TIME की टॉप 100 सर्वश्रेष्ठ कंपनियों में Infosys इकलौती भारतीय कंपनी!

लिस्ट में दुनिया भर की कुल 750 ग्लोबल कंपनियों को जगह दी गई थी और इन 750 कंपनियों में Infosys ने 64वां स्थान प्राप्त किया है.

Last Modified:
Friday, 15 September, 2023
Infosys

इस वक्त इन्फोसिस (Infosys) को लेकर एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. हाल ही में TIME द्वारा साल 2023 के दौरान दुनिया भर में मौजूद सर्वश्रेष्ठ कंपनियों की लिस्ट जारी कर दी गई है. कमाल की बात ये है कि इस लिस्ट की टॉप 100 कंपनियों में सिर्फ एक ही भारतीय कंपनी शामिल है, और इस कंपनी का नाम Infosys है. 

Infosys बनी इकलौती भारतीय कंपनी
TIME ने अपनी लिस्ट में दुनिया भर की कुल 750 ग्लोबल कंपनियों को जगह दी थी और इन 750 कंपनियों में Infosys ने 64वां स्थान प्राप्त किया है. Infosys बैंगलोर आधारित ग्लोबल कंसल्टिंग और IT सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी है और TIME द्वारा कंपनी को 88.38 स्कोर दिया गया है. Infosys की स्थापना 1981 में हुई थी और यह NYSE में लिस्टेड एक ग्लोबल कंसल्टिंग और IT सेवाएं प्रदान करने वाली कंपनी है. कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट की मानें तो पिछले 40 सालों के दौरान कंपनी ने प्रमुख रूप से ऐसे बदलावों में योगदान दिया है जिनकी बदौलत भारत को दुनिया भर में प्रमुख सॉफ्टवेयर सेवाओं के रूप में पहचान मिली है. कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी देते हुए बताया कि प्रोफेशनल सेवाएं प्रदान करने वाली दुनिया की टॉप 3 कंपनियों में शामिल हैं और TIME की टॉप 100 कंपनियों में शामिल हम इकलौती भारतीय कंपनी भी है. 

लिस्ट में शामिल अन्य कंपनियां
TIME द्वारा बनाई गई इस लिस्ट में शामिल टॉप 4 कंपनियों की बात करें, तो यह सभी अमेरिका स्थित प्रमुख टेक कंपनियां हैं. TIME की इस लिस्ट में Microsoft, Apple, Alphabet और Meta को टॉप 4 शतान प्रदान किये गए हैं. Accenture, Pfizer, American Express, Electricite de France, BMW, Dell Technologies, LVMH Moet Hennessy – Louis Vuitton, Delta Air Lines, Enel, Starbucks Corp, Volkswagen Group, General Motors, Elevance Health, Bosch, Ford, Johnson & Johnson जैसी कंपनियां टॉप 20 में शामिल हैं. इन कंपनियों की लिस्टिंग के लिए TIME ने कर्मचारियों की संतुष्टि, कमाई में वृद्धि, सतत एवं सकरात्मक विकास के लक्ष्यों और सामाजिक एवं कॉर्पोरेट गवर्नेंस जैसे विभिन्न कारकों को आधार बनाया था. Infosys इस लिस्ट की टॉप 100 कंपनियों में शामिल होने वाली कंपनी ही नहीं है बल्कि साथ ही इस लिस्ट में शामिल 3 प्रोफेशनल सुविधाएं प्रदान करने वाली कंपनियों में से भी एक है. Infosys के अलावा प्रोफेशनल सेवाएं प्रदान करने वाली दो अन्य कंपनियां Accenture और Deloitte हैं. 
 

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Virus के हमले से बचाएंगे सरकार के ये फ्री ऐप्स, ऐसे करें डाउनलोड

Smartphone को वायरस से बचाने के लिए फोन में एक अच्छा Antivirus App होना बहुत ही जरूरी है. ये ऐप्स सरकार की ऑफिशियल वेबसाइट Cyber Swachhta Kendra पर भी उपलब्ध हैं.

Last Modified:
Saturday, 27 July, 2024
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क्या आपको भी अपने फोन की सिक्योरिटी को लेकर चिंता रहती है. या कभी अपने फोन में कोई ऐप या फाइल डाउनलोड करते हुए मालवेयर (Malware) या वायरस (Virus) अटैक होने को लेकर परेशान रहते हैं? अगर हां, तो ये खबर आपके काफी काम की हो सकती है. दरअसल, हम आपको इस खबर में कुछ ऐसे सरकारी ऐप्स की जानकारी देंगे, जो आपके फोन को वायरस से बचाएंगे और पूरी तरह से सुरक्षा प्रदान करेंगे. तो आइए जानते हैं ये ऐप कौन-से हैं और इन्हें कैसे डाउनलोड करना है? 

Cyber Swachhta Kendra में मिलेंगे ऐप
फोन में मालवेयर (Malware) और वायरस (Virus) अटैक एक चिंता का विषय है. हम लोग कभी न कभी कोई न कोई ऐसी गलती कर बैठते हैं जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है और हमारे फोन की सिक्योरिटी खतरे में पड़ जाती है. आप भी अगर वायरस अटैक से अपने मोबाइल फोन को बचाए रखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अपने Smartphone में एक अच्छा Antivirus App होना बहुत ही जरूरी है. इसके लिए आप Cyber Swachhta Kendra (CSK) नाम से सरकार की इस ऑफिशियल वेबसाइट पर जा सकते हैं. इस आधिकारिक साइट पर आप लोगों को कुछ ऐसे ऐप्स के बारे में पता चलेगा जो सरकार द्वारा अप्रूव्ड हैं.

