RBI द्वारा लॉन्च किये गए CBDC को अपनाए जाने को लेकर Indusind Bank ने इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड से हाथ मिलाया है.
दिल्ली-NCR के लोगों के लिए इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. खबर है कि अब दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्रों यानी NCR में डिजिटल रुपए में लेन-देन किया जा सकता है और इसके लिए प्राइवेट सेक्टर के जाने-माने इंडसिंड बैंक (Indusind Bank) ने इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (IGL) के साथ साझेदारी की है.
भारत की अपनी डिजिटल करेंसी को मिलेगी स्वीकार्यता
प्राइवेट सेक्टर के जाने-माने इंडसिंड बैंक (Indusind Bank) ने आज इस बात की जानकारी देते हुए बताया है कि डिजिटल रुपए और पिछले साल RBI द्वारा लॉन्च किये गए CBDC (केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी) को अपनाए जाने को लेकर बैंक ने इन्द्रप्रस्थ गैस लिमिटेड से हाथ मिलाया है. बैंक ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया है कि इस साझेदारी की बदौलत दिल्ली-NCR के कुछ चुनिंदा IGL स्टेशनों पर कस्टमर डिजिटल रुपए का इस्तेमाल करके भुगतान कर पायेंगे और भारत की अपनी डिजिटल करेंसी को मंजूरी मिल पाएगी.
इंडसिंड बैंक का उद्देश्य
इस विषय पर बात करते हुए इंडसिंड बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO सुमंत कठपालिया कहते हैं कि UPI के आतंरिक रूप से काम करने के तरीके के हिसाब से कस्टमर्स किसी भी IGL स्टेशन पर जाकर अपने डिजिटल रुपए ऐप के माध्यम से किसी भी UPI QR कोड को स्कैन कर सकते हैं. RBI के CBDC प्रोजेक्ट में भाग लेने वाले प्रमुख बैंकों में से एक होने के नाते इंडसिंड बैंक, CBDC के माध्यम से मिलने वाली महत्ता के बारे में मानता है और डिजिटल करेंसी के इस्तेमाल से अपने कस्टमर्स को डिजिटल पेमेंट का ज्यादा सुविधाजनक एवं व्यापक अनुभव प्रदान करना चाहता है.
बढ़ाना चाहते हैं यूजर बेस
इसके साथ ही बैंक ने यह जानकारी भी दी है कि डिजिटल रुपए का सोल्यूशन iOS के साथ-साथ एंड्राइड प्लेटफॉर्म्स पर भी प्रदान करवाया जाएगा ताकि यूजर मनचाहे तरीके से इसका इस्तेमाल कर सकें और इस डिजिटल रुपए ऐप में P2P (Peer 2 Peer) और P2M (Peer 2 Merchant) पेमेंट जैसे फीचर्स भी प्रदान किये जायेंगे जो UPI के QR कोड के साथ आतंरिक रूप से काम कर पायेंगे. CBDC के मामले में पब्लिक सेक्टर का बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda) CBDC के यूजर बेस को अगले 3 से 4 महीनों में बढ़ाकर 10 लाख से ज्यादा करना चाहता है. बैंक ऑफ बड़ौदा के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर जयदीप दत्त रॉय कहते हैं कि हमारे पास लगभग 2.5 लाख यूजर्स हैं और आने वाले 3-4 महीनों के दौरान हम इस संख्या को 10 लाख के पार पहुंचाना चाहते हैं.
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इस योजना के तहत 8 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए 3 प्रतिशत ब्याज दर पर 10 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण मिलेगा.
अब ‘मिडिल क्लास’ परिवार के बच्चे पैसों की कमी के चलते उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रह सकेंगे. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम विद्या लक्ष्मी एजुकेशन योजना को अपनी मंजूरी दी है. दरअसल, इसके तहत 8 लाख सालाना से कम आमदनी वाले परिवार के बच्चे को 3% की ब्याज सब्सिडी के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा. इसके तहत सरकार का मकसद है कि कोई भी मेधावी छात्र वित्तीय समस्या के कारण उच्च शिक्षा से वंचित न रह सके. प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के तहत हर योग्य छात्र को शिक्षा ऋण प्रदान किया जाएगा. बता दें हर साल बड़ी संख्या में भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में भी जाते हैं.
कहां लागू होगी स्कीम?
यह योजना देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होगी. जैसा कि NIRF रैंकिंग से तय किया गया है. इस सूची को हर साल नवीनतम NIRF रैंकिंग का उपयोग करके अपडेट किया जाएगा. पहले 860 योग्य QHEI के साथ इसकी शुरुआत होगी. इसमें 22 लाख से अधिक छात्र पीएम-विद्यालक्ष्मी का लाभ उठाने में सक्षम होंगे, अगर उनकी इच्छा हो तो. पीएम विद्या लक्ष्मी एजुकेशन योजना में आवेदन करने के लिए छात्र का आधार कार्ड, फोटो, पहचान पत्र और पिछले एजुकेशन के सभी दस्तावेज लगेंगे.
