RBI ने वापस लिया 2 हजार का नोट , 30 सितंबर तक बैंक में जमा कराने का मिलेगा मौका

RBI ने ये फैसला क्‍लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया है, 2000 रुपये के नोट को आम आदमी 30 सितंबर तक बैंक में जमा कर सकता है.

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Friday, 19 May, 2023
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देश में हुई नोटबंदी के बाद अब भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को लेकर बड़ा फैसला किया है. रिजर्व बैंक के अनुसार 2000 रुपये का नोट अब लीगल टेंडर नहीं रहेगा. रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को सूचना जारी की है कि वो अब 2000 रुपये का नोट जारी न करे. आरबीआई ने इसे सर्कुलेशन से बाहर कर दिया है. आरबीआई ने ये फैसला क्‍लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया है. अगर आपके पास भी 2000 रुपये का नोट है तो आप उसे 30 सितंबर तक बैंक में जमा कर सकते हैं. हालांकि आरबीआई ने ये भी कहा है कि ये फिलहाल लीगल टेंडर रहेगा. 

कब से शुरु होगी नोट जमा कराने की प्रक्रिया 
आरबीआई की ओर से दी गई सूचना के अनुसार नोटों को जमा कराने की प्रक्रिया 23 मई से शुरू होगी. 23 मई से लोग अलग-अलग बैंकों में जमा करा सकते हैं. आप एक बार में 20000 रुपये तक नोट बैंक से वापस ले सकते हैं. हालांकि आरबीआई की ओर से ये भी कहा गया है कि इन नोटों को लाने का मकसद उस दिन पूरा हो गया था जिस दिन दूसरी वैल्‍यू के बैंक नोट आम आदमी के लिए आसानी से सुलभ हो गए थे. 

2018-19 में ही बंद हो गई थी नोटों की छपाई 
आरबीआई की ओर से जारी की गई रिलीज में साफ तौर पर कहा गया है कि 2000 रुपये के नोटों की छपाई 2018-19 में ही बंद कर दी गई थी. 2000 के 89 फीसदी से ज्‍यादा नोट वर्ष 2017 से पहले ही जारी किए जा चुके हैं. आरबीआई की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार  31 मार्च 2018 को बाजार में 6.73 लाख करोड़ के 2000 रुपये के नोट सर्कूलेशन में थे जोकि 31 मार्च 2023 तक 3.62 लाख करोड़ रुपये के स्‍तर तक आ गए थे. आरबीआई ने ये भी बताया है कि मौजूदा सर्कुलेटेड करेंसी का केवल 10.8 फीसदी है.आरबीआई ने ये भी कहा है कि मौजूदा समय में 2000 के नोटों का इस्‍तेमाल कम ही देखा जा रहा है. 

बैंकों में ना लगे भीड़ 
आरबीआई की ओर से इस बार कई तरह की विशेष जानकारी दी गई है.सेंट्रल बैंक ने कहा है कि कोई भी व्‍यक्ति बैंक जाकर वहां जाकर नोटों को या तो जमा करा सकता है या फिर एक्‍सचेंज कर सकता है. लेकिन ये प्रक्रिया 23 मईै से शुरू होगी. आरबीआई की ओर से दी गई इस स्‍पष्‍ट जानकारी का मकसद ये है कि आप बैंकों में किसी तरह की भीड़ ना लगाएं. 
 


RBI के पास जमा 78,213 करोड़ लावारिस रुपये में कहीं आपका हिस्सा तो नहीं, जानिए कैसे मिलेगा क्लेम?

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की रिपोर्ट के अनुसार बैंकों में दावा न किए गए जमा राशि में पिछले साल की तुलना में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो मार्च 2024 के अंत तक 78,213 करोड़ रुपये हो गई. 

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Friday, 26 July, 2024
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देश के अलग-अलग बैंकों में आज भी हजारों करोड़ रुपये लावारिस जमा हैं. इन रुपयों का मालिक कौन है? कहीं इन रुपयों में आपका भी हिस्सा तो नहीं है? दरअसल, कुछ लोग अपने रुपयों और बैंक खाते की जानकारी परिवार से साझा नहीं करते हैं, ऐसे लोगों का जमा पैसा बैंक में ही पड़ा रह जाता है, क्योंकि कोई उन रुपयों पर दावा नहीं करता. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ है, तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. आज हम आपको बताएंगे कि इस न दावे वाली राशि के लिए आप कैसे क्लेम कर सकते है?

आरबीआई के पास जमा है इतने रुपये
आरबीआई द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार बैंकों में दावा न किए गए जमा राशि में पिछले साल की तुलना में 26 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है, जो मार्च 2024 के अंत तक 78,213 करोड़ रुपये हो गई. मार्च 2023 के अंत तक डिपॉजिटर एजुकेशन और अवेयरनेस फंड में जमा राशि 62,225 करोड़ रुपए थी. बता दें, सहकारी बैंकों सहित अन्य बैंक 10 या उससे अधिक वर्षों से खातों में पड़ी दावा न की गई जमा राशियों को आरबीआई के डिपॉजिटर एजुकेशन और अवेयरनेस फंड में ट्रांसफर कर देत हैं.