ऐसे करें डाउनलोड
1. सबसे पहले गूगल पर Cyber Swachhta Kendra वेबसाइट ओपन करें.
2. अब इसके होमपेज पर सिक्योरिटी टूल्स सेक्शन में जैसे ही क्लिक करेंगे तो इस पेज पर कुछ एंटीवायरस ऐप्स के बारे में जानकारी मिलेगी.
3. अपने मोबाइल फोन की सुरक्षा के लिए आप eScan CERT-In Bot Removal और M-Kavach 2 इन दो ऐप्स को इंस्टॉल कर सकते हैं. ये दोनों की ऐप्स सरकार से अप्रूव्ड हैं.

कैसे काम करते हैं ये ऐप्स?
1. eScan CERT-In Bot Removal- इस ऐप को CERT-In ( इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम) के साथ मिलकर तैयार किया गया है. यह ऐप पहले तो फोन में बोट्स, इंफेक्टेड फाइल्स और मैलवेयर का पता लगाता है और फिर इन सभी को डिवाइस से रिमूव करने का काम करता है.
2. M-Kavach 2- C-DAC हैदराबाद ने MeitY (इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) के साथ मिलकर M-Kavach 2 को तैयार किया है. यह ऐप Android मोबाइल सिक्योरिटी एप्लिकेशन है जो आपको गूगल प्ले स्टोर पर मिल जाएगा. यह ऐप आप लोगों के एंड्रॉयड डिवाइस पर आने वाले खतरों से बचाने का काम करता है. यह ऐप हिडन/बैन ऐप्स, सिक्योरिटी में दिक्कत और वायरस ऐप्स का पता लगाने के लिए डिवाइस को फुल स्कैन करने के बाद इन ऐप्स को हटाने में भी मदद करता है.

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Google को टक्कर देगा OpenAI का SearchGPT,  AI की मदद से देगा बेहतर सर्च एक्सपीरियंस

ओपनएआई (OpenAI) ने अपना सर्च इंजन सर्चजीपीट (SearchGPT) भी लॉन्च कर दिया है. कंपनी का दावा है कि ये गूगल के सर्च इंजन को टक्कर देगा.

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Saturday, 27 July, 2024
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चैटजीपीटी (ChatGPT) के बाद अब गूगल (Google) को टक्कर देने के लिए ओपनएआई (OpenAI) ने अपना सर्च इंजन सर्चजीपीट (SearchGPT) भी लॉन्च कर दिया है. यह एक AI-आधारित सर्च इंजन है, जो यूजर्स के सर्च एक्सपीरियंस को बेहतर बनाएगा. फिलहाल इसे कुछ यूजर्स एक्सेस कर सकते हैं.  जल्द इसे सभी यूजर्स के लिए पेश कर दिया जाएगा. अगर आप चाहें तो इसकी वेटलिस्ट में शामिल हो सकते हैं. तो आइए जानते हैं सर्चजीपीटी में क्या खास है?

SearchGPT देगा गूगल को टक्कर
गूगल अभी तक सबसे बेहतरीन सर्च इंजन माना जाता है. यह लंबे समय से सर्च इंजन मार्केट में टॉप पर रहा है और यूजर्स इसे काफी पसंद भी करते हैं, लेकिन अब इसका मुकबला करने सर्चजीपीटी (SearchGPT) आने वाला है, जो गूगल की तरह सर्च करेगा. सर्चजीपीटी की बेहतर टेक्नोलॉजी इसे एक मजबूत विकल्प बनाती है. हालांकि, अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि ये गूगल को पूरी तरह से पीछे छोड़ देगा, क्योंकि गूगल ने भी एआई और मशीन लर्निंग के क्षेत्र में बड़ा निवेश किया है और यह कंपनी भी लगातार अपनी सर्च इंजन टेक्नोलॉजी में सुधार कर रही है.

SearchGPT क्या है?
सर्चजीपीटी (SearchGPT) एक ऐसा सर्च इंजन है जो एआई का इस्तेमाल करके यूजर्स को बेहतर सर्च रिजल्ट्स दिखा सकता है. यह मौजूदा पुराने सर्च इंजन्स से अलग है, क्योंकि यह सिर्फ की-वर्ड मैचिंग के आधार पर ही रिजल्ट्स नहीं दिखाता, बल्कि यह यूजर्स के सवाल को समझने की कोशिश करता है और उसके आधार पर सबसे प्रासंगिक जानकारी प्रदान करता है. ये यूजर्स को एक अच्छा सर्च एक्सपीरियंस देने वाला है.

क्या है SearchGPT की खासियत?
सर्चजीपीटी (SearchGPT)  यूजर्स के सवाल को गहराई से समझने की कोशिश करता है और समझता है कि आखिर वह किस बारे में जानना चाहता है. यही वजह है कि केवल कीवर्ड्स (Keywords) पर निर्भर ना रहते हुए ही यह यूजर्स को केवल प्रासंगिक और काम की जानकारी स्क्रीन पर दिखाता है. यह AI टूल कई भाषाओं को समझ सकता है और यूजर्स को उसकी पसंदीदा भाषा में परिणाम दे सकता है. ओपनएआई ने बताया है कि यह एक मशीन लर्निंग मॉडल है, जिसका मतलब है कि यह समय के साथ बेहतर होता जाता है और लगातार सीखता है. 

ChatGPT से जुड़ेगा SearchGPT
ओपनएआई ने अपने ब्लाग पोस्ट में सर्च इंजन के बारे में जानकारी दी है. कंपनी ने ब्लाग में लिखा है कि हम Search GPT को टेस्ट कर रहे हैं, जो नए AI Search फीचर का प्रोटोटाइप है. ये आपको टाइम पर और जल्दी जवाब देगा. हम इसे छोटे यूजर ग्रुप के लिए लांच कर रहे हैं, जिससे हमें फीडबैक मिलेगा. इसके बाद हम इसे चैटजीपीट के साथ जोड़ सकेंगे. इसके लिए कंपनी ने कई प्रमुख पब्लिशर के साथ Collaboration किया है. वहीं, सर्चजीपीटी खुद को चैटजीपीटी से अलग रख पाएगा क्योंकि इसमें ट्रेडिशनल सर्च जैसा ही इंटरफेस मिलेगा. इसके साथ ही यूजर्स को इसमें क्लिकेबल एक्सटर्नल लिंक भी मिलेंगे. 

