अरबपति Adani को भी अब 'अच्छे दिनों' की आस, एक और डील हाथ से फिसली

गौतम अडानी को लगातार झटके लग रहे हैं. DB पावर और PTC इंडिया के बाद अब एक और डील उनके हाथ से फिसल गई है.

Last Modified:
Thursday, 23 February, 2023
file photo

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से शुरू हुए गौतम अडानी (Gautam Adani) के बुरे दिन खत्म होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अरबपति अडानी को भी अब अच्छे दिनों की आस है. जहां एक तरफ उनकी दौलत घटती जा रही है. वहीं दूसरी तरफ उनके हाथ से बड़ी डील्स लगातार फिसलती जा रही हैं. DB Power और PTC India Ltd के बाद अब अडानी को एक और बड़ा झटका लगा है. सीके बिड़ला ग्रुप की कंपनी ओरियंट सीमेंट (Orient Cement) ने अडानी पावर महाराष्ट्र (Adani Power Maharashtra) के साथ सौदा रद्द कर दिया है.

आगे नहीं बढ़ने का अनुरोध
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओरियंट सीमेंट का कहना है कि अडानी ग्रुप इस डील के लिए जरूरी क्लीयरेंस हासिल करने में विफल रहा है. ओरियंट सीमेंट ने सितंबर 2021 में अडानी ग्रुप के साथ एक MoU की घोषणा की थी. हालांकि, अब कंपनी ने शेयर मार्केट को बताया है कि अडानी पावर (Adani Power) ने इस डील को आगे नहीं बढ़ाने का अनुरोध किया है. बता दें कि 24 जनवरी को Hindenburg Research की रिपोर्ट सामने आई थी. इसके बाद से अडानी ग्रुप को लगातार झटके लग रहे हैं. इससे पहले, समूह ने DB Power को खरीदने से इनकार कर दिया था और फिर PTC India के लिए बोली लगाने से पीछे हट गया था.

कर्ज चुकाने पर फोकस  
अडानी समूह और ओरियंट सीमेंट ने महाराष्ट्र के तिरोदा में एक सीमेंट ग्राइंडिंग यूनिट लगाने के लिए सितंबर 2021 में एक MoU पर हस्ताक्षर किए थे. इसके लिए ओरियंट सीमेंट ने 35 एकड़ जमीन भी देख ली थी, लेकिन अब कंपनी का कहना है कि अडानी पावर प्लांट के लिए जरूरी क्लीयरेंस लेने में नाकाम रही है. साथ ही इस एमओयू की समयसीमा भी बीत चुकी है. दरअसल, अडानी ग्रुप अब विस्तार की योजनाओं पर आगे बढ़ने के बजाए कर्ज चुकाने पर फोकस कर रहा है. इसलिए वह नई डील में पैसा नहीं फंसाना चाहता.  

विस्तार की योजना पर ब्रेक  
इससे पहले अडानी समूह ने DB पावर खरीदने से इनकार कर दिया था. डीबी पावर के पास छत्तीसगढ़ में 1200 मेगावॉट के थर्मल प्लांट हैं. अडानी समूह की योजना इस कंपनी को अपना बनाकर छत्तीसगढ़ में कारोबार को विस्तार देने की थी. इसे इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर में अडानी ग्रुप की दूसरी सबसे बड़ी मर्जर एंड एक्विजिशन डील बताया जा रहा था. समूह ने डीबी पावर को 7,017 करोड़ रुपए में खरीदने की घोषणा पिछले साल अगस्त में की थी. इस डील को 31 अक्टूबर, 2022 तक पूरा होना था, लेकिन डेडलाइन लगातार बढ़ती गई और हाल ही में अडानी समूह ने इससे कदम वापस खींच लिए.

PTC से मिलता ये फायदा
PTC इंडिया लिमिटेड में 4 सरकारी कंपनियों - NTPC, NHPC, Power Grid और Power Finance की हिस्सेदारी है. ये कंपनी अपनी चार-चार फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में हैं. यदि कंपनी के ताजा शेयर भाव के हिसाब से देखें, तो 16 प्रतिशत हिस्सेदारी की कीमत 5.2 करोड़ डॉलर बैठती है. इस साल कंपनी के शेयरों में तेजी के साथ इसका कुल मार्केट कैप करीब 32.2 करोड़ डॉलर पहुंच गया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि पीटीसी इंडिया अडानी की झोली में आती, तो उसकी एनर्जी वैल्यू चेन में पकड़ मजबूत होती.


रूस में फिर Putin राज, दुनिया के सबसे अमीर राष्ट्रपति के पास है समंदर की गहराई जितनी दौलत

व्लादिमीर पुतिन 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं. शपथ लेने के बाद उन्होंने दुनिया से रिश्ते सुधारने की बात कही है.

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

रूस का राष्ट्रपति कौन है? लगता है इस सवाल का एक ही जवाब रहने वाला है. व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) 5वीं बार रूस के राष्ट्रपति बन गए हैं. मॉस्को के ग्रैंड क्रेमलिन पैलेस में पुतिन ने केवल 33 शब्दों में राष्ट्रपति पद की शपथ ली. इसके बाद उन्होंने कहा कि रूस दूसरे देशों से अपने रिश्ते मजबूत करेगा. पुतिन ने कहा कि हम उन देशों के साथ अपने रिश्ते मजबूत करेंगे, जो हमें दुश्मन समझते हैं. बता दें कि रूस में 15-17 मार्च को हुए चुनाव में व्लादिमीर पुतिन को 88% वोट मिले थे. जबकि उनके विरोधी निकोले खारितोनोव के खाते में महज 4% वोट आए थे.

