6वें BWCFO अवार्ड्स के लिए शुरू हुए नॉमिनेशन, आप भी कर सकते हैं अप्लाई

पिछले साल कई लोगों ने मुख्य परिवर्तन अधिकारी और मुख्य प्रदर्शन अधिकारी की भूमिका भी निभाई थी.

Last Modified:
Wednesday, 19 October, 2022
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नई दिल्लीः सीएफओ कौन है? इस प्रश्न का उत्तर पिछले 18 महीनों में इस भूमिका की अंतर्निहित प्रकृति की तरह ही विकसित हुआ है, जिसने वित्त समुदाय के कुछ पुराने कहावतों को दोहराया है. 6वें BW CFO अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है. अब लोग इस अवॉर्ड के लिए नॉमिनेशन लिंक पर क्लिक कर सकते हैं. 

डॉ. अनुराग बत्रा, Chairman and Editor-in-Chief BW Businessworld ने पिछले वर्ष के इवेंट में कहा था "सीएफओ आज भविष्य के मुख्य अधिकारी हैं, जो विकास की ओर देख रहे हैं. कई लोगों ने मुख्य परिवर्तन अधिकारी और मुख्य प्रदर्शन अधिकारी की भूमिका भी निभाई है. मेरा मानना ​​​​है कि अधिक से अधिक सीएफओ व्यवसायों का नेतृत्व करेंगे और सीईओ बनेंगे.”

सीएफओ के उत्कृष्ट योगदान को चिह्नित करने के लिए, बीडब्ल्यू सीएफओ और वित्त रणनीति शिखर सम्मेलन और पुरस्कार 2021 के 5 वें संस्करण ने 16 विजेताओं को उनके पेशेवर योगदान, उनकी रणनीति और उनकी कंपनी के लिए उनकी असाधारण सेवाओं और वित्तीय परिदृश्य के लिए विभिन्न श्रेणियों के तहत सर्वश्रेष्ठ सीएफओ के रूप में मान्यता दी.

120 में सलेक्ट किए गए थे 56 लोग
120 नामांकनों के पूल से, पिछले साल शॉर्टलिस्ट किए गए 56 नामांकनों में रजनीश कुमार, एसबीआई के पूर्व अध्यक्ष, व्यापार और वित्त नेताओं की अध्यक्षता में एक प्रतिष्ठित जूरी पैनल ने खिताब हासिल करने के लिए इन कठिन समय के दौरान अपनी उपलब्धियों को पेश किया. फिनटेक, हेल्थकेयर और बीमा, और नवोन्मेषी उभरते व्यवसाय एक वर्ष में संकट से घिर गए थे.

इन लोगों को मिला था पिछले साल सम्मान

People Awards

Best CFO Large Enterprise

Winner

Nitin Parekh, CFO, Cadila Healthcare Limited

People Awards

Best CFO Medium Enterprise

Winner

Rajib Mukhopadhyay, CFO,INDOFIL INDUSTRIES LIMITED

People Awards

Best CFO PSU

Winner

Subodh Gupta, Director Finance, Bharat Heavy Electricals Limited (BHEL)

People Awards

Best CFO Start Up

Winner

Deena Jacob,Co Founder & CFO, Open Financial Technologies Pvt. Ltd

People Awards

Best CFO Start Up

Runner Up

Raman Sohi, CFO, Honasa Consumer Pvt Ltd (Mamaearth)

People Awards

Best Financial Team

Winner

Samir Ashta, CFO, CLP

People Awards

Best Financial Team

Winner

Mandeep Mehta, Deputy CFO, Max Life Insurance Company

People Awards

Most Promising Young CFO

Winner

Vivek Anand, CFO, DLF Limited

People Awards

Most Promising Young CFO

Winner

Vinit Teredesai, CFO, Mindtree Ltd

People Awards

Most Promising CFO 

Winner

Rikhil Shah, CFO, SBI General Insurance Company Limited

Strategy Awards

Enhancing Competitiveness through M & A'S

Winner

Mahendra Kumar K, CFO, Tube Investments of India Ltd

Strategy Awards

Best Transformation Agent

Winner

M P Vijay Kumar, CFO, Sify Technologies Limited

Strategy Awards

Best Consistent Liquidity Management

Winner

Rajeev Gupta, CFO, L&T Technology Services Limited (LTTS)

Strategy Awards

Best Healthy Balancesheet Management

Winner

Anuraag Srivastava, Group CFO, Sterlite Power Transmission Limited

Service Provider

Finance Innovative Product of the Year

Winner

Cleartax - Rohit Razdan, CBO, Clear 

Service Provider

Most Disruptive Finance Technology

Winner

Hersimran Kaur, Head-Finance, BharatPe

प्रौद्योगिकी के लिए एक वर्ष

व्यवसायों ने डिजिटलीकरण को बढ़ाने के लिए अपनाया और व्यावसायिक आवश्यकता के रूप में बुद्धिमान स्वचालन पर भरोसा किया. कॉन्टैक्टलेस ऑपरेशंस के लिए महामारी से प्रेरित धक्के ने भी फिनटेक को किसी अन्य की तरह गवाही नहीं दी है. इस प्रकार बढ़ा हुआ डिजिटल एडॉप्शन, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का तेजी से उन्नयन और मुद्रा की उभरती धारणा कुछ ऐसे हाइलाइट हैं जो सभी नामांकित व्यक्तियों से सामने आए हैं.

सिफी टेक्नोलॉजीज के एमपी विजय कुमार, लार्सन एंड टुब्रो टेक्नोलॉजी सर्विसेज के राजीव गुप्ता, माइंडट्री के सीएफओ विनीत तेरेदेसाई ने क्रमशः अपने परिवर्तनकारी काम, लगातार तरलता प्रबंधन और सीएफओ के रूप में उनकी उपलब्धियों के लिए प्रशंसा प्राप्त की.

फिनटेक ब्रांड जिनके कौशल ने संपर्क रहित अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाया है, वे भी विजेता के रूप में उभरे हैं. हरसिमरन कौर, हेड-फाइनेंस, भारतपे और रोहित राजदान, चीफ बिजनेस ऑफिसर, क्लियर ने भी अपने डिसरप्टिव और अभिनव वित्तीय उत्पादों के लिए पुरस्कार जीते.

