अब 30 अक्‍टूबर को ये फेस्‍ट लॉन्‍च कर रहा है एप्‍पल, देखने को मिलेंगे ये प्रोडक्‍ट 

एप्‍पल के इस फेस्‍ट के लिए आधिकारिक ट्वीट के जरिए ऐलान होने के बाद सभी लोग अपने-अपने कयास लगा रहे हैं कि आखिर इस फेस्‍ट में क्‍या-क्‍या लॉन्‍च हो सकता है. 

Last Modified:
Wednesday, 25 October, 2023
Apple

iPhone 15 के लॉन्‍च होने के बाद अब आने वाली 30 तारीख को Apple कंपनी Scary Fast नाम से एक स्‍पेशल इवेंट को होस्‍ट करने जा रही है. इस Scary Fast स्‍पेशल इवेंट में कंपनी मैकबुक के नए प्रोडक्‍ट दिखा सकती है. एप्‍पल के फोन लॉन्‍च के बाद अब लोगों को M3 चिप के प्रोडक्‍ट के लॉन्‍च का बेसब्री से इंतजार हैं. 

एप्‍पल ने ट्वीट करके क्‍या दी जानकारी? 
एप्‍पल ने इस फेस्‍ट को लेकर ट्वीट करते हुए जानकारी साझा की है. एप्‍पल की ओर से इस ट्वीट में कहा गया है कि ये आधिकारिक है, एप्‍पल 30 अक्‍टूबर को Apple Event में 5 pm PDT पर नए प्रोडक्‍ट की घोषणा करेगी. इस ट्वीट के सामने आते ही कई लोग इस फेस्‍ट को लेकर कयास लगा रहे हैं कि आखिर क्‍या-क्‍या लॉन्‍च किया जा सकता है. 

आखिर क्‍या खास होगा इस फेस्‍ट में 
एप्‍पल Scary Fast फेस्‍ट में मैक बुक डिवाइसेस की नई रेंज को दिखाने जा रही है. इस फेस्‍ट के दौरान जितने भी प्रोडक्‍ट दिखाए जाएंगे वो M3 चिप के साथ रिलीज किए जाएंगे. इस इवेंट के लिए जो टाइमिंग फिक्‍स की है वो 5pm (8Pm EST) रखी गई है. कंपनी ने इस फेस्‍ट के लिए प्रोमो भी लॉन्‍च कर दिया है. इस प्रोमो में ब्‍लैक बैकग्राउंड में एप्‍पल का लोगो दिखाई देता है जो बदलकर ब्‍लू कलर का हो जाता है. एप्‍पल के जानने वालों का मानना है इससे यही लग रहा है कि ये इवेंट मैक प्रोडक्‍ट के लिए ही है. 

नई चिप के साथ एप्‍पल कर रहा है लॉन्‍च 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एप्‍पल के इस बार लॉन्‍च होने वाले प्रोडक्‍ट को नई चिप के साथ लॉन्‍च किया जा रहा है. एप्‍पल के इस एनाउंसमेंट के बाद कई लोग अनुमान लगा रहे हैं कि आखिर वो क्‍या लॉन्‍च कर सकती है. सोशल मीडिया पर कई लोगों का ये मानना है कि 24 इंच के iMac के नए वर्जन को रिलीज कर सकता है. दरअसल कंपनी के कई प्रोडक्‍ट अभी भी पुरानी M1 चिप पर चल रहे हैं. जबकि कई लोगों का ये मानना है कि 13, 14 और 16 इंच Macbook Pro को नई M3 चिप के साथ लॉन्‍च कर सकता है. 

 
 


Jio लेकर आया Freedom Offer, एयरफाइबर कनेक्शन पर होगी 1000 रुपये की बचत

रिलायंस जियो (Reliance Jio) ग्राहकों के लिए एक शानदार ऑफर लेकर आई है. ग्राहकों को फ्रीडम ऑफर के तहत एयरफाइबर कनेक्शन पर 1000 रुपये की छूट मिल रही है.

Last Modified:
Friday, 26 July, 2024
BWHindia

अपने रिचार्ज प्लान महंगे करने के बाद रिलायंस जियो (Reliance Jio) ग्राहकों के लिए एक शानदार ऑफर लेकर आई है. ग्राहकों को नया एयरफाइबर कनेक्शन लेने पर इंस्टॉलेशन फीस का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.  स्वतंत्रता दिवस के खास असवर पर रिलायंस जियो (Reliance Jio) अपने ग्राहकों के लिए एक शानदार ऑफर लेकर आई है. इस ऑफर के तहत उन लोगों को फायदा होगा, जो जियो एयरफाइबर कनेक्शन लेना चाहते हैं. अगर आप भी एयरफाइबर कनेक्शन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये ऑफर आपके लिए फायदेमंद रहेगा. दरअसल, इसमें आपको इंस्टॉलेशन फीस के 1000 रुपये नहीं चुकाने पड़ेंगे, ये बिल्कुल फ्री होगा. तो आइए जानते हैं आप इस ऑफर का फायदा कैसे और कब तक ले सकते हैं?

