विवादों में घिरे इस Port का Adani Group ने किया सौदा, इतने में हुई डील 

अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड ने पिछले साल अपने म्यांमार पोर्ट की बिक्री के लिए एक शेयर खरीद समझौते (SPA) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की थी.

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Thursday, 04 May, 2023
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अडानी ग्रुप (Adani Group) की प्रमुख कंपनी अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (Adani Ports and Special Economic Zone Ltd - APSEZ) ने म्यांमार पोर्ट ( Myanmar Port) बेचने की डील पूरी कर ली है. कंपनी ने कुल 30 मिलियन डॉलर में इस पोर्ट का सौदा किया है. कंपनी पिछले कुछ समय से म्यांमार पोर्ट से निकलने की योजना बना रही थी, लेकिन किसी न किसी वजह से डील परवान नहीं चढ़ पाई, अब सबकुछ कंपनी की योजना के अनुरूप हो रहा है.

पिछले साल की थी घोषणा
मई 2022 में, APSEZ ने अपने म्यांमार पोर्ट की बिक्री के लिए एक शेयर खरीद समझौते (SPA) पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की थी. इस एग्रीमेंट में ये शर्त थी कि प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा और खरीदार को कारोबार में करने में कोई दिक्कत ना हो उसके लिए सभी जरूरी मंजूरी ले ली जाएंगी. हालांकि, मंजूरी प्रक्रिया में देरी हो रही थी और शर्तों को पूरा करने में भी चुनौतियों को सामना करना पड़ा रहा था. इसे ध्यान में रखते हुए अडानी पोर्ट्स ने जिस हालत में पोर्ट है उसका स्वतंत्र वैल्यूएशन हासिल किया. इस प्रकार खरीदार और विक्रेता नए सिरे से मोलभाव करने के बाद 30 मिलियन डॉलर में डील फाइनल करने पर सहमत हुए हैं. 

Karan Adani ने कही ये बात
विक्रेता द्वारा सभी आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने के बाद 3 व्यावसायिक दिनों के भीतर विक्रेता को निर्धारित राशि का भुगतान किया जाएगा. पूरी राशि प्राप्त होने के बाद, APSEZ खरीदार को इक्विटी हस्तांतरित करेगी और इस तरह वह इस पोर्ट से पूरी तरह बाहर निकल आएगी. APSEZ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पूर्णकालिक निदेशक Karan Adani ने कहा कि म्यांमार पोर्ट से बाहर निकलने का फैसला अक्टूबर 2021 में जोखिम समिति द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर APSEZ बोर्ड द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन के अनुरूप है. 

विवादों में घिर गया था प्रोजेक्ट
अडानी ग्रुप का यह प्रोजेक्ट तब विवादों में आ गया था, जब Karan Adani के जुलाई 2019 में म्यांमार के सेना प्रमुख सीनियर जनरल Min Aung Hlaing से मुलाकात की खबर सामने आई थी. Hlaing ने ही निर्वाचित सरकार के खिलाफ तख्तापलट का नेतृत्व किया था. वहीं, स्टॉक मार्केट में अडानी पोर्ट के प्रदर्शन की बात करें, तो खबर लिखे जाने तक यह करीब एक फीसदी की तेजी के साथ 675.45 रुपए पर ट्रेड कर रहा था. पिछले 5 दिनों में इसने 1.65% और एक महीने में 6.07% का रिटर्न दिया है.


खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही हैं Byju’s की समस्‍या, अब इस कंपनी ने दायर की याचिका 

कंपनी के लिए संकट का दौर सिर्फ एक फ्रंट पर नहीं है बल्कि कर्मचारियों की सैलरी से लेकर लगातार दायर होती दिवालिया याचिकाएं उसकी सबसे बड़ी समस्‍या हैं. 

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Thursday, 02 May, 2024
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Byju’s की समस्‍याओं का फिलहाल अंत होता नहीं दिख रहा है. अब तक कई कंपनियों की दिवालिया याचिका के बाद कंपनी के खिलाफ अब चीनी इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स कंपनी ओप्‍पो (OPPO) ने NCLT में याचिका दायर कर दी है. OPPO ने दिवालिया याचिका पर नोटिस जारी किया है. गर्मियों की छुटिटयों के कारण कोर्ट के बंद होने के चलते अब इस पर मई के आखिर सप्‍ताह में सुनवाई होने की उम्‍मीद है. 

आखिर क्‍या है ये पूरा मामला? 
दरअसल Byju’s के खिलाफ ओप्‍पो (OPPO) से पहले कई कंपनियां अपने कर्ज को लेकर एनसीएलटी में घसीट चुकी हैं. जिन कंपनियों ने Byju’s के खिलाफ एनसीएलटी (नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्‍यूनल) में याचिका दायर की है उनमें बीसीसीआई, टर्म बी लोन प्रोवाइडर, फ्रांस स्थित टर्म लोन बी प्रोवाइडर और आईटी सर्विसेज देने वाली सर्फर शामिल है. अब इस कड़ी में ओप्‍पो का नाम भी शामिल हो गया है. यही नहीं टाइगर ग्‍लोबल, आउल वेंचर्स, सहित कई अन्‍य कंपनियां हैं जिन्‍होंने एनसीएलटी में Bayju’s के खिलाफ याचिका दी है. 

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कंपनी के खिलाफ 6 ऑपरेशनल क्रेडिटर्स ने दायर की है याचिका 
Byju’s के खिलाफ 6 ऑपरेशनल क्रेडिटर्स और एक फाइनेंशियल क्रेडिटर्स ने याचिका दायर की है. ऑपरेशनल क्रेडिटर्स वो होते हैं जो किसी भी कंपनी को कोई सर्विस मुहैया कराते हैं जबकि फाइनेंशियल क्रेडिटर्स वो होते हैं जो किसी भी कंपनी को कर्ज मुहैया कराते हैं. Byju’s के खिलाफ दिवालिया याचिका दायर करने वालों में ऑपरेशनल क्रेडिटर्स ज्‍यादा हैं. हालांकि ओप्‍पो की ओर से अपने कर्ज को लेकर किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है. 