ब्याज सबवेंशन की व्यवस्था
7.5 लाख रुपये तक की कर्ज राशि के लिए छात्र बकाया डिफॉल्ट के 75% की क्रेडिट गारंटी के लिए भी पात्र होगा. इससे बैंकों को योजना के तहत छात्रों को शिक्षा लोन उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी. इसके अलावा, जिन छात्रों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और जो किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज सबवेंशन योजनाओं के तहत लाभ के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें अधिस्थगन अवधि के दौरान 10 लाख रुपये तक के कर्ज के लिए 3 फीसदी ब्याज सबवेंशन भी प्रदान किया जाएगा. हर साल एक लाख छात्रों को ब्याज सबवेंशन सहायता दी जाएगी. उन छात्रों को वरीयता दी जाएगी जो सरकारी संस्थानों से हैं और उन्होंने तकनीकी/पेशेवर पाठ्यक्रमों का विकल्प चुना है.
कैसे मिलेगा एजुकेशन लोन?
उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल 'पीएम-विद्यालक्ष्मी' होगा, जिस पर छात्र सभी बैंकों की ओर से उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से एजुकेशन लोन के साथ ब्याज सबवेंशन के लिए आवेदन कर सकेंगे. ब्याज सबवेंशन का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वॉलेट के जरिये किया जाएगा. पीएम विद्यालक्ष्मी भारत के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा और वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में भारत सरकार की ओर से पिछले एक दशक में की गई पहलों की श्रृंखला के दायरे और पहुंच का निर्माण और विस्तार करेगी.
कैसे और कहां करें आवेदन?
पीएम विद्या लक्ष्मी एजुकेशन योजना के तहत छात्रों को सरल और डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से बिना गारंटी के शिक्षा ऋण मिलेगा. इसमें सबसे कम ब्याज सब्सिडी के साथ कम आय वाले परिवारों को लोन दिया जाएगा. इस योजना के तहत सभी बैंकों द्वारा डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के जरिए कम समय में और आसानी से लोन मिलेगा. इसमें लोन आवेदन के लिए सभी बैंक एकीकृत डिजिटल फॉर्मेट उपलब्ध कराएंगे. बैंकों के ऐप और वेबसाइट पर इसका आवेदन करना होगा.
आम जनता को अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ेगी, एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में साबुन, तेल और बिस्किट जैसे उत्पाद महंगे हो सकते हैं.
देश के एफएमसीजी सेक्टर की प्रमुख कंपनियों की तरफ से ऐसी जानकारी सामने आई है जो आपके लिए चिंता का सबब हो सकती है. एफएमसीजी यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स प्रोडक्ट्स जैसे घर के साबुन, शैंपू, तेल, कॉफी, चॉकलेट या घर के अन्य सामान जैसे दालें-चावल, मसाले आदि भी इसी में आते हैं. अगर हम आपसे कहें कि निकट भविष्य में एफएमसीजी प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने वाले हैं तो जाहिर तौर पर इसके बाद आपके घर का बजट महंगा होने वाला है.
FMCG सेक्टर की बड़ी कंपनियों ने बना लिया मन
देश की एफएमसीजी सेक्टर की बड़ी कंपनियों जैसे एचयूएल, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) और डाबर, नेस्ले वगैरह ने आने वाले समय में अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने का संकेत दिया है. इसके पीछे उन्होंने वजह बताई है कि शहरी इलाकों में इस समय मांग कम आ रही है जिसके चलते उनकी बिक्री घटी है और मुनाफे एवं मार्जिन पर असर देखा जा रहा है. इसकी वजह से प्रॉफिट मार्जिन बनाए रखने के लिए उन्हें दाम बढ़ाने पड़ेंगे और ये जल्द ही हो सकता है.
किन कंपनियों ने दिए स्पष्ट संकेत
एचयूएल, जीसीपीएल, मैरिको, आईटीसी, टाटा कंज्यमूर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) ने शहरी मांग घटने के बाद अब संकेत दिए हैं कि कुछ उत्पादों के दाम बढ़ाए जा सकते हैं. इसके तहत नेस्ले ने भी साफ रूप से कहा है कि वो कॉफी-कोको जैसे प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने के कारण अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाने पर मजबूर हो सकती है. एचयूएल ने भी इस बात पर चिंता जताते हुए एफएमसीजी उत्पादों के दाम हल्के रूप से बढ़ाने की संभावना से इंकार नहीं किया है.
शहरी मांग का FMCG बिक्री में बड़ा हिस्सा
दरअसल, एफएमसीजी कंपनियों की कुल बिक्री में शहरी डिमांड का हिस्सा 65-68 फीसदी के बीच रहता है. अगर किसी वजह से इसमें गिरावट आती है तो साफ तौर पर इसका असर एफएमसीजी प्रोडक्ट्स पर देखने को मिल सकता है. जुलाई-सितंबर तिमाही में ऊंची खाद्य महंगाई दर और गिरती मांग का संयुक्त असर इन कंपनियों पर देखने को मिला और इसका असर कीमतें बढ़ने के तौर पर देखा जा सकता है.