इन देशों ने बनाए रखी दूरी 
व्लादिमीर पुतिन के शपथ ग्रहण समारोह का अमेरिका और ब्रिटेन सहित कई यूरोपीय देशों ने बहिष्कार किया है. पुतिन वर्ष 2000 में पहली बार राष्ट्रपति बने थे. इसके बाद वह 2004, 2012 और 2018 में भी राष्ट्रपति की कुर्सी पर बैठ चुके हैं. रूस में तो अब यह माना जाने लगा है कि प्रेसिडेंट की कुर्सी केवल पुतिन के लिए ही बनी है. रूस से सरकार से जुड़ी खबरें अक्सर कम ही बाहर आती हैं. 2012 में यह खबर सामने आई थी कि पुतिन के तीसरे शपथ ग्रहण समारोह पर करीब साढ़े 5 करोड़ रुपए खर्च हुए थे. 

दुनिया के सबसे अमीर राजनेता
रूसी संविधान के अनुसार, कोई भी व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा राष्ट्रपति नहीं बन सकता. यही वजह थी कि 8 मई 2008 को पुतिन ने प्रधानमंत्री रह चुके दिमित्री मेदवेदेव को रूस का राष्ट्रपति बनवाया और खुद PM की कुर्सी संभाल ली. इसके बाद नवंबर 2008 में दिमित्री ने संविधान संशोधन कर राष्ट्रपति का कार्यकाल 4 से बढ़ाकर 6 साल कर दिया. इस लिहाज से देखें, तो वह 2036 तक रूस के राष्ट्रपति रह सकते हैं. फोर्ब्स ने 2013 से लेकर 2016 तक लगातार 4 बार पुतिन को दुनिया का सबसे ताकतवर शख्स घोषित किया गया था. वह आज भी दुनिया के सबसे अमीर राजनेता हैं. 

वेतन केवल इतना, दौलत अकूत
व्लादिमीर पुतिन अपनी लग्जरी लाइफस्टाइल और लव लाइफ को लेकर हमेशा से चर्चा में रहे हैं. पुतिन भले ही यह दावा करते हैं कि उन्हें 1,40,000 डॉलर का सालाना वेतन मिलता है, लेकिन उनके पास बेशुमार दौलत है. जिस तरह समुंदर की गहराई का सटीक अंदाजा मुश्किल है, वैसे ही उनकी संपत्ति की सटीक जानकारी किसी के पास नहीं है. हालांकि, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि उनके पास 200 अरब डॉलर से ज्यादा की निजी संपत्ति है. काला सागर के नजदीक उनकी एक हवेली है, जिसे ‘पुतिन का कंट्री कॉटेज’ कहा जाता है. हवेली में 500,000 डॉलर की कीमत वाला डाइनिंग रूम फर्नीचर, 54,000 डॉलर मूल्य की बार टेबल, 850 डॉलर मूल्य वाले इतालवी टॉयलेट ब्रश, 1,250 डॉलर का टॉयलेट पेपर होल्डर है. हवेली की देखरेख के लिए 40 लोगों का स्टाफ है, जिसकी सालाना सैलरी पर ही 20 लाख डॉलर खर्च होते हैं.

ये सब भी है पुतिन के पास
बताया जाता है कि हवेली के अलावा, पुतिन के पास 19 दूसरे घर हैं. वह 700 कारें, 58 प्लेन-हेलीकॉप्टर के साथ-साथ 71.6 करोड़ डॉलर की कीमत वाले एक विमान के भी मालिक हैं, जिसे ‘द फ्लाइंग क्रेमलिन’ नाम दिया गया है. पुतिन के पास एक मेगा यॉट भी है, जिसकी कीमत 70 करोड़ डॉलर है. पिछले साल राष्ट्रपति पुतिन को 22 कोच वाली एक आलीशान ट्रेन में सफर करते देखा गया था. यह ट्रेन पूरी तरह से बुलेटप्रूफ है. इस ट्रेन के अंदर एक शानदार अस्पताल भी मौजूद है. Train के कोच में मौजूद बाथरूम, जिम और सैलून के निर्माण पर ही 33 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे. एडवेंचर पसंद पुतिन को महंगी घड़ियों का भी काफी शौक है. उनके पास 60,000 डॉलर से लेकर 5,00,000 डॉलर की कीमत वालीं कई घड़ियां हैं. कहा जाता है कि पुतिन की इन घड़ियों की कीमत ही उनके आधिकारिक सालाना वेतन से छह गुना अधिक है.

पुतिन की तुलना में Biden बेहद गरीब
वहीं, दुनिया की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देश यानी अमेरिका के राष्ट्रपति Joe Biden की संपत्ति पुतिन के मुकाबले कुछ नहीं है. फोर्ब्‍स के मुताबिक, जब जो बाइडेन ने अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभाला था, तब उनकी संपत्ति तकरीबन 8 मिलियन डॉलर थी. पिछले साल तक यह बढ़कर 10 मिलियन डॉलर यानी करीब 74 करोड़ रुपए हो गई थी. बाइडेन के पास डेलावेयर में दो घर हैं, जिनकी कुल अनुमानित कीमत 7 मिलियन डॉलर है. सरकारी पेंशन के तौर पर बाइडेन के पास करीब 1 मिलियन डॉलर हैं. उन्होंने बतौर प्रोफेसर 540,000 मिलियन डॉलर कमाए हैं. 


Microsoft ने इस शहर में खरीदी हजारों एकड़ जमीन, ये करने जा रही है कंपनी

डेटासेंटर वो क्षेत्र है जो तेजी से ग्रो कर रहा है. इससे पहले ग्रेटर नोएडा में यूपी सरकार और YOTTO के बीच इस क्षेत्र का सबसे बड़ा सेंटर शुरू हो चुका है. 

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

भारत की तेजी से बढ़ती आर्थिक गतिविधियों के बीच सभी कंपनियां देश में अपना कारोबार बढ़ाने को लेकर काम कर रही हैं. इसी कड़ी में अब दक्षिण के राज्‍य तेलंगाना के महत्‍वपूर्ण शहर हैदराबाद में जानी मानी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने कई एकड़ जमीन खरीदी है. कंपनी इस जमीन के साथ वहां डेटा सेंटर की शुरुआत करने जा रही है. माना जा रहा है कि इस इलाके में माइक्रोसाफ्ट का सबसे बड़ा सेंटर होगा. कंपनी इससे पहले भी भारत के कई राज्‍यों में अपने डेटा सेंटर चला रही है. 

