आज वीवो की लेटेस्ट स्मार्टफोन सीरीज यानी Vivo V30 के दो फोन लॉन्च होंने जा रहे हैं. ये कंपनी के मिड रेंज फोन है, जिसमें आपको कई खास फीचर्स मिलेंगे.
गुरुवार को वीवो (Vivo) अपनी लेटेस्ट स्मार्टफोन सीरीज यानी Vivo V30 को लॉन्च करने जा रहा है. इस सीरीज में दो फोन- Vivo V30 और Vivo V30 Pro को शामिल किया गया है. इन दोनों डिवाइस में कैमरा सिस्टम पर विशेष ध्यान दिया गया है. बता दें कि कंपनी इस प्राइस रेंज में रेडमी, वनप्लस जैसी कई कंपनियों के फोन को टक्कर दे रही है. Vivo की V30 सीरीज को आज दोपहर में Vivo India के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर लाइव-स्ट्रीम के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा.
जानें दोनों स्मार्टफोन की कीमत
वीवो आपको कम कीमत में काफी अच्छे फीचर्स के साथ यह दोनों फोन दे रहा है. Vivo V30 की कीमत 33,999 होगी. वहीं Vivo V30 Pro आपको 41,999 की कीमत पर मिलेगा. इस प्राइस रेंज में iQOO Neo 9 Pro और OnePlus 12R जैसे कई अन्य फोन भी शामिल हैं, जिनसे इन फोन की सीधी टक्कर हो सकती है.
Vivo V30 में मिलेंगे ये फीचर्स
डिस्प्ले- Vivo V30 में 6.78-इंच फुल HD+ OLED डिस्प्ले, जिसे 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट मिल सकता है.
प्रोसेसर- स्मार्टफोन के स्नैपड्रैगन 7 जेन 3 प्रोसेसर हो सकता है, जिसे 12GB तक रैम और 512GB तक स्टोरेज के साथ जोड़ा जा सकता है.
सॉफ्टवेयर- वीवो वी30 वीवो के अपने FuntouchOS14 पर काम करेगा जो एंड्रॉइड 14 ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित है.
कैमरा- Vivo V30 में डुअल रियर कैमरा सेटअप हो सकता है, जो OIS सपोर्ट के साथ 50MP प्राइमरी सेंसर और 50MP अल्ट्रा वाइड एंगल लेंस के साथ आएगा. इस स्मार्टफोन के फ्रंट पर 50MP ऑटोफोकस सेंसर होने की भी उम्मीद है.
Vivo V30 Pro में मिलेंगे ये फीचर्स
Vivo V30 Pro में भी 120Hz रिफ्रेश रेट सपोर्ट के साथ 6.78-इंच फुल HD+ OLED पैनल होने की संभावना है. वहीं,
प्रोसेसर की बात करें तो इसमें मीडियाटेक डाइमेंशन 8200 चिपसेट हो सकताहै, जिसे 12GB रैम और 512GB स्टोरेज को सपोर्ट मिल सकता है.
YouTube आपके लिए एक नया फीचर लेकर आया है, जिसकी मदद से आप अपना काफी समय बचा सकते हैं.
अगर आप भी घंटो यूट्यूब पर एक्विट रहते हैं, तो ये जानकारी आपके काम की हो सकती है. आपको बता दें, यूट्यूब (YouTube) का लंबे समय तक इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के लिए प्लेटफॉर्म पर एक खास फीचर की सुविधा मिलती है. अगर आपको यूट्यूब पर वीडियो देखते हुए समय का पता ही नहीं चलता, तो परेशान न हों. अगर आप अपना समय बचाना चाहते हैं तो यूट्यूब पर आपके लिए Remind me to take a break, नाम का एक फीचर है. क्या आप जानते हैं ये फीचर आपके कैसे काम आ सकता है? अगर नहीं, तो चलिए आज आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं.
क्या है YouTube Remind me to take a break feature?
यूट्यूब के रिमाइंड मी टू टेक अ ब्रेक फीचर (YouTube Remind me to take a break feature) के साथ वे यूजर जो अपना ज्यादातर समय प्लेटफॉर्म पर बिताते हैं, उन्हें लाइफ और टेक के बीच बैलेंस बनाए रखने में मदद करता है.
क्यों जरूरी है इस फीचर का इस्तेमाल?
बहुत देर तक स्क्रीन पर एक्टिव रहने से आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ना शुरू हो जाता है. यूट्यूब पर घंटों बिताना आपके माइंड को बिजी रखता है. ऐसे में दिनभर के दूसरे कामों के बाद थकान मिटाने के लिए कुछ समय के लिए तो यह ऐप काम का है, लेकिन ज्यादा समय बिताना आंखों को थका सकता है. आपके सिर में दर्द की समस्या भी पैदा हो सकती है. यही वजह है कि इस तरह के फीचर के साथ यूजर को स्क्रीन से हटने यानी ब्रेक लेने का रिमांडर मिलता है.
कैसे काम करता है ये फीचर?