उभरते व्यापार की चमक

व्यवसाय नवाचार की मांग करता है और नवाचार व्यवसाय की सुविधा प्रदान करता है. जैसा कि हम सार्वजनिक लिस्टिंग के लिए सफल स्टार्ट-अप की लहर देख रहे हैं, उभरते व्यवसायों का नवाचार बाहर खड़ा है. दीना जैकब, सह-संस्थापक और सीएफओ, ओपन फाइनेंशियल टेक्नोलॉजीज और होनासा कंज्यूमर के सीएफओ, रमन सोही, जो मामाअर्थ ब्रांड के पीछे हैं, जैसे कुछ लीडर्स को भी मान्यता दी गई.

नेतृत्व से परे

बीता साल वित्तीय प्रबंधन से ज्यादा सीएफओ की भूमिका पर प्रकाश डालता है. यह संकट प्रबंधन, प्रमुख परिवर्तन और सीईओ के लिए एक रणनीतिक भागीदार होने में से एक है. कई लोगों ने एक स्थिर वित्तीय पकड़ और अप्रत्याशित के लिए तैयार रहने के लिए आकस्मिकताओं पर सतर्क नजर के साथ समय की कसौटी का सामना किया है. भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (भेल) के सुबोध गुप्ता, डीएलएफ लिमिटेड के विवेक आनंद, महेंद्र कुमार के-ट्यूब इंवेस्टमेंट्स ऑफ इंडिया लिमिटेड, अनुराग श्रीवास्तव-स्टरलाइट पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, सीएलपी के समीर अष्ट और राजीव मुखोपाध्याय-इंडोफिल इंडस्ट्रीज लिमिटेड उन लीडर्स में शामिल हैं, जिन्होंने तीव्र वित्तीय कौशल प्रदर्शित किया. 

स्वास्थ्य और बीमा के लिए एक दिलचस्प वर्ष में, कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के नितिन पारेख, रिखिल शाह, एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और मंदीप मेहता, मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने भी पुरस्कारों पर अपना दावा किया था.

इस बार के नॉमिनेशन के लिए लाइव हुआ लिंक

https://bwevents.co.in/event/cfoawards/ पर जाकर लोग 2022 के अवॉर्ड्स के लिए नॉमिनेशन को फाइल कर सकते हैं.

VIDEO: ई-वाहन खरीदने वालों की बल्ले-बल्ले, सरकार सभी को दे रही बंपर छूट

 


क्या दौलत के मामले में भी आम हैं 'आम आदमी' के केजरीवाल, कितनी मिलती है सैलरी?

जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल पूरे फॉर्म में नजर आ रहे हैं. वह लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं.

Last Modified:
Saturday, 11 May, 2024
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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) करीब 50 दिनों के बाद जेल से बाहर आए हैं. शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 1 जून तक अंतरिम जमानत पर रिहा किया था. आज केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उन्होंने जेल जाने पर भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा क्यों नहीं दिया. आम आदमी पार्टी (AAP) प्रमुख केजरीवाल ने कहा कि मैं तानाशाही के खिलाफ लड़ रहा हूं, इसलिए इस्तीफा नहीं दिया. केंद्र दिल्ली के सीएम को गिरफ्तार करके सरकार गिराना चाहता था, लेकिन मैं उनके ट्रैप में फंसने वाला नहीं हूं, इसलिए मैंने इस्तीफा नहीं दिया. 

मुझे पद का कोई लालच नहीं
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने केजरीवाल को दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले में 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. ED का कहना है कि इस पूरे घोटाले में अरविंद केजरीवाल ने अहम किरदार निभाया है. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल पूरे फॉर्म में नजर आ रहे हैं. वह केंद्र सरकार पर हमला बोल रहे हैं और यह साबित करने में जुटे हैं कि उनके खिलाफ साजिश रची गई. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी पद का लालच नहीं किया. जब मुझे दिल्ली की जनता ने पहली बार CM बनाया, तो मैंने 49 दिन के अंदर दिल्ली के स्कूलों को लेकर इस्तीफा दे दिया. लोग चपरासी की नौकरी नहीं छोड़ते, मैंने खुद से सीएम की कुर्सी को लात मार दी थी.

इतनी है केजरीवाल की नेटवर्थ
केजरीवाल ने आगे कहा कि उन्हें पता है कि अगले 20 साल तक दिल्ली में 'आप' को कोई नहीं हरा सकता, इसलिए उन्होंने झूठा षड्यंत्र रचाया. अब जब बात केजरीवाल की निकली ही है, तो चलिए यह भी जान लेते हैं कि 'आम आदमी पार्टी' के केजरीवाल दौलत के मामले में आम हैं या खास. 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के समय केजरीवाल ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा दिया था. उसके अनुसार, अरविंद केजरीवाल की नेटवर्थ 3.44 करोड़ रुपए है. हालांकि, उन्होंने बताया था कि उनके पास केवल 12 हजार और पत्‍नी के पास 9 सिर्फ हजार रुपए कैश है. उनके परिवार में 6 बैंक अकाउंट हैं, जिसमें कुल 33.29 लाख रुपये जमा हैं. दिल्ली के मुख्यमंत्री के ऊपर किसी तरह का कोई कर्ज नहीं है. 

इतनी है मुख्यमंत्री की सैलरी
2020 के चुनावी हलफनामे के अनुसार, अरविंद केजरीवाल की पत्‍नी सुनीता केजरीवाल के पास 320 ग्राम सोना और एक किलो चांदी थी. सुनीता केजरीवाल के नाम पर म्‍यूचुअल फंड (Mutual Funds) में 15.31 लाख रुपए जमा हैं. CM केजरीवाल के नाम कोई वाहन नहीं है, जबकि पत्‍नी के नाम 6.20 लाख रुपए की मारुति बलेनो (Maruti Baleno) है. सुनीता केजरीवाल के नाम पर हरियाणा के गुरुग्राम में एक आलीशान घर भी है, जिसकी कीमत उस समय 1 करोड़ रुपए आंकी गई थी. वहीं, केजरीवाल के नाम गाजियाबाद और हरियाणा में गैर-कृषि भूमि है. सैलरी की बात करें, तो बतौर CM केजरीवाल को प्रतिमाह 1.70 लाख रुपए मिलते हैं. 


