iPhone 15 को लेकर Apple के बड़े हैं प्लान, बहुत से नए फीचर्स होंगे शामिल

एप्पल की फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज के अगले स्मार्टफोन, Iphone 15 को लेकर इन्टरनेट पर अफवाहों और अनुमानों का दौर जारी है. जानिये इस साल के Iphone में क्या होगा खास?

Last Modified:
Friday, 17 February, 2023
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एप्पल की फ्लैगशिप स्मार्टफोन सीरीज का सभी लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. इसी सीरीज का अगला फोन एप्पल का Iphone 15 है जिसकी रिलीज और फीचर्स को लेकर लोगों द्वारा लगातार अनुमान लगाए जा रहे हैं. इन्टरनेट पर भी Iphone 15 के फीचर्स को लेकर लोगों के बीच हलचल बनी हुई है और सभी लोग एप्पल द्वारा इस फ्लैगशिप स्मार्टफोन की रिलीज का इन्तजार कर रहे हैं.

देखने को मिलेगा नया कैमरा बम्प

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस साल लॉन्च होने वाले Iphone 15 और Iphone 15 प्लस स्मार्टफोन्स में नया कैमरा बम्प देखने को मिलेगा. आपको बता दें इस वक्त Iphone सीरीज के फोनों में जो कैमरा बम्प देखने को मिलता है उसकी शुरुआत Iphone सीरीज के स्मार्टफोन Iphone 11 से हुई थी. उसके बाद से Iphone 12, 13 और पिछले साल लॉन्च हुए Iphone14 में भी छोटे मोटे बदलावों के साथ वैसा ही कैमरा बम्प देखने को मिलता है. लेकिन इस साल लॉन्च होने वाले Iphone 15 में कैमरा बम्प के डिजाईन को बदला जाएगा जिससे यह अपने पिछले मॉडल्स से अलग नजर आएगा और इसे आसानी से पहचाना जा सकेगा. इसके साथ-साथ Iphone 15 का फ्रेम टाइटेनियम का होगा और इसे हैप्टिक फीडबैक वाले सॉलिड-स्टेट बटन्स के साथ लांच किया जाएगा. इसके साथ ही Iphone के पारंपरिक स्क्वायर डिजाईन में भी बदलाव किये जायेंगे. Iphone 15 को टाइटेनियम फ्रेम के साथ कर्व्ड एज भी मिलेंगे जो इसे इस फ्लैगशिप सीरीज के पूर्व स्मार्टफोन्स से अलग लुक देंगे.

कैमरा भी किया जाएगा अपग्रेड

इस वक्त Iphone सीरीज चर्चा का विषय इसलिए भी बनी हुई है क्योंकि हाल ही में फिल्ममेकर विशाल भारद्वाज की फिल्म ‘फुर्सत’ को फ्लैगशिप स्मार्टफोन, Iphone 14 प्रो पर फिल्माया गया था जिसे देखकर लोग हैरान रह गए हैं. Iphone से फिल्में शूट करने के इस ट्रेंड को बहुत पसंद भी किया जा रहा है और एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले समय में Iphone जैसे फ्लैगशिप कैमरा वाले स्मार्टफोन्स के इस्तेमाल से पूरी फीचर फिल्म भी शूट की जा सकेगी. नए Iphone 15 को एक बड़ा और बेहतर कैमरा भी दिया जाएगा. रिपोर्ट्स की मानें तो Iphone 15 को सोनी (Sony) कंपनी के एक ‘स्टेट ऑफ द आर्ट’ कैमरा सेंसर से लैस किया जाएगा जो कम रौशनी में बेहतर परफॉर्म करेगा. अभी तक Iphone सीरीज के सभी स्मार्टफोन्स में 12 मेगापिक्सल का कैमरा ही देखने को मिलता है लेकिन खबर है कि एप्पल के इतिहास में पहली बार Iphone 15 में 48 मेगापिक्सल का कैमरा देखने को मिलेगा. इतना ही नहीं, Iphone 15 के टॉप एंड वैरिएंट यानी Iphone 15 प्रो और Iphone 15 प्रो मैक्स में एक पेरिस्कोप फोल्डिंग जूम कैमरा भी देखने को मिलेगा.