इस फीचर में आप अपनी सुविधा के अनुसार एक टाइमर सेट कर सकते हैं. इसमें 5 मिनट से लेकर 23 घंटों तक का टाइम सेट किया जा सकता है. टाइम सेट करने के बाद यह सेट टाइम के अनुसार ये यूजर को ब्रेक लेने के लिए रिमांडर भेजता है.
ऐसे करें इस्तेमाल
1.सबसे पहले फोन में यूट्यूब ऐप ओपन करना होगा.
2. अब टॉप राइट कॉर्नर पर प्रोफाइल आइकन पर टैप करना होगा.
3. अब टॉप राइट कॉर्नर पर सेटिंग आइकन पर टैप करना होगा.
4. अब लिस्ट से General पर टैप करना होगा.
5. अब Remind me to take a break feature पर टैप करना होगा.
6. टाइमर सेट कर रिमाइंडर अपने आप ऑन हो जाता है.
टेक्नोलॉजी के इस दौर में एक ओर AI बहुत फायदेमंद है. वहीं, इसके कुछ नेगेटिव प्रभाव भी सामने आने लगे हैं. आजकल AI Voice Cloning Scam के जरिए लोगों के साथ ठगी होनी लगी है.
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI ) के बढ़ते प्रभाव के बीच अपराधियों ने इसे ठगी करने का हथियार भी बना लिया है. इसमें स्कैमर्स आपके अपनों की आवाज में ही आपसे बात करते हैं और पैसों की डिमांड करते हैं, इससे बहुत से लोग कन्फ्यूज हो जाते हैं और पैसे दे भी देते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि उनके साथ स्कैम हुआ है. आपको बता दें, एआई वॉयस क्लोनिंग स्कैम (AI Voice Cloning Scam ) के जरिए ठग लोगों को लूट रहे हैं. अगर आप इस स्कैम से बचना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें.
एआई वॉयस क्लोनिंग अपराधियों का नया हथियार
एआई ने काफी कम समय में कई क्षेत्रों में अपना प्रभाव दिखा दिया है. एक तरफ एआई जहां लोगों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. वहीं, अपराधियों के लिए ये एक नया हथियार बन चुका है. इस अपराध में अहम जानकारियों के जरिए लोगों को आर्थिक तौर पर ठगा जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अपराधी एआई टूल की मदद से लोगों की आवाज की कॉपी कर लेते हैं. इसके बाद उस वॉयस को एआई टूल की मदद से बिल्कुल समान तरीके के साथ तैयार किया जाता है. अपराधी इस नकली आवाज को पीड़ित के दोस्तों, रिश्तेदारों और जान पहचान वालों के खिलाफ इस्तेमाल करते हैं. इस दौरान अपराधी उनसे पैसों के साथ ही किसी तरह की खास या फिर कोई गोपनीय जानकारी भी ले लेते हैं.
ऐसे बनाते हैं शिकार
एआई की मदद से तैयार नकली आवाज को पहचानना आसान नहीं है, बल्कि बहुत मुश्किल है. लेकिन, कुछ बातों को याद रखकर इससे बचा जा सकता है. एआई वॉयस क्लोनिंग स्कैम के अंतर्गत अपराधी आपको कॉल करके नकली आवाज के इस्तेमाल के जरिए सुरक्षित शब्दों का इस्तेमाल करते हैं. वो कॉल पर आपसे पैसे या किसी खास तरह की जानकारी की मांग करते हैं.
स्कैम से ऐसे बचें
अगर कोई आपको फोन करके पैसे मांगता है, तो पहले उससे कोई पर्सनल सवाल पूछकर उसकी पहचान कंफर्म करें. ऐसा करके आप वॉयस क्लोनिंग का शिकार होने से बच सकते हैं. इसके अलावा कुछ भी गलत लगने पर आप वीडियो कॉल का सहारा ले सकते हैं. कभी भी फोन पर पैसों और कीमती जानकारी को साझा न करें. फोन कॉल पर अगर कोई आपसे किसी स्टेप को फॉलो करके ऐप या वेबसाइट पर जाने के लिए कहे, तो आपको सावधान हो जाएं. आप कभी भी पैसों को एक फोन कॉल आने पर ही ट्रांसफर न करें, बल्कि किसी अन्य तरीके से उस जानकारी को वेरिफाई करें. अगर फोन कॉल पर आपको कुछ भी अजीब या शंका पैदा करने वाला लगे, तो तुरंत उसकी रिपोर्ट करें. इस तरह आप स्कैम से बच सकते हैं.
Meta अपने सभी ऐप्स Instagram, Facebook, Messenger और WhatsApp के लिए AI फीचर को रोलआउट कर रही है. इस AI असिस्टेंट की मदद से यूजर्स रियल-टाइम में AI-इमेज और कंटेंट जनरेट कर पाएंगे.
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) आज हर क्षेत्र में अपनी पहुंच बना रहा है. अब WhatsApp पर भी आपको एआई का सपोर्ट मिलेगा. इंस्टाग्राम (Instagram), फेसबुक (Facebook), मैसेंजर (Messenger) के बाद अब मेटा वाट्सएप (WhatsApp) के साथ अपने एआई मॉडल Llama 3 को इंटीग्रेट करना शुरू कर दिया है. तो चलिए जानते हैं ये कैसे काम करेगा?
