गजब! यहां की पुलिस ने PM का ही काट दिया चालान, जानें क्या है मामला 

ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर ब्रिटेन की पुलिस ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक पर जुर्माना लगाया है.

Last Modified:
Saturday, 21 January, 2023
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ब्रिटेन की पुलिस ने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (British PM Rishi Sunak) का चालान काटकर यह साबित कर दिया है कानून सबके लिए बराबर होता है. ब्रिटिश PM पर कार में सीट बेल्ट नहीं पहनने के लिए 100 पाउंड का जुर्माना लगा है. दरअसल, ऋषि सुनक का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कार की पिछली सीट पर बैठे हुए हैं और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई है. ब्रिटेन में पिछली सीट पर बैठने वालों को भी सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है. जबकि हमारे यहां बिजनेसमैन साइरस मिस्त्री की मौत के बाद इस पर सख्ती की बातें हो रही हैं.

वायरल हो गया वीडियो  
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना उस समय हुई जब PM सुनक इंग्लैंड के लंकाशायर में मौजूद थे. यहां वह कार की पिछली सीट पर बैठकर एक वीडियो बना रहे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं पहनी थी. उन्होंने अपना वीडियो इंस्टाग्राम अकाउंट पर पोस्ट किया था, जो देखते ही देखते वायरल हो गया. उनकी नियमों के उल्लंघन को लेकर आलोचना होने लगी. ऋषि सुनक ने इसके लिए माफी भी मांगी, लेकिन अब पुलिस ने उन पर 100 पाउंड का जुर्माना लगा दिया है.  

क्या हैं ब्रिटेन में नियम 
ब्रिटेन में सीट बेल्ट न लगाने पर 100 पाउंड का ऑन-द-स्पॉट जुर्माना लगाया जा सकता है और यदि मामला अदालत में जाता है तो यह जुर्माने की राशि 5 गुना बढ़ सकती है. ब्रिटेन की ट्रैफिक पुलिस ने ट्वीट करके मामले की जानकारी दी है. हालंकि पुलिस ने सुनक का नाम नहीं लिया है. पुलिस ने अपने ट्वीट में लिखा है - हमने एक 42 वर्षीय व्यक्ति पर कार की सीट बेल्ट न लगाने के लिए जुर्माना लगाया है. उन्हें 28 दिनों के भीतर जुर्माना भरना होगा, अन्यथा मामला कोर्ट में चला जाएगा.  

हमारे यहां ऐसे हैं हाल
भारत में सीट बेल्ट को लेकर वाहन चलन गंभीरता नहीं दिखाते. पिछली सीट पर बैठने वालों के लिए तो ये कैद जैसा है. हालांकि, पिछले साल टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में मौत के बाद इसे लेकर सख्ती बरतने की बातें हो रही हैं. मिस्त्री कार की पिछली सीट पर बैठे थे और उन्होंने सीट बेल्ट नहीं लगाई थी. दिल्ली आदि कुछ बड़े शहरों में जरूर ट्रैफिक पुलिस पिछली सीट बेल्ट के इस्तेमाल को लेकर सख्ती दिखा रही है, लेकिन बाकि शहरों में हालात पहले जैसे ही हैं.


रामनवमी पर उस बैंक की बात, जहां मिलता है राम नाम का लोन, ऐसे खुलता है अकाउंट

97 साल पुराने इस बैंक में लेनदेन का सारा काम भगवान राम के नाम पर ही होता है. रामनवमी से 10 दिनों तक इस बैंक में भक्त राम नाम के इस जमा पूंजी का दर्शन करने आते हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 17 April, 2024
Last Modified:
Wednesday, 17 April, 2024
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कहते हैं राम का नाम सारे बिगड़े काम बना देता है और इस नाम का स्मरण करने मात्र से सारे कष्ट मिट जाते हैं, आज राम नवमी के मौके पर आपको वाराणासी के अनोखे बैंक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी कार्य प्रणाली तो बिलकुल किसी साधारण बैंक की ही तरह है. लेकिन इस अनोखे बैंक में राम नाम का लोन दिया जाता है. राम रमापति बैंक में पूरे साल यह लोन दिया जाता है. इसके लिए बैंक की ओर से कुछ नियम भी तय किए गए हैं. भक्त अपने मनचाहे मुरादों को पूरा करने के लिए इस बैंक से राम नाम का लोन ले सकते हैं. लेकिन, 250 दिनों में पैसा लौटाना होता है.

भक्तों को मिलता है राम नाम का लोन

राम रमापति बैंक लोन प्रदान करता है, जिसे कागज पर भगवान राम का नाम लिखकर चुकाया जाता है. बैंक तीन प्रकार के लोन प्रदान करता है. जाप लोन, मंत्र लोन और राम नाम लोन. राम नाम लोन सबसे लोकप्रिय है और उधारकर्ताओं को इसे आठ महीने और दस दिनों के भीतर भगवान राम के नाम को 1,25,000 बार कागज पर लिखकर और बैंक के पास जमा के रूप में रखकर चुकाना होता है. बैंक कोई मौद्रिक जमा नहीं मांगता है. लोगों के राम रमापति बैंक से लोन लेने के दो उद्देश्य होते है, पहला आध्यात्मिक आवश्यकता को पूरा करना और दूसरा, राम भक्ति को बढ़ावा देना. बैंक हर दिन दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहता है.