कीमतों में भी हो सकती है कटौती

इन्टरनेट पर Iphone 15 के एक और जिस फीचर ने धूम मचा रखी है वह है इस स्मार्टफोन का डिस्प्ले. खबर है कि एप्पल के Iphone 15 प्रो मैक्स स्मार्टफोन में सैमसंग की 2500 निट्स ब्राइटनेस वाली डिस्प्ले होगी. इन सब फ्लैगशिप फीचर्स के साथ आने वाले Iphone 15 स्मार्टफोन की कीमत को लेकर भी लगातार इन्टरनेट पर बहुत से कयास लगाए जा रहे हैं. आपको बता दें कि इस वक्त मार्किट में Iphone 14 की कीमत 73990 रुपये है वहीं Iphone 14 प्रो की कीमत 122999 रुपये है और Iphone 14 सीरीज के टॉप एंड फोन Iphone 14 प्रो मैक्स की कीमत 132990 रुपये है. लेकिन खबर है कि एप्पल अपनी फ्लैगशिप सीरीज के अगले स्मार्टफोन, Iphone 15 की कीमतों में कटौती कर सकता है जो भारतीय कंज्यूमर्स के लिए बहुत ही बड़ी खबर है.

यह भी पढ़ें: अब स्मार्टफोन से शूट होंगी फिल्में, इंडस्ट्री में आएगा बड़ा बदलाव


भारत का पहला डायनैमिक बटन वाला फोन जल्द होगा लॉन्च,  जानना चाहेंगे इसकी कीमत और फीचर्स?

रियलमी कंपनी भारत में एक नया फोन realme 12x 5G लॉन्च करने जा रही है। कंपनी का यह फोन अप्रैल के पहले हफ्ते में लॉन्च हो रहा है.

Last Modified:
Thursday, 28 March, 2024
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रियलमी अपने भारतीय ग्राहकों के लिए एक नया फोन लॉन्च करने जा रहा है. कंपनी realme 12x 5G स्लॉमार्टफोन लॉन्च करने जा रही है. आपको बता दें, Realme 12X स्मार्ट फोन 21 मार्च को चीन में लॉन्च हो गया है और अब भारत में इसकी एंट्री होने जा रही है. तो आइए आपको फोन के लॉन्च, कीमत और इसके फीचर्स से जुड़ी जानकारी देते हैं.  

कब लॉन्च होगा realme 12x 5G?
realme 12x 5G स्मार्टफोन भारत में अगले महीने एंट्री लेने जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह फोन 2 अप्रैल को लॉन्च किया जाएगा. इतना ही नहीं, लॉन्चिंग से पहले ही फोन के की स्पेक्स को लेकर भी कुछ जानकारियां सामने आई हैं. 

ऐसे खास होगा ये स्मार्टफोन
.कंपनी की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारियों के अनुसार फोन भारत का पहला 45 वॉट चार्जिंग 5G स्मार्टफोन होगा। फोन 5000mAh बैटरी से लैस होगा. वहीं, कंपनी का दावा है कि यह फोन भारत का पहला डायनैमिक बटन वाला फोन होगा.

