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इस एयरलाइन कंपनी में बड़ी छंटनी, इतने लोगों को नौकरी से निकाला, जानिए क्या है कारण ?
देश की एक बड़ी एयरलाइन कंपनी ने बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों की छंटनी कर दी है. छंटनी का शिकार लोग VRS और नए सिरे से कौशल निखारने के मौकों का इस्तेमाल नहीं कर पाए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 month ago
टाटा ग्रुप की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया में भी छंटनी की तलवार चली है. कंपनी ने हाल में 180 से अधिक नॉन-फ्लाइंग स्टाफ (Non Flying Staff) की छंटनी कर दी है. इस छंटनी को लेकर कंपनी ने बताया है कि जिन लोगों की नौकरी गई है वो वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) और नए सिरे से कौशल निखारने के मौकों का इस्तेमाल नहीं कर पाए थे.
एंप्लॉयी को VRS की सुविधा दी गई थी
जानकारी के मुताबिक, एयर इंडिया ने कैंटिन सर्विस, हायजीन और एसी सर्विस स्टॉफ के लोगों को नौकरी से बाहर निकाला है. इससे पहले 12 मार्च को एयरलाइन ने 53 स्टॉफ को बाहर निकाला था. बता दें कि भारत सरकार ने एयर इंडिया से कहा था कि वे कम से कम 1 साल तक किसी को नहीं निकालेंगे. उसके बाद VRS की की सुविधा दी जाएगी. जो एंप्लॉयी निकाले गए हैं, ना तो उन्होंने वीआरएस लिया था और ना ही ऑर्गनाइजेशन के किसी रोल में फिट बैठ रहे थे.
VRS और रीस्किलिंग के दिए कई मौके
एयर इंडिया ने एक बयान में कहा ''फिटमेंट प्रोसेस के हिस्से के रूप में नॉन-फ्लाइंग फंक्शन में कर्मचारियों को संगठनात्मक आवश्यकताओं और व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर भूमिकाएं सौंपी गई हैं. पिछले 18 महीनों में सभी कर्मचारियों की उपयुक्तता का आकलन करने के लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव प्रोसेस का पालन किया गया है. इस फेज के दौरान, कर्मचारियों को कई वॉलेंटरी रिटायरमेंट स्कीम और रीस्किलिंग के अवसर भी प्रदान किए गए हैं. हालांकि, हमारे कर्मचारी आधार का 1 फीसदी से भी कम जो वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) और नए सिरे से कौशल निखारने के लिए सक्षम नहीं है, हमें अलग होना होगा. हम इस प्रक्रिया के दौरान सभी संविदात्मक दायित्वों का सम्मान कर रहे हैं.
एयरलाइन के घाटे से बाहर निकालने की कोशिश
घाटे में चल रही एयर इंडिया को जनवरी, 2022 में टाटा समूह ने सरकार से अपने नियंत्रण में लिया था और उसके बाद से ही इसके कारोबारी मॉडल को पटरी पर लाने की कोशिशें की जा रही हैं. एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि फिटमेंट प्रक्रिया के तहत गैर-उड़ान कार्यों में लगे कर्मचारियों को संगठनात्मक जरूरतों और व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर भूमिकाएं सौंपी गई हैं.
करीब 18 हजार कर्मचारी करते हैं काम
जब टाटा ने एयरलाइन का अधिग्रहण किया था तब एयर इंडिया में लगभग 13,000 कर्मचारी थे, अब एयरलाइन द्वारा न्यू टैलेंट को काम पर रखने के साथ यह संख्या लगभग 18,000 हो गई है. एयर इंडिया को एक लीडिंग ग्लोबल कैरियर बनाना नए मैनेजमेंट का मुख्य लक्ष्य रहा है और उस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सही प्रतिभा की आवश्यकता है जो एयरलाइन के वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों से मेल खाती हो.
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