सरकार का कहना है कि इससे कस्टम ड्यूटी और जीएसटी में दी गई छूट का फायदा मरीजों तक पहुंचेगा. NPPA ने इस बारे में दवा कंपनियों को निर्देश जारी किए हैं.
भारत में कैंसर के मामले हर साल बढ़ रहे हैं. इस बीमारी का ट्रीटमेंट भी काफी महंगा है. कैंसर मरीजों को कम दामों पर दवाएं मिलती रहें इसके लिए सरकार समय समय पर कुछ दवाओं की कीमतों को कम कर देती है. इसी कड़ी में कैंसर की तीन दवाओं की कीमत को जल्द कम किया जाएगा.राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण यानी NPPA ने तीन एंटी-कैंसर दवाओं ट्रैस्टुजुमाब, ओसिमर्टिनिब और डुर्वालुमाब की कीमतों को कम करने का आदेश जारी किया है. ये दवाएं किस प्रकार के कैंसर में यूज होती हैं और इनके सस्ते होने से कैंसर मरीजों को कितना फायदा होगा इस बारे में जानते हैं.
कैंसर मरीजों को मिली राहत
सरकार ने जो तीन दवाएं सस्ती करेंगी उनमें ट्रैस्टुजुमाब ब्रेस्ट कैंसर के ट्रीटमेंट में काम आती है. यह दवा शरीर में HER2 प्रोटीन की अधिकता से हुए ब्रेस्ट कैंसर के इलाज में काम आती है. यह दवा ट्यूमर की वृद्धि को रोकने और कैंसर सेल्स को मारने में मदद करती है. भारत में हर साल ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में ट्रैस्टुजुमाब दवा की खपत भी बढ़ रही है. इस दवा की कीमत कम होने से ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही लाखों महिलाओं को राहत मिलेगी.
ओसिमर्टिनिब दवा का यूज
कैंसर विशेषज्ञ डॉ विनीत तलवार बताते हैं कि ओसिमर्टिनिब दवा लंग्स कैंसर के ट्रीटमेंट में यूज होती है. यह विशेष रूप से EGFR म्यूटेशन वाले फेफड़ों के कैंसर के इलाज में काम आती है. यह दवा ट्यूमर की वृद्धि को रोकने और कैंसर सेल्स को मारने में मदद करती है.डुर्वालुमाब दवा कई प्रकार के कैंसर, जैसे कि फेफड़ों का कैंसर, यूरीन ट्रेक्ट का कैंसर और गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर के इलाज में काम आती है. यह दवा इम्यून सिस्टम को एक्टिव करने और कैंसर सेल्स को मारने में मदद करती है. डुर्वालुमाब का यूज अन्य दो दवाओं की तुलना में ज्यादा होता है. इस दवा के सस्ते होने से लाखों मरीजों को फायदा होगा.
हर साल बढ़ रहे कैंसर के मामले
भारत में हर साल कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, भारत में हर साल कैंसर के करीब 10 लाख से ज़्यादा नए मामले आ रहे हैं. साल 2023 में कैंसर के 14 लाख से अधिक केस आए थे. भारत में हर साल कैंसर के मामले करीब 2.5 प्रतिशत बढ़ रहे हैं. WHO के मुताबिक, आने वाले समय में भारत में नौ में से एक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में कैंसर होने की आशंका है. खराब खानपान, बिगड़ा हुआ लाइफस्टाइल और बढ़ता प्रदूषण कैंसर के मामले बढ़ने का एक बड़ा कारण है.
LIC बीमा सखी योजना 18 से 70 साल की महिलाओं के लिए है. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. इसमें महिलाओं को ट्रेनिंग के साथ पैसे कमाने का मौका भी मिलेगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सोमवार यानी 11 दिसंबर, 2024 को हरियाणा से बीमा सखी योजना (Bima Sakhi Yojana) को लॉन्च किया है. एलआईसी बीमा सखी योजना (LIC Bima Sakhi Yojana) 18 से 70 साल की महिलाओं के लिए है. इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. इसमें महिलाओं को पहले ट्रेनिंग दी जाएगी. ट्रेनिंग पीरियड के दौरान महिलाओं को कुछ पैसे भी मिलेंगे. वहीं, ट्रेनिंग पूरी होने के बाद महिलाएं एलआईसी बीमा एजेंट के रूप में काम कर सकेंगी. तो आइए आपको इस योजना की विस्तार से जानकारी देते हैं.
महिलाओं को मिलेगी तीन साल की ट्रेनिंग
लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (एलआईसी) की बीमा सखी योजना (LIC Bima Sakhi Yojana) का उद्देश्य आधी आबादी यानी महिलाओं को आर्थिक तौर पर सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है. इस योजना का हिस्सा बनने वाली महिलाओं को 'बीमा सखी' कहा जाएगा. उनका काम अपने इलाके की महिलाओं को बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित करना और इस काम में उनकी मदद करना होगा. यह योजना 18 से 70 साल की उन महिलाओं के लिए है, जो 10वीं पास हैं, उन्हें पहले तीन साल की ट्रेनिंग दी जाएगी. उनकी वित्तीय समझ बढ़ाई जाएगी और उन्हें बीमा की अहमियत को समझाने का तरीका बताया जाएगा. इस ट्रेनिंग पीरियड के दौरान महिलाओं को कुछ पैसे भी मिलेंगे. ट्रेनिंग के बाद महिलाएं एलआईसी बीमा एजेंट के रूप में काम कर सकेंगी. वहीं, बीए पास बीमा सखियों को विकास अधिकारी यानी डेवलेपमेंट ऑफिसर बनने का मौका भी मिल सकता है.