मेटा एआई (Meta AI) फीचर भी चैटजीपीटी (ChatGPT) और Microsoft Copilot की तरह टेक्स्ट की मदद से फोटो बना सकता है. साथ ही यूजर्स के सवालों के जवाब बहुत ही सटीक तरीके से दे सकता है. आने वाले समय में व्हाट्सएप में मेटा एआई का सपोर्ट सभी को मिलेगा, जोकि पर्सनल और ग्रुप दोनों चैट के लिए काम करेगा. इस एआई असिस्टेंट की मदद से यूजर्स रियल-टाइम में एआई फोटो और कंटेंट जनरेट कर पाएंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेटा एआई के इमेजिन (Imagine) फीचर की मदद से यूजर्स रियल टाइम में टेक्स्ट की मदद से व्हाट्सएप पर फोटो क्रिएट कर पाएंगे.
टाइप करते ही दिखने लगेगी फोटो
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार व्हाट्सऐप पर यूजर्स जब टाइप करना शुरू करेंगे, तो उन्हें इमेज दिखनी शुरू हो जाएगी. हर अक्षर के टाइप होते ही इसमें बदलाव देखने को मिलेंगे. मेटा ने एक एनीमेशन भी साझा किया है, जिसमें WhatsApp चैट में मेटा एआई इमेजिन फीचर को यूज करने के दौरान टेक्स्ट इमेज में बदल जाता है.
ऐसा होगा अनुभव
मेटा एआई फीचर सिर्फ अंग्रेजी ही नहीं बल्कि कई अन्य भाषाओं को सपोर्ट करेगा. साथ ही पहले से ज्यादा शार्प और हाई क्वालिटी इमेज जनरेट करने के साथ इमेज में टेक्स्ट को शामिल करने में सक्षम है. इन इमेज की मदद से यूजर्स एल्बम आर्टवर्क, वेडिंग साइनेज और बर्थडे डिकोर तैयार कर सकते हैं. इसके साथ ही यह एआई असिस्टेंट यूजर्स को इमेज क्रिएट करने के लिए प्रॉम्प्ट लिखने में भी मदद करेगा. इसके साथ ही यूजर्स इसकी मदद से GIF भी तैयार कर सकते हैं. इससे पहले वाले अपडेट में मेटा एआई व्हाट्सएप पर सिर्फ फोटो बना रहा था, लेकिन अब यह किसी फोटो को GIFs में भी बदल सकता है. ऐसे में यूजर्स अब केवल फोटो ही नहीं बल्कि एआई द्वारा बनाई गई GIF फाइल भी शेयर कर सकेंगे.
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Meta AI का बढ़ रहा दायरा
मेटा अपने सभी ऐप्स इंस्टाग्राम (Instagram), फेसबुक (Facebook), मैसेंजर (Messenger) और वाट्सएप (WhatsApp) के लिए एआई फीचर को रोलआउट कर रही है. भारत में व्हाट्सऐप और इंस्टाग्राम यूजर्स को मेटा एआई का एक्सेस मिलने लगा है. इनके अलावा अमेरिका में मेटा एआई को यूजर्स Ray-Ban Meta smart ग्लासेस में यूज कर सकते हैं. जल्द ही यह फीचर Meta Quest में भी मिलने लगेगा.
देश में लोकसभा चुनाव चल रहा है. चुनाव को देखते हुए वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब (YouTube) ने गाइडलाइन जारी कर दी है.
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान का समय नजदीक आ गया है. प्रथम चरण के लिए 19 अप्रैल को मतदान किया जाएगा. इसके देखते हुए वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब (YouTube) ने गाइडलाइन जारी कर दी है. यूट्यूब ने चैनल सैटअप, इलेक्शन कवरेज, शॉर्ट्स, लाइव, पॉडकास्ट और मतदान के लिए क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए, इन सब को लेकर गाइडलाइन जारी की है.
YouTube के सामुदायिक दिशानिर्देश इस बारे में स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करते हैं कि यूट्यूब पर किस कंटेट की अनुमति नहीं है, अगर कोई चैनल इन गाइडलाइन को फॉलो नहीं करता है तो YouTube उस कंटेट को प्लेटफॉर्म से हटा देता है. आइन जानते है वो गाइडलाइन जिनके बारे में हर को चैनल इसकी जानकारी होनी चाहिए.
1. यूट्यूब चैनल के लिए बैनर पर कवरेज कार्यक्रम की घोषणा, चुनाव कवरेज प्लेलिस्ट सेट, फ्लैगशिप सामग्री को हाइलाइट करना आवश्यक है.
2. यूट्यूब पर उम्मीदवार, चुनाव क्षेत्र, मतदान का दिन, इन्फोग्राफिक डेटा और वोटर का इंटरव्यू ही दिखा सकते हैं.
