हर साल दिसंबर जनवरी में नई फसल आनी शुरू हो जाती है लेकिन इस बार देरी से फसल लगाए जाने के कारण ऐसा नहीं हो सका, इसलिए मंडियों में अब फसल एकसाथ आ रही है.
इस साल आलू और प्याज की इतनी पैदावार हुई है कि इसने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. हालात ये हैं कि आलू और प्याज की कीमतें मंडी में बहुत कम हो गई हैं, महाराष्ट्र जैसी मंडियों में आलू, प्याज की कीमत 3-4 रुपये तक जा पहुंची है, इन कीमतों ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. किसान को उसकी फसल का उचित दाम नहीं मिल रहा है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि एक ओर देश में इतनी ज्यादा पैदावार हुई है जबकि दूसरी ओर क्या इस पैदावार का असर बाजार में भी देखने को मिल रहा है. क्या आम आदमी को आलू और प्याज सस्ते में मिल रहा है.
आखिर कितनी हुई है आलू-प्याज की पैदावार
मुंबई एपीएमसी से जुड़े एक कारोबारी ने बिजनेस वर्ल्ड को बताया कि इस बार सितंबर में बारिश होने के कारण आलू और प्याज की पैदावार थोड़ी देरी से लगाई गई थी जिसके बाद इस वक्त अब यूपी की मंडियों में सभी जगहों से आलू की बंपर फसल मंडी में पहुंच रही है. इसका नतीजा ये हुआ है कि फर्रुखाबाद जैसी मंडी में आलू 400 रुपये क्विंटल से लेकर 700 रुपये क्विंटल तक बिक रहा है. इस वक्त सभी किसान आलू की बंपर फसल मंडी में लेकर आ रहे हैं. हर साल दिसंबर और जनवरी से नया आलू आना शुरू हो जाता था लेकिन इस बार नहीं हो पाया. इसके कारण अब यूपी की सभी बड़ी मंडियों में आलू आ रहा है और वो 4 रुपये किलो से 6 रुपये किलो तक बिक रहा है.
आखिर क्या है प्याज का भाव
मंडी के एक शख्स ने बताया कि आलू की तरह प्याज की भी पैदावार जमकर हुई है. समूचे महाराष्ट्र में प्याज की फसल की बंपर पैदावार हुई है, इस साल सर्दियों में ज्यादा बारिश नहीं हुई तो उससे फसल और अच्छी पैदा हुई है. इसके कारण लासनगांव सहित सभी मंडियों में जमकर प्याज आ रहा है उसी का नतीजा है कि प्याज 300 रुपये किलो से लेकर 1100 रुपये किलो तक बिक रहा है. प्याज का दाम उसकी क्वालिटी पर निर्भर करता है.
क्या बाजार पर दिख रहा है इसका असर
आलू और प्याज की बंपर पैदावार की खबरों के बीच इसका महत्वपूर्ण पहलू ये है कि क्या आम आदमी को इसका फायदा मिल रहा है या नहीं. दिल्ली एनसीआर के बाजारों के बात करें तो बंपर पैदावार का असर आलू के दामों में तो दिख रहा है. आलू दिल्ली एनसीआर में 10 रुपये किलो तक मिल रहा है. लेकिन प्याज की कीमतों मे कोई खास असर नहीं दिखाई दे रहा है. प्याज अभी भी बाजार में 20 रुपये किलो तक ही मिल रहा है.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
आलू प्याज की इन कीमतों को लेकर कमोडिटी एक्सपर्ट अजय केवड़िया कहते हैं कि फसल की पैदावार बंपर होने के कारण इस तरह के दाम दिखाई दे रहे हैं. लेकिन आने वाले दिनों में जैसे ही शादी ब्याह का सीजन शुरू होगा वैसे ही डिमांड में इजाफा हो जाएगा. एक बार इजाफा होने के बाद फिर दाम अपनी जगह पर आ जाएंगे.
क्या कम हाेने जा रहे हैं आटे के दाम?
यदि आप भी इनकम टैक्स में छूट पाने की चाहत रखते हैं, तो ये खबर आपके बहुत काम आएगी.
कमाई पर टैक्स देना शायद ही किसी को अच्छा लगता हो. इसलिए टैक्स के बोझ को कम करने के लिए लोग लाखों जतन करते हैं. कई ऐसी योजनाएं हैं जिनमें किया गया निवेश आपको टैक्स में कुछ राहत दिला सकता है. अब चूंकि नया वित्त वर्ष शुरू हो गया है, इसलिए आप केवल उन निवेश के लिए ही राहत के पात्र होंगे जो आपने 31 मार्च 2024 से पहले किया है. हालांकि, अगले वित्त वर्ष की तैयारी के तहत आप संबंधित योजनाओं में अभी निवेश जरूर कर सकते हैं. चलिए नजर डालते हैं ऐसे कुछ विकल्पों पर जो आपको टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत दिलवाते हैं.