बीमा सखी बनने के फायदे
बीमा सखी योजना के तहत तीन साल की ट्रेनिंग के बाद महिलाएं एलआईसी एजेंट के तौर पर नियुक्त हो सकेंगी. हालांकि, वे एलआईसी की रेगुलर कर्मचारी नहीं होंगी और न उन्हें नियमित कर्मचारियों वाला लाभ मिलेगा. LIC की बीमा सखी (MCA योजना) के तहत चयनित महिलाओं को हर साल कुछ विशेष परफार्मेंस नॉर्म्स (Performance Norms) को पूरा करना होगा। इन्हें योजना योजना की सफलता और प्रतिभागियों की तरक्की को सुनिश्चित करने के लिए निर्धारित किया जाएगा.
बीमा सखी को इतने मिलेंगे पैसे
बीमा सखी योजना से जुड़ने वाली महिलाओं को तीन साल की ट्रेनिंग के दौरान कुल 2 लाख से अधिक रुपये मिलेंगे. इसमें पहले साल 7 हजार, दूसरे साल 6 हजार और तीसरे साल 5 हजार रुपये महीना मिलेंगे. इसमें बोनस कमीशन शामिल नहीं है. इसके लिए शर्त रहेगी कि महिलाएं जो भी पॉलिसी बेचेंगी, उनमें से 65 फीसदी अगले साल के आखिर तक सक्रिय (इन-फोर्स) रहनी चाहिए. इसका मतलब है कि अगर किसी महिला ने पहले साल 100 पॉलिसी बेची है, तो इसमें से 65 पॉलिसी दूसरे साल के अंत तक प्रभावी रहनी चाहिए. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि एजेंट न सिर्फ पॉलिसी बेचें, बल्कि उन्हें बनाए रखने की भी कोशिश करें
बीमा सखी बनने की योग्यता
1. बीमा सखी योजना के लिए सिर्फ महिलाएं ही आवेदन कर सकती हैं.
2. उनके पास मैट्रिक/हाईस्कूल/10वीं पास का सर्टिफिकेट होना चाहिए.
3. इस योजना के लिए 18 से 70 साल की महिलाएं ही अप्लाई कर सकेंगी.
4. तीन साल की ट्रेनिंग के बाद महिलाएं बीमा एजेंट के रूप में काम करेंगी.
ऐसे करें आवेदन
1. एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट https://licindia.in/test2 पर जाएं.
2. सबसे नीचे नजर आ रहे Click here for Bima Sakhi पर क्लिक करें.
3. यहां नाम, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और पता जैसे डिटेल भरें.
4. अगर आप LIC इंडिया के किसी एजेंट/डेवलपमेंट ऑफिसर/कर्मचारी/मेडिकल एक्सामिनर से ताल्लुक रखते हैं, तो उसकी जानकारी दें.
5. आखिर में कैप्चा कोड भरकर सबमिट बटन पर क्लिक करें.
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में बच्चों के लिए एक स्कॉलरशिप स्कीम लॉन्च की है. इसके तहत 10वीं की पढ़ाई पूरी कर चुके छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी.
अगर आप या आपके बच्चे अभी स्कूल में पढ़ रहे हैं, तो यह खबर आपके काम की है. दरअसल, भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ने आर्थिक रूप से कमजोर मेधावी छात्रों को आगे पढ़ाई में सहायता देने के लिए गोल्डन जुबली स्कॉलरशिप स्कीम 2024 (Golden Jubilee Scholarship Scheme- 2024) लॉन्च की है. इस स्कीम के तहत छात्रों को हर साल 40 हजार रुपये तक की स्कॉलरशिप मिलेगी. तो आइए आपको इस स्कीम से जुड़ी सारी जानकारी देते हैं.
इस तारीख तक कर सकते हैं आवेदन
भारतीय जीवन बीमा निगम में बच्चों के लिए एक स्कॉलरशिप स्कीम लॉन्च की है, जिसका नाम एलआईसी गोल्डन जुबली स्कॉलरशिप स्कीम 2024 है. एलआईसी की वेबसाइट के अनुसार यह स्कॉलरशिप स्कीम आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के छात्रों के लिए है. इसके तहत छात्रों को आर्थिक रूप से मदद की जाएगी, ताकि वह बिना रुकावट के पढ़ाई जारी कर सकें. इस स्कीम में सिर्फ ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है. वहीं, स्कीम के लिए अप्लाई करने की आखिरी तारीख 22 दिसंबर 2024 है. इसके बाद स्कीम के लिए आवेदन स्वीकार नहीं होंगे.
इन छात्रों को मिलेगा लाभ
एलआईसी ने कहा कि यह गोल्डन जुबली फाउंडेशन स्कॉलरशिप स्कीम 2024 भारत के उन छात्रों के लिए है, जिन्होंने शैक्षणिक वर्ष 2021-22, 2022-23 या 2023-24 में न्यूनतम 60 प्रतिशत या उसके बराबर सीजीपीए ग्रेड के साथ दसवीं, बारहवीं, डिप्लोमा या समकक्ष परीक्षा उत्तीर्ण की है और शैक्षणिक वर्ष 2024-25 में किसी कोर्स में फर्स्ट ईयर में दाखिला लिया है. वही बच्चे इसके लिए पात्र हैं. इस स्कॉलरशिप को दो भागों में बांटा गया है, जिसमें जनरल छात्रवृत्ति और लड़कियों के लिए स्पेशल स्कॉलरशिप शामिल है. वहीं, जनरल स्कॉलरशिप में भी दो भाग हैं, जिनमें पहले में मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले बच्चे होंगे और दूसरे में किसी सरकारी कॉलेज से वोकेशनल कोर्स और आईटीआई डिप्लोमा करने वाले छात्र होंगे.