ये हैं फीचर्स
1.रियलमी का नया फोन D6100+ VC Cooling सिस्टम के साथ लाया जा रहा है. इस कूलिंग सिस्टम के साथ खास कर गेमिंग के दौरान फोन ज्यादा गर्म होने से बचाया जा सकेगा. 
2. इस फोन को एयर गेस्चर फीचर के साथ लाया जाएगा. यह फोन 5000mAh बैटरी और 45W फास्ट चार्जिंग फीचर के साथ लाया जा रहा है.
3. अपकमिंग स्मार्टफोन 7.69mm के साथ सेगमेंट के सबसे पतले डिजाइन के साथ एंट्री लेने जा रहा है. 
4. स्मार्टफोन 6.72 इंच 120hz रिफ्रेश रेट और 950nits ब्राइटनेस के साथ लाया जा रहा है.
5.रियलमी फोन 50MP AI Camera के साथ लाया जा रहा है.
6. फोन डुअल स्टीरियो स्पीकर्स के साथ पेश होगा.
7. रियलमी फोन रेनवॉटर स्मार्ट टच के साथ IP54 रेटिंग के साथ एंट्री लेगा.
8. ओएस की बात करें तो रियलमी का यह फोन एंड्रॉइड 14 ओएस के साथ आ रहा है.


ऐसा क्‍या हुआ कि आज ऑफलाइन तरीके से ही काम करेगा SBI, नहीं चलेंगी ये ऑनलाइन सेवाएं

एसबीआई की ओर से कहा गया है कि आज दोपहर 1 घंटे के लिए उसकी कई सेवाएं प्रभावित रहेंगी. हालांकि बैंक ने साफ कर दिया है कि एटीएम और यूपीआई लाइट चलता रहेगा.

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Saturday, 23 March, 2024
sbi

देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि आज उसकी ऑनलाइन सेवाओं से काम नहीं हो पाएगा. एसबीआई (SBI) की ओर से अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी दी गई है कि आज कुछ घंटे के लिए उसकी ऑनलाइन सेवाएं जैसे योनो (YONO), नेट बैंकिंग, सहित योनो बिजनेस की सेवाएं काम नहीं करेंगी. हालांकि एसबीआई (SBI) ने साफ कर दिया है कि योनो एटीएम (YONO ATM) और यूपीआई लाइट (UPI Lite) पहले की तरह काम करते रहेंगे. 

इतने बजे से इतने तक नहीं चलेंगी सेवाएं

एसबीआई की ओर से कहा गया है कि निर्धारित गतिविधि के कारण आज दोपहर 1:10 बजे से 2:10 बजे तक एसबीआई (SBI) की इंटरनेट बैंकिंग, योनो लाइट (YONO Lite), योनो बिजनेस ( YONO Business) वेब (Web) और मोबाइल ऐप, योनो (YONO) और यूपीआई (UPI) सेवाएं 23 मार्च को उपलब्‍ध नहीं रहेंगी. एसबीआई के पास मौजूदा समय में 81 हजार से ज्‍यादा BC आउटलेट के साथ 22400 शाखाएं, 65000 एटीएम और एडीएमडब्‍ल्‍यू का नेटवर्क है. बैंक ने ये जानकारी अपने तिमाही नतीजों में दी थी. 

अकेले योनो से जुड़े हैं SBI के इतने ग्राहक 

एसबीआई (SBI) का मोबाइल बैंकिंग ऐप YONO के पास 7.5 करोड़ उपभोक्‍ता हैं. बैंक ने ये भी बताया था कि उसने योनो के माध्‍यम से 59 प्रतिशत नए खाते खोले हैं. दिसंबर में खत्‍म हुई तीसरी तिमाही में बैंक ने 33.1 लाख नए योनो पंजीकरण देखे हैं. डिजिटल लोन के माध्‍यम से बैंक ने बड़ी संख्‍या में व्‍यक्तिगत लोन जिसे पर्सनल लोन भी कहा जाता है वो दिए हैं. एसबीआई (SBI) ने तीसरी तिमाही में योनो (YONO) के माध्‍यम से 8428 करोड़ रुपये भी जुटाए हैं. 

