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छंटनी के फेर में फंसी Amazon ने दिया ऐसा तर्क, किसी को हजम नहीं होगा
केंद्रीय श्रम मंत्रालय के नोटिस का अमेजन इंडिया ने जवाब दिया है. इसमें कंपनी ने कहा है कि उसने किसी को जबरन नहीं निकाला.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
भारत में कर्मचारियों को नौकरी से निकालने को लेकर बुरी फंसी Amazon ने केंद्रीय श्रम मंत्रालय द्वारा के समन का जवाब दिया है. हालांकि, इस जवाब में उसने जो तर्क दिया है, वो शायद ही किसी को हजम हो. अमेजन का कहना है कि उसने किसी कर्मचारी को जबरन बर्खास्त नहीं किया, बल्कि कर्मचारी अपनी मर्जी से इस्तीफा दे रहे हैं. बता दें कि पुणे की एक कर्मचारी यूनियन की याचिका पर केंद्र सरकार के श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने Amazon से जवाब तलब किया था.
NITES ने लगाई है गुहार
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, श्रम मंत्रालय के नोटिस पर अमेजन इंडिया के एक सीनियर अधिकारी ने कंपनी का पक्ष रखते हुए कहा कि किसी को जबरन नौकरी से नहीं निकाला गया है. कर्मचारी अपनी इच्छा से इस्तीफे दे रहे हैं. नेसेंट इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉयीज सीनेट (NITES) यूनियन ने अपनी याचिका में कहा है कि अमेजन ने कर्मचारियों की छंटनी के मामले में नियमों का पालन नहीं किया है. वह श्रम कानून तोड़कर कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है.
30 नंबर तक करना है रिजाइन
दुनिया की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने 10000 कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान किया था. इसके बाद खबर आई थी कि कंपनी भारत में भी बड़े पैमाने पर कर्मचारियों की छुट्टी करने वाली है. उसने स्टाफ से 30 नवंबर तक रिजाइन करने और इसके बदले में पहले से निर्धारित रकम लेने को कहा है. इसके बाद NITES ने केन्द्रीय श्रम मंत्रालय को पूरे मामले से अवगत कराते हुए कहा कि चूंकि कंपनी के इस फैसले से कई लोगों का जीवन प्रभावित हुआ है, इसलिए यह कदम जांच के दायरे में होना चाहिए.
अगले साल तक चलेगा दौर
हाल ही में Amazon के सीईओ एंडी जस्सी ने कहा था कि कंपनी 2023 तक कर्मचारियों को नौकरी से निकालेगी. उन्होंने कहा था कि अमेज़नका सालाना प्लानिंग प्रोसेस के अगले साल तक जारी रहेगा और तब तक छंटनी चलती रह सकती है. शीर्ष नेतृत्व विभिन्न स्तर पर छंटनी के लिए कार्यबल का विश्लेषण करेगा. जस्सी के अनुसार, पिछले कई वर्षों के दौरान हमने तेजी से हायरिंग की है. जबकि इस साल का रिव्यू कठिन है, क्योंकि अर्थव्यवस्था की हालात बेहद चुनौतीपूर्ण बनी हुई है. प्रभावित कर्मचारियों को 2023 की शुरुआत में फैसले से अवगत करा दिया जाएगा.
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