कैंपा कोला के विज्ञापन में नजर आया था बॉलीवुड का ये सुपर स्टार, पहचानते हैं आप?

मुकेश अंबानी की रिटेल कंपनी रिलायंस रिटेल ने अपने FMCG कारोबार को बढ़ाने के लिए सॉफ्ट ड्रींक ब्रांड कैंपा को खरीदा है.

Last Modified:
Monday, 05 September, 2022
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एक जमाने में लोगों को दीवाना बनाने वाली कैंपा कोला फिर वापसी कर रही है. हालांकि, इस बार 'ये प्योर ड्रिंक ग्रुप' के साथ नहीं बल्कि रिलायंस के बैनर तले कमबैक करेगी. मुकेश अंबानी की रिलायंस ने इस सॉफ्ट ड्रिंक ब्रांड को खरीद लिया है. जब से यह खबर आम हुई है, सोशल मीडिया पर कैंपा कोला से जुड़ी पुरानी यादें भी ताजा होने लगी हैं.  

आयशा श्रॉफ भी आई थीं नज़र 
कैंपा कोला ने अपने विज्ञापन के लिए सलमान खान को साइन किया था. इस विज्ञापन में उनके साथ जैकी श्रॉफ की पत्नी मां आयशा श्रॉफ भी थीं. इसी के साथ सलमान की एड वर्ल्ड में एंट्री हुई थी. यानी आज के चुलबुल पांडे को विज्ञापन की दुनिया में कैंपा कोला ही लेकर आई थी.

सोसयो ब्रांड भी खरीदा
मुकेश अंबानी की रिटेल कंपनी रिलायंस रिटेल ने अपने FMCG कारोबार को बढ़ाने के लिए सॉफ्ट ड्रींक ब्रांड कैंपा को खरीदा है. इसके अलावा, कंपनी ने प्योर ड्रींक ग्रुप से उसका सोसयो ब्रांड भी खरीदा लिया है.  रिलायंस रिटेल के कैम्पा और सोसयो ब्रांड के अधिग्रहण करने के बाद पेप्सी और कोका कोला को बड़ी चुनौती मिलना तय है.

तीन फ्लेवर में आएगी 
पिछले महीने रिलायंस इंडस्ट्रीज के सालाना बैठक में रिलायंस रिटेल की डायरेक्टर ईशा अंबानी ने ऐलान किया था कि कंपनी एफएमसीजी क्षेत्र में उतरने जा रही है. इसके तुरंत बाद खबर आई कि रिलायंस रिटेल ने सॉफ्ट ड्रींक ब्रांड कैंपा को खरीद लिया है. Campa को 3 फ्लेवर्स में री-लॉन्च किया जाएगा. यह आइकॉनिक Campa Cola, लेमन और ऑरेंज फ्लेवर में आएगी. 

70 के दशक में हुई थी लॉन्च 
कैंपा ब्रांड को रिलायंस रिटेल के स्टोर्स और लोकल किराना शॉप्स के जरिए बेचा जाएगा. बता दें कि कैंपा कोला को 1970 के दशक में प्योर ड्रिंक्स ग्रुप ने लॉन्च किया था, यही ग्रुप भारतीय बाजार में 1949 में कोका-कोला लेकर आया था. दरअसल, रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने FMCG कारोबार को बढ़ाना चाहती है. इसी के मद्देनजर उसने कैंपा कोला का अधिग्रहण किया है.  
 


Nourish के इस TVC में दिखा शिल्पा और शमिता शेट्टी का अखाड़े में जलवा, बताए इसके फायदे

विज्ञापन की अवधारणा लीड्स ब्रांड कनेक्ट एजेंसी द्वारा तैयार की गई है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 23 November, 2022
Last Modified:
Wednesday, 23 November, 2022
nourish

नई दिल्लीः फूड ब्रैंड Nourish ने एक नया टीवी कमर्शियल ऐड बनाया है, जिसमें शेट्टी बहनों-शिल्पा व शमिता ने अपना अखाड़े में जलवा दिखाया है. इस ऐड फ्लिम में शेट्टी बहनों ने मुंकी और तुंकी का रोल निभाते हुए लोगों को दलिया खाने के फायदे बताए हैं. साथ ही इसके एक कैंपेन भी लॉन्च किया है. 