क्या है डिपॉजिटर एजुकेशन और अवेयरनेस फंड?
भारतीय रिजर्व बैंक ने साल 2014 में Depositor Education and Awareness Fund (DEAF) की स्थापना की थी. असल में बैंकों के पास ऐसी राशि हमेशा से चिंता का कारण रही हैं, जिनका कोई दावेदार नहीं है. लोगों ने पैसा जमा किया और भूल गए. वहीं, परिवार में भी किसी को बताया नहीं और असमय दुनिया से चले गए. ऐसी राशि के लिए आरबीआई ने इस फंड की स्थापना की. इस फंड की स्थापना से सार्वजनिक और निजी, दोनों ही क्षेत्र के बैंकों की इन रुपयों को लेकर होने वाली चिंता का समाधान हो गया. अब बैंक आरबीआई की ओर से तय गाइड लाइन के अनुसार लावारिस रकम को इस फंड में जमा कर रहे हैं और जब भी कोई दावेदार सामने आता है, तो उसे वो राशि वापसी कर देते हैं. 

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ऐसे कर सकते हैं क्लेम
1. सभी बैंक को नाम और पते के साथ निष्क्रिय खातों और दावा न किए गए खाते की सूची जारी करते हैं.
2. किसी भी सूची में आपका नाम है या नहीं. यह जानने के लिए हर बैंक की वेबसाइट देखें.
3. यदि आपको अपना, या किसी रिश्तेदार का नाम मिलता है, तो बैंक की निकटतम शाखा में जाएं और इसे भरें, हस्ताक्षर करें और क्लेम फॉर्म जमा करें.
4. केवाईसी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज जमा करें.
5. यदि खाताधारक की मृत्यु हो गई है और कोई पंजीकृत नामांकित व्यक्ति नहीं है, या यदि पंजीकृत नामांकित व्यक्ति की भी मृत्यु हो गई है, तो लाभार्थी द्वारा वसीयत के अनुसार या उत्तराधिकार प्रमाण पत्र या प्रोबेट, और नोटरीकृत मृत्यु प्रमाण पत्र प्रदान करके क्लेम किया जा सकता है.
6. यदि राशि बड़ी है, तो कुछ बैंकों को परिवार के सभी सदस्यों से अनापत्ति प्रमाण पत्र की भी आवश्यकता हो सकती है.
7. बैंक द्वारा सभी दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद, राशि, ब्याज सहित, यदि कोई हो, दावेदार को ट्रांसफर कर दी जाएगी.
8. क्लेम करने की कोई समय सीमा नहीं है, लेकिन बैंकों को ऐसे दावों के अनुरोधों को सभी सहायक दस्तावेजों के साथ दायर किए जाने के 15 दिनों के भीतर निपटान करना आवश्यक है.

 


आलू की बढ़ती कीमतों से सरकार अलर्ट, बनाया प्लान, इस देश से मंगाने की तैयारी

देश में आलू की कीमतों पर सप्लाई कम होने से हर साल के अंतिम दो महीनों में तेजी आती है, लेकिन इस बार उत्पादन प्रभावित होने से पहले से ही असर दिखने लगा है.

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Friday, 26 July, 2024
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दालें और हरी सब्जियों की महंगाई ने आम आदमी के किचन का बजट बिगाड़ दिया है. सबसे ज्यादा असर आलू, प्याज और टमाटर की कीमतों पर पड़ा है. सरकार ने इस स्थिति से निपटने के लिए एक योजना बनाई है. इसके तहत, जल्द ही आपके किचन में भूटान का आलू देखने को मिल सकता है. आलू की बढ़ती कीमतों को काबू में लाने के लिए सरकार भूटान से आलू के आयात को बढ़ाने पर विचार कर रही है. इससे आलू की कीमतों में कमी आएगी और लोगों को सस्ता आलू मिलेगा.

महंगाई रोकने के लिए प्लान

ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार को लग रहा है कि देश में आलू के कम उत्पादन के कारण कीमतें तेज बनी रह सकती हैं. ऐसे में सरकार कीमतों में नरमी लाने के लिए विभिन्न उपायों पर गौर कर रही है. रिपोर्ट में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि सरकार पड़ोसी देश भूटान से आलू मंगाने की मंजूरी दे सकती है. अन्य देशों से भी आलू का आयात करने पर विचार किया जा सकता है.

आलू आयात पर मिल सकती है मंजूरी

सरकारी अधिकारी के अनुसार, सरकार व्यापारियों को फिलहाल छोटे-छोटे अमाउंट में आलू का आयात करने की मंजूरी दे सकती है. सरकार ने पिछले साल भूटान से आलू खरीदने की मंजूरी दी थी. इसके साथ ही अधिकारी ने कहा कि सरकार जल्द ही व्यापारियों को छोटी मात्रा में स्टेपल आयात करने की अनुमति देगी. आलू के प्रमुख उत्पादक राज्यों जिनमें पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश शामिल हैं यहां मौसम की मार के कारण ख़राब हुई मौसम संबंधी क्षति के कारण इस साल उत्पादन प्रभावित हुआ, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी हुई.

