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Ashok Leyland मुश्किल में, जानें किस तरह SC के आदेश के उल्लंघन में फंसी कंपनी
वाहन निर्माता कंपनी अशोक लेलैंड सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन में फंस गई है. अब इसका कंपनी के शेयरों पर क्या असर होगा, ये देखने वाली बात होगी.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
कमर्शियल व्हीकल बनाने वाली कंपनी अशोक लेलैंड (Ashok Leyland) मुश्किलों में फंस गई है. कंपनी पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के उल्लंघन का आरोप है. वहीं, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी उस पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ED ने इस मामले में आंध्र प्रदेश में तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के पूर्व विधायक जेसी प्रभाकर रेड्डी और उनके सहयोगियों पर कार्रवाई करते हुए 22 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की है.
क्या था SC का आदेश?
आरोप है कि अशोक लेलैंड ने दो कंपनियों को डिस्काउंट पर BS-III वाले वाहन बेचे, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सीधा उल्लंघन है. अदालत ने 2017 में आदेश दिया था कि कोई भी ऑटोमोबाइल कंपनी या डीलर केवल BS-IV मानक वाले वाहनों की बिक्री ही कर सकता है. दरअसल, बढ़ते वायु प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह फैसला सुनाया था.
कैसे किया उल्लंघन?
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 1 अप्रैल, 2017 से BS-IV मानकों को पूरा नहीं करने वाले वाहनों पर बैन लगा दिया गया था. इसके बावजूद जेसी प्रभाकर रेड्डी के नियंत्रण वाली जाटधारा इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड (जेआईपीएल) और दिवाकर रोड लाइन्स ने अशोक लेलैंड से BS-III वाहन खरीदे. यह भी आरोप है कि इन वाहनों को जाली बिल के जरिए बीएस-4 वाहन के तौर पर पंजीकृत कराया गया. एक रिपोर्ट के अनुसार, ED की जांच में सामने आया है कि कुछ वाहनों को नगालैंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में पंजीकृत कराया गया.
क्या शेयरों पर पड़ेगा असर?
बता दें कि हिंदुजा समूह की कंपनी अशोक लेलैंड का चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में मुनाफा बढ़कर 199 करोड़ रुपए हो गया है. जबकि पिछले वर्ष की सितंबर तिमाही में कंपनी को 83 करोड़ रुपए का शुद्ध घाटा हुआ था. इस अवधि में कंपनी का राजस्व बढ़कर 8,266 करोड़ रुपए हो गया, जो पिछले वर्ष 4,458 करोड़ रुपए था. इसके अलावा, कंपनी के शेयर भी नई ऊंचाई पर पहुंच चुके हैं. आज भी यह बढ़त के साथ 149 रुपए पर बंद हुए. अब इस खबर का कंपनी के शेयरों पर क्या कोई प्रभाव पड़ता है, ये देखने वाली बात होगी.
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