कई तरह की परेशानियों से जूझ रही है कंपनी 
Byju’s की परेशानियां खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही हैं. सबसे बड़ी समस्‍या यही नहीं हैं कि उसके कर्जदार उसके खिलाफ दिवालिया याचिका दायर कर रहे हैं. बल्कि कंपनी को अपने कर्मचारियों के स्‍तर पर भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जहां अब तक कई कर्मचारियों को निकाला जा चुका है वहीं दूसरी ओर जो लोग काम कर रहे हैं उनकी सैलरी को लेकर भी कंपनी को संकट का सामना करना पड़ रहा है. 


देश और विदेश में निवेश करेगा Jindal Stainless, कंपनी ने बनाया फ्यूचर प्लान

Jindal Stainless ने रणीतिक निवेश और क्षमता विस्तार के लिए 3 बड़े एलान किए है. कंपनी ने इंडोनेशिया की एक कंपनी के साथ भी जॉइंट वेंचर का एलान किया है.

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Thursday, 02 May, 2024
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देश की बड़ी स्टील मैन्युफैक्चरिंग कंपनी Jindal Stainless ने आज बड़े स्तर पर विस्तार और अधिग्रहण योजना का एलान किया. कंपनी ने यह एलान मेल्टिंग और डाउनस्ट्रीम क्षमता को बढ़ावा देने के लिए किया है. इसे योजना के लागू करने के बाद ये कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है. Jindal Stainless ने इसके लिए इंडोनेशिया की स्टेनलेस स्टील मेल्ट शॉप (SMS) के साथ जॉइंट वेंचर का एलान किया है. दोनों कंपनियों की इस JV का कुल प्रोडक्शन सालाना स्तर पर करीब 12 लाख टन (MTPA) होगा. इसके बाद कंपनी नेट मेल्टिंग क्षमता 40% बढ़कर 42 लाख तक पहुंचा जाएगा. इसके लिए करीब ₹700 करोड़ का निवेश होगा.

इंफ्रा फैसिलिटी में भी करेगी विस्तार 

इसके साथ ही कंपनी ने जयपुर, ओडिशा में डाउनस्ट्रीम लाइन के विस्तार के लिए ₹1,900 करोड़ का निवेश करेगी ताकि मेल्टिंग क्षमता के प्रोसेस को बढ़ाया जा सके. साथ ही कंपनी रेलवे साइडिंग, स्टेनेबिलिटी प्रोजेक्ट्स और रिन्युएबल एनर्जी जेनरेशन जैसी इंफ्रास्ट्रक्चरल फैसिलिटी से जुड़े काम पर ₹1,450 करोड़ खर्च करेगी.

इस कंपनी में 54% हिस्सा खरीदेगी

कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में यह भी बताया कि वो Chromeni Steels (CSPL) में 54% हिस्सा का अधिग्रहण करेगी, जिसके पास गुजरात के मुंद्रा में 0.6 MTPA कोल्ड रोलिंग मिल है. इस लेनदेन में ₹1,340 करोड़ का निवेश होगा, जिसमें मौजूदा समय का ₹1,295 करोड़ के कर्ज का टेकओवर है. इक्विटी पर्चेज भी ₹45 करोड़ भी शामिल है.

कंपनी ने विकास योजना की तैयार

Jindal Stainless के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर से मंजूरी प्राप्त ऐतिहासिक फैसलों को लेकर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए Jindal Stainless के मैनेजिंग डायरेक्टर अभ्युदय जिंदल ने कहा कि इन अधिग्रहणों और निवेशों के साथ हमने अग्रणी कंपनियों में शुमार होने के लिए एक स्पष्ट विकास योजना तैयार की है. इंडोनेशियाई जेवी (JV) संयुक्त उद्यम से हमें सर्वोतम गति और कच्चे माल की सुरक्षा मिलेगी. जाजपुर लाइनों के विस्तार से घरेलू व विदेशी ग्राहकों को बेहतर मूल्य मिलेगा. क्रोमेनी की कोल्ड रोलिंग मिल से भारत के साथ विदेश में भी हमारी पहुंच बढ़ेगी. लॉन्ग टर्म वैल्यू एडेड सेगमेंट में हमारी उपस्थिति मजबूत होगी. 

इंडोनेश‍िया में न‍िवेश जल्‍द

इस अवसर पर सीईओ और होल टाइम डायरेक्टर तरुण खुल्बे ने कहा कि इंडोनेशिया में अपस्ट्रीम सुविधाओं में निवेश जल्द होगा. इसकी साइट पर मौजूदा औ‌द्योगिकी पार्क सुविधाओं को देखते हुए अगले 24 महीने में संचालन शुरू होने की उम्मीद की जा सकती है. लॉजिस्टिक्स और ऊर्जा लागत इंडोनेशिया को ऐसे निवेश के लिए और अधिक अनुकूल बनाती है. इसके अलावा, इंडोनेशिया सरकार ने निकेल धातु के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है. वह लॉन्ग टर्म टैक्स छूटों के माध्यम से डाउनस्ट्रीम सुविधाओं में निवेश को बढ़ावा दे रही है. क्रोमेनी का अधिग्रहण हमारे अलग-अलग उत्पादों में कोल्ड रोल उत्पादों को विस्तार देने की हमारी रणनीति के अनुरूप है.

इसके साथ ही इस बारे में एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और ग्रुप सीएफओ अनुराग मंत्री ने कहा कि यह निवेश विशेष रूप से हमारी डाउनस्ट्रीम कोल्ड रोल्ड क्षमताओं को संतुलित करने में योगदान देकर इन्हें वैश्विक मानकों के करीब ले जाएगा. इंडोनेशिया में उत्पादन का वैकल्पिक मार्ग खुलने से कच्चे माल को लेकर जोखिम में कमी आएगी. हम इन निवेशों को आंतरिक संसाधनों और ऋण के संयोजन के माध्यम से वित्तपोषित करेंगे और लीवरेज अनुपात पर नजर रखेंगे.
 


ये है दुनिया का सबसे अमीर कैदी, दौलत इनती की गिनती भूल जाएंगे आप

क्या आप जानते हैं दुनिया का सबसे अमीर कैदी कौन है? अगर नहीं आइए आज हम आपको बताते हैं उस अमीर कैदी के बारे में और कितनी उसके पास दौलत है.