बैंक में अकाउंट खोलने की शर्तें

राम रमापति बैंक में देश-विदेश के लाखों भक्तों के हाथों से लिखे 19 अरब 45 करोड़ 35 लाख 25 हजार श्री रामनाम जमा हैं. लगभग 2 सालों में इस बैंक के अस्तित्व के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे. लगभग अपने 100 वर्ष के कार्य खंड में इस बैंक में 1.50 लाख से अधिक लोगों ने अपना खाता खोला है. इस बैंक में खाता खोलने के लिए कुछ शर्तों का पालन करना होता है जैसे, भक्त केवल सुबह 4 बजे से 7 बजे तक ही भगवान राम का नाम लिख सकते है और नाम ठीक 1.25 लाख बार लिखा जाना चाहिए. यह कार्य आठ महीने और दस दिनों के भीतर पूरा होना चाहिए.

काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित है बैंक

इस बैंक का संचालन सरकार नहीं, बल्कि भगवान राम के भक्त ही करते हैं. वाराणसी में विश्वनाथ मंदिर के करीब दुनिया का ये सबसे अनोखा बैंक स्थित है. बैंक का संचालन करने वाले आकाश मल्होत्रा ने बताया कि हर साल भक्तों की आस्था और विश्वास के कारण इस बैंक में रामनाम की पूंजी बढ़ती जा रही है.

97 साल पहले हुई थी बैंक की स्थापना

97 साल पहले राम रमापति बैंक की स्थापना दास छन्नू लाल ने हिमालय निवासी बाबा सतरामदास की प्रेरणा से इसे लोगों के कष्ठ और दुखों को दूर करने के लिए जनकल्याण के लिए शुरू किया था. कम समय में ही यह बैंक पूरे विश्व में एक अलग पहचान बन चुका है. इस अनुष्ठान को पूरा करने के लिए बैंक की तरफ से ही सादा कागज, कलम और दवात दी जाती है. इन सारी चीजों का प्रयोग करके ही सुबह सूर्य उदय से पहले इस अनुष्ठान को शुरू करना होता है.
 


बच्चे की फीस ने उड़ाए होश, पिता ने कहा - इतने में तो मेरी पूरी पढ़ाई हो गई

प्ले स्कूल, वह शुरुआती पाठशाल होती है जहां बच्चे खेलना, पढ़ना और बैठना सीखते हैं. ऐसे स्कूल की इतनी फीस किसी को भी हैरान कर सकती है.

Last Modified:
Saturday, 13 April, 2024
Play School

देश में आय दिन पढ़ाई के खर्चे में बढ़ोतरी देखने को मिलती रहती है. हालांकि, इसके बावजूद भी माता-पिता अपने बच्चों की अच्छी पढ़ाई के लिए वैसे सारे खर्च उठाने को तैयार रहते हैं. उनका सपना होता है कि पैसे कितने भी लगे बस उनके बच्चे कामयाब हो जाएं. इस दौरान कुछ ऐसे भी पैरेंट्स होते हैं,जो महंगी फीस देने में असमर्थ होते हैं. इसी बीच दिल्ली से एक हैरान कर देने वाला फीस का मामला सामने आया है. एक पिता ने अपने बच्चे को प्लेस्कूल में एडमिशन कराया है और उसकी उन्होंने फीस 4.3 लाख रुपये जमा की है. प्लेस्कूल की फीस की रसीद को उन्होंने सोशल मीडिया एक्स(X) पर शेयर किया है, जिसके बाद ये तस्वीर वायरल हो रही है.

सोशल मीडिया पर शेयर की अपनी पीड़ा

परेशान अभिभावक ने प्लेस्कूल की फीस की रसीद को सोशल मीडिया एक्स(X) पर शेयर करते हुए कहा कि छोटे-से बेटे की पढ़ाई पर खर्च हुई यह रकम उनकी पूरी स्कूली शिक्षा से ज्यादा है. यानी प्ले स्कूल में बच्चे की पढ़ाई पर एक साल में 4 लाख रुपये खर्च हुए उससे कम रकम में पिता की पूरी स्कूली पढ़ाई हो गई.

 

प्ले स्कूल में खेलने के लिए 4 लाख फीस

पिता आकाश कुमार द्वारा शेयर की गई तस्वीर में स्कूल का रजिस्ट्रेशन चार्ज और एनुअल फीस के अलावा, अन्य फीस का ब्रेकअप दिया गया. इस फीस ब्रेकअप के अनुसार, स्कूल ने रजिस्ट्रेशन शुल्क 10,000 रुपये, 25,000 रुपये का वार्षिक शुल्क, चार तिमाही अवधि के लिए 98,750 रुपये फीस का भुगतान करने को कहा गया. फीस की कुल राशि 4.3 लाख रुपये रही. आकाश कुमार ने तंज कसते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि इतनी फीस देने के बाद मेरा बेटा प्ले स्कूल में गेम खेलना सीखेगा.

वायरल पोस्ट पर लोगों ने दिया ऐसा रिएक्शन

आकाश कुमार के पोस्ट पर कई यूजर्स ने रिएक्शन दिया. हजारों लोगों ने इतने महंगे संस्थानों में प्रवेश लेने के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया. एक यूजर ने लिखा, क्यों डालना है ऐसे स्कूल में बच्चों को? शिक्षा कितनी अलग है? क्या फीस किसी अच्छी शिक्षा या पालन-पोषण की गारंटी देती है? यदि नहीं, तो क्या आप सिर्फ सुविधाओं के लिए भुगतान कर रहे हैं?, एक अन्य यूजर ने लिखा, सवाल यह है कि माता-पिता इन संस्थानों को क्यों चुनते हैं.