इतना रह सकता है आलू का उत्पादन

भारत आलू का उत्पादन करने के मामले में दुनिया में दूसरे नंबर पर है. आलू के उत्पादन के मामले में भारत से आगे सिर्फ चीन है. पिछले साल भारत में 60.14 मिलियन टन आलू का उत्पादन हुआ था. इस साल आलू का उत्पादन कम रहने की आशंका है. कृषि मंत्रालय के पहले एडवांस एस्टिमेट के अनुसार, इस साल देश में आलू का उत्पादन लगभग 58.99 मिलियन टन रह सकता है. देशभर में फ़िलहाल आलू की कीमतें 50 रुपए के नीचे हैं. दिल्ली की आजादपुर मंडी में आलू की कीमतें 40 रुपए किलो पर हैं. वहीं, नोएडा में आलू की कीमतें 44 रुपए किलो के करीब हैं.

मौसम से प्रभावित हुई है आलू की फसल

दरअसल खराब मौसम के चलते पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में आलू की फसल प्रभावित हुई है. इसके चलते आलू के दाम भी प्याज और टमाटर की तरह बढ़ने लगे हैं. टमाटर, प्याज और आलू की महंगाई बढ़कर 48.4 फीसदी पर पहुंच चुकी है. ऐसी आशंका है कि आलू की कीमतें लगातार तेज हो सकती हैं और अक्टूबर से बाजार में उसकी कमी महसूस हो सकती है. आम तौर पर हर साल बाजार में नवंबर-दिसंबर में आलू की कमी देखी जाती रही है, लेकिन इस बार पहले से ही असर दिखने की आशंका है.
 


सोने-चांदी की कीमतों में लगातार आ रही गिरावट, क्या खरीदारी का सही मौका आ गया है?

बजट के बाद से सोने-चांदी के दाम टूट रहे हैं. उससे पहले दोनों ने रॉकेट की रफ़्तार से दौड़ते हुए नया मुकाम हासिल किया था.

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Thursday, 25 July, 2024
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सोने-चांदी की कीमतों (Gold-Silver Price) में पिछले 3 दिनों से गिरावट देखने को मिल रही है.  बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोना-चांदी पर कस्टम ड्यूटी घटाने का ऐलान किया था, तब से इनमें नरमी का रुख है. सोना-चांदी पर कस्टम ड्यूटी अब 15% से घटकर 6% कर दी गई है. इससे इन दोनों ही धातुओं के भाव गिर रहे हैं. 23 जुलाई को सोने में 3600 रुपए की गिरावट आई थी. 24 जुलाई यह 408 रुपए कमजोर होकर 69,194 रुपए पर आ गया है और आज 10 ग्राम सोने की कीमत घटकर 68,180 रुपए हो गई है. यानी 25 जुलाई को सोना करीब हजार रुपए सस्ता हुआ है. ऐसे में यह सवाल लाजमी हो जाता है कि क्या यह सोना खरीदने का सबसे अच्छा समय है?   

चंद सत्रों में 6 हजार डाउन
बजट से पहले सर्राफा बाजार में सोने की कीमत ज्यादा थी. 18 जुलाई को यह 74065 रुपए प्रति 10 ग्राम के औसत रेट पर मिल रहा था. इस हिसाब से देखें तो पिछले कुछ सत्रों में ही इसकी कीमत करीब छह हजार नीचे आ गई है. इसी तरह, चांदी 18 जुलाई को 91614 रुपए प्रति किलो के भाव पर बिकी थी. आज इसके दाम 81,800 रुपए प्रति किलो हो गए हैं. बीते कुछ समय में गोल्ड और सिल्वर की कीमतें रॉकेट की तरह दौड़ी हैं. ऐसे में मौजूदा गिरावट से निवेशक इस सोच में पड़ गए हैं कि उन्हें क्या रणनीति अपनाई चाहिए. क्या उन्हें सोना खरीदना चाहिए या फिर कुछ और गिरावट का इंतजार करना चाहिए.

बड़ी गिरावट नहीं आएगी! 
एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने-चांदी में निवेश का यह एकदम सही समय है. उनका कहना है कि कस्टम ड्यूटी घटने से अभी भले ही गिरावट दिखाई दे रही है, लेकिन इससे मांग में भी इजाफा होगा और ऐसे में दाम तेजी से बढ़ेंगे. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि शॉर्ट टर्म के लिए इसमें थोड़ी और गिरावट अ सकती है, मगर किसी बड़ी गिरावट की संभावना बेहद कम है. इसलिए यदि आप गोल्ड या सिल्वर में निवेश के बेहतरीन मौके की तलाश कर रहे थे, तो वो अभी ही है. एक बार इनके दाम चढ़ना शुरू हुए, तो पहले की तरह पकड़ से बाहर निकल जाएंगे. 