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HP ने लॉन्च किए दो नए AI लैपटॉप्स, इस कीमत पर मिलेगा यूजर्स को प्रीमियम एक्सपीरियंस

एचपी (HP) ने भारत में अपने लैपटॉप रेंज को बढ़ाते हुए HP ने अपने दो नए लैपटॉप को लॉन्च कर दिया है. बता दें, य लैपटॉप AI फीचर्स से लैस हैं. 

Last Modified:
Saturday, 27 July, 2024
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एचपी इंडिया (HP India) ने भारत में अपने दो नए लैपटॉप को लॉन्च कर दिया है. ये लैपटॉप HP EliteBook Ultra और HP OmniBook X के नाम से आए हैं. ये कॉपीलॉट प्लस (Copilot+) के साथ आने वाले कंपनी के पहले लैपटॉप हैं. तो आइए जानते हैं ये लैपटॉप आपको किस कीमत पर मिलेंगे? इस लिस्ट में एचपी एलाइटबुक (HP EliteBook Ultra) और HP OmniBook X को शामिल किया गया है.

इस कीमत पर मिलेंगे लैपटॉप 
एचपी द्वारा लॉन्च HP Elitebook Ultra की शुरुआती कीमत 1,69,934 रुपये है. इस लैपटॉप को एटमॉस्फेरिक ब्लू कलर में लाया गया है. वहीं, (HP OmniBook X) की कीमत 1,39,999 रुपये तय की गई है. ये लैपटॉप मेटियोर सिल्वर रंग आप्शन में पेश किया गया है. अगर आप इन दोनों डिवाइस को खरीदना चाहते हैं, तो HP World Stores और HP Online Stores से खरीद सकते हैं.

मिलेगा पर्सनलाइज्ड AI असिसटेंट
HP EliteBook Ultra और HP OmniBook X दोनों ही बिल्ट-इन HP AI कंपेनियन के साथ आते हैं. ये यूजर्स की प्रोडक्टिविटी और क्रिएटिविटी को बेहतर बनाने मेंमदद करने के लिए पर्लनलाइज्ड AI- असिस्टेंट का काम करता है. कंपनी का कहना कि ये नया AI ऑप्शन आपको पर्सनल फाइलों का एनालिसिस करने और आकलन करने के लिए जनरेटिव AI का उपयोग करने की सुविधा देता है. दोनों में एक नया पॉली कैमरा प्रो है, जो स्पॉटलाइट, बैकग्राउंड ब्लर और रिप्लेस, ऑटो फ़्रेमिंग और अधिक जैसे AI आधारित कामों को करने के लिए NPU का उपयोग करता है. इससे डिवाइस को बेहतर बैटरी लाइप मिलता है और इसका लाइफ स्पेन बढ़ता है.

लैपटॉप में AI के अलावा ये फीचर भी शामिल
1. ये लैपटॉप 1.3 किलोग्राम के हैं, जिनमें 26 घंटे तक की बैटरी लाइफ मिलती है.

2. कंपनी इन दोनों लैपटॉप में स्नैपड्रैगन एक्स इलाइट (Snapdragon X Elite प्रोसेसर) और डेडिकेटेड न्यूरल प्रोसेसिंग यूनिट (NPU) 6 मिलता है.

3. HP EliteBook Ultra और HP OmniBook X को एक आकर्षक डिजाइन दिया गया है. इस दोनों डिवाइस में HP का नया AI हेलिक्स लोगो है.
4. लैपटॉप के बॉडी कवर में 50 प्रतिशत रिसाइकिल एल्यूमीनियम और पैकेजिंग के लिए 100 प्रतिशत स्टेबल सोर्स एलीमेंट को शामिल किया गया है. ये दोनों ही लैपटॉप EPEAT क्लाइमेट+ गोल्ड रजिस्ट्रेशन और एनर्जी स्टार सर्टिफाइड हैं.
5. HP EliteBook Ultra में Wolf Pro Security Next Gen Antivirus (NGAV) दिया गया है, जो नए खतरों से बचाव के लिए मशीन लर्निंग की शक्ति का उपयोग करता है.
6. इन नए लैपटॉप को Copilot+ के साथ यूजर्स के हिसाब से कस्टमाइज किया गया है, ताकि उनको पर्सनलाइज्ड एक्सपीरियंस, पावरफुल कंप्यूटिंग का अनुभव मिल सके. 

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iPhone लवर्स की हुई बल्ले-बल्ले, कंपनी ने घटाए दाम, अब इतना सस्ता हुआ फोन

बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोबाइल फोन और चार्जर सस्ते करने का ऐलान किया था. एप्पल ने आईफोन की पूरी सीरीज के दाम घटाए हैं.

Last Modified:
Saturday, 27 July, 2024
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को पेश किए बजट में मोबाइल फोन और चार्जर सस्ते करने का ऐलान किया था. ग्राहकों को इसका फायदा देने वाली पहली कंपनी एप्पल बन गई है. बजट में मोबाइल फोन पर आयात शुल्क कम करने की घोषणा के बाद एप्पल ने भारत में आईफोन की कीमतें 300-6,000 रुपये तक घटा दी हैं। एप्पल की तरफ से जारी नई रेट लिस्ट के मुताबिक, देश में इंपोर्टेड आईफोन प्रो मॉडल की कीमत में 5,100-6,000 रुपये की कटौती की गई है

आईफोन 13, 14 और 15 का रेट 300 रुपये गिरा

भारतीय ग्राहकों के लिए 128 जीबी स्टोरेज वाले आईफोन प्रो मॉडल की कीमत 3.7 प्रतिशत की कटौती के बाद 1,29,800 रुपये होगी. इसी तरह 256 जीबी स्टोरेज वाले एंट्री लेवल आईफोन प्रो मैक्स की कीमत 1,59,900 रुपये से घटकर 1,54,000 रुपये हो गई है. इसके साथ ही एप्पल ने आईफोन के भारत में बने 13, 14 और 15 सीरीज वाले आईफोन की कीमतों में भी 300 रुपये की कमी की है. Iphone SE मॉडल 2,300 रुपये सस्ता हो गया है. एंट्री लेवल iphone SE की कीमत अब 49,900 रुपये से कम होकर 47,600 रुपये हो गई है.

