बाजारों में अपनी जगह बनाने के लिए बड़े जमीन पार्सल खरीद रहे हैं. यह ऑफिस स्पेस और गेटेड कम्यूनिटी में रेजिडेंशियल अपार्टमेंट की बढ़ती मांग के साथ मेल खाता है. घर खरीदार अब ऐसी प्रॉपर्टी पसंद करते हैं जहां कई सुविधाएं और खुली जगह हो. बाजार में हो रहे ये महंगे सौदे साफ तौर पर दिखाते हैं कि रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों ही सेक्टर में डेवलपर्स के लिए मौके हैं. इसके अलावा, ग्लोबल कंपनियां और टेक-जायंट्स भारत में अपनी मौजूदगी बढ़ा रहे हैं. जमीन के रिकॉर्ड के डिजिटलाइजेशन और पारदर्शिता बढ़ने से भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में लोगों का भरोसा बढ़ा है.

बिड़ला एस्टेट्स की मार्केट में मजबूत स्‍थि‍त‍ि

बिड़ला एस्टेट्स मुंबई MMR, पुणे, बेंगलुरु और दिल्ली NCR में रेजिडेंशियल और कमर्शियल प्रोजेक्ट्स के साथ एक मजबूत उपस्थिति रखता है. स्क्वायर यार्ड्स के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल-जून 2024 तिमाही में सबसे ज्‍यादा रजिस्टर्ड होम सेल्स वैल्यू के मामले में बिड़ला एस्टेट्स मुंबई MMR में तीसरे स्थान पर रहा. इसने 1,126 करोड़ रुपये के लेनदेन दर्ज किए. बिड़ला एस्टेट के वित्त वर्ष 2023-24 के चौथी तिमाही के आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के पास 1.8 करोड़ वर्ग फीट क्षेत्र में प्रोजेक्ट्स की प्रभावशाली पाइपलाइन है. 

कंपनी के पास तकरीबन 1.8 करोड़ वर्ग फुट की परियोजनाएं

यह जमीन ठाणे-बेलापुर रोड पर मौजूद है, जो ठाणे और मुंबई के उत्तर-पूर्वी हिस्सों मसलन कोपर खैराणे, महापे, राबाले आदि क्षेत्रों को नवी मुंबई से जोड़ता है. बिड़ला एस्टेट्स का मुख्य फोकस मुंबई, नेशनल कैपिटल रीजन (NCR), बेंगलुरु और पुणे के प्रीमियम और लग्जरी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स पर रहा है. कंपनी के पास तकरीबन 1.8 करोड़ वर्ग फुट की परियोजनाएं हैं, जिनकी ग्रॉस डिवेलपमेंट वैल्यू 32,000 करोड़ रुपये है. कलवा ठाणे और नवी मुंबई के पास होने की वजह से घर खरीदने वालों के लिए एक अच्छी जगह बन गया है. ठाणे भारत के सबसे बड़े रियल एस्टेट बाजारों में से एक है. वहीं, नवी मुंबई रोजगार का बड़ा केंद्र है, इस कारण से यह इलाका नौकरी करने वालों के लिए रहने के लिहाज से काफी अच्छा है.
 

 

IPL में नहीं दिखेगा Adani का जलवा,  फिर टूटा गुजरात टाइटन्स को खरीदने का सपना!

गौतम अडानी आईपीएल फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटन्स को खरीदने से फिर चूक गए हैं. बताया जा रहा है कि टोरेंट ग्रुप ने बाजी अपने नाम कर ली है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 13 September, 2024
Last Modified:
Friday, 13 September, 2024
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अरबपति कारोबारी गौतम अडानी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) फ्रेंचाइजी गुजरात टाइटन्स को खरीदने से फिर चूक गए हैं. एक रिपोर्ट की मानें, तो अहमदाबाद के टोरेंट ग्रुप ने अडानी से आईपीएल में रंग जमाने का मौका छीन लिया है. रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि टोरेंट ग्रुप ने गुजरात टाइटन्स में बहुमत हिस्सेदारी खरीदने के लिए यूरोप के प्राइवेट इक्विटी फर्म CVC कैपिटल पार्टनर्स के साथ समझौता कर लिया है. 

यह है व्यवस्था
'गुजरात टाइटन्स' का मालिकाना हक CVC Capitals के पास है. हाल ही में खबर आई थी कि ये कंपनी अपनी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की फ्रेंचाइजी में कंट्रोलिंग स्टेक बेचने की तैयारी में है. इसके लिए अडानी ग्रुप और टोरेंट ग्रुप के साथ बातचीत चल रही है. CVC की योजना अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजी में ज्यादातर हिस्सेदारी बेचकर अपने पास माइनोरिटी स्टेक रखने की है. दरअसल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की लॉक-इन अवधि फरवरी 2025 में समाप्त होने वाली है. इसके बाद टीमों में हिस्सेदारी बेची जा सकती है. 

