तेवर दिखा रही प्याज बिगाड़ेगी बजट, फेस्टिवल सीजन में महंगी होगी आपकी थाली!

प्याज के दाम पिछले कुछ वक्त में काफी बढ़ गए हैं. इसकी एक वजह जमाखोरी को भी बताया जा रहा है.

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Tuesday, 07 November, 2023
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टमाटर की 'लाली' कम हुई, तो अब प्याज लोगों के आंसू निकाल रही है. कहीं-कहीं प्याज की कीमतें 80 रुपए प्रति किलो के आंकड़े को पार कर गई हैं. इस बीच, घरेलू रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने फेस्टिवल सीजन में सामान्य थाली या भोजन की लागत बढ़ने की आशंका जताई है. यानी नवंबर में खाने पर होने वाले आपके खर्चे में इजाफा हो सकता है. क्रिसिल का कहना है कि पिछले कुछ समय से प्याज की कीमतों ऊपर के तरफ भाग रही हैं, इसकी वजह से भोजन की थाली के दाम बढ़ने की आशंका है. 

अक्टूबर में घटी कीमत
क्रिसिल के मुताबिक, आलू और टमाटर की कीमतों में गिरावट से पिछले महीने यानी अक्टूबर में वेज थाली की कीमत घटकर 27.5 रुपए रह गई, जो कि साल भर पहले की समान अवधि की तुलना में 5 और सितंबर की तुलना में 1 फीसदी कम थी. आलू की कीमतों में 21 प्रतिशत की गिरावट आई. वहीं, टमाटर की कीमतों में 38% की कमी दर्ज की गई, जिससे स्थिति में कुछ सुधार हुआ है. लेकिन समस्या ये है कि प्याज के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं. अक्टूबर के आखिरी से इसमें बढ़ोत्तरी देखी जा रही थी, जो अब भी जारी है. इस वजह से नवंबर में वेज और नॉन-वेज दोनों तरह की थाली के दाम में इजाफा देखने को मिल सकता है.

यहां भी मिली कुछ राहत 
रेटिंग एजेंसी ने बताया कि मांसाहारी थाली (Non-Veg Plate) की कीमत सालाना आधार पर 7% घटकर 58.4 रुपए रह गई, जबकि सितंबर की तुलना में यह 3 प्रतिशत कम थी. क्रिसिल के अनुसार, घरेलू LPG सिलेंडर की कीमत 200 रुपए कम करने के सरकार के फैसले से भी स्थिति सुधारने में मदद मिली. एक शाकाहारी थाली की लागत में LPG का 14 प्रतिशत और एक गैर-शाकाहारी थाली में 8 प्रतिशत हिस्सा रहता है. उधर, सरकार प्याज के दाम को नीचे लाने की कोशिश कर रही है. सरकार की तरफ से रियायती दरों पर प्याज बेची जा रही है.

इधर, राहत की उम्मीद नहीं
वहीं, पेट्रोल-डीजल की कीमतों में कमी की कोई आस नजर नहीं आ रही है. उल्टा इसके दाम बढ़ने की आशंका जरूर उत्पन्न हो गई है. हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि कच्चे तेल के दामों में भले ही कितनी भी आग क्यों न लग जाए, कंपनियां घरेलू स्तर पर कीमतें नहीं बढ़ाएंगी, क्योंकि चुनावी मौसम में सरकार ऐसा होने नहीं देगी. हालांकि, अगर क्रूड ऑयल के रुख में नरमी नहीं आई, तो फिर चुनावी मौसम बीतने के बाद पेट्रोल-डीजल का महंगा होना तय है. बता दें कि इजरायल-हमास युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आई है. 
 


साइबर सुरक्षा के लिए पब्लिक सेक्‍टर बैंक करेंगे ये हायरिंग, सुरक्षित होंगे ट्रांजैक्‍शन 

RBI की 2022-23 की रिपोर्ट बताती है कि बैंक फ्रॉड की घटनाओं में बड़ा इजाफा हुआ है. पिछले साल जहां ये 8407 थी वहीं इस साल ये 14264 तक जा पहुंची हैं. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 28 November, 2023
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Tuesday, 28 November, 2023
RBI

लगातार बढ़ती डिजिटल ट्रांजैक्‍शन के बीच अब पब्लिक सेक्‍टर बैंक भी अपनी साइबर सुरक्षा को लेकर गंभीरता से काम कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब पब्लिक सेक्‍टर बैंक टेक और साइबर सिक्‍योरिटी एक्‍सपर्ट को हायर करने की तैयारी कर रहे हैं. हाल ही में यूको बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ हुए घटना के बाद कई बैंक इन तकनीकी क्षेत्र से जुड़े लोगों को नियुक्‍त करने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे डिजिटल ट्रांजैक्‍शन करने वालों को सुरक्षा मुहैया कराया जाए. 