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Thursday, 02 May, 2024
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क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बाईनेंस (Binance) के पूर्व सीईओ चेंगपेंग झाओ को चार महीने की कैद हो गई. दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के फाउंडर चेंगपेंग को पिछले साल अमेरिकी एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग और सैंक्शंस से जुड़े कानूनों के उल्लंघन के लिए दोषी ठहराया गया था. अब इस मामले में उन्हें चार महीने की कैद हुई है तो वह न सिर्फ अमेरिका के बल्कि दुनिया के सबसे अमीर कैदी हो गए हैं. एफटीएक्स (FTX) के सैम बैंकमन-फ्रायड (Sam Bankman-Fried) के बाद जेल जाने वाले किसी क्रिप्टो एक्सचेंज के दूसरे अहम मालिक हैं. 

कई मामलों में हैं आरोपी

Binance के संस्थापक चांगपेंग झाओ पर साइबर क्रिमिनल्स, टेररिस्ट ग्रुप्स और चाइल्ड एब्यूजर्स को अपने प्लेटफॉर्म से ट्रेड करने की इजाजत देने जैसे कई अन्य आरोप भी हैं. बता दें कि अमेरिकी कोर्ट के जज रिचर्ड जोन्स ने यह सजा सुनाई है सजा सुनाए जाने से पहले कोर्ट में झाओ ने कहा कि मैं यहां विफल रहा, मुझे अपनी नाकामी पर गहरा अफसोस और इस बात का खेद है. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि झाओ ने जानबूझकर बाल यौन शोषण, अवैध नशीली दवाओं के व्यापार और आतंकवाद का समर्थन करने वाले लोगों को अपने प्लेफार्म से व्यापार करने की अनुमति दी.

कितनी दौलत के मालिक हैं चैंगपेंग झाओ

चैंगपेंग झाओ दुनिया के सबसे अमीर कैदी के रूप में दर्ज हो चुके हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक सजा के बावजूद उनके पास अभी भी 4300 करोड़ डॉलर (3.6 लाख करोड़ रुपये) की दौलत है. खास बात ये है कि क्रिप्टो मार्केट में तेजी आती है तो चेंगपेंग की दौलत और बढ़ेगी यानी कि वह और अमीर होते जाएंगे. 47 वर्षीय चेंगपेंग ने पिछले साल बाईनेंस के सीईओ का पद छोड़ दिया था. हालांकि कंपनी पर उनका प्रभाव बना हुआ है. बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स में उनके करीबी दोस्तों का वर्चस्व है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक बाईनेंस में उनकी करीब 90% हिस्सेदारी भी बरकरार है.

तीन साल की सजा की उठाई गई थी मांग

सिएटल में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट जज रिचर्ड जोन्स ने चेंगपेंग झाओ को चार महीने की कैद सुनाई है. अभियोजकों (प्रॉसिक्यूटर्स) ने तीन साल के सजा की मांग की थी. इसके अलावा चेंगपेंग की कैद फेडरल गाइडलाइंस के मुताबिक एक से डेढ़ साल की सजा से भी काफी कम है. वहीं दिवालिया हो चुकी FTX के ग्राहकों के 800 करोड़ डॉलर चुराने के मामले में मार्च में सैम-बैंकमन- फ्रायड को 25 साल की सजा हुई थी. सैम अपने ऊपर लगे आरोपों और सजा के खिलाफ अपील कर रहे हैं. 

2017 में की थी बाइनेंस की शुरुआत

चांगपेंग झाओ ने बाइनेंस की शुरुआत 2017 में की थी. यह दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्‍टोकरेंसी एक्‍सचेंज है. बाइनेंस की स्‍थापना के बाद झाओ ने कई क्रिप्‍टोएक्‍सचेंज का अधिग्रहण किया. अब वे सब इसके इकोसिस्टम का हिस्‍सा है. इसके अलावा बायनेंस के पास खुद की क्रिप्टोकरेंसी, कई क्रिप्टो वॉलेट और नई क्रिप्टोकरेंसी को लॉन्च करने वाला एक लॉन्चपैड भी है.
 


दौलत के पहाड़ पर बैठे हैं Google के इंडियन बॉस, Pichai की संपत्ति जान पैरों तले खिसक जाएगी जमीन  

गूगल के शेयरों के भारी उछाल ने सुंदर पिचाई को दुनिया के सबसे ज्यादा कमाई वाले सीईओ की लिस्ट में शामिल कर दिया है.

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Thursday, 02 May, 2024
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गूगल के इंडियन बॉस सुंदर पिचाई (Google Boss Sundar Pichai) ने अपने टैलेंट का ऐसा जलवा बिखेरा है कि कंपनी सफलता की नई ऊंचाई पर पहुंच गई है. पिचाई के कार्यकाल में गूगल के शेयरों में 400 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज हुई है. कंपनी की आर्थिक सेहत भी पहले से बेहतर हुई है. जाहिर है, इसका फायदा सुंदर पिचाई को भी हुआ है. उनकी दौलत का पहाड़ अब और भी ज्यादा ऊंचा हो गया है. पिचाई दुनिया के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले सीईओ में शुमार हैं. 

AI को दिया है बढ़ावा 
पिचाई ने गूगल में AI को बढ़ावा दिया है, जिसकी वजह से कंपनी की आर्थिक ग्रोथ तेज हो गई है. निवेशक कंपनी पर पहले से ज्यादा विश्वास करने लगे हैं. सुंदर पिचाई अगस्त 2015 में गूगल के सीईओ बने थे. तब से अब तक कंपनी के शेयरों में 400 फीसदी से अधिक उछाल आ गया है. Google का शेयर एसएंडपी 500 और नैस्डैक से बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है. शेयरों के भारी उछाल ने सुंदर पिचाई को दुनिया के सबसे ज्यादा कमाई करने वाले सीईओ की लिस्ट में शामिल कर दिया है. उनकी संपत्ति लगभग एक अरब डॉलर हो गई है.  