नेशनल पेंशन सिस्टम
राष्ट्रीय पेंशन योजना यानी NPS में किए गए निवेश पर आपको 50,000 रुपए की छूट मिल सकती है. यह एक वालंटियर स्कीम है और इसके अंतर्गत आप इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80CCD (1B) के तहत 50,000 रुपए तक की टैक्स छूट पा सकते हैं. लिहाजा, यदि आपने पहले ही इसमें निवेश कर रखा है, तो इसका प्रूफ तैयार रखिए. और यदि ऐसा करना भूल गए हैं, तो अगले वित्त वर्ष में छूट के लिए अभी से निवेश शुरू कर सकते हैं. इससे न केवल आप प्रति वर्ष किए गए निवेश पर इनकम टैक्स बचा सकेंगे, बल्कि रिटायरमेंट के बाद आपको पेंशन भी मिलेगी.
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी
जीवन बीमा पॉलिसी पर भी कर इनकम टैक्स में छूट मिलती है. इसमें आप 1.5 लाख रुपए तक के लिए टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. वहीं, यदि आप 60 वर्ष से कम आयु के हैं और अपने लिए, लाइफ पार्टनर के लिए या आश्रित बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी का प्रीमियम चुका रहे हैं, तो आप 25,000 रुपए तक की छूट के पात्र भी होंगे. इसी तरह यदि आपके माता-पिता की आयु 60 वर्ष से अधिक है और आप उनके लिए भी प्रीमियम चुका रहे हैं, तो 50,000 रुपए तक की अतिरिक्त छूट पा सकते हैं.
FD यानी फिक्स्ड डिपॉजिट
हमारे देश में बचत के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट को आज भी अच्छा ऑप्शन माना जाता है. यह ऑप्शन आपके टैक्स डिडक्शन का विकल्प भी बन सकता है. 5 साल की अवधि वाले वाली FD में आप आयकर अधिनियम के 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक टैक्स बेनिफिट के पात्र हैं. अमूमन एफडी पर 7 से 8 फीसदी तक का ब्याज मिलता है. वैसे, FD पर मिलने वाले ब्याज पर भी टैक्स लगता है, लेकिन आप टैक्स डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं. तो यदि आपने पहले ही FD करवाई हुई हैं, तो उनका प्रूफ जरूर साथ रख लें.
पब्लिक प्रोविंडेंट फंड
पब्लिक प्रोविंडेंट फंड (PPF) अच्छा टैक्स सेविंग ऑप्शन माना जाता है. PPF पर अभी 7.1 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है. PPF के निवेशकों को भी कर आयकर में छूट मिलती है. आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत आप पीपीएफ में सालाना 1.5 लाख रुपए के निवेश पर टैक्स छूट के हकदार बन जाते हैं. पब्लिक प्रॉविडेंड फंड (PPF) का लॉक इन पीरियड 15 साल का होता है. यानी टैक्स बचाने के लिए आप इस स्कीम में भी निवेश कर सकते हैं.
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम
इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) एक प्रकार का इक्विटी फंड होता है. इस योजना के तहत सालाना 1 लाख रुपए तक के रिटर्न/लाभ पर टैक्स नहीं लगता. ELSS में 3 साल का सबसे छोटी लॉक-इन पीरियड होता है. इसके अलावा, आप यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान (ULIP) खरीदकर भी इनकम टैक्स में छूट का लाभ उठा सकते हैं. वहीं, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) भी टैक्स सेविंग विकल्पों में शामिल है. इस पर 6.8 फीसदी का ब्याज मिलता है और आप 1 वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपए का टैक्स डिडक्शन कर सकते हैं.
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY)
यह योजना सरकार द्वारा खासतौर पर बेटियों के लिए संचालित की जाती है. यह टैक्स फ्री स्कीम है, यानी कि इसके ब्याज पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होता. आप अपनी 10 साल से कम उम्र की बच्ची के नाम पर सुकन्या समृद्धि योजना में खाता खुलवाकर टैक्स बचा सकते हैं. इस स्कीम में अधिकतम 1.5 लाख रुपए सालाना जमा करके इनकम टैक्स में छूट हासिल की जा सकती है. इसी तरह, कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) के जरिए भी टैक्स बचाया जा सकता है. इसमें आपको 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक का टैक्स बेनिफिट मिल सकता है.
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (Senior Citizen Saving Scheme) में पैसा लगाने वालों को भी टैक्स में छूट मिलती है. इसमें आप सालाना अधिकतम 1.5 लाख का निवेश कर सकते हैं. आपको बता दें कि होम लोन पर भी टैक्स छूट मिलती है. इसके अलावा, यदि आप किराये के घर में रहते हैं, तो मकान किराए की रसीद देकर इनकम टैक्स में छूट पा सकते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी का चुनावी घोषणा पत्र लॉन्च करते हुए मुद्रा योजना को लेकर भी बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि इसके तहत मिलने वाली लोन की लिमिट को बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर दिया जाएगा.