रेलवे 7 हजार से ज्यादा फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन चला रहा है. इनमें वहीं उत्तर रेलवे की ओर से 71 स्पेशल ट्रेन हैं. 7 कई स्पेशल ट्रेन की समय सीमा बढ़ा दी गई है.
भारतीय रेलवे ने छठ और दिवाली के समय पर यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 7,296 विशेष ट्रेनों का संचालन करने का फैसला लिया है. रेलवे के द्वारा पिछले साल की तुलना में इस साल विशेष ट्रेनों की संख्या 4,500 से बढ़ाकर 7,296 कर दी है. रेलवे के इस फैसले के अनुसार उत्तर मध्य रेलवे के द्वारा 01 नवंबर को 4 स्पेशल ट्रेन और 02 नवंबर को 3 स्पेशल ट्रेन का संचालन किया. इसके अतिरिक्त 02 नवंबर को कुल मिलाकर 38 ट्रेन उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से गुजरेंगी.
कब कितनी ट्रेनें चलाई जा रहीं
• 1 नवंबर 2024 को उत्तर मध्य रेलवे ने 4 विशेष गाड़ियां चलाईं
• 2 नवंबर 2024 को 3 विशेष गाड़ी चलाई जा रही हैं
• 2 नवंबर 2024 को 38 गाड़ियां उत्तर मध्य रेलवे परिक्षेत्र से गुजरेंगी
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे महानगरों में बड़ी संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं, जो छठ का त्योहार आते ही अपने-अपने घरों की ओर जाना चाहते हैं. वह पूरे साल छठ का बेसब्री से इंतजार करते हैं. लेकिन, अफसोस कई बार रेलवे के कुप्रंबधन की वजह से उन्हें घर जाने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो ट्रेन में जगह ही नहीं मिलती है. लेकिन, इस साल केंद्र सरकार ने उनकी मुश्किलें कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया है.
कैसे खरीदें टिकट
रेलवे के द्वारा छठ पूजा के लिए चलाई गईं स्पेशल ट्रेनों के टिकट बुक करने के लिए आप भारतीय रेलवे की वेबसाइट या रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर जा सकते हैं. आइए बताते हैं कैसे खरीदें टिकट.
IRCTC वेबसाइट या ऐप- रेलवे द्वारा चलाई गईं इन स्पेशल ट्रेनों में टिकट बुक करने के लिए आप रेलवे (आईआरसीटीसी) की आधिकारिक वेबसाइट या फिर आईआरसीटीसी के ऐप का प्रयोग कर सकते हैं. ऐप के जरिए सभी स्पेशल ट्रेनों के रूट भी देखे जा सकते हैं.
रेलवे टिकट काउंटर- आप सभी इन स्पेशल ट्रेन के टिकट लेने के लिए रेलवे टिकट काउंटर पर भी जा सकते हैं. यह सेवा आपके लिए 24/7 खुली रहती है. टिकट काउंटर से भी राल के रूट की सारी जानकारी ले सकते हैं.
तत्काल बुकिंग- अगर आपके पास टिकट बुक करने के लिए कम समय है तो आप सभी स्पेशल ट्रेन के लिए तत्काल बुकिंग कर सकते हैं. हालांकि तत्काल टिकट के लिए समय और सीट सीमित होती है. इसलिए आप समय पर ही टिकट बुक करना सुनिश्चित कर लें.
तेल मार्केटिंग कंपनियों ने जेट ईंधन (ATF) के दाम भी बढ़ा दिए हैं, जिससे एयरलाइन कंपनियों को तगड़ा झटका लगने वाला है.
दिवाली छठ के पावन त्योहार के चलते वैसे ही हवाई किराया आसमान छू रहा है. अब हवाई सफर और भी महंगा हो सकता है. सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल रसोई गैस सिलेंडर के साथ हवाई ईंधन के दामों में भी इजाफा कर दिया है. एक नवंबर 2024 से एविएशन टर्बाइन फ्यूल यानि एटीएफ के दामों में 3.35 फीसदी या 2941.5 किलोलीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है. ऐसे में छठ पूजा और शादियों के सीजन में हवाई सफर करने वालों की जेब और कटने वाली है.
एटीएफ 3.35 फीसदी महंगा
सरकारी तेल कंपनियों ने अक्टूबर महीने में एटीएफ की कीमतों में कटौती की थी लेकिन नवंबर महीने में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी का हवाला देकर एटीएफ की कीमतों को बढ़ा दिया गया है. राजधानी दिल्ली में एटीएफ के दाम 2941 रुपये प्रति किलोलीटर की बढ़ोतरी के साथ 90538.72 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है जो पिछले महीने 87587.22 रुपये प्रति किलोलीटर थी. यानि एटीएफ अब 3.35 फीसदी महंगा हो गया है. दिल्ली में एटीएफ की नई कीमत 90538.72 रुपये प्रति किलोलीटर, कोलकाता में 93392 रुपये, मुंबई में 84642 रुपये और चेन्नई में 93957 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है.