जनरल स्कॉलरशिप में हर साल मिलेंगे इतने पैसे
जनरल स्कॉलरशिप में लड़का और लड़की जो भी पात्र होंगे, उन्हें छात्रवृत्ति मिलेगी. इस सेगमेंट के तहत चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले चयनित छात्रों को प्रति वर्ष 40,000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी. वहीं, इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बीटेक आदि करने वाले छात्रों को हर साल 30,000 रुपये की स्कॉलरशिप दी जाएगी. दूसरी ओर जिन छात्रों ने सरकारी कॉलेज से वोकेशनल कोर्सेस में दाखिला लिया है या फिर सरकारी कॉलेज से आईटीआई कर रहें, उन्हें 20,000 और 10,000 रुपये की स्कॉलरशिप जब तक कोर्स चलेगा तब तक हर साल मिलेगी.
लड़कियों के लिए स्पेशल छात्रवृत्ति
इस स्कीम के तहत जो भी लड़कियां 10वीं के बाद 10+2 पैटर्न के हिसाब से इंटरमीडिएट कर रही हैं या फिर आईटीआई या पॉलिटेक्निक जैसा डिप्लोमा कर रही हैं, उनके लिए अलग स्कॉलरशिप होगी. 10वीं के बाद आगे की पढ़ाई में मदद के लिए लड़कियों को 15,000 रुपये मिलेंगे, जोकि 7500 रुपये की दो किस्तों में 2 साल तक मिलेंगे.
अयोध्या स्थित लखनऊ हाईवे पर फिरोजपुर उपरहार गांव के पास सरकार ने वशिष्ठ कुंज आवासीय योजना (VKAY) लॉन्च की है. इस आवासीय योजना में मकानों के साथ पार्क, हॉस्पिटल और पुलिस स्टेशन की सुविधा भी होगी.
भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में सरकार लोगों को निवेश का सुनहरा मौका दे रही है. दरअसल, मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण योजना के तहत अयोध्या विकास प्राधिकरण ने हाल ही में एक आवासीय स्कीम लॉन्च की है. इस स्कीम का नाम वशिष्ठ कुंज आवासीय योजना है. इस योजना के तहत 10.50 रुंपये से लेकर 64.64 लाख रुपये के भूखंड आवंटित किए जाएंगे. ऐसे में अयोध्या में जमीन लेकर आप अपने सपनों का घर भी बना सकते हैं. ये आवासीय स्कीम भगवान राम मंदिर से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जबकि एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन से इस योजना की दूरी महज 12 किलोमीटर है. तो आइए जानते हैं आखिर इस योजना का लाभ आपको कैसे मिलेगा?
लॉटरी के जरिए होगा 600 आवासीय भूखंडों का आवंटन
वशिष्ठ कुंज आवासीय योजना अयोध्या स्थित लखनऊ हाईवे पर फिरोजपुर उपरहार गांव के पास लॉन्च की गई है. इस आवासीय योजना की पूरी जिम्मेदारी अयोध्या विकास प्राधिकरण के हाथों में होगी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस आवासीय योजना में 10.49 लाख रुपये से लेकर 64.64 लाख रुपये तक के भूखंड होंगे, जिन्हें खरीदने के लिए आवेदन किए जा सकते हैं. कुल 600 आवासीय भूखंडों का आवंटन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा.
ऐसे करें आवेदन
इस योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है. जो भी आवेदन करना चाहता है, वह 1000 रुपये की फीस के साथ अयोध्या विकास प्राधिकरण की वेबसाइट vashishtkunj.ayodhyada.in पर आवेदन कर सकता है. इस आवासीय योजना में भूखंडों को 8 कैटेगिरी में बांटा गया है. जिसमें ईब्ल्यूएस से लेकर एचआईजी-11 तक शामिल है. इन 8 कैटेगिरीज में 600 प्लॉट का आवंटन होगा. सबसे ज्यादा प्लॉट एचआईजी-11 में रखे गए हैं. जबकि सबसे कम प्लॉट की संख्या एलआईजी-11 में हैं. इन भूखंडों के लिए आवेदन 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2025 तक किया जा सकता है.
कैटेगिरी के अनुसार प्लॉट का साइज और कीमत
1. एचआई-11 में 140 प्लॉट रखे गए हैं, एक प्लॉट का साइज 200 स्क्वायर मीटर है, जिसकी कीमत 64.64 लाख रुपये है, रजिस्ट्रेशन अमाउंट रिजर्व के लिए 3,23,200 रुपये और अनरिजर्व के लिए 6,46,400 रुपये रखी गई है.
2. एचआईजी-1 में 122 प्लॉट रखे गए हैं, एक प्लॉट का साइज 162 स्क्वायर मीटर है, जिसकी कीमत 52,35,840 रुपये है, रजिस्ट्रेशन अमाउंट रिजर्व के लिए 2,61,792 रुपये और अनरिजर्व के लिए 5,23,584 रुपये रखी गई है.