कितनी है इस जमीन की कीमत 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, माइक्रोसाफ्ट ने हैदराबाद में 48 एकड़ जमीन खरीदी है. इस जमीन को कंपनी ने श्री बालाजी डेवलपर्स से खरीदा है. माइक्रोसॉफ्ट ने जमीन खरीदी है उसके लिए उसने 267 करोड़ रुपये चुकाए हैं. कंपनी आने वाले दिनो में यहां दक्षिण भारत का सबसे बड़ा डेटा सेंटर बनाने की तैयारी कर रही है. माइक्रोसॉफ्ट ने जिस जगह पर ये जमीन खरीदी है वो हैदराबाद से 40 किलोमीटर दूर है. कंपनी ने इसके लिए प्रीमियम भी चुकाया है. कंपनी इससे पहले चेन्‍नई पूणे और मुंबई में अपने डेटा सेंटर की शुरुआत कर चुकी है. 

ये भी पढ़ें: NSE के डिविडेंड से मालामाल होने वाले हैं ये कारोबारी, इतने करोड़़ का होने जा रहा है फायदा

इससे पहले पुणे में कर चुकी है निवेश 
कंपनी 2022 में इससे पहले पुणे में भी फिनोलेक्‍स इंडस्‍ट्रीज से 328.84 करोड़ की समेकित राशि में 10.89 लाख वर्ग फुट का कमर्शियल प्‍लॉट खरीद चुकी है. माइक्रोसॉफ्ट ने जो जमीन खरीदी थी वो पुणे के पिंपरी वाघेरे में स्थित है. कंपनी ने इसके लिए 16 करोड़ रुपये से ज्‍यादा की स्‍टांप ड्यूटी अदा की थी. सिर्फ पुणे में ही नहीं बल्कि कंपनी 2021 में नोएडा में भी एक कमर्शियल प्‍लॉट खरीद चुकी है. कंपनी ने नोएडा के सेक्‍टर 145 में जो जमीन खरीदी थी उसके लिए उसने 103.66 करोड़ रुपये का प्रीमियम अदा किया था. कंपनी ने यहां जो प्‍लॉट खरीदा था उसका साइज 60 हजार वर्ग मी‍टर था. 

कंपनी इससे पहले 2022 में भी हैदराबाद में खरीद चुकी है जमीन 
माइक्रासॉफ्ट इससे पहले 2022 में हैदराबाद में जमीन के तीन सौदे कर चुकी है. इनमें कंपनी ने 40 करोड़ रुपये में 22 एकड़ जमीन खरी थी. ये जमीन कंपनी ने मेकागुड़ा में खरीदी थी. साथ ही 164 करोड़ रुपये में 41 एकड़  शादनगर में खरीद चुकी है. जबकि कंपनी चंदेनवेल्‍ली में 72 करोड़ रुपये में 52 एकड़ जमीन को हासिल कर चुकी है. कंपनी डेटा सेंटर कारोबार में तेजी से अपने पांव पसार रही है, जिससे इस क्षेत्र की सभी जरुरतों को पूरा कर सके और तेजी से इस क्षेत्र में आगे बढ़ सके. 


 


शेयर बाजार में ट्रेडिंग का समय नहीं बढ़ेगा, SEBI ने इस वजह से खारिज किया प्रस्ताव

शेयर बाजार में अब ट्रेडिंग समय को नहीं बढ़ाया जाएगा. NSE के MD & CEO आशीष चौहान ने इस बारे में जानकारी दी है. आगे पूरी डिटेल्स जानते हैं.

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. कुछ समय पहले एनएसई ने स्टॉक ट्रेडिंग के समय को बढ़ाने के लिए प्रस्ताव पेश किया था. यह प्रस्ताव के बाद शेयर मार्केट के निवेशक नजर बनाए हुए थे कि सेबी इस प्रस्ताव पर क्या फैसला लेगी. सेबी के फैसले के बारे में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ आशीष कुमार चौहान ने बताया कि सेबी ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. इसका मतलब है कि स्टॉक ट्रेडिंग का समय नहीं बढ़ाया गया है. 

किस वजह से खारिज हुआ प्रस्ताव

एनालिस्ट कॉल के समय NSE के सीईओ ने बताया कि ट्रेडिंग समय को बढ़ाने पर ब्रोकर कम्यूनिटी से सहमति नहीं मिली है. इस वजह से SEBI ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया. ट्रेडिंग के समय बढ़ाने के लिए एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंम्बर्स ऑफ इंडिया (ANMI) से मंजूरी मिल गई थी. ANMI पहले से ही ट्रेडिंग समय को बढ़ाना चाहता था. वहीं ब्रोकर्स इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स फोरम (ISF) भी इस प्रस्ताव के लिए सेबी को फॉर्मल लेटर लिखेगा. 

क्या था एनएसई का प्रस्ताव?

पिछले साल सितंबर में सामने आया था कि कैश मार्केट में ट्रेडिंग ऑवर्स बढ़ाने के NSE के प्रस्ताव पर SEBI विचार कर रहा है. इस प्रस्ताव के तहत चरणबद्ध तरीके ट्रेडिंग के घंटे बढ़ाने की योजना थी. शुरुआती चरण में इंडेक्स F&O की एक्स्ट्रा टाइमिंग 6 बजे शाम से रात 9 बजे तक करने की थी और दूसरे चरण के तहत इसे आधी रात 11:30 तक ले जाने की थी. इसके बाद तीसरे यानी आखिरी चरण में कैश मार्केट ट्रेडिंग ऑवर्स को बढ़ाकर 5 बजे शाम तक करने की थी. अब इस प्रस्ताव को SEBI ने खारिज कर दिया है लेकिन NSE के सीईओ का कहना है कि ऐसा लग रहा है कि स्टॉक ब्रोकर्स ने इसे लेकर सेबी को अपना फीडबैक नहीं भेजा था.