कौन तय करता है Gold Price?
दुनियाभर में लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा सोने की कीमत तय की जाती है. वह यूएस डॉलर में सोने की कीमत प्रकाशित करता है। यह कीमत बैंकरों और बुलियन व्यापारियों के लिए एक वैश्विक बेंचमार्क के रूप में कार्य करती है. भारत में, इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन (IBJA) सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में आयात शुल्क और अन्य लागू टैक्स को जोड़कर यह तय करता है कि रिटेल विक्रेताओं को सोना किस दर पर दिया जाएगा.

Bharat यहां से करता है इम्पोर्ट
भारत के लिए स्विट्जरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है. यहां से हमारे कुल गोल्ड आयात की हिस्सेदारी करीब 41 प्रतिशत है. इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात से भारत लगभग 13 फीसदी और दक्षिण अफ्रीका से करीब 10 प्रतिशत सोना आयात करता है. भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा Gold कंज्यूमर है. देश में सोने का आयात मुख्य रूप से ज्वैलरी इंडस्ट्री की मांग पूरी करने के लिए किया जाता है. देश के कुल आयात में सोने की हिस्सेदारी पांच प्रतिशत से ज्यादा की है.
 


बजट के बाद इस बैंक ने ग्राहकों को दी गुड न्यूज, अब FD पर मिलेगा और ज्यादा ब्याज

ग्राहकों को एफडी पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा. आइए जानते हैं बैंक ने किन FD पर रेट्स बढ़ाए हैं और ग्राहकों को अब कितना रिटर्न मिलेगा.

Last Modified:
Thursday, 25 July, 2024
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अगर आप फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. दरअसल, बजट के बाद देश के सबसे बड़े प्राइवेट बैंक HDFC Bank ने एफडी रेट्स में बढ़ोतरी की है. बैंक ने कुछ निश्चित समय में पूरी होने वाली एफडी पर ब्याज दरों में बदलाव किया है. बैंक ने 3 करोड़ रुपये से कम की फिक्स डिपॉजिट पर 20 बेसिक प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. जिसके बाद ग्राहकों को एफडी पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा.

ये है लेटेस्ट एफडी रेट्स

बैंक आम लोगों के लिए 7 से 29 दिनों के बीच मैच्योर होने वाले फिक्स डिपॉजिट पर 3% ब्याज दर की पेशकश कर रहा है. 30 से 45 दिनों के बीच पूरी होने वाली एफडी पर 3.50% ब्याज दे रहा है, जबकि 46 दिनों से लेकर छह महीने से कम समय के बीच मैच्योर होने वाली एफडी पर 4.50% ब्याज मिल रहा है.

6 महीने की FD पर कितना मिलेगा रिटर्न

छह महीने से अधिक और नौ महीने से कम समय के लिए मैच्योर होने वाले डिपॉजिट पर बैंक 5.75% ब्याज दर देता है. बैंक नौ महीने से एक दिन के बीच और एक साल से कम समय के लिए मैच्योर होने वाली डिपॉडिट पर 6% ब्याज दर की पेशकश कर रहा है.

एक साल से 15 महीने से कम समय के बीच मैच्योर होने वाली एफडी पर 6.60% ब्याज दर मिलेगी, जबकि 15 महीने से 18 महीने से कम समय के बीच पूरी होने वाली एफडी पर 7.10% का रिटर्न मिलेगा. बैंक 18 महीने से 21 महीने से कम समय में पूरी होने वाली एफडी पर 7.25% ब्याज देता है. एचडीएफसी बैंक 21 महीने से लेकर दो साल और ग्यारह महीने से कम समय के बीच मैच्योर होने वाले डिपॉजिट पर 7% ब्याज दर देता है.

इन फिक्स डिपॉजिट पर बढ़ाई गई दरें

एचडीएफसी बैंक (HDFC) ने अपने 2 साल 11 महीने या 35 महीने वाली एफडी पर 20 बेसिक प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है, जिसके बाद इस पर ब्याज दर 7.15 फीसदी से बढ़कर 7.35 फीसदी हो गई है. इसके अलावा बैंक ने 4 साल 7 महीने या 55 महीने में पूरी होने वाली एफडी की ब्याज दर में बढ़ोतरी की है, जिसके बाद यह 7.20% से 7.40% हो गई है.
 


Budget 2024 Live: बजट में क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा? देखें पूरी लिस्ट

इस बजट में वित्त मंत्री ने कई बड़े ऐलान किए. लेकिन सबसे ज्यादा नजरें इस बात पर टिकी थी कि इस बार क्या सस्ता हुआ है और क्या मंहगा.

Last Modified:
Tuesday, 23 July, 2024
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट 2024-25 पेश कर दिया है. बजट में वित्त मंत्री ने कई प्रोड्क्ट्स और सेवाओं पर लगने वाले टैक्स में बदलाव का ऐलान किया. टैक्स घटने से जहां कई प्रोडक्ट अब सस्ते हो जाएंगे. वहीं टैक्स बढ़ने से कई प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ जाएंगे. इस बार के बजट में क्या हुआ सस्ता, क्या हुआ महंगा? यहां देखें पूरी प्रोडक्ट लिस्ट...