अगर आपके मन में भी बिजनेस करने का विचार है. लेकिन आपके पास उतने पैसे नहीं. तो ऐसी स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है. आपके बिजनेस के लिए सरकार आपकी मदद करेगी. सरकार की इस योजना से आप अपने बिजनेस के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं. वह भी कम ब्याज दर में. चलिए जानते हैं कैसे मुद्रा लोन योजना के लिए आप कर सकते हैं आवेदन.
क्या है पीएम मुद्रा लोन योजना?
रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार ने पीएम मुद्रा लोन की शुरुआत की थी. मकसद ये था कि इसके जरिए उन युवाओं को आर्थिक मदद दी जा सके, जो पैसों की कमी के चलते अपना बिजनेस शुरू नहीं कर पाते हैं. प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत बिजनेस शुरू करने वाले लोगों को बैंक से अभी तक 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाता है वो भी काफी कम ब्याज दर पर. अच्छी बात ये है कि मुद्रा लोन लेने के लिए किसी गारंटी की ज़रूरत नहीं होती है. साल 2015 से ही इस स्कीम के तहत गैर-कॉरपोरेट, नॉन-फार्म स्मॉल/माइक्रो एंटरप्राइजेज़ को लोन दिया जा रहा है. ये लोन कॉमर्शियल बैंक, RRBs, स्मॉल फाइनेंस बैंक, MFIs, NBFCs देती हैं.
जरूरत के हिसाब से मिलता है लोन
प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना के तहत अभी 3 तरह के लोन मिलते हैं- शिशु लोन, किशोर लोन और तरुण लोन. शिशु लोन में आपको 50,000 रुपये तक का लोन मिलता है, जबकि किशोर लोन में आपको 50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का लोन मिलता है. अगर आपको इससे भी ज्यादा का लोन चाहिए तो आपको तरुण लोन लेना होगा, जिसमें आपको 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक लोन मिलता है. लोन का ब्याज दर, अलग-अलग बैंक द्वारा निर्धारित किया जाता है.
किन कार्यों के लिए मिलता है लोन?
यह लोन छोटे उद्योगों के लिए दिया जाता है. यह किसी भी तरह के उद्योग हो सकते हैं. इसके अलावा कृषि से संबंधित काम, जैसे मक्खी पालन, मछली पालन, मुर्गी पालन जैसे कामों के लिए भी मुद्रा लोन लिए जाते हैं. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर के बैंकों, सहकारी बैंक, ग्रामीण बैंक और लोन देने वाली बाकी संस्थाओं से लोन प्राप्त किया जा सकता है. मुद्रा योजना के तहत लोन प्राप्त करने के लिए पीएमएमवाई पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
कैसे कर सकते हैं अप्लाई?
मुद्रा एक रीफाइनेंसिंग संस्था है, ये सीधे लोन नहीं देती है, बल्कि इसके जरिए बैंक लोन देते हैं. इसका फायदा लेने के लिए आपको किसी भी बैंक, NBFC, MFIs (माइक्रोफाइनेंस संस्थानों) के करीबी ब्रांच पर जाना होगा और फॉर्म भरना होगा. आप ऑनलाइन ऐप्लीकेशन भी डाल सकते हैं, जिसके लिए आपको Udyamimitra portal (www.udyamimitra.in) पर जाना होगा. आवेदन करने के लिए आपके पास पासपोर्ट साइज फोटो, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस जैसे दस्तावेज होने चाहिए.
अगर आप भी आने वाले दिनों में हवाई सफर करने जा रहे हैं तो आपके लिए काम की खबर है. दरअसल देश के कई ऐसे रूट हैं जहां आप मात्र 150 रुपये में हवाई सफर कर सकते हैं.
महंगी फ्लाइट की टिकट के चलते प्लेन में बैठना आज भी कई लोगों के लिए एक सपने जैसा है, लेकिन अब यह सपना पूरा हो सकता है. क्योंकि केंद्र सरकार की उड़ान स्कीम के तहत अब देश का आम आदमी भी उड़ान भर सकता है. यात्रियों द्वारा असम के लिए सिर्फ 150 रुपय में हवाई सफर किया जा रहा है और यह देश की सबसे सस्ती फ्लाइट है. उड़ान स्कीम के तहत विमानन कंपनी एलायंस एयर (Alliance Air) यह खास सुविधा दे रही है. यह फ्लाइट तेजपुर से लेकर लखीमपुर जिले के लीलाबरी एयरपोर्ट तक उड़ती है. कंपनी की इस रूट पर रोजाना दो उड़ाने जाती है जो पिछले 2 महीने से फुल चल रही है.
क्या है ये ऑफर?
केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही उड़ान स्कीम के तहत आपको इन सस्ती फ्लाइट्स के सफर का मजा मिल रहा है. इसमें सिर्फ 150 रुपये का भुगतान करके आप असम में लीलाबाड़ी से तेजपुर तक 50 मिनट का हवाई सफर कर सकते हैं. सिर्फ इसी मार्ग पर नहीं, ऐसी कई उड़ानें हैं जहां टिकट का मूल किराया 1,000 रुपये से भी कम है. ट्रैवल पोर्टल 'ixigo' के मुताबिक, कम से कम 22 ऐसे डेस्टिनेशन हैं, जहां मूल हवाई किराया 1,000 रुपये प्रति व्यक्ति से कम है.
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अन्य राज्यों के लिए भी मिल रहा है ऑफर
देश के कई मार्गों पर क्षेत्रीय संपर्क योजना (RCS) के तहत परिचालित उड़ानों की अवधि लगभग 50 मिनट है. अधिकतर मार्ग जहां मूल हवाई किराया 150 रुपये से 199 रुपये प्रति व्यक्ति के बीच है, ये पूर्वोत्तर और दक्षिण क्षेत्र में हैं. दक्षिण में बेंगलुरु-सलेम, कोचीन-सलेम जैसे मार्ग भी हैं जहां मूल टिकट की कीमतें इस सीमा में हैं. गुवाहाटी और शिलॉन्ग से आने-जाने वाली उड़ानों के लिए मूल किराया 400 रुपये है. इम्फाल-आइजोल, दीमापुर-शिलॉन्ग और शिलॉन्ग-लीलाबाड़ी उड़ानों के लिए, हवाई किराया 500 रुपये है. बेंगलुरु-सलेम उड़ान में मूल टिकट किराया 525 रुपये है. वहीं गुवाहाटी-पासीघाट उड़ान के लिए मूल हवाई किराया 999 रुपये है और लीलाबाड़ी-गुवाहाटी मार्ग के लिए यह 954 रुपये है.
इतनी सस्ती कैसे?
ये उन मार्गों में से हैं जहां मांग कम है और अन्य परिवहन माध्यमों से इन जगहों पर 5 घंटे से अधिक समय में पहुंचा जा सकता है. भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के अनुसार, 31 मार्च, 2024 तक क्षेत्रीय संपर्क योजना यानी UDAN के तहत 559 मार्गों को चिन्हित किया गया है. एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने बताया कि इस रूट पर किराए को किफायती बनाने के लिए उड़ान योजना के तहत एयरलाइंस को वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) दी जा रही है. इससे कंपनी को मूल किराए में हुए नुकसान की भरपाई हो जाती है. इसके अलावा इन उड़ानों के लिए कोई लैंडिंग या पार्किंग शुल्क नहीं है.
UDAN Scheme का उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार शुरुआत से देश में हवाई संपर्क बढ़ाने पर जोर दे रही है. इसके लिए पीएम मोदी ने 2017 में ‘उड़े देश का आम नागरिक’ (UDAN) योजना शुरू की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उड़ान योजना का उद्देश्य कम सेवा वाले या बिना सेवा वाले हवाई अड्डे पर नियमित उड़ान की संख्या बढ़ाना है. उड़े देश का आम नागरिक या उड़ान योजना का मकसद देश में क्षेत्रीय स्तर पर हवाई संपर्क को बढ़ाना है. केंद्र सरकार उड़ान योजना के तहत देश में छोटे-छोटे हवाई अड्डे विकसित करना चाहती है. UDAN योजना के तहत, टियर 2 और टियर 3 शहरों में लोग केवल 2500/– प्रति घंटे की दर से उड़ान योजना के तहत हवाई यात्रा कर सकते हैं.
केन्द्र सरकार अगर आय सीमा में बदलाव करती है तो ऐसे में इसका फायदा 75 लाख कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से मिलने लगेगा. अभी देश में 6 करोड़ से ज्यादा लोग इसका फायदा ले रहे हैं.
केन्द्र सरकार सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाने के लिए एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रही है. केन्द्र सरकार जल्द ही पीएफ के लिए योग्य आय में इजाफा करने की तैयारी कर रही है. दरअसल कई राज्यों में न्यूनतम वेतन की सीमा में इजाफा होने के कारण मौजूदा समय में कई लोग इसके दायरे में नहीं आ पा रहे हैं जिसके कारण सरकार को ये कदम उठाना पड़ रहा है.
आखिर क्या है ये पूरा मामला
केन्द्र सरकार के श्रम मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला विभाग आने वाले दिनों में ये तैयारी कर रहा है जिसमें न्यूनतम आय के दायरे को बढ़ाने पर तेजी से काम हो रहा है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा समय में परेशानी ये हो रही है कि कई राज्यों ने न्यूनतम वेतन का दायरा 180000 रुपये से लेकर 21000 रुपये तक तक कर दिया है. जबकि केन्द्र सरकार का नियम कहता है कि 15000 रुपये तक की न्यूनतम सैलरी वाले लोग इसमें प्रवेश कर सकते हैं. ऐसे में अब सरकार इसको 21 हजार तक करने की तैयारी कर रही है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसमें शामिल किया जा सके.