3. एमआईजी-111 में 105 प्लॉट रखे गए हैं, एक प्लॉट का साइज 112.5 स्क्वायर मीटर है, जिसकी कीमत 36.36 लाख रुपये है, रजिस्ट्रेशन अमाउंट रिजर्व के लिए 1,81,800 रुपये और अनरिजर्व के लिए 3,63,600 रुपये रखी गई है.
4. एमआईजी-11 में 50 प्लॉट रखे गए हैं, एक प्लॉट का साइज 90 स्क्वायर मीटर है, जिसकी कीमत 29,08,800 लाख रुपये है, रजिस्ट्रेशन अमाउंट रिजर्व के लिए 1,45,440 रुपये और अनरिजर्व के लिए 2,90,880 रुपये रखी गई है.
5. एमआईजी-1 में 58 प्लॉट रखे गए हैं, एक प्लॉट का साइज 75 स्क्वायर मीटर है, जिसकी कीमत 24.24 लाख लाख रुपये है, रजिस्ट्रेशन अमाउंट रिजर्व के लिए 1,21,200 रुपये और अनरिजर्व के लिए 2,42,400 रुपये रखी गई है.
6. एलआईजी-11 में 10 प्लॉट रखे गए हैं, एक प्लॉट का साइज 60 स्क्वायर मीटर है, जिसकी कीमत 18,91,500 रुपये है, रजिस्ट्रेशन अमाउंट रिजर्व के लिए 94,575 रुपये और अनरिजर्व के लिए 1,89,150 रुपये रखी गई है.
7. एलआईजी-1 में 55 प्लॉट रखे गए हैं, एक प्लॉट का साइज 50 स्क्वायर मीटर है, जिसकी कीमत 15,76,250 रुपये है, रजिस्ट्रेशन अमाउंट रिजर्व के लिए 78,812 रुपये और अनरिजर्व के लिए 1,57,625 रुपये रखी गई है.
8. ईडब्ल्यूएस में 60 प्लॉट रखे गए हैं, एक प्लॉट का साइज 36 स्क्वायर मीटर है, जिसकी कीमत 10,49,040 रुपये है, रजिस्ट्रेशन अमाउंट रिजर्व के लिए 52,452 रुपये और अनरिजर्व के लिए 1,04,904 रुपये रखी गई है.
मिलेंगी ये सुविधाएं
आवासीय योजना में 18, 24 और 30 मीटर की चौड़ी सड़कों का प्रावधान किया गया है. इस योजना में एसटीपी, विद्युत सब्सटेशन, पार्क, रेगुलर वॉटर स्पलाई, हॉस्पिटल, स्कूल, पुलिस चौकी, कम्यूनिटी सेंटर, कॉमर्शियल शॉपिंग कॉम्पलेक्स, होटल एवं ग्रुप हाउसिंग आदि जैसी सुविधाएं भी मौजूद रहेंगी. इस आवासीय योजना के तहत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग आदि को शासनादेश के अनुसार आरक्षण भी दिया गया है. आवेदन सिर्फ ऑनलाइन ही किया जा सकेगा. 1000 रुपए का आवेदन शुल्क नॉन रिफंडेबल होगा. इसके अलावा सामान्य वर्ग के लोगों भूखंड के अनुमानिक मूल्य का 10 फीसदी और रिजर्व कैटेगिरी के लिए 5 फीसदी रिजर्व प्राइस देना होगा.
सरकार एक नया पोर्टल लॉन्च करने जा रही है, जिस पर उपभोक्ता शिकायत करने से लेकर कार्रवाई की ट्रैकिंग तक कर सकेंगे.
अक्सर लोग प्रचार देखकर सामान खरीदते हैं, ऐसे में कई बार सामान खराब भी निकल जाता है. इसके बाद उपभोक्ता को उस प्रोडक्ट को बदलवाले के लिए कंपनियों के चक्कर काटने पड़ते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. जी हां, अगर अब आपको भी कोई कंपनी किसी खराब प्रोडक्ट को बदलने या उसे सही करने से मना करती है, तो सरकार उस कंपनी पर कड़ी कार्रवाई करेगी. दरअसल, ऐसी कंपनियों के खिलाफ शिकायत करने के लिए सरकार एक नए पोर्टल पर काम कर रही है. इस पोर्टल के जरिए उपभोक्ताओं के लिए न केवल शिकायत करना आसान होगा बल्कि वह कार्रवाई की ट्रैकिंग भी कर सकेंगे. तो आइए जानते हैं ये पोर्टल कैसे काम करेगा?
ई-जागृति पोर्टल पर जल्द होगा समस्या का समाधान
अब अगर किसी कंपनी का प्रोडक्ट खराब निकलता है या कंपनी उसे सही करने या बदलने में आनाकानी करती है तो कंपनी की खैर नहीं, ऐसे में मामलों में सरकार उपभोक्ताओं की शिकायतें दर्ज करने और उन पर होने वाली कार्रवाई की ट्रैकिंग को आसान बनाने के लिए कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री ई-जागृति पोर्टल लॉन्च करने की तैयारी में है. मंत्रालय ने जानकारी दी है कि देशभर में जल्द ई-जागृति पोर्टल लॉन्च किया जाएगा, जिससे केस फाइलिंग, ट्रैकिंग और मैनेजमेंट में सहूलियत बढ़ेगी. मंत्रालय के मुताबिक, ई-जागृति से सभी संबंधित पक्षों के बीच संवाद भी बेहतर होगा, जिससे शिकायतों के जल्द समाधान में मदद मिलेगी। ई-जागृति में पूरी प्रक्रिया के ऑटोमेशन और डिजिटाइजेशन के चलते शिकायतों के निपटारे में कम समय लगेगा.