दलिया के बनाया है कैंपेन

कंपनी ने स्वस्थ और रेशेदार दलिया खाने से मांसपेशियों के निर्माण और मजबूत शरीर के लाभों का प्रचार करने के लिए एक कैंपेन बनाया है जिसका हैशटैग है #SehatKiSunoNourishHiChuno. विज्ञापन की अवधारणा लीड्स ब्रांड कनेक्ट एजेंसी द्वारा तैयार की गई है. 

दलिया बीमारों का खाना नहीं

कंपनी की ब्रैंड एंबेसडर शिल्पा शेट्टी कहती हैं, ''हम ज्यादातर दलिया को छोटे बच्चों के लिए या बीमार होने पर भोजन का विकल्प मानते हैं, लेकिन लोग यह नहीं जानते हैं कि जब फाइबर से भरपूर भोजन चुनने की बात आती है तो दलिया एक उत्कृष्ट भोजन विकल्प है और इससे प्रोटीन भी मिलता है. जैसा कि मैं हमेशा कहता हूं कि आप वही हैं जो आप खाते हैं, और इसलिए उपलब्ध भोजन विकल्पों के बारे में जानना महत्वपूर्ण है. इस अभियान के माध्यम से, हम आशा करते हैं कि अधिक लोग अच्छे स्वास्थ्य के लिए ऐसे भोजन के लाभों के बारे में जागरूक होंगे.” 

दलिया में होते हैं सभी पोषक तत्व

शमिता शेट्टी ने कहा कि "स्वयं एक फिटनेस उत्साही के रूप में, मैं अपने आहार के बारे में बहुत विशेष हूं, जिसका अनिवार्य रूप से मतलब कम खाना नहीं है बल्कि सही खाना है. दलिया सभी पौष्टिक तत्वों के साथ सही विकल्प है, सभी आयु समूहों और अवसरों के लिए भी उपयुक्त है. मैं एक ऐसे ब्रांड के साथ जुड़कर खुश हूं जो उन्हीं सिद्धांतों पर बना है जिनमें मैं विश्वास करता हूं, जिससे हमारा सहयोग और भी खास बन गया है. Nourish के साथ यात्रा और भी रोमांचक है क्योंकि मुझे अपनी बहन शिल्पा के साथ काम करने का मौका मिला है, क्योंकि यह दो लोगों को एक साथ लाता है. मेरे जीवन के सबसे पसंदीदा और महत्वपूर्ण घटक - फिटनेस और परिवार.''

अखाड़े में दम लगाती नजर आती हैं दोनों बहनें

दलिया के फायदे बताने से पहले दोनों बहनें एक दूसरे के सामने अखाड़े में नजर आती हैं. लीड्स ब्रांड कनेक्ट की प्रबंध निदेशक ऋचा खंडेलवाल का मानना ​​है, “अखाड़े में हमेशा पुरुष पहलवान ही दिखाई देते हैं. शक्ति और शरीर सौष्ठव जेंडर बेस्ड नहीं हैं. सभी को स्वस्थ और मजबूत रहने का अधिकार है. जैसा कि ब्रांड ने हमेशा रूढ़िवादिता को तोड़ने में विश्वास किया है, इस विज्ञापन के साथ महिला अभिनेत्रियों को अखाड़े में लाकर हमने ब्रांड के विश्वास को खूबसूरती से सामने रखने की कोशिश की है और महिला शक्ति को भी उजागर किया है.''