देश का तीसरा सबसे अमीर बैंक है SBI 

एसबीआई (SBI) देश का तीसरा सबसे अमीर बैंक है. SBI का बाजार पूंजीकरण अर्थात मार्केट कैप 6.66 लाख करोड़ रुपये है. अगर बैंक के शेयर पर नजर डालें तो उसकी आज की स्थिति 746.50 रुपये है. शुक्रवार को शेयर में 0.30 प्रतिशत का इजाफा देखने को मिला. एसबीआई देश में 24000 से ज्‍यादा शाखाओं से लेकर 62 हजार एटीएम के मामले में नंबर वन बैंक है.
 


DTU के PHD स्टूडेंट ने बनाया ये सॉफ्टवेयर, जानें कैसे रोकेगा सर्टिफिकेट का फर्जीवाड़ा?

Delhi Technological University के छात्र शुभम ने शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन से डिजीपत्र सॉफ्टवेयर डेवलप किया है. इसे देश के टॉप 20 स्टार्टअप में शामिल किया गया है.

Last Modified:
Tuesday, 19 March, 2024
DigiPatra software

फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर देश में नौकरी पाने के मामले काफी बढ़ने लगे हैं. यही नहीं लोग इन जाली प्रमाणों के जरिए पासपोर्ट भी बनवा रहे हैं. इसे रोकने का सटीक तरीका दिल्ली टेक्नोलॉजीकल इंस्टीट्यूट (डीटीयू) के एक छात्र शुभम प्रजापति ने निकाल लिया है. शुभम ने डिजीलॉकर (DigiLocker) की तर्ज पर डिजीपत्र (DigiPatra) सॉफ्टवेयर बनाया है, जो ब्लॉकचेन (Blockchain) की मदद से सर्टिफिकेट्स को सुरक्षित रखता है. इसमें कुछ ही मिनटों में हजारों सर्टिफिकेट एक साथ अपलोड हो जाते हैं.

कौन हैं शुभम और ये क्या करते हैं?

शुभम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया का रहने वालें हैं. ये डीटीयू से इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप में पीएचडी कर रहे हैं. शिक्षा मंत्रालय के इनोवेशन सेल की मदद से शुभम ने 2022 में डीजिपत्र सॉफ्टवेयर लॉन्च किया है. इसके जरिए प्रमाण पत्र के फर्जीवनी को रोकने में मदद मिलेगी. शुभम इनोवेटिव स्क्रिप्ट कंपनी के फाउंडर भी हैं, जिसके तहत उन्होंने ये सॉफ्टवेयर तैयार किया है.

मात्र तीन स्टेप्स में करें डाक्यूमेंट्स अपलोड

DigiPatra को वेबसाइट के माध्यम से किसी भी डिवाइस से एक्सेस किया जा सकता है. इसमें मात्र 3 स्टेप्स में Blockchain Based सर्टिफिकेट या डॉक्युमेंट्स जनरेटर किए जा सकते हैं. सबसे पहले पोर्टल पर लॉगिन पासवर्ड से प्रोफाइल बनाएं.

1. सर्टिफिकेट टेम्पलेट डिजाइन को अपलोड करें.

2. Participants का CSV फाइल डाटा अपलोड करें.

3. अंत में डाटा प्रोसेसिंग के लिए टेम्पलेट और CSV को सिलेक्ट करें, इसके बाद Certificate Generate हो जाएगा.

कुछ मिनट में ही हजारो सर्टिफिकेट Blockchain पर Generate हो जाएंगे. हर सर्टिफिकेट पर एक यूनीक cryptographic QR कोड होता है, जोकि पूरी तरह सुरक्षित होता है और उसे स्कैन करके सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इस QR की ख़ास बात ये है कि इसे कोई कॉपी नहीं कर सकता और न ही डुप्लीकेट बनाया जा सकता है.