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ESI कवरेज का दायरा भी है ज्यादा
केन्द्र सरकार की ओर से चलाई जाने वाली सेंट्रल हेल्थ सर्विस ESI में पहले ही इस सीमा को 21 हजार किया गया है. ऐसे में ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी इसका फायदा उठाते हैं. अब सरकार EPF (Employee Provident Fund) को भी लाने की तैयारी कर रही है, जिससे स्वास्थ्य के साथ साथ सामाजिक सुरक्षा को भी जोड़ा जा सके. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आने वाले दिनों में सरकार बनने के बाद ये फैसला हो सकता है. सरकार इसे लेकर काम कर रही है.
देश में मौजूदा समय में हैं इतने पीएफ कर्मचारी
मौजूदा समय में देश में ईपीएफ का फायदा 6.80 करोड़ लोगों को मिल रहा है. EPF के तहत कर्मचारियों को पेंशन, प्रोविडेंट फंड और इंश्योरेंस का फायदा दिया जाता है. EPF की स्थापना 1952 में की गई थी. उसके बाद से लेकर अब तक इसमें नौ बार बढ़ोतरी हो चुकी है. सबसे खास बात ये है कि सरकार ने 2014 में इसमें आखिरी बड़ी बढ़ोतरी की थी जब इसे 15000 कर दिया था.
भारतीय रेलवे ने अपने यात्रियों को असुविधा से बचने के लिए ये अपडेट जारी किया है कि 12-13 अप्रैल के बीच कुछ घंटो के लिए पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) सेवाएं बंद रहेंगी.
अगर आप ट्रेन से कहीं सफर करने का प्लान बना रहे हैं तो ध्यान दें, भारतीय रेलवे ने अपनी यात्री सेवा को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया है. रेलवे ने बताया है कि 12-13 अप्रैल के बीच कुछ घंटे के लिए पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम (PRS) सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी, ऐसे में यात्रियों के लिए बुकिंग और कैंसिलेशन सहित कई तरह की सेवाएं बंद रहेंगी. तो चलिए बताते हैं आपको किस समय और कौन सी सेवाएं नहीं मिलेंगी?
इतने घंटे तक ये सेवाएं रहेंगी बंद
पीआरसी सेवाएं बंद होने के दौरान यात्रियों को रेलवे से जुड़ी किसी भी तरह की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी. इनमें रिजर्वेशन, कैंसिलेशन, चार्टिंग, पीआरएस इंक्वायरी (काउंटर के साथ 139 पर भी), इंटरनेट बुकिंग और ईडीआर सर्विसेज शामिल हैं. इसकी वजह स्टैटिक और डायनेमिक डेटाबेस ऐक्टिविटी हैं. रेलवे की ये सेवाएं लगभग 4.30 घंटे तक बंद रहेंगी. 12 अप्रैल को रात 11.45 बजे से 13 अप्रैल को सुबह 4.15 बजे तक इनमें से कोई सेवा उपलब्ध नहीं रहेगी. रेलवे ने यात्रियों को असुविधा से बचाने के लिए यह जानकारी दी है. रेलवे के एक अधिकारी ने जानकारी दी है कि 12 से 13 अप्रैल के बीच करीब साढ़े चार घंटे अस्थायी रूप से दिल्ली पीआरएस सेवा उपलब्ध नहीं रहेगी. इसके चलते पैसेंजरों को कई तरह की सर्विसेज नहीं मिल पाएंगी.
क्या है रेलवे पीआरएस सर्विस ?
पीआरएस का मतलब पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम है. यह ऑनलाइन टिकट बुकिंग सेवा है, जो भारतीय रेलवे अपने यात्रियों को घर बैठे टिकट बुकिंग करने की सुविधा देने के लिए प्रदान करना है. पीआरएस का इस्तेमाल करके पैसेंजर ट्रेनों में रिजर्व और अनरिजर्व टिकट बुक करते हैं. इसमें यात्रियों को घर बैठे टिकट बुक करने की सुविधा मिलती है. यात्रियों के समय की भी बचत होती है. पीआरएस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) की वेबसाइट या IRCTC रेल कनेक्ट ऐप पर जाना पड़ता है. इस वेबसाइट या ऐप पर पैसेंजर को अपना अकाउंट बनाना पड़ता है. इसके बाद वे टिकट बुक कर सकते हैं. टिकट बुक कराने की यह बहुत ही आसान प्रक्रिया है. आप जब चाहें, जहां से चाहें टिकट बुक करा सकते हैं.