देखें यह VIDEO:

 


गडकरी के एक ट्वीट पर मचा बवाल, अक्षय कुमार की भी लग रही क्लास; जानें क्या है पूरा मामला 

नितिन गडकरी ने ट्विटर पर जो एड वीडियो शेयर किया है, उसमें बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार भी नज़र आ रहे हैं. इसलिए वो भी लोगों के निशाने पर आ गए हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 13 September, 2022
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Tuesday, 13 September, 2022
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सड़क हादसे में साइरस मिस्त्री की मौत के बाद सरकार रोड सेफ्टी को लेकर सख्त हो गई है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी स्पष्ट कर चुके हैं कि सीट बेल्ट सभी के लिए अनिवार्य होगी. कार में पीछे बैठने वालों को भी इस नियम का पालन करना होगा, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इस बीच उनकी एक पोस्ट पर बवाल मच गया है. ये पोस्ट कार में 6 एयरबैग्स को प्रमोट करने से जुड़ी है, लेकिन इसे दहेज़ प्रथा को बढ़ावा देने के तौर पर देखा जा रहा है.

6 एयरबैग्स चाहते हैं गडकरी
नितिन गडकरी ने ट्विटर पर जो एड वीडियो शेयर किया है, उसमें बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार भी नज़र आ रहे हैं. इसलिए वो भी लोगों के निशाने पर आ गए हैं. ऐसा विज्ञापन करने के लिए सोशल मीडिया पर उनकी भी आलोचना हो रही है. बता दें कि केंद्रीय मंत्री गडकरी कारों में छह एयरबैग्स पर जोर देते आए हैं. वह छोटी कारों में भी एयरबैग्स चाहते हैं, जिससे कार निर्माता कंपनियां नाराज़ चल रही हैं. गडकरी का कहना है कि कार कंपनियां जब भारत से बाहर गाड़ियां एक्सपोर्ट करती हैं, तो सेफ्टी का पूरा ध्यान रखती हैं. लेकिन भारत में उनके लिए यह गंभीर मुद्दा नहीं रह जाता, ऐसा अब नहीं चलेगा.    

सुरक्षित सफर का दिया संदेश 
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने 6 एयरबैग के समर्थन में एक वीडियो शेयर किया है. अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है, '6 एयरबैग वाली गाड़ी से सफर कर जिंदगी को सुरक्षित बनाएं'. इस वीडियो में कुमार भी नजर आ रहे हैं. यूजर्स का कहना है कि इस वीडियो के जरिए दहेज प्रथा का प्रचार किया जा रहा है. जबकि भारत में दहेज लेना या देना दंडनीय अपराध है. अक्षय के साथ-साथ नितिन गडकरी भी लोगों के निशाने पर आ गए हैं. विपक्ष भी उन पर देहज प्रथा को बढ़ावा देने का आरोप लगा रहा है.

ऐसा क्या है विज्ञापन में?
विज्ञापन में पिता को बेटी की विदाई के दौरान रोते हुए दिखाया गया है. इसी दौरान अक्षय कुमार पुलिसकर्मी की वर्दी में वहां पहुंचते हैं और लड़की के पिता को एयरबैग्स की अहमियत समझाते हैं. वह कहते हैं कि ऐसी गाड़ी में बेटी को विदा करोगे तो रोना तो आएगा ही. गाड़ी में 2 एयरबैग्स हैं छह क्यों नहीं? यदि हादसा हुआ तो आगे वाले एयरबैग्स की वजह से बच जाएंगे, लेकिन पीछे म्यूजिक सुनते-सुनते बेटी और दामाद दोनों टाटा-टाटा बाय-बाय जो जाएंगे'.

शिवसेना लीडर ने बोला हमला
शिवसेना लीडर प्रियंका चतुर्वेदी ने विज्ञापन को समस्या ग्रस्त करार दिया है. उन्होंने पूछा है कि आखिर ऐसे क्रिएटिव विज्ञापन पास कौन करता है? सरकार कार के सुरक्षा पहलू को बढ़ावा देने के लिए पैसा खर्च कर रही है या इस विज्ञापन के माध्यम से दहेज़ की बुराई और आपराधिक कृत्य को बढ़ावा दे रही है? गौरतलब है कि हाल ही में टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. मिस्त्री पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी.
 