पहले हजारों एम्प्लॉइज को नौकरी से निकाला, अब यहां 4,180 करोड़ खर्च करने की तैयारी में Musk

टेस्ला (Tesla) के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk)ने अपने ऑफिशियल एक्स (X) हैंडल पर एक बड़े प्रोजेक्ट पर 500 मिलियन डॉलर खर्च करने की घोषणा की है.

Last Modified:
Saturday, 11 May, 2024
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हाल में टेस्ला (Tesla) ने बड़े पैमाने पर एम्प्लॉइज  को निकाला है. वहीं, अब कंपनी एक नए प्रोजेक्ट पर 500 मिलियन डॉलर खर्च करने की तैयारी में है. टेस्ला के फाउंडर और सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने खुद इसकी जानकारी दी है. आपको बता दें, टेस्ला दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनियों में से एक है. कंपनी जल्द ही भारत जैसे बाजार में प्रवेश कर सकती है. इस संबंध में वह भारत सरकार के साथ लगातार बातचीत भी चल रही है और इसकी प्लानिंग भी काफी आगे तक पहुंच चुकी है. 

कंपनी में लगातार चल रहा छंटनी का दौर
एलन मस्क की टेस्ला ने पिछले महीने ही कंपनी में अपने एम्प्लॉइज की छंटनी करने की शुरुआत की थी. कंपनी के इस छंटनी का असर उसके करीब 21,473 एम्प्लॉइज पर होना है. कंपनी ने अपनी रीस्ट्रक्चरिंग के तहत पहले 15 अप्रैल को 16,000 एम्प्लॉइज को बाहर निकाल दिया और इसके कुछ दिन बाद ही 500 लोगों को नौकरी से निकाल दिया. अभी कंपनी में छंटनी की प्रोसेसे लगातार चल रही है.

यहां खर्च होंगे 4,180 करोड़ रुपये
अब टेस्ला अपने फास्ट चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत बनाने पर 500 मिलियन डॉलर यानी 4,180 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. कंपनी के सीईओ एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर 50 करोड़ डॉलर के खर्च का ऐलान किया है. उनका कहना है कि कंपनी इस साल हजारों की संख्या में नए सुपरचार्जर बनाने जा रही है. एलन मस्क ने साफ किया कि उनका सुपरचार्जर नेटवर्क का विस्तार नई साइट्स पर होगा. इसके लिए अभी ऑपरेशन कॉस्ट पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाएगा.

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ईवी मेकर्स अपना रहे टेस्ला का चार्जिंग नेटवर्क स्टैंडर्ड

मीडिय़ा रिपोर्ट्स के अनुसार टेस्ला में एम्प्लॉइज की छंटनी के कुछ हफ्तों के बाद ही एलन मस्क ने टेस्ला के सुपरचार्जर नेटवर्क के विस्तार का प्लान बनाया है. अमेरिका में ईवी मेकर्स टेस्ला के नॉर्थ अमेरिकन चार्जिंग स्टैंडर्ड को अपना रहे हैं. इससे टेस्ला का चार्जिंग नेटवर्क अब वहां पूरी इंडस्ट्री का स्टैंडर्ड बनता जा रहा है. 

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Crypto के कद्रदानों के लिए अच्छी खबर, भारत वापस लौट रहा है Binance 

दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बिनान्स भारत में जल्द ऑपरेशन शुरू कर सकता है.

Last Modified:
Saturday, 11 May, 2024
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क्रिप्टो करेंसी (Crypto Currency) में इन्वेस्ट करने वालों के लिए अच्छी खबर है. दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बिनान्स (Binance) फिर से भारत में ऑपरेशन शुरू करने वाला है. Binance ने इसके लिए भारत की फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के साथ रजिस्ट्रेशन करा लिया है. हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि बिनान्स ने इसके लिए क्या डेडलाइन निर्धारित की है. बिनान्स के दोबारा अपना ऑपरेशन शुरू करने से भारत में क्रिप्टो के कद्रदानों को एक और विकल्प मिल जाएगा.   

पिछले साल लगी थी रोक
बिनान्स को पिछले साल दिसंबर में भारत में कारोबार करने से रोक दिया गया था. दरअसल, स्थानीय कानून का पालन नहीं करने के चलते कंपनी पर कार्रवाई हुई थी. फाइनेंशियल रेगुलेटर ने ऐसे ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंजों के खिलाफ एक्शन लिया था, जो बिना रजिस्ट्रेशन के भारत में काम कर रहे हैं और इसमें दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज बिनान्स का नाम भी शामिल था. बता दें कि भारत में ऑपरेशन शुरू करने के लिए वर्चुअल डिजिटल एसेट सर्विस प्रोवाइडर्स यानी कि क्रिप्टो एक्सचेंजों को FIU के साथ रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है. इसके अलावा, उन्हें देश के एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग कानून का भी पालन सुनिश्चित करना होता है. 

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पहले भरना होगा जुर्माना
FIU के डायरेक्टर विवेक अग्रवाल के अनुसार, बिनान्स ने भले ही FIU के साथ रजिस्ट्रेशन कराया लिया हो, लेकिन वह तभी ऑपरेशन शुरू कर सकेगा जब नियमों के उल्लंघन के मामले में जुर्माने का भुगतान करेगा. FIU ने दिसंबर 2023 में 9 ऑफशोर क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंजों को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मिनिस्ट्री से उनका ऑनलाइन एक्सेस ब्लॉक करने को कहा था. अग्रवाल ने बताया कि ऑफशोर क्रिप्टो एक्सचेंज KuCoin ने भी मार्च में FIU के साथ पंजीकरण करा लिया था. साथ ही उसने 34.5 लाख रुपए का जुर्माना भी भर दिया है, लिहाजा अब वो सामान्य की तरह ऑपरेशन कर सकेगा.  