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कई मीडिया रिपोर्ट्स यह दावा कर रही हैं कि Income Tax Department HRA Claims के लिए एक विशेष अभियान चला रहा है. इस संबंध में विभाग ने एक्स पर एक पोस्ट किया है.
कई बार टैक्सपेयर इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय टैक्स बचाने के लिए HRA यानी हाउस रेंट अलाउंस से जुड़ी जानकारी गलत भर देते हैं. इन मामलों को लेकर पिछले कई दिनों ये ये जानकारी सामने आ रही थी कि HRA क्लेम का कई लोग गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं. इस तरह के फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए आयकर विभाग (Income Tax Department) कई केस को दोबारा खोल रहा है और एक अभियान चलाकर ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है. इस तरह की मीडिया रिपोर्ट्स पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी )ने एक प्रेस रिलीज जारी कर एक बयान दिया है. साथ ही आयकर विभाग ने भी सीबीडीटी की प्रेस रिजील को एक्स पर पोस्ट कर जांच अभियान वाली रिपोर्ट्स का खंडन किया है.
विभाग ने एक्स पर क्या किया पोस्ट?
आयकर विभाग ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर सीबीडीटी द्वारा जारी पोस्ट प्रेस रिलीज को पोस्ट किया है. साथ ही विभाग ने बताया कि वह इस तरह के मामलों के लिए कोई स्पेशल ड्राइव नहीं चला रहा है. विभाग ने टैक्सपेयर को इन गलतियों को सुधारने का मौका भी दिया है. सीबीडीटी ने इन रिपोर्ट का खंडन किया और कहा कि विभाग द्वारा बड़े पैमाने पर मामलों को फिर से खोलने का आरोप लगाने वाली मीडिया रिपोर्टें गलत हैं.
CBDT clarifies that apprehensions about retrospective taxation on re-opening of cases on issues pertaining to HRA claims are completely baseless.
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) April 8, 2024
CBDT has reiterated that there is no special drive to re-open such cases, and media reports alleging large-scale re-opening by the… pic.twitter.com/5AfOtHeK9g
सीबीडीटी ने क्या बयान दिया?
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने अपने बयान में कहा कि गलत तरीके से एचआरए क्लेम करने वालों के खिलाफ हमारी तरफ से कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है. अगर कोई टैक्सपेयर एचआरए में गलती कर देता है, तो उसे सुधारने के लिए विभाग मौका देता है. कुछ समय से कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह जानकारी सामने आ रही थी कि जो भी करदाता गलत तरीके से एचआरए क्लेम कर रहे हैं, उनके खिलाफ आयकर विभाग सख्त हो रहा है. विभाग द्वारा जुर्माना या फिर केस को री-ओपन किया जा रहा है.
भूल सुधारने का दिया गया है मौका
आयकर विभाग ने कहा है कि एचआरए क्लेम के मामले में भी विभाग नियमित प्रक्रिया का पालन कर रहा है और किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है. विभाग ने बताया कि उन्हें वित्त वर्ष 2020-21 के कुछ एचआरए मामलों की जांच की, जिसमें कुछ गलतियां पाई गई हैं. विभाग ने ऐसे करदाताओं को भूल सुधारने के लिए मौका दिया है. उन्हें केवल चेतावनी दी जा रही है और फिर से आईटीआर फाइल करने के लिए कहा जा रहा है.
इस गर्मी पहले से ज्यादा पड़ने की आशंका है. ऐसे में सब्जियों के साथ-साथ दूध के दाम भी बढ़ सकते हैं.
महंगाई के मौसम में आपकी जेब और ढीली हो सकती है. अत्यधिक गर्मी के चलते सब्जियों के दामों में उछाल की आशंका पहले ही व्यक्त की जा रही है और अब दूध के दाम बढ़ने का भी खतरा मंडरा रहा है. मौसम विभाग का अनुमान है कि इस गर्मी के मौसम में देशवासियों को भयानक लू का सामना करना पड़ सकता है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि लू चलने और जलाशयों के सूखने से डेयरी पशुओं के लिए चारे की किल्लत हो सकती है. इस वजह से आने वाले दिनों में दूध का उत्पादन प्रभावित हो सकता है.
पहले से ही महंगा है दूध
दूध का उत्पादन प्रभावित होने का मतलब है कि उसकी कीमतों में इजाफे का खतरा हमेशा बना रहेगा. कुछ समय पहले जब डेयरी पशुओं के लिए चारे की समस्या उत्पन्न हुई थी, तब भी दूध के दाम बढ़ाए गए थे. पिछले कुछ वक्त में दूध की कीमतों में कई बार इजाफा हो चुका है. पैकेट वाले और खुले में मिलने वाले दूध के दाम पहले से ही आसमान पर हैं. ऐसे में नई वृद्धि लोगों की मुसीबत बढ़ा सकती है. वहीं, अत्यधिक गर्मी के चलते सब्जियों का उत्पादन प्रभावित होने की आशंका भी जताई गई है. रिजर्व बैंक भी इस पर चिंता जाहिर कर चुका है.