Meta ने पेश की नो-कॉस्ट EMI स्कीम, जानें किसे और कैसे मिलेगा फायदा

भारत में अपने 'ग्रो योर बिजनेस' समिट के दूसरे संस्करण में, Meta ने देश के सभी विज्ञापनदाताओं के लिए कई उन्नत सेवा समर्थन सुविधाओं की भी घोषणा की.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 31 August, 2022
Last Modified:
Wednesday, 31 August, 2022
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Meta (फेसबुक) ने भारत में छोटे व्यवसायों के लिए नो-कॉस्ट EMI योजना लेकर आया है. दरअसल, भारत में कई छोटे व्यवसाय अपने ग्राहकों तक पहुंचने के लिए डिजिटल और मेटा प्लेटफॉर्म्स इस्तेमाल करते हैं. ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बनाने के लिए वे इन प्लेटफॉर्म्स पर विज्ञापन भी देते हैं. इसी को ध्यान रखते हुए मेटा ने नो-कॉस्ट EMI लॉन्च की है. इस योजना के तहत विज्ञापन के लिए मेटा को 3 महीने में आसान, समान मासिक किस्तों में भुगतान किया जा सकेगा. 

ब्याज खर्च खुद उठाएगी 
Meta की तरफ से बताया गया है कि व्यवसायी विज्ञापन का भुगतान पार्टिसिपेटिंग बैंकों के जरिए बिना किसी अतिरिक्त ब्याज के कर सकेंगे. मेटा, बैंक को दिए जाने वाला ब्याज खुद वहन करेगी और इसे व्यवसाय को विज्ञापन खर्च पर अग्रिम छूट के रूप में देगी. विज्ञापनदाता नो कॉस्ट EMI बिलिंग के साथ, 3200 से लेकर 5 लाख रुपए तक का कोई भी अमाउंट EMI में कन्वर्ट करना चुन सकते हैं.

24 घंटे मिलेगा चैट सुविधा
भारत में अपने 'ग्रो योर बिजनेस' समिट के दूसरे संस्करण में, Meta ने देश के सभी विज्ञापनदाताओं के लिए कई उन्नत सेवा समर्थन सुविधाओं की भी घोषणा की. इसमें 24 घंटे, सातों दिन चैट सपोर्ट सर्विस भी शामिल है. यानी मेटा पर विज्ञापन देने वालों को हर समय मदद मिलती रहेगी. इस सपोर्ट को एक्सेस करने के लिए विज्ञापनदाताओं को मेटा बिजनेस हेल्प सेंटर पर ‘सपोर्ट’ विकल्प चुनना होगा.

भारत-केंद्रित समाधान
मेटा (फेसबुक इंडिया) के वीपी और एमडी अजीत मोहन ने कहा, 'इन घोषणाओं के साथ भारत में मेटा पर प्रत्येक विज्ञापनदाता को, चाहे उनका विज्ञापन खर्च कुछ भी हो, विकास के नए अवसरों को अनलॉक करने के लिए एक्सेस मिल गया है. वे महज एक क्लिक पर वित्तीय और सेवा सपोर्ट प्राप्त कर सकते हैं'. उन्होंने आगे कहा कि हम जानते हैं कि प्रत्येक व्यवसाय की अपनी एक अलग यात्रा होती और हम उनकी अनूठी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए भारत-केंद्रित समाधान बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमें उम्मीद है कि ग्रो योर बिजनेस समिट के दौरान हमने जो घोषणाएं की हैं, वे छोटे व्यवसायों को अधिक लचीलेपन और आसानी के साथ अपने व्यावसायिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेंगी.