नहीं बनी थी बात
अडानी समूह गुजरात टाइटन्स के जरिए आईपीएल में एंट्री लेना चाहता था, लेकिन CVC और टोरेंट ग्रुप के बीच डील फाइनल हो गई है. फरवरी 2025 के बाद इसका कंट्रोलिंग स्टेक टोरेंट ग्रुप के पास आ जाएगा. गुजरात टाइटन्स की वैल्यू 1 अरब डॉलर से अधिक आंकी गई है. CVC Capitals ने 2021 में ₹5,625 करोड़ में यह फ्रेंचाइजी खरीदी थी. अडानी ग्रुप ने 2021 में भी आईपीएल की इस फ्रेंचाइजी को खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाया. एक बार फिर उसके पास गुजरात टाइटन्स को अपना बनाने का मौका था,मगर बात नहीं बन पाई.

पहले से हैं ये टीमें
अडानी समूह काफी पहले ही स्पोर्ट्स में एंट्री ले चुका है. उसके पास महिला प्रीमियर लीग (WPL) और UAE की इंटरनेशनल लीग T20 में टीमें हैं. अडानी ने 1,289 करोड़ रुपए की सबसे बड़ी बोली लगाकर WPL की अहमदाबाद फ्रैंचाइजी को खरीदा था. इसी तरह, मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप के पास आईपीएल की मुंबई इंडियंस के अलावा, साउथ अफ्रीका T20 लीग और UAE T20 लीग में एक-एक टीम हैं. 

IPL विजेता रही है टीम
गुजरात टाइटन्स IPL विजेता रही है. इस टीम ने अपने पहले ही सीजन में IPL का खिताब जीत लिया था. टाटा आईपीएल 2022 का फाइनल मैच गुजरात टाइटन्स बनाम राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला गया था. गुजरात टाइटन्स ने फाइनल मैच 7 विकेट से जीत लिया था. मुकेश अंबानी की मुंबई इंडियंस भी आईपीएल विजेता रह चुकी है. अडानी समूह, टोरेंट ग्रुप और CVC कैपिटल पार्टनर्स ने गुजरात टाइटन्स को लेकर सामने आई खबर पर कोई बयान जारी नहीं किया है. 


LIC ने दिखाया IRCTC पर भरोसा, शेयर में इतनी बढ़ाई हिस्सेदारी...

रेलवे के शेयर्स पर भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने जमकर निवेश किया है. एलआईसी ने रेलवे के डिजिटल टिकटिंग प्लेटफॉर्म IRCTC में हिस्सेदारी बढ़ा दी है.

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Published - Friday, 13 September, 2024
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Friday, 13 September, 2024
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क्या आपके पास रेलवे के शेयर हैं? अगर हां, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. दरअसल, रेलवे के शेयरों बीते कुछ सालों से शेयर मार्केट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके शेयर ने निवेशकों को अच्छा रिटर्न दिया है. इसे देखते हुए अब भारतीय जीवन बीमा (LIC) जैसे बड़े इंवेस्टर्स ने भी रेलवे के ऑनलाइन टिकटिंग और कैटरिंग प्लेटफॉर्म आईआरसीटीसी (IRCTC) के शेयरों पर भरोसा दिखाते हुए इसमें अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है. इस खबर के बाद अब रेलवे के शेयर में और अधिक तेजी देखने को मिल सकती है, जिसका सीधा फायदा निवेशकों को होगा. तो चलिए जानते हैं आईआरसीटीसी में एलआईसी की हिस्सेदारी अब कितनी हो गई है?

एलआईसी की आईआरसीटीसी में अब इतनी हो गई हिस्सेदारी

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) ने आईआरसीटीसी में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाकर करीब 9.3 प्रतिशत कर दिया है. एलआईसी ने शेयर बाजार को  इसकी सूचना देते हुए कहा है कि उसने बीते 2 साल के अंदर खुले बाजार में आईआरसीटीसी के शेयरों की जमकर खरीद-फरोख्त की है. इससे उसकी हिस्सेदारी 16 दिसंबर 2022 से लेकर 11 सितंबर 2024 के बीच 2.02 प्रतिशत बढ़ी है. एलआई ने बताया है कि उसने आईआरसीटीसी के इक्विटी शेयरों में अपनी हिस्सेदारी को 5,82,22,948 शेयर यानी 7.28 प्रतिशत से बढ़ाकर 7,43,79,924 शेयर यानी 9.29 प्रतिशत कर दिया है.