पहली बार एप्पल ने घटाए प्रो मॉडल के रेट 

एप्पल ने वित्त मंत्री द्वारा बजट में दी गई राहत का फायदा तुरंत कस्टमर तक पहुंचा दिया है. इससे एप्पल की नीतियों में भी बदलाव दिखाई दे रहा है. अभी तक वह नए मॉडल के लॉन्च के साथ ही पुराने प्रो मॉडल बंद कर देती थी. सिर्फ कुछ डीलर्स ही स्टॉक को क्लियर करने के लिए अपनी तरफ से इन मॉडल पर डिस्काउंट देते थे. मगर, इस बार कंपनी ने ही इनके रेट घटाए हैं. प्रो मॉडल की एमआरपी हमेशा वही रहती थी.

भारत में बनेंगे iPhone के प्रो और प्रो मैक्स मॉडल

पहली बार एप्पल आईफोन के प्रो और प्रो मैक्स मॉडल भारत में ही बनाने वाली है. इसकी शुरुआत आईफोन की आने वाली 16 सीरीज से होगी. जानकारी के मुताबिक यह आईफोन 16 सीरीज के प्रो और प्रो मैक्स मॉडल्स को फॉक्सकॉन के साथ मिलकर भारत में एसेंबल करेगी. कंपनी चीन के बाहर अपने प्रोडक्शन को बढ़ावा देने की योजना के तहत यह काम करेगी. मीडिया रिपोर्ट्स को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है. आईफोन 16 सीरीज सितंबर में लॉन्च हो सकती है.
 


Jio लेकर आया Freedom Offer, एयरफाइबर कनेक्शन पर होगी 1000 रुपये की बचत

रिलायंस जियो (Reliance Jio) ग्राहकों के लिए एक शानदार ऑफर लेकर आई है. ग्राहकों को फ्रीडम ऑफर के तहत एयरफाइबर कनेक्शन पर 1000 रुपये की छूट मिल रही है.

Last Modified:
Friday, 26 July, 2024
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अपने रिचार्ज प्लान महंगे करने के बाद रिलायंस जियो (Reliance Jio) ग्राहकों के लिए एक शानदार ऑफर लेकर आई है. ग्राहकों को नया एयरफाइबर कनेक्शन लेने पर इंस्टॉलेशन फीस का भुगतान नहीं करना पड़ेगा.  स्वतंत्रता दिवस के खास असवर पर रिलायंस जियो (Reliance Jio) अपने ग्राहकों के लिए एक शानदार ऑफर लेकर आई है. इस ऑफर के तहत उन लोगों को फायदा होगा, जो जियो एयरफाइबर कनेक्शन लेना चाहते हैं. अगर आप भी एयरफाइबर कनेक्शन लेने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो ये ऑफर आपके लिए फायदेमंद रहेगा. दरअसल, इसमें आपको इंस्टॉलेशन फीस के 1000 रुपये नहीं चुकाने पड़ेंगे, ये बिल्कुल फ्री होगा. तो आइए जानते हैं आप इस ऑफर का फायदा कैसे और कब तक ले सकते हैं?

इस तारीख तक ले सकते हैं ऑफर का फायदा
पहले ग्राहकों को एयरफाइबर कनेक्शन लेने के लिए अलग से इंस्टॉलेशन फीस देनी होती थी, लेकिन फ्रीडम ऑफर के तहत कनेक्शन लेने पर ये फीस नहीं देनी होगी. जियो ने एयरफाइबर ग्राहकों का इंस्टालेशन चार्ज जीरो कर दिया गया है. यानी अब आपको 15 अगस्त तक जियो एयरफाइबर कनेक्शन एक्टिवेट कराने पर जियो एयरफाइबर ग्राहकों को कोई शुल्क नहीं देना होगा. इस ऑफर का फायदा 26 जुलाई से 15 अगस्त के बीच एक्टिवेट होने वाले कनेक्शन्स पर ही दिया जाएगा.
 

इन प्लान्स पर मिलेगी छूट
इंस्टालेशन चार्ज में छूट 3 महीने, 6 महीने और 12 महीने वाले सभी एयरफाइबर प्लान्स पर मिल रही है. पहले 3 महीने का ऑल-इन-वन एयरफाइबर प्लान लेने पर ग्राहकों को 2121 रुपये टैरिफ के और 1000 रुपये इंस्टालेशन चार्ज के तौर पर चुकाने होते थे यानी कुल 3121 रुपये में कनेक्शन लगता था, लेकिन अब 'फ्रीडम ऑफर' में ये प्लान 2121 रुपये में लिया जा सकेगा. इस तरह देखा जाए तो फ्रीडम ऑफर के तहत ग्राहकों को कुल 30 प्रतिशत का लाभ मिलेगा.

ऐसे करें जियो एयरफाइबर कनेक्शन के लिए आवेदन
नया जियो एयरफाइबर कनेक्शन बुक कराने के लिए आप इस 60008-60008 नंबर पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं. इस नंबर पर कॉल करके कुछ दिशा निर्देशों को फॉलो करना होता है. इसके अलावा Jio वेबसाइट और My Jio ऐप का उपयोग करके कनेक्शन लिया जा सकता है. अगर ऑनलाइन ये काम नहीं करना चाहते हैं, तो आप अपने नजदीकी Jio स्टोर पर जा सकते हैं. इसके बाद आपको Jio AirFiber के लिए पंजीकरण करना है, जिसके लिए आपको अपनी जानकारी और लोकेशन देना होगा. इसके बाद आपके घर आकर जियो के कर्मचारी एयरफाइबर इंस्टाल कर देंगे. 