डेरिवेटिव ट्रेडर्स ने किया था विरोध

डेरिवेटिव व्यापारियों ने आशंका व्यक्त की थी कि उनके कामकाज का संतुलन खराब हो सकता है हालांकि कुछ ब्रोकरों ने ट्रेडिंग घंटों को बढ़ाने के लिए खुले तौर पर मंजूरी दे दी थी जबकि अन्य अपने कम बैंडविड्थ को लेकर चिंतित थे. हालांकि लंबे व्यापारिक घंटों का मतलब वॉल्यूम में वृद्धि के कारण एक्सचेंजों के लिए अधिक रेवेन्यू है.

NSE ने हाल ही में जारी किए नतीजे

बताते चलें कि NSE ने हाल ही में कारोबारी साल 2024 की मार्च तिमाही के नतीजे जारी किए थे. पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले NSE के मुनाफे में 55% की बढ़ोतर दिखी है. इस दौरान NSE का ऑपरेटिंग आय सालाना आधार पर 34% बढ़कर ₹4,625 करोड़ रही. एक्सचेंज हर शेयर के बदले 4 बोनस शेयर भी जारी करेगा. नतीजों के साथ ही एक्सचेंज ने ₹90 प्रति शेयर के भाव पर डिविडेंड देने का भी एलान किया है.
 


NSE के डिविडेंड से मालामाल होने वाले हैं ये कारोबारी, इतने करोड़़ का होने जा रहा है फायदा 

NSE के मुनाफे पर नजर डालें तो ऑपरेशनल कॉस्‍ट के बढ़ने के बावजूद एक्‍सचेंज ने बड़ा मुनाफा कमाया है. एक्‍सचेंज ने सरकार को भी बड़ी कमाई करके दी है. 

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

जब कभी भी किसी बड़ी कंपनी के नतीजे आते हैं और वो डिविडेंड का ऐलान करती है तो उसमें बड़े पैमाने पर निवेश करने वालों की बल्‍ले बल्‍ले हो जाती है. इसी कड़ी में कुछ दिन पहले एनएसई (नेशनल स्‍टॉक एक्‍सचेंज) ने नतीजे जारी करते हुए 90 रुपये प्रति शेयर का डिविडेंड देने का ऐलान किया था. इस खबर के आने के बाद देश के बड़े कारोबारियों में एक डीमार्ट कंपनी के मालिक राधाकृष्‍ण दमानी की बल्‍ले बल्‍ले हो गई है. दमानी ने इस कंपनी में बड़ी रकम लगाई है जिसके बाद उन्‍हें डिविडेंड से करोड़ों रुपये की रकम मिलने वाली है.

दमानी ने आखिर कितना किया है निवेश? 
राधाकृष्‍ण दमानी ने एनएसई में बड़ा निवेश किया है. राधाकृष्‍ण दमानी ने डी मार्ट में 7816880 इक्विटी शेयर हैं. एन्‍एसई ने एक शेयर पर 90 रुपये का डिविडेंड देने का ऐलान किया है. साथ ही एक शेयर पर 4 बोनस शेयर देने की भी बात कही है. इस अनुसार, राधा कृष्‍ण दमानी का कुल मुनाफा 70 करोड़ रुपये से ज्‍यादा बन रहा है. साथ ही उनके शेयरों की संख्‍या 4 गुना तक बढ़ जाएगी. 

ये भी पढ़ें: आखिर ऐसा क्या है ईशा अंबानी के इस साड़ी गाउन में जिसे बनाने में लग गए 10 हजार घंटे

इसे कहते हैं दोहरा फायदा 
जैसे ही एनएसई ने ये ऐलान किया और दमानी को फायदा होने की बात सामने आई उसके बाद उनकी कंपनी के शेयरों में आज तेजी देखने को मिल रही है. डीमार्ट के शेयरों में आज 51 अंकों का उछाल देखने को मिल रहा है और कंपनी के शेयर 4652 रुपये पर कारोबार कर रहे हैं. अगर पिछले पांच दिनों में शेयर की स्थिति पर नजर डालें तो शेयर ने अच्‍छी तेजी देखी है. पांच दिन पहले शेयर 4586 रुपये पर ट्रेड कर रहा था. इस शेयर का 52 हफ्तों का हाई 4890 रुपये है तो वहीं 52 हफ्तों का लो 3352 रुपये है. 

एनएसई को इतना हुआ है मुनाफा 
क्‍या कह रहे हैं एक्‍सचेंज की आय के आंकड़े? 
एनएसई की कुल ऑपरेशनल आय मार्च 2024 तिमाही में 34 प्रतिशत बढ़कर 4625 करोड़ रुपये रही है. वहीं एनएसई के स्‍टैंड अलोन मुनाफे पर नजर डालें तो वो 1856 करोड़ रुपये रहा है. वहीं स्‍टैंडअलोन ऑपरेशनल इनकम मार्च तिमाही में 25 प्रतिशत बढ़कर 4123 करोड़ रुपये रही. वहीं मार्च 2023 की तिमाही पर नजर डालें तो ये 3295 करोड़ रुपये थी. एनएसई ने वित्‍त वर्ष 2024 के दौरान अपनी बेहतरीन परफॉर्मेंस से सरकार को भी खूब कमाई करके दी है. एनएसई ने सरकार को कुल 43514 करोड़ रुपये कमाकर दिए हैं, 
 


किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, अब चावल से होगी खूब कमाई

मॉरीशस (Mauritius) से पहले भारत ने तंजानिया, जिबूती और गिनी-बिसाऊ सहित कुछ अफ्रीकी देशों को चावल के निर्यात ( Export) की अनुमति दी है. 