हवाई सफर होगा महंगा
महंगे एटीएफ का असर फौरी तौर पर देखने को मिल सकता है. घरेलू एयरलाइंस कंपनियां हवाई सफर महंगा कर सकती है. वैसे भी सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो ने जो मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजे पेश किए हैं उसमें महंगे एटीएफ के चलते कंपनी के मुनाफे में भारी कमी आ गई. ऐसे में अब एटीएफ में बढ़ोतरी का भार सीधे एयरलाइंस हवाई यात्रियों पर डाल सकती हैं. महंगे एटीएफ के साथ डॉलर ( Dollar) के मुकाबले रुपये में गिरावट (Weak Rupee) के चलते एयरलाइंस हवाई किराया महंगा कर सकती हैं क्योंकि उनका ऑपरेशन लागत पर असर पड़ रहा है. एयरलाइंस के ऑपरेशंस में कुल लागत में करीब 40 फीसदी हिस्सा एटीएफ की कीमतों का होता है और इसके बढ़ने से एयरलाइंस की लागत भी बढ़ती है.
नए साल पर घूमना होगा महंगा
नवंबर महीने की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में साल 2024 खत्म होने वाला है. लोग साल के आखिर में नए साल के आगाज होने पर और उसका स्वागत करने के लिए टूरिस्ट स्थान पर घूमने का प्लान बनाते हैं. हवाई ईंधन के महंगा होने के चलते घूमने जाने का प्लान बना रहे लोगों के बजट पर असर पड़ सकता है.
पारिवारिक पेंशनर्स सहित केंद्र सरकार के पेंशनर्स अब अपनी मूल पेंशन/पारिवारिक पेंशन के 50 प्रतिशत की जगह 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्राप्त करेंगे.
केंद्र सरकार ने देश के लाखों पेंशनर्स (Pensioners) को दिवाली का तोहफा दिया है. दरअसल, सरकार ने बुधवार को पेंशनर्स के लिये महंगाई राहत की अतिरिक्त किस्त देने का आदेश जारी किया. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 अक्टूबर को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के साथ-साथ पेंशनर्स को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) और महंगाई राहत (DR) की अतिरिक्त किस्त की मंजूरी दी थी. यह वृद्धि एक जुलाई, 2024 से की गई थी. वहीं, अब इसके लिए आदेश भी जारी हो गया है. तो चलिए जानते हैं सरकार के इस फैसले से पेंशनर्स को कितना फायदा होगा?
65 लाख पेंशनर्स को होगा फायदा
कार्मिक मंत्रालय (Ministry of Personnel Public Grievances and Pensions) ने बयान में कहा कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने केंद्र सरकार के सभी पेंशनभोगियों/पारिवारिक पेंशनधारकों के लिए 30 अक्टूबर, 2024 को एक आदेश जारी किया है. आदेश के अनुसार अब पारिवारिक पेंशनर्स सहित केंद्र सरकार के पेंशनर्स महंगाई भत्ते और महंगाई राहत की उच्च राशि प्राप्त करने के हकदार हैं. इसके तहत वे अपनी मूल पेंशन/पारिवारिक पेंशन के 50 प्रतिशत की जगह 53 प्रतिशत महंगाई भत्ता और महंगाई राहत प्राप्त करेंगे. यह वृद्धि एक जुलाई से प्रभावी होगी, यानी पेंशनर्स को पिछले चार महीनों के बढ़े हुए भत्ते के कारण बकाया राशि मिलेगी. मौजूदा समय में देश में केंद्र सरकार से रिटायर हुए पेंशनर्स की संख्या करीब 65 लाख है. महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में इजाफे की वजह से केंद्र सरकार पर 9448 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा.
53 प्रतिशत हुई महंगाई राहत
16 अक्टूबर को कैबिनेट के फैसले के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी देते हुए कहा था कि सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में इजाफा किया है. ये इजाफा 3 प्रतिशत का किया गया है, जिसके बाद महंगाई भत्ता औार महंगाई राहत 50 प्रतिशत से बढ़कर 53 प्रतिशत हो गया है. जिसका फायदा देश के 1.14 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों और पेंशनर्स को फायदा होगा. वैसे कोविड के बाद पहली बार ऐसा मौका है जब केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में 3 प्रतिशत इजाफा किया है. इससे पहले सरकार की ओर से 4 प्रतिशत का इजाफा किया जा रहा था.
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सरकार का कहना है कि इससे कस्टम ड्यूटी और जीएसटी में दी गई छूट का फायदा मरीजों तक पहुंचेगा. NPPA ने इस बारे में दवा कंपनियों को निर्देश जारी किए हैं.