देश में ये हैं टॉप एक्सचेंज 
भारत में कुछ क्रिप्टो एक्सचेंज पहले से मौजूद हैं. इनमें सबसे प्रमुख हैं Mudrex, WazirX, CoinDCX, CoinSwitch और Zebpay. एक रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से सबसे ज्यादा 500+ क्रिप्टो करेंसी CoinDCX के पास हैं. यानी आप इस एक्सचेंज पर 500 से ज्यादा क्रिप्टो में इन्वेस्ट कर सकते हैं. इसके बाद नंबर आता है WazirX का, जिसके पास 450+ Cryptocurrency उपलब्ध हैं. इसी तरह, Mudrex के पास 380+, CoinSwitch के पास 100+ और Zebpay के पास 150+ क्रिप्टो करेंसी उपलब्ध हैं. इन सभी एक्सचेंजों में न्यूनतम निवेश सीमा 100 रुपए है. कहने का मतलब है कि आप महज 100 रुपए से भी क्रिप्टो में निवेश कर सकते हैं.
 


सस्ते का मोह आखिर छूटेगा कैसे? China से जमकर कारोबार कर रहा Bharat  

एक तरफ जहां चीनी सामान के बहिष्कार की मांग उठती रहती है. वहीं, दूसरी तरफ चीन से हमारा कारोबार बढ़ रहा है.

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Saturday, 11 May, 2024
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भारत में चीनी (India-China) समान के बहिष्कार की मुहिम समय-समय पर चलती रहती है. गलवान घाटी हिंसा के बाद इस मुहिम ने काफी जोर पकड़ लिया था. कई रिपोर्ट्स में दावे भी किए गए कि इस मुहिम ने चीन की आर्थिक कमर तोड़कर रख दी है. हालांकि, अब जो आंकड़े सामने आए हैं वो इन दावों से पूरी तरह अलग हैं. एक रिपोर्ट में कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के हवाले से बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024 में फरवरी तक भारत और चीन के बीच 9 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार हुआ है. 

अमेरिका से ज्यादा करीब चीन
सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि इसी अवधि में भारत और अमेरिका का द्विपक्षीय व्यापार 8 लाख 91 हजार करोड़ रुपए के आसपास रहा है. यानी चीन के साथ हमारी कारोबारी संबंध अमेरिका से भी बेहतर हो गए हैं. आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 (FY23) में 10 लाख 38 हजार 772 करोड़ रुपए के द्विपक्षीय व्यापार के साथ यूएस हमारा का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर था. जबकि 9 लाख 13 हजार 705 करोड़ रुपए के कारोबार के साथ चीन इस मामले में दूसरे नंबर पर था. लेकिन अब तस्वीर बदल गई है. 

चीन उठा रहा है ज्यादा लाभ
वित्त वर्ष 2024 में फरवरी तक भारत से चीन को 1 लाख 25 हजार 47 करोड़ रुपए का सामान भेजा गया है. जबकि चीन ने 7 लाख 78 हजार 161 करोड़ रुपए का अपना सामान भारत पहुंचाया है. इसका मतलब है कि दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार में चीन ज्यादा फायदा उठा रहा है. वह बड़ी मात्रा में अपना सामान भारतीय बाजार में भेज रहा है. रिपोर्ट बताती है कि भारत से सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका को हुआ है. अप्रैल-फरवरी के दौरान अमेरिका का निर्यात 5 लाख 79 हजार 401 करोड़ रुपए था. वहीं, अमेरिका से भारत ने 3 लाख 11 हजार 464 करोड़ रुपए का आयात किया है.  

इधर, सऊदी से आगे रूस
वहीं, FY24 में अप्रैल-फरवरी के बीच सऊदी अरब को पीछे छोड़कर रूस भारत का चौथा बड़ा कारोबारी साझेदार बन गया है. FY24 में फरवरी तक 6 लाख 19 हजार करोड़ रुपए के व्यापार के साथ तीसरे नंबर पर यूनाइटेड अरब अमीरात है. बता दें कि FY23 में भारत और सऊदी अरब के बीच 4 लाख 23 हजार 843 करोड़ का बिजनेस हुआ था. जबकि रूस के साथ हमारा कारोबार 3 लाख 99 हजार 466 करोड़ रुपए का था. लेकिन वित्त वर्ष FY24 अप्रैल से फरवरी के दौरान यह आंकड़ा 4 लाख 91 हजार 803 करोड़ रुपए पहुंच गया. 

चीन से इनका होता है इम्पोर्ट
भारत का चीन से सबसे ज्यादा इम्पोर्ट करना बताता है कि भारतीय बाजार में चीनी सामान जमकर बिक रहा है. हम चीन से इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद, कार्बनिक रसायन, कंप्यूटर पार्ट्स, कारों और मोटरसाइकिल के पार्ट्स, खिलौने, उर्वरक, मोबाइल, लाइटिंग, मिल्क उत्पाद, ऑप्टिकल विज्ञापन चिकित्सा उपकरण, आयरन और स्टील जैसी वस्तुएं आयात करते हैं. चीनी सामान अपेक्षाकृत सस्ता होता है, इसलिए भारत में उसकी काफी डिमांड रहती है. कुछ साल पहले गणेश-लक्ष्मी और अन्य देवी-देवताओं की चीन निर्मित मूर्तियों से भी भारतीय बाजार पट गए थे. चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की मुहिम चलाने वाले भले ही चाइनीज आइटम्स खरीदने वालों को 'सस्ता पसंद' कहें, लेकिन सवाल यह है कि जब सरकार चीन से इतने बड़े पैमाने पर आयात की अनुमति देती रहेगी, तो सस्ते का मोह छूटेगा कैसे?   


मिलिए चौथे चरण के टॉप 5 रईस कैंडिडेट्स से, लक्ष्मी इन पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में 13 मई को वोट डाले जाएंगे. इस चरण में कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला होगा.