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

भारत में करीब 11 महीने से चावल के निर्यात (Export) पर प्रतिबंध लगा हुआ है. उसके बाद भी इस दौरान करीब आधा दर्ज से ज्यादा देशों को चावल भेजने की अनुमति दी गई है. वहीं, अब इस सूची में मॉरीशस (Mauritius) का नाम भी जुड़ गया है. भारत ने मॉरीशस को भी चावल निर्यात करने की मंजूरी दे दी है. ऐसे में ये किसानों के लिए भी एक बड़ी खुशखबरी है. तो चलिए जानते हैं भारत से मॉरीशस कितना और कौन-सा चावल जा रहा है?  

14 हजार टन चावल होगा एक्सपोर्ट
सरकार की ओर से मॉरीशस को चावल निर्यात करने को लेकर एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक नोटिफिकेशन में कहा कि राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड (NCEL) के माध्यम से मॉरीशस को 14,000 टन गैर-बासमती सफेद चावल निर्यात किए जाने की अनुमति दी गई है. आपको बता दें, एनसीईएल (NCEL) कई राज्यों में सक्रिय एक सहकारी समिति है. इसे देश की कुछ प्रमुख सहकारी समितियों अमूल (Amul), इफको (IFFCO), कृभको और नैफेड (NAFED) के जरिये संयुक्त रूप से बढ़ावा दिया जाता है.

क्यों लगा था प्रतिबंध?
सरकार ने घरेलू जरुरतों को पूरा करने के लिए जुलाई 2023 महीने से चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. वहीं, अब ये प्रतिबंध हटा दिया गया है. सरकार ने घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए 20 जुलाई, 2023 से ही गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. लेकिन कुछ देशों को अनुरोध पर उनकी खाद्य सुरक्षा जरूरतें पूरा करने के लिए सरकार निर्यात की अनुमति देती है. इस फैसले के बाद किसानों को भी काफी लाभ होगा, चावल निर्यात होने से उनकी भी खूब कमाई होगी.

इन देशों में भी गया गैर-बासमती सफेद चावल
भारत ने तंजानिया, जिबूती और गिनी-बिसाऊ सहित कुछ अफ्रीकी देशों को गैर-बासमती सफेद चावल के निर्यात की अनुमति दी है. इसके अलावा नेपाल, कैमरून, कोटे डि-आइवरी, गिनी, मलेशिया, फिलिपीन और सेशेल्स जैसे देशों को भी इस चावल के निर्यात की अनुमति दी गई थी. 

इसे भी पढ़ें-आपके लिए खुशखबरी, इन बैंकों ने FD पर फिर से बढ़ाया ब्याज, जानें अब कितना मिलेगा रिटर्न?


आखिर ऐसा क्या है ईशा अंबानी के इस साड़ी गाउन में जिसे बनाने में लग गए 10 हजार घंटे

मेट गाला दुनियाभर के फैशन का सबसे बड़ा इवेंट है.इसमें दुनियाभर के नामी हस्तियां और फैशन डिजाइनर अपने हुनर का प्रदर्शन करते हैं.   

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

मुकेश अंबानी परिवार का कोई इवेंट हो या कंपनी का कोई इवेंट वो हमेशा ही चर्चा में रहता है. विशेष तौर से अंबानी परिवार की ड्रेसेज को लेकर चर्चा हर कोई करता है. एक बार फिर ईशा अंबानी अपनी एक ऐसी ड्रेस को लेकर चर्चा में हैं जिसे बनाने में 10 हजार घंटे से ज्‍यादा का समय लगा है. ईशा अंबानी ने ये ड्रेस मेट गाला 2024 में पहना था. इस ड्रेस की चर्चा हर ओर हो रही है. क्‍या है इस ड्रेस में खास और क्‍या है ये इवेंट जहां उन्‍होंने इसे पहना इसके बारे में आज हम आपको विस्‍तार से बताने जा रहे हैं. 

आखिर क्‍या खास है ईशा अंबानी की इस ड्रेस में 
ईशा अंबानी ने मेट गाला 2024 के इवेंट में इस ड्रेस को पहना था. फैशन की दुनिया के जाने माने इस इवेंट में दुनियाभर के नामी लोग इसमें शिरकत करते हैं. ईशा अंबानी ने इस इवेंट में साड़ी गाउन पहना था. उनके इस साड़ी गाउन को राहुल मिश्रा ने डिजाइन किया था, तो अनाइता श्रॉफ अजदानिया ने स्‍टाइल किया था. इस ड्रेस को नेचर की थीम पर डिजाइन किया गया था जिसमें फूल और तितलियां बनाई थी. इस साड़ी गाउन पर कई तरह की सिलाई तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया था जिनमें फरीशा, जरदोजी, नक्‍सी और दबका जैसी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया था. 

ये भी पढ़ें: इस बिजनेसमैन की बेटी ने छोड़ा म्यूजिक, कारोबार पर करना चाहती हैं फोकस

ईशा अंबानी की ज्‍वैलरी ने खींचा सभी का ध्‍यान 
नेचर की थीम पर बनाए गए इस साड़ी गाउन के लिए ज्‍वैलरी को भी नेचर की थीम पर तैयार किया गया था. इसमें कमल के फूल की थीम पर बनाए गए हाथ के कंगन, तोते की थीम पर बनी कान की बालियां और फूल चोकर जैसी चीजें शामिल थी. ईशा अंबानी ने भारतीय संस्‍कृति पर आधारित एक क्‍लच भी पहना हुआ था, जिसकी सभी ओर चर्चा हो रही है. इस साल चौथी बार है जब ईशा अंबानी मेट गाला इवेंट में शामिल हुई हैं. वो 2017 में सबसे पहली बार इसमें शामिल हुई थी. उसके बाद 2019 और फिर 2023 में वो इस अंतराष्‍ट्रीय इवेंट में शामिल हो चुकी हैं. 