कई बैंकों ने जारी किया है विज्ञापन 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बैंक ऑफ महाराष्‍ट्रा अपने डिजिटल ट्रांजैक्‍शन को सुरक्षित बनाने के लिए चीफ डिजिटल ऑफिसर नियुक्‍त करने जा रहा है. नाम ना छापने की शर्त पर इस बैंक के अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है. इसी तरह देश का सबसे बड़ा पब्लिक सेक्‍टर बैंक एसबीआई भी टेक और डिजिटल एक्‍सपर्ट की तलाश कर रहा है. इस बारे में एसबीआई के चीफ टेक्‍नोलॉजी ऑफिसर बालाजी राजगोपालन ने कहा कि जब हम ऐसे लोगों को हायर करने की सोच रहे हैं, लेकिन बाजार में इनकी काफी कमी है. लेकिन फिर भी हम ये हायरिंग करेंगे. इसी तरह इंडियन ओवरसीज बैंक भी अपने वहां साइबर सिक्‍योरिटी एक्‍सपर्ट की नियुक्ति करने जा रहा है. 

इन बैंकों में सामने आ चुकी है घटना 
दरअसल सभी बैंक अपने डिजिटल ट्रांजैक्‍शन को सुरक्षित बनाने के लिए जो कदम उठा रहे है उसके पीछे कहीं न कहीं हाल ही में दो बैंकों में सामने आए मामले शामिल हैं. इनमें पहला 10 नवंबर को दूसरे बैंक के एकाउंट होल्‍डरों में आईएमपीएस में गड़बड़ी के कारण यूको बैंक के खातों में जमा कर रहे थे. इस तकनीकी खराबी की सूचना यूको बैंक ने 15 नवंबर को एक्‍सचेंज को दी थी कि ये आईएमपीएस मनी ट्रांसफर को वैकल्पिक कर दिया है. इसके बाद उन्‍होंने ये भी स्‍पष्‍टीकरण में कहा कि आईएमपीएस के साथ कोई इश्‍यू नहीं था. 

बैंक ऑफ बड़ौदा में हुआ था ये हादसा 
 इसी तरह बैंक ऑफ बड़ौदा का डिजिटल मोबाइल ऐप वर्ल्‍ड कस्‍टमर्स के एकाउंट के साथ टेंपरिंग करने में शामिल था. इसमें अलग-अलग लोगों के संपर्क को एक साथ जोड़ दिया गया जिससे मोबाइल नंबर रजिस्‍ट्रेशन की संख्‍या को बढ़ाया जा सके. इसके बाद आरबीआई के निर्देशों के बीच बीओबी की ओर से एक स्‍पष्‍टीकरण जारी किया गया था, जिसमें बताया गया था कि आरबीआई के निर्देशों को पूरा करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. इसके बाद 18 अक्‍टूबर को  ये भी खबर सामने आई थी कि बैंक ने 60 कर्मचारियों को निकाल दिया है जिसमें 18 असिसटेंट जनरल मैनेजर शामिल थे. RBI की 2022-23 की रिपोर्ट बताती है कि बैंक फ्रॉड की घटनाओं में बड़ा इजाफा हुआ है. पिछले साल जहां ये 8407 थी वहीं इस साल ये 14264 तक जा पहुंची हैं. 

 

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UPI पेमेंट्स के बीच करना पड़ सकता है 4 घंटे इंतजार, नया फैसला लेगी भारत सरकार?

अगर तय रकम से ज्यादा राशि का लेन-देन होता है तो अगली ट्रांजेक्शन के लिए आपको 4 घंटे इंतजार करना पड़ सकता है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 28 November, 2023
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Tuesday, 28 November, 2023
UPI Payment BW

डिजिटल पेमेंट्स के क्षेत्र में UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) के आ जाने के बाद से पेमेंट करना, पैसे ट्रांसफर करना काफी आसान हो गया है. लेकिन डिजिटल पेमेंट्स के आधुनिक होने के साथ-साथ धोखाधड़ी के मामलों में काफी तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है. और ऑनलाइन ठगी के मामलों से निपटने के लिए भारत सरकार अब एक और बड़ा फैसला लेने जा रही है. 

क्या है भारत सरकार का प्लान?
अगर दो लोगों के बीच पहली बार एक तय रकम से ज्यादा राशि का लेन-देन होता है तो ऐसे में अगली ट्रांजेक्शन के लिए आपको एक निश्चित समय जितना इंतजार करना पड़ सकता है. मामले से जुड़े कुछ लोगों ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि अगर दो लोगों के बीच 2000 रुपए से ज्यादा राशि का लेन-देन हुआ है तो हो सकता है कि अगली ट्रांजेक्शन करने से पहले आपको 4 घंटे जितना इंतजार करना पड़े. हालांकि सरकार के इस फैसले से डिजिटल पेमेंट्स में थोड़ी-बहुत रुकावटें आ सकती हैं, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि साइबर सिक्योरिटी की दृष्टि से यह काफी महत्त्वपूर्ण कदम होगा. 