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अब सर्विस रोड और फ्लाईओवर का कंफ्यूजन होगा दूर, Google Map लेकर आया ये नया फीचर

गूगल मैप (Google Map) ने भारतीय की एक मांग को पूरा करते हुए सर्विस रोड और फ्लाईओवर को लेकर कंफ्यूजन दूर करने के लिए एक नया फीचर रोलआउट किया है.

Last Modified:
Thursday, 25 July, 2024
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गूगल का नेविगेशन ऐप गूगल मैप (Google Map) सर्विस रोड और फ्लाईओवर के लिए एक खास फीचर लेकर आया है. इसकी मदद से उन यूजर्स को काफी फायदा होगा, जो अक्सर मैच के सहारे सड़क पर चलते हुए सर्विस रोड और फ्लाईओवर को लेकर कंफ्यूजन में पड़ जाते हैं. ड्राइव करते हुए उन्हें समझ नहीं आता कहां फ्लाईओवर चढ़ना है और कहां सर्विस रोड लेनी है. ये फिचर फिलहाल एंड्रॉइड यूजर्स के लिए देश के 40 शहरों में उपलब्ध रहेगा. तो आइए जानते हैं ये फीचर कैसे काम करेगा?

फ्लाईओवर कॉलआउट फीचर इस कंफ्यूजन को करेगा दूर

गूगल मैप ने आखिरकार भारतीयों की एक खास मांग को पूरा कर दिया है. इसका इंतजार हर भारतीय को लंबे समय से था. दरअसल, गूगल मैप (Google Map) की ओर से फ्लाईओवर कॉलआउट फीचर भारत में रोलआउट कर दिया गया है. फिलहाल ये फीचर एंड्रॉइड यूजर्स के लिए उपलब्ध कराया गया है. जल्द ही iOS यूजर्स के लिए इस फीचर को उपलब्ध करा दिया जाएगा. ये फीचर बहुत काम है, क्योंकि कई बार लोग गलती से फ्लाईओवर चढ़ जाते हैं, जबकि उन्हें सर्विस रोड पर जाना होता है, फिर उन्हें काफी घूमना पड़ जाता है. ऐसे में लोगों का समय भी बचेगा. 

40 शहरों में होगा उपलब्ध

इस फीचर को गूगल मैप ने अभी 40 शहरों में उपलब्ध करा दिया है. जल्द ही इसे बाकी शहरों के लिए भी उपलब्ध करा दिया जाएगा. ताकि लोग आसानी से फ्लाईओवर वाले रास्तों को भी पार कर सकें. इसके अलावा गूगल की ओर से नैरो रोड फीचर को भी पेश किया गया है, जो चार पहिया वाहनों को तंग गलियों और पतले रास्तों में जाने से रोकने में मदद करेगा. 

लगातार मिल रही थीं रिक्वेस्ट
गूगल के अनुसार उनके पास फ्लाईओवर गाइडेंस को लेकर सबसे ज्यादा रिक्वेस्ट मिल रही थीं. ऐसे में कंपनी ने फ्लाईओवर कॉलआउट फीचर को नेविगेशन के लिए इंटीग्रेट किया है, जो यूजर्स को अपकमिंग फ्लाईओवर और रूट की जानकारी देगा. यह फीचर एंड्रॉइड मैप और एंड्रॉइड ऑटो के लिए उपलब्ध होगा.

इसे भी पढ़ें-भारत में कैसे हो रहा है जेनरेटिव AI का विकास और विस्तार, जानिए इस रिपोर्ट में?

एआई तकनीक का किया जाएगा इस्तेमाल
गूगल की ओर से भारत की सड़कों के लिए एक एआई मॉडल बनाया गया है, जो सड़क की चौड़ाई और लंबाई का अनुमान लगाता है. साथ ही रोड की इमेज के लिए सैटेलाइट का यूज किया जाएगा. इसमें सड़क टाइप, बिल्डिंग और रोड की जानकारी समय पर मिलेगी. उधर, गूगल लीडिंग इलेक्ट्रिक वाहन और चार्जिंग स्टेशन के साथ साझेदारी कर रहा है, जिससे आने वाले दिनों में गूगल मैप पर चार्जिंग स्टेशन की जानकारी भी मिलेगी.

कोच्ची और चेन्नई में मिलेगी मेट्रो टिकट बुकिंग की सुविधा

गूगल मैप्स पर एक अपडेट पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर भी जारी किया है. अब इस ऐप पर मेट्रो टिकट की बुकिंग की सुविधा भी मिलेगी. अभी इस सर्विस को फिलहाल केवल कोच्ची और चेन्नई मेट्रो के लिए जारी किया गया है. धीरे-धीरे इसे अन्य मेट्रो स्टेशन के लिए भी जारी किया जाएगा.

 


बच्चों के लिए Apple Watch लॉन्च, मिलेंगे शानदार फीचर्स, ऐसे करना होगा इस्तेमाल

इस वॉच को पैरेंट्स अपने आईफोन के जरिए मैनेज कर सकेंगे. बच्चा घर से बाहर किस लोकेशन पर है इसको लेकर भी जानकारी पाई जा सकेगी.

Last Modified:
Thursday, 25 July, 2024
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आमतौर पर भारत में छोटे बच्चों के हाथों में डिजिटल डिवाइस जल्दी-जल्दी नहीं दी जाती हैं, जिससे की उन्हें इसकी आदत न लग जाए या फिर वो उसे खराब न कर दें. लेकिन एप्पल ने इस कड़ी में बच्चों के लिए एक नया फीचर भारत में लॉच कर दिया है. फीचर का नाम ' Apple Watch For Your Kids' है. ये फीचर एप्पल वॉच में मिलेगा, जहां पर माता-पिता वॉच को सेट करके बच्चे को पहना सकते हैं. फिर चाहे बच्चे के पास अपना आईफोन हो या न हो. एप्पल वॉच जैसे काम करती है वैसे ही करेगी.