भारत में कैंसर के मामले हर साल बढ़ रहे हैं. इस बीमारी का ट्रीटमेंट भी काफी महंगा है. कैंसर मरीजों को कम दामों पर दवाएं मिलती रहें इसके लिए सरकार समय समय पर कुछ दवाओं की कीमतों को कम कर देती है. इसी कड़ी में कैंसर की तीन दवाओं की कीमत को जल्द कम किया जाएगा.राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण यानी NPPA ने तीन एंटी-कैंसर दवाओं ट्रैस्टुजुमाब, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमाब की कीमतों को कम करने का आदेश जारी किया है. ये दवाएं किस प्रकार के कैंसर में यूज होती हैं और इनके सस्ते होने से कैंसर मरीजों को कितना फायदा होगा इस बारे में जानते हैं.
कैंसर मरीजों को मिली राहत
सरकार ने जो तीन दवाएं सस्ती करेंगी उनमें ट्रैस्टुजुमाब ब्रेस्ट कैंसर के ट्रीटमेंट में काम आती है. यह दवा शरीर में HER2 प्रोटीन की अधिकता से हुए ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में काम आती है. यह दवा ट्यूमर की वृद्धि को रोकने और कैंसर सेल्स को मारने में मदद करती है. भारत में हर साल ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में ट्रैस्टुजुमाब दवा की खपत भी बढ़ रही है. इस दवा की कीमत कम होने से ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही लाखों महिलाओं को राहत मिलेगी.
ओसिमर्टिनिब दवा का यूज
कैंसर विशेषज्ञ डॉ विनीत तलवार बताते हैं कि ओसिमर्टिनिब दवा लंग्स कैंसर के ट्रीटमेंट में यूज होती है. यह विशेष रूप से EGFR म्यूटेशन वाले फेफड़ों के कैंसर के इलाज में काम आती है. यह दवा ट्यूमर की वृद्धि को रोकने और कैंसर सेल्स को मारने में मदद करती है.डुर्वालुमाब दवा कई प्रकार के कैंसर, जैसे कि फेफड़ों का कैंसर, यूरीन ट्रेक्ट का कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर के इलाज में काम आती है. यह दवा इम्यून सिस्टम को एक्टिव करने और कैंसर सेल्स को मारने में मदद करती है. डुर्वालुमाब का यूज अन्य दो दवाओं की तुलना में ज्यादा होता है. इस दवा के सस्ते होने से लाखों मरीजों को फायदा होगा.
हर साल बढ़ रहे कैंसर के मामले
भारत में हर साल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, भारत में हर साल कैंसर के करीब 10 लाख से ज़्यादा नए मामले आ रहे हैं. साल 2023 में कैंसर के 14 लाख से अधिक केस आए थे. भारत में हर साल कैंसर के मामले करीब 2.5 प्रतिशत बढ़ रहे हैं. WHO के मुताबिक, आने वाले समय में भारत में नौ में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की आशंका है. खराब खानपान, बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल और बढ़ता प्रदूषण कैंसर के मामले बढ़ने का एक बड़ा कारण है.
1 नवंबर देश में कई नियमों में अहम बदलाव होने वाले हैं. एलपीजी की कीमतों से लेकर और म्यूचुअल फंड तक के नियम शामिल हैं.
अक्टूबर का महीना खत्म होने में अब कुछ ही दिन बचा है. अगले महीने की पहली तारीख यानी 1 नवंबर से आम आदमी से जुड़ी कई चीजों में बदलाव होने जा रहा है. इसमें एलपीजी की कीमतों से लेकर और म्यूचुअल फंड तक के नियम शामिल हैं. दरअसल, हर महीने की पहली तारीख को कई बदलाव होते हैं. सरकारी और गैर-सरकारी कंपनियां भी अपने नियमों में बदलाव करती हैं. आम आदमी को इन नियमों में बारे में पता होता जरूरी है. इन बदलावों का आम आदमी के जेब पर सीधा असर आम पड़ता है. आइए जानते हैं कौन से हैं वो बड़े बदलाव...
1. LPG सिलेंडर के दाम
हर महीने की पहली तारीख को पेट्रोलियम कंपनियां गैस सिलेंडर की कीमतों में बदलाव करती हैं और नए रेट जारी करती हैं. इस बार भी 1 नवंबर इसकी कीमतों में संशोधन देखने को मिल सकता है. लोग इस बार 14 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें घटने की उम्मीद लगाए बैठे हैं, जो लंबे समय से स्थिर हैं. वहीं कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम की बात करें, तो 19 किलोग्राम वाले LPG Cylinder की कीमत जुलाई महीने में घटी थी, लेकिन इसके बाद लगातार तीन महीने से इसमें इजाफा हो रहा है.
