AI की शक्तियों की अभी बस शुरुआत ही हुई है और भविष्य में AI के माध्यम से विडियो बनाने के क्षेत्र में ऐसे करिश्मे भी देखने को मिलेंगे जो अबतक असंभव जान पड़ते थे
गूगल का विडियो शेयरिंग प्लेटफॉर्म Youtube जल्द ही नए जनरेटिव AI फीचर्स लेकर आने वाला है जिसके माध्यम से कंटेंट क्रिएटर्स विलक्षित फिल्में बना पायेंगे और साथ ही अपनी विडियो के दौरान अपने कपड़ों को स्वैप भी कर पायेंगे. कस्टमर्स के लिए पहले ही अपने AI प्रोडक्ट्स लॉन्च कर चुके OpenAI और माइक्रोसॉफ्ट जैसे प्रतिद्वंदियों से मुकाबले के लिए गूगल यह फैसला ले रहा है.
AI की शक्तियों की बस हुई है शुरुआत
पिछले महीने अपना पदभार संभालने के बाद से Youtube के नए CEO, नील मोहन ने पहली बार Youtube कम्युनिटी को एक पत्र के माध्यम से लिखा – AI की शक्तियों की अभी बस शुरुआत ही हुई है और भविष्य में AI के माध्यम से विडियो बनाने के क्षेत्र में ऐसे करिश्मे भी देखने को मिलेंगे जो अबतक असंभव जान पड़ते थे. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में Youtube क्रिएटर्स, AI की जनरेटिव क्षमताओं का फायदा उठा पायेंगे. एक ब्लॉग पोस्ट में नील मोहन ने कहा – क्रिएटर्स और कलाकार, Youtube का दिल हैं और मेरे लिए ये हमेशा सबसे आगे रहेंगे.
गूगल पर है दबाव
Alphabet इनकॉर्पोरेशन के मालिक गूगल पर ऐसे जनरेटिव प्रोडक्ट बनाने का दबाव है जो इन्टरनेट या डिजिटल स्त्रोतों के माध्यम से डाटा लेकर डिटेल्ड लिखित जवाब बना सकें या नयी इमेज बना सके. AI से जुड़ी रिसर्च में प्रमुख स्थान होने के बावजूद कुछ कंपनियों ने दावा किया है कि गूगल अपने उपकरणों और सुविधाओं को प्रदान करने में काफी देरी कर रहा है जबकि यह उपकरण और सुविधाएं पब्लिक के इस्तेमाल के लिए तैयार हैं. जबकि गूगल के मुकाबले उसके प्रतिद्वंदियों ने हाल ही में ChatGPT जैसे बहुत मशहूर AI प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया है.
गूगल ने जारी किया था ‘कोड रेड’
फरवरी में गूगल ने ChatGPT का मुकाबला करने के लिए अपने चैटबॉट Bard की घोषणा की थी. यह फैसला तब लिया गया जब डिजिटल एड का बिजनेस धीमा पड़ रहा था और अंदाजा लगाया जा रहा था कि गूगल के सर्च इंजन बिजनेस को AI पर आधारित चैटबॉट से नुक्सान हो सकता है. पिछले साल कंपनी ने ChatGPT की रिलीज के कुछ समय बाद ही ‘कोड रेड’ की घोषणा की थी और कंपनी के AI इंजीनियर्स से जवाब भी मांगा था. हालांकि, Youtube के CEO नील मोहन ने गूगल द्वारा सावधानी बरते जाने की तरफ इशारा किया है. Youtube कम्युनिटी को दिए अपने सन्देश में उन्होंने विशेष रूप से कंपनी द्वारा जनरेटिव AI फीचर्स डेवेलप किये जाने की बात पर जोर दिया.
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HP इंडिया ने माइक्रो और स्मॉल बिजनेस और घरेलु यूजर्स की प्रिंटिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए स्मार्ट प्रिंटर्स की नई रेंज को मार्केट में उतारा है.
लैपटॉप एवं प्रिंटर निर्माता कंपनी HP की भारतीय शाखा HP इंडिया ने माइक्रो और स्मॉल बिजनेस के साथ-साथ घरेलु यूजर्स की रोजमर्रा की प्रिंटिंग जरूरतों को पूरा करने के लिए स्मार्ट टैंक प्रिंटर्स की नई रेंज को मार्केट में उतारा है. आजकल की हाइब्रिड दुनिया में भारत के घर और स्मॉल बिजनेस डिजिटली ट्रांसफॉर्म होने के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा ले रहे हैं और साथ ही वह ऐसे प्रिंटिंग सोल्यूशंस को ढूंढ रहे हैं जो स्मार्ट होने के साथ-साथ इस्तेमाल में आसान हों और ज्यादा किफायती भी हों.
चौंका देगी नए प्रिंटर्स की क्षमता
उभरते हुए बिजनेस और उद्यमियों को सपोर्ट करने के लिए HP के स्मार्ट टैंक प्रिंटर्स बेहतर यूजर एक्सपीरियंस के साथ-साथ सहज और आसान सेट-अप, स्मार्ट फीचर्स और बेहतर कनेक्टिविटी भी प्रदान करते हैं. इतना ही नहीं इन प्रिंटर्स में सेल्फ-हीलिंग Wi-Fi के साथ स्मार्ट ऐप और स्मार्ट एडवांस जैसी मोबिलिटी भी मौजूद है. HP के नए इंक टैंक प्रिंटर्स पहले से भरी हुई स्याही की बदौलत बिना रुके 18,000 काले पेज और लगभग 6000 रंगीन पेज प्रिंट कर सकते हैं.
ये हैं HP नए प्रिंटर्स के प्रमुख फीचर्स
स्मार्ट एक्सपीरियंस-
• रोजाना के प्रिंट, स्कैन, कॉपी और फैक्स के कामों में आपको गाइड करने के लिए HP का स्मार्ट ऐप आपको आसान स्मार्ट-गाइडेड बटनों का विकल्प देता है.
• ID और प्रिंट्स को अपने आप कर लेता है डिटेक्ट
• सेल्फ-हीलिंग Wi-Fi के साथ-साथ स्मार्ट ऐप और स्मार्ट एडवांस की मोबिलिटी के साथ यह ज्यादा विश्वसनीय और तेज कनेक्शंस प्रदान करता है.
• आज कल के समय में लोग घरों में आराम से काम करने का नया ट्रेंड सीख रहे हैं. इसीलिए इन नए प्रिंटर्स में HP वुल्फ की एडवांस और जरूरी सिक्योरिटी टेक्नोलॉजी भी मौजूद है जिससे आपकी सेंसिटिव जानकारी सुरक्षित रहती है.