पहले भी आ चुके हैं कई मामले

हालाँकि, यह पहला मामला नहीं है जब किसी व्यक्ति को अपने बच्चे की शिक्षा के लिए इतनी बड़ी रकम खर्च करनी पड़ी हो. गुड़गांव के एक व्यक्ति ने हाल ही में बताया था कि वह अपने क्लास 3 में अपने बेटे की फीस के तौर पर प्रति माह 30,000 रुपये का भुगतान कर रहा. उसने अनुमान लगाया कि जब वह कक्षा 12 में पहुंचेगा तो यह राशि प्रति वर्ष 9 लाख रुपये तक पहुंच सकती है.
 


इस रियल Kerala Story में ऐसा क्या है, जो आम से लेकर खास तक हर कोई कर रहा तारीफ

सउदी अरब में केरल के एक व्यक्ति की जान बचाने के लिए राज्य के लोगों ने करोड़ों रुपये का चंदा जमा किया है. इस एकजुटता को देखते हुए केरल के मुख्यमंत्री ने जनता के प्रति आभार प्रकट किया है.

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Saturday, 13 April, 2024
Kerala Story

सऊदी अरब (Saudi Arabia) में मृत्युदंड की सजा पाने वाले कोझिकोड के एक व्यक्ति अब्दुल रहीम को बचाने के लिए केरल के लोगों ने कामलकर दिखाया है. रहीम को जेल से रिहा कराने और मृत्युदंड से बचाने के लिए लोगों ने चंदा जमा करके 34 करोड़ रुपये जुटाए हैं. रहीम को सजा से बचने के लिए 18 अप्रैल से पहले ब्लड मनी के तौर पर करीब 34 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. आपको बता दें, ब्लड मनी का मतलब सजा से बचने के लिए पीड़ित परिवार को धन का भुगतान करना होता है. केरल के लोगों की इस मानवता और एकजुटता के प्रति राज्य के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने भी आभार प्रकट किया  है.   

18 सालों से जेल में बंद है रहीम 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रहीम 18 साल से सउदी अरब की जेल में बद है. उस पर साल 2006 में सऊदी में एक लड़के की हत्या का आरोप है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अबदुल रहीम को सऊदी अरब में 2006 में एक दिव्यांग लड़के की दुर्घटनावश मौत के बाद जेल में डाल दिया गया था, अब्दुल उस लड़के की देखभाल करता था. रहीम के परिवार का कहना है कि उस लड़के की मौत एक दुर्घटना थी, उसमे रहीम की कोई गलती नहीं थी और वह बेकसूर है, लेकिन उस लड़के के परिजनों ने रहीम को माफी देने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद 2018 में रहीम को साऊदी अरब की कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी. रहीम की ओर से पेश एक्शन कमेटी की याचिका को सउदी अरहब की शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था. लेकिन बाद में परिवार रहीम को ब्लड मनी देने शर्त पर माफ करने को सहमत हो गया. ऐसे में अब केरल के लोगों को मानवता की मिसाल देते हुए रहीम की रिहाई के लिए फंड जुटा लिया है.

मुख्यमंत्री ने जताया केरल की जनता का आभार
राज्य के लोगों की भावना की तारीफ करते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन (Pinarayi Vijayan) ने कहा कि यह करुणा और सच्चाई की 'रियल केरल स्टोरी' है. उन्होंने कहा कि केरल को निशाना बनाने वाले नफरती अभियानों के बीच मलयाली लोगों की भावना उठ खड़ी हुई है. विजयन ने कहा कि सऊदी अरब में मौत की सजा का सामना कर रहे एक व्यक्ति अब्दुल रहीम की कहानी इसी प्रतिरोध का प्रतीक है. उसकी रिहाई के लिए 34 करोड़ करोड़ रुपये जुटाकर केरल के लोगों ने मानवता की मिसाल पेश की है. उन्होंने कहा कि इस मानवीय काम के लिए हाथ बंटाने वाले सभी लोगों का वह आभार व्यक्त करते हैं. एकजुट रहकर हम करुणा और सच्चाई की रियल केरल स्टोरी को साझा करना जारी रखेंगे. मुख्यमंत्री ने अपने एक्स हैंडल पर भी एक पोस्ट शेयर अब्दुल रहीम के लिए फंड इकट्ठा करने पर लोगों का आभार व्यक्त किया है.  

 

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UP के इस शख्स ने कार को बना दिया हेलीकॉप्टर, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही पोस्ट

यूपी के अंबेडकर नगर इलाके में एक शख्स ने अपनी कार को हेलीकॉप्टर बनाने में लाखों रुपये खर्च कर दिए. हालांकि पुलिस ने ये मोडिफाइड कार कॉप्टर जब्त करके शख्स पर जुर्माना लगा दिया है.  

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Saturday, 23 March, 2024
Car Copter

ऐसा कहा जाता है कि भारत देश में जुगाड़ू और क्रिएटिव लोगों की कोई कमी नहीं है. लोग अपने व्हीकल को अनोखा बनाने के लिए किसी भी हद तक गुजर जाते हैं, लेकिन यूपी में एक बहुत ही अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक शख्श ने अपनी कार को हेलीकॉप्टर में बदलने के लिए लाखों रुपये खर्च कर दिए. इस कार हेलीकॉप्टर (कारकॉप्टर) की फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है. वहीं, पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट के तहत शख्स का चालान भी काटा है.