पिचाई के पास इतने शेयर
पिचाई की कुल संपत्ति में मौजूदा शेयरों का मूल्य 424 मिलियन डॉलर है. उन्होंने CEO बनने के बाद जो शेयर बेचे थे उनका मूल्य लगभग 600 मिलियन डॉलर था. माना जाता है कि बेचे गए शेयरों पर टैक्स चुकाने के बाद उन्हें फिर से शेयर बाजार में निवेश कर दिया गया. पिचाई के CEO बनने के बाद से Google के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में लगातार विस्तार हुआ है. इसमें Google Assistant, Google Home, Google Pixel और Google Workspace शामिल हैं. सुंदर AI को अपनाने वालों में सबसे आगे रहे हैं, जिसका फायदा कंपनी को मिला है. हालांकि, उनके AI प्रोजेक्ट की आलोचना भी हुई है और OpenAI के साथ प्रतिस्पर्धा करने की उनकी काबिलियत पर सवाल भी उठे हैं. लेकिन पिछले हफ्ते की कमाई ने संकेत दिया कि कंपनी को AI में किए गए निवेश का अब फायदा मिलना शुरू हो गया है.

आलीशान घर के मालिक 
भारतीय मूल के सुंदर पिचाई का वास्तविक नाम सुंदरराजन है. तमिलनाडु के मदुरै में 1972 में जन्मे पिचाई चेन्नई में पले-बढ़े. उनकी मां लक्ष्मी एक स्टेनोग्राफर और पिता रघुनाथ पिचाई इलेक्ट्रिकल इंजीनियर थे. उनका परिवार एक छोटे से दो कमरों वाले अपार्टमेंट में रहता था. उनके पास टेलीविजन या कार जैसी सुविधाएं नहीं थीं. कभी-कभी उनके घर में पानी भी नहीं होता था. आज उनके पास दौलत की कोई कमी नहीं है. वह कैलिफोर्निया के लॉस अल्टोस में सांता क्लारा की पहाड़ी पर स्थित आलीशान घर में रहते हैं. करीब 31.17 एकड़ में फैले इस घर का शानदार इंटीरियर सभी को आकर्षित करता है. घर का इंटीरियर उनकी पत्नी अंजलि पिचाई द्वारा डिजाइन किया गया था. एक अनुमान के मुताबिक, पिचाई के घर की कीमत 40 मिलियन डॉलर के आसपास है.

लग्जरी कारों का कलेक्शन
सुंदर पिचाई के पास कई लग्जरी कारें हैं. इसमें Mercedes-Maybach S650 भी शामिल है, जिसकी कीमत 3.21 करोड़ है. इसके अलावा उनकी कारों के कलेक्शन में पोर्श, बीएमडब्ल्यू और रेंज रोवर भी शामिल हैं. बता दें कि IIT खड़गपुर में इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, सुंदर पिचाई को अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय से स्कॉलरशिप मिली थी. उन्होंने पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के व्हार्टन स्कूल से MBA किया है. मैककिन्से में सलाहकार के रूप में काम करने के बाद 2004 में पिचाई प्रोडक्ट मैनेजर के रूप में Google से जुड़े और यहां से उनकी जिंदगी बदलती चली गई. अपने इस प्रोफाइल में उन्होंने Google टूलबार और Google Chrome के लिए काम किया था.

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फ्रांस के इस बैंकिंग समूह ने बताया Bharat के लिए क्यों जरूरी है Modi 3.0 

देश इस समय लोकसभा चुनाव से गुजर रहा है. 7 चरणों के इस चुनाव के 2 चरण हो चुके हैं. इसके नतीजे 4 जून को आएंगे.

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Thursday, 02 May, 2024
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मोदी सरकार (Modi Govt) की वापसी यानी Modi 3.0 की आस केवल बीजेपी या उसके समर्थकों को ही नहीं है, बल्कि तमाम एक्सपर्ट्स और वैश्विक संस्थाएं मानते हैं कि भारत के आर्थिक विकास के लिए मोदी का सत्ता में लौटना जरूरी है. उन्हें लगता है कि आर्थिक सुधारों की दिशा में मोदी सरकार ने अब तक जो काम किए हैं, उन्हें गति देने के लिए उनका सत्ता में लौटना जरूरी है. 

इस तरह मिलेगा फायदा
मोदी सरकार भारत को मैन्युफैक्चरिंग बनाने की दिशा में काम कर रही है. विदेशी कंपनियों को लुभाने के साथ ही सरकार स्थानीय कंपनियों के हितों का भी ख्याल रख रही है और उसमें उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI Scheme) योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. तमाम निवेशकों को लगता है कि इस योजना को और बेहतर ढंग से क्रियान्वित करने के लिए मोदी को तीसरा कार्यकाल मिलना चाहिए. फ्रांस के बैंकिंग समूह सोसियाते जेनेराली (Societe Generale) ने एक रिपोर्ट में कहा है कि पीएलआई बेहतर ढंग से लागू होने पर भारत एक्सपोर्ट हब बन सकेगा. साथ ही सार्वजनिक पूंजीगत व्यय में वृद्धि होगी और सरकार संचालित उद्यमों का निजीकरण होगा.

...तो आ सकती है गिरावट 
सोसियाते जेनेराली को भी लगता है कि लोकसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिलेगी. उसकी रिपोर्ट में कहा गया है कि जनमत सर्वेक्षणों में आम सहमति से BJP के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की उम्मीद जताई गई है. शेयर बाजार भी इसी उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहा है. लेकिन यदि सरकार में बदलाव होता है, तो 2004 की तरह अल्प अवधि में शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है. ऐसे में महत्त्वपूर्ण यह है कि मध्यम अवधि के लिए सरकार स्थिर रहे.

सरकार की महत्वपूर्ण उपलब्धि
फ्रांस के बैंकिंग समूह ने कहा कि 2018-19 के बाद निवेश चक्र में बदलाव जारी है. हालांकि, कोरोना महामारी के दौरान 2020 और 2021 में इसमें जरूर  बाधा आई थी. Societe Generale में कहा गया है कि यह मोदी सरकार की महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है कि उसने पिछले चार साल में पूंजीगत व्यय को करीब 100% बढ़ा दिया है. आने वाले समय में सरकार को राजकोषीय घाटे को 3% के दायरे में रखने के लिए वृद्धि की दर को कम करना पड़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, पीएलआई योजना से करीब 100 अरब डॉलर की बिक्री की गई है. हालांकि, यह बिक्री इस योजना की शुरुआत के अनुमान से करीब 20 फीसदी कम है. वैसे Apple आईफोन के अच्छे निर्यात और टेस्ला से संभावित बातचीत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सरकार की कुछ उल्लेखनीय सफलताएं हैं. 