किफायती दाम-
• भारी भरकम प्रिंटिंग की जरूरतों को ध्यान में रखकर बनाए गए ये स्मार्ट टैंक प्रिंटर्स, किफायती रंगीन और मोनो प्रिंटिंग प्रदान करते हैं.
• एक बार में इंक टैंक के अन्दर 12000 ब्लैक या लगभग 6000 रंगीन कागजों को प्रिंट करने जितनी इंक आ सकती है.
• कंप्लेंट सुलझाने और अन्य सेवाओं के लिए कंपनी 6 घंटों की सर्विस कॉल का ऑप्शन भी प्रदान करता है.
लम्बे समय तक इस्तेमाल के लिए किये गए हैं डिजाईन-
• कंज्यूमर द्वारा इस्तेमाल के बाद छोड़े गए सामन को रि-साइकल करके बनाये गए हैं टिकाऊ प्रिंटर्स
• इन स्मार्ट प्रिंटर्स को मिली है EPEAT सिल्वर और एनर्जी स्टार की सर्टिफिकेशन
• बिजली बचाने के लिए प्रिंटर्स में है ऑटोमैटिक ऑन/ऑफ होने की टेक्नोलॉजी, आपको नहीं करनी पड़ेगी एक्स्ट्रा मेहनत
• स्पिल-फ्री होने के साथ साथ इन प्रिंटर्स में कोई वेस्ट-टैंक भी नहीं हैं और यह बोतलें रि-साइकल भी हो सकती हैं
• सुविधाजनक इंक मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी के साथ आने वाले ये स्मार्ट टैंक प्रिंटर्स, इंक सेंसर की मदद से इंक के स्तर की देखरेख के साथ-साथ इंक के सही स्तरों को भी बनाए रखता है.
इतनी है प्रिंटर्स की कीमत-
• HP स्मार्ट टैंक 580: 18,848 रुपये की कीमत पर मौजूद है
• HP स्मार्ट टैंक 520: 15,980 रुपये की कीमत पर मौजूद है
• HP स्मार्ट टैंक 210: 13,326 रुपये की कीमत पर मौजूद है
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Elon Musk ने ट्विटर की नीतियों में कई बदलाव किए हैं. उनका फोकस केवल मुनाफा कमाने पर केंद्रित हो गया है.
सोशल मीडिया की चिड़िया 'ट्विटर' को टक्कर देने के लिए फेसबुक की पैरेंट कंपनी Meta एक सॉलिड योजना पर काम कर रही है. कंपनी एक नए प्रोडक्ट पर काम कर रही है, जो कुछ हद तक Twitter जैसा हो सकता है. यानी ट्विटर को पछाड़ने के लिए Meta ट्विटर जैसा ही कुछ लाने की तैयारी में है. Elon Musk के ट्विटर खरीदने के बाद से इस माइक्रोब्लॉगिंग साइट को लेकर लोगों की सोच बदली है और वह किसी बेहतर अल्टरनेटिव की तलाश कर रहे हैं. इसके अलावा, जिस तरह Musk हर फीचर को पेड करते जा रहे हैं, आने वाले दिनों में Twitter के चाहने वालों की संख्या में भी गिरावट आ सकती है. Meta इसे एक मौके के तौर पर देख रही है और इसलिए Twitter जैसा कुछ लॉन्च करने की तैयारी में जुटी है.
शुरुआती दौर में ऐप
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मेटा एक नया सोशल मीडिया ऐप तैयार कर रही है, जिस पर लोग टेक्स्ट बेस्ड अपडेट्स पोस्ट कर सकेंगे. बताया जा रहा है कि ये ऐप अभी अपने शुरुआती दौर में है. कंपनी की तरफ से कहा गया है कि वो टेक्स्ट अपडेट्स शेयर करने के लिए एक स्टैंडअलोन डिसेंट्रलाइज्ड सोशल नेटवर्क तैयार कर रही है. Meta का मानना है कि अभी एक स्पेस मौजूद है, जहां क्रिएटर्स और पब्लिक फिगर्स अपने इंटरेस्ट के बारे में कुछ पोस्ट कर सकते हैं.
डिसेंट्रलाइज्ड होगा नेटवर्क
हालांकि, कंपनी ने प्रोजेक्ट के बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है. उसका नया प्रोडक्ट अपने शुरुआती दौर में है. इसे लेकर अभी कोई भी ट्राइमफ्रेम नहीं तैयार किया गया है, लेकिन लीगल और रेगुलेटरी टीमों ने काम शुरू कर दिया है. यह प्रोजेक्ट इंस्टाग्राम के प्रमुख Adam Mosseri की देखरेख में चल रहा है. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि Meta इसका नेटवर्क डिसेंट्रलाइज्ड रखेगी. कंपनी का ये कदम उसे दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से मुकाबला करने में मदद करेगा. बता दें कि किसी ऐप के नेटवर्क का डिसेंट्रलाइज्ड होने का अर्थ है कि उसका डेटा किसी एक जगह या सर्वर पर स्टोर और कंट्रोल नहीं होगा.
Musk ने दिया मौका
Elon Musk ने ट्विटर की नीतियों में कई बदलाव किए हैं. उनका फोकस केवल मुनाफा कमाने पर केंद्रित हो गया है. इसके चलते ट्विटर के कई फीचर्स को पेड किया गया है और आने वाले समय में कई और ऐसे बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इस वजह से माना जा रहा है कि ट्विटर यूजर्स की संख्या घट सकती है. Musk की नीतियों को लेकर पहले से ही उनके प्रति गुस्सा है. उनके Twitter खरीदते ही कुछ बड़ी कंपनियों ने ट्विटर पर विज्ञापन देने से इनकार कर दिया था. इस पूरे मामले ने Meta जैसी कंपनियों को ट्विटर का मुकाबला करने का एक मौका दिया है.
लोगों को AI से खतरा महसूस होने लगा है. यह खतरा और कुछ नहीं बल्कि एक सवाल भर है और सवाल है कि क्या आने वाले समय में AI आपकी नौकरी छीन लेगा?
नवम्बर 2022 में OpenAI ने AI (आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस) वाले चैटबॉट, ChatGPT को रिलीज किया था जिसके बाद से यह टेक्नोलॉजी के क्षेत्र के साथ-साथ मानव इतिहास का भी सबसे बड़ा आविष्कार बन गया है. रिलीज होने के कुछ समय के बाद ChatGPT ने US लॉ और MBA की परीक्षाएं भी क्लियर कर लीं जिससे सब लोगों को इसकी जबरदस्त क्षमता का पता लग गया. बहुत से लोगों के लिए AI का उदय जहां किसी चमत्कार से कम नहीं है, वहीं बहुत से लोगों को AI के बढ़ते क्षेत्र से खतरा भी महसूस होने लगा है. यह खतरा और कुछ नहीं बल्कि एक सवाल भर है और वह सवाल ये है कि क्या आने वाले समय में AI आपकी नौकरी छिनकर आपकी जगह ले सकता है?
