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क्या Adani Group के इस प्लान से घबरा गए हैं Investors, इसलिए आ रही है शेयरों में गिरावट?
अडानी समूह के शेयरों में पिछले कुछ दिनों से लगातार गिरावट आ रही है. आज भी समूह की कुछ कंपनियों के शेयर लाल निशान पर बंद हुए.
बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago
अडानी समूह (Adani Group) की अधिकांश कंपनियों के शेयरों में आज यानी बुधवार को भी गिरावट दर्ज की गई. हालांकि, समूह की फ्लैगशिप कंपनी Adani Enterprises में जरूर कुछ तेजी आई, लेकिन ये शेयर भी पिछले कुछ दिन में लुढ़का है. ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि आखिर ऊपर की तरफ दौड़ रहे अडानी के शेयर एकदम से गिर क्यों रहे हैं?
ये हैं प्रमुख कारण
अडानी समूह की कंपनियों में नरमी की कई वजह हैं. जिसमें हिंडनबर्ग के आरोपों पर सेबी की जांच के साथ-साथ समूह द्वारा 210 अरब रुपए का फंड जुटाने के लिए शेयरों की बिक्री की घोषणा भी शामिल है. सोमवार को Adani Total Gas के शेयरों में 5 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई और आज भी ये शेयर इतनी ही गिरावट के साथ बंद हुआ है. वहीं, Adani Transmission में 2.56% की नरमी आई है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को हिंडनबर्ग के आरोपों से जुड़े मामले में 15 मई को फैसला देना था, लेकिन सेबी ने जांच पूरी करने के लिए और समय मांग लिया.
210 अरब जुटाने की योजना
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी ट्रांसमिशन ने 13 मई को योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (Qualified Institutional Placement-QIP) पद्धति के माध्यम से 210 अरब रुपए की संयुक्त राशि जुटाने की अपनी योजना का खुलासा किया था. इसमें अडानी एंटरप्राइजेज 125 अरब और अडानी ट्रांसमिशन का लक्ष्य 85 अरब रुपए जुटाना है. वहीं, समूह की एक अन्य कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी भी फंड जुटाने की योजना पर काम कर रही है. इस बारे में जानकारी बोर्ड की बैठक के बाद 24 मई 2023 को सामने आ सकती है.
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निवेशकों की ये है चिंता
QIP या अन्य माध्यमों से पूंजी जुटाने में शेयर और/या अन्य पात्र प्रतिभूतियां जारी करना शामिल होगा. अडानी समूह की फंड जुटाने की इस योजना से निवेशक Dilution को लेकर चिंतित हो गए हैं. Dilution से तात्पर्य किसी कंपनी में मौजूदा शेयरधारकों के स्वामित्व के प्रतिशत में कमी से है. Dilution तब होता है जब सर्कुलेशन में शेयरों की संख्या बढ़ाने के लिए नए शेयर जारी किए जाते हैं. नए शेयर बढ़ने की स्थिति में मौजूदा शेयरधारकों के स्वामित्व प्रतिशत और Earnings Entitlement में कमी आ जाती है. धारणा ये है कि जब कंपनी के ज्यादा शेयर जारी होंगे, तो शेयरधारकों की संख्या बढ़ेगी. जिसका सीधा सा मतलब है कि कंपनी की कमाई बड़ी संख्या में शेयरों में वितरित की जाएगी, जिससे मौजूदा शेयरधारकों के लिए प्रति शेयर आय (EPS) कम हो जाएगी.
MSCI का फैसला भी वजह
EPS एक महत्वपूर्ण फाइनेंशियल मीट्रिक है जिसका उपयोग निवेशकों द्वारा किसी कंपनी की लाभप्रदता और संभावित रिटर्न का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, फंड रेजिंग के कारण Dilution से भविष्य की आय क्षमता और शेयरधारक मूल्य के बारे में चिंता बढ़ सकती है. इसने निवेशकों के बीच अनिश्चितता पैदा की है, जिसका नेगेटिव प्रभाव अडानी समूह के शेयरों पर पड़ रहा है. इसके अलावा, MSCI (Morgan Stanley Capital International) के एक फैसले के चलते भी अडानी के शेयर गिर रहे हैं. MSCI ने हाल ही में कहा था कि अडानी समूह की दो कंपनियों अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी टोटल गैस लिमिटेड को एमएससीआई इंडिया इंडेक्स से बाहर कर दिया जाएगा. यह फैसला 31 मई को ट्रेडिंग के समाप्त होने के बाद प्रभावी होगा.
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