Last Modified:
Saturday, 11 May, 2024
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लोकसभा चुनाव 2024 के तीन चरणों की वोटिंग हो चुकी है और अब चौथे चरण में 13 मई को वोट डाले जाएंगे. 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की कुल 96 सीटों के लिए 13 मई को मतदान होना है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश के साथ-साथ आंध्र प्रदेश, बिहार, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल की 96 सीटों से मैदान में उतरे प्रत्याशियों की किस्मत को जनता सोमवार को EVM में कैद करेगी. इस बार के चुनाव में उतरे उम्मीदवारों की संपत्ति का जो आंकड़ा अब तक सामने आया है, वो वाकई चौंकाने वाला है. खुद को 'जनता का सेवक' कहलवाने की हसरत वाले ये नेता दौलत के पहाड़ पर बैठे हैं.

ये हैं करोड़पति नाम
लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में भी करोड़पति प्रत्याशियों की अच्‍छी-खासी संख्या है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के मुताबिक, अपनी किस्मत आजमा रहे 1710 उम्मीदवारों में से 205 के पास 5 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. इसी तरह, 133 प्रत्याशियों के पास 2 करोड़ 5 करोड़ रुपए की दौलत है. जबकि 310 उम्मीदवारों की संपत्ति 50 लाख से 2 करोड़ रुपए के बीच है. चौथे चरण के टॉप 5 करोड़पति उम्मीदवारों की बात करें, तो इसमें डॉ चंद्रशेखर पेम्मासानी, कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी, प्रभाकर रेड्डी वेमिरेड्डी, अमृता रॉय और सीएम रमेश का नाम शामिल है. इस चरण में बॉलीवुड अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्‍न सिन्‍हा की किस्मत का भी फैसला होना है. 

इनके पास सबसे ज्यादा दौलत
आंध्र प्रदेश के गुंटूर संसदीय क्षेत्र से Telugu Desam Party (TDP) के उम्मीदवार डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी चुनाव लड़ रहे हैं. पेम्मासानी के पास दौलत का पूरा पहाड़ है. उनके पास 5,705 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. पेम्मासानी लोकसभा चुनाव 2024 में अब तक के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं. 48 वर्षीय पेम्मासानी पेशे से डॉक्टर हैं. वहीं, तेलंगाना की चेवेल्ला सीट से BJP प्रत्याशी कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी चुनावी मौदान में हैं. रेड्डी की कुल संपत्ति 4,568 करोड़ रुपए से ज्‍यादा है. तीसरे नंबर पर हैं प्रभाकर रेड्डी वेमिरेड्डी. आंध्र प्रदेश के नेल्लोर लोकसभा क्षेत्र से TDP की टिकट पर चुनाव लड़ रहे  प्रभाकर रेड्डी वेमिरेड्डी के पास 716 करोड़ से अधिक की संपत्ति है.

BJP लीडर पर नोटों की बरसात
लिस्ट में चौथे नंबर पर हैं अमृता रॉय. पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से भाजपा की अमृता रॉय चुनाव लड़ रही हैं. अमृता को कृष्णानगर की राजमाता कहा जाता है. उनके पास 554 करोड़ रुपए से ज्‍यादा की दौलत है. इसी तरह, BJP उम्मीदवार सीएम रमेश के पास भी दौलत की कोई कमी नहीं है. पार्टी सांसद सीएम रमेश आंध्र प्रदेश की अनकापल्ले सीट से मैदान में हैं. रमेश के पास 497 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है. वहीं, अभिनेता से नेता बने शत्रुघ्न सिन्हा तृणमूल कांग्रेस की टिकट पर पश्चिम बंगाल के आसनसोल से चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी कुल संपत्ति 210 करोड़ रुपए से अधिक है.


इस सरकारी बैंक का शेयर है आपके पास, तो फिर मौजा ही मौजा; वजह भी जान लीजिए

बैंकिंग सेक्टर के शेयरों के पिछले दिनों बुरे हाल थे, लेकिन अब उनकी स्थिति सुधर गई है.

Last Modified:
Saturday, 11 May, 2024
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सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSU Banks) के शेयर मंदी के बवंडर से बाहर आ गए हैं. अधिकांश सरकारी बैंकों के स्टॉक में तेजी का माहौल है. इस बीच, एक सरकारी बैंक ने अपने निवेशकों को डिविडेंड देने का ऐलान किया है. यदि आपके पास भी इस बैंक के शेयर हैं, तो आपकी मौज होने वाली है. हम बात कर रहे हैं बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) की. बैंक ने हाल ही में अपने वित्तीय परिणाम जारी किए हैं और उसका पिछले वित्त वर्ष की मार्च तिमाही में शुद्ध लाभ 2.3% की बढ़त के साथ 4,886 करोड़ रुपए रहा है. जबकि एक साल पहले की समान अवधि में यह आंकड़ा 4,775 करोड़ रुपए था.

NPA में भी हुआ सुधर
इस तिमाही में बैंक की कुल आय बढ़कर 33,775 करोड़ रुपए हुई है, जो पिछले साल की समान तिमाही में 29,323 करोड़ थी. BoB के लिए अच्छी बात यह है कि उसके NPA में सुधार हुआ है. उसका ग्रॉस नॉन- परफॉर्मिंग एसेट सुधार के साथ 2.92% पर आ गया है. जबकि साल भर पहले यह 3.79% था. वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में बैंक की ब्याज से प्राप्त आय बढ़कर 29,583 करोड़ रुपए पहुंच गई है. यह जनवरी-मार्च, 2023 में 25,857 करोड़ रही थी. 