अभी बहुत बड़ा होगा AI का क्षेत्र
लेकिन भारत के IT (इन्फोर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी) क्षेत्र के विचार बाकी दुनिया से काफी अलग और विपरीत हैं. भारतीय IT क्षेत्र की प्रमुख कंपनी Nasscom का मानना है कि AI लोगों की नौकरी को छिनेगा नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करेगा. Nasscom की रणनीतिक रिव्यु रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि टेक के क्षेत्र के अंतर्गत AI, रोजगार के सबसे ज्यादा अवसर प्रदान करने वाला क्षेत्र है. इसके साथ-साथ भारतीय टेक इंडस्ट्री वित्त वर्ष 2023 के अंत तक 245 बिलियन डॉलर जितना बड़ा हो सकता है जिसकी वजह से उम्मीद लगाई जा रही है कि AI का क्षेत्र और बड़ा ही होगा.
रोजगार के अवसर देने वाला फरिश्ता है AI
मीडिया से बातचीत के दौरान Nasscom की प्रेसिडेंट Debjani Ghosh ने कहा – जब भी दुनिया में कुछ नया होता है तो सबसे पहले लोग उसकी तरफ नेगेटिव तरीके से ही रिएक्ट करते हैं. जब ऑटोमेशन की टेक्नोलॉजी को दुनिया में इंट्रोड्यूस किया गया था तो बहुत से लोगों का मानना था कि यह टेक्नोलॉजी उनसे उनकी नौकरियां छीन लेगी और टेक के क्षेत्र में नौकरी मिल सके उसके लिए लोगों को खुदकी क्षमताओं को बढ़ाना होगा.
AI नहीं ले सकता इंसानों की जगह
Debjani Ghosh की बातों से सहमती जताते हुए TCS में एंटरप्राइज ग्रोथ ग्रुप के प्रेसिडेंट Krishnan Ramanujam ने कहा - यह सोचना कि AI और ऑटोमेशन से लोगों की नौकरियां चली जायेंगी अब काफी पुरानी और बोरिंग बात हो चुकी है. ChatGPT का सपोर्ट करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि AI कभी भी किसी से नौकरियां नहीं छिनेगा. Krishnan Ramanujam ने बातचीत के दौरान कहा “मैंने खुद ChatGPT का इस्तेमाल किया है और मुझे नहीं लगता कि यह लोगों से उनकी नौकरियां छीन सकता है. यह बेहतर सुविधाएं और प्रक्रिया को ज्यादा आरामदायक बना सकता है लेकिन कभी भी इंसानों की जगह नहीं ले सकता.
हर चीज के लिए जरूरी है टेक्नोलॉजी
टेक महिन्द्रा के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर CP Gurnani ने भी जनरेटिव AI के मुद्दे पर अपने महत्त्वपूर्ण विचार पेश किये हैं. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा – मैं जनरेटिव AI को लेकर बहुत खुश हूं. यह कभी नौकरियां छीन नहीं सकता बल्कि हमेशा रोजगार के नए अवसर ही प्रदान करेगा. टेक्नोलॉजी हर चीज के लिए बहुत जरूरी है और वह सभी चीजों के दिल की तरह है.
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फ्लैगशिप क्लास के स्मार्टफोन्स की कीमत लगातार आसमान छूने लगी है. लोग भारत में Iphone, सैमसंग या गूगल के फ्लैगशिप स्मार्टफोन खरीदने के लिए 70 हजार रुपयों तक खर्च कर रहे हैं.
पिछले कुछ सालों में फ्लैगशिप क्लास के स्मार्टफोन्स की कीमत लगातार आसमान छूने लगी है. इस वक्त लोग भारत में एक Iphone, सैमसंग गैलेक्सी, या गूगल पिक्सल फ्लैगशिप स्मार्टफोन को खरीदने के लिए 70 हजार रुपयों से भी ज्यादा खर्च कर रहे हैं. लेकिन अगर आपको इससे आधे दाम में एक फ्लैगशिप स्मार्टफोन वाली परफॉरमेंस, फीचर्स और स्टाइल मिले तो क्या आप विश्वास कर पायेंगे? 30 हजार रुपये की कैटेगरी में हाल ही में कुछ ऐसे मॉडल्स लॉन्च किये गए हैं जो आपको इस कीमत में भी फ्लैगशिप स्मार्टफोन वाले फीचर्स प्रदान करते हैं. अगर आप भी एक नया फोन लेने के बारे में सोच रहे हैं और आपका बजट 30 हजार रुपयों का है तो फोन लेने से पहले इस लिस्ट को एक बार जरूर देख लें:
1. iQOO Neo 7: इस लिस्ट में शामिल सबसे नए स्मार्टफोन्स में से यह एक है. इस फोन को मीडियाटेक के Dimensity 8200 प्रोसेसर से ताकत मिलती है. फोन में 6.78 इंच का एक AMOLED डिस्प्ले है जिसका रिफ्रेश रेट 120Hz का है और साथ ही यह डिस्प्ले HDR10+ को सपोर्ट करता है जिससे आप नेटफ्लिक्स, और अन्य OTT प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट का आनंद फुल HD में उठा सकते हैं. इतना ही नहीं फोन में ट्रिपल कैमरा सेटअप है. प्राइमरी कैमरा 64 मेगापिक्सल का है और यह OIS (ओप्टिकल इमेज स्टेबीलाइजेशन) के साथ आता है जिससे आपकी फोटोज ज्यादा बेहतर और क्लियर आती हैं. साथ ही फोन 120W की फ्लैशचार्जिंग के साथ आता है जिससे यह मात्र 10 मिनट में फोन को 1% से 50% तक चार्ज कर सकता है. फोन के 6GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले वैरिएंट की कीमत 29,999 रुपये है.
2. Realme GT NEO 3T: इस फोन को Qualcomm के Snapdragon 870 प्रोसेसर से ताकत मिलती है जो की एक बहुत ही पावरफुल प्रोसेसर माना जाता है. इस फोन में 6.62 इंच का एक AMOLED डिस्प्ले है जिसका रिफ्रेश रेट 120Hz है. साथ ही इस फोन में ट्रिपल कैमरा सेटअप भी है और इसका प्राइमरी कैमरा 64 मेगापिक्सल का है. इस फोन के 6GB रैम और 128 GB स्टोरेज वाले वेरिएंट के लिए आपको 26,999 रुपये देने होंगे.