इन बातों का रखें विशेष ध्यान
अगर भारत सरकार के इस प्लान को मंजूरी मिल जाती है तो इस फैसले का प्रभाव IMPS (इमीडियेट पेमेंट सर्विस), RTGS (रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) समेत UPI (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस) पर भी पड़ सकता है. आपको बता दें कि यहां अकाउंट बनाये जाने के फौरन बाद की जाने वाली पेमेंट को पहली पेमेंट नहीं माना जाएगा. बल्कि दो लोगों के बीच होने वाले लेन-देन को नियमित करने के लिए उनके बीच की जाने वाली पहली पेमेंट को ही योग्य माना जाएगा. इसके साथ ही आपको यह भी बता दें कि दो लोगों के बीच किये गए लेन-देन के इतिहास पर भी गौर नहीं किया जाएगा. उदाहरण के लिए अभी जब एक यूजर अपना नया UPI अकाउंट बनाता है तो पहले 24 घंटों के दौरान वह केवल 5000 रुपए ही ट्रान्सफर कर सकता है. ठीक इसी तरह NEFT (राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर) अकाउंट बनाये जाने के बाद भी आप पहले 24 घंटों के अंदर केवल 50,000 रुपए ही ट्रान्सफर कर सकते हैं.

महत्त्वपूर्ण बैठक में लिया जाएगा फैसला
लेकिन इस वक्त भारत सरकार जो प्लान बना रही है उसके अनुसार एक यूजर को 2000 रुपए की पेमेंट करने के बाद अगली पेमेंट के लिए 4 घंटों का इंतजार करना होगा. मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम पहली बार 2000 से ज्यादा की ट्रांजेक्शन पर 4 घंटों की समय सीमा जोड़ने के बारे में विचार कर रहे हैं. अब ये मामला सरकार के महत्त्वपूर्ण लोगों और इंडस्ट्री में मौजूद प्रमुख लोगों के सामने पेश किया जाएगा और इन प्रमुख संस्थाओं एवं लोगों में भारत के केंद्रीय बैंक RBI (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) का नाम भी शामिल है. RBI के अलावा विभिन्न प्राइवेट एवं सरकारी बैंक और टेक कंपनियां भी इस बैठक का हिस्सा होंगी.
 

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पिछले 5 सालों में इतनी तेज दौड़ी महंगाई, जमीन से आसमान पर पहुंच गए इनके दाम

महंगाई एक ऐसा मुद्दा है जिस पर सबसे ज्यादा बात होती है, लेकिन बात के मुकाबले काम नहीं. शायद यही वजह है कि आवश्यक वस्तुओं के दाम बढ़ते जा रहे हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Monday, 27 November, 2023
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Monday, 27 November, 2023
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महंगाई (Inflation) ने आम आदमी का बजट इस कदर बिगाड़ा है कि उसकी कमाई और खर्चे का फासला लगातार चौड़ा होता जा रहा है. सरकारी आंकड़ों में भले ही महंगाई नीचे आई हो, लेकिन आम आदमी को खास राहत नहीं मिली है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 5 सालों में आटा, दाल से लेकर तेल, नमक तक के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है. इनके भाव में 50 से 123 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है. निश्चित तौर पर इस दौरान प्रति व्यक्ति आय में भी इजाफा हुआ होगा, लेकिन महंगाई की रफ्तार जितना नहीं. 

इतने चढ़ गए दाम
रिपोर्ट में उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के हवाले से बताया गया है कि पिछले 5 सालों में चावल का औसत दाम 29.68 रुपए प्रति किलो से बढ़कर 43.49 रुपए हो गया है, यानी इसमें 46.53% का इजाफा हुआ है. इसी तरह, गेहूं के भाव में करीब 38% और आटे के दाम 43% की उछाल दर्ज कर चुके हैं. दाल की कीमतों में भी इस दौरान काफी उछाल आया है. उदाहरण के तौर पर, अरहर की दाल 70.54 रुपए से 157.80 रुपए पर पहुंच गई है. पिछले 5 सालों में इसमें 123.67 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है. जबकि अरहर की दाल 70.54 रुपए बढ़कर से 157.80 रुपए प्रति किलो पर आ गई है. 

नमक का स्वाद भी बिगड़ा
वहीं, चना दाल 27.40%, उड़द दाल 76.66%, मूंग दाल के दाम में 56.04% की बढ़ोत्तरी हुई है. दालों के अलावा, खाद्य तेल ने भी आम आदमी को खूब रुलाया है. भले ही पिछले साल के मुकाबले खाद्य तेलों के दाम कुछ कम है, लेकिन पांच साल पहले के दाम से तुलना करें तो काफी ज्यादा है. इस दौरान, सरसों तेल (पैक) 105.55 रुपए से बढ़कर 138.47 रुपए प्रति लीटर के भाव पर मिल रहा है. इसी तरह, वनस्पति तेल की कीमतों में 53.57 प्रतिशत, सूरजमुखी के तेल में करीब 31 प्रतिशत, सोया ऑयल में 35.29 और पाम ऑयल में 32.27 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है. इस अवधि में दूध के दाम में 34.61%, खुली के चाय के दाम में 30.44% की वृद्धि हुई है. नमक की बात करें, तो यह 15.36 रुपए से बढ़कर 22.98 रुपए पर पहुंच गया है. इसके अलावा, सब्जियों के भाव में भी काफी वृद्धि देखने को मिली है.
 