2. ATF और CNG-PNG के रेट
एक ओर जहां ऑयल मार्केटिंग कंपनियां हर महीने की पहली तारीख को LPG Gas Cylinder की कीमतों में संशोधन करती हैं, तो इसी के साथ सीएनजी-पीएनजी (CNG-PNG) के अलावा एयर टर्बाइन फ्यूल (ATF) के दाम में भी संशोधन किए जाते हैं. बीते कुछ महीनों में हवाई ईंधन के दाम में कटौती देखने को मिली है और इस बार भी कीमतें कम किए जाने के फेस्टिव गिफ्ट की उम्मीद जताई जा रही है. इसके अलावा सीएनजी और पीएनजी के भाव में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है.
3. SBI क्रेडिट कार्ड रूल
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की सब्सिडियरी एसबीआई कार्ड एक नवंबर से बड़ा बदलाव लागू करने जा रही है, जो इसके क्रेडिट कार्ड के जरिए यूटिलिटी बिल पेमेंट्स और फाइनेंस चार्जेस से जुड़े हुए हैं. Credit Card Rule Change के बारे में विस्तार से समझें, तो 1 नवंबर से अन-सिक्यॉर्ड एसबीआई क्रेडिट कार्ड पर हर महीने 3.75 फाइनेंस चार्ज का पेमेंट का पेमेंट करना होगा. इसके अलावा बिजली, पानी, एलपीजी गैस समेत अन्य यूटिलिटी सर्विसेज में 50,000 रुपये से अधिक पेमेंट पर 1 फीसदी एक्स्ट्रा चार्ज देना होगा.
4. Mutual Fund के नियम
मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने म्यूचुअल फंड में इनसाइडर ट्रेडिंग के नियमों को टाइट करने की तैयारी कर ली है और नवंबर महीने की पहली तारीख से ये लागू हो जाएगा. दरअसल, म्यूचुअल फंड यूनिट के लिए जो नए इनसाइडर नियम (Mutual Fund Rule) लागू होने जा रहे हैं, उनके मुताबिक अब एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMCS) के फंड में नॉमिनी लोगों और उनके करीबी रिश्तेदारों की ओर किए गए 15 लाख रुपये से अधिक के ट्रांजैक्शन की जानकारी अनुपालन अधिकारी को देनी होगी.
5. TRAI के नए नियम
1 नवंबर से होने वाले बड़े बदलावों की लिस्ट में पांचवां चेंज टेलीकॉम सेक्टर से जुड़ा हुआ है और पहली तारीख से ये नए नियम लागू हो सकते हैं. दरअसल, सरकार ने JIO, Airtel समेत सभी टेलीकॉम कंपनियों को मैसेज ट्रेसिबीलिटी लागू करने का निर्देश दिया है. इसके तहत टेलीकॉम कंपनियों को आदेश दिया गया है कि वो स्पैम नंबर्स को ब्लॉक कर दें. ऐसे में कंपनियां अपने सिम यूजर्स तक मैसेज पहुंचने से पहले ही मैसेज को स्पैम लिस्ट में डालकर नंबर ब्लॉक कर सकती हैं.
6. 13 दिन बैंकों में कामकाज नहीं
नवंबर में त्योहारों और पब्लिक हॉलिडे के साथ-साथ विधानसभा चुनावों के कारण भी बैंक कई मौकों पर बंद रहेंगे. नवंबर में कुल 13 दिन बैंकों को छुट्टियां रहेंगी. आइए जानते हैं बैंक किन-किन मौकों पर बंद रहेंगे. इन Bank Holidays के दौरान आप बैंकों की ऑनलाइन सर्विसेज का इस्तेमाल करते हुए अपने बैंकिंग से जुड़े काम और ट्रांजैक्शंस निपटा सकते हैं. ये सर्विस 24X7 चालू रहती है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी दौरे पर संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में संस्कृत छात्रवृत्ति योजना 2024 की शुरुआत की. इसका लाभ हजारों छात्रों को मिलेगा.
उत्तर प्रदेश (UP) में एक बार फिर से छात्रवृत्ति योजना को शुरू किया गया है. इस योजना का लाभ संस्कृत पढ़ने वाले हजारों छात्रों को मिलेगा. दरअसल, काशी के संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी ने संस्कृत छात्रवृत्ति योजना 2024 (Sanskrit Scholarship Scheme) की शुरुआत की है. इस दौरान उन्होंने राज्य के 69195 संस्कृत से अध्ययनरत छात्रों के बैंक खाते में छात्रवृत्ति की राशि स्थानांतरित की. उन्होंने एक साथ 586 लाख रुपये की धनराशि छात्रवृत्ति के रूप में छात्रों को ट्रांसफर की है. बता दें, राज्य सरकार ने इस स्कॉलरशिप को 23 साल बाद दोबारा शुरू किया है. तो चलिए जानते हैं इस योजना के तहत छात्रों को स्कॉलरशिप के रूप में कितनी राशि प्रदान की जाएगी और कौन छात्र इसके लिए योग्य होंगे?