3. Xiaomi Redmi Note 12 Pro Plus: यह फोन Mediatek के Dimensity 1080 प्रोसेसर के साथ आता है. इसके साथ-साथ फोन में ट्रिपल कैमरा सेटअप है जिसमें प्राइमरी कैमरा 200 मेगापिक्सल का है. फोन 120W की हाइपर-चार्ज टेक्नोलॉजी के साथ आता है जिससे यह बहुत ही जल्दी चार्ज हो जाता है. अगर आप एक ऐसा फोन ढूंढ़ रहे हैं जिसका इस्तेमाल से मल्टीमीडिया का आनंद उठा सकें तो इस लिस्ट में यह फोन आपके लिए सर्वश्रेष्ठ है क्योंकि यह 120Hz के रिफ्रेश रेट वाले प्रो AMOLED डिस्प्ले के साथ तो आता ही है साथ ही यह फोन Dolby Vision Atmos टेक्नोलॉजी को भी सपोर्ट करता है जो आपके मल्टीमीडिया एक्सपीरियंस में चार चांद लगा देता है.
4. Realme 10 Pro+: यह फोन एक फुल HD+ Curved AMOLED डिस्प्ले के साथ आता है. फोन में ट्रिपल कैमरा सेटअप है जिसमें 108 मेगापिक्सल का एक प्राइमरी कैमरा शामिल है. इस स्मार्टफोन को Mediatek के Dimensity 1080 5G प्रोसेसर से ताकत मिलती है. इसके अलावा फोन में 5000mAh की बैटरी है जिससे आप पूरे दिन फोन का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस फोन के 6GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले वैरिएंट की कीमत 24,999 रुपये है.
5. Google Pixel 6a: इस फोन को Google के अपने Tensor चिपसेट से ताकत मिलती है. फोन में 6.14 इंच का एक OLED डिस्प्ले है. यह फोन 12 मेगापिक्सल के कैमरा के साथ आता है और आप मैजिक इरेजर, मोशन मोड और पोर्ट्रेट मोड जैसे उपकरणों के साथ अपनी तस्वीरों को और बेहतर कर सकते हैं. कैमरा और फास्ट चार्जिंग इस फोन के सबसे प्रमुख फीचर्स में से एक हैं और साथ ही आपको इस फोन में स्टॉक एंड्राइड का आनंद भी मिलता है. इस फोन के 6GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले वैरिएंट की कीमत 28,999 रुपये है.
6. Xiaomi Redmi K50i: इस फोन को Mediatek के Dimensity 8100 नाम के प्रोसेसर से ताकत मिलती है. इस फोन में 144Hz के रिफ्रेश रेट वाला एक IPS LCD डिस्प्ले है जिससे गेमिंग एक्सपीरियंस में चार चांद लग जाते हैं. फोन में ट्रिपल कैमरा सेटअप है और प्राइमरी कैमरा 64 मेगापिक्सल का है. इसके साथ-साथ फोन में 5080 mAh की बैटरी है और उसे जल्दी चार्ज करने के लिए 67W की टर्बो चार्जिंग टेक्नोलॉजी भी आती है. इस फोन के 6GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले वैरिएंट की कीमत 23,490 रुपये है.
7. POCO F4 5G: इस स्मार्टफोन को Qualcomm के Snapdragon 870 प्रोसेसर से ताकत मिलती है. इसके साथ-साथ फोन में 120Hz के रिफ्रेश रेट वाला एक AMOLED डिस्प्ले भी है जो HDR10+ टेक्नोलॉजी को भी सपोर्ट करता है. यह एक ट्रिपल कैमरा सेटअप वाला स्मार्टफोन है जिसमें प्राइमरी कैमरा 64 मेगापिक्सल का है. इस फोन के 6GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले वैरिएंट की कीमत 25,999 रुपये है.
8. iQOO Neo 6: यह एक ऐसा फोन है जो इस लिस्ट में बहुत लम्बे समय से स्थायी रूप से बना हुआ है. इस फोन को Qualcomm के Snapdragon 870 प्रोसेसर से ताकत मिलती है. साथ ही, इस स्मार्टफोन में 6.62 इंच का एक AMOLED डिस्प्ले है. इस फोन में 4700 mAh की एक बैटरी है जिसे तेजी से चार्ज करने के लिए 80W की फ्लैशचार्ज टेक्नोलॉजी भी दी गयी है. कैमरा की बात करें तो फोन में ट्रिपल कैमरा सेटअप है और प्राइमरी कैमरा 64 मेगापिक्सल का है जो OIS टेक्नोलॉजी के साथ आता है.
9. Nothing Phone 1: वैसे तो इस फोन को ज्यादा ऊंची कीमतों पर लॉन्च किया गया था लेकिन अब यह 30 हजार की कीमत में मिलने वाले प्रमुख स्मार्टफोन्स में से एक है. इस स्मार्टफोन को Qualcomm के Snapdragon 778G प्रोसेसर से ताकत मिलती है. यह फोन डबल कैमरा सेटअप के साथ है जिसमें प्राइमरी कैमरा 50 मेगापिक्सल का है. साथ ही इस फोन में 6.55 इंच का एक Full HD+ डिस्प्ले आता है. इस फोन के 6GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले वैरिएंट की कीमत 26,999 रुपये है.
10. Oppo Reno 8: इस स्मार्टफोन को Mediatek के Dimensity 1300 प्रोसेसर से ताकत मिलती है. इस स्मार्टफोन में ट्रिपल कैमरा सेटअप है जिसमें प्राइमरी कैमरा 50 मेगापिक्स्ल का है और इसके साथ ही फोन में 32 मेगापिक्सल का एक सेल्फी कैमरा भी आता है. इसके साथ ही फोन में 6.43 इंच का एक AMOLED डिस्प्ले भी आता है. इस फोन के 8GB रैम और 128GB स्टोरेज वाले वैरिएंट की कीमत 29,999 रुपये है.
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OpenAI ने दावा किया है कि उनका यह ChatGPT API, सिर्फ AI आधारित चैट इंटरफेस बनाने के अलावा बहुत से अन्य जरूरी और महत्त्वपूर्ण काम भी कर सकता है.
हाल ही में OpenAI ने घोषणा है कि अब थर्ड-पार्टी डेवेलपर्स एक API (एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) के माध्यम से अपने ऐप्स और सुविधाओं में ChatGPT को जोड़ सकते हैं. OpenAI की मानें, तो उनके प्रोडक्ट्स के परिवार का यह नया मॉडल GPT 3.5 Turbo, “ऐसे मामलों के लिए सर्वश्रेष्ठ है जिनमें बातचीत यानि चैट की आवश्यकता नहीं है”.