3. मतदान के लिए समय, स्थान, साधन के बारे में मतदाताओं को गुमराह करने वाली सामग्री या झूठे दावे जो मतदान को प्रभावित कर सकते हैं, उनपर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
4. YouTube ऐसी सामग्री को प्रतिबंधित करता है जो राजनीतिक उम्मीदवारों और कार्यालय में सेवा करने के लिए निर्वाचित अधिकारियों के लिए तकनीकी आवश्यकताओं से संबंधित झूठे दावों को बढ़ावा देती है.
5. लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने के लिए उकसाना, दूसरों को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप करने के लिए प्रोत्साहित करने वाली सामग्री को प्रतिबंधित करता है
6. YouTube के यूट्यूब शॉर्ट्स और लाइव स्ट्रीम में #LokSabhaElections2024, #election2024 का इस्तेमाल करें
यूट्यूब एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो किसी को अपना चैनल बनाने की फ्री में सुविधा देता है. इस पर कोई भी अपने वीडियो अपलोड कर सकता है और ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच बना सकता है, लेकिन इसकी भी गाइडलाइन्स हैं जैसे कि इसपर क्या अपलोड किया जा सकता है. मतलब किस तरह के वीडियो यूट्यूब पर डाले जा सकते हैं. अगर कोई यूट्यूब की गाइडलाइन्स का उल्लंघन करता है तो यूट्यूब उस चैनल को बंद कर सकता है. इसलिए आप इन उपायों से अपने चैनल पर कार्रवाई होने से बचा सकते हैं.
क्या करें-
- चैलन में #loksabhaelection2024, #election2024, #2024elections जैसे हैशटैग का इस्तेमाल करें
- आपका टाइटल स्पष्ट, वर्णनात्मक, सटीक, संक्षिप्त होना चाहिए
- चैनल का Thumbnail हाई रिज़ॉल्यूशन और चित्रात्मक होना चाहिए
- चैन का Description पहली दो लाइन वर्णनात्मक हो
क्या न करें-
- भ्रामक थंबनेल के इस्तेमाल नहीं करना चाहिए ताकि यूजर्स पर गलत प्रभाव न पड़े.
- रिपीट कंटेंट और नॉन-लाइव कंटेंट के लूप्ड फुटेज के साथ मल्टी लाइव से यूजर्स परेशान होता है इसलिए इसका उपयोग न करें.
WhatsApp का 2 बिलियन से ज्यादा लोग इस्तेमाल करते हैं. आज वॉट्सऐप इंस्टेंट मैसेजिंग का एक जरूरी ऐप्लिकेशन बन चुका है.
अगर आपके WhatsApp पर रोजाना ढ़ेर सारे मैसेज आते हैं, तो इनमें से कई सारे मैसेज मिस हो जाते हैं. वही कई बार आप बिजी होते हैं, तो उस वक्त आप किसी WhatsApp मैसेज का रिप्लाई नहीं देते है, तो वो मैसेज मिस हो जाते हैं. इससे बचने के लिए WhatsApp ने एक नया चैट फिल्टर फीचर लॉन्च कर दिया है. इस फीचर को दुनियाभर में रोलआउट कर दिया गया है. यह फीचर आपके चैट को All, Unread और Group जैसी अलग-अलग कैटेगरी में बांट देता है. इससे आपका कोई भी मैसेज मिस नहीं होता है.
मार्क जुकरबर्ग ने दी जानकारी
आपको बता दें कि वॉट्सऐप के चैट फिल्टर का इंतजार यूजर्स को पिछले काफी समय से था. मेटा के सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने इस फीचर को लेकर बताया कि यह नया फीचर यूजर्स को पहले से कहीं अधिक तेजी के साथ मैसेज सर्च करने में मदद करेगा. कंपनी ने कहा कि इस फीचर के आने के बाद किसी मैसेज को सर्च करने में बर्बाद होने वाला समय बचने वाला है.
चैट बॉक्स को नहीं करना पड़ेगा स्क्रॉल
आपको बता दें कि मौजूदा समय में पर्सनल और प्रोफेशनल दोनों ही काम के लिए वॉट्सऐप का जमकर इस्तेमाल किया जाता है. ऐसे में कई बार कुछ जरूरी मैसेज को सर्च करने की जरूरत पड़ती है. इस तरह की स्थिति में यह नया चैट फिल्टर फीचर काफी काम आने वाला है. अब यूजर्स को मैसेज सर्च करने के लिए पूरे चैट बॉक्स या फिर इन बॉक्स को नीचे की तरफ स्क्रॉल नहीं करना पड़ेगा.
यूजर्स को मिलेंगे 3 नए सेक्शन
वॉट्सऐप के नए Chat Filter फीचर में कंपनी ने ग्राहकों को All, Unread और Group तीन तरह के सेक्शन दिए हैं. ऑल सेक्शन को सेलेक्ट करने पर सभी चैट्स डिस्प्ले होंगे. वहीं अनरीड सेक्शन सेलेक्ट करने पर उन मैसेज को डिस्प्ले किया जाएगा जिन्हें रीड नहीं किया गया होगा. इस सेक्शन में वे मैसेज भी दिखाई देंगें जिन्हें रीड किया जा चुका होगा. ग्रुप फिल्टर सेक्शन में ग्रुप में आने वाले मैसेज दिखाई देंगे. बता दें कि इस सेक्शन में कम्युनिटी ग्रुप के भी मैसेज शामिल होंगे.