इस तारीख तक ले सकते हैं ऑफर का फायदा
पहले ग्राहकों को एयरफाइबर कनेक्शन लेने के लिए अलग से इंस्टॉलेशन फीस देनी होती थी, लेकिन फ्रीडम ऑफर के तहत कनेक्शन लेने पर ये फीस नहीं देनी होगी. जियो ने एयरफाइबर ग्राहकों का इंस्टालेशन चार्ज जीरो कर दिया गया है. यानी अब आपको 15 अगस्त तक जियो एयरफाइबर कनेक्शन एक्टिवेट कराने पर जियो एयरफाइबर ग्राहकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा. इस ऑफर का फायदा 26 जुलाई से 15 अगस्त के बीच एक्टिवेट होने वाले कनेक्शन्स पर ही दिया जाएगा.
 

इन प्लान्स पर मिलेगी छूट
इंस्टालेशन चार्ज में छूट 3 महीने, 6 महीने और 12 महीने वाले सभी एयरफाइबर प्लान्स पर मिल रही है. पहले 3 महीने का ऑल-इन-वन एयरफाइबर प्लान लेने पर ग्राहकों को 2121 रुपये टैरिफ के और 1000 रुपये इंस्टालेशन चार्ज के तौर पर चुकाने होते थे यानी कुल 3121 रुपये में कनेक्शन लगता था, लेकिन अब 'फ्रीडम ऑफर' में ये प्लान 2121 रुपये में लिया जा सकेगा. इस तरह देखा जाए तो फ्रीडम ऑफर के तहत ग्राहकों को कुल 30 प्रतिशत का लाभ मिलेगा.

ऐसे करें जियो एयरफाइबर कनेक्शन के लिए आवेदन
नया जियो एयरफाइबर कनेक्शन बुक कराने के लिए आप इस 60008-60008 नंबर पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं. इस नंबर पर कॉल करके कुछ दिशा निर्देशों को फॉलो करना होता है. इसके अलावा Jio वेबसाइट और My Jio ऐप का उपयोग करके कनेक्शन लिया जा सकता है. अगर ऑनलाइन ये काम नहीं करना चाहते हैं, तो आप अपने नजदीकी Jio स्टोर पर जा सकते हैं. इसके बाद आपको Jio AirFiber के लिए पंजीकरण करना है, जिसके लिए आपको अपनी जानकारी और लोकेशन देना होगा. इसके बाद आपके घर आकर जियो के कर्मचारी एयरफाइबर इंस्टाल कर देंगे. 

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अब सर्विस रोड और फ्लाईओवर का कंफ्यूजन होगा दूर, Google Map लेकर आया ये नया फीचर

गूगल मैप (Google Map) ने भारतीय की एक मांग को पूरा करते हुए सर्विस रोड और फ्लाईओवर को लेकर कंफ्यूजन दूर करने के लिए एक नया फीचर रोलआउट किया है.

Last Modified:
Thursday, 25 July, 2024
BWHindia

गूगल का नेविगेशन ऐप गूगल मैप (Google Map) सर्विस रोड और फ्लाईओवर के लिए एक खास फीचर लेकर आया है. इसकी मदद से उन यूजर्स को काफी फायदा होगा, जो अक्सर मैच के सहारे सड़क पर चलते हुए सर्विस रोड और फ्लाईओवर को लेकर कंफ्यूजन में पड़ जाते हैं. ड्राइव करते हुए उन्हें समझ नहीं आता कहां फ्लाईओवर चढ़ना है और कहां सर्विस रोड लेनी है. ये फिचर फिलहाल एंड्रॉइड यूजर्स के लिए देश के 40 शहरों में उपलब्ध रहेगा. तो आइए जानते हैं ये फीचर कैसे काम करेगा?

फ्लाईओवर कॉलआउट फीचर इस कंफ्यूजन को करेगा दूर

गूगल मैप ने आखिरकार भारतीयों की एक खास मांग को पूरा कर दिया है. इसका इंतजार हर भारतीय को लंबे समय से था. दरअसल, गूगल मैप (Google Map) की ओर से फ्लाईओवर कॉलआउट फीचर भारत में रोलआउट कर दिया गया है. फिलहाल ये फीचर एंड्रॉइड यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया गया है. जल्द ही iOS यूजर्स के लिए इस फीचर को उपलब्ध करा दिया जाएगा. ये फीचर बहुत काम है, क्योंकि कई बार लोग गलती से फ्लाईओवर चढ़ जाते हैं, जबकि उन्हें सर्विस रोड पर जाना होता है, फिर उन्हें काफी घूमना पड़ जाता है. ऐसे में लोगों का समय भी बचेगा. 

40 शहरों में होगा उपलब्ध

इस फीचर को गूगल मैप ने अभी 40 शहरों में उपलब्ध करा दिया है. जल्द ही इसे बाकी शहरों के लिए भी उपलब्ध करा दिया जाएगा. ताकि लोग आसानी से फ्लाईओवर वाले रास्तों को भी पार कर सकें. इसके अलावा गूगल की ओर से नैरो रोड फीचर को भी पेश किया गया है, जो चार पहिया वाहनों को तंग गलियों और पतले रास्तों में जाने से रोकने में मदद करेगा. 

लगातार मिल रही थीं रिक्वेस्ट
गूगल के अनुसार उनके पास फ्लाईओवर गाइडेंस को लेकर सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट मिल रही थीं. ऐसे में कंपनी ने फ्लाईओवर कॉलआउट फीचर को नेविगेशन के लिए इंटीग्रेट किया है, जो यूजर्स को अपकमिंग फ्लाईओवर और रूट की जानकारी देगा. यह फीचर एंड्रॉइड मैप और एंड्रॉइड ऑटो के लिए उपलब्ध होगा.