कैसे काम करती है वॉच?

Apple के मुताबिक, Apple Watch पर मौजूद फीचर For Your Kids दरअसल बच्चों को परिवार और दोस्तों से जुड़ने में मदद करता है अगर उनके पास Apple की स्मार्टवॉच का सेल्युलर वेरिएंट है. वे कुछ सिक्योरिटी सॉल्यूशन के साथ स्मार्टवॉच की कम्युनिकेशन, हेल्थ, फिटनेस और सिक्योरिटी फीचर्स का लाभ उठा सकते हैं. कॉल करने के लिए, पहले माता-पिता उन नंबरों को पहले से अप्रूव्ड कर सकते हैं, जो Apple Watch पर बच्चों के लिए बेहतर होंगे. Apple Watch for Your Kids में इमरजेंसी SOS, घर का रास्ता बताने के लिए Apple Maps और परिवार के सदस्यों का पता लगाने या उनके साथ अपनी वर्तमान लोकेशन शेयर करने के लिए Find People जैसी सिक्योरिटी फीचर्स दिए गए हैं.

फिटनेस एक्टिविटीज को करेगी ट्रैक

इस वॉच के जरिए बच्चे एक्टिविटी रिंग से फिटनेस एक्टिविटी को ट्रैक कर सकते हैं और अलग-अलग वर्कआउट के लिए टारगेट सेट कर सकते हैं. वे अपने दोस्तों को एक्टिविटी शेयरिंग इनवाइट भेजकर उन्हें चैलेंज दे सकते हैं. माता-पिता या अभिभावक अपने iPhone से वॉच में होने वाली सभी गतिविधियों की निगरानी कर सकते हैं.

इन फीचर्स के अलावा, यह एक डेडिकेटेड स्कूल टाइम मोड की सर्विस देता है, जो आसान पहचान के लिए Apple वॉच फेस पर एक खास पीले रंग के सर्कल के रूप में दिखाई देती है. यह फीचर, तमाम नोटिफिकेशन को ब्लॉक करता है, ऐप को बैन करता है और डू नॉट डिस्टर्ब को शुरू कर देता है. Apple के अनुसार, इस मोड को मैनुअल रूप से टॉगल किया जा सकता है, जबकि माता-पिता उसे अपने iPhone के माध्यम से शेड्यूल भी कर सकते हैं.

कैसे इस्तेमाल कर सकते हैं इस फीचर को?

Apple का कहना है कि यह सुविधा उन यूजर्स के लिए उपलब्ध हैं जिनके पास Apple Watch Series 4 या बाद का एडिशन या Apple Watch SE है. इन वॉच को iPhone 8 या बाद के एडिशन के साथ जोड़ा जा सकता है और जो लेटेस्ट watchOS और iOS चला रहा है. सेल्यूलर सर्विस को एक्टिव करने के लिए, Apple Watch के लिए वायरलेस सर्विस प्लानिंग की मदद चाहिए होती है. इसके अतिरिक्त, यूजर्स को खुद के लिए एक एप्पल आईडी तथा उस परिवार के सदस्य के लिए एक एप्पल आईडी की आवश्यकता होगी. इन एप्पल आईडी की मदद से वो इसे सेट करना चाहते हैं, और दोनों अकाउंट्स पर टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल होना चाहिए. 

 

भारत में कैसे हो रहा है जेनरेटिव AI का विकास और विस्तार, जानिए इस रिपोर्ट में?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 15 ट्रिलियन डॉलर का योगदान दे सकता है. अकेले भारत का योगदान लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर आंका गया है.

Last Modified:
Thursday, 25 July, 2024
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दूरसंचार क्रांति (Telecom Revolution) के बाद पिछले 12 महीनों में एआई (Artificial Intelligence) क्रांति ने दुनिया को हिलाकर रख दिया है. इसने अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है. एआई के भारत में विकास और लोगों में इसके डर को लेकर को लेकर आईआईएम (IIM) एमबीए व सेवानिवृत आईएएस (IAS) जेके दादू (JK Dadoo) ने एक रिसर्च रिपोर्ट तैयार की है. तो आइए जानते हैं एआई को लेकर उनकी इस इस रिपोर्ट में क्या है?

एआई के वैश्विक और भारत की अर्थव्यवस्था में योगदान
विशेषज्ञों का मानना है कि एआई 2030 तक वैश्विक अर्थव्यवस्था में 15 ट्रिलियन डॉलर का योगदान दे सकता है. अकेले भारत का योगदान लगभग 1 ट्रिलियन डॉलर आंका गया है. आज की तारीख में, एआई बाजार पर अमेरिका का 40 प्रतिशत तक कब्जा है, इसके बाद चीन का 31 प्रतिशत, फ्रांस और यूएई का 9 प्रतिशत और जापान और यूके का 4 प्रतिशत है. 

भारत में एआई का विकास 
डिजिटल इंडिया ने 16 डिजिटल सार्वजनिक सामान (डीपीजी) बनाए हैं और 22 आंशिक रूप से विकसित हैं. इसके अलावा 54 परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं और इसलिए कुछ वर्षों में भारत 100 डीपीजी के साथ दुनिया का नेतृत्व कर सकता है, जिसे विश्व स्तर पर दोहराया जा सकता है. भारत ने अनुसंधान और विकास के लिए 24 विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क और 24 प्रौद्योगिकी व्यवसाय इनक्यूबेटर बनाए हैं. वहीं, इस साल अंतरिम बजट में एआई के लिए करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. भारत में अनुसंधान और विकास किस हद तक हो रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि OpenAI ने कुछ 100 मिलियन डॉलर में डेटाबेस एनालिटिक्स स्टार्टअप रॉकसेट का अधिग्रहण कर लिया. भारत स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और अन्य क्षेत्रों में एआई अनुप्रयोग के लिए ग्लोबल पार्टनरशिप इन एआई (जीपीआईए) के 29 सदस्य देशों के साथ सहयोग कर रहा है. 