इस व्यक्ति ने कार को हेलीकॉप्टर में बदला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूपी के अंबेडकर नगर स्थित खजूरी बाजार में रहने वाले ईश्वर दीन ने अपनी कार को हेलीकॉप्टर में बदलने के लिए 2.5 लाख रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए. ईश्वर की मॉडिफाइड कार में पीछे की तरफ एक हेलीकॉप्टर का टेल रोटर लगा हुआ है,  जिसकी वजह से वह एक हेलीकॉप्टर की तरह दिख रही थी.

सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही पोस्ट

अंबेडकर नगर पुलिस स्टेशन के बाहर खड़े उनके अनोखे क्रिएशन कार कॉप्टर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रहा है, जिस पर यूजर्स बड़ी तादाद में कमेंट भी कर रहे हैं. लोग फेसबुक, एक्स आदि प्लेटफॉर्म पर कार कॉप्टर की वीडियो और फोट शेयर करके लिख रहे हैं कि भारत में जुगाड़ की कोई सीमा नहीं है. ट्विटर पर @PaapiPunyatma यूजर ने यह पोस्ट शेयर की है और मजाक बनाते हुए लिखा है कि जुगाड़ की कोई सीमा नहीं है और लिखा है कि इस कारकॉप्टर बनाने वाले आदमी के टैलेंट की कोई पूछ नहीं है. इस पोस्ट पर लोगों से खूब कमेंट किए हैं.  

'कार कॉप्टर' पर  लगा इतना जुर्माना
ईश्वर अपनी 'कार कॉप्टर' को पेंट कराने के लिए एक वर्कशॉप की ओर जा रहे थे, तभी एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी की नजर उनके इस अनोखे क्रिएशन पर पड़ी और उसने अनऑथराइज्ड मॉडिफिकेशन के लिए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत उन पर 2000 रुपये का जुर्माना लगा दिया. उनके व्हीकल को पुलिस ने जब्त कर लिया और बाद में जुर्माना देने पर छोड़ दिया.

शख्स ने ये दी सफाई

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ईश्वर ने बताया है कि उसने  शादी के मौसम के दौरान ज्यादा बुकिंग पाने के लिए अपनी कार को ये अनोखा रूप दिया, जिससे ज्यादा कमाई हो सके. उन्होंने पुलिस को अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनका ये अनोखा 'रथ' केवल शादियों के मौसम में इस्तेमाल करने लिए लिए बनाया गया था न कि सड़कों पर नियमित तौर पर चलाने के लिए बनाया था. 


बोनस हुआ पुरानी बात, इस कंपनी ने कर्मचारियों के नाम कर दी इतने % हिस्सेदारी 

एक टेक्नोलॉजी फर्म ने अपने कर्मचारियों के नाम कुछ हिस्सेदारी करने के साथ ही लंबे समय से कंपनी के साथ जुड़े हुए कर्मचारियों को कार देने का भी ऐलान किया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 03 January, 2024
Last Modified:
Wednesday, 03 January, 2024
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ऐसे वक्त में जब कंपनियां कॉस्ट कटिंग के नाम पर कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं या फिर सैलरी बढ़ाने में कंजूसी कर रही हैं, टेक्नोलॉजी फर्म आइडियाज 2आईटी (Ideas2IT Technologies) ने एक अभूतपूर्व उदाहरण पेश किया है. करीब 100 मिलियन डॉलर के स्वामित्व वाली इस कंपनी ने 33% हिस्सेदारी कर्मचारियों को हस्तांतरित करने की घोषणा की है. इसके अलावा भी कंपनी ने बहुत कुछ ऐसा किया है, जिससे कर्मचारियों के चेहरे खिल गए हैं. 

50 कर्मचारियों को मिलेंगी कार
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Ideas2IT Technologies ने एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए घोषणा की है कि 100 मिलियन डॉलर की कंपनी के स्वामित्व का 33% हिस्सा उसके कर्मचारियों को हस्तांतरित किया जाएगा. कंपनी की 33% हिस्सेदारी में से 5% चालीस ऐसे चुनिंदा कर्मचारियों को दिया जाएगा, जो इसकी स्थापना के बाद से फर्म के साथ हैं. जबकि, शेष 700 अन्य कर्मियों के बीच वितरित किए जाएंगे. इसके अलावा, कंपनी उन 50 कर्मचारियों को कारें भी दे रही है, जिन्होंने फर्म में पांच साल से अधिक समय पूरा कर लिया है.

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2009 में हुई थी स्थापना
आइडियाज2आईटी के संस्थापक मुरली विवेकानंदन का कहना है कि 2009 में शुरू हुई हमारी कंपनी अब 100 मिलियन डॉलर की कंपनी बन गई है और हम अपनी खुशी कर्मचारियों के साथ साझा करना चाहते हैं. यह हमारे वेल्थ-शेयरिंग इनिशिएटिव का हिस्सा है. हमारे भारत, अमेरिका और मैक्सिको में कुल 750 कर्मचारी हैं. हमारा यह प्रयास एक मजबूत सहयोगी कॉर्पोरेट संस्कृति निर्मित करने में मददगार होगा. मुरली विवेकानंदन इससे पहले, सन, ओरेकल और गूगल सहित अन्य कंपनियों में काम कर चुके हैं.