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एआई तकनीक का किया जाएगा इस्तेमाल
गूगल की ओर से भारत की सड़कों के लिए एक एआई मॉडल बनाया गया है, जो सड़क की चौड़ाई और लंबाई का अनुमान लगाता है. साथ ही रोड की इमेज के लिए सैटेलाइट का यूज किया जाएगा. इसमें सड़क टाइप, बिल्डिंग और रोड की जानकारी समय पर मिलेगी. उधर, गूगल लीडिंग इलेक्ट्रिक वाहन और चार्जिंग स्टेशन के साथ साझेदारी कर रहा है, जिससे आने वाले दिनों में गूगल मैप पर चार्जिंग स्टेशन की जानकारी भी मिलेगी.

कोच्ची और चेन्नई में मिलेगी मेट्रो टिकट बुकिंग की सुविधा

गूगल मैप्स पर एक अपडेट पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर भी जारी किया है. अब इस ऐप पर मेट्रो टिकट की बुकिंग की सुविधा भी मिलेगी. अभी इस सर्विस को फिलहाल केवल कोच्ची और चेन्नई मेट्रो के लिए जारी किया गया है. धीरे-धीरे इसे अन्य मेट्रो स्टेशन के लिए भी जारी किया जाएगा.

 


बच्चों के लिए Apple Watch लॉन्च, मिलेंगे शानदार फीचर्स, ऐसे करना होगा इस्तेमाल

इस वॉच को पैरेंट्स अपने आईफोन के जरिए मैनेज कर सकेंगे. बच्चा घर से बाहर किस लोकेशन पर है इसको लेकर भी जानकारी पाई जा सकेगी.

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Thursday, 25 July, 2024
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आमतौर पर भारत में छोटे बच्चों के हाथों में डिजिटल डिवाइस जल्दी-जल्दी नहीं दी जाती हैं, जिससे की उन्हें इसकी आदत न लग जाए या फिर वो उसे खराब न कर दें. लेकिन एप्पल ने इस कड़ी में बच्चों के लिए एक नया फीचर भारत में लॉच कर दिया है. फीचर का नाम ' Apple Watch For Your Kids' है. ये फीचर एप्पल वॉच में मिलेगा, जहां पर माता-पिता वॉच को सेट करके बच्चे को पहना सकते हैं. फिर चाहे बच्चे के पास अपना आईफोन हो या न हो. एप्पल वॉच जैसे काम करती है वैसे ही करेगी.

कैसे काम करती है वॉच?

Apple के मुताबिक, Apple Watch पर मौजूद फीचर For Your Kids दरअसल बच्चों को परिवार और दोस्तों से जुड़ने में मदद करता है अगर उनके पास Apple की स्मार्टवॉच का सेल्युलर वेरिएंट है. वे कुछ सिक्योरिटी सॉल्यूशन के साथ स्मार्टवॉच की कम्युनिकेशन, हेल्थ, फिटनेस और सिक्योरिटी फीचर्स का लाभ उठा सकते हैं. कॉल करने के लिए, पहले माता-पिता उन नंबरों को पहले से अप्रूव्ड कर सकते हैं, जो Apple Watch पर बच्चों के लिए बेहतर होंगे. Apple Watch for Your Kids में इमरजेंसी SOS, घर का रास्ता बताने के लिए Apple Maps और परिवार के सदस्यों का पता लगाने या उनके साथ अपनी वर्तमान लोकेशन शेयर करने के लिए Find People जैसी सिक्योरिटी फीचर्स दिए गए हैं.

फिटनेस एक्टिविटीज को करेगी ट्रैक

इस वॉच के जरिए बच्चे एक्टिविटी रिंग से फिटनेस एक्टिविटी को ट्रैक कर सकते हैं और अलग-अलग वर्कआउट के लिए टारगेट सेट कर सकते हैं. वे अपने दोस्तों को एक्टिविटी शेयरिंग इनवाइट भेजकर उन्हें चैलेंज दे सकते हैं. माता-पिता या अभिभावक अपने iPhone से वॉच में होने वाली सभी गतिविधियों की निगरानी कर सकते हैं.

इन फीचर्स के अलावा, यह एक डेडिकेटेड स्कूल टाइम मोड की सर्विस देता है, जो आसान पहचान के लिए Apple वॉच फेस पर एक खास पीले रंग के सर्कल के रूप में दिखाई देती है. यह फीचर, तमाम नोटिफिकेशन को ब्लॉक करता है, ऐप को बैन करता है और डू नॉट डिस्टर्ब को शुरू कर देता है. Apple के अनुसार, इस मोड को मैनुअल रूप से टॉगल किया जा सकता है, जबकि माता-पिता उसे अपने iPhone के माध्यम से शेड्यूल भी कर सकते हैं.

कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं इस फीचर को?

Apple का कहना है कि यह सुविधा उन यूजर्स के लिए उपलब्ध हैं जिनके पास Apple Watch Series 4 या बाद का एडिशन या Apple Watch SE है. इन वॉच को iPhone 8 या बाद के एडिशन के साथ जोड़ा जा सकता है और जो लेटेस्ट watchOS और iOS चला रहा है. सेल्यूलर सर्विस को एक्टिव करने के लिए, Apple Watch के लिए वायरलेस सर्विस प्लानिंग की मदद चाहिए होती है. इसके अतिरिक्त, यूजर्स को खुद के लिए एक एप्पल आईडी तथा उस परिवार के सदस्य के लिए एक एप्पल आईडी की आवश्यकता होगी. इन एप्पल आईडी की मदद से वो इसे सेट करना चाहते हैं, और दोनों अकाउंट्स पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल होना चाहिए. 