2020 में हुई थी शुरुआत 
बता दें कि भारत एक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के प्रमुख स्थान के रूप में उभर रहा है. इस क्षेत्र से जुड़ीं दुनियाभर की कंपनियां भारत आ रही हैं. मोबाइल फोन के लिए PLI योजना की सफलता को देखते हुए पिछले साल आईटी हार्डवेयर के लिए पीएलआई 2.0 को मंजूरी दी गई थी. देश में मोबाइल फोन उत्पादन बढ़ाने के लिए सरकार ने पहली बार 2020 में PLI योजना की शुरुआत की थी. इससे इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र को बड़े पैमाने पर बढ़ावा मिला है. भारत आज दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता है और इसमें PLI योजना का बड़ा योगदान है. मोबाइल फोन का निर्यात इस साल 11 अरब अमेरिकी डॉलर यानी करीब 90 हजार करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गया है.

आखिर क्या है PLI योजना?
मोदी सरकार ने घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात बिल कम करने के लिए 2020 में प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम यानी PLI योजना की शुरुआत की गई थी. इस योजना के तहत सरकार कंपनियों को भारत में बने उत्पाद की बिक्री के आधार पर इंसेंटिव देती है. योजना का उद्देश्य घरेलू कंपनियों को देश में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है. इस योजना के तहत विदेशी कंपनियों को भारत में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए विशेष रियायत दी जाती है. विदेशी कंपनियों को कैश इंसेंटिव प्राप्त होता है.

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Stock Market: बाजार की चाल का तो नहीं पता, लेकिन आज ये शेयर करा सकते हैं कमाई!

शेयर बाजार की चाल आज कैसी रहेगी सटीक तौर पर कहना मुश्किल है, लेकिन कुछ शेयरों में तेजी के संकेत जरूर मिले हैं.

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Thursday, 02 May, 2024
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शेयर बाजार (Stock Market) पिछले कारोबारी सत्र में गिरावट के साथ बंद हुआ था. उसके बाद यानी कल महाराष्ट्र दिवस के उपलक्ष्य में बाजार में छुट्टी रही. गुरुवार और शुक्रवार इन 2 दिन बाजार में ट्रेडिंग होगी. फिर शनिवार और रविवार को साप्ताहिक अवकाश रहेगा. मंगलवार को बाजार के हाल की बात करें, तो शुरुआत में मार्केट तेजी से भागता नजर आया, लेकिन बाद में उसने बढ़त गंवा दी. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 188.50 अंक फिसलकर 74482.78 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 38.55 अंक कमजोर होकर 22,604.85 पर पहुंच गया. इस दौरान, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, लार्सन एंड टुब्रो और JSW स्टील जैसे दिग्गज शेयरों में भी गिरावट दर्ज हुई. आज बाजार से मिलीजुली प्रतिक्रिया की उम्मीद है. चलिए जानते हैं कि आज कौनसे शेयर ट्रेंड में रह सकते हैं.

इनमें हैं तेजी के संकेत 
मोमेंटम इंडिकेटर मूविंग एवरेज कन्वर्जेंस डिवर्जेंस (MACD) ने आज के लिए Jubilant FoodWorks, Ceat, Narayana Hrudayalaya, IGL,  Cholamandalam Investment & Finance, और Sundram Fasteners में तेजी के संकेत दिए हैं. यदि MACD संकेतों के हिसाब से इन कंपनियों के शेयर ऊपर की तरफ जाते हैं, तो आपके लिए मुनाफे वाली बात हो सकती है. कहने का मतलब है कि आप दांव लगाकर प्रॉफिट कमा सकते हैं. हालांकि, BW हिंदी आपको सलाह देता है कि स्टॉक मार्केट में निवेश से पहले किसी सर्टिफाइड एक्सपर्ट से परामर्श जरूर कर लें, अन्यथा आपको नुकसान भी उठाना पड़ सकता है.  

इनमें आ सकती है मंदी
MACD ने BSE, Galaxy Surfactants, BEML, SBI Card, IDFC First Bank और KPR Mill में मंदी का रुख दर्शाया है. इसका मतलब है कि इन शेयरों में गिरावट देखने को मिल सकती है. BSE के शेयर कल करीब 1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 2,788 रुपए पर बंद हुए थे. पिछले 5 कारोबारी सत्रों में यह शेयर 12.93% लुढ़क चुका है. यह गिरावट बाजार नियामक SEBI के एक फैसले की वजह से आई थी. गैलेक्सी के शेयर कल करीब 2% उछाल के साथ 2,615 रुपए पर पहुंच गए. 3,512.95 रुपए के भाव पर मिल रहे BEML के लिए भी कल का दिन अच्छा रहा. KPR Mill को छोड़कर बाकी दोनों शेयर भी बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे थे.

इनमें है मजबूत खरीदारी
कुछ शेयर ऐसे भी हैं, जिनमें मजबूत खरीदारी देखने को मिल रही है. इस लिस्ट में SBI, ICICI Bank, M&M, Power Grid, Eicher Motors और Grasim Industries का नाम शामिल है. हालांकि, ये बात अलग है कि SBI और आईसीआईसीआई बैंक के शेयरों में मंगलवार को गिरावट आई थी. जबकि एक्सिस बैंक के शेयर बढ़त हासिल करने में कामयाब रहे. इस प्राइवेट बैंक का शेयर 0.28% की मजबूती के साथ 1,162.45 रुपए पर बंद हुआ था. वहीं, Mahindra And Mahindra के शेयर पिछले सत्र में करीब 5 प्रतिशत उछल गए थे. 2,159.90 रुपए के भाव वाला ये शेयर बीते 5 सत्रों में 26.81%
का रिटर्न दे चुका है.    


TATA की इस कंपनी को मिला टैक्‍स नोटिस, जानते हैं क्‍यों हुआ है सरकार का ये एक्‍शन? 

टाटा मोटर्स टाटा समूह की वो कंपनी है जो लगातार बेहतरीन परफॉर्म कर रही है. कंपनी का शेयर भी अपने निवेशकों को 90 प्रतिशत से ज्‍यादा का रिटर्न दे चुका है. 