चुन सकेंगे मनपसंद कार 
कंपनी के अनुसार, यह 'कर्मचारी स्वामित्व कार्यक्रम' (Employee Ownership Programme) कर्मचारियों को मूल्यवान हितधारक बनाएगा, जिससे उनके हित सीधे कंपनी की दीर्घकालिक सफलता के साथ जुड़ जाएंगे. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कंपनी ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि वह 8-15 लाख रुपए की कीमत वाली मारुति सुजुकी की अपनी पसंदीदा कार चुन सकते हैं. कार पूरी तरह से संबंधित कर्मचारी के नाम पर पंजीकृत की जाएगी, इसमें कोई शर्त नहीं होगी और कर्मचारी को किसी भी तरह का खर्चा नहीं करना होगा. फर्म का कहना है कि इस बार केवल 50 कारें ही दी जा रही हैं, क्योंकि 100 कारें ऐसे कर्मचारियों को पहले ही दी जा चुकी हैं, जिन्होंने 2022 तक कंपनी में 5 साल पूरे कर लिए थे.
 


बच्चे की नोटबुक से पन्ना मांगकर CFO ने लिखा इस्तीफा, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल!

अपने अनोखेपन की वजह से रिंकू पटेल का इस्तीफा फिलहाल सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हो रहा है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 22 December, 2023
Last Modified:
Friday, 22 December, 2023
Rinku patel resignation letter

वैसे तो जब भी किसी नामी कंपनी में महत्त्वपूर्ण पद पर बैठा कोई व्यक्ति इस्तीफा देता है तो बिजनेस जगत में यह एक जरूरी खबर बन जाती है, लेकिन फिलहाल सोशल मीडिया पर एक व्यक्ति का इस्तीफा पत्र काफी सुर्खियां बटोर रहा है और इसकी वजह जानकार आप हैरान रह जायेंगे. यह पत्र किसी ई-मेल या फिर एक आधिकारिक पत्र नहीं है बल्कि यह पत्र नोटबुक के एक पन्ने पर लिखा गया है. 

लोगों को नहीं हो रहा विश्वास
दरअसल हम यहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) पर लिस्टेड एक कंपनी के पूर्व चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर (CFO), रिंकू पटेल के इस्तीफे के पत्र के बारे में बात कर रहे हैं. अपने अनोखेपन की वजह से रिंकू पटेल का इस्तीफा फिलहाल सोशल मीडिया पर काफी चर्चित हो रहा है. इन्टरनेट और ई-मेल से भरे जमाने में रिंकू ने हाथ से लिखकर अपना इस्तीफा मितिशी इंडिया (Mitishi India) को सौंपा है और लोगों को अभी भी विश्वास नहीं हो पा रहा है कि आज के समय में ऐसा भी हो सकता है. आपको बता दें कि रिंकू पटेल, मितिशी इंडिया में चीफ फाइनेंशियल अफसर के पद पर तैनात थे और उन्होंने नोटबुक के पन्ने पर हाथ से लिखकर अपना इस्तीफा पेश किया है. 

क्यों इतना खास है यह पत्र?
इस्तीफे के पत्र का यहां हाथ से लिखा होना भी लोगों को उतना नहीं चौंका रहा जितना कि ये बात कि आखिर यह पत्र किस चीज पर लिखा गया है. आमतौर पर आधिकारिक पत्र हमें ए4 साइज के प्लेन कागज पर लिखे हुए देखने को मिलते हैं लेकिन रिंकू पटेल का इस्तीफा लाइन वाले एक पन्ने पर लिखा गया है और उससे भी कमाल की बात ये है कि यह इस्तीफा जिस पन्ने पर लिखा गया है वह बच्चों की नोटबुक का पन्ना ही मालूम होता है. इस पत्र पर 15 नवंबर की  तारिख अंकित है और इस पत्र में रिंकू ने कहा है कि वह निजी कारणों की वजह से कंपनी के CFO के पद से फौरन इस्तीफा देना चाहते हैं. इस पत्र की एक कॉपी 21 दिसंबर को BSE की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा की गई थी और वहीं से इसने सोशल मीडिया तक अपनी जगह बनाई है. 

कैसे वायरल हुआ पत्र?
इस पत्र को मीडिया के एक सदस्य के द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया गया था और यह पत्र यहीं से वायरल हो गया. पत्र की एक फोटो साझा करते हुए शख्स ने लिखा कि इस CFO ने अपने बच्चे की रफ नोटबुक से एक पन्ना उधार मांगकर उस पर अपना इस्तीफा लिख दिया और उसे BSE लिस्टेड कंपनियों की आधिकारिक वेबसाइट पर साझा कर दिया. कुछ यूजर्स ने इस फोटो पर चुटकी लेते हुए कहा कि ‘वैसे हैंडराइटिंग अच्छी है और लगता है कि खुद बच्चे ने ही यह पत्र लिखा है. एक अन्य यूजर ने कहा कि 20 करोड़ की मिड-कैप अंपनी है और मेरे पड़ोसी ऐसे घरों में रहते हैं जो इससे महंगे हैं तो शायद रफ नोटबुक के पन्ने वाली बात सही है.
 