WhatsApp के 2 बिलियन से ज्यादा यूजर्स
WhatsApp इस समय दुनियाभर के स्मार्टफोन यूजर्स का एक प्रमुख ऐप्लिकेशन बन चुका है. आज के समय में इंस्टेंट मैसेजिंग के लिए सबसे ज्यादा वॉट्सऐप का ही इस्तेमाल किया जाता है. अगर वॉट्सऐप के यूजरबेस की बात करें तो करीब 2 बिलियन से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल करते हैं और यही वजह है कि यूजर्स की सहूलियत के लिए कंपनी नए नए फीचर्स लाती रहती है. यूजर्स की सिक्योरिटी और चैटिंग एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने के लिए कंपनी ने पिछले कुछ समय में कई सारे धांसू फीचर्स प्लेटफॉर्म में जोड़े हैं.
सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी मेटा (Meta) के निगरानी बोर्ड ने दो मामलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) की मदद से तैयार की गई अश्लील इमेज पर कार्रवाई के लिए सार्वजनिक राय मांगी है.
इन दिनों मेटा (Meta) अपने एआई (AI) फीचर को लेकर काफी चर्चा में है. हाल ही में कुछ भारतीय सेलेब्रिटीज की एआई से बनाई गई अश्लील तस्वीरें इंस्टाग्राम (Instagram) व फेसबुक (Facebook) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर खूब वायरल हो रही हैं. इस मामले पर कार्रवाई को लेकर मेटा ने जनता से उनकी राय मांगी है. तो चलिए आपको इस मामले से जुड़ी पूरी जानकारी देते हैं.
इन मामलों पर मांगी राय
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मेटा के ओवरसाइट बोर्ड ने भारत की प्रसिद्ध हस्तियों से संबंधित दो मामलों में एआई-जनित अश्लील फोटो के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सार्वजनिक राय मांगी है. बोर्ड ने कहा कि दो मामलों में से एक मामला इंस्टाग्राम पर पोस्ट की गई एक निर्वस्त्र महिला की एआई-से बनाई गई फोटो शामिल है. यह फोटो भारत की एक बड़ी हस्ती से मिलती-जुलती है, जिसे एआई का उपयोग करके बनाया गया है.
इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने भी दिए ये निर्देश
जानकारी के अनुसार जिस खाते से इस कंटेट को पोस्ट किया गया है, वह केवल भारतीय महिलाओं के एआई से तैयार फोटो को शेयर करता है. इस पर प्रतिक्रिया देने वाले ज्यादातर यूजर्स भी भारत के ही हैं, जहां डीपफेक (DeepFake) की समस्या बढ़ती जा रही है. मेटा ने इस मुद्दे पर जनता की राय मांगी है. हालांकि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (Ministry of Electronics and Information Technology) पहले ही सोशल मीडिया फर्मों को एआई से बनाई गई नकली फोटो और वीडियो को हटाने के लिए कह चुका है.
इन सेलिब्रिटिज की फोटो हुई वायरल
बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा (Priyanka Chopra) और साउथ की अभिनेत्री अभिनेत्री रश्मिका मंदाना (Rashmika Mandanna) सहित कई भारतीय अभिनेत्रियों की नकली तस्वीरें और वीडियो इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स सहित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो चुके हैं.
भारत से जुड़े मामले में हटाई पोस्ट
बोर्ड ने कहा कि भारत से जुड़े मामले में पोस्ट को हटा दिया गया है. बोर्ड ने अमेरिका में एक मामले पर सार्वजनिक राय मांगी है. बोर्ड ने कहा है कि भारत से संबंधित एक यूजर ने कंटेंट को अश्लीलता के लिए मेटा को रिपोर्ट किया था, लेकिन रिपोर्ट ऑटोमेटिकली बंद कर दी गई थी, क्योंकि 48 घंटों के भीतर इसकी समीक्षा नहीं की गई थी. इसके बाद उसने बोर्ड से इसे हटाने की अपील की थी.
30 अप्रैल तक भेजी जा सकती है प्रति क्रिया
2021 के आईटी नियमों के अनुसार एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को शिकायत प्राप्त होने के 24 घंटों के अंदर पूर्ण या आंशिक नग्नता को हटाना आवश्यक है. बोर्ड ने अमेरिका में एक मामले पर सार्वजनिक विचार भी आमंत्रित किए हैं. बोर्ड ने कहा है कि इस मामले के लिए पब्लिक कॉमेंट विंडो 30 अप्रैल तक 14 दिनों के लिए खुली है. ओवरसाइट बोर्ड ने मशहूर हस्तियों के नाम या विवरण का उल्लेख नहीं किया है.
अब एक्स (x) के नए यूजर्स को ट्वीट करने के लिए पैसे देने होंगे. आपको बता दें, ये जानकारी Elon Musk ने खुद अपने सोशल मीडिया अकउंट से दी है.