ई-दाखिल पोर्टल पर ढाई लाख यूजर्स हैं रजिस्टर्ड
मंत्रालय ने बताया कि लद्दाख में ई-दाखिल पोर्टल के लॉन्च के साथ अब यह देश के हर राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में काम करने लगा है. बयान में कहा गया कि कोविड पीरियड में उपभोक्ताओं की दिक्कतों को देखते हुए नेशनल कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिड्रेसल कमीशन ने ई-दाखिल पोर्टल 7 सितंबर 2020 को शुरू किया गया था, जिससे वे अपनी शिकायतें आसानी से दर्ज करा सकें. साल 2023 के अंत तक लद्दाख के अलावा बाकी देश में यह शुरू हो चुका था. ई-दाखिल पोर्टल पर अभी लगभग 2 लाख 81 हजार यूजर रजिस्टर्ड हैं., इस पर 1 लाख 98 हजार 725 केस फाइल हो चुके हैं, जिनमें से 38453 का निपटारा किया जा चुका है.
ई-कॉमर्स शॉपिंग साइट्स की तरह IRCTC भी अपने यात्रियों के लिए Black Friday ऑफर लेकर आई है. इसमें यात्रियों को फ्री यात्रा बीमा भी मिलेगा.
अगर आप हवाई यात्रा करने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम लिमिटेड (IRCTC) ब्लैक फ्राइडे (Black Friday) पर हवाई यात्रा पर जाने वालों के लिए बंपर ऑफर लेकर आया है. इस बिग ब्लैक फ्राईडे ऑफर के तहत सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बुकिंग पर यात्रियों के लिए सुविधा शुल्क पूरी तरह माफ होगा. यह ऑफर सिर्फ एक दिन के लिए है. यात्री आईआरसीटीसी की वेबसाइट या मोबाइल ऐप से बुकिंग कर सकते हैं. इसके साथ ही उन्हें हर बुकिंग पर 50 लाख रुपये का मुफ्त यात्रा बीमा भी मिलेगा. तो आइए जानते हैं आप इस ऑफर का लाभ कब तक और कैसे ले सकते हैं?
इस दिन मिलेगा ऑफर का लाभ
29 नवंबर 2024 यानी ब्लैक फ्राईडे को आईआरसीटीसी एयर वेबसाइट या मोबाइल ऐप से सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की बुकिंग पर कन्वीनियंस फीस पूरी तरह माफ होगी. यह ऑफर सिर्फ एक दिन के लिए है. इससे यात्री अपनी यात्राएं सस्ते में प्लान कर सकते हैं. आईआरसीटीसी रेल मंत्रालय के तहत 'मिनी रत्न (श्रेणी- I)' केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है. यह यात्रियों के लिए अपनी उड़ानें कम कीमतों पर बुक करने का सुनहरा मौका है. ऑफर सिर्फ 29 नवंबर 2024 को ही मान्य होगा. इस दिन IRCTC के ग्राहक सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर कन्वीनियंस फीस में 100 प्रतिशत छूट का लाभ उठा सकते हैं.
यहां से करें बुकिंग
ब्लैक फ्राइडे साल के सबसे बड़े शॉपिंग दिनों में से एक होता है. IRCTC यात्रियों को अपनी छुट्टियां कम कीमत पर प्लान करने का मौका दे रहा है. यह ब्लैक फ्राइडे डील यात्रियों के लिए अच्छी बचत का मौका है. इससे त्योहारों की यात्राएं, परिवार के साथ मिलन या छुट्टियां और भी किफायती हो सकती हैं. बुकिंग आईआरसीटीसी एयर वेबसाइट (www.air.irctc.co.in) या IRCTC एयर मोबाइल ऐप के जरिए की जा सकती है.
50 लाख रुपये का फ्री ट्रैवल इंश्योरेंस
हर फ्लाइट बुकिंग के साथ 50 लाख रुपये का मुफ्त यात्रा बीमा भी मिलेगा. IRCTC इस ऑफर के जरिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी सेवाओं का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहता है. ब्लैक फ्राइडे की सेल ग्राहकों के लिए बड़ा आकर्षण होती है. इस ऑफर का लाभ उठाकर लोग अपनी यात्रा का बजट कम कर सकते हैं. कन्वीनियंस फीस माफ होने से टिकट की कीमत काफी कम हो जाती है
केंद्र सरकार ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को मंजूरी दे दी है.यह योजना 15वें वित्त आयोग (2025-26) तक चलेगी.
देश के किसानों के लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, केंद्र सरकार ने देशभर में प्राकृतिक खेती पर फोकस बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत पूरे देश में मिशन मोड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए मिशन चलाया जाएगा. कृषि मंत्रालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को इच्छुक ग्राम पंचायतों में 15,000 क्लस्टरों में लागू किया जाएगा. यह योजना 15वें वित्त आयोग (2025-26) तक कुल 2481 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ शुरू की गई है. तो आइए जानते हैं इस मिशन को लेकर सरकार की पूरी योजना क्या है और इसका लाभ कितने किसानों को मिलेगा?
केंद्र व राज्य दोनों सरकारें उठाएंगी खर्च
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में देश के किसानों और कृषि का भी खास ध्यान रखते हुए कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के तहत स्वतंत्र केंद्र प्रायोजित योजना के रूप राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन (NMNF) को मंजूरी दी गई है. इससे कितानों को काफी फायदा होने वाला है. किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए इस योजना पर कुल 2481 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिनमें 1584 करोड़ रुपये केंद्र सरकार खर्च करेगी और राज्य सरकार 897 करोड़ रुपये खर्च करेंगी.