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हजारों फीट की ऊंचाई पर पति-पत्नी में हुई लड़ाई, विमान की करानी पड़ गई इमरजेंसी लैंडिंग

विमान में सवार अन्य यात्री और क्रू सदस्यों ने पति-पत्नी को समझाने की लाख कोशिश की, लेकिन दोनों में से कोई सुनने को तैयार नहीं था.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 29 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 29 November, 2023
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पति-पत्नी के बीच झगड़ा आम बात है. हालांकि, कुछ झगड़े इतने बड़े हो जाते हैं कि क्या कहने. रेमंड के मालिक गौतम सिंघानिया और उनकी पत्नी नवाज मोदी (Gautam Singhania & Nawaz Modi) के झगड़े की चर्चा पूरे देश में है. इस झगड़े ने रेमंड के निवेशकों को परेशान कर रखा है. इस बीच, एक और झगड़े की खबर सामने आई है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. हालांकि, चर्चा की वजह झगड़ने वालों का रसूख नहीं बल्कि झगड़े का समय और स्थान है. अब बातों को ज्यादा गोल-गोल घुमाने की वजह हम सीधे मुद्दे पर आते हैं. पति-पत्नी के बीच यह झगड़ा उड़ते विमान में हुआ और इसके चलते विमान में सवार हर व्यक्ति की जान पर बन आई. 

बैंकॉक जा रही थी फ्लाइट
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पति-पत्नी के बीच हुए झगड़े के चलते फ्लाइट की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. दरअसल, म्युनिख से बैंकॉक के बीच उड़ान भर रहे लुफ्थांसा के विमान में मौजूद दंपत्ति के बीच शुरू हुई कहासुनी इतनी बढ़ गई कि विमान को दिल्ली डायवर्ट करना पड़ा. झगड़ा जब हद से ज्यादा बढ़ गया, तो लुफ्थांसा की फ्लाइट संख्या LL 772 के पायलट ने ATC से संपर्क कर स्थिति की जानकारी दी और इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) पर उतरने की अनुमति मांगी. इसके बाद आज सुबह 10.26 बजे विमान ने एयरपोर्ट पर लैंडिंग की.

पाक ने नहीं दी अनुमति 
विमान में एक जर्मन व्यक्ति और उसकी थाई पत्नी के बीच शुरू हुई कहासुनी ने थोड़ी ही देर में गंभीर रूप अख्तियार कर लिया. पत्नी ने पहले अपने पति के बर्ताव को लेकर पायलट से शिकायत की. उसने कहा कि उसे धमकाया जा रहा है. इसके बाद दोनों पागलों की तरह झगड़ने लगे. विमान में सवार अन्य यात्री और क्रू मेंबर्स ने उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन दोनों कुछ सुनने को तैयार नहीं थे. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पायलट ने पहले पाकिस्तान में लैंडिंग की इजाजत मांगी, लेकिन परमिशन नहीं मिली. इस पर पायलट ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से संपर्क किया और अनुमति मिलने के बाद विमान की इमरजेंसी लैंडिंग हो सकी.

सिक्योरिटी को सौंपे आरोपी
रिपोर्ट्स में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि पति-पत्नी के बीच पहले बहस हुई, जो देखते ही देखते झगड़े में बदल गई. जब दोनों को समझाने की सभी कोशिशें नाकाम हो गईं तो अन्य यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विमान को डायवर्ट करने का फैसला लिया गया. दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंडिंग के बाद आरोपियों को विमान से उतारकर एयरपोर्ट सिक्योरिटी के हवाले कर दिया गया. हालांकि, इस पूरे मामले में अब तक Lufthansa एयरलाइन की ओर से कोई बयान नहीं आया है. 


Apple ने किया ब्लंडर, iPhone 15 किया था ऑर्डर शख्स को मिला एंड्राइड फोन!

शख्स ने Apple की वेबसाइट से iPhone 15 आर्डर किया लेकिन जब फोन उसके पास पहुंचा तो कुछ ऐसा हुआ जिसकी उसे उम्मीद तक नहीं थी.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 15 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 15 November, 2023
IPHONE

कभी-कभी कुछ वाकये ऐसे होते हैं जो हमें चौंकाकर रख देते हैं. हाल ही में ऐसी ही एक अजीबो-गरीब घटना ब्रिटेन से सामने आ रही है. आपने ऐसी बहुत सी घटनाएं सुनीं होंगी जिनमें लोग ई-कॉमर्स वेबसाइट से एप्पल (Apple) के स्मार्टफोन ऑर्डर करते हैं लेकिन उन्हें साबुन की टिकिया या फिर कोई और ही सामान मिलता है, लेकिन अगर कोई शख्स एप्पल की वेबसाइट से स्मार्टफोन ऑर्डर करे और उसे एप्पल का iPhone नहीं बल्कि एंड्राइड फोन मिले तो? 

iPhone 15 की जगह पहुंचा एंड्राइड फोन
आपको शायद ही इस बात का विश्वास हो क्योंकि हम दुनिया की सबसे टॉप स्मार्टफोन कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट की बात कर रहे हैं. दरअसल हुआ यूं कि ब्रिटेन में रहने वाले एक शख्स ने हाल ही में एप्पल की आधिकारिक वेबसाइट से iPhone 15 आर्डर किया था लेकिन जब इस शख्स के पास फोन की डिलीवरी पहुंची तो उस शख्स के साथ कुछ ऐसा हुआ जिसकी उम्मीद उसे दूर-दूर तक नहीं थी. दरअसल इस शख्स को एप्पल का iPhone 15 तो नहीं मिला लेकिन iPhone 15 की शक्ल में छुपाया हुआ एक एंड्राइड फोन जरूर मिला.

iPhone 15 की नकल
फोन मंगाने वाले शख्स को अचानक ही तब इस फोन के बारे में शक होने लगा जब उसने इस स्मार्टफोन को डब्बे से बाहर निकालना शुरू किया. सबसे पहले तो स्मार्टफोन पर एक स्क्रीन प्रोटेक्टर लगा हुआ था. इसके बाद जांच में सामने आया कि किसी भी क्षेत्र में लाइट जल रही है. इसके साथ ही फोन को सेटअप करने की प्रक्रिया अपर भी शख्स को थोड़ा शक हुआ और आखिरकार जब कस्टमर ने फोन को स्विच ऑन किया तब उसका शक सही निकला और उसे पता चला कि उसे एप्पल का एक नकली फोन प्राप्त हुआ है. शख्स ने अपना यह अनुभव Reddit पर साझा किया है. 