 

भारत में कैसे हो रहा है जेनरेटिव AI का विकास और विस्तार, जानिए इस रिपोर्ट में?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 15 ट्रिलियन डॉलर का योगदान दे सकता है. अकेले भारत का योगदान लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर आंका गया है.

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Thursday, 25 July, 2024
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दूरसंचार क्रांति (Telecom Revolution) के बाद पिछले 12 महीनों में एआई (Artificial Intelligence) क्रांति ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है. इसने अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है. एआई के भारत में विकास और लोगों में इसके डर को लेकर को लेकर आईआईएम (IIM) एमबीए व सेवानिवृत आईएएस (IAS) जेके दादू (JK Dadoo) ने एक रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है. तो आइए जानते हैं एआई को लेकर उनकी इस इस रिपोर्ट में क्या है?

एआई के वैश्विक और भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान
विशेषज्ञों का मानना है कि एआई 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 15 ट्रिलियन डॉलर का योगदान दे सकता है. अकेले भारत का योगदान लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर आंका गया है. आज की तारीख में, एआई बाजार पर अमेरिका का 40 प्रतिशत तक कब्जा है, इसके बाद चीन का 31 प्रतिशत, फ्रांस और यूएई का 9 प्रतिशत और जापान और यूके का 4 प्रतिशत है. 

भारत में एआई का विकास 
डिजिटल इंडिया ने 16 डिजिटल सार्वजनिक सामान (डीपीजी) बनाए हैं और 22 आंशिक रूप से विकसित हैं. इसके अलावा 54 परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं और इसलिए कुछ वर्षों में भारत 100 डीपीजी के साथ दुनिया का नेतृत्व कर सकता है, जिसे विश्व स्तर पर दोहराया जा सकता है. भारत ने अनुसंधान और विकास के लिए 24 विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क और 24 प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर बनाए हैं. वहीं, इस साल अंतरिम बजट में एआई के लिए करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. भारत में अनुसंधान और विकास किस हद तक हो रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि OpenAI ने कुछ 100 मिलियन डॉलर में डेटाबेस एनालिटिक्स स्टार्टअप रॉकसेट का अधिग्रहण कर लिया. भारत स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और अन्य क्षेत्रों में एआई अनुप्रयोग के लिए ग्लोबल पार्टनरशिप इन एआई (जीपीआईए) के 29 सदस्य देशों के साथ सहयोग कर रहा है. 

एआई को लेकर डर
हाल ही में एक सर्वेक्षण में पता चला है कि 84 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अपनी आशंका व्यक्त की कि एआई की ताकत कुछ हाथों में केंद्रित होने से प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो सकती है और बाजार में असंतुलन पैदा हो सकता है. आज भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के बीच सबसे बड़ा डर एआई के आगमन के साथ नौकरियों के नुकसान का है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की हालिया रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि चैटजीपीटी जैसे प्लेटफॉर्म के साथ, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पोस्ट की जाने वाली फ्रीलांस नौकरियों की संख्या में पहले ही 21 प्रतिशत की गिरावट आई है. इस मामले में मेरा व्यक्तिगत विचार यह है कि एआई अंततः सभी नियमित नौकरियों की जगह ले लेगा और इसलिए अकाउंटेंट जैसे कई पेशे खत्म हो जाएंगे, लेकिन रचनात्मक गतिविधियों को कभी भी एआई द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है.

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भारत में सार्वजनिक लाभ के लिए एआई एप्लीकेशन का प्रयोग
ठोस अनुसंधान और विकास के माध्यम से  अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में कई एआई-आधारित ऐप बनाए गए हैं. इसमें किसान चैटबॉट जोकि 110 मिलियन किसानों तक पहुंचता है और उन्हें उनके अधिकारों से परिचित कराता है. कृषि में बुआई ऐप पिछले 45 वर्षों के बारिश के आंकड़ों पर काम करता है, ताकि सटीक सप्ताह की भविष्यवाणी की जा सके कि विभिन्न फसलें कब बोई जानी चाहिए. डोजी ऐप मरीजों के महत्वपूर्ण पुराने डेटा का उपयोग करता है  और मरीजों को त्वरित चिकित्सा सहायता लेने के लिए प्रारंभिक चेतावनी देता है. 