बजट में एलान के बाद ये चीजें होंगी सस्ती

•    कैंसर से जुड़ी तीन दवाओं पर कस्टम ड्यूटी हटाई गई, एक्सरे ट्यूब और फ्लैट पैनल डिटेक्टर पर भी आयात शुल्क हटाया गया.
•    मोबाइल फोन और पार्ट्स- पीसीबी और मोबाइल फोन चार्जर पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी घटी.
•    25 आवश्यक खनिजों पर सीमा शुल्क नहीं.
•    सोलर सेल और सोलर पैनल के निर्माण की वस्तु पर टैक्स में छूट.
•    सोने और चांदी पर सीमा शुल्क घटाकर छह फीसदी किया गया.
•    प्लैटिनम पर सीमा शुल्क घटकर अब 6.4 फीसदी हुआ.

इन चीजों को खरीदना हो सकता है महंगा

•    पीवीसी फ्लेक्स बैनर का आयात करना महंगा होगा.
•    कुछ दूरसंचार उपकरणों का आयात महंगा होगा. 
•    मेक इन इंडिया के तहत देश में बने सस्ते घरेलू उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए सरकार का एलान.

Gold-Silver के भाव में आएगी गिरावट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि कैंसर की दवाएं सस्ती होंगी. मोबाइल और मोबइल चार्जर समेत अन्य उपकरणों पर BCD 15% घटाई गई है. इसके अलावा सरकार ने सोना और चांदी पर कस्टम ड्यूटी कम करके अब 6% कर दिया है. इसके बाद सोना-चांदी की कीमतें कम हो जाएंगी. इसके अलावा लेदर और फुटवियर पर कस्टम ड्यूटी घटाई गई. वहीं दूसरी ओर टेलिकॉम उपकरण महंगे हो गए हैं, इनपर लगने वाली कस्टम ड्यूटी को 15% कर दिया गया है.

देश में लगातार तीसरी बार सरकार बनना ऐतिहासिक

Modi 3.0 का पहला बजट संसद में पेश किया जा रहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लगातार तीसरी बार देश में सरकार बनाना ऐतिहासिक है. देश की जनता ने सरकार पर भरोसा दिखाया है. वैश्विक हालात का महंगाई पर असर पड़ा है, लेकिन भारत में महंगाई नियंत्रण में है और ये 4% के दायरे में है.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि अंतरिम बजट में हमने गरीब, महिलाएं, युवा और अन्नदाता पर फोकस किया था. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था लगातार चमक रही है. पूर्ण बजट भी इन पर केंद्रित है. हमारा कृषि क्षेत्र में उत्पादन बढ़ाने पर जोर है, विकसित भारत के लिए ये पहली प्राथमिकता है. उन्होंने सरकार की 9 प्राथमिकताओं को गिनाया. इनमें एग्रीकल्चर सेक्टर के साथ शहरी विकास, रोजगार और स्किल डेवलपमेंट, कृषि रिसर्च, ऊर्जा सुरक्षा, इनोवेशन, रिसर्च और ग्रोथ, अगली पीढ़ी में सुधार शामिल है.
 


सरकारी तेल कंपनियों ने फ्यूल रेट्स किए अपडेट, जानें कीमत में अब क्या आया है बदलाव?

सरकारी तेल कंपनियों ने सोमवार को अपनी वेबसाइट पर पेट्रोल और डीजल के की कीमत को रिवाइज किया है. इसके बाद भी आज पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई है. 

Last Modified:
Monday, 22 July, 2024
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सोमवार यानी 22 जुलाई को सभी सरकारी तेल कंपनियों ने अपने पेट्रोल और डीजल की कीमत को रिवाइज कर दिया है. लेटेस्ट अपडेट के अनुसार आज भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं. यानी देश भर के अलग-अलग राज्यों और शहरों में पेट्रोल और डीजल पुरानी कीमतों पर ही खरीदा जा सकेगा. तो आइए जानते हैं देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल क्या कीमत है? 

हर रोज सुबह 6 बजे रिवाइज होती है कीमत
ट्रांसपेरेंसी बनी रहे इसके लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतें जून 2017 से सुबह 6 बजे रोजाना रिवाइज की जाती हैं. हर शहर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें अलग-अलग होती हैं, ऐसा राज्य सरकार द्वारा लगाए जाने वाले वैट (Value Added Tax) की वजह से होता है. कीमतों में होने वाले किसी भी बदलाव को सरकारी तेल कंपनियों की ऑफिशियल वेबसाइट पर सुबह 6 बजे के बाद चेक किया जा सकता है.

देश के प्रमुख चार शहरों में ये है कीमत
इंडियन ऑयल (Indian Oil) की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार अलग-अलग शहरों में पेट्रोल-डीजल के दाम 22 जुलाई 2024 को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल की कीमत 87.62 रुपये प्रति लीटर है. मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 89.97 रुपये प्रति लीटर है. कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये प्रति लीटर और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है. वहीं, चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 92.34 रुपये प्रति लीटर है.