छात्रों को हर महीने मिलेगी इतनी छात्रवृत्ति
इस योजना के तहत प्रथमा (कक्षा छह व सात) के छात्रों को प्रतिमाह 50 रुपये व आठ के विद्यार्थियों को 75 रुपये की छात्रवृत्ति मिलेगी. पूर्व मध्यमा (कक्षा नौ व दस) के विद्यार्थियों को प्रतिमाह 100 रुपये, उत्तर मध्यमा (कक्षा 11 व 12), शास्त्री (स्नातक) 200 रुपये व आचार्य (परास्नातक) के विद्यार्थियों को प्रतिमाह 250 रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी. इसके लिए पात्रता न्यूनतम 50 प्रतिशत प्राप्तांक और 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य है. यह छात्रवृत्ति दो किस्तों में दी जाएगी, जिसमें पहली किस्त दशहरा से पहले और दूसरी किस्त होली से पहले भुगतान किए जाने की व्यवस्था है.
संस्कृत विद्यालयों को पुनर्जीवित करने की योजना
सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्कॉलरशिप की शुरुआत करके आवासीय गुरुकुल शैली के संस्कृत विद्यालयों को पुनर्जीवित करने की योजना की भी घोषणा की. उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे विज्ञान और तकनीकी शिक्षा के लिए एक भाषा के रूप में संस्कृत को गंभीरता से लें उन्होंने कहा कि संस्कृत की वकालत करना मानवता की वकालत करने के समान है. संस्कृत केवल "देव-वाणी" नहीं है, बल्कि एक वैज्ञानिक भाषा भी है, जिसे कंप्यूटर विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे आधुनिक क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है.
गुरुकुल संस्थाओं को भी मिलेगी अतिरिक्त सहायता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए राज्य भर के गुरुकुल संस्थानों को अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाएगी, जिसमें छात्रों के लिए मुफ्त आवास और भोजन की व्यवस्था करने वाले संस्थानों को विशेष सहायता दी जाएगी. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि इन सभी संस्थानों को योग्य आचार्यों (संस्कृत टीचर्स) की भर्ती करने की भी स्वतंत्रता होगी.
दीवाली से पहले ही बहुत से लोगों ने अपने दोस्तों-रिश्तेदारों के लिए ऑनलाइन खरीदारी भी शुरू कर दी है. इसी के साथ ऑनलाइन ठगी के लिए स्कैमर्स भी एक्टिव हो गए हैं.
इस बार भारत में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी. दिवाली से पहले ही बहुत से लोगों ने अपने दोस्तों-रिश्तेदारों के लिए ऑनलाइन खरीदारी भी शुरू कर दी है. इसी के साथ ऑनलाइन ठगी के लिए स्कैमर्स भी एक्टिव हो गए हैं. भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन) की ओर से नागरिकों को इस तरह के स्कैम से सुरक्षित रहने के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई है.
सरकार ने दिए लोगों को ये टिप्स
सरकार ने ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम से बचने के लिए कुछ टिप्स भी शेयर किए हैं. भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम की ओर से कहा गया है कि इस तरह के स्कैम से बचने के लिए जरूरी है कि कॉल उठाने से पहले कॉल करने वाले की आइडेंटिटी जांची जाए. किसी भी अनजान शख्स का वीडियो कॉल उठाने से बचें और कॉल पर किसी के कहने भर से ही पैसे ट्रांसफर करने से बचें. ध्यान रहे, सरकारी एजेंसियां कभी भी किसी भी ऑफिशियल काम के लिए वॉट्सऐप और स्काइप जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल नहीं करती हैं.
गलती से भी न दें अनजान को अपनी डिटेल्स
सीईआरटी-इन की ओर से जारी एडवाइजरी के अनुसार, सोशल इंजीनियरिंग के जरिए स्कैमर्स विक्टिम को डराने की कोशिश करते हैं. ऐसे में डर कर किसी भी तरह का फैसला जल्दबाजी में लेने से बचें. इसके अलावा, किसी भी अनजान कॉलर को अपनी पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल्स शेयर करने से बचें. कॉलर को फोन पर आए ओटीपी की भी जानकारी देने से बचें. किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज करने की जगह इसे रिपोर्ट करें. स्कैम का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत बैंक और साइबर क्राइम डिपार्टमेंट को इसकी जानकारी दें.
अनजान लिंक पर न करें क्लिक
मेल पर किसी भी अनजान ईमेल एड्रेस से आए अटैचमेंट और फाइल पर क्लिक करने और डाउनलोड करने से बचें. इसके अलावा, किसी के कहने पर फोन में किसी भी तरह का ऐप डाउनलोड न करें. फोन में किसी भी ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं, तो ऑफिशियल प्लेटफॉर्म जैसे प्ले स्टोर का ही इस्तेमाल करें.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024- 25 आम बजट में योजना के तहत मुद्रा लोन की सीमा को दोगुना करने की घोषणा की थी, जिसे अब लागू कर दिया गया है.