आलिया भट्ट सहित कई नामी सितारों की भी है चर्चा 
मेट गाला 2024 में इस बार ईशा अंबानी की ड्रेस के साथ आलिया भट्ट की ड्रेस की चर्चा हो रही है. आलिया की ड्रेस को सब्‍यसाची मुखर्जी ने तैयार किया है. उन्‍होंने इस ड्रेस में सूक्ष्‍म शिल्‍प कौशल, हाथ की कढ़ाई, कीमती पत्‍थर और झालरों का इस्‍तेमाल किया है. ये सभी 1920 के दशक की शैली है जिसका इस्‍तेमाल ड्रेस में किया गया है. आलिया ने अपनी ड्रेस की मेकिंग के बारे में बताया कि उसे बनाने में 1905 घंटे ( 2 महीने 20 दिन ) और 163 कारीगरों की जी तोड़ मेहनत शामिल है.  


 


Elon Musk के भारत आने की खबर से ही चढ़ गए थे जिन कंपनियों के शेयर, अब क्या है उनका हाल?

भारत की कई कंपनियां हैं जो एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला से किसी न किसी रूप में जुड़ी हुई हैं.

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) पिछले महीने भारत आने वाले थे. उनकी इस यात्रा में टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर बड़ी घोषणाएं होनी थीं. माना जा रहा था कि मस्क यह भी स्पष्ट कर सकते हैं कि टेस्ला का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट किस राज्य में लगाया जाएगा. संभावित राज्यों की लिस्ट में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान शामिल हैं. हालांकि, मस्क ने ऐन मौके पर अपनी 21-22 अप्रैल की भारत यात्रा को टाल दिया.

क्या पड़ोसी चीन है इसकी वजह?
एलन मस्क की तरफ से कहा गया है कि वह इस साल के अंत तक भारत आने की कोशिश करेंगे, लेकिन इसकी संभावनाएं अब कम ही नजर आ रही हैं. टेस्ला की भारत में एंट्री पर भी फिलहाल शंका के बदल मंडराने लगे हैं. मोदी सरकार ने नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति पेश करके टेस्ला की राह आसान कर दी थी, इसके बावजूद मस्क का भारत से दूरी बना लेना किसी की समझ नहीं आ रहा है. चीन ने मस्क के भारत दौरे से ठीक पहले ग्लोबल टाइम्स के माध्यम से जो दुष्प्रचार किया था, वो भी टेस्ला की भारत में एंट्री टलने की एक वजह हो सकती है. 

इनका है टेस्ला से कोई न कोई नाता
टेस्ला का भारत आना जहां हमारे EV ईको-सिस्टम और अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा है. वहीं, इससे उन कंपनियों को भी बूस्ट मिल सकता है, जो टेस्ला की सप्लायर हैं. एलन मस्क की भारत यात्रा की खबर से ही इन कंपनियों के शेयरों में उछाल आना शुरू हो गया था. सोना BLW प्रिसिजन फोर्जिंग्स, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, समवर्धन मदरसन इंटरनेशनल, सुप्रजीत इंजीनियरिंग, वैरोक इंजीनियरिंग और बॉश लिमिटेड भारत में Tesla की आपूर्तिकर्ता कंपनियां हैं. इसके अलावा, गुडलक इंडिया, संधार टेक्नोलॉजीज और भारत फोर्ज भी टेस्ला की कंपोनेंट सप्लायर है. 

इतना टूट गया Sona Blw का शेयर
माना जा रहा था कि मस्क के टेस्ला को लेकर घोषणा के बाद उससे किसी न किसी रूप में जुड़ीं लिस्टेड कंपनियों के शेयर तूफानी तेजी से दौड़ सकते हैं, लेकिन टेस्ला चीफ का दौरा रद्द होने से तूफानी तेजी की उम्मीद भी टूट गई. Varroc Engineering के शेयर उस समय बढ़त के साथ 512 रुपए के भाव से ऊपर ट्रेड कर रहे थे, लेकिन पिछले करीब 15 दिनों इसे इसमें नरमी का रुख है. बीते 5 कारोबारी दिनों में यह शेयर 3.26% टूट चुका है. मस्क की यात्रा की खबर के बाद Sona Blw Precision Forgings का शेयर बढ़त के साथ 676.50 रुपए पर पहुंच गया था. आज यह 605.05 रुपए के भाव पर उपलब्ध है. पिछले पांच सत्रों में ही इस शेयर ने 4.45% का नुकसान उठाया है. 

इनमें भी देखने को मिली है सुस्ती
Samvardhana Motherson International के शेयर का मौजूदा हाल देखकर लगता है कि ये शेयर वहीं का वहीं खड़ा है. 21-22 अप्रैल से पहले कंपनी का शेयर 3.35% चढ़कर 124.85 रुपए पर पहुंच गया था और आज इसकी कीमत 124.25 रुपए है. पिछले 5 दिनों में ही ये करीब 6 प्रतिशत की डुबकी लगा चुका है. Suprajit Engineering के शेयरों में 15 दिनों से ज्यादा से नरमी देखने को मिल रही है. बीते 5 सत्रों में ये शेयर 1.63% और एक महीने में 3.49% कमजोर हो चुका है. आज इस शेयर की कीमत 415.60 रुपए है, जबकि 22 अप्रैल को 425.40 रुपए थी. इसी तरह, बॉश लिमिटेड, Sandhar Technologies और Bharat Forge के शेयरों में भी कमजोरी आई है. संधार का शेयर बीते एक महीने में 5.89% और Bosch Ltd का 5.83% गिर चुका है.

फायदे की आस में चढ़े थे शेयर
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर टेस्ला भारत में प्लांट लगाती है, तो इन कंपनियों को सीधे तौर पर फायदा होगा. उन्हें टेस्ला से अभी की तुलना में ज्यादा ऑर्डर मिलेंगे. यानी उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी और इससे उनके शेयरों में उछाल आना लाजमी है. यही वजह रही कि जैसे ही मस्क की भारत यात्रा की खबर सामने आई इन कंपनियों के शेयरों में तेजी दिखाई दी और अब ये तेजी कुछ हद तक थम गई है. बता दें कि Sandhar Technologies ने टेस्ला के मॉडल 3 के लिए वाइपर सिस्टम एसेंबली के लिए 2 कंपोनेंट्स बनाए था. उसके बाद से कंपनी लगातार टेस्ला के साथ जुड़ी हुई है. इसी तरह, Varroc Engineering और टेस्ला का रिश्ता भी काफी पुराना है. कंपनी को टेस्ला ने पहला ऑर्डर 2017 में दिया था. वैरोक इंजीनियरिंग ने टेस्ला के कुछ मॉडल के लिए पूरा लाइटिंग सिस्टम उपलब्ध कराया था. 