आज लॉन्च होगी प्रार्थना बत्रा की किताब 'Getting the Bread: The Gen-Z Way to Success'

नई दिल्ली के 'द पार्क' में स्पोर्ट्स आइकन साक्षी मलिक प्रार्थना बत्रा की पहली किताब को लॉन्च करेंगी.

Last Modified:
Thursday, 07 July, 2022
प्रार्थना बत्रा की किताब

महज 17 साल की उम्र में अपनी एक अलग पहचान बना चुकीं प्रार्थना बत्रा की पहली किताब 'Getting the Bread: The Gen-Z Way to Success' आज लॉन्च होने वाली है. नई दिल्ली के 'द पार्क' में स्पोर्ट्स आइकन साक्षी मलिक किताब को लॉन्च करेंगी.

बड़ी हस्तियों से की बात 
प्रार्थना ने 2020 में उद्यमिता के बारे में एक यूट्यूब सीरीज शुरू की थी, जिसमें उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ीं हस्तियों से लोगों को रू-ब-रू करवाया था. इस सीरीज में उन्होंने विख्यात पत्रकार बरखा दत्त, प्राजक्ता कोली और साक्षी मलिक जैसी हस्तियों से उनके जीवन, अनुभव आदि पर बातचीत की थी. अब उन्होंने उसे किताब की शक्ल देकर सबके सामने पेश किया है.

रीडर, पब्लिक स्पीकर
प्रार्थना बत्रा को पढ़ने का बेहद शौक है, जो एक अच्छा लेखक बनने की पहली सीढ़ी है. इसके अलावा, वह पब्लिक स्पीकर भी हैं. प्रार्थना 2019 में वुमन इकॉनोमिक फोरम सहित कई बड़े पब्लिक फोरम में अपनी बात रख चुकी हैं. वुमन इकॉनोमिक फोरम में प्रार्थना तीन सबसे युवा स्पीकर्स में शामिल थीं. उन्होंने बेहद ज्वलंत मुद्दे 'मासिक धर्म को क्यों सेलिब्रेट नहीं किया जाना चाहिए' पर अपने विचारों से सभी को प्रभावित किया था. 2021 में, उन्हें महिला दिवस पर IIM तिरुचिरापल्ली में बतौर स्पीकर आमंत्रित किया गया था.

Blub World में मिली जगह
प्रार्थना और उनकी टीम ने TiE Young Entrepreneurs Business Plan प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया था. वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ‘लज्जा डायरीज’ की सह-संस्थापक भी हैं. यह प्लेटफ़ॉर्म नारीवाद और महिला अधिकारों पर काम करता है. लैंगिक पूर्वाग्रह पर उनका लेख 'द हिंदू' अखबार में प्रकाशित हुआ था और उन्हें फरवरी 2021 के Blub World के एडिशन में यंग एंटरप्रेन्योर सेक्शन में जगह मिली थी.

हर तरफ हो रही तारीफ
प्रार्थना बत्रा को अपनी किताब को लेकर हर तरफ से तारीफ और शुभकामनाएं मिल रही हैं. वायकॉम18 के पूर्व COO और हाउस ऑफ चीयर के संस्थापक राज नायक ने कहा 'बेहद समझदार होने के साथ-साथ प्रार्थना जमीन से जुड़ीं हुई हैं. इतनी कम उम्र में वह आत्मविश्वास, दृढ़ संकल्प, जुनून और अपने लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता से भरी हुईं नजर आती हैं. अपना यूट्यूब चैनल शुरू करने से लेकर किताब लिखने तक, उन्होंने साबित कर दिया है कि सफलता उम्र की मोहताज नहीं होती. मेरी यही कामना है कि उन्हें जीवन के हर सफर पर कामयाबी मिले’.   

आप प्रार्थना बत्रा के यूट्यूब चैनल पर क्लिक कर विभिन्न क्षेत्रों के सेलिब्रिटीज संग उनके इंटरेक्शन इस लिंक के जरिए देख सकते हैं


एक बार फिर बजा भारत का डंका, लंदन में हुआ 'जय-जयकार'

1 जून से 30 जून तक पूरे लंदन में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया उत्सव.