जानिए इन बड़े शहरों में क्या है कीमत?
दिल्ली से सटे नोएडा में पेट्रोल की कीमत 94.83 रुपये प्रति लीटर और डीजल 87.96 रुपये प्रति लीटर है. ऐसे ही गुरुग्राम में पेट्रोल की कीमत 95.19 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.05 रुपये प्रति लीटर है. इसके अलावा बेंगलुरु में पेट्रोल 102.86 रुपये प्रति लीटर और डीजल 88.94 रुपये प्रति लीटर, चंडीगढ़ में पेट्रोल 94.24 रुपये प्रति लीटर और डीजल 82.40 रुपये प्रति लीटर, हैदराबाद में पेट्रोल 107.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल 95.65 रुपये प्रति लीटर, जयपुर में पेट्रोल 104.88 रुपये प्रति लीटर और डीजल 90.36 रुपये प्रति लीटर, पटना में पेट्रोल 105.18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 92.04 रुपये प्रति लीटर है. 

पेट्रोल- डीजल की ताजा कीमत ऐसे करें चेक
1. अपने शहर में पेट्रोल और डीजल के ताजा रेट्स एक एसएमएस (SMS) के जरिए जान सकते हैं. 
2. इसके लिए फोन पर RSP स्पेस पेट्रोल पंप का डीलर कोड टाइप कर 9224992249 पर मैसेज भेज दीजिए.
3. मान लीजिए आपको नई दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की कीमत का पता करना है, तो उसके लिए RSP 102072 को बताए गए नंबर पर मैसेज सेंड कर सकते हैं. 
4. आप अपने शहर के पेट्रोल पंप के डीलर कोड को इंडियन ऑयल की वेबसाइट से चेक कर सकते हैं.

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किसानों का कर्ज होगा माफ, ये राज्य सरकार बैंकों को देने जा रही 7 हजार करोड़ रुपये

तेलंगाना के लाखों किसान बैंकों के कर्ज तले डूबे हुए हैं. वहीं, अब तेलंगाना सरकार इन किसानों की मदद करेगी और खुद बैंकों को कर्ज की राशि का भुगतान करेगी. 

Last Modified:
Thursday, 18 July, 2024
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तेलंगाना (Telengana) के किसानों के लिए एक राहत की खबर सामने आई है. दरअसल, गुरुवार यानी 18 जुलाई 2024 को तेलंगाना सरकार राज्य के किसानों को हजारों करोड़ रुपये के कर्ज से मुक्त करने वाली है. राज्य सरकार इसके लिए आज शाम को 7000 करोड़ रुपये की राशि बैंकों को सौंपने जा रही है. यह राशि उन बैंकों को दी जाएगी, जिनसे किसानों ने कर्ज लिया था. तो आइए जानते हैं सरकार ने ये कदम क्यों उठाया और इस राशि से कितने किसानों का कर्ज माफ होगा?

सरकार ने 70 लाख किसानों का लोन चुकाएगी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तेलंगाना सरकार 70 लाख किसानों के लिए 2 लाख रुपये तक के कृषि लोन का भुगतान करेगी. 1 लाख रुपये तक के लोन के लिए 7,000 करोड़ रुपये गुरुवार को खातों में जमा होंगे. 1.5 लाख रुपये तक के फसली लोन जुलाई के अंत तक और शेष अगस्त तक माफ कर दिए जाएंगे.

लाखों किसानों को कर्ज से उबरने में मिलेगी मदद 

तेलंगाना राज्य में कुल 90 लाख राशन कार्ड हैं. हालांकि बैंक से कर्ज वाले किसान खातों की संख्या केवल 70 लाख है. राज्य के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy) ने स्पष्ट किया कि 6.36 लाख किसान जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं और उन्होंने कृषि लोन लिया है, तो वे भी कृषि लोन माफी लाभ उठाने के पात्र हैं. सरकार के अनुसार यह योजना उन किसानों को बड़ी राहत देगी, जो फसल खराब होने और बाजार में कम कीमतों जैसी कई समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इससे उन्हें अपने कर्ज से उबरने और अपनी आजीविका में सुधार करने में मदद मिलेगी.

सरकार ने ये किया था वादा

तेलंगाना सरकार ने किसानों से जो कृषि लोन माफ करने का वादा किया था, जिसे अब वह निभाने जा रही है. दरअसल, तेलंगाना सरकार ने किसानों से  यह वादा चुनाव के दौरान किया था. राज्य के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने पहले घोषणा की थी कि सरकार 15 अगस्त तक 2 लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर देगी. इसकी शुरुआत आज से हो रही है. आज जिन किसानों का कर्ज माफ होना है, उनके खातों में 1 लाख रुपये तक की कर्ज माफी की रकम जमा कर दी जाएगी. यह ऋण माफी रायथु वेदिकाज ‘Rythu Vedikas’ योजना के तहत हो रही है.

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हरियाणा सरकार का अग्नीवीरों को तोहफा, पुलिस सहित ग्रुप C और D की भर्ती में मिलेगा आरक्षण

हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी (Nayab Singh Saini) ने अग्निवीर योजना के अंतर्गत आने वाले अग्निवारों को आर्म्स लाइसेंस देने के साथ सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने की घोषणा की है. 