Delhi Airport को मिलेगा चौथा टर्मिनल? वित्त वर्ष 24 में यहां पहुंच जाएगा पैसेंजर ट्रैफिक!

T2 के नाम से जाना-जाने वाला टर्मिनल 2 कुछ समय के लिए अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल में तब्दील कर दिया जाएगा.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 25 November, 2023
Last Modified:
Saturday, 25 November, 2023
DELHI AIRPORT

दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट लिमिटेड (Delhi International) के CEO विदेह कुमार जयपुरियार का कहना है कि वित्त वर्ष 24 के दौरान दिल्ली का एयरपोर्ट पैसेंजर ट्रैफिक, कोविड महामारी से पहले वाले स्तर से भी ज्यादा हो जाएगा और माना जा रहा है कि यह लगभग 70 मिलियन पर पहुंच जाएगा. फरवरी 2024 के अंत तक टर्मिनल 1 की पैसेंजर हैंडलिंग क्षमता लगभग 23 मिलियन पर पहुंच जायेगी. 

क्या है पूरा मामला?
इसके साथ ही जयपुरियार ने यह भी बताया है कि T2 के नाम से जाना-जाने वाला टर्मिनल 2 कुछ समय के लिए अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल में तब्दील कर दिया जाएगा. फिलहाल T2 पर सिर्फ घरेलु फ्लाइट्स ही आती हैं और इसकी पैसेंजर हैंडल करने की क्षमता 15 मिलियन है. इसके साथ ही उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान यह भी बताया कि पैसेंजर ट्रैफिक बहुत ही अच्छे रूप से वापसी करता हुआ नजर आ रहा है. फिलहाल दिल्ली एयरपोर्ट के 3 टर्मिनल हैं, T1, T2 और T3 और ये तीनों ही टर्मिनल ट्रैफिक ट्रेंड के अनुरूप हैं. एयरपोर्ट ऑपरेटर जल्द ही एक चौथा टर्मिनल बनाने का फैसला ले सकते हैं. 

पार होगा 70 मिलियन का आंकड़ा?
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वैसे तो दिल्ली एयरपोर्ट पर कुल तीन टर्मिनल मौजूद हैं लेकिन इनमें से अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स केवल एक ही टर्मिनल, T3 यानी टर्मिनल 3 द्वारा हैंडल की जाती हैं. इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट (IGI Airport) देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट है और इसे दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (DIAL) के द्वारा चलाया जाता है. DIAL के CEO ने मीडिया से बातचीत के दौरान यह भी कहा कि कोविड आने से पहले हमारे द्वारा हैंडल किया गया सबसे ज्यादा एयरपोर्ट पैसेंजर ट्रैफिक 69.3 मिलियन था. अगर पिछले  वित्त वर्ष की बात करें तो हमने 65.3 मिलियन लोगों का एयरपोर्ट पैसेंजर ट्रैफिक हैंडल किया था और इस साल हमें उम्मीद है कि 70 मिलियन का आंकड़ा पार कर लेंगे. 

दिल्ली एयरपोर्ट का चौथा टर्मिनल?
इसके साथ ही DIAL के CEO ने उम्मीद जताते हुए यह भी कहा कि इन 70 मिलियन यात्रियों में से लगभग 52 मिलियन यात्री घरेलु होंगे और लगभग 18 मिलियन यात्री अंतर्राष्ट्रीय होंगे. 2016 में दिल्ली एयरपोर्ट के लिए एक मास्टर प्लान का निर्माण किया गया था और इस मास्टर प्लान में सुझाव दिया गया था कि दिल्ली एयरपोर्ट को एक चौथे टर्मिनल यानी T4 की जरूरत पड़ सकती है. माना जा रहा है कि DIAL द्वारा एक बार फिर इस मास्टर प्लान का रुख किया जा सकता है. 
 

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BW Spirituality Conclave: अपने रोजाना के जीवन में इस तरह लाएं आध्यात्मिकता!

रोजाना किये जाने अपने कामों में आध्यात्मिकता को कैसे शामिल किया जा सकता है ये समझना भी बेहद जरूरी है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 24 November, 2023
Last Modified:
Friday, 24 November, 2023
BW Spirituality Conclave 2023

जीवन में अध्यात्मिकता के मूल्य को समझने और अपने दैनिक जीवन में इसे इस्तेमाल करने के लिए आज BW बिजनेसवर्ल्ड (BW Businessworld) द्वारा भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में BW आध्यात्मिकता कॉन्क्लेव (BW Spirituality Conclave) का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान अपने दैनिक जीवन और काम में आध्यात्मिकता की भूमिका को समझने के लिए एक विशेष पैनल का आयोजन भी किया गया था. 