GPT 3.5 मॉडल से 10 गुना कम होगी कीमत
OpenAI का दावा है कि उनका यह ChatGPT API सिर्फ AI आधारित चैट इंटरफेस बनाने के अलावा बहुत से अन्य जरूरी काम भी कर सकता है. OpenAI द्वारा यह दावा तब किया गया है जब बहुत सी कंपनियों ने ChatGPT का इस्तेमाल चैट इंटरफेस बनाने के लिए किया है, जिनमें ‘स्नैपचैट का My AI’ फीचर भी शामिल है जिसे हाल ही में लॉन्च किया गया है. OpenAI 0.002 डॉलर्स में एक हजार टोकन दे रहा है और उसका दावा है कि, ‘यह हमारे GPT 3.5 मॉडल्स से 10 गुना ज्यादा सस्ता है’.
माइक्रोसॉफ्ट ने OpenAI में किया है बड़ा इन्वेस्टमेंट
आपको बता दें कि, यह माइक्रोसॉफ्ट के सर्च इंजन Bing द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला मॉडल नहीं है. माइक्रोसॉफ्ट Bing द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले इस मॉडल को माइक्रोसॉफ्ट “नया, अगली जनरेशन का OpenAI लार्ज लैंग्वेज मॉडल” कहता है और माइक्रोसॉफ्ट की मानें तो “यह ज्यादा सटीक, तेज, और पहले से ज्यादा काबिल है” और यह ChatGPT एवं GPT 3.5 से ज्यादा बेहतर है. OpenAI में माइक्रोसॉफ्ट द्वारा की गयी प्रमुख इन्वेस्टमेंट को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इसमें कोई शक नहीं है कि माइक्रोसॉफ्ट उस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है जो किसी और मामूली डेवलपर के लिए उपलब्ध नहीं है. माइक्रोसॉफ्ट अपने सर्च इंजन Bing के लिए प्रमुख टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भी कर रहा है.
डेवेलपर्स को मिलेगा बेहतर कंट्रोल और लम्बी बातचीत का ऑप्शन
OpenAI के डॉक्यूमेंटेशन के अनुसार आमतौर पर एक टोकन लगभग 4 अंग्रेजी कैरेक्टर्स का बना होता है और API को टेक्स्ट का एक टुकड़ा मात्र भेजकर रिस्पांस लेने में ही बहुत से टोकन खर्च हो जायेंगे. इसके साथ-साथ अगर डेवेलपर्स API के तहत बहुत बड़ी मात्रा में डाटा चला रहे हैं तो इसके लिए OpenAI उन्हें ChatGPT का एक समर्पित उदाहरण देगा जिससे डेवेलपर्स को बॉट पर ज्यादा कण्ट्रोल, रिस्पांस का ज्यादा समय, और लम्बी बातचीत के ऑप्शंस भी मिलेंगे.
Whisper के लिए भी आएगा नया API
डेवेलपर्स के लिए ChatGPT API की घोषणा करने के साथ-साथ OpenAI ने अपने स्पीच-टू-टेक्स्ट मॉडल, Whisper के लिए भी एक नए API की घोषणा की है. Whisper, 0.006 डॉलर प्रति मिनट की कीमत पर ऑडियो को टाइप या ट्रांसलेट कर सकता है. हालांकि, Whisper मॉडल एक ओपन सोर्स मॉडल है, लेकिन माना जा रहा है कि OpenAI के पास ज्यादा मजबूत हार्डवेयर भी मौजूद है जो फोन जैसे कम ताकतवर डिवाइसों के लिये एक प्रमुख ऑप्शन हो सकता है और यह API को ज्यादा रफ्तार भी प्रदान करेगा.
OpenAI ने डेवेलपर्स के लिए अपनी मौजूदा शर्तों और नियमों में कुछ बदलाव भी किये हैं. जैसे, जब तक खुद कस्टमर ही अनुमति नहीं दे देता कंपनी API के माध्यम से जमा किये गए किसी प्रकार के डाटा का इस्तेमाल अपने मॉडल की ट्रेनिंग के लिए नहीं करेगी. इस बदलाव से बॉट में डाले जाने वाली प्रमुख जानकारी को लेकर सामने आने वाली परेशानियों के मामलों में भी कमी आएगी. आपको बता दें, कुछ कंपनियों ने अपने कर्मचारियों द्वारा इस तकनीक के इस्तेमाल पर रोक लगा रखी है.
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हाल ही में RBI ने सिंगापुर के साथ UPI सुविधा की शुरुआत की थी. अब बहुत से अन्य देशों के साथ भी UPI को लेकर बातचीत चल रही है जिससे NRIs को सबसे ज्यादा फायदा होगा.
RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) ने फरवरी में हुई अपनी MPC (मोनेट्री पॉलिसी कमेटी) मीटिंग में विदेशी नागरिकों और दुसरे देशों को UPI (यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) की सुविधा मुहैया कराने का फैसला लिया था. इसी फैसले के तहत, हाल ही में सिंगापुर और भारत के बीच UPI के माध्यम से पैसे ट्रान्सफर करने की सुविधा का उद्घाटन किया गया था. अब खबर आ रही है कि RBI इंडोनेशिया, UAE (संयुक्त अरब अमीरात) और मॉरिशस जैसे बहुत से देशों के साथ UPI के माध्यम से डायरेक्ट पेमेंट लिंक शुरू करने के बारे में बातचीत कर रहा है.
किसी भी देश से मोबाइल से कर पायेंगे पैसे ट्रान्सफर
UPI सुविधा का नेटवर्क उपलब्ध होने से इन देशों में रहने वाले लोग मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके बहुत आराम से पैसे ट्रान्सफर कर पायेंगे. G20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर्स की मीटिंग से पहले एक वरिष्ठ RBI अधिकारी ने बताया, कि कुछ लैटिन अमरीकी देशों ने भी UPI को लेकर दिलचस्पी दिखाई है. आपको बता दें कि RBI इस मीटिंग में UPI और CBDC (केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी) का प्रदर्शन भी करेगा और साथ ही मीटिंग में आये विदेशी मेहमानों और विदेशी ट्रैवलर्स को UPI सुविधा इस्तेमाल करने का मौका भी देगा.
विदेशों में रह रहे भारतीयों को होगा सबसे ज्यादा फायदा
फंड ट्रान्सफर को आसान बनाने के लिए केंद्रीय बैंक और भारत सरकार लगातार UPI पेमेंट्स की सुविधा को बड़ा करने की कोशिश कर रहे हैं. इससे न सिर्फ फंड ट्रान्सफर में लगने वाला समय बचेगा बल्कि, फंड ट्रान्सफर के लिए बैंकों द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों में भी कमी आएगी. सरकार के इस कदम से विदेशों में रह रहे भारतीय लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. RBI के अधिकारी ने कहा – अगले महीने से NRI (अनिवासी भारतीय) लोग भी UPI सुविधा का लाभ उठा सकेंगे और अंतरराष्ट्रीय फोन नंबरों के द्वारा भी UPI का इस्तेमाल किया जा सकेगा. हालांकि इसे पहले ही शुरू कर दिया गया था लेकिन तकनीकी समस्याओं के चलते इसे पूरी तरह लागू नहीं किया गया था.