मामले की पेंचीदा बातें
वैसे तो इस पूरे मामले में बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो परेशान कर सकती हैं लेकिन इन सभी चीजों में सबसे प्रमुख बात ये है कि कस्टमर को प्राप्त हुआ फोन पूरी तरह से iPhone 15 जैसा दिखता है. इसके साथ ही एक अन्य चीज जो काफी परेशान कर सकती है वो ये है कि इस फोन को किसी थर्ड पार्टी वेबसाइट से नहीं, किसी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से नहीं बल्कि सीधा एप्पल की आधिकारिक वेबसाइट से मंगवाया गया था. इतना ही नहीं, इस नकली फोन में एप्पल के सारे आधिकारिक ऐप भी मौजूद थे.
 

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अमेरिका जाने की तलब में गिरफ्तार हुए 90,000 भारतीय, अमेरिकी एजेंसी का खुलासा!

अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच लगभग 96,917 भारतीय लोगों को अमेरिका में घुसते हुए गिरफ्तार किया गया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 03 November, 2023
Last Modified:
Friday, 03 November, 2023
American Border

अमेरिका दुनिया के सबसे विकसित और ताकतवर देशों में से एक है और लगभग हर भारतीय नागरिक चाहता है कि वह एक बार तो अमेरिका जरूर जाए. वहीँ, अगर अमेरिका में जीवन बिताने का मौका मिले तो शायद ही कोई इंसान होगा जो इस मौके को ठुकरा दे. विदेश जाने की इच्छा रखने वाले भारतीय लोगों के लिए भी अमेरिका पहली पसंद होता है. हाल ही में अमेरिकी एजेंसी द्वारा एक ऐसा खुलासा किया गया है जिसे सुनकर आप हैरान रह जायेंगे. 

5 साल में 5 गुना ज्यादा लोग हुए गिरफ्तार
अमेरिका की कस्टम और बॉर्डर सुरक्षा एजेंसी UCBP (US कस्टम्स एवं बॉर्डर प्रोटेक्शन) द्वारा जारी किये गए डेटा की मानें तो अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच लगभग 96,917 भारतीय लोगों को गैर कानूनी तौर पर अमेरिका में घुसते हुए गिरफ्तार किया गया है. अगर पिछले सालों को देखें तो यह आंकडा काफी भयानक नजर आता है क्योंकि गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में घुसने की कोशिश में गिरफ्तार हुए भारतीय लोगों की संख्या में लगभग 5 गुना इजाफा हुआ है. साल 2019-2020 के बीच गैर कानूनी तरीके से अमेरिका में प्रवेश करने के चलते लगभग 19,883 भारतीय लोग गिरफ्तार हुए थे. साल 2020-21 के बीच यह संख्या 30,662 भारतीय लोगों तक पहुंच गई थी, वहीं इसके बाद साल 2021-22 में यह आंकड़ा 63,927 भारतीय लोगों तक जा पहुंचा था. 

Canada के बॉर्डर पर भी पकड़े गये भारतीय
अक्टूबर 2022 से सितंबर 2023 के बीच गिरफ्तार हुए 96,917 भारतीय लोगों में से 30,010 लोगों को कनाडा के बॉर्डर पर और 41,770 लोगों को मैक्सिको के बॉर्डर पर गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तार किये गए लोगों को AM (नाबालिगों के साथ), FMUA (एक परिवार की इकाई में मौजूद व्यक्ति), अकेले व्यस्क और बिना किसी व्यस्क के बच्चों जैसी 5 विभिन्न श्रेणियों में बांटा गया है. गिरफ्तार किये गए लोगों में सबसे बड़ी संख्या अकेले वयस्कों की है. वित्त वर्ष  2023 के दौरान लगभग 84,000 भारतीय व्यस्क अमेरिका में गैर कानूनी रूप से घुसने के प्रयास में गिरफ्तार हुए थे और साथ ही 730 बच्चे ऐसे हैं जिनके साथ कोई भी व्यस्क नहीं है. 

इन कारणों से अमेरिका बना भारतीयों की पहली पसंद
जैसा कि हमने ऊपर कहा कि अमेरिका दुनिया के सबसे आधुनिक और विकसित देशों में से एक है, लेकिन हम 5 ऐसे कारण लेकर आये हैं जिनकी बदौलत अमेरिका भारतीय लोगों की पहली पसंद बन गया है. 

    ज्यादा सैलरी: हर आदमी अपने पेशे में ज्यादा पैसे कमाना चाहता है और अमेरिका में भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा सैलरी और मजदूरी मिलती है और इसीलिए ज्यादातर भारतीय लोग अमेरिका जाकर अपने वित्तीय मौकों में बढ़ोत्तरी करना चाहते हैं. इसके साथ ही आपको बता दें कि अमेरिका में मजदूरी भी भारत से ज्यादा मिलती है. 