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Wednesday, 01 May, 2024
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टाटा समूह की वैसे तो सभी कंपनियां बेहतरीन परफॉर्मेंस करती हैं लेकिन टाटा की ऑटोमोबाइल सेक्‍टर में काम करने वाली टाटा मोटर्स को सरकार की ओर से नोटिस मिला है. टाटा मोटर्स को टैक्‍स का भुगतान कम करने पर टैक्‍स नोटिस मिला है. कंपनी की ओर से स्‍टॉक एक्‍सचेंज को दी गई सूचना में ये बताया है कि उसे सेल्‍स टैक्‍स ऑफिसर क्‍लॉस 2/AVTO वार्ड 204 जोन 11 दिल्‍ली ने एक आदेश पारित किया है. 

जानिए क्‍या है इस नोटिस को मिलने की वजह 
टाटा मोटर्स को इस नोटिस को मिलने की वजह उसके द्वारा कम कर का भुगतान करने से लेकर ज्‍यादा आधार क्रेडिट लेने के कारण किया गया है. कंपनी पर इसे लेकर 25 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है. कंपनी को ये नोटिस 30 अप्रैल को जारी किया गया है जो उसे 1 मई को मिला है.इस नोटिस में सरकार की ओर से CGST/SGST अधिनियम 2017 की धारा 73 के तहत इस 25 करोड़ के कर की मांग की गई है. 

कंपनी की ओर से इस पर क्‍या कहा गया? 
इस मामले में कंपनी की ओर से कहा गया है कि वो इस नोटिस का अध्‍ययन कर रही है और इसे लेकर अपील दायर करेगी. इस नोटिस के कारण कंपनी के फाइनेंशियल और ऑपरेशनल लेवल पर किसी तरह का कोई असर नहीं पड़ेगा. सेल्‍स विभाग की ओर से जो 25 करोड़ रुपये की पेनल्‍टी लगाई गई है उसमें 142568173 करोड़ रुपये टैक्‍स अमाउंट है जबकि 91415704 करोड़ रुपये ब्‍याज और 14256815 करोड़ रुपये जुर्माना है. 

अप्रैल में कैसे रहे सेल्‍स के आंकड़े? 
 टाटा मोटर्स टाटा समूह की एक बड़ी कंपनी है, जो पिछले लंबे समय से अच्‍छा परफॉर्म कर रही है. कंपनी के अप्रैल के सेल्‍स आंकड़ों पर नजर डालें तो सालाना आधार पर कुल थोक बिक्री में 11.5 प्रतिशत के इजाफे के बाद 77521 यूनिट हो गई है. इसी तरह अप्रैल 2023 में ये 69599 यूनिट थी. कंपनी की सेल में पिछले महीने 12 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला था. जो बढ़कर 76399 यूनिट हो गई थी. जबकि अप्रैल में ये 68514 थी. 

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बांग्लादेश में श्रमिकों का बुरा हाल, एक दशक से न्याय का कर रहे हैं इंतजार

बांग्लादेश में गारमेंट वर्कर का बुरा हाल है. श्रमिकों पिछले एक दशक से न्याय की मांग कर रहे हैं लेकिन श्रमिकों को डरा-धमकाकर चुप कराने के लिए उनके खिलाफ मनमाने मामले दर्ज किए गए है.

Last Modified:
Wednesday, 01 May, 2024
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अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस पर AMNESTY INTERNATIONAL ने कहा कि बांग्लादेश में गारमेंट वर्कर को भय और दमन के माहौल का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि श्रमिकों के अधिकारों पर राज्य द्वारा स्वीकृत कार्रवाई के बीच बिजनेस से संबंधित मानवाधिकारों के हनन के लिए कॉर्पोरेट को दी गई छूट नियंत्रण में नहीं है.

श्रमिकों का है बुरा हाल

पिछले महीने राणा प्लाजा के ढहने की 11वीं बरसी थी, जिसमें 1,100 से अधिक कपड़ा श्रमिक मारे गए और हजारों घायल हो गए थे. पांच महीने पहले ही ताज़रीन फ़ैशन फ़ैक्टरी में घातक आग लगने से यह ढह गई थी, जिसमें फ़ैक्टरी परिसर में फंसे कम से कम 112 श्रमिकों की मौत हो गई थी. ढाका क्षेत्र में पूरी तरह से लापरवाही के चलते हुई ये दोनों घटनाएं बिजनेस से संबंधित मानवाधिकारों के दुरुपयोग के चौंकाने वाले उदाहरण हैं. ये घटनाएं बांग्लादेश में सभी श्रमिकों के लिए व्यापार और मानवाधिकारों पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बेहतर व्यावसायिक स्वास्थ्य और सुरक्षा की सख्त आवश्यकता को उजागर करते हैं.

पिछले 11 साल से नहीं मिला है न्याय

राणा प्लाजा ढहने और तज़रीन फैशन के संबंध में बांग्लादेश लीगल एड एंड सर्विसेज ट्रस्ट (BLAST) और अन्य गैर सरकारी संगठनों द्वारा संबंधित राज्य अधिकारियों, साथ ही स्थानीय भवन और कारखाने के मालिकों के खिलाफ दायर मुआवजे के मामलों को पिछले ग्यारह साल में हल नहीं किया गया है. इसके साथ ही इस निंदनीय लापरवाही के लिए उचित मुआवजे की मांग की गई जिसके कारण हजारों श्रमिकों की मौत हुई और कुछ घायल हुए थे.

मुआवजे के लिए तरस रहे हैं श्रमिक

साउथ एशिया AMNESTY INTERNATIONAL के डिप्टी रिजनल डायरेक्टर नादिया रहमान ने कहा कि एक दशक से अधिक समय हो गया है, लेकिन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राणा प्लाजा के ढहने और ताज़रीन फैशन की घटना के लिए कॉर्पोरेट जवाबदेही स्थापित करने के प्रयास काफी हद तक असफल रहे हैं, जो बांग्लादेश में कपड़ा श्रमिकों की हालिया स्थितियों को उजागर करता है. श्रम कानून में मनमानी सीमाओं और अनुपालन की कमी के कारण मुआवजा एक दूर का सपना बना हुआ है, इन दोनों में बदलाव होना चाहिए. न्याय की कमी के अलावा, अधिकांश श्रमिक आज भी ऐसे उद्योग में उचित वेतन के लिए लड़ रहे हैं. 