CBDC के इस्तेमाल को भी किया जा रहा है बड़ा
CBDC के बारे में पूछने पर RBI के अधिकारियों ने बताया कि, RBI लगातार इस शुरूआती प्रोजेक्ट को बढ़ा रहा है ताकि सीमित यूजर्स के ग्रुप के ज्यादा से ज्यादा मामलों को कवर किया जा सके. अगर रिटेल के पहलू की बात करें, तो यह शुरूआती प्रोजेक्ट बहुत से शहरों में चलाया जा रहा है और RBI की कोशिश है कि इसमें ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों और बैंकों को जोड़कर इसे और बड़ा किया जाए.
एक अधिकारी ने कहा – हम कभी भी बैंकों को मार्केट में पहले से मौजूद ‘नेगोशियेटेड डीलिंग सिस्टम’ से दूर नहीं करना चाहते थे. अब हम बहीखातों में एक थोक CBDC को इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं जिसका इस्तेमाल अन्य मामलों के लिए किया जा सकता है.
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एप्पल की फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज के अगले स्मार्टफोन, Iphone 15 को लेकर इन्टरनेट पर अफवाहों और अनुमानों का दौर जारी है. जानिये इस साल के Iphone में क्या होगा खास?
एप्पल की फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज का सभी लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. इसी सीरीज का अगला फोन एप्पल का Iphone 15 है जिसकी रिलीज और फीचर्स को लेकर लोगों द्वारा लगातार अनुमान लगाए जा रहे हैं. इन्टरनेट पर भी Iphone 15 के फीचर्स को लेकर लोगों के बीच हलचल बनी हुई है और सभी लोग एप्पल द्वारा इस फ्लैगशिप स्मार्टफोन की रिलीज का इन्तजार कर रहे हैं.
देखने को मिलेगा नया कैमरा बम्प
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल लॉन्च होने वाले Iphone 15 और Iphone 15 प्लस स्मार्टफोन्स में नया कैमरा बम्प देखने को मिलेगा. आपको बता दें इस वक्त Iphone सीरीज के फोनों में जो कैमरा बम्प देखने को मिलता है उसकी शुरुआत Iphone सीरीज के स्मार्टफोन Iphone 11 से हुई थी. उसके बाद से Iphone 12, 13 और पिछले साल लॉन्च हुए Iphone14 में भी छोटे मोटे बदलावों के साथ वैसा ही कैमरा बम्प देखने को मिलता है. लेकिन इस साल लॉन्च होने वाले Iphone 15 में कैमरा बम्प के डिजाईन को बदला जाएगा जिससे यह अपने पिछले मॉडल्स से अलग नजर आएगा और इसे आसानी से पहचाना जा सकेगा. इसके साथ-साथ Iphone 15 का फ्रेम टाइटेनियम का होगा और इसे हैप्टिक फीडबैक वाले सॉलिड-स्टेट बटन्स के साथ लांच किया जाएगा. इसके साथ ही Iphone के पारंपरिक स्क्वायर डिजाईन में भी बदलाव किये जायेंगे. Iphone 15 को टाइटेनियम फ्रेम के साथ कर्व्ड एज भी मिलेंगे जो इसे इस फ्लैगशिप सीरीज के पूर्व स्मार्टफोन्स से अलग लुक देंगे.
कैमरा भी किया जाएगा अपग्रेड
इस वक्त Iphone सीरीज चर्चा का विषय इसलिए भी बनी हुई है क्योंकि हाल ही में फिल्ममेकर विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘फुर्सत’ को फ्लैगशिप स्मार्टफोन, Iphone 14 प्रो पर फिल्माया गया था जिसे देखकर लोग हैरान रह गए हैं. Iphone से फिल्में शूट करने के इस ट्रेंड को बहुत पसंद भी किया जा रहा है और एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में Iphone जैसे फ्लैगशिप कैमरा वाले स्मार्टफोन्स के इस्तेमाल से पूरी फीचर फिल्म भी शूट की जा सकेगी. नए Iphone 15 को एक बड़ा और बेहतर कैमरा भी दिया जाएगा. रिपोर्ट्स की मानें तो Iphone 15 को सोनी (Sony) कंपनी के एक ‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ कैमरा सेंसर से लैस किया जाएगा जो कम रौशनी में बेहतर परफॉर्म करेगा. अभी तक Iphone सीरीज के सभी स्मार्टफोन्स में 12 मेगापिक्सल का कैमरा ही देखने को मिलता है लेकिन खबर है कि एप्पल के इतिहास में पहली बार Iphone 15 में 48 मेगापिक्सल का कैमरा देखने को मिलेगा. इतना ही नहीं, Iphone 15 के टॉप एंड वैरिएंट यानी Iphone 15 प्रो और Iphone 15 प्रो मैक्स में एक पेरिस्कोप फोल्डिंग जूम कैमरा भी देखने को मिलेगा.
कीमतों में भी हो सकती है कटौती
इन्टरनेट पर Iphone 15 के एक और जिस फीचर ने धूम मचा रखी है वह है इस स्मार्टफोन का डिस्प्ले. खबर है कि एप्पल के Iphone 15 प्रो मैक्स स्मार्टफोन में सैमसंग की 2500 निट्स ब्राइटनेस वाली डिस्प्ले होगी. इन सब फ्लैगशिप फीचर्स के साथ आने वाले Iphone 15 स्मार्टफोन की कीमत को लेकर भी लगातार इन्टरनेट पर बहुत से कयास लगाए जा रहे हैं. आपको बता दें कि इस वक्त मार्किट में Iphone 14 की कीमत 73990 रुपये है वहीं Iphone 14 प्रो की कीमत 122999 रुपये है और Iphone 14 सीरीज के टॉप एंड फोन Iphone 14 प्रो मैक्स की कीमत 132990 रुपये है. लेकिन खबर है कि एप्पल अपनी फ्लैगशिप सीरीज के अगले स्मार्टफोन, Iphone 15 की कीमतों में कटौती कर सकता है जो भारतीय कंज्यूमर्स के लिए बहुत ही बड़ी खबर है.
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इस महीने की शुरुआत में फिल्ममेकर विशाल भारद्वाज द्वारा Iphone 14 प्रो मैक्स पर शूट हुई फिल्म फुर्सत ने सबका ध्यान अपनी तरफ खींचा था.