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इतना मिलेगा डिविडेंड
पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में बैंक ऑफ बड़ौदा का प्रॉफिट 26% उछलकर 17,789 करोड़ रुपए हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह 14,110 करोड़ था. इस दौरान, बैंक की कुल आय भी बढ़कर 1,27,101 करोड़ रुपए हो गई है. नतीजों से उत्साहित बैंक ने डिविडेंड का ऐलान किया है. बैंक के निदेशक मंडल ने 2 रुपए के फेस वैल्यू वाले शेयर पर 7.60 रुपए का डिविडेंड की अनुशंसा की है, जिसे 28वीं सालाना आमसभा में मंजूरी के लिए रखा जाएगा. वहीं, बैंक के शेयर की बात करें तो यह शुक्रवार को 255.10 रुपए पर बंद हुआ. हालांकि, कल बैंक के शेयर में 2.87% की गिरावट देखने को मिली है. इस साल अब तक ये शेयर 9.13% का रिटर्न दे चुका है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि शेयर की कीमत शॉर्ट टर्म में 280 रुपए तक जा सकती है.


सेना के हाथ मजबूत करेगा Adani का ड्रोन, डिफेंस सेक्टर के लिए कंपनी ने बनाया है बड़ा प्लान 

अडानी डिफेंस ने इसी साल जनवरी में नौसेना को हर्मीस-900 सौंपा था और अब आर्मी को यह मिलने जा रहा है.

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Saturday, 11 May, 2024
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गौतम अडानी (Gautam Adani) डिफेंस सेक्टर में अपनी मौजूदगी को और मजबूत करने में जुटे हैं. उनकी कंपनी अडानी डिफेंस बड़े प्लान के तहत आगे बढ़ रही है. इसी क्रम में कंपनी ने सेना के लिए खास ड्रोन तैयार किया है. 18 जून को भारतीय सेना को Adani Defence द्वारा निर्मित हर्मीस-900 स्टारलाइनर ड्रोन मिल जाएगा. दृष्टि-10 ड्रोन के नाम से पहचाने जाने वाले हर्मीस-900 को पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात किया जाएगा. 

पहले नेवी को मिला
अडानी डिफेंस सिस्टम्स इंडियन आर्मी, और इंडियन नेवी को हर्मीस-900 की सप्लाई कर रही है. इसी साल जनवरी में कंपनी ने नौसेना को पहला हर्मीस-900 सौंपा था और अब 18 जून को सेना को यह ड्रोन मिल जाएगा. रक्षा अधिकारियों का कहना है कि अडानी डिफेंस की तरफ से भारतीय सेना को मिलने वाले दो ड्रोनों में से पहला 18 जून को हैदराबाद में सेना को सौंप दिया जाएगा. सेना अपने भटिंडा बेस पर यह ड्रोन तैनात करेगी, ताकि पाकिस्तान के साथ पूरी पश्चिमी सीमा पर नजर रखी जा सके.  

इजरायल से है करार
आर्मी-नेवी को अभी एक-एक ड्रोन और मिलना है. भारतीय सेना ने आपातकालीन प्रावधानों के तहत दो ड्रोन के लिए ऑर्डर दिए हैं, जिसके अनुसार आपूर्ति किये जाने वाले ड्रोन 60% से अधिक स्वदेशी होने चाहिए. आर्मी पहले से ही हेरॉन मार्क-1 और मार्क-2 ड्रोन चला रही है और अब उसके बेड़े में दृष्टि-10 या हर्मीस-900 ड्रोन भी शामिल होने वाले हैं. अडानी डिफेंस ने ड्रोन के लिए टेक्नॉलोजी के लिए इजरायल के कंपनी एल्बिट के साथ करार किया था. साथ ही यह भी कहा था कि ड्रोन 70% तक स्वदेशी है. 

क्या कर सकता है ड्रोन?
हर्मीस 900 एक विशाल सैन्य ड्रोन है, जो बमबारी करने और मिसाइलें ले जाने में सक्षम है. इसका इस्तेमाल 'इंटेलिजेंस और निगरानी के लिए भी किया जा सकता है. इजराइल ने 2014 में गाजा पर 50 दिनों के हमले में पहली बार इसका इस्तेमाल किया था. हर्मीस 900 'इलेक्ट्रो ऑप्टिकल और इन्फ्रा-रेड सेंसर के साथ आता है और यह इजरायली वायु सेना का सबसे पसंदीदा ड्रोन है. 2023 और 2024 में, इजरायली सरकार ने गाजा पर बमबारी करने के लिए हर्मीस 900 ड्रोन का इस्तेमाल किया था. 

क्या है कंपनी की क्षमता?
अडानी डिफेंस एयरक्राफ्ट सर्विस, सर्विलांस और प्रोटेक्शन के लिए मानवरहित सिस्टम, काउंटर ड्रोन सिस्टम, छोटे हथियार और उसके साजोसामान, गोला-बारूद, मिसाइल सिस्टम तैयार करने की क्षमता रखती है. कंपनी डिफेंस सेक्टर में अपनी उपस्थिति लगातार मजबूत कर रही है. मार्च 2024 में अडानी डिफेंस के सीईओ ने कंपनी के प्लान के बारे में बताते हुए कहा था कि अगले 10 सालों में रक्षा क्षेत्र में बड़ा निवेश किया जाएगा. कंपनी मेक इन इंडिया पर फोकस कर रही है. उसका दावा है कि हर्मीस-900 70% स्वदेशी है.


LIC ने इस मामले में तोड़ दिए पिछले सारे रिकॉर्ड, नए शिखर पर पहुंचा कमाई का आंकड़ा 

एलआईसी के हर कैटेगिरी में नंबर ऑफ पॉलिसीज से लेकर रेवेन्‍यू में बड़ा इजाफा हुआ है. ये इजाफा 2014 के बाद सबसे बड़ा इजाफा है. 

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Friday, 10 May, 2024
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देश की सबसे बड़ी इंश्‍योरेंस कंपनी लाइफ इंश्‍योरेंस कंपनी (LIC) के अप्रैल महीने के प्रीमियम के आंकड़ों ने पुराने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. अप्रैल में एलआईसी का प्रीमियम 12383 करोड़ रुपये से ज्‍यादा जमा हुआ है. अगर पिछले साल के इसी महीने के आंकड़े से इसकी तुलना करें तो ये 61 प्रतिशत ज्‍यादा है. जबकि 2023 में पिछले साल एलआईसी ने 5810 करोड़ रुपये का प्रीमियम वसूल किया था. 