एलन मस्क (Elon Musk) सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. अब उनके एक्स अकाउंट के माध्यम से एक नई जानकारी भी सामने आई है. एक्स पर एक बड़े बदलाव को लेकर एलन मस्क ने बताया कि कंपनी नए एक्स यूजर्स से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के लिए एक छोटा सा शुल्क लेने की योजना बना रही हैं. तो चलिए आपको इस योजना से जुड़ी कुछ जानकारी देते हैं.
इस कारण से लिया जा रहा शुल्क
माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट पर इन बदलावों के बारे में पोस्ट करने वाले एक एक्स खाते के जवाब में एलन मस्क ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर लिखा कि नए खातों पर एक छोटा सा शुल्क लेना 'बॉट्स के हमले' को रोकने का 'एकमात्र तरीका' था. यह कदम बॉट समस्या को हल कर सकता है.
Unfortunately, a small fee for new user write access is the only way to curb the relentless onslaught of bots.
Current AI (and troll farms) can pass “are you a bot” with ease.
— Elon Musk (@elonmusk) April 15, 2024
पैसे नहीं चुकाने तो मिलेगा ये विकल्प
एलन मस्क ने कैप्चा (CAPCHA) जैसे टूल का जिक्र करते हुए कहा कि वर्तमान AI और ट्रोल फार्म आसानी से 'क्या आप एक बॉट हैं' को पास कर सकते हैं. यानी कि बॉट अकाउंट्स को मौजूदा सिस्टम के साथ पकड़ा या रोका नहीं जा सकता. एक अन्य यूजर को जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर नए यूजर्स शुल्क नहीं देना चाहते हैं, तो नया खाता बनाने के तीन महीने बाद बिना शुल्क चुकाए पोस्ट किए जा सकेंगे. एलन मस्क ने लिखा कि दुर्भाग्य से नए यूजर्स को राइटिंग एक्सेस के लिए एक छोटा सा शुल्क बॉट्स के निरंतर हमले को रोकने का एकमात्र तरीका है.
इन देशों में लिया जाने लगा शुल्क
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार दो देशों में एक्स ने शुल्क लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. न्यूजीलैंड और फिलीपिंस में नए यूजर्स से 1 डॉलर करीब 85 रुपये का सालान भुगतान करने के लिए कहा जा रहा है. नए अकाउंट दूसरे लोगों को फॉलो कर सकते हैं और उनकी पोस्ट पर रिएक्ट भी कर सकते हैं. लेकिन बिना शुल्क चुकाए कोई भी पोस्ट या रिप्लाई नहीं लिख सकते. जल्द ही ये योजना दूसरे देशों में भी लागू हो जाएगी.
X में होंगे ये बदलाव
1.'नॉट-ए-बॉट' नियम और शर्तें पेज को परिवर्तनों में शामिल किया गया है, जिसके अनुसार नए खातों को अन्य ट्वीट्स को पोस्ट करने, लाइक करने, बुकमार्क करने या उत्तर देने से पहले 'छोटे वार्षिक शुल्क' का भुगतान करना होगा.
2.नए खाते अन्य खातों को फॉलो करने और प्लेटफॉर्म को मुफ्त में ब्राउज करने में सक्षम होंगे.
3.आपको बता दें कि मस्क के अधिग्रहण के बाद से सोशल मीडिया की दिग्गज कंपनी ने अपना मूल्य कम से कम 71 प्रतिशत कम कर लिया है.
4.एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले नवंबर में दर्जनों विज्ञापनदाताओं ने एक्स से अपना स्पेंडिंग वापस ले लिया था. यह बताया गया कि कंपनी को 2023 में विज्ञापन रेवेन्यू में 1.5 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ.
मोटोरोला (Motorola) 16 अप्रैल को अपने ग्राहकों के लिए नई Edge-series में स्मार्टफोन लाने जा रहा है. कंपनी ग्लोबल इवेंट के साथ नए फोन पेश करने वाली है.
मंगलवार यानी 16 अप्रैल को मोटोरोला (Motorola) अपने ग्राहकों के लिए नई Edge-series में स्मार्टफोन लान्च करने जा रहा है. कंपनी ग्लोबल इवेंट के साथ इस नए फोन को पेश करने वाली है. वहीं, कंपनी ने लॉन्च से पहले ही अपने ऑफिशियल एक्स (X) हैंडल पर इस फोन का एक टीजर भी जारी कर दिया है. आपको बता दें, इस फोन का कलर बेहद आकर्षक है, जो आपको देखते ही पसंद आ जाएगा, तो चलिए आपको इस नए फोन, इसके कलर और फीचर्स की जानकारी देते हैं.
ये स्मार्टफोन होगा लॉन्च
मंगलवार को मोटोरोला Edge 50 Ultra स्मार्टफोन को लॉन्च कर सकती है. वहीं, लॉन्च इवेंट से पहले कंपनी ने एक नया टीजर जारी किया है इस टीजर के साथ अपकमिंग फोन का पहला लुक सामने आया है. मोटोरोला ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल पर इस स्मार्टफोन से जुड़ी एक लेटेस्ट पोस्ट शेयर की है. मोटोरोला ने पोस्ट में लिखा है कि Peach Fuzz मास्टरपीस ऑममोस्ट रेडी है.