Last Modified:
Wednesday, 17 July, 2024
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हरियाणा में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं. सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनावी जीत की हैट्रिक लगाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. इस बीच बुधवार को हरियाणा सरकार ने अग्निवीरों के लिए एक बड़ी घोषणा की है. इस घोषणा के बाद अग्निवीरों को हरियाणा सरकार में कई फायदे मिलने वाले हैं. इसे लेकर नायब सिंह ने अपने ऑफिशिलय एक्स (X) हैंडल पर एक पोस्ट भी शेयर की है. तो आइए जानते हैं हरियाणा में अग्निवीरों को क्या-क्या फायदे मिलने वाले हैं?

पुलिस सहित कई पदों पर 10 प्रतिशत आरक्षण 
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पुलिस सहित कई पदों पर अग्निवीरों को आरक्षण देने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की ओर से 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना लागू की गई. इस योजना के तहत अग्निवीरों को 4 साल के लिए भारतीय सेना में तैनात किया जाता है. वहीं, अब हरियाणा सरकार की ओर से अग्निवीरों को पुलिस भर्ती और माइनिंग गार्ड, फॉरेस्ट गार्ड, जेल वार्डन और SPO के पदों पर सीधी भर्ती में 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा. 

अग्निवीरों को बिना ब्याज के मिलेगा लोन
मुख्यमंत्री सैनी ने यह भी कहा कि अपना काम शुरू करने वाले अग्निवीरों को 5 लाख रुपये तक बिना ब्याज के लोन भी दिया जाएगा. इसके अलावा अग्निवीर को 30 हजार तक की सैलरी देने वाले औद्योगिक उपक्रमों को 60 हजार वार्षिक की सब्सिडी भी दी जाएगी. यही नहीं अग्निवीरों को आर्म्स लाइसेंस भी दिया जाएगा. 

इन पदों पर भर्ती में 5 प्रतिशत आरक्षण व आयु सीमा में छूट
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा कि हरियाणा राज्य में ग्रुप C और D के पदों पर भर्ती में भी अग्निवीरों को आयु सीमा में भी 3 साल की छूट दी जाएगी. इसके अलावा ग्रुप C की भर्ती में 5  प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा. सीएम सैनी ने कहा कि कांग्रेस अग्निवीर योजना को लेकर लगातार दुष्प्रचार कर रही है. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बहुत अच्छी योजना है. इस योजना के जरिए हमें स्किल्ड युवा मिल रहे हैं.

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SBI ने अपने ग्राहकों को दिया जोर का झटका, महंगे किए लोन, अब चुकानी होगी ज्यादा EMI

SBI ने चुनिंदा अवधियों पर अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में 10 बेसिस प्वाइंट तक की बढ़ोतरी की है. इससे लोन महंगे हो जाएंगे.

Last Modified:
Monday, 15 July, 2024
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भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ग्राहकों को बड़ा झटका दिया है. बैंक ने चुनिंदा अवधियों पर अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड-बेस्ड कर्ज की दरों (MCLR) में 10 आधार अंक यानी 0.10 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की है. इससे लोन ऑटो व पर्सनल लोन समेत अन्य कर्ज महंगे हो जाएंगे. साथ ही लोगों को अब ईएमआई ज्यादा चुकानी पड़ेगी. नई दरें 15 जुलाई, 2024 यानी सोमवार से लागू हो गई हैं. SBI ने छह महीने, एक साल और दो साल की अवधि के लिए MCLR में 0.10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है.

अब ये होगी MCLR रेट

अब एसबीआई की बेस लैंडिग रेट MCLR अब 8.10 से 9 फीसदी तक है. ओवरनाइट MCLR रेट 8.20 फीसदी हो गई है. SBI ने MCLR में 0.05 फीसदी से लेकर 0.10 फीसदी तक रेट बढ़ाया है. MCLR का सीधा असर आपके होम और कार लोन की EMI पर होता है. MCLR की दरें बढ़ने से नया लोन महंगा हो जाता है. साथ ही आपके होम और कार लोन की EMI बढ़ जाती है.

बढ़ जाएगा EMI का बोझ

एसबीआई देश का सबसे बड़ा सरकारी बैंक है. ग्राहकों की संख्या के लिहाज से एसबीआई अभी भी अन्य सभी बैंकों से काफी आगे है. एसबीआई के द्वारा एमसीएलआर में बढ़ोतरी करने से उसके विभिन्न लोन प्रोडक्ट महंगे हो सकते हैं. उसके चलते लाखों ग्राहकों के ऊपर ब्याज का बोझ बढ़ सकता है और उन्हें ज्यादा ईएमआई का भुगतान करना पड़ सकता है.