एक करोड़ किसानों को होगा फायदा
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन को इच्छुक ग्राम पंचायतों में 15,000 क्लस्टरों में लागू किया जाएगा. इस मिशन में 1 करोड़ किसानों को कवर किया जाएगा और 7.5 लाख हेक्टेयर जमीन क्षेत्र में प्राकृतिक खेती शुरू की जाएगी. योजना के तहत पहले से ही प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों, स्वयं सहायता समूह (SHG), प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (PACS) और किसान उत्पादक संगठन (FPO) को इसमें प्राथमिकता दी जाएगी.
10,000 जैव-इनपुट संसाधन केंद्र
राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के तहत किसानों के लिए उपयोग के लिए तैयार प्राकृतिक खेती इनपुट की आसान उपलब्धता और पहुंच प्रदान करने के लिए जरूरत के आधार पर 10,000 जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा, करीब 2000 कृषि विज्ञान केंद्रों, कृषि विश्वविद्यालयों और किसानों के खेतों में नेचुरल फार्मिंग मॉडल प्रदर्शन फार्म स्थापित किए जाएंगे. मिशन के तहत किसानों को उनके प्राकृतिक कृषि उत्पादों के लिए बाजार तक पहुंच प्रदान करने के लिए आसान प्रमाणन प्रणाली और समर्पित सामान्य ब्रैंडिंग प्रदान की जाएगी.
सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है उद्देश्य
इस मिशन का उद्देश्य सभी के लिए सुरक्षित और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है. यह मिशन किसानों की खेती की लागत कम करने और बाहरी खरीदारी पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा. प्राकृतिक खेती से मिट्टी की सेहत में सुधार होगा, जैव विविधता को बढ़ावा मिलेगा और जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीलापन बढ़ेगा. यह मिशन टिकाऊ और जलवायु के अनुकूल खेती को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है, जिससे किसानों और उपभोक्ताओं दोनों को फायदा होगा.
इस योजना के तहत 8 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए 3 प्रतिशत ब्याज दर पर 10 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण मिलेगा.
अब ‘मिडिल क्लास’ परिवार के बच्चे पैसों की कमी के चलते उच्च शिक्षा से वंचित नहीं रह सकेंगे. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट ने पीएम विद्या लक्ष्मी एजुकेशन योजना को अपनी मंजूरी दी है. दरअसल, इसके तहत 8 लाख सालाना से कम आमदनी वाले परिवार के बच्चे को 3% की ब्याज सब्सिडी के तहत 10 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा. इसके तहत सरकार का मकसद है कि कोई भी मेधावी छात्र वित्तीय समस्या के कारण उच्च शिक्षा से वंचित न रह सके. प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के तहत हर योग्य छात्र को शिक्षा ऋण प्रदान किया जाएगा. बता दें हर साल बड़ी संख्या में भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेशों में भी जाते हैं.
कहां लागू होगी स्कीम?
यह योजना देश के शीर्ष गुणवत्ता वाले उच्च शिक्षण संस्थानों पर लागू होगी. जैसा कि NIRF रैंकिंग से तय किया गया है. इस सूची को हर साल नवीनतम NIRF रैंकिंग का उपयोग करके अपडेट किया जाएगा. पहले 860 योग्य QHEI के साथ इसकी शुरुआत होगी. इसमें 22 लाख से अधिक छात्र पीएम-विद्यालक्ष्मी का लाभ उठाने में सक्षम होंगे, अगर उनकी इच्छा हो तो. पीएम विद्या लक्ष्मी एजुकेशन योजना में आवेदन करने के लिए छात्र का आधार कार्ड, फोटो, पहचान पत्र और पिछले एजुकेशन के सभी दस्तावेज लगेंगे.
ब्याज सबवेंशन की व्यवस्था
7.5 लाख रुपये तक की कर्ज राशि के लिए छात्र बकाया डिफॉल्ट के 75% की क्रेडिट गारंटी के लिए भी पात्र होगा. इससे बैंकों को योजना के तहत छात्रों को शिक्षा लोन उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी. इसके अलावा, जिन छात्रों की वार्षिक पारिवारिक आय 8 लाख रुपये तक है और जो किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज सबवेंशन योजनाओं के तहत लाभ के लिए पात्र नहीं हैं, उन्हें अधिस्थगन अवधि के दौरान 10 लाख रुपये तक के कर्ज के लिए 3 फीसदी ब्याज सबवेंशन भी प्रदान किया जाएगा. हर साल एक लाख छात्रों को ब्याज सबवेंशन सहायता दी जाएगी. उन छात्रों को वरीयता दी जाएगी जो सरकारी संस्थानों से हैं और उन्होंने तकनीकी/पेशेवर पाठ्यक्रमों का विकल्प चुना है.
कैसे मिलेगा एजुकेशन लोन?
उच्च शिक्षा विभाग के पास एक एकीकृत पोर्टल 'पीएम-विद्यालक्ष्मी' होगा, जिस पर छात्र सभी बैंकों की ओर से उपयोग की जाने वाली सरलीकृत आवेदन प्रक्रिया के माध्यम से एजुकेशन लोन के साथ ब्याज सबवेंशन के लिए आवेदन कर सकेंगे. ब्याज सबवेंशन का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) वॉलेट के जरिये किया जाएगा. पीएम विद्यालक्ष्मी भारत के युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा तक अधिकतम पहुंच सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा और वित्तीय समावेशन के क्षेत्र में भारत सरकार की ओर से पिछले एक दशक में की गई पहलों की श्रृंखला के दायरे और पहुंच का निर्माण और विस्तार करेगी.