The masterpiece in @pantone Peach Fuzz is almost complete. Intelligence meets art on 4.16.2024. #hellomoto #edgefamily #hellosmARTphone pic.twitter.com/251UJ1bMlb
— motorola (@Moto) April 14, 2024
Peach Fuzz कलर में आया है ये फोन
कंपनी ने अपकमिंग फोन को इस टीजर में पीच फज्ज (Peach Fuzz) कलर में दिखाया गया है. आपको बता दें, यह कलर Pantone का कलर ऑफ द ईयर 2024 है. फोन को पास से देखने पर यह Motorola Edge 50 Ultra के लीक डिजाइन जैसा ही लगता है. हालांकि, अभी तक कंपनी ने इस अपकमिंग फोन के नाम को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है.
क्या है इस नया फोन की खासियत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह Edge 50 Ultra का पहला लुक हो सकता है. इस टीजर के साथ फोन का डिजाइन सामने आने के साथ कुछ इंटरनल कंपोनेंट्स की भी जानकारी मिली हैं, जैसे-
1.कंपनी ने कंफर्म कर दिया है कि मंगलवार को लॉन्च होने वाला फोन मेटल मिडल फ्रेम के साथ लाया जा रहा है, यानी यह मोटोरोला फोन को लंबे समय तक चलाने के रूप में खास होगा.
2. Motorola Edge 50 Ultra फोन को कंपनी 6.7 इंच OLED पैनल, 1.5K रेजोल्यूशन और 144Hz रिफ्रेश रेट के साथ ला सकती है.
3. फोन में 4,500mAh बैटरी और 50MP फ्रंट और बैक कैमरा मिलने की उम्मीद की जा रही है. फोन ट्रिपल कैमरा सेटअप के साथ लाया जा सकता है.
4. कंपनी इस फोन को Snapdragon 8s Gen 3 चिपसेट के साथ ला सकती है. फोन Android 14 ओएस के साथ लाया जा सकता है.
5. इसके अलावा डिवाइस इन-स्क्रीन फिंगरप्रिंट स्कैनर के साथ लाया जा सकता है.
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Xiaomi (श्याओमी) ने हाल ही में अपने कस्टमर्स के लिए चीन में अपने नए टैब यानी Redmi Pad Pro को लॉन्च किया है. अब इस डिवाइस को भारत और ग्लोबल मार्केट में लॉन्च करने की तैयारी चल रही है.
Xiaomi (श्याओमी) अपने कस्टमर्स के लिए एक नया डिवाइस लाने की तैयारी में है. आपको बता दें, हाल ही में इस ब्रैंड ने चीन में एक लॉन्च इवेंट के दौरान रेडमी चर्बो 3 (Redmi Turbo 3) स्मार्टफोन के साथ रेडमी पैड प्रो (Redmi Pad Pro) को भी लॉन्च किया है. रेडमी पैड प्रो कंपनी का लेटेस्ट टैबलेट है, जो हाई-रिजॉल्यूशन वाली बड़ी डिस्प्ले, बड़ी बैटरी और स्नैपड्रैगन 7s जेन 2 चिपसेट जैसे कई खास फीचर्स लेकर आया है, तो चलिए हम आपको इस डिवाइस के खास फीचर्स की जानकारी देते हैं.
भारत में लॉन्च होगा Redmi Pad Pro 5G
हाल ही में श्याओमी (Xiomi) ने इस डिवाइस को चीन में लॉन्च किया है. ये एक 5G डिवाइस है, जिसमें पॉवरफुल चिपसेट मिलता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Xiaomi ने Redmi Pad Pro में सेलुलर कनेक्टिविटी नहीं दी है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 5G टैबलेट POCO ब्रांडिंग के तहत भारत सहित वैश्विक बाजार में भी जल्द लॉन्च किया जाएगा. इस डिवाइस को भारत सहित ग्लोबल मार्केट में पोको पैड (POCO Pad) नाम से जाना जाएगा.इसमें ई-सिम सपोर्ट भी होगा, जिसका मतलब है कि यूजर्स को कॉल करने या डेटा का उपयोग करने के लिए डिवाइस के अंदर फिजिकल सिम कार्ड डालने की जरूरत नहीं होगी.
ये होंगे खास फीचर्स
1. इस डिवाइस में 2.5K रेजोल्यूशन के साथ 12.1 इंच का एलसीडी डिस्प्ले मिलता है, जिसे 120Hz वेरिएबल रिफ्रेश रेट, 600 निट्स पीक ब्राइटनेस और टीयूवी रीनलैंड सर्टिफिकेशन मिलता है.
2. इसके अलावा यह डॉल्बी विजन कंटेंच का सपोर्ट करता है और एक स्टाइलस पेन के साथ काम करता है.
3. कैमरा की बात करें, तो टैबलेट में एलईडी फ्लैश के साथ 8MP का रियर कैमरा और 8MP का फ्रंट-फेसिंग कैमरा मिलता है.
4. टैबलेट में डॉल्बी एटमॉस सपोर्ट और डुअल माइक्रोफोन के साथ क्वाड स्पीकर भी हैं.