Last Modified:
Tuesday, 05 July, 2022
London

नई दिल्ली: लंदन यूरोप का सबसे बड़ा वास्तुकला उत्सव (लंदन फेस्टिवल ऑफ आर्किटेक्चर) मनाता है, जिसमें भारत को पहली बार आमंत्रित किया गया था. जिसमें भारतीय स्थापत्य हुनर को वैश्विक मंच पर पहचान मिली है जो भारत के लिए एक गर्व का विषय है. 

लंदन फेस्टिवल ऑफ आर्किटेक्चर यूरोप का सबसे बड़ा आर्किटेक्चर फेस्टिवल है जहां दुनियाभर के आर्किटेक्ट क्षेत्र के ख्याति प्राप्त वास्तुकार अपने विचार साझा करने और दुनिया में वास्तुकला क्षेत्र में किए जा रहे प्रयत्नों और उपलब्धियों को साझा करने लिए एकत्रित होते हैं. इस वर्ष यह उत्सव 1 जून से 30 जून तक पूरे लंदन में विभिन्न स्थानों पर आयोजित किया गया.  

भारत लौटकर दीक्षू सी कुकरेजा ने जताई खुशी, कहा देश के लिए बड़ी उपलब्धि
स्थापत्य क्षेत्र में कौशलता दिखाने के लिए लंदन फेस्टिवल ऑफ आर्किटेक्चर के प्रतिष्ठित मंच पर भारत को पहली बार बुलाया किया गया था. इस कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व विश्व विख्यात अरबन प्लानर और CP Kukreja Architects के मैनेजिंग डायरेक्टर, दीक्षू सी कुकरेजा ने किया. इस कार्यक्रम में श्री दीक्षू सी कुकरेजा ने "निर्मित पर्यावरण के 50 वर्ष" विषय पर एक प्रदर्शनी आयोजित की, जिसमें उन्होंने पिछले पांच दशकों से भारतीय वास्तुकला और डिजाइन की गई उत्कृष्ट संरचनाओं के विकास के बारे में बताया.

यह प्रदर्शनी 24 जून 2022 को ललित होटल लंदन में आयोजित की गई. प्रदर्शनी में प्रख्यात लेखक और नेहरू सेंटर, लंदन के निदेशक श्री अमीश त्रिपाठी और लंदन फेस्टिवल ऑफ आर्किटेक्चर की निदेशक सुश्री रोजा रोगिना सहित अन्य उल्लेखनीय गणमान्यों की गरिमामयी उपस्थिति रही. इस कार्यक्रम में भारत को पहली बार अपनी स्थापत्य संरचनाओं को प्रदर्शित करने के लिए आमंत्रित किए जाने पर श्री कुकरेजा ने बताया, “यह देखकर मुझे बेहद खुशी हो रही है कि समकालीन भारतीय वास्तुकला को विश्व स्तर पर भलीभांति स्वीकार्य किया जा रहा है. यह बेहद सुकून देने वाली बात है. यह मामला केवल इमारतें बनाने तक सीमित नहीं हैं बल्कि, हमारी इमारतें समाज को कैसे प्रभावित कर रही हैं यह मामला इस बात से भी जुड़ा हुआ है."

प्राचीन वास्तुकला से लेकर मुगल वास्तुकला तक भारतीय स्थापत्य कला को हमेशा इसकी श्रेष्ठता के लिए सराहा गया है और हमेशा उच्च कोटि में रखा गया है. फिर भारत स्वतंत्रता संग्राम के बाद हमारा देश इस मामले में पिछड़ गया. औपनिवेशिक शासनकाल के दौरान बनाए गए वास्तुकला को ज्यादातर ब्रिटिश वास्तुकारों द्वारा डिजाइन किया गया था जिसमें भारतीय वास्तुकारों के योगदान को ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई. साथ ही, उस दौर की स्थापत्य संरचनाओं को भारतीय परिवेश के अनुसार "प्रासंगिक" नहीं बनाया गया था.