मुद्रा लोन के लाभार्थियों के लिए एक खुशखबरी है. दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत लोन की सीमा को बढ़ाकर 10 से 20 लाख कर दिया है. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2024- 25 आम बजट में योजना के तहत मुद्रा लोन की सीमा को दोगुना करने की घोषणा की थी. वहीं, इसे अब लागू कर दिया गया है. तो चलिए जानते हैं इस इसका लाभ किसे और कैसे मिलेगा?
क्या है पीएम मुद्रा लोन?
लोगों को स्वरोजगार करने या लघु उद्यम लगाने के लिए आसानी से लोन मिले, इसके लिए केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल 2015 को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PM Mudra Yojana) की शुरुआत की थी। हालांकि इसका सदुपयोग कम, दुरुपयोग ज्यादा हो रहा है। इसका इशारा नीति आयोग (NITI Aayog) द्वारा तैयार एक रिपोर्ट से मिलता है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के तहत दिये जाने वाले लोन की वापसी में लोग ढीले होते जा रहे हैं. बता दें, अभी तक मुद्रा लोन में शिशु कैटगरी के तहत 50000 रुपये तक का लोन मिलता था. वहीं, किशोर में 50000 से 5 लाख रुपये और तरूण कैटेगरी के तहत 5 लाख से 10 लाख रुपये तक की राशि दी जाती थी. वित्त वर्ष 2024-2025 में अब तक 220662.40 करोड़ रुपये के कुल 22937661 प्रधानमंत्री मुद्रा योजना लोन मंजूर किए जा चुके है. इनमें से 214364.71 करोड़ रुपये का लोन दिया जा चुका है.
तरुण प्लस श्रेणी के लोगों को मिलेगा लाभ
गुरुवार को वित्तीय सेवाएं विभाग (DFC) की तरफ से जानकारी दी गई कि मुद्रा योजना के तहत नई तरुण प्लस श्रेणी बनाई गई है. इस श्रेणी के तहत उन उद्यमियों को 20 लाख तक का लोन प्रदान किया जाएगा, जो तरुण श्रेणी का लोन अदा कर चुके हैं. सरकार का मानना है कि इससे उद्यमियों को अपने कारोबार को विस्तार देने में मदद मिलेगी. खासकर छोटे कारोबारी व उद्यमियों को इससे बड़ी मदद मिलने की संभावना है.
छोटे कारोबारियों को होगा बड़ा फायदा
वित्त मंत्रालय के अनुसार, इस कदम से मुद्रा योजना का उद्देश्य और भी प्रभावी ढंग से पूरा होगा. इस फैसले से छोटे कारोबारियों को अपने कारोबार को बढ़ाने और नए अवसरों का लाभ उठाने में मदद मिलेगी. इससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी.
यहां करें आवेदन
-अपने नजदीकी बैंक या वित्तीय संस्थान की शाखा में जाकर आवेदन करें.
-उद्यमीमित्र पोर्टल (www.udyamimitra.in) पर ऑनलाइन आवेदन करें
आवेदन करते समय इन बातों का ध्यान रखें
-आप किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान का डिफ़ॉल्टर नहीं होने चाहिए.
-आपका क्रेडिट ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा होना चाहिए.
-आपके पास प्रस्तावित गतिविधि के लिए ज़रूरी कौशल, अनुभव, या ज्ञान होना चाहिए.
-आवेदन के साथ ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करने होंगे. इनमें से कुछ दस्तावेज़ ये हैं:
-पहचान पत्र
-पते का प्रमाण
-कारोबार से जुड़े दस्तावेज
-आपका लेटेस्ट फोटो
-अनुसूचित जाति/जनजाति/अल्पसंख्यक प्रमाण
-ऋण की जरूरत से जुड़े प्रमाण
-आपको नवीनतम छह महीने का बैंक स्टेटमेंट भी अपलोड करना होगा.
बैंक लोन देने सेआनाकानी तो यहां करें शिकायत
1. अगर कोई बैंक आपको मुद्रा लोन देने से आनाकानी करे, तो आप अपनी शिकायत डाक द्वारा कस्टमर सर्विस सेल के माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड स्वावलंबन भवन, प्रथम तल, सी-11, जी-ब्लॉक, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स (ई), मुंबई- 400 051, इस पते पर या ईमेल के माध्यम से help@mudra.org.in पर शिकायतकर्ता का पूरा विवरण देकर और शिकायत के कारण के विशिष्ट उदाहरण देकर कर सकते हैं.
2. आप आरबीआई को भी शिकायत कर सकते हैं. आरबीआई सीएमएस पोर्टल https://cms.rbi.org.in पर ऑनलाइन दर्ज की जा सकती हैं या चंडीगढ़ स्थित आरबीआई शिकायत सेल के पते पर भौतिक रूप से भेजी जा सकती हैं. आप आरबीआई संपर्क केंद्र फोन नंबर (टोल-फ्री नंबर) – 14448 पर भी सुबह 9:30 से शाम 5:15 बजे तक फोन करके अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.