इस महीने की शुरुआत में विशाल भारद्वाज द्वारा निर्देशित फिल्म ‘फुर्सत’ ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा था. इस पूरी फिल्म को Iphone 14 प्रो पर शूट किया गया था लेकिन किसी मायने में भी यह एक पारंपरिक बॉलीवुड फिल्म से पीछे नहीं थी. बॉलीवुड की अन्य फिल्मों की तरह इस फिल्म में भी जबरदस्त डांस सीक्वेंस और शानदार सीन्स हैं जिसकी उम्मीद हर एक व्यक्ति को बॉलीवुड से होती है.
12 दिनों में ‘फुर्सत’ को मिले 83 मिलियन व्यूज
इस फिल्म की शूटिंग मुंबई और राजस्थान जैसी जगहों पर हुई थी और इसमें तेज चेजिंग सीक्वेंस के साथ साथ बहुत से अंडरवाटर शॉट्स भी शामिल थे. यूट्यूब पर रिलीज होने के 12 दिनों के अन्दर इस फिल्म को 83 मिलियन व्यूज मिले थे. भारत में इस फिल्म को एप्पल ने जमकर प्रमोट किया लेकिन इसे फोन से शूट होने वाली फिल्मों के लिए बस शुरुआत माना जा रहा है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि भारत, फिल्म मेकिंग के एक नये दौर की तरफ बढ़ रहा है जिसमें फिल्ममेकर्स के द्वारा प्रोफेशनल ग्रेड विडियो कैमरा की बजाय एप्पल के Iphone और सैमसंग की गलैक्सी सीरीज जैसे हाई-एन्ड फोनों का इस्तेमाल किया जाएगा.
बदलाव की शुरुआत हो चुकी है
फिल्ममेकर विशाल भारद्वाज ने कहा – मुझे लगता है कि Iphone से अब हम सिर्फ शॉर्ट फिल्म्स ही नहीं बल्कि एक पूरी फीचर फिल्म भी बना सकते हैं. Iphone 14 प्रो के एक्शन मोड से सीन्स में इतना बढ़िया स्टेबिलाइजेशन देखने को मिलेगा यह लगभग असंभव लगता है. आपको बता दें कि एक्शन मोड एक सोफ्टवेयर फीचर है जो Iphone में दिया गया होता है और इसकी मदद से विडियों को ज्यादा स्टेबिलाइज किया जा सकता है. इंडस्ट्री के प्रोफेशनल्स और फिल्ममेकर्स की मानें तो उभरते हुए फिल्ममेकर्स और फिल्ममेकिंग के स्टूडेंट्स फिल्में बनाने के लिए अब ज्यादातर स्मार्टफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं. मुंबई आधारित विस्लिंग वुड्स इंटरनेशनल जैसे फिल्म इंस्टीट्युट ने अभी से ही ऐसे प्रोजेक्ट्स को शुरू कर दिया है जिनमें स्टूडेंट्स को एक Iphone से शूट करना होता है.
स्मार्टफोन से कम पैसों में बनेंगी फिल्में
स्मार्टफोन कैमरों के इस्तेमाल से फिल्म बनाने की कीमतों में कमी आयेगी. उदाहरण के लिए मुंबई आधारित पैक्स्टन एक्विपमेंट्स, कैमरा और शूटिंग इक्विपमेंट को किराए पर देती है और एक रेड जेमिनी 5K सिनेमा कैमरे का इस्तेमाल करने के लिए हर दिन आपको 9000 रुपये किराया देना होगा. 6 Carl Zeiss लेंसों, स्टोरेज, ट्राईपॉड्स और दो ऑपरेटर्स के साथ यह किराया 30000 रुपये तक पहुंच जाता है. 90 दिन लम्बी एक फीचर फिल्म को शूट करने के लिए आपको 27 लाख रुपये सिर्फ इक्विपमेंट का किराया देना होगा. वहीं 512 GB स्टोरेज वाला एक Iphone 14 प्रो मैक्स आपको 2500 रुपये किराए पर मिलेगा और एक मोबाइल ट्राईपॉड के साथ आपको यह फोन 3500 रुपये प्रतिदिन के किराए पर मिल जाएगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि फोन से फिल्में शूट करने का यह ट्रेंड अब यहीं रहेगा और समय के साथ साथ OTT प्लेटफॉर्म के लिए कंटेंट की बढ़ती मांग के साथ ही और ज्यादा बढ़ेगा.
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गूगल द्वारा लॉन्च किये गए चैटबॉट बार्ड ने अपने डेमो में गलत जवाब दिया जिसके बाद मार्केट में कंपनी के शेयर्स में 9% की गिरावट आई और कंपनी को 100 डॉलर्स का नुक्सान भी उठाना पड़ा.
AlphabetINC के नए चैटबॉट बार्ड (Bard) द्वारा एक प्रमोशनल विडियो में गलत जानकारी शेयर करने के कुछ देर बाद ही इसकी पैरेंट कंपनी, गूगल को मार्केट में 100 डॉलर्स से अधिक का नुक्सान उठाना पड़ा. रेगुलर ट्रेडिंग के दौरान गूगल के शेयर्स लगभग 9% नीचे गिर गए जबकि गूगल की विरोधी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट के शेयर्स में 3% की वृद्धि देखने को मिली.
ChatGPT ने किया हैरान बार्ड ने किया परेशान
सोमवार को अपना डेब्यू करने वाले चैटबॉट बार्ड के लिए गूगल द्वारा दिखाए गए विज्ञापन में सबसे पहले रायटर्स द्वारा गलती ढूंढ़ी गयी थी. यह एक आर्टिकल था जिसमें सवाल पूछा गया था की पृथ्वी के सोलर सिस्टम के बाहर स्थित प्लैनेट की तस्वीर सबसे पहले किस सैटेलाइट द्वारा खींची गयी थी? OpenAI द्वारा नवम्बर में इंट्रोड्यूस किये गए ChatGPT ने साधारण सवालों के अच्छे और सरल जवाब देकर कंज्यूमर्स को हैरान कर दिया है और सिलिकन वैली में लगातार बातचीत का हिस्सा बना हुआ है. OpenAI एक स्टार्टअप है जिसे माइक्रोसॉफ्ट से 10 मिलियन डॉलर्स की मदद मिली हुई है.