अर्थव्यवस्था को संयोजने की जिम्मेदारी और संसाधनों की कमी की वजह से भारत स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद वास्तुशिल्पकला पर उतना जोर नहीं दे पाया लेकिन 1970 के दशक से स्थापत्य सरंचनाओं को तत्कालीन नए युग के वास्तुकारों की वजह से एक नई दिशा मिली, लेकिन फिर भी भारतीय स्थापत्य वैश्विक मान्यता से वंचित ही रहा. 

यूरोप के सबसे बड़े वास्तुकला उत्सव में पहले भारतीय प्रतिनिधि होने पर श्री कुकरेजा ने बताया, "लंदन के इस वास्तुकला उत्सव में सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स के कार्यों के माध्यम से भारतीय वास्तुकला को प्रदर्शित करने का यह मौका न केवल भारत को वैश्वविक परिदृश्य पर एक नई पहचान दिलाएगा है बल्कि वास्तुकला और बुनियादी ढांचे के विकास के पैमाने पर भी हमारे देश में विदेशी निवेश के अवसर बढ़ाने के लिए दुनिया के नए लोगों का ध्यान आर्किषण करेगा. यह प्रदर्शनी भारत में शहरी विकास के पैमाने और अवसरों को बढ़ाना देने के लिए एक बड़ी उपलब्धि को दर्शाती है जो दुनिया के लिए भारत में बेहतर निवेश के ठिकाने के रूप में एक उम्मीद पैदा करेगी.

प्रदर्शनी में श्री कुकरेजा ने 1970 और 80 के दशक की ऐतिहासिक इमारतों के बारे में भी बताया, जिन्होंने भारत को स्थापत्य के क्षेत्र में एक नई पहचान दिलाने में खासा योगदान दिया है. इसके अलावा, उन्होंने अन्वेषी और अनुसंधान परियोजनाओं के माध्यम से 1990 और 2000 के वास्तुशिल्प संरचनाओं पर प्रकाश डाला, जिसने प्रयोगात्मक उत्साह को उजागर किया और पुरानी प्रथा को तोड़ दिया- जिससे आर्थिक उदारीकरण के नए युग में सामग्री और प्रौद्योगिकी के मामले में अंतहीन संभावनाओं की शुरुआत की.

21वीं सदी में हुए परिवर्तन पर बात करते हुए, श्री कुकरेजा ने स्थानीय संदर्भ के साथ अत्याधुनिक पद्धति और स्थिरता के मामले में भारतीय वास्तुकला के क्षेत्र में समकालीन नई पद्धतियों के बारे में भी बताया. श्री अमीश त्रिपाठी ने इस मौके पर बताया कि, "जब मैंने इन परियोजनाओं को देखा, तो पाया कि किस तरह से इन्होनें अपनी परियोजनाओं को डिजाइन करने के लिए स्थानीय सामग्रियों और स्थानीय परंपराओं का उपयोग किया है, इससे हम सभी को सीखना चाहिए."

सीपी कुकरेजा आर्किटेक्ट्स की वह परियोजनाएं जिन्हें प्रदर्शनी में दिखाया गया:
- इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली
- अम्बादीप टावर्स, नई दिल्ली. 
- पाथवेज वर्ल्ड स्कूल, गुरुग्राम
- करमापा अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध संस्थान, नई दिल्ली.
- गौतम बुद्ध यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा
- जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
- पूर्वी दिल्ली हब, नई दिल्ली
- वल्लभ भवन एक्सटेंशन, भोपाल, मध्य प्रदेश
- द ललित होटल, कैनाकोना, भारत
- सेंट्रल विस्टा, नई दिल्ली के पुनर्विकास के लिए प्रस्ताव
 

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