इस बिजनेसमैन की बेटी ने छोड़ा म्यूजिक, कारोबार पर करना चाहती हैं फोकस

देश के एक बड़े बिजनेसमैन की बेटी ने अपने शौक को अलविदा कह दिया है. यह जानकारी उनकी बेटी ने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी है.

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

बड़े बिजनेसमैन और सेलिब्रिटी के बच्चों के शौक अपने पैरेंट्स से बिल्कुल अलग होते हैं. ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें बच्चों ने अपने पैरेंट्स के नक्शे कदम पर न चलकर अपनी अलग राह चुनी. इसी कड़ी में एक नाम है अनन्या बिरला का,  अनन्या बिरला म्यूजिक इंडस्ट्री में जाना पहचाना नाम हैं. उनके कई म्यूजिक एल्बम आ चुके हैं. अब उन्होंने इस इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया है. अनन्या बिड़ला ने अपने बिजनेस पर पूरा ध्यान लगाने के लिए संगीत से ब्रेक लेने की घोषणा की है, उन्होंने यह जानकारी एक इंस्टाग्राम पोस्ट के जरिए दी.

बिजनेस पर फोकस करना चाहती हैं अनन्या

अनन्या ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक लॉन्ग पोस्ट शेयर किया है. इसमें उन्होंने लिखा कि दोस्तों, यह सबसे मुश्किल फैसला रहा है. मैं एक ऐसे लेवल पर पहुंच गई हूं जहां मेरे बिजनेस और म्यूजिक के बीच बैलेंस बनाना लगभग नामुमकिन होता जा रहा है और यह मुझपर इस तरह से असर डाल रहा है कि मैं जाहिर नहीं कर सकती. आप सभी के प्यार के लिए शुक्रिया. अनन्या ने आगे लिखा कि पिछले कुछ सालों में मैंने जो म्यूजिक रिलीज किया है, मुझे उम्मीद है कि एक दिन हम अपने ही लोगों के बनाए गए इंग्लिश सॉन्ग की तारीफ कर पाएंगे क्योंकि हमारे अपने देश में बहुत टैलेंट है. फिर से थैंक्यू. अब समय आ गया है कि मैं अपनी सारी एनर्जी बिजनेस वर्ल्ड पर फोकस करूं.

पीएम मोदी ने डाला वोट, रिकॉर्ड मतदान की अपील, चुनाव आयोग को इस बात के लिए दी बधाई

इस बिजनेसमैन की बेटी हैं अनन्या

अनन्या बिरला देश के जाने-माने बिजनेसमैन कुमार मंगलम बिरला की बेटी हैं. अनन्या का म्यूजिक इंडस्ट्री से शौक किसी से छिपा नहीं है. अनन्या सिंगर हैं और उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में कई गाने गाए हैं. अनन्या ने फेमस सिंगर अरमान मलिक के साथ भी गाना गाया है. वह इस इंडस्ट्री में पिछले कई सालों से हैं. साथ ही वह फैशन इंडस्ट्री से भी जुड़ी रही हैं.

बिजनेस में रही है भागेदारी

ऐसा नहीं है म्यूजिक इंडस्ट्री में रहते हुए अनन्या बिजनेस पर ध्यान न देती हों. इस दौरान भी वह बिरला समूह के कामकाज को भी संभालती रही हैं. वह स्टार्टअप स्वतंत्र माइक्रोफिन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की फाउंडर हैं. उनकी इस कंपनी ने पिछले साल सचिन बंसल की कंपनी चैतन्य इंडिया का अधिग्रहण किया था. उन्होंने यह सौदा करीब 1500 करोड़ रुपये में किया था. अनन्या ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिकन स्कूल ऑफ बॉम्बे और सैईद बिजनेस स्कूल जैसे संस्थानों से पढ़ाई की है. 

कितनी है उनकी नेटवर्थ?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनन्या बिड़ला की कुल संपत्ति लगभग 13 बिलियन डॉलर आंकी गई है. यह भारतीय करेंसी में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. वह अपने व्यावसायिक उद्यमों से महत्वपूर्ण आय अर्जित करती हैं. अनन्या बिड़ला ने अपनी मुंबई के अमेरिकन स्कूल ऑफ बॉम्बे से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की थी. इसके बाद उन्होंने यूके में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से इकोनॉमी और मैनेजमेंट में ग्रेजुएशन किया. वे एक सिंगर और बिजनेसमैन के अलावा एक मेंटल हेल्थ एडवोकेट भी हैं.
 


सोने की चढ़ती कीमतों का आखिर क्या है China कनेक्शन, जानें पूरी कहानी 

चीन में सरकार से लेकर आम जनता तक लगातार सोना खरीदते जा रहे हैं. इस वजह से सोने की डिमांड बढ़ रही है.

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

सोने (Gold) की कीमतें नई ऊंचाई पर बनी हुई हैं. कल यानी छह मई को भी इसके दाम में इजाफा दर्ज हुआ. सोने की कीमत 71 हजार रुपए प्रति 10 ग्राम के पार पहुंच चुकी है. वहीं, चांदी का भाव 80 हजार रुपए प्रति किलो से अधिक चल रहा है. वैसे, तो सोने की कीमतों में उछाल के कई कारण होते हैं, लेकिन इसका एक कारण हमारा पड़ोसी चीन भी है. दरअसल, चीन की सरकार से लेकर आम जनता तक ऐसे सोना खरीद रहे हैं, जैसे ये पीली धातु धरती से खत्म होने वाली है. चीन में लगातार बढ़ रही डिमांड के चलते सोने की कीमतों में तेजी आ रही है.    