भारत में AI उपयोग के विस्तार के लिए सुझाव 
1. भारत में 31,000 तकनीकी स्टार्टअप्स में से 70 प्रतिशत उत्पादकता बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं, मुझे लगता है कि इसका सबसे बड़ा उपयोग उन 100 स्मार्ट शहरों के लिए किया जा सकता है जिन्हें भारत ने शुरू किया है, और सभी को स्मार्ट लाभों को अधिकतम करने के लिए एआई को तैनात करना होगा. 
2. देश भर में गंदगी वाले क्षेत्रों के आंकड़ों को एकत्रित करने की जरूरत है और फिर वास्तविक स्वच्छ भारत बनाने के लिए नियमित आधार पर कार्रवाई क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एआई का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए, न कि इसे केवल एक नारा बनकर छोड़ देना चाहिए. 
3. विश्व स्तर पर डब्ल्यूटीओ व्यापार डेटा का उपयोग करके, एआई को पूरी दुनिया में वस्तुओं और सेवाओं के लिए मांग और आपूर्ति अंतराल की पहचान करने के लिए उपयोगी रूप से तैनात किया जा सकता है. 
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निष्कर्ष
वैश्विक धारणाओं से संकेत मिलता है कि एआई अपनाने की गति बहुत तेज रही है, जिससे निर्णय निर्माताओं, व्यावसायिक संस्थाओं और कर्मचारियों के लिए भारी चुनौतियाँ पैदा हो रही हैं. सुरक्षित और जिम्मेदार रणनीति के बिना यह चुनौती जटिल होती जा रही है. स्वास्थ्य के बाद शिक्षा, एआई का सबसे गहन उपयोगकर्ता है और नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, सभी शिक्षकों में से 60% पहले से ही इसका उपयोग कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और मानकीकरण परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन (एसटीक्यूसी) अमेरिका के राष्ट्रीय मानक संस्थान के साथ मिलकर एआई सुरक्षा और भरोसेमंद मानकों को विकसित करें, ताकि पूरे भारत में एआई प्रौद्योगिकी की व्यापक पहुंच और व्यापक प्रसार हो सके. अंत में, भारत में बेरोजगारी के भारी आंकड़ों को देखते हुए, श्रम मंत्रालय को नौकरी के नुकसान की संभावना का अनुमान लगाने के लिए तुरंत विशेषज्ञों को नियुक्त करने की आवश्यकता है, और नौकरी प्रतिस्थापन के माध्यम से ऐसे श्रमिकों को अनुकूलित करने के तरीकों और साधनों की आवश्यकता है.

 


अंबानी लेकर आए Jio Bharat J1 कीपैड फोन, UPI पेमेंट से लेकर लाइव टीवी का विकल्प

रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने एक और नया 4G फोन Jio Bharat J1 लॉन्च कर दिया है. ये कीपैड वाला फोन है, जिसकी कीमत 2 हजार रुपये से भी कम है. 

Last Modified:
Thursday, 25 July, 2024
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रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने अपने ग्राहकों के लिए एक नया 4G फोन लॉन्च किया है. अब जियो के किफायती फोन की सूची में जियो भारत जी1 (Jio Bharat J1) 4G का नाम भी जुड़ गया है. ये एक कीपैड वाला फोन है, जिसमें आपको स्मार्टफोन की तरह की यूपीआई और लाइव टीवी का आनंद मिल जाएगा. बता दें, कंपनी ने पिछले साल भारत में अपने जियो भारत फोन की लाइनअप की घोषणा की थी, जिसमें भारत V2 और जियो भारत V2 कार्बन को पेश किया गया था. इसके बाद कंपनी ने जियो भारत B1 को भी लॉन्च किया था. तो आइए जानते हैं भारत जी1 में आपको क्या फीचर मिलने वाले हैं और इसकी की क्या होगी?

ये होगी फोन की कीमत
जियो भारत जी1 फोन में आपको स्मार्टफोन की तरह ही जियो ऐप और सर्विस मिलेंगी. इसमें UPI ट्रांजेक्शन के लिए जियोपे और कंटेंट स्ट्रीमिंग के लिए जियोसिनेमा आदि का सपोर्ट शामिल है. वहीं, इस फोन की कीमत 1,799 रुपये है और ये सिंगल ब्लैक/ग्रे कलर ऑप्शन में आता है. अगर आप इसे खरीदा चाहते हैं तो यह डिवाइस Amazon पर उपलब्ध है.

ये है रिचार्ज प्लान
जियो यूजर्स इस डिवाइस को जियो भारत प्लान (Jio Bharat Plan) के साथ रिचार्ज कर सकते हैं, जिसकी कीमत 123 रुपये है. इसमें आपको अनलिमिटेड कॉल, महीने में 14GB 4G डेटा और Jio ऐप्स और सेवाओं का एक्सेस मिलता है. 

फोन में मिलेंगे ये फीचर्स
1. डिस्प्ले- जियो भारत जी1 4जी में आपको नया डिजाइन मिलता है, जिसमें थोड़ा बड़ा फॉर्म फैक्टर और बड़ी स्क्रीन मिलती है. इसमें 2.8 इंच का डिस्प्ले है.
2. बैटरी- डिलाइस में बड़े फॉर्म फैक्टर के कारण 2,500mAh की बड़ी बैटरी भी दी गई है.
3. प्रीइंस्ट्रॉल आप्शन-  इस नए फोन में जियो सिनेमा (JioCinema) को प्री-इंस्टॉल किया है. इसके अलावा यूजर जियो टीवी (Jio TV) ऐप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. सीधी भाषा में कहें तो यूजर दोनों ऐप की मदद से फोन पर लाइव स्पोर्ट्स और लाइव टीवी कंटेंट देख सकेंगे.
4. पेमेंट ऑप्शन- कंपनी ने डिवाइस में JioPay का विकल्प भी दिया है, जिसकी मदद से आप बिना किसी परेशानी के यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं.
5. कैमरा- इस डिवाइस में पीछे की तरफ फ्लैशलाइट के बिना एक डिजिटल कैमरा दिया गया है.
6. इसके अलावा इस फोन में आपको गोलाकार नेविगेशन बटन मिलता है. इसमें आपको LED टॉर्च और वायर्ड हेडफोन को कनेक्ट करने के लिए 3.5mm जैक मिलता है. 