5. प्रोसेसर की बात करेम तो यह स्नैपड्रैगन 7s Gen 2 प्रोसेसर मिलेगा, जिसे 8GB रैम और 256GB स्टोरेज के साथ जोड़ा गया है.
6. बैटरी की बात करें तो इसमें 33W फास्ट चार्जिंग के साथ 10,000mAh की बैटरी है.
5G के तीन मॉडल भी होंगे लान्च
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रैंड जल्द ही Redmi Pad Pro 5G के तीन मॉडल को भी लॉन्च करने की योजना बना रहा है. Redmi Pad Pro 5G का कोडनेम 'ruan' है और यह नॉन-5G वेरिएंट के समान ही है. Redmi Pad Pro 5G तीन मॉडल के साथ लॉन्च होगा, जिसमें 24074RPD2G, 24074RPD2I, और 24074RPD2C शामिल किए गए हैं. इन मॉडलों के Xiaomi MIX FOLD 4 और Redmi K70 Ultra जैसे डिवाइस के साथ सबसे पहले चीन में लॉन्च होने की उम्मीद है.
एलन मस्क टेस्ला के साथ ही अपनी कंपनी स्टारलिंक को भी भारत में एंट्री दिलवाना चाहते हैं.
इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला (Tesla) के मालिक एलन मस्क (Elon Musk) भारत आने वाले हैं. अपनी इस यात्रा को लेकर मस्क काफी उत्साहित हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) से मिलने की चाहत रहते हैं. इस बीच, खबर है कि मोदी सरकार ने एलन मस्क को एक बड़ी खुशखबरी देने की तैयारी कर रखी है. एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार मस्क की कंपनी स्टारलिंक (Starlink) को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड, वॉयस और मैसेजिंग सर्विस के लिए अगले 10 दिन में लाइसेंस जारी कर सकती है.
तेजी हो गई है प्रक्रिया
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि एलन मस्क के भारत आने की घोषणा के बाद से स्टारलिंक को लाइसेंस देने की प्रक्रिया तेज हो गई है और अगले 10 दिनों में कंपनी लाइसेंस मिल सकता है. स्टारलिंक ने अक्टूबर 2022 में लाइसेंस के लिए आवेदन किया था. इस संबंध में सरकार और कंपनी के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है. माना जा रहा है कि सरकार अगले हफ्ते कंपनी को लेटर ऑफ इंटेंट जारी कर सकती है. यदि ऐसा होता है, तो यह मस्क के लिए दोहरी खुशी होगी. भारत की नई ईवी नीति उनके चेहरे पर पहले ही मुस्कान खिला चुकी है.
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जवाब से संतुष्ट है सरकार
स्टारलिंक को 3 महीने के लिए ट्रायल स्पेक्ट्रम मिलेगा और लाइसेंस मिलने के बाद कंपनी ग्राहकों से एडवांस बुकिंग ले सकती है. पिछले साल नवंबर में खबर आई थी कि स्टारलिंक ने डेटा स्टोरेज और ट्रांसफर नॉर्म्स पर जो रिस्पॉन्स दिया है, उससे केंद्र सरकार संतुष्ट है. सुरक्षा जांच के बाद, कंपनी को सर्विस देने के लिए ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट सर्विसेज (GMPCS) लाइसेंस दिया जाएगा. स्टारलिंक सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर है. कंपनी हजारों छोटे सैटेलाइट की मदद से हाई स्पीड इंटरनेट सेवा प्रदान करती है.
इनसे होगा मुकाबला
स्टारलिंक SpaceX की सहायक कंपनी है. लाइसेंस मिलने के बाद वो भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड, वॉयस और मैसेजिंग सर्विस उपलब्ध कराएगी. यदि स्टारलिंक को GMPCS लाइसेंस मिलता है, तो वो ऐसी तीसरी कंपनी बन जाएगी. इससे पहले, मुकेश अंबानी की रिलायंस Jio और भारती एयरटेल बैक्ड कंपनी वनवेब को सैटेलाइट सर्विसेज देने के लिए लाइसेंस मिल चुका है. स्टारलिंक दूर-दराज के इलाकों को सैटेलाइट के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट से जोड़ती है. इसके लिए कंपनी की तरफ से किट उपलब्ध करवाई जाती है, जिसमें राउटर, पावर सप्लाई, केबल और माउंटिंग ट्राइपॉड दिया जाता है.
स्टारलिंक का दूसरा प्रयास
भारतीय बाजार में पैर जमाने के लिए स्टारलिंक का यह दूसरा प्रयास है. इससे पहले, उसने अपनी सर्विसेज के लिए आवेदकों से प्री-बुकिंग अमाउंट लेना शुरू कर दिया था, लेकिन DoT यानी Department of Telecommunications ने कंपनी से सर्विसेज देने के लिए रेगुलेटरी अप्रूवल लेने के लिए कहा था. इसके बाद बाद स्टारलिंक को सभी आवेदकों से लिया प्री-बुकिंग अमाउंट वापस करना पड़ा था.