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इतना होता है दूध का उत्पादन
एक मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, देश के 150 बड़े जलाशयों में पानी का स्तर 35% रह गया है, जो पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत कम है. इसी तरह, 10 साल के औसत से यह 2 प्रतिशत कम है. जानकारों का कहना है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ेगी, जलस्तर में और भी कमी आएगी जो निश्चित तौर पर चिंता का विषय है. दूध के उत्पादन की बात करें, तो 2023-24 में यह 24 से 25 करोड़ टन रहा है. पिछले साल के मुकाबले यह 4.5 प्रतिशत अधिक है. बता दें कि भारत दूध उत्पादन के मामले में दुनिया में नंबर वन है.
इन प्रोडक्ट्स की बढ़ेगी डिमांड
इन गर्मियों में तापमान के औसत से ज्यादा रहने की आशंका है. ऐसे में जलाशयों के जल स्तर में खतरनाक स्तर तक कमी आ सकती है. यदि ऐसा होता है, तो जानवरों के लिए चारे और पानी की कमी हो जाएगी. खासकर, पहली तिमाही में दूध का उत्पादन प्रभावित हो सकता है, लेकिन मानसून के सामान्य रहने की स्थिति में हालात सुधर सकते हैं. उधर, इस चढ़ती गर्मी से पनीर और आइसक्रीम की मांग में तेजी देखने को मिल रही है. एक रिपोर्ट में इंडियन डेरी एसोसिएशन के अध्यक्ष, आर.एस सोढ़ी के हवाले से बताया गया है कि गर्मियों के कारण दूध कम मात्रा में उपलब्ध होगा. जबकि पनीर, दही, छाछ और आइसक्रीम की मांग पहले के मुकाबले ज्यादा रहेगी.
आज यानी एक अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत हो गई है. आज से एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में भी कमी हुई है.
अप्रैल और नए वित्त वर्ष की शुरुआत एक राहत भरी खबर के साथ हुई है. गैस सिलेंडर के दाम पहले से कम हो गए हैं. कंपनियों ने इसमें 30 रुपए से ज्यादा की कटौती की है. हालांकि, राहत केवल 19 किलो वाले कमर्शियल पर ही मिली है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राजधानी दिल्ली में कमर्शियल सिलेंडर अब नी दिल्ली में 1764.50 रुपए में मिलेगा. पहले इसकी कीमत 1795 रुपए थी.
अब इतने हो गए दाम
नए रेट्स के मुताबिक, कोलकाता में कमर्शियल सिलेंडर की कीमत 1911 रुपए की जगह अब 1879 रुपए हो गई है. इसी तरह, मुंबई में इसके दाम 1749 रुपए से घटकर 1717.50 रुपए हो गए हैं. जबकि चेन्नई में 19 किलो वाला सिलेंडर अब 1930 रुपए में मिलेगा. हालांकि, घरेलू सिलेंडर की कीमतों में किसी भी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. 9 मार्च को सरकार ने 14 किलो वाला घरेलू सिलेंडर 100 रुपए सस्ता किया था. इसके बाद दिल्ली में इसकी कीमत 803 रुपए हो गई है.
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इधर, सता रही आशंका
इससे पहले चुनावी मौसम में पेट्रोल-डीजल के दामों में भी 2 रुपए की कटौती हो चुकी है. 22 महीनों के इंतजार के बाद ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने हाल ही में पेट्रोल-डीजल के दाम कम किए थे. हालांकि, जैसी उम्मीद थी दाम में वैसी कटौती नहीं हुई. इस बीच, जेपी मॉर्गन की एक रिपोर्ट ने चिंता बढ़ा दी है. इस रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि रूस (Russia) की तरफ से क्रूड ऑयल उत्पादन में की गई कटौती से सितंबर तक ग्लोबल बेंचमार्क क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़कर 100 डॉलर प्रति बैरल के आसपास पहुंच सकती हैं. इसके अलावा ओपेक+ (OPEC+) के कई देशों ने भी तेल बाजार में जारी उठापटक को रोकने के इरादे से प्रति दिन 2.2 मिलियन बैरल की स्वैच्छिक उत्पादन कटौती साल के अंत तक जारी रखने का फैसला लिया है. यदि कच्चा तेल महंगा होता है, तो पेट्रोल-डीजल के दाम फिर बढ़ सकते हैं.
होली के त्योहार पर उत्तर प्रदेश सरकार अपने राज्य की जनता को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत फ्री LPG सिलेंडर का वितरण करेगी.