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WhatsApp में आने वाला है ये तगड़ा फीचर, बिना इंटरनेट के शेयर होंगी हैवी फाइल्स

अब वॉट्सऐप के जरिए फाइल ट्रांसफर करने के लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप बिना इंटरनेट के भी एक फोन से दूसरे फोन में फाइल ट्रांसफर कर सकेंगे.

Last Modified:
Wednesday, 24 July, 2024
BWHindia

वॉट्सऐप (WhatsApp) समय-समय पर अपने यूजर्स के लिए नए फीचर्स रोलआउट करता रहता है. अब कंपनी एक बेहद ही काम का फीचर ला रही है, जो कि आपके लिए बेहद काम का साबित होने वाला है. दरअसल, वॉट्सऐप एक फाइल शेयरिंग फीचर पर काम कर रहा है, जिससे यूजर इंटरनेट के बिना ही आस-पास के लोगों के साथ बड़ी फाइल्स शेयर कर सकेंगे. इसका मतलब यह है कि अब यूजर्स को इंटरनेट के सहारे नहीं रहना पड़ेगा.

ऐसे काम करेगा नया फीचर

वॉट्सऐप के नए फीचर के जरिए डॉक्यूमेंट्स, फोटो, वीडियो और दूसरी फाइल्स को वॉट्सऐप अकाउंट पर शेयर करना आसान हो जाएगा. इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं रहेगी. iOS के लिए वॉट्सऐप बीटा वर्जन 24.15.10.70 अपडेट में इस नए फीचर की पहचान की गई है. यह फीचर एंड्रॉयड में नियरबाई डिवाइस डिटेक्शन के बजाय QR कोड के जरिए फाइल ट्रांसफर करेगा.

टेस्टिंग फेज में है यह फीचर

वॉट्सऐप के नए फाइल शेयरिंग फीचर की अभी टेस्टिंग चल रही है. कंपनी ने ऑफिशियली इस फीचर के रिलीज आदि के बारे में खुलासा नहीं किया है. कयास हैं कि जब यह फीचर पूरी तरह तैयार हो जाएगा तब इसे सभी लोगों के लिए जारी किया जाएगा. इससे एक-दूसरे के साथ फाइल शेयर करने में आसानी होगी. कई बार मोबाइल के नेटवर्क काम नहीं करते हैं. ऐसी स्थिति में वॉट्सऐप का नया फीचर फाइल शेयर करना काफी आसान बना देगा.

फाइल ट्रांसफर करना होगा आसान

रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स एंड्रॉयड या iOS प्लेटफॉर्म पर फाइल शेयर कर सकेंगे. इसमें यह दिक्कत नहीं रहेगी कि जिसे आप फाइल शेयर कर रहे हैं वो एंड्रॉयड यूजर है या फिर iOS यूजर. वॉट्सऐप यूजर्स की मजबूत प्राइवेसी के लिए जाना जाता है, इसलिए दो लोगों के बीच होने वाला फाइल ट्रांसफर भी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहेगा.
 


फ्री मोबाइल रिचार्ज के नाम पर हो रही ठगी, सरकारी एजेंसी ने x पर जारी की चेतावनी

आजकल व्हाट्सऐप पर एक और फर्जी मैसेज बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस मैसेज में लोगों को TRAI की फर्जी वेबसाइट पर 3 मबीने का फ्री रिचार्ज ऑफर किया जा रहा है.

Last Modified:
Wednesday, 24 July, 2024
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इंटरनेट की इस दुनिया में कोई भी संदेश बहुत तेजी से वायरल हो जाता है. खासकर जब कोई गलत संदेश वायरवल होता है, तो इससे काफी लोगों को नुकसान पहुंचता है. लोग बिना कुछ सोचे-समझे किसी भी मैसेज पर यकीन कर लेते हैं और उसे फॉरवर्ड भी कर देते हैं. इसी तरह ये फर्जी मैसेज हजारों से लाखों और फिर करोड़ों लोगों तक पहुंच जाते हैं. इन दिनों ऐसा ही एक फर्जी मैसेज व्हाट्सऐप (WhatsApp) पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें फ्री मोबाइल रिचार्ज का लालच देकर लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी की जा रही है. इसे लेकर सरकारी एजेंसी प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरौ (PIB) ने एक्स पर एक पोस्ट शेयकर की है. तो आइए जानते हैं ये कैसा फ्रॉड है और आप कैसे इससे बच सकते हैं? 

TRAI के नाम से भेजा जा रहा फर्जी मैसेज
आजकल व्हाट्सऐप पर एक और फर्जी मैसेज बहुत तेजी से वायरल हो रहा है. इस मैसेज में द टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) की फर्जी वेबसाइट पर भारतीय यूजर्स को 3 महीने का मोबाइल रिचार्ज फ्री देने का मैसेज वायरल किया जा रहा है. इस मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया गया है. इसमें लोगों को 3 महीने के लिए ट्राई की ओर से 200 जीबी सुपर फास्ट 4जी/5जी इंटरनेट और अनलिमिटिड कॉल्स ऑफर की जा रही हैं और मैसेज में ऑफर की अंतिम तारीख 31 जुलाई बताई जा रही है. जबकि ये एक फेक मैसेज है, जोकि तेजी से वायरल हो रहा है.