अपने हर काम में कैसे लाएं आध्यात्मिकता?
एक आध्यात्मिक माइंडसेट की मदद से हम अपने जीवन को ज्यादा बेहतर बना सकते हैं ये बात तो शायद ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन रोजाना किये जाने अपने कामों में आध्यात्मिकता को कैसे शामिल किया जा सकता है ये समझना भी बेहद जरूरी है. इस विषय पर अपने विचार प्रकट करते हुए ब्रह्मकुमारिज संस्था में अतिरिक्त प्रशासनिक प्रमुख के रूप में कार्यरत सिस्टर जयंती कहती हैं कि सबसे पहले तो ये जाने लेना जरूरी है कि मैं कौन हूं? इसके साथ ही वह जोर देते हुए यह भी कहती हैं कि हमारी आत्मीयता के बारे में यदि हमें पता होता है तो वह हमारे हर छोटे बड़े काम और कदम को प्रभावित करती है. उदाहरण देते हुए वो कहती हैं कि यदि हमारा रंग काला है तो यह बात हमेशा हमारे दिमाग पर हावी रहेगी और हम जो भी कहेंगे या करेंगे उस पर इस बात का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखेगा. 

शारीरिक और आत्मीय कल्याण के बीच का संतुलन
ज्यादातर लोग शारीरिक और आत्मीय कल्याण के बीच कंफ्यूज होते हैं और इन दोनों के बीच के संतुलन प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए यह भी बहुत से लोगों का सवाल होता है. इस विषय पर अपने विचार प्रकट करते हुए योग लव की लेखक एवं फाउंडर इरा त्रिवेदी कहती हैं कि अगर कोई भी व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में फिजिकल प्रैक्टिस को शामिल करता है तो यह उसके लिए काफी ज्यादा कल्याणकारी साबित हो सकती है. लोग अक्सर अपना वजन घटाने या फिर अन्य कारणों से योग करना शुरू करते हैं लेकिन फिर एक फिजिकल प्रैक्टिस के रूप में यह शरीर में मौजूद सभी बदलावों को मजबूती प्रदान करती है. किसी भी व्यक्ति को अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा एक्टिव प्रैक्टिसों का इस्तेमाल करना चाहिए. 

अपने दैनिक काम में कैसे शामिल करें आध्यात्मिकता?
सेलेब्रिटी शेफ एवं उद्यमी रणवीर बरार इस विषय पर बात करते हुए कहते हैं कि हमारा काम भी हमारी अपनी खोज का ही एक तरीका है. उनका मानना है कि आप अपने काम के अनुसार खुद को खोज सकते हैं और खुद को खोजने का यह एक सर्वश्रेष्ठ तरीका है. इसके साथ ही शेफ रणवीर कहते हैं कि उस मौलिक प्रश्न को समझना जरूरी है, जो कभी भी नहीं बदलता है और वो सवाल ये है कि आखिर हम यहां क्यों हैं? शेफ रणवीर के अनुसार अपने काम के आगे खुदको समर्पित करना ही उनके लिए आध्यात्मिक है.
 

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Delhi-NCR में डिजिटल रुपए में होगा लेन-देन, जानिए क्या है पूरा मामला?

RBI द्वारा लॉन्च किये गए CBDC को अपनाए जाने को लेकर Indusind Bank ने इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड से हाथ मिलाया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Friday, 24 November, 2023
Last Modified:
Friday, 24 November, 2023
Indusind Bank

दिल्ली-NCR के लोगों के लिए इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर है कि अब दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों यानी NCR में डिजिटल रुपए में लेन-देन किया जा सकता है और इसके लिए प्राइवेट सेक्टर के जाने-माने इंडसिंड बैंक (Indusind Bank) ने इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) के साथ साझेदारी की है. 

भारत की अपनी डिजिटल करेंसी को मिलेगी स्वीकार्यता
प्राइवेट सेक्टर के जाने-माने इंडसिंड बैंक (Indusind Bank) ने आज इस बात की जानकारी देते हुए बताया है कि डिजिटल रुपए और पिछले साल RBI द्वारा लॉन्च किये गए CBDC (केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी) को अपनाए जाने को लेकर बैंक ने इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड से हाथ मिलाया है. बैंक ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है कि इस साझेदारी की बदौलत दिल्ली-NCR के कुछ चुनिंदा IGL स्टेशनों पर कस्टमर डिजिटल रुपए का इस्तेमाल करके भुगतान कर पायेंगे और भारत की अपनी डिजिटल करेंसी को मंजूरी मिल पाएगी. 