कपड़ा श्रमिकों के खिलाफ मनमाने मामले

2023 में विरोध प्रदर्शन के बाद से कपड़ा श्रमिकों के खिलाफ कम से कम 35 आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें FIR में लगभग 161 नामदर्ज श्रमिक और लगभग 35,900 से 44,450 अज्ञात श्रमिकों पर विरोध प्रदर्शन में भाग लेने का आरोप लगाया गया है. हाल के 35 में से 25 मामले उन फ़ैक्टरियों द्वारा दायर किए गए हैं जिनके बारे में माना जाता है कि वे प्रमुख ग्बोबल फैशन ब्रैंड और खुदरा विक्रेताओं को बेचते हैं. AMNESTY INTERNATIONAL से बात करते हुए बांग्लादेश के श्रमिक कार्यकर्ता आमीन हक ने कहा कि साल-दर-साल, विरोध करने वाले श्रमिकों को अदालतों में उपस्थिति देनी होती है. क्योंकि ऐसा नहीं करने पर उनकी जमानत रद्द हो सकती है. इसके परिणामस्वरूप वेतन की कटौती के साथ-साथ उनकी नौकरियां भी खतरे में पड़ गई हैं.

प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों के खिलाफ गैरकानूनी बल का प्रयोग

AMNESTY INTERNATIONAL से बात करते हुए बांग्लादेश में एक श्रमिक NGO कार्यकर्ता तौफीक ने कहा कि जब श्रमिक अपनी आवाज उठाते हैं, तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है; जब वे संगठित होने का प्रयास करते हैं, तो उन्हें धमकाया जाता है और बर्खास्त कर दिया जाता है; और अंत में, जब कार्यकर्ता विरोध करते हैं, तो उन्हें पीटा जाता है, गोली मारी जाती है और गिरफ्तार कर लिया जाता है. अक्टूबर 2023 में कपड़ा श्रमिकों के विरोध प्रदर्शन को शुरू हुए छह महीने हो गए हैं, लेकिन आज तक किसी भी पुलिस अधिकारी को गैरकानूनी बल प्रयोग और प्रदर्शनकारियों की मौत के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है.

अपराधी घूम रहे हैं खुलेआम

2012 में तज़रीन फैशन की आग से बची सोकिना ने AMNESTY INTERNATIONAL को बताया कि ग्यारह साल से अधिक समय हो गया है और हमें अभी भी अपना उचित मुआवजा नहीं मिला है. फैक्ट्री का मालिक खुलेआम घूम रहा है और सत्तारूढ़ दल के साथ मजबूत संबंध स्थापित करके नए व्यवसाय चला रहा है, जबकि हम गरीबी का जीवन जी रहे हैं. 
 


अडानी समूह की इस कंपनी के PAT में हुआ 100 फीसदी इजाफा, Wilmar ने भी मारी बाजी 

अडानी समूह की इन दो कंपनियों के नतीजे आज जारी होने के बाद उम्‍मीद की जा रही है इसका असर गुरुवार को इनके शेयरों पर देखने को मिलेगा. 

Last Modified:
Wednesday, 01 May, 2024
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बुधवार को शेयर बाजार बंद होने के बीच अडानी समूह की दो बड़ी कंपनियों के नतीजे जारी हो गए. अडानी समूह के स्‍वामित्‍व वाली कंपनी अंबुजा सीमेंट के टैक्‍स के बाद मुनाफे में 100 फीसदी का इजाफा हुआ है. साल दर साल के आधार पर तुलना करें तो पिछले साल ये जहां 763 करोड़ रुपये था वहीं इस साल इसमें 100 फीसदी से ज्‍यादा के इजाफे के बाद ये 1525 करोड़ से ज्‍यादा हो गया है. वहीं अडानी विल्‍मर के आंकड़े भी बता रहे हैं कि कंपनी की ग्रोथ में 59 प्रतिशत से ज्‍यादा का इजाफा हुआ है. 

आखिर कितना हुआ है अंबुजा सीमेंट को फायदा? 
अंबुजा सीमेंट की चौथी तिमाही के नतीजे बता रहे हैं कि उसके ऑपरेशन से होने वाले मुनाफे में 11.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और ये 8894 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है. जबकि पिछले साल ये इसी तरह 7966 करोड़ था. वहीं अगर कंपनी के EBITDA पर नजर डालें तो उसमें 37 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और ये 1699 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है. कंपनी के EBITDA मार्जिन में 19.1 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. वहीं कंपनी के नेट प्रॉफिट पर नजर डालें तो उसमें 119 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और वो 4738 करोड़ रुपये तक जा पहुंचा है. जबकि पिछले साल इसी तिमाही में ये 2168 करोड़ रुपये था. इसी तरह से ऑपरेटिंग रेवेन्‍यू में भी सिंगल डिजिट का इजाफा हुआ है. कंपनी का ऑपरेटिंग रेवेन्‍यू इस तिमाही में 33160 करोड़ रुपये रहा है जबकि पिछली बार ये 31037 करोड़ रुपये रहा था. इसमें 7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. 

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कंपनी के सीईओ ने कही ये बात 
अडानी समूह के मालिकाना हक वाली इस कंपनी के सीईओ अजय कपूर ने तिमाही नतीजों पर कहा कि हम लॉन्‍ग टर्म वैल्‍यू एडिशन और लगातार विकास करने में सतत बने हुए हैं. ऐसा इसलिए हो रहा है क्‍योंक‍ि हम ऊर्जा, तेल आपूर्ति, क्षमता में सुधार, कच्‍चे माल और ईंधन की सुनिश्चित आपूर्ति की ओर बढ़ रहे हैं. हम देश की विकास यात्रा में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे, सस्‍टेनेबिलिटी को लेकर कंपनी की ओर से उठाए गए कदम लगातार रंग ला रहे हैं. कॉस्‍ट इफेक्‍टिवनेस अभी भी हमारी सबसे बड़ी रणनीति बनी हुई है. 