होली के अवसर पर उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार लोगों को फ्री सिलेंडर का तोहफा देने जा रही है. होली के त्योहार पर लोगों के लिए ये एक बड़ी खुशखबरी है. यूपी सरकार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत करीब 2 करोड़ परिवार को होली पर फ्री सिलेंडर देगी. आपको बता दें, नवंबर 2023 में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश के करीब 2 करोड़ लाभार्थी परिवारों के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत फ्री रसोई गैस सिलेंडर रिफिल वितरण अभियान शुरू किया गया था. इस योजना के तहत लाभार्थी वर्ग को साल में दो बार फ्री एलपीजी सिलेंडर देने की योजना है.
इन लोगों को मिलेगा सिलेंडर
उत्तर प्रदेश के करीब दो करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत होली पर फ्री सिलेंडर का वितरण किया जाएगा. इस योजना का लाभ उन लोगों को मिलेगा जो उत्तर प्रदेश के निवासी हैं. इसके अलावा लाभार्थियों को अपने खाते को आधार से लिंक कराना होगा. इसके बाद इस योजना का लाभ उठा सकते हैं.
पहले दिवाली, अब होली पर मिलेगा फ्री सिलेंडर
उत्तर प्रदेश सरकार अपने प्रदेश की जनता को साल में दो बार प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत फ्री एलपीजी सिलेंडर का वितरण करती है. पिछले वर्ष नवंबर में दिवाली के मौके पर लोगों को फ्री में एलपीजी सिलेंडर दिए गए थे. वहीं, अब होली पर भी लाभार्थी वर्ग को यह तोहफा दिया जाएगा.
इतने लोगों को मिल चुका है उज्ज्वला का लाभ
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ से ज्यादा लोगों को फ्री में एलपीजी कनेक्शन दिया जा चुका है. कनेक्शन के साथ लाभार्थियों को फ्री में सिलेंडर और चूल्हा भी दिया जाता है. उज्ज्वला योजना के तहत सरकार प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी प्रदान करती है. पहले यह सब्सिडी 200 रुपये की थी, जिसे पिछले साल ही अतिरिक्त 100 रुपये बढ़ाया गया है. यह सब्सिडी 31 मार्च 2025 तक मिलती रहेगी. बता दें, लाभार्थियों को यह सब्सिडी साल में 12 सिलेंडर के लिए मिलती है.
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ से ज्यादा लोगों को फ्री एलजीपी कनेक्शन दिया जा चुका है. इस योजना में सरकार प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी देती है.
होली के अवसर पर उत्तर प्रदेश (यूपी) के लोगों को फ्री एलपीजी सिलेंडर ता तोहफा मिलने वाला है. दरअसल, नवंबर 2023 में यूपी के मुख्यमंत्री योदी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश के 1.75 करोड़ लाभार्थी परिवारों के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत फ्री रसोई गैस सिलेंडर रिफिल वितरण अभियान शुरू किया गया था. इस योजना के तहत लाभार्थी वर्ग को साल में दो बार फ्री एलपीजी सिलेंडर देने की योजना है. पिछले वर्ष नवंबर में दिवाली के मौके पर लोगों को फ्री में एलपीजी सिलेंडर दिए गए थे. वहीं, अब होली पर भी लाभार्थी वर्ग को यह तोहफा मिलेगा.
ऐसे करें आवेदन
अगर आप उत्तर प्रदेश के निवासी हैं तो राज्य सरकार की इस फ्री गैस सिलेंडर योजना का लाभ ले सकते हैं. इसके लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को अपने बैंक खाते को आधार से लिंक करना होगा. बता दें, साल 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह उज्ज्वला योजना की शुरूआत की गई थी.
इतने लोगों को मिल चुका है उज्ज्वला का लाभ
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 9 करोड़ से ज्यादा लोगों को फ्री में एलपीजी कनेक्शन दिया जा चुका है. कनेक्शन के साथ लाभार्थियों को फ्री में सिलेंडर और चूल्हा भी दिया जाता है. उज्ज्वला योजना के तहत सरकार प्रति सिलेंडर 300 रुपये की सब्सिडी प्रदान करती है. पहले यह सब्सिडी 200 रुपये की थी, जिसे पिछले साल ही अतिरिक्त 100 रुपये बढ़ाया गया है. यह सब्सिडी 31 मार्च 2025 तक मिलती रहेगी. बता दें, लाभार्थियों को यह सब्सिडी साल में 12 सिलेंडर के लिए मिलती है.
75 लाख एलपीजी कनेक्शन जारी करने को मिली मंजूरी
हाल में केंद्र सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 100 रुपये की कटौती की थी. इससे पहले पिछले साल सरकार ने एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती की थी. बता दें, पिछले साल वित्तीय वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक तीन वर्षों में 75 लाख एलपीजी कनेक्शन जारी करने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के विस्तार को मंजूरी दे दी है. 75 लाख अतिरिक्त उज्ज्वला कनेक्शन के प्रावधान से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों की कुल संख्या 10.35 करोड़ हो जाएगी.