इस उपलब्धि पर कंपनी ने कही ये बात 
कंपनी की इस उपलब्धि के लिए नई मार्केटिंग पॉलिसी को श्रेय दिया है जिसमें उसने कई नए इनोवेशन किए हैं. यही नहीं ग्राहक का विश्‍वास और कंपनी की रेप्यूटेशन(इज्‍जत) को भी इसका श्रेय दिया गया है. इन सभी वजहों का नतीजा ये हुआ है कि कंपनी के प्रीमियम का आंकड़ा अप्रैल में सभी पिछले रिकॉर्ड को तोड़ते हुए इस नए मुकाम तक पहुंच गया है. इससे पहले 2014 में प्रीमियम का ये आंकड़ा इस स्‍तर पर तक पहुंचा था. 

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किस प्रीमियम में हुआ कितना इजाफा? 
अप्रैल 2024 में जमा हुए इस प्रीमियम के ब्रेकअप पर नजर डालें तो व्‍यक्तिगत प्रीमियम कैटेगिरी में 3175.47 करोड़ रुपये जमा हुए. जबकि 2023 में अगर इस कैटेगिरी में जमा हुए प्रीमियम पर नजर डालें तो 2537.02 करोड़ रुपये रहा. इस कैटेगिरी में 2024 में ये 25.17 प्रतिशत ज्‍यादा है. इसी तरह से अगर ग्रुप प्रीमियम पर नजर डालें तो 2024 अप्रैल में वो 9141.34 करोड़ रुपये जमा हुआ जबकि 2023 में ये 3239.72 करोड़ रुपये रहा था. इसमें 182.16 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. यही नहीं सालाना ग्रुप प्रीमियम में 100.33 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. ये 2024 में 66.83 करोड़ रहा जबकि अप्रैल 2023 में ये 33.36 करोड़ रहा था. 

एलआईसी की पॉलिसीज में भी हुआ है इजाफा 
ऐसा नहीं है कि पुरानी पॉलिसी के नंबर पर ही कंपनी ने ये उपलब्धि पाई है. इस बार हर कैटेगिरी में कंपनी की पॉलिसी में भी इजाफा हुआ है. 2024 में नंबर ऑफ पॉलिसी में 9.12 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और ये 8.56 लाख तक जा पहुंचा है. वहीं इंडीविजुवल कैटेगिरी में स्‍कीम और पॉलिसी में 9.11 प्रतिशत का इजाफा हुआ है और ये 8.55 लाख तक पहुंच गया है. ये अप्रैल 2023 में 7.84 लाख था. जबकि रिन्‍यूएबल पॉलिसीज और स्‍कीम में भी इजाफा हुआ है और ये 21.34 प्रतिशत बढ़ते हुए 2024 में 1120 तक जा पहुंचा है जो कि 2023 में 923 था. जबकि ग्रुप नंबर ऑफ पॉलिसीज और पॉलिसीज में हुए इजाफे में 15.53 प्रतिशत का इजाफा हुआ और ये अप्रैल में 305 तक पहुंच गया है.  जबकि अप्रैल 2023 में 264 तक था.


Tata Motors को हुआ मुनाफा तो भर दी निवेशकों की झोली, शेयरधारकों को मिला डबल डिविडेंड

ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स ने नतीजों के साथ डिविडेंड का एलान किया. कंपनी ने शेयर होल्डर्स के लिए फाइनल डिविडेंड का एलान किया है. यही नहीं निवेशकों को स्पेशल डिविडेंड का तोहफा भी दिया है.

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Friday, 10 May, 2024
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टाटा ग्रुप की ऑटो कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने आज वित्त वर्ष 2024 की जनवरी-मार्च तिमाही (Q4) के लिए रिजल्ट्स जारी कर दिए हैं. एक्सचेंजों को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया कि FY2024 की चौथी तिमाही में उसका समेकित नेट मुनाफा (consolidated net profit) 222 फीसदी बढ़कर 17,407.18 करोड़ रुपये हो गया. पिछले साल की समान अवधि (Q4FY23) में यह 5,407.79 करोड़ रुपये रहा था. कंपनी की टैक्स क्रेडिट और लग्जरी कार Jaguar Land Rover की दमदार बिक्री से मुनाफा कमाने में मदद मिली. कंपनी ने अपनी परफॉर्मेंस के साथ निवेशकों के लिए फाइनल डिविडेंड की भी घोषणा की.

कंपनी का बढ़ा रेवेन्यू

टाटा मोटर्स का Q4FY24 में रेवेन्यू 13.3 फीसदी बढ़कर 119,986.31 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की समान अवधि (Q4FY23) में यह 105,932.35 करोड़ रुपये रहा था. यह अब तक का किसी तिमाही का सबसे ज्यादा रेवेन्यू है. कंपनी का एबिटा (EBITDA) पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 26.6 फीसदी बढ़कर 17.9 हजार करोड़ रुपये हो गया.

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निवेशकों को मिलेगा फाइनल डिविडेंड 

एक्सचेंज फाइलिंग में टाटा मोटर्स ने कहा है कि उसने शेयर होल्डर्स के लिए फाइनल डिविडेंड का एलान किया है. यही नहीं कंपनी ने निवेशकों को स्पेशल डिविडेंड का भी तोहफा दिया है. टाटा मोटर्स ने 6 रुपये प्रति शेयर के अंतिम डिविडेंड का एलान किया है. साथ ही कंपनी ने 3 रुपये का स्पेशल डिविडेंड देने की भी घोषणा की है. टाटा मोटर्स की डिविडेंड ट्रैक रिपोर्ट अच्छी है. इससे पहले मई 2023 में कंपनी ने 2 प्रति शेयर का फाइनल डिविडेंड दिया था. फाइलिंग के अनुसार एलिजिबल शेयरधारकों को 28 जून, 2024 को या उससे पहले डिविडेंड का भुगतान किया जाएगा. 