रियल एस्टेट के बुरे हाल 
चीन इन दिनों बुरे दौर से गुजर रहा है. रियल एस्टेट से लेकर शेयर मार्केट तक में उसकी स्थिति खराब है. इसलिए चीन ने अब पूरा फोकस सोना खरीदने पर लगा दिया है. न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में सोने की कीमत 2400 डॉलर प्रति औंस के हाई पर पहुंचने के पीछे चाइना कनेक्शन की बात कही गई है. इसमें कहा गया है कि सोने की वैश्विक कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, क्योंकि चीनी निवेशक और उपभोक्ता रिकॉर्ड तेजी के साथ सोने में निवेश कर रहे हैं. चीन के गोल्ड रिजर्व (China Gold Reserve) में लगातार 17वें महीने में बढ़ोतरी हुई है.  

इसलिए लगा रहे दांव
Gold Market में पहले से ही चीन का दबदबा है और अब उसने अपने सोने के भंडार में लगातार वृद्धि करना शुरू कर दिया है. पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने लगातार 17वें महीने अपने गोल्ड रिजर्व में बढ़ोतरी की है. चाइना गोल्ड एसोसिएशन का कहना है कि चीन में सोने की खपत पहली तिमाही में 6 फीसदी बढ़ी है. दरअसल, सोने को निवेश का सुरक्षित विकल्प माना जाता है. इसलिए चीन के लोग रियल एस्टेट और शेयर बाजार के बजाए सोने में पैसा लगा रहे हैं. क्योंकि उन्हें पता है कि सोने में लगा पैसा उन्हें कुछ न कुछ रिटर्न देकर ही जाएगा.

सोना सबसे अच्छा विकल्प
अक्सर जब भी वैश्विक तौर पर उथल-पुथल होती है, सोने के दाम बढ़ जाते हैं. जैसा कि इजरायल-ईरान संघर्ष के दौरान देखने को मिला था. अमेरिकी फर्म स्पार्टन कैपिटल सिक्योरिटीज के चीफ मार्केट इकोनॉमिस्ट पीटर कार्डिलो ने इजरायल-हमास युद्ध के समय कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उथल-पुथल के दौरान इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो की सुरक्षा के लिए सोना अच्छा विकल्प है. तब से अब तक सोने के भाव काफी बढ़ चुके हैं. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यदि इजरायल और ईरान के बीच स्थिति ज्यादा खराब हो जाती तो सोना और भी महंगा हो सकता था.

कौन तय करता है Gold Price?
जब सोने की बात निकली है, तो यह भी जान लेते हैं कि इसकी कीमत कैसे तय होती है. दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा सोने की कीमत तय की जाती है. वह यूएस डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है. यह कीमत बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए एक वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है. भारत में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य लागू टैक्स को जोड़कर यह तय करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा.

Bharat यहां से करता है इम्पोर्ट
भारत के लिए स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है. यहां से हमारे कुल गोल्ड आयात की हिस्सेदारी करीब 41 प्रतिशत है. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात से भारत लगभग 13 फीसदी और दक्षिण अफ्रीका से करीब 10 प्रतिशत सोना आयात करता है. भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Gold कंज्यूमर है. देश में सोने का आयात मुख्य रूप से ज्वैलरी इंडस्ट्री की मांग पूरी करने के लिए किया जाता है. देश के कुल आयात में सोने की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से ज्यादा की है.


लोकसभा चुनाव की वोटिंग के बीच आज कौनसे शेयर करा सकते हैं मुनाफा?

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की वोटिंग आज हो रही है. 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 93 सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं.

Last Modified:
Tuesday, 07 May, 2024
BWHindia

शेयर बाजार (Stock Market) कल उतार-चढ़ाव के साथ कारोबार करता नजर आया. इस दौरान, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सेंसेक्स 17.39 अंकों की मामूली बढ़त के साथ 73,895.54 पर बंद हुआ. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 33.15 अंक फिसलकर 22,442.70 पर आ गया. सेंसेक्स की कंपनियों में कोटक महिंद्रा बैंक के शेयरों ने 5% की बढ़त हासिल की. RBI की कार्रवाई के बाद यह पहली बार है जब बैंक का शेयर इतनी तेजी से आगे बढ़ा. इसी तरह, TCS, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, सन फार्मा और इंडसइंड बैंक के शेयरों में भी बढ़त दर्ज हुई. PSU बैंकों के शेयर जरूर कल गिरावट के साथ कारोबार करते दिखाई दिए. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.  

इनमें आ सकती है तेजी 
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए APL Apollo Tubes, Radico Khaitan, Fortis Healthcare, Zydus Lifesciences और Triveni Turbine पर तेजी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों के भाव आज उछल सकते हैं और दांव लगाकर आपके लिए मुनाफा कमाने की गुंजाइश भी बन सकती है. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श ज़रूर कर लें, अन्यथा नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ें - सोने की चढ़ती कीमतों का आखिर क्या है China कनेक्शन, जानें पूरी कहानी 

इन पर भी रखें नजर
MACD ने DOMS Industries के साथ ही आज Info Edge (India), Craftsman Automation, Blue Star, Aavas Financiers और Safari Industries में मंदी के संकेत दिए हैं. यानी कि इन शेयरों में आज गिरावट देखने को मिल सकती है. लिहाजा इनमें निवेश को लेकर सावधान रहें. अब बात करते हैं उन शेयरों की जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में Godrej Properties, Rainbow Children's Medicare, Prestige Estate, Brigade Enterprises, Asahi India Glass, Sterling and Wilson Renewable और Supreme Industries का नाम शामिल है. जबकि Zee Entertainment Enterprises के शेयर में बिकवाली का दबाव दिखाई दे रहा है.

(डिस्क्लेमर: शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है. 'BW हिंदी' इसकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. सोच-समझकर, अपने विवेक के आधार पर और किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से सलाह के बाद ही निवेश करें, अन्यथा आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है).