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RBI ने Repo Rate पर उठाया ये कदम, आम आदमी से लेकर कारोबारियों तक के खिल उठे चेहरे
RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक छह जून को शुरू हुई थी और आज यानी 8 जून को समाप्त हुई है. इस बैठक में नीतिगत ब्याज दरों पर फैसला लिया गया है.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 10 months ago
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा कर दी है. RBI के लगातार दूसरी बार नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, जिसका मतलब है कि आपकी EMI नहीं बढ़ेगी. रिजर्व बैंक ने रेपो रेट (Repo Rate) को 6.50 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला किया है. वैसे, पहले से ही यह लगभग तय माना जा रहा था कि RBI रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं करेगा.
5 सदस्य फैसले के साथ
RBI ने कहा कि भारत का बैंकिंग सिस्टम मजबूत दिख रहा है, क्रेडिट ग्रोथ अच्छी है. इसके अलावा अर्थव्यवस्था के दूसरे इंडिकेटर्स भी अच्छी स्थिति में है और ग्रोथ कर रहे हैं. इन सबको देखते हुए MPC के 6 में से 5 सदस्यों ने रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में अपना मत रखा. रिजर्व बैंक ने कहा कि महंगाई दर को काबू पाने में काफी हद तक सफलता मिली है, इसलिए नीतिगत ब्याज दरों में किसी भी तरह के इजाफे का फैसला नहीं लिया गया है. बता दें कि मई 2022 से फरवरी 2023 के बीच रेपो रेट में 2.5 फीसदी का इजाफा किया गया था.
आगे घट सकती हैं दरें
वॉयस ऑफ बैंकिंग के फाउंडर अशवनी राणा का कहना है कि रेपो रेट में वृद्धि से बैंकों से कर्ज लेने वाले बैंक के ग्राहकों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती थीं. रिजर्व बैंक ने कर्ज लेने वालों के साथ-साथ कर्ज देने वाले बैंकों को भी बड़ी राहत दी है. क्योंकि कर्ज महंगा होने से बैंकों सहित कई सेक्टर पर नेगेटिव असर होता है. उन्होंने आगे कहा कि आने वाले समय में यदि महंगाई इसी प्रकार काबू में रहती है और मानसून भी अच्छा रहता है, तो संभव है रिजर्व बैंक रेपो रेट को घटाने का फैसला ले.
रियल एस्टेट ने किया स्वागत
वहीं, आरबीआई के इस कदम का रियल एस्टेट कारोबारियों ने भी स्वागत किया है. पहले जब RBI द्वारा लगातार नीतिगत ब्याज दरों में वृद्धि की जा रही थी, तब रियल एस्टेट सेक्टर को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. डेवलपर्स के संगठन क्रेडाई ने अप्रैल में आरबीआई से रेपो रेट नहीं बढ़ाए जाने की मांग की थी. क्रेडाई का कहना था कि रेपो रेट बढ़ने से मंदी से बाहर निकल रहे रियल एस्टेट पर फिर से संकट के बादल छा जाएंगे और विकास की गति का पहिया धीमा पड़ जाएगा. RBI ने एक तरह से इस मांग को स्वीकार करते हुए पिछली दो बार से रेपो रेट में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है.
अब बिना डर के होगा निवेश
क्रेडाई के वेस्ट यूपी प्रेसिडेंट और डायरेक्टर काउंटी ग्रुप अमित मोदी का कहना है कि हम रेपो दरों को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले की सराहना करते हैं. इससे रियल एस्टेट क्षेत्र फलता-फूलता रहेगा क्योंकि मध्यम-आय वर्ग होम लोन पर उच्च ब्याज का भुगतान करने के डर के बिना इस क्षेत्र में निवेश कर सकते हैं. रेपो रेट स्थिर रहने पर निवेशक परियोजनाओं में और भी आसानी से निवेश कर सकते हैं. वहीं, महागुन ग्रुप के निदेशक अमित जैन का कहना है कि हाल के वर्षों में, ब्याज दरों में काफी वृद्धि हुई है. दूसरी तिमाही में आरबीआई ने ब्याज दरों को स्थिर रखने का साहसी निर्णय लिया है, यह निवेशकों और उन लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प प्रस्तुत करता है जो घर खरीदना या निवेश करना चाहते हैं.
डिमांड में आएगी तेजी
मिग्सन समूह के MD यश मिगलानी का कहना है कि आरबीआई ने पिछली तिमाही की भांति इस तिमाही में भी रेपो रेट 6.50 प्रतिशत पर स्थिर रखी है. यह स्वागत योग्य कदम है, जो इस सेक्टर के लिए अच्छा साबित होगा. नौकरी के बाजार में वृद्धि, निर्यात में उछाल और खर्च की समग्र स्वस्थ दरों से भारतीय अर्थव्यवस्था स्वस्थ दिख रही है. इससे होम लोन की दरों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी और हाउसिंग डिमांड में तेजी आएगी.
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