पीआईबी ने एक्स पर जारी की चेतावनी
बता दें, प्रेस इंफॉर्मेशन ब्‍यूरो (PIB) समय-समय पर अलर्ट जारी कर लोगों को सचेत करता रहता है और एक बार फिर PIB (#PIBFactCheck)  ने बुधवार को X पर पोस्ट करके इस दावे को फर्जी बताया है. पोस्ट में लिखा है, ‘ये दावा फेक है और ट्राई किसी भी तरह का फ्री रिचार्ज ऑफर नहीं करता है. इस तरह के मैसेज से सावधान रहें और किसी तरह के भी लिंक पर क्लिक न करें.

खतरे में पड़ सकता है डेटा
इस लिंक पर क्लिक करने पर यूजर्स को किसी स्पैम वेबसाइट पर रिडायरेक्ट कर सकता है और इससे यूजर्स का डेटा खतरे में पड़ सकता है. साथ ही साइबर ठग आपके फोन का एक्सेस भी हासिल कर सकते हैं और आपके बैंक अकाउंट तक को खाली कर सकते हैं. 

लिंक पर भूलकर भी न करें क्लिक
फिलहाल पीआईबी ने इस बात की जानकारी तो नहीं दी है कि ये स्पैम कैसे काम करता है लेकिन ऐसा अक्सर होता आया है. इससे ये साफ हो जाता है कि जालसाज हैंकिंग का तरीका निकालते हैं और यूज़र का डेटा चुराने के साथ-साथ उनकी सेंसिटिव बैंकिंग डिटेल निकालने के फिराक में भी रहते हैं. तो अगर आपको भी ऐसा कोई मैसेज आया है तो सावधान रहने की सख्त जरूरत है. ऐसे किसी भी मैसेज पर यकीन न करें और न ही किसी को फॉरवर्ड करने की गलती करें.

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Microsoft ने कहा दोबारा हो सकता है CrowdStrike जैसा अटैक! इस नियम को ठहराया जिम्मेदार

माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) ने कहा है कि क्राउडस्ट्राइक (CrowdStrike) जैसा आउटेज भविष्य में दोबारा हो सकता है. इतना ही नहीं इस तरह की आउटेज को घटने से रोका भी नहीं जा सकता है. 

Last Modified:
Wednesday, 24 July, 2024
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हाल में 8.5 मिलियन विंडोज डिवाइस पर हुए क्राउडस्ट्राइक (CrowdStrike) अटैक के बाद माइक्रोसॉफ्ट ने अपने यूजर्स को  एक बड़ी चेतावनी दी है. कंपनी ने एक स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है कि क्राउडस्ट्राइक जैसा आउटेज भविष्य में दोबारा हो सकता है. इतना ही नहीं इस तरह की आउटेज को घटने से रोका भी नहीं जा सकता है. कंपनी ने इसके कुछ कारण भी बताए हैं. तो आइए जानते हैं इस अटैक को रोक न पाने से क्या कारण हैं?

क्राउटस्ट्राइक को माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियरों जैसे अधिकार
माइक्रोसॉफ्ट ने आउटेज की घटना को लेकर यूरोपियन कमिशन (European Commission) के एक नियम को जिम्मेदार ठहराया है. कंपनी का कहना है कि यूरोपियन कमिशन के नियम के साथ थर्ड पार्टी वेंडर्स को ओएस पर फुल Kernel Access मिलता है. जोकि इस तरह के आउटेज की वजह बनता है. एक रिपोर्ट के अनुसार क्राउडस्ट्राइक जैसी कंपनियों को माइक्रोसॉफ्ट इंजीनियरों की तरह ही इसके सॉफ्टवेयर तक पहुंच प्राप्त करके का अधिकार हासिल है. 

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने भी जाहिर की चिंता
साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने भी एयरलाइन से लेकर हेल्थकेयर और बिजनेस को प्रभावित करने वाले इस मेगा आउटेज को लेकर चिंता जाहिर की है. वहीं, दूसरी ओर क्राउडस्ट्राइक की ओर से बार-बार यही जानकारी दी गई कि यह सुरक्षा से जुड़ी घटना या किसी तरह का साइबर अटैक नहीं था. अधिकांश व्यवसाय अभी भी अपने संचालन के लिए विंडोज मशीनों पर निर्भर हैं, इसलिए अन्य विकल्पों पर विचार न करने की कीमत उन्हें बहुत चुकानी पड़ेगी.

इसलिए एप्पल यूजर्स नहीं हुए प्रभावित
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस आउटेज ने एपल यूजर्स को प्रभावित नहीं किया है क्योंकि वे थर्ड पार्टी वेंडर को इस तरह का एक्सेस ऑफर नहीं करते. इस तरह के अटैक को रोकने के लिए माइक्रोसॉफ्ट को अपने स्तर पर कड़ी निगरानी रखने की जरूरत होगी.

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भारत में UPI वन वर्ल्ड वॉलेट सर्विस हुई शुरू, अब विदेशियों के लिए पेमेंट प्रकिया होगी आसान

यूपीआई वन वर्ल्ड वॉलेट को पिछले साल भारत में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पहली बार पेश किया गया था. इससे विदेशों से आने वाले लोगों के लिए डिजिटल पेमेंट करना आसान हो जाएगा.