कैसे और कहां करें आवेदन?
पीएम विद्या लक्ष्मी एजुकेशन योजना के तहत छात्रों को सरल और डिजिटल प्रक्रिया के माध्यम से बिना गारंटी के शिक्षा ऋण मिलेगा. इसमें सबसे कम ब्याज सब्सिडी के साथ कम आय वाले परिवारों को लोन दिया जाएगा. इस योजना के तहत सभी बैंकों द्वारा डिजिटल आवेदन प्रक्रिया के जरिए कम समय में और आसानी से लोन मिलेगा. इसमें लोन आवेदन के लिए सभी बैंक एकीकृत डिजिटल फॉर्मेट उपलब्ध कराएंगे. बैंकों के ऐप और वेबसाइट पर इसका आवेदन करना होगा.
आम जनता को अपनी जेब अधिक ढीली करनी पड़ेगी, एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में साबुन, तेल और बिस्किट जैसे उत्पाद महंगे हो सकते हैं.
देश के एफएमसीजी सेक्टर की प्रमुख कंपनियों की तरफ से ऐसी जानकारी सामने आई है जो आपके लिए चिंता का सबब हो सकती है. एफएमसीजी यानी फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स प्रोडक्ट्स जैसे घर के साबुन, शैंपू, तेल, कॉफी, चॉकलेट या घर के अन्य सामान जैसे दालें-चावल, मसाले आदि भी इसी में आते हैं. अगर हम आपसे कहें कि निकट भविष्य में एफएमसीजी प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने वाले हैं तो जाहिर तौर पर इसके बाद आपके घर का बजट महंगा होने वाला है.
FMCG सेक्टर की बड़ी कंपनियों ने बना लिया मन
देश की एफएमसीजी सेक्टर की बड़ी कंपनियों जैसे एचयूएल, गोदरेज कंज्यूमर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (GCPL) और डाबर, नेस्ले वगैरह ने आने वाले समय में अपने प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ाने का संकेत दिया है. इसके पीछे उन्होंने वजह बताई है कि शहरी इलाकों में इस समय मांग कम आ रही है जिसके चलते उनकी बिक्री घटी है और मुनाफे एवं मार्जिन पर असर देखा जा रहा है. इसकी वजह से प्रॉफिट मार्जिन बनाए रखने के लिए उन्हें दाम बढ़ाने पड़ेंगे और ये जल्द ही हो सकता है.
किन कंपनियों ने दिए स्पष्ट संकेत
एचयूएल, जीसीपीएल, मैरिको, आईटीसी, टाटा कंज्यमूर प्रोडक्ट्स लिमिटेड (TCPL) ने शहरी मांग घटने के बाद अब संकेत दिए हैं कि कुछ उत्पादों के दाम बढ़ाए जा सकते हैं. इसके तहत नेस्ले ने भी साफ रूप से कहा है कि वो कॉफी-कोको जैसे प्रोडक्ट्स के दाम बढ़ने के कारण अपने प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ाने पर मजबूर हो सकती है. एचयूएल ने भी इस बात पर चिंता जताते हुए एफएमसीजी उत्पादों के दाम हल्के रूप से बढ़ाने की संभावना से इंकार नहीं किया है.
शहरी मांग का FMCG बिक्री में बड़ा हिस्सा
दरअसल, एफएमसीजी कंपनियों की कुल बिक्री में शहरी डिमांड का हिस्सा 65-68 फीसदी के बीच रहता है. अगर किसी वजह से इसमें गिरावट आती है तो साफ तौर पर इसका असर एफएमसीजी प्रोडक्ट्स पर देखने को मिल सकता है. जुलाई-सितंबर तिमाही में ऊंची खाद्य महंगाई दर और गिरती मांग का संयुक्त असर इन कंपनियों पर देखने को मिला और इसका असर कीमतें बढ़ने के तौर पर देखा जा सकता है.
रेलवे 7 हजार से ज्यादा फेस्टिवल स्पेशल ट्रेन चला रहा है. इनमें वहीं उत्तर रेलवे की ओर से 71 स्पेशल ट्रेन हैं. 7 कई स्पेशल ट्रेन की समय सीमा बढ़ा दी गई है.
भारतीय रेलवे ने छठ और दिवाली के समय पर यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए 7,296 विशेष ट्रेनों का संचालन करने का फैसला लिया है. रेलवे के द्वारा पिछले साल की तुलना में इस साल विशेष ट्रेनों की संख्या 4,500 से बढ़ाकर 7,296 कर दी है. रेलवे के इस फैसले के अनुसार उत्तर मध्य रेलवे के द्वारा 01 नवंबर को 4 स्पेशल ट्रेन और 02 नवंबर को 3 स्पेशल ट्रेन का संचालन किया. इसके अतिरिक्त 02 नवंबर को कुल मिलाकर 38 ट्रेन उत्तर मध्य रेलवे के विभिन्न स्टेशनों से गुजरेंगी.