माइक्रोसॉफ्ट ने रिलीज किया ChatGPT वाला बिंग सर्च
बुधवार को गूगल की लाइव-स्ट्रीम प्रेजेंटेशन में बार्ड को अपने सर्च फंक्शन में शामिल करने के बारे में जानकारी नहीं दी गयी थी. इस प्रेजेंटेशन में गूगल ने यह भी नहीं बताया कि वह कब और कैसे बार्ड को अपने सर्च फंक्शन के साथ जोड़ेगा? कैलिफोर्निया में माउंटेन व्यू नाम की जगह पर होने वाली इस प्रेजेंटेशन से पहले ही चैटबोट बार्ड में कुछ गलतियां ढूंढ ली गयीं थीं. एक दिन पहले ही गूगल की विरोधी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने इवेंट करके बताया था कि उन्होंने ChatGPT फंक्शन्स के साथ अपनी बिंग सर्च को पब्लिक के लिए रिलीज कर दिया है.
इस वजह से खराब हुआ डेमो
फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी DA Davidson में सीनियर सॉफ्टवेयर एनालिस्ट, गिल लुरिया ने कहा – पिछले कुछ सालों से गूगल AI इनोवेशन में एक लीडर की भूमिका निभाता आया है लेकिन इस नयी टेक्नोलॉजी को अपने सर्च प्रोडक्ट के साथ शामिल करने में वह काफी पीछे रह गया है. पिछले कुछ हफ्तों से ये टेक्नोलॉजी सर्च के साथ शामिल होने के लिए काफी संघर्ष कर रही है और इसी बीच मंगलवार को जल्दबाजी में डेमो की घोषणा की गयी जिसकी वजह से डेमो के दौरान इसने गलत जवाब देकर सब खराब कर दिया.
बार्ड नहीं कर पाया मदद
AlphabetINC ने ट्विटर पर बार्ड का एक विडियो शेयर किया. इस विडियो में बार्ड को एक्शन में दिखाया गया था. कंपनी द्वारा वादा किया गया था की बार्ड मुश्किल विषयों को भी आसन कर देगा लेकिन इस विडियो में बार्ड ने जो जवाब दिया वह गलत था. इस विडियो में बार्ड से सवाल पूछा गया कि ‘जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप (JWST) के द्वारा ऐसी कौन सी नयी खोजें हैं जिनके बारे में मैं अपने 9 साल के बच्चे को बता सकता हूं?’ बार्ड ने बहुत से जवाब दिए जिनमें से एक में कहा गया था कि JWST का इस्तेमाल पृथ्वी के सोलर सिस्टम से बाहर मौजूद प्लेनेट की सबसे पहली तस्वीर लेने के लिए किया गया था. जबकि NASA ने भी कन्फर्म किया है की सबसे पहले इस तस्वीर को खींचने के लिए यूरोपियन सदर्न ऑब्जर्वेटरी के VLT (वैरी लार्ज टेलिस्कोप) का इस्तेमाल किया गया था.
पूछे गए सवालों के जवाब में AI द्वारा लिंक्स की लिस्ट बताने की बजाय साधारण भाषा में रिजल्ट्स दिखाने की वजह से AI वाली सर्च की मांग बढ़ रही है. साधारण भाषा में जवाब बताने की वजह से ब्राऊजिंग टाइम काफी कम हो जाता है. हालाँकि अभी यह क्लियर नहीं है कि गूगल जैसे सर्च इंजन की मुख्य ताकत, टार्गेटेड एडवरटाइजिंग में यह किस प्रकार से मदद करेगा?
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इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने लोकसभा में बताया कि आरोग्य सेतु के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग फीचर को हटा दिया गया है और पुराना डाटा भी डिलीट किया जा चुका है.
केंद्र सरकार ने कल बताया, कि आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लीकेशन के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग फीचर को हटा दिया गया है और कलेक्ट किये गए डाटा को भी डिलीट कर दिया गया है. कोविड संक्रमण बढ़ने के दौरान आरोग्य सेतु का इस्तेमाल, एक संक्रमित व्यक्ति के कॉन्टैक्ट में आये लोगों की पहचान करने के लिए किया जा रहा था.
कॉन्टैक्ट को कोविड होने पर तुरंत किया जाएगा इन्फॉर्म
आरोग्य सेतु की आधिकारिक वेबसाइट पर बताया गया – आने वाले समय में अगर आपके कॉन्टैक्ट में आये लोगों में से किसी को भी कोविड होता है तो आपको तुरंत इन्फॉर्म किया जाएगा और आपके लिए सक्रिय मेडिकल सुविधा का इंतजाम भी किया जाएगा. इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, राजीव चन्द्रशेखर ने बुद्धवार को लोकसभा में जवाब देते हुए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग के बारे में यह अपडेट दिया था. उन्होंने कहा –आरोग्य सेतु मोबाइल एप्लीकेशन से कांटेक्ट ट्रेसिंग का फीचर हटा दिया गया है और इसके द्वारा इकठ्ठा किया गया सारा डाटा भी डिलीट किया जा चुका है.
कुछ चुने हुए अधिकारियों को ही मिला था एक्सेस
इस विषय के बारे में और जानकारी साझा करते हुए राजीव चंद्रशेखर ने बताया कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, राज्य स्वास्थ्य मंत्रालयों, राष्ट्रीय एवं राज्य डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटीज और डिस्ट्रिक्ट सिविल सर्जन्स के कुछ चुने गए अधिकारियों को आरोग्य सेतु द्वारा इकठ्ठा किये गए डाटा का सिक्योर एक्सेस दिया गया था. उन्होंने कहा कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के अंतर्गत बनायी गयी नेशनल एग्जीक्यूटिव कमेटी ने मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी से जुड़ी जरुरी रणनीति को लागू करने के लिए एक मजबूत टेक्नोलॉजी और डाटा मैनेजमेंट ग्रुप को चुना था.
कोविड को रोकने के लिए इस्तेमाल हुआ डाटा
ग्रुप द्वारा लिए गए एक फैसले के अनुसार, इसके चेयरपर्सन ने 11.05.2020 को एक ऑर्डर जारी किया था. इस ऑर्डर के द्वारा आरोग्य सेतु डाटा एक्सेस और नॉलेज शेयरिंग प्रोटोकॉल 2020 के बारे में सूचित करके आरोग्य सेतु द्वारा सिक्योर डाटा कलेक्शन, व्यक्तियों के पर्सनल डाटा की रक्षा, और कोविड को रोकने और उसे खत्म करने के लिए पर्सनल या नॉन-पर्सनल डाटा को अच्छे तरीके से शेयर करने और इस्तेमाल करने की बात कही गयी है. कोरोना वायरस बीमारी से ठीक हुए लोगों की संख्या फिलहाल 4,41,51,219 है जबकि इसका फैटेलिटी रेट, 1.19% है. स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट से पता चला है कि देश में चल रही वैक्सीनेशन ड्राइव के अंतर्गत अबतक कोविड के 220.61 करोड़ डोज लगाये जा चुके हैं.
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