Last Modified:
Wednesday, 24 July, 2024
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नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने दुनियाभर के सभी देशों से भारत आने वाले यात्रियों के लिए यूपीआई वन वर्ल्ड (UPI One World) वॉलेट शुरू करने की घोषणा की है. यह पहल अंतरराष्ट्रीय विजिटर्स को सहज, वास्तविक समय डिजिटल भुगतान अनुभव प्रदान करने के लिए डिजाइन की गई है. इसके इस्तेमाल से विदेशी लोगों के लिए भारत में डिजिटल पेमेंट करना आसान हो जाएगा. तो आइए जानते हैं ये कहां इस्तेमाल किया जा सकेगा और इससे लोगों को क्या फायदा होगा ?

यूपीआई यूजर्स को मिली नई सर्विस
यूपीआई वन वर्ल्ड वॉलेट को पिछले साल भारत द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान पहली बार पेश किया गया था. वहीं,  अब कई और देशों से आने वाले लोगों के लिए ये उपलब्ध होगा. विदेशी यूपीआई यूजर्स मेड इन इंडिया तकनीक की सुविधा का लाभ लेकर आसानी से डिजिटल पेमेंट कर सकेंगे. 

ये होगा फायदा
यूपीआई वन वर्ल्ड से नकदी ले जाने की आवश्यकता और विदेशी मुद्रा लेन-देन की मुश्किलें काफी हद तक खत्म हो जाएंगी. यह सुविधाजनक लोडिंग की अनुमति देता है. इसके जरिए विदेशी यात्रियों को भारत द्वारा विकसित वास्तविक समय भुगतान प्रणाली का अनुभव करने के लिए डिजिटल पेमेंट सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है. 

ऐसे कर सकेंगे इस्तेमाल
अंतरराष्ट्रीय यात्री केवल क्यूआर कोड स्कैन करके मर्चेंट स्थानों पर भुगतान करने के लिए यूपीआई वन वर्ल्ड ऐप का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)के मार्गदर्शन में एनपीसीआई, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और ट्रांसकॉर्प इंटरनेशनल लिमिटेड के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई है.

यहां कर पाएंगे इस्तेमाल
यूपीआई वन वर्ल्ड वॉलेट का लाभ पासपोर्ट और वैध वीजा के आधार पर पूर्ण केवाईसी प्रक्रिया के बाद हवाई अड्डों, होटलों और दूसरे टचपॉइंट्स पर अधिकृत पीपीआई जारीकर्ताओं के माध्यम से उठाया जा सकता है. एनपीसीआई के प्रवक्ता ने कहा इस सर्विस को शुरू करने के पीछे का मकसद विदेशों से आने वाले लोगों की मुश्किलों को कम करना है. इसे यूपीआई से लैस करके उनके अनुभव को बेहतर बनाना है, जो भारतीयों के बीच सबसे पसंदीदा पेमेंट ऑप्शन है. अंतर्राष्ट्रीय यात्री यूपीआई वन वर्ल्ड का उपयोग करके अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा कर सकते हैं.

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Jio अब Apple से करेगी मुकाबला! आधी कीमत में लेकर आई ये नया प्रोडक्ट

बाजार में अब Apple के AirTag को टक्कर देने के लिए Jio ने अपना एक नया प्रोडक्ट लॉन्च कर दिया है. इसकी कीमत Apple के प्रोडक्ट से आधी है. 

Last Modified:
Monday, 22 July, 2024
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जियो (Jio) ने एप्प्ल (Apple) के AirTag से मुकाबला करने के लिए Jio AirTag लॉन्च कर दिया है. ये काफी काम का डिवाइस है और इसकी कीमत एप्पल के एयरटैग से लगभग आधी है. तो आइए जानते हैं क्या है जियो एयरटैग की कीमत और आप इसका इस्तेमाल कैसे कर सकते हैं?

किस काम आता है एयरटैग?
Apple AirTag के बारे में तो ज्यादातर लोगों ने सुना होगा, लेकिन अब जियो ने भी अपना एयरटैग लॉन्च कर दिया है. एयरटैग एक ट्रैकिंग डिवाइस है, जिसकी मदद से आप किसी भी सामान को आसानी से सर्च कर सकते हैं. आपको बता दें, जियो एयरटैग ब्लूटूथ से कनेक्ट हो जाता है. साथ ही इसे iOS के Find My Device में भी यूज किया जा सकता है. यानी कुल मिलाकर देखा जाए तो ये आपके लिए एप्पल के मुकाबले काफी अच्छा ऑप्शन साबित हो सतका है.

इतनी है कीमत 
जियो एयरटैग की कीमत 1499 रुपये है. जबकि एप्पल के एयरटैग को खरीदने के लिए आपको 2,999 रुपये खर्च करने होंगे. ऐसे में जियो एयरटैग आपके लिए काफी सस्ता है. जियो एयरटैग को आप जियो की ऑफिशियल वेबसाइट या अमेजन (Amazon) से भी ऑर्डर कर सकते हैं. अभी इसकी सेल शुरू भी हो चुकी है. इस डिवाइस को 3 कलर ऑप्शन में लॉन्च किया गया है.

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