SBI ने की इन दरों में बढ़ोतरी:

•    एक महीने के लोन टेन्योर पर एमसीएलआर को 5 बीपीएस बढ़ाकर 8.35 फीसदी किया गया.
•    तीन महीने के लोन टेन्योर पर एमसीएलआर को 10 बीपीएस बढ़ाकर 8.4 फीसदी किया गया.
•    छह महीने के लोन टेन्योर पर एमसीएलआर को 10 बीपीएस बढ़ाकर 8.75 फीसदी किया गया.
•    एक साल के लोन टेन्योर पर एमसीएलआर को 10 बीपीएस बढ़ाकर 8.85 फीसदी किया गया.
•    दो साल के लोन टेन्योर पर एमसीएलआर को 10 बीपीएस बढ़ाकर 8.95 फीसदी किया गया.
•    तीन साल के लोन टेन्योर पर एमसीएलआर को 5 बीपीएस बढ़ाकर 9 फीसदी किया गया.

होम लोन वाले ग्राहकों को राहत

एमसीएलआर यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट्स वे दरें होती हैं, जिनसे कम पर बैंक ब्याज ऑफर नहीं करते हैं. यानी बैंकों के द्वारा दिए जाने वाले कर्ज उत्पाद की ब्याज दरें संबंधित टेन्योर की एमसीएलआर दरों से ज्यादा होती हैं. हालांकि राहत की बात है कि एमसीएलआर बढ़ने से एसबीआई के होम लोन ग्राहकों पर असर नहीं पड़ेगा. एसबीआई के होम लोन की ब्याज दरें एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स पर बेस्ड होती हैं. एसबीआई ने फिलहाल ईबीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया है.

क्या होता है एमसीएलआर?

एमसीएलआर (MCLR) को मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट कहते हैं. यह वह न्यूनतम उधार दर है जिसके नीचे बैंक किसी को उधार नहीं दे सकते हैं. MCLR का सीधा असर आपके पर्सनल और ऑटो लोन की EMI पर होता है. MCLR बढ़ने से नया लोन महंगा हो जाता है. साथ ही आपकी मौजूदा लोन की ईएमआई भी बढ़ जाती है.
 


गांव में स्टार्टअप खोलने का सुनहरा मौका, सरकार ने तैयार किया 750 करोड़ रुपए का फंड

केंद्र सरकार ने एक विशेष सेक्टर में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 750 करोड़ रुपए का स्पेशल फंड भी बनाया है.

Last Modified:
Monday, 15 July, 2024
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क्या आप गांव में रहते हैं या देश के कृषि सेक्टर में काम करना चाहते हैं. तो आपके लिए एक खुशखबरी है. दरअसल, अब आप गांव में रहकर अपना स्टार्टअप खोल सकते हैं और इसमें सरकार आपकी मदद करेगी. सरकार एक विशेष सेक्टर में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए  स्टार्टअप्स को फंड देकर सहायता पहुंचाएगी. इसके लिए सरकार ने 750 करोड़ रुपए का एक फंड तैयार किया है. तो आइए जानते हैं सरकार इस सेक्टर में ये फंड लगाने जा रही है और इससे आपको कैसे फायदा होगा?

कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और स्टेबिलिटी को मिलेगा बढ़ावा 
देश में कृषि सेक्टर में काम करने वाले एंटरप्रेन्योर्स की मदद के लिए सरकार ‘AgriSURE’ नाम का एक फंड बनाया है. इसे ‘स्टार्टअप और ग्रामीण उद्यमों के लिए कृषि कोष’ कहा जाएगा. इस पहल का मुख्य उद्देश्य 750 करोड़ रुपये के फंड के जरिए भारत के कृषि क्षेत्र में इनोवेशन और स्टेबिलिटी को बढ़ावा देना है.

ऐसे मिलेगी मदद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस फंड से सरकार गांव, कृषि और इनसे जुड़े उद्योगों में निवेश करेगी. सरकार विशेष तौर पर कृषि और इससे संबद्ध सेक्टर्स में काम करने वाले स्टार्टअप को लोन के साथ इक्विटी सपोर्ट भी देगी. 

एग्री सेक्टर का जोखिम होगा कम

यह फंड उद्यमों को इक्विटी और लोन दोनों तरह का समर्थन देगा. विशेष तौर पर एग्री वैल्यू चेन में ये रिस्क को कम भी करेगा. साथ ही हाई इंपैक्ट क्रिएट करने वाली गतिविधियों को बढ़ावा देगा. इस संबंध हाल में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें वित्तीय संस्थानों, निवेशकों, एआईएफ प्रबंधकों और कृषि स्टार्टअप सहित प्रमुख स्टेकहोल्डर्स ने भाग लिया.

कृषि सेक्टर के विकास पर ध्यान दे रही सरकार

आपको बता दें, सरकार देश में कृषि सेक्टर के विकास पर खासा ध्यान दे रही है. किसानों की आर्थिक मदद के लिए सरकार पीएम किसान सम्मान निधि नाम से एक योजना चलाती है, जिसमें उन्हें सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है. इतना ही नहीं सरकार उर्वरक पर बड़ी मात्रा में सब्सिडी देती है, वहीं किसानों को रियायती दाम पर बिजली और अन्य सुविधाएं देने का काम भी सरकार करती है.

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