एआई को लेकर डर
हाल ही में एक सर्वेक्षण में पता चला है कि 84 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने अपनी आशंका व्यक्त की कि एआई की ताकत कुछ हाथों में केंद्रित होने से प्रतिस्पर्धा प्रभावित हो सकती है और बाजार में असंतुलन पैदा हो सकता है. आज भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों के बीच सबसे बड़ा डर एआई के आगमन के साथ नौकरियों के नुकसान का है. वॉल स्ट्रीट जर्नल की हालिया रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि चैटजीपीटी जैसे प्लेटफॉर्म के साथ, सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर पोस्ट की जाने वाली फ्रीलांस नौकरियों की संख्या में पहले ही 21 प्रतिशत की गिरावट आई है. इस मामले में मेरा व्यक्तिगत विचार यह है कि एआई अंततः सभी नियमित नौकरियों की जगह ले लेगा और इसलिए अकाउंटेंट जैसे कई पेशे खत्म हो जाएंगे, लेकिन रचनात्मक गतिविधियों को कभी भी एआई द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है.

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भारत में सार्वजनिक लाभ के लिए एआई एप्लीकेशन का प्रयोग
ठोस अनुसंधान और विकास के माध्यम से  अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए देश में कई एआई-आधारित ऐप बनाए गए हैं. इसमें किसान चैटबॉट जोकि 110 मिलियन किसानों तक पहुंचता है और उन्हें उनके अधिकारों से परिचित कराता है. कृषि में बुआई ऐप पिछले 45 वर्षों के बारिश के आंकड़ों पर काम करता है, ताकि सटीक सप्ताह की भविष्यवाणी की जा सके कि विभिन्न फसलें कब बोई जानी चाहिए. डोजी ऐप मरीजों के महत्वपूर्ण पुराने डेटा का उपयोग करता है  और मरीजों को त्वरित चिकित्सा सहायता लेने के लिए प्रारंभिक चेतावनी देता है. 

भारत में AI उपयोग के विस्तार के लिए सुझाव 
1. भारत में 31,000 तकनीकी स्टार्टअप्स में से 70 प्रतिशत उत्पादकता बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं, मुझे लगता है कि इसका सबसे बड़ा उपयोग उन 100 स्मार्ट शहरों के लिए किया जा सकता है जिन्हें भारत ने शुरू किया है, और सभी को स्मार्ट लाभों को अधिकतम करने के लिए एआई को तैनात करना होगा. 
2. देश भर में गंदगी वाले क्षेत्रों के आंकड़ों को एकत्रित करने की जरूरत है और फिर वास्तविक स्वच्छ भारत बनाने के लिए नियमित आधार पर कार्रवाई क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एआई का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाना चाहिए, न कि इसे केवल एक नारा बनकर छोड़ देना चाहिए. 
3. विश्व स्तर पर डब्ल्यूटीओ व्यापार डेटा का उपयोग करके, एआई को पूरी दुनिया में वस्तुओं और सेवाओं के लिए मांग और आपूर्ति अंतराल की पहचान करने के लिए उपयोगी रूप से तैनात किया जा सकता है. 
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निष्कर्ष
वैश्विक धारणाओं से संकेत मिलता है कि एआई अपनाने की गति बहुत तेज रही है, जिससे निर्णय निर्माताओं, व्यावसायिक संस्थाओं और कर्मचारियों के लिए भारी चुनौतियाँ पैदा हो रही हैं. सुरक्षित और जिम्मेदार रणनीति के बिना यह चुनौती जटिल होती जा रही है. स्वास्थ्य के बाद शिक्षा, एआई का सबसे गहन उपयोगकर्ता है और नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, सभी शिक्षकों में से 60% पहले से ही इसका उपयोग कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) और मानकीकरण परीक्षण और गुणवत्ता प्रमाणन (एसटीक्यूसी) अमेरिका के राष्ट्रीय मानक संस्थान के साथ मिलकर एआई सुरक्षा और भरोसेमंद मानकों को विकसित करें, ताकि पूरे भारत में एआई प्रौद्योगिकी की व्यापक पहुंच और व्यापक प्रसार हो सके. अंत में, भारत में बेरोजगारी के भारी आंकड़ों को देखते हुए, श्रम मंत्रालय को नौकरी के नुकसान की संभावना का अनुमान लगाने के लिए तुरंत विशेषज्ञों को नियुक्त करने की आवश्यकता है, और नौकरी प्रतिस्थापन के माध्यम से ऐसे श्रमिकों को अनुकूलित करने के तरीकों और साधनों की आवश्यकता है.

 


अंबानी लेकर आए Jio Bharat J1 कीपैड फोन, UPI पेमेंट से लेकर लाइव टीवी का विकल्प

रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने एक और नया 4G फोन Jio Bharat J1 लॉन्च कर दिया है. ये कीपैड वाला फोन है, जिसकी कीमत 2 हजार रुपये से भी कम है. 

Last Modified:
Thursday, 25 July, 2024
BWHindia

रिलायंस जियो (Reliance Jio) ने अपने ग्राहकों के लिए एक नया 4G फोन लॉन्च किया है. अब जियो के किफायती फोन की सूची में जियो भारत जी1 (Jio Bharat J1) 4G का नाम भी जुड़ गया है. ये एक कीपैड वाला फोन है, जिसमें आपको स्मार्टफोन की तरह की यूपीआई और लाइव टीवी का आनंद मिल जाएगा. बता दें, कंपनी ने पिछले साल भारत में अपने जियो भारत फोन की लाइनअप की घोषणा की थी, जिसमें भारत V2 और जियो भारत V2 कार्बन को पेश किया गया था. इसके बाद कंपनी ने जियो भारत B1 को भी लॉन्च किया था. तो आइए जानते हैं भारत जी1 में आपको क्या फीचर मिलने वाले हैं और इसकी की क्या होगी?