    बेहतर करियर: अमेरिका में बहुत सारी विभिन्न इंडस्ट्रीज मौजूद हैं और इसीलिए करियर के मौके भी ज्यादा और ज्यादा बेहतर हैं. इसके साथ ही अमेरिका में उद्यम के लिए भी काफी अनुकूल माहौल है और वहां इनोवेशन को ज्यादा महत्त्व दिया जाता है जिससे अमेरिका लोगों की पहली पसंद बन जाता है. 

    बेहतर शिक्षा: शिक्षा बहुत ही जरूरी उपकरण है और इसीलिए हर व्यक्ति ज्यादा बेहतर शिक्षा प्राप्त करना चाहता है. क्योंकि अमेरिका एक विकसित देश है इसलिए यहां पर बहुत से शानदार विश्वविद्यालय और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट मौजूद हैं, जिन्हें दुनिया भर में अपनी काबिलियत के लिए जाना जाता है और इसीलिए उच्च शिक्षा प्राप्त करने की इच्छा रखने वाले भारतीय विद्यार्थियों के लिए अमेरिका पहली पसंद बन जाता  है. 

    बिजनेस एवं उद्यम: जैसा की हमने आपको बताया कि अमेरिका में इनोवेशन को ज्यादा महत्त्व दिया जाता है और इसीलिए अमेरिका में बिजनेस का वातावरण काफी जबरदस्त है और अमेरिका आपके बिजनेस के लिए शानदार इंफ्रास्ट्रक्चर भी उपलब्ध करवाता है. साथ ही वेंचर कैपिटल तक बेहतर पहुंच की वजह से कारोबार करने की इच्छा रखने वाले लोगों के लिए भी अमेरिका पहली पसंद बन जाता है. 

    जीवन की बेहतर क्वालिटी: पैसे कमाने के साथ-साथ अच्छी और क्वालिटी लाइफ भी कई लोगों का सपना होती है. अमेरिका क्योंकि एक विकसित देश है इसलिये यहां आपको हेल्थकेयर, इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य सुविधाओं तक ज्यादा बेहतर पहुंच मिलती है और इसलिए भी अमेरिका बहुत से लोगों की पहली पसंद बन जाता है. 
 

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क्या है White Hydrogen जिससे नहीं होता प्रदूषण; ग्रीन हाइड्रोजन से बेहतर है ये विकल्प?

White Hydrogen भी हाइड्रोजन का ही एक प्रकार है और इसका इस्तेमाल भी इंधन के रूप में किया जा सकता है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 02 November, 2023
Last Modified:
Thursday, 02 November, 2023
White Hydrogen

क्या आप जानते हैं, ईंधनों का एक प्रकार ऐसा भी है जिससे बिलकुल भी प्रदूषण नहीं होता है? इतना ही नहीं, इंधन के इस प्रकार को न तो लैब में बनाया जाता है और न ही इसे इंडस्ट्री में बनाया जाता है यह प्राकृतिक रूप से ही बनता है जमीन की सतह पर यह जमीन के नीचे मौजूद होता है. हम वाइट हाइड्रोजन (White Hydrogen) के बारे में बात कर रहे हैं. 

यहां मिला White Hydrogen का भंडार
वाइट हाइड्रोजन (White Hydrogen) भी हाइड्रोजन का ही एक प्रकार है और इसका इस्तेमाल भी इंधन के रूप में किया जा सकता है. हर प्रकार के इंधन के इस्तेमाल से किसी न किसी तरह कार्बन का उत्सर्जन होता ही है और इसकी वजह से प्रदूषण भी होता है. लेकिन वाइट हाइड्रोजन के इस्तेमाल से कार्बन का उत्सर्जन नहीं होता है और इसीलिए इसे ग्रीन हाइड्रोजन (Green Hydrogen) से भी ज्यादा बेहतर विकल्प माना जाता है. साथ ही आपको बता दें कि ग्रीन हाइड्रोजन, पानी का इलेक्ट्रोलीज करके बनाया जाता है लेकिन वाइट हाइड्रोजन प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होता है. हाल ही में फ्रांस में वाइट हाइड्रोजन (White Hydrogen) का काफी बड़ा भंडार पाया गया है.

जलवायु के लिए बेहतर है White Hydrogen
वाइट हाइड्रोजन (White Hydrogen) को ग्रीन हाइड्रोजन से विभिन्न होने के कारण यह नाम मिला है. क्योंकि वाइट हाइड्रोजन प्राकृतिक रूप से उपलब्ध होता है इसीलिए इसे जलवायु के लिए काफी अच्छा माना जाता है और इसे प्राकृतिक हाइड्रोजन (Natural Hydrogen) के नाम से भी जाना जाता है. फ्रांस में मिला वाइट हाइड्रोजन का भंडार, दुनिया भर के सबसे बड़े भंडारों में से एक है और वैज्ञानिकों का मानना है कि जलवायु संकट से निपटने में वाइट हाइड्रोजन काफी बड़ी भूमिका निभा सकता है. 

6 से 250 मिलियन मीट्रिक टन White Hydrogen
जैक्स पिरोनोन और फिलिप डी डोनाटो जमीन के भीतर मौजूद फॉसिल फ्यूल तलाश रहे थे और इसी दौरान उन्हें वाइट हाइड्रोजन की प्राप्ति हुई. वैज्ञानिकों का कहना है कि फ्रांस में मिले हाइड्रोजन के भंडार में 6 मिलियन से 250 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन हो सकता है. वाइट हाइड्रोजन के विपरीत भूरा हाइड्रोजन या फिर ग्रे हाइड्रोजन फॉसिल यानी जीवाश्म से उत्पन्न होते हैं.
 

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