कैसे रहे हैं अडानी विल्‍मर के नतीजे? 
अडानी विल्‍मर के नेट प्रॉफिट पर नजर डालें तो वो 67 फीसदी के इजाफे के साथ 156.75 करोड़ रुपये रहा. जबकि साल दर साल के हिसाब से अगर पिछले साल की स्थिति पर नजर डालें तो ये 93.61 करोड़ रुपये रहा था. वहीं अगर कंपनी की आमदनी पर नजर डालें तो वो इस बार मार्च तिमाही में गिरकर 13342.26 करोड़ रुपये रही जबकि पिछले साल ये इसी तिमाही में 14185. 68 करोड़ रुपये रही थी. आमदनी में कमी के कारण कंपनी के शुद्ध मुनाफे में भी कमी देखने को मिली है. 147.99 करोड़ रुपये रहा है, जो वित्‍त पिछले वित्‍त वर्ष में 582.12 करोड़ थी. 

क्‍या बोले कंपनी के सीईओ? 
अडानी विल्‍मर के सीईओ और एमडी अंगशु मलिक ने कहा कि रिटेल सेगमेंट में इजाफा होने के कारण हमने अपने फूड सेगमेंट के तेल और फूड बिजनेस में बढ़ोतरी देखी है. अडानी विल्‍मर अडानी समूह की वो कंपनी है जो खाने के तेल फॉर्च्‍यून और दूसरे एफएमसीजी प्रोजेक्‍ट बाजार में मुहैया कराती है. कंपनी की 11.3 करोड़ घरों तक पहुंच है. कंपनी के 5700 डिसट्रीब्‍यूटर और 23 मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्‍लांट हैं. 
 


SEBI ने 1.3 करोड़ निवेशकों को दिया झटका, अकाउंट किया होल्ड, नहीं कर पाएंगे ट्रांजैक्शन

SEBI ने म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए खोले गए खातों में से करीब 1.30 करोड़ खातों को ‘on hold’ पर डाल दिया गया है.

Last Modified:
Wednesday, 01 May, 2024
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अगर आप भी शेयर बाजार, म्‍युचुअल फंड या कमोड‍िटी मार्केट में न‍िवेश करते हैं तो यह खबर आपके काम की है. SEBI ने करीब 1.3 करोड़ डीमैट अकाउंट को होल्‍ड पर रखा गया है. इसका सीधा मतलब यह हुआ क‍ि ज‍िनका भी अकाउंट होल्‍ड पर है, वे इसके जर‍िये क‍िसी प्रकार का ट्रांजेक्‍शन नहीं कर सकते. KYC रज‍िस्‍ट्रेशन करने वाली संस्‍था केआरए (KRA) ने इस बारे में जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि KYC पूरा नहीं होने की वजह से इन अकाउंट को होल्ड कर दिया गया है.

KYC नियमों के उल्लंघन के चलते की गई कार्रवाई 

यह कार्रवाई KYC के विभिन्न नियमों के उल्लंघन के चलते की गई है. कई सारे कस्टमर्स लगातार शिकायत कर रहे थे कि वह KYC के बावजूद निवेश नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए सभी KRA ने संयुक्त बयान जारी किया है. KRA के अनुसार, पैन कार्ड और आधार कार्ड होने के बावजूद कई लोगों की KYC पूरी नहीं है. उनके पैन कार्ड और आधार कार्ड आपस में लिंक नहीं हैं. इनमें से कई लोगों ने KYC के लिए बिजली और टेलीफोन के बिल एवं बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट दिया था. अब सेबी ने स्पष्ट कर दिया है कि इन्हें वैध दस्तावेज नहीं माना जाएगा.

7.9 करोड़ खाताधारकों के वैल‍िड KYC

KRA की र‍िलीज के अनुसार 11 करोड़ निवेशकों में से करीब 7.9 करोड़ (73%) के वैल‍िड KYC हैं. इसके अलावा करीब 1.6 करोड़ निवेशकों के KYC रजिस्टर्ड कैटेगरी में हैं, इनके पास निवेश करने का ल‍िम‍िटेड एक्‍सेस है. वहीं कुल निवेशकों में से 12% अपने डीमैट अकाउंट और एमएफ फोलियो को ऑपरेट नहीं कर सकते.

निवेशकों को तीन कैटेगरी में बांटा

एक अप्रैल से नए नियमों के तहत सभी KRA ने निवेशकों को तीन कैटेगरी में बांटा है. इन्हें वैलिडेटिड, रजिस्टर्ड और होल्ड में बांट दिया गया है. एक केआरए अधिकारी ने बताया कि निवेशकों को उनके पैन कार्ड, आधार कार्ड, ईमेल और मोबाइल नंबर के आधार पर अलग-अलग श्रेणी में रखा गया है. जिन निवेशकों की KYC वैलिडेटिड है, वह आराम से इनवेस्टमेंट जारी रख सकते हैं. रजिस्टर्ड KYC के दायरे में आने वाले निवेशक दोबारा से KYC करवाकर निवेश जारी रख सकते हैं. हालांकि, बैंक स्टेटमेंट और यूटिलिटी बिल जैसे दस्तावेज देने वालों को होल्ड कैटेगरी में डाला गया है. यह सभी किसी भी तरह का निवेश नहीं कर पाएंगे. साथ ही KYC डाक्यूमेंट्स को अपलोड किए बिना यह लोग अपने पैसे को भी निकाल पाएंगे.

कैसे करें KYC?

किसी भी केवाईसी रजिस्ट्रेशन एजेंसी (KRA) की वेबसाइट पर जाकर 'KYC इंक्‍वायरी' में अपनी KYC की स्थिति देख सकते हैं. इसके अलावा आप जरूरी कार्रवाई भी कर सकते हैं. इसके अलावा आप अपने ब्रोकर या म्यूचुअल फंड हाउस की वेबसाइट के जरिए भी KYC अपडेट कर सकते हैं. अगर आप एक बार अपना KYC अपडेट कर देते हैं तो यह आपके शेयरों, म्यूचुअल फंड और कमोडिटीज सहित सभी निवेशों पर लागू हो जाएगा. आपको हर उस ब्रोकर और फंड हाउस के लिए अलग से KYC अपडेट कराने की जरूरत नहीं होगी.