इंडसिंड बैंक का उद्देश्य
इस विषय पर बात करते हुए इंडसिंड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO सुमंत कठपालिया कहते हैं कि UPI के आतंरिक रूप से काम करने के तरीके के हिसाब से कस्टमर्स किसी भी IGL स्टेशन पर जाकर अपने डिजिटल रुपए ऐप के माध्यम से किसी भी UPI QR कोड को स्कैन कर सकते हैं. RBI के CBDC प्रोजेक्ट में भाग लेने वाले प्रमुख बैंकों में से एक होने के नाते इंडसिंड बैंक, CBDC के माध्यम से मिलने वाली महत्ता के बारे में मानता है और डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से अपने कस्टमर्स को डिजिटल पेमेंट का ज्यादा सुविधाजनक एवं व्यापक अनुभव प्रदान करना चाहता है. 

बढ़ाना चाहते हैं यूजर बेस
इसके साथ ही बैंक ने यह जानकारी भी दी है कि डिजिटल रुपए का सोल्यूशन iOS के साथ-साथ एंड्राइड प्लेटफॉर्म्स पर भी प्रदान करवाया जाएगा ताकि यूजर मनचाहे तरीके से इसका इस्तेमाल कर सकें और इस डिजिटल रुपए ऐप में P2P (Peer 2 Peer) और P2M (Peer 2 Merchant) पेमेंट जैसे फीचर्स भी प्रदान किये जायेंगे जो UPI के QR कोड के साथ आतंरिक रूप से काम कर पायेंगे. CBDC के मामले में पब्लिक सेक्टर का बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) CBDC के यूजर बेस को अगले 3 से 4 महीनों में बढ़ाकर 10 लाख से ज्यादा करना चाहता है. बैंक ऑफ बड़ौदा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जयदीप दत्त रॉय कहते हैं कि हमारे पास लगभग 2.5 लाख यूजर्स हैं और आने वाले 3-4 महीनों के दौरान हम इस संख्या को 10 लाख के पार पहुंचाना चाहते हैं.
 

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CNG के दामों में हुआ इजाफा, Delhi-NCR में इतनी महंगी हुई CNG!

दिल्ली-NCR में CNG और PNG के दामों में इजाफा हुआ है और अब दिल्ली और सटे इलाकों में लागू नई कीमतें कुछ इस प्रकार हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 23 November, 2023
Last Modified:
Thursday, 23 November, 2023
CNG

अगर आपकी गाड़ी भी CNG पर दौड़ती है तो इस वक्त आपके लिए एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर है कि IGL यानि इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड के स्टेशनों पर अब आपको CNG महंगी मिलेगी. Delhi-NCR में CNG आज से 1 रुपए प्रति किलोग्राम महंगी हो गई है. इसका सीधा मतलब ये भी है कि अगर आप 10 किलोग्राम का CNG का सिलेंडर पूरी तरह भरवाते हैं तो आपको हर सिलिंडर पर 10 रुपए ज्यादा देने होंगे. 

CNG के नए दाम
अगर आप दिल्ली या दिल्ली से सटे इलाकोंमें रहते हैं तो आपको बता दें कि दिल्ली और NCR यानी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आपको अब प्रति किलोग्राम CNG के लिए 75 रुपए 59 पैसे देने होंगे. वहीँ नोएडा में आपको CNG 81.20 रूपए प्रति किलोग्राम, ग्रेटर नोएडा में 80.20 रुपए प्रति किलोग्राम, गाजियाबाद में भी 80.20 प्रति किलोग्राम, मुजफ्फरनगर में 81.58 रुपए प्रति किलोग्राम शामली में 81.58 रुपए प्रति किलोग्राम, गुरुग्राम में 82.62 रुपए प्रति किलोग्राम, रेवाड़ी में 81.20 रुपए प्रति किलोग्राम, करनाल 82.93 प्रति किलोग्राम, कैथल में 82.93 किलोग्राम और कानपूर में CNG के लिए आपको 84.42 रुपए प्रति किलोग्राम का भुगतान करना होगा. 

PNG के लिए देने होंगे इतने पैसे
CNG के साथ-साथ घरेलु PNG के दामों में भी इजाफा हुआ है. अगर आप दिल्ली और दिल्ली से सटे इलाकों यानी NCR में PNG खरीदने जाते हैं तो आपको इसके लिए 48.59 रुपए प्रति किलोग्राम का भुगतान करना होगा, नोएडा में 48.46 रुपए प्रति किलोग्राम, ग्रेटर नोएडा में 48.46 रुपए प्रति किलोग्राम, गाजियाबाद में 48.46 रुपए प्रति किलोग्राम, करनाल में 47.40 रुपए प्रति किलोग्राम, गुरुग्राम में 47.40 रुपए प्रति किलोग्राम, मुजफ्फरनगर में 51.97 किलोग्राम, और मेरठ में आपको PNG के लिए 51.97 प्रति किलोग्राम जितनी राशि का भुगतान करना होगा.
 