ये होगी फोन की कीमत
जियो भारत जी1 फोन में आपको स्मार्टफोन की तरह ही जियो ऐप और सर्विस मिलेंगी. इसमें UPI ट्रांजेक्शन के लिए जियोपे और कंटेंट स्ट्रीमिंग के लिए जियोसिनेमा आदि का सपोर्ट शामिल है. वहीं, इस फोन की कीमत 1,799 रुपये है और ये सिंगल ब्लैक/ग्रे कलर ऑप्शन में आता है. अगर आप इसे खरीदा चाहते हैं तो यह डिवाइस Amazon पर उपलब्ध है.

ये है रिचार्ज प्लान
जियो यूजर्स इस डिवाइस को जियो भारत प्लान (Jio Bharat Plan) के साथ रिचार्ज कर सकते हैं, जिसकी कीमत 123 रुपये है. इसमें आपको अनलिमिटेड कॉल, महीने में 14GB 4G डेटा और Jio ऐप्स और सेवाओं का एक्सेस मिलता है. 

फोन में मिलेंगे ये फीचर्स
1. डिस्प्ले- जियो भारत जी1 4जी में आपको नया डिजाइन मिलता है, जिसमें थोड़ा बड़ा फॉर्म फैक्टर और बड़ी स्क्रीन मिलती है. इसमें 2.8 इंच का डिस्प्ले है.
2. बैटरी- डिलाइस में बड़े फॉर्म फैक्टर के कारण 2,500mAh की बड़ी बैटरी भी दी गई है.
3. प्रीइंस्ट्रॉल आप्शन-  इस नए फोन में जियो सिनेमा (JioCinema) को प्री-इंस्टॉल किया है. इसके अलावा यूजर जियो टीवी (Jio TV) ऐप का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. सीधी भाषा में कहें तो यूजर दोनों ऐप की मदद से फोन पर लाइव स्पोर्ट्स और लाइव टीवी कंटेंट देख सकेंगे.
4. पेमेंट ऑप्शन- कंपनी ने डिवाइस में JioPay का विकल्प भी दिया है, जिसकी मदद से आप बिना किसी परेशानी के यूपीआई पेमेंट कर सकते हैं.
5. कैमरा- इस डिवाइस में पीछे की तरफ फ्लैशलाइट के बिना एक डिजिटल कैमरा दिया गया है.
6. इसके अलावा इस फोन में आपको गोलाकार नेविगेशन बटन मिलता है. इसमें आपको LED टॉर्च और वायर्ड हेडफोन को कनेक्ट करने के लिए 3.5mm जैक मिलता है. 

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WhatsApp में आने वाला है ये तगड़ा फीचर, बिना इंटरनेट के शेयर होंगी हैवी फाइल्स

अब वॉट्सऐप के जरिए फाइल ट्रांसफर करने के लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप बिना इंटरनेट के भी एक फोन से दूसरे फोन में फाइल ट्रांसफर कर सकेंगे.

Last Modified:
Wednesday, 24 July, 2024
BWHindia

वॉट्सऐप (WhatsApp) समय-समय पर अपने यूजर्स के लिए नए फीचर्स रोलआउट करता रहता है. अब कंपनी एक बेहद ही काम का फीचर ला रही है, जो कि आपके लिए बेहद काम का साबित होने वाला है. दरअसल, वॉट्सऐप एक फाइल शेयरिंग फीचर पर काम कर रहा है, जिससे यूजर इंटरनेट के बिना ही आस-पास के लोगों के साथ बड़ी फाइल्स शेयर कर सकेंगे. इसका मतलब यह है कि अब यूजर्स को इंटरनेट के सहारे नहीं रहना पड़ेगा.

ऐसे काम करेगा नया फीचर

वॉट्सऐप के नए फीचर के जरिए डॉक्यूमेंट्स, फोटो, वीडियो और दूसरी फाइल्स को वॉट्सऐप अकाउंट पर शेयर करना आसान हो जाएगा. इसके लिए इंटरनेट की जरूरत नहीं रहेगी. iOS के लिए वॉट्सऐप बीटा वर्जन 24.15.10.70 अपडेट में इस नए फीचर की पहचान की गई है. यह फीचर एंड्रॉयड में नियरबाई डिवाइस डिटेक्शन के बजाय QR कोड के जरिए फाइल ट्रांसफर करेगा.

टेस्टिंग फेज में है यह फीचर

वॉट्सऐप के नए फाइल शेयरिंग फीचर की अभी टेस्टिंग चल रही है. कंपनी ने ऑफिशियली इस फीचर के रिलीज आदि के बारे में खुलासा नहीं किया है. कयास हैं कि जब यह फीचर पूरी तरह तैयार हो जाएगा तब इसे सभी लोगों के लिए जारी किया जाएगा. इससे एक-दूसरे के साथ फाइल शेयर करने में आसानी होगी. कई बार मोबाइल के नेटवर्क काम नहीं करते हैं. ऐसी स्थिति में वॉट्सऐप का नया फीचर फाइल शेयर करना काफी आसान बना देगा.

फाइल ट्रांसफर करना होगा आसान

रिपोर्ट के मुताबिक, यूजर्स एंड्रॉयड या iOS प्लेटफॉर्म पर फाइल शेयर कर सकेंगे. इसमें यह दिक्कत नहीं रहेगी कि जिसे आप फाइल शेयर कर रहे हैं वो एंड्रॉयड यूजर है या फिर iOS यूजर. वॉट्सऐप यूजर्स की मजबूत प्राइवेसी के लिए जाना जाता है, इसलिए दो लोगों के बीच होने वाला फाइल ट्रांसफर भी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड रहेगा.