कब कितनी ट्रेनें चलाई जा रहीं
• 1 नवंबर 2024 को उत्तर मध्य रेलवे ने 4 विशेष गाड़ियां चलाईं
• 2 नवंबर 2024 को 3 विशेष गाड़ी चलाई जा रही हैं
• 2 नवंबर 2024 को 38 गाड़ियां उत्तर मध्य रेलवे परिक्षेत्र से गुजरेंगी
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे महानगरों में बड़ी संख्या में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग रहते हैं, जो छठ का त्योहार आते ही अपने-अपने घरों की ओर जाना चाहते हैं. वह पूरे साल छठ का बेसब्री से इंतजार करते हैं. लेकिन, अफसोस कई बार रेलवे के कुप्रंबधन की वजह से उन्हें घर जाने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो ट्रेन में जगह ही नहीं मिलती है. लेकिन, इस साल केंद्र सरकार ने उनकी मुश्किलें कम करने के लिए हर संभव प्रयास किया है.
कैसे खरीदें टिकट
रेलवे के द्वारा छठ पूजा के लिए चलाई गईं स्पेशल ट्रेनों के टिकट बुक करने के लिए आप भारतीय रेलवे की वेबसाइट या रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर पर जा सकते हैं. आइए बताते हैं कैसे खरीदें टिकट.
IRCTC वेबसाइट या ऐप- रेलवे द्वारा चलाई गईं इन स्पेशल ट्रेनों में टिकट बुक करने के लिए आप रेलवे (आईआरसीटीसी) की आधिकारिक वेबसाइट या फिर आईआरसीटीसी के ऐप का प्रयोग कर सकते हैं. ऐप के जरिए सभी स्पेशल ट्रेनों के रूट भी देखे जा सकते हैं.
रेलवे टिकट काउंटर- आप सभी इन स्पेशल ट्रेन के टिकट लेने के लिए रेलवे टिकट काउंटर पर भी जा सकते हैं. यह सेवा आपके लिए 24/7 खुली रहती है. टिकट काउंटर से भी राल के रूट की सारी जानकारी ले सकते हैं.
तत्काल बुकिंग- अगर आपके पास टिकट बुक करने के लिए कम समय है तो आप सभी स्पेशल ट्रेन के लिए तत्काल बुकिंग कर सकते हैं. हालांकि तत्काल टिकट के लिए समय और सीट सीमित होती है. इसलिए आप समय पर ही टिकट बुक करना सुनिश्चित कर लें.
तेल मार्केटिंग कंपनियों ने जेट ईंधन (ATF) के दाम भी बढ़ा दिए हैं, जिससे एयरलाइन कंपनियों को तगड़ा झटका लगने वाला है.
दिवाली छठ के पावन त्योहार के चलते वैसे ही हवाई किराया आसमान छू रहा है. अब हवाई सफर और भी महंगा हो सकता है. सरकारी ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने कमर्शियल रसोई गैस सिलेंडर के साथ हवाई ईंधन के दामों में भी इजाफा कर दिया है. एक नवंबर 2024 से एविएशन टर्बाइन फ्यूल यानि एटीएफ के दामों में 3.35 फीसदी या 2941.5 किलोलीटर की बढ़ोतरी कर दी गई है. ऐसे में छठ पूजा और शादियों के सीजन में हवाई सफर करने वालों की जेब और कटने वाली है.
एटीएफ 3.35 फीसदी महंगा
सरकारी तेल कंपनियों ने अक्टूबर महीने में एटीएफ की कीमतों में कटौती की थी लेकिन नवंबर महीने में कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी का हवाला देकर एटीएफ की कीमतों को बढ़ा दिया गया है. राजधानी दिल्ली में एटीएफ के दाम 2941 रुपये प्रति किलोलीटर की बढ़ोतरी के साथ 90538.72 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है जो पिछले महीने 87587.22 रुपये प्रति किलोलीटर थी. यानि एटीएफ अब 3.35 फीसदी महंगा हो गया है. दिल्ली में एटीएफ की नई कीमत 90538.72 रुपये प्रति किलोलीटर, कोलकाता में 93392 रुपये, मुंबई में 84642 रुपये और चेन्नई में 93957 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है.
हवाई सफर होगा महंगा
महंगे एटीएफ का असर फौरी तौर पर देखने को मिल सकता है. घरेलू एयरलाइंस कंपनियां हवाई सफर महंगा कर सकती है. वैसे भी सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो ने जो मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के नतीजे पेश किए हैं उसमें महंगे एटीएफ के चलते कंपनी के मुनाफे में भारी कमी आ गई. ऐसे में अब एटीएफ में बढ़ोतरी का भार सीधे एयरलाइंस हवाई यात्रियों पर डाल सकती हैं. महंगे एटीएफ के साथ डॉलर ( Dollar) के मुकाबले रुपये में गिरावट (Weak Rupee) के चलते एयरलाइंस हवाई किराया महंगा कर सकती हैं क्योंकि उनका ऑपरेशन लागत पर असर पड़ रहा है. एयरलाइंस के ऑपरेशंस में कुल लागत में करीब 40 फीसदी हिस्सा एटीएफ की कीमतों का होता है और इसके बढ़ने से एयरलाइंस की लागत भी बढ़ती है.
नए साल पर घूमना होगा महंगा
नवंबर महीने की शुरुआत हो चुकी है ऐसे में साल 2024 खत्म होने वाला है. लोग साल के आखिर में नए साल के आगाज होने पर और उसका स्वागत करने के लिए टूरिस्ट स्थान पर घूमने का प्लान बनाते हैं. हवाई ईंधन के महंगा होने के चलते घूमने जाने का प्लान बना रहे लोगों के बजट पर असर पड़ सकता है.