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अर्जुन की तरह आखिर किस मछली की आंख पर नजर टिकाएं बैठे हैं RBI गवर्नर, खुद कही ये अहम बात 

RBI गवर्नर ने साफ तौर पर कहा है कि लोन में बदलाव करने के पीछे उसका मकसद ये है कि बैंक पूरी तरह से सतर्क रहें. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 November, 2023
Shaktikant Das

महाभारत की वो कहानी तो आपको याद ही होगी जब पांडवों और कौरवों के प्रशिक्षण के दौरान द्रोणाचार्य ने पूछा था कि आखिर आपको क्‍या दिखाई दे रहा है. इस पर किसी ने कहा कि उन्‍हें पेड़ दिख रहा है तो किसी ने कुछ और. लेकिन सिर्फ अर्जुन ही था जिसने ये कहा था कि उसे सिर्फ तोते की आंख दिखाई दे रही है. आज द्रोणाचार्य के शिष्‍य अर्जुन की कहानी सुनाते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि उनकी नजर भी महंगाई पर उसी तरह लगी हुई है जैसे अर्जुन की नजर सिर्फ मछली पर लगी हुई थी. आरबीआई गवर्नर का ये अहम बयान तब आया है जब पिछले महीने महंगाई में कमी देखने को मिली है. 

कहां बोल रहे थे शक्तिकांत दास? 
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास फिक्‍की के एक कार्यक्रम में बोल रहे थे. उन्‍होंने कहा कि देश की महंगाई पर उनकी नजर ठीक वैसे ही बनी हुई है जैसे अर्जुन की नजर तोते पर बनी हुई थी. उन्‍होंने कहा कि अमेरिकी बॉन्‍ड के प्रतिफल में बढ़ोतरी के बावजूद भारतीय रुपये ने कम अस्थिरता और व्‍यवस्थित उतार-चढ़ाव का प्रदर्शन किया है. 

हाल ही के बदलावों पर RBI गवर्नर ने कही ये बात 
RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में लोन के नियमों के किए गए बदलावों को लेकर भी अपनी बात कही. उन्‍होंने कहा कि लोन के नियमों में किया गया बदलाव बैंकिंग सिस्‍टम को सुचारू रुप से चलाए जाने के लिए किया गया है. उन्‍होंने कहा कि आरबीआई ने इन नियमों से होम लोन और व्‍हीकल लोन सहित छोटे कारोबारियों द्वारा लिए जाने वाले लोन को बाहर रखा है. उन्‍होंने इसे बनाए रखने के फायदे के बारे में बताते हुए कहा कि इससे अर्थव्‍यवस्‍था की रफ्तार बनी रहेगी.

बैंकों पर पैदा नहीं होगा कोई दबाव 
उन्‍होंने कहा कि हमने जो भी कदम उठाया है उससे बैंकों पर किसी तरह का नया दबाव पैदा नहीं होगा. हम चाहते हैं कि बैंक पूरी तरह से सतर्क रहें. उन्‍होंने कहा कि हमने जो कदम उठाए हैं उन्‍हें सोच समझकर उठाया है और उससे कोई लक्ष्‍य सुनिश्चित किया गया है. उन्‍होंने ये भी कहा कि एनबीएफसी-एमएफआई उच्‍च ब्‍याज मार्जिन की सूचना दे रहे हैं. RBI ने उन्‍हें सलाह दी है कि वो समझदारी से ये कदम उठाएं. उन्‍होंने ये भी कहा कि हालांकि महंगाई दर में कमी देखने को मिल रही है लेकिन बावजूद इसके आरबीआई की पैनी नजर इस पर बनी हुई है. 
 


Inflation: मानसून ने की थी मनमानी, अब कुछ यूं बढ़ने वाली है आपकी परेशानी

महंगाई से आम आदमी को छुटकारा मिलने की उम्मीद कम ही नजर आती है. आने वाले दिनों में दाल से लेकर सब्जियों तक के भाव बढ़ सकते हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 November, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 November, 2023
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आने वाले दिनों में आपकी थाली पर होने वाला खर्चा बढ़ सकता है. सरल शब्दों में कहें, तो दाल से लेकर फल-सब्जियों तक सबके दाम बढ़ सकते हैं. इसकी वजह है मानसून की मनमानी. दरअसल, मानसून में महाराष्ट्र में बादल उतना नहीं बरसे, जितने की जरूरत थी. नतीजतन राज्य में जलाशयों का स्तर पिछले वर्ष की तुलना में 20% कम है और सूखे जैसे हालात निर्मित हो सकते हैं. इससे, प्याज, दाल, चीनी, फल और सब्जियों की सप्लाई कम होने की आशंका है. जाहिर है जब सप्लाई कम हो और डिमांड ज्यादा, तो दाम बढ़ते ही हैं.