पैसेंजर और कमर्शियल गाड़ियों की बढ़ी बिक्री

टाटा मोटर्स के मुनाफे को लग्जरी कार जगुआर और लैंड रोवर से काफी दम मिला है. चौथी तिमाही में JLR का रेवेन्यू 10.7 फीसदी बढ़कर 9.7 बिलियन यूरो हो गया. इसी तरह कमर्शियल वाहनों की बिक्री से कंपनी का रेवेन्यू 1.6 फीसदी बढ़कर 21.6 हजार करोड़ रुपये हो गया, जबकि पैसेंजर वाहनों की बिक्री से रेवेन्यू में 19.3 फीसदी का शानदार इजाफा देखने को मिला और कंपनी ने 14.4 हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया. 

Tata Motors के शेयर उछले

अपने नतीजों के पहले टाटा मोटर्स के शेयरों में भी तेजी दर्ज हो रही थी. शुक्रवार के कारोबार में शेयर 1.62% तक उछला. स्टॉक 1,036 रुपये पर खुला था, और ये 1,047 पर बंद हुआ. टाटा ग्रुप की इस दिग्गज कंपनी का स्टॉक 6 महीनों में अपने निवेशकों को 60.28% का रिटर्न दे चुका है. 13 नवंबर, 2023 को इसकी कीमत 653 रुपये थी. अगर 1 साल का रिटर्न देखें तो शेयर 104.65% चढ़ा है.
 


आखिर क्‍या होती है जेंडर इलनेस और जेंडर फ्लूडिटी,क्‍यों इसे लेकर LinkedIn पर भड़के Ola CEO

दरअसल जेंडर आईडेंडिटी से जुड़े इस मामले को लेकर भाविश अग्रवाल ने कहा कि हमारी संस्‍कृति में सभी को सम्‍मान देने की परंपरा है इसलिए ये जहां से आई है वहीं वापस भेज दी जाए. 

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Friday, 10 May, 2024
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ओला सीईओ के लिंक्‍डिन पर उनके एक पोस्‍ट को हटाए जाने को लेकर बुरी तरह से भड़क गए. दरअसल ये पूरा मामला क्‍या है ये तो हम आपको आगे बताएंगे लेकिन उनके एक पोस्‍ट ने जेंडर इलनेस और जेंडर फ्लूडिटी पर लोगों की दिलचस्‍पी बढ़ा दी है. आज अपनी इस स्‍टोरी में हम आपको यही बताने जा रहे हैं क‍ि आखिर ये किस चिडि़या का नाम है. 

सबसे पहले समझिए आखिर क्‍या है ये पूरा मामला 
दरअसल एआई पर जब भाविश अग्रवाल ने ये पूछा कि आखिर वो कौन हैं. इस पर एआई की ओर से जो जवाब दिया गया उसमें उनके लिए He, She का इस्‍तेमाल करने की बजाए They, Their और Them का इस्‍तेमाल किया गया था. इसी पर भाविश अग्रवाल बिगड़ गए और उन्‍होंने लिंक्डिन पर एक पोस्‍ट लिखा. भाविश अग्रवाल लिखते हैं कि ‘डियर लिंक्डइन मेरी यह पोस्ट आपके एआई द्वारा भारतीय उपयोगकर्ताओं पर एक राजनीतिक विचारधारा थोपने के बारे में थी जो असुरक्षित, भयावह है.’ आपमें से अमीर लोग मेरी पोस्ट को असुरक्षित कहते हैं! यही कारण है कि हमें भारत में अपनी तकनीक और एआई बनाने की जरूरत है. अन्यथा हम दूसरों के राजनीतिक उद्देश्यों के मोहरे मात्र बनकर रह जायेंगे. 

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लिंक्‍डिन ने इस पोस्‍ट को हटा दिया
ओला सीईओ के इस पोस्‍ट को करने के बाद लिंक्डिन ने इसे अपने नियमों के विपरीत बताकर हटा दिया, जिसके भाविश भड़क गए. आगे भाविश कहते हैं कि भारत में अभी ज्‍यादातर लोगों को प्रोनाउस इलनेस की पॉलिटिक्‍स के बारे में जानकारी नहीं है. लोग ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्‍योंकि मल्‍टीनेशनल कंपनियों में उनसे ऐसी उम्‍मीद की जा रही है. बेहतर है कि इस बीमारी को वहीं वापस भेज दिया जाए जहां से ये आई है. हमारी संस्‍कृति में हमेशा सभी के लिए सम्‍मान रहा है. हमें किसी नए प्रोनाउन की जरूरत नहीं है. 

अब जानिए क्‍या होता है जेंडर इलनेस और जेंडर फ्लूडिटी? 
जेंडर इलनेस एक शब्द है जो मनुष्य के लिंग (जेंडर) और उनकी सामाजिक और मानसिक भावनाओं (इलनेस) को दर्शाता है. यह एक प्रकार की सामाजिक और प्राथमिकताओं की रूपरेखा हो सकती है जो व्यक्ति की व्यक्तित्व, विशेषताएँ और उनके अनुभवों को दिखाती है. यह शब्द अक्सर लिंग, जैसे कि पुरुष, महिला, और तृतीय लिंग के बाहर उनकी लिंगीय भावनाओं, भौगोलिक और सामाजिक भूमिकाओं के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

जेंडर फ्लूडिटी क्‍या होती है 
‘जेंडर फ्लूडिटी’ एक समाजशास्त्रिक और मनोविज्ञानिक शब्द है जो व्यक्ति की जेंडर भूमिकाओं और भावनाओं के बारे में बताता है. यह शब्द विभिन्न संदर्भों में प्रयोग किया जाता है, जैसे समाज में किसी की लिंग पहचान, व्यक्तित्व, और व्यवहार में विविधता और परिवर्तन को समझने के लिए इसका इस्‍तेमाल किया जाता है.  जेंडर फ्लूडिटी का अर्थ होता है कि व्यक्ति की जेंडर भूमिका या भावनाएँ न केवल एक ही स्थिति में स्थिर रहती हैं, बल्कि उनमें स्थिरता की बजाय परिवर्तन होता रहता है। यह व्यक्ति के अनुभवों, भावनाओं, और पहचान की विविधता को समझने का एक मानक हो सकता है.