आईआरसीटीसी ने दिया जबरदस्त रिटर्न
बीएसई पर एलआईसी का शेयर पिछले बंद भाव के मुकाबले गुरुवार को 1.81 प्रतिशत बढ़कर 1031.45 रुपये पर बंद हुए. वहीं आईआरसीटीसी का शेयर 929.30 रुपए पर बंद हुआ. अगर आईआरसीटीसी के शेयर में रिटर्न को देखें तो बीते एक साल में इसके शेयर प्राइस 35 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. जबकि बीते 5 साल में इसका शेयर करीब 500 प्रतिशत बढ़ा है. साल 2019 में इसके शेयर का भाव महज 155 रुपए था. वहीं, शुक्रवार को खबर लिखने तक आईआरसीटीसी के शेयर एनएसई पर 0.85 प्रतिशत की तेजी के साथ 939.25 रुपये और बीएसई 0.87 प्रतिशत की तेजी के साथ 939.50 रुपये पर कारोबार करता दिखा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आईआरसीटीसी में एलआईसी की हिस्सेदारी बढ़ने के बाद सोमवार को इसके शेयरों में और अधिक तेजी देखने को मिल सकती है. 

रेलवे में आईआरसीटीसी की भूमिका
बता दें, आईआरसीटीसी रेलवे की टिकटिंग में मोनोपॉली रखने के साथ कैटिरंग सर्विस को संभालने का काम भी करती है. इतना ही नहीं ट्रेनों में खान-पान की व्यवस्था देखने से लेकर टूर पैकेजेस बनाने तक का काम रेलवे की यही कंपनी करती है. देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस एक्सप्रेस भी आईआसीटीसी ने ही शुरू की थी. 
 


SEBI ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग, उसके सीएमडी के बैंक, डीमैट खाते कुर्क करने का आदेश दिया

मार्केट रेगुलेटर का कहना था कि कार्वी स्टॉक ब्रोकर की अपनी भूमिका में पूरी तरह से नाकाम रही है.

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Published - Friday, 13 September, 2024
Last Modified:
Friday, 13 September, 2024
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कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग और उसके सीएमडी सी पार्थसारथी पर बाजार नियामक सेबी (SEBI) सख्त हो गया है. सेबी ने करीब 25 करोड़ रुपये का बकाया वसूलने के लिए गुरुवार को कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग और उसके सीएमडी सी पार्थसारथी के बैंक खातों के साथ-साथ शेयरों और म्यूचुअल फंड होल्डिंग्स को कुर्क करने का आदेश दिया. सेबी ने 7 अगस्त को कार्वी और पार्थसारथी को नोटिस भेजकर उन्हें पावर ऑफ अटॉर्नी (POA) का दुरुपयोग करके ग्राहकों के धन की हेराफेरी से संबंधित एक मामले में 15 दिनों के भीतर बकाया राशि का भुगतान करने को कहा.

7 साल के लिए प्रतिबंधित हैं KSBL और पार्थसारथी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जब सस्थाओं ने सेबी द्वारा उन पर लगाए गए जुर्माने का भुगतान नहीं किया तो सेबी ने यह नोटिस जारी कर दिया. सेबी ने अप्रैल 2023 में केएसबीएल और पार्थसारथी को प्रतिभूति बाजार से सात साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया और ब्रोकिंग फर्म को दिए गए पीओए का दुरुपयोग करके ग्राहकों के धन की हेराफेरी करने के लिए उन पर 21 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया.

चार अलग-अलग कुर्की नोटिस

चार अलग-अलग कुर्की नोटिसों में बाजार नियामक ने लंबित बकाया राशि वसूलने के लिए दोनों संस्थाओं के बैंक, डीमैट खातों और म्यूचुअल फंड फोलियो को कुर्क करने का आदेश दिया है. सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने इस ब्रोकरेज हाउस द्वारा किए गए फ्रॉड का हवाला देते हुए कहा था कि मार्केट रेगुलेटर शेयर बाजार में कार्वी ब्रोकिंग जैसी कोई अन्य घटना नहीं होने देगा. बुच ने मार्च 2023 में सेबी बोर्ड की बैठक के बाद कहा था, 'अब कार्वी जैसी कोई अन्य घटना हमारी लाशों पर होगी. सेबी के हालिया आदेशों के मुताबिक, ब्रोकरेज फर्म और उसके पूर्व चीफ को 7 अगस्त 2024 को डिमांड नोटिस भेजा गया था.

मार्केट रेगुलेटर का कहना है कि चूंकि ब्रोकरेज फर्म और उसके पूर्व चीफ की तरफ से जुर्माने का भुगतान नहीं किया गया, लिहाजा यह माना जा सकता है कि वे बैंक खातों, डीमैट खातों या म्यूचुअल फंड फोलियो से अपनी सिक्योरिटीज इंस्ट्रुमेंट्स को हटा सकते हैं. अगर ऐसा होता है, तो रिकवरी की राशि में बाधा या देरी हो सकती है. लिहाजा, रेगुलेटर ने उनके खातों को जब्त करने का फैसला किया है.