जलाशयों में पिछली बार से कम पानी 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, महाराष्ट्र में ज्यादा बारिश नहीं हुई, जिसके चलते सालभर के लिए पर्याप्त पानी स्टोर नहीं हो सका. मौजूदा वक्त में राज्य के जलाशयों का स्तर पिछले साल के मुकाबले 20% कम है. प्याज, दाल, चीनी, फल-सब्जियों के कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की अच्छी-खासी हिस्सेदारी है. महाराष्ट्र इन वस्तुओं का प्रमुख उत्पादन है. ऐसे में वहां संकट का अर्थ है, पूरे सिस्टम का प्रभावित होना. पानी की कमी के चलते राज्य में रबी सीजन की प्याज की बुआई कम होने की आशंका बनी हुई है. इसी तरह, गेहूं और चना की बुआई भी कम उत्पादन का संकेत दे रही है. उधर, अरहर और चीनी का उत्पादन पहले से ही गिरना तय माना जा रहा है. प्याज के दाम पहले से ही ज्यादा चल रहे हैं, क्योंकि पानी की कमी से प्याज का रकबा घटा है. 

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कम बारिश का ऐसा दिखा प्रभाव 
रिपोर्ट्स में मौसम विज्ञान विभाग के हवाले से बताया गया है कि मानसून के दौरान वैसे तो महाराष्ट्र में कुल बारिश सामान्य थी, लेकिन मराठवाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और उत्तरी महाराष्ट्र जैसे कई क्षेत्रों में इसमें कमी रही. इस वजह से खेती प्रभावित हुई. उदाहरण के तौर पर, जो किसान 5 एकड़ में प्याज लगाते थे, उन्होंने पानी की कमी के चलते क्षेत्रफल घटाकर 2 एकड़ कर दिया. बता दें कि रबी सीजन में 1 अक्टूबर से 15 नवंबर तक रहता है. प्याज की कम बुआई से अगले साल इसकी सप्लाई प्रभावित हो सकती है. यानी इसका सीधा मतलब है कि प्याज एक बार फिर आंसू निकाल सकती है. हालांकि, सरकार अपने स्तर पर इस तरह की आशंकाओं से निपटने के लिए काम कर रही है. 
 


LPG Cylinder के दामों में हो गई बड़ी कटौती, Petrol-Diesel पर कब मिलेगी राहत? 

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में कमी का ऐलान किया है. एक नवंबर को इस सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए थे.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 16 November, 2023
Last Modified:
Thursday, 16 November, 2023
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चुनावी मौसम में गैस सिलेंडर (LPG Cylinder) के दामों में एक बार फिर कटौती हुई है. हालांकि, इस कटौती का लाभ केवल कमर्शियल सिलेंडर इस्तेमाल करने वालों को ही मिलेगा. घरेलू सिलेंडर के दामों को यथावत रखा गया है. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने 19 किलो वाला कमर्शियल सिलेंडर 57.50 रुपए सस्ता कर दिया है. इस कटौती के बाद राजधानी दिल्ली में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत घटकर 1775.50 रुपए हो गई है. बता दें कि इस सिलेंडर का इस्तेमाल होटल, रेस्टोरेंट आदि में किया जाता है. 

दूसरी बार अपडेट हुए दाम
गैस कंपनियों ने नवंबर में दूसरी बात कीमतें अपडेट की हैं. इससे पहले 1 नवंबर को कमर्शियल सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए थे. उस वक्त सिलेंडर के दामों में 101.50 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई थी और अब इसमें 57.50 रुपए की कटौती की गई है. हालांकि, घरेलू LPG सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है. यानी इसके लिए आपको पहले वाले दाम ही चुकाने होंगे. 30 अगस्त को घरेलू एपलीजी सिलेंडर की कीमत में 200 रुपए की कमी हुई थी. इसके बाद से इसके दाम यथावत हैं. हालांकि, उम्मीद की जा रही थी कि जिस तरह से बीते कुछ समय में घरेलू सिलेंडर के दाम बढ़े थे, उसे देखते हुए एक राहत और मिल सकती है. लेकिन कंपनियों ने फिलहाल ऐसा नहीं किया है.

कायम है जनता की उम्मीद 
कमर्शियल सिलेंडर के दामों में कटौती के बाद अब लोगों को घरेलू सिलेंडर में राहत के साथ-साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भी कटौती की उम्मीद है. पेट्रोल-डीजल के दाम एक साल से ज्यादा से यथावत हैं. तेल कंपनियों ने इसमें किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया है. जबकि कच्चे तेल की कीमतें पहले के मुकाबले कम चल रही हैं. पहले कंपनियों ने नुकसान का हवाला देकर दाम बढ़ाए, फिर नुकसान की भरपाई के नाम पर और अब जब वे मुनाफे में आ गई हैं, तब भी पेट्रोल-डीजल सस्ता नहीं किया जा रहा है. कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद अगले साल देश को लोकसभा चुनाव से गुजरना है, ऐसे में लोगों को आस है कि शायद यहां भी कुछ राहत मिल जाए.