देश के टॉप 20 उभरते स्टार्ट-अप्स में शामिल

शुभम के डिजीपत्र का इस्तेमाल दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामानुजन कॉलेज, दिल्ली टेक्निकल यूनिवर्सिटी, इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज गाजियाबाद, मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भोपाल में हो रहा है. इन सभी संस्थानों के करीब ढाई लाख सर्टिफिकेट इस साफ्टवेयर में अपलोड किए जा चुके हैं. डिजीपत्र सॉफ्टवेयर को देश के टॉप 20 स्टार्टअप में शामिल किया गया है. शिक्षा मंत्रालय का इनोवेशन सेल अब देशभर में इस योजना को विस्तर देगा. 8 फरवरी को बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के स्वतंत्रता भवन में आयोजित इनोवेशन मेले में इस सॉफ्टवेयर के हर तकनीकी खूबियों पर चर्चा हुई. शुभम ने बताया कि शिक्षा मंत्रालय की तरफ से उन्हें इस प्रोजेक्ट के लिए 10 लख रुपए मिले थे. वह 2022 से इस योजना पर काम कर रहे थे.

ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है सॉफ्टवेयर

डिजीपत्र सॉफ्टवेयर ब्लॉकचेन तकनीक पर आधारित है. शुभम ने कहा कि देश के सभी संस्थान इस सॉफ्टवेयर से जुड़ जाएं, तो निश्चित रूप से सर्टिफिकेट की जांच बिना अधिक समय और धन खर्च किए हो सकती है. यूनिवर्सिटी या कॉलेज अपने छात्रों को जारी किए प्रमाण पत्र डिजीपत्र पर अपलोड करेंगे, प्रत्येक प्रमाण पत्र पर उन्हें क्यूआर कोड व यूनिक आईडी मिलेगी और एक बार डाटा अपलोड होने के बाद, उसे हटाया नहीं किया जा सकेगा. डिग्री, डिप्लोमा या अन्य किसी भी कार्यक्रम के प्रमाण पत्र की देखरेख आधुनिक तरीके से की जा सकेगी. ब्लॉकचेन एक डेटाबेस है, जिसमें डाटा स्टोर किया जाता है, जो एक चेन में एक साथ जुड़े होते हैं.

डिजीलॉकर से इस तरह अलग है डिजीपत्र

शुभम ने बताया कि एक सर्टिफिकेट पर करीब 12 से 30 रुपये तक का खर्च आता है. उन्होंने बताया कि वैसे तो अभी लोग डिजिलॉकर पर डाटा अपलोड करते हैं, लेकिन ये आम आदमी के लिए वॉलेट की तरह काम करता है, जिसमें डेटा भेजने के लिए लोगों को अपने स्तर पर काफी काम करना पड़ता है. क्योंकि वह एक सामान्य तकनीक पर आधारित है. वहीं, डिजीपत्र को खासतौर पर इंस्टिट्यूट के लिए डिजाइन किया गया है. उसमें डेटा भेजने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. इस सॉफ्टवेयर में डेटा अपलोड करने पर, एक से अधिक सर्वर पर डेटा एक साथ सुरक्षित हो जाता है, इससे हैकिंग का खतरा बहुत कम हो जाता है. इसके अलावा वह डिजीलॉकर के साथ साझेदारी के लिए भी प्रयास कर रहे हैं, ताकि इस टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा अडोप्शन हो सके.  


क्या सैटेलाइट ब्रॉडबैंड की दौड़ में Musk और Ambani को पीछे छोड़ देंगे सुनील मित्तल?

एलन मस्क की स्टारलिंक और मुकेश अंबानी की रिलायंस Jio भी इस दौड़ में शामिल हैं.

Last Modified:
Monday, 18 March, 2024
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भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड (Satellite Broadband) शुरू करने की दौड़ बेहद रोमांचक हो गई है. एलन मस्क (Elon Musk) की स्टारलिंक (Starlink) और मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की रिलायंस जियो (Reliance Jio) के साथ-साथ अब सुनील मित्तल की भारती एयरटेल भी इस दौड़ में शामिल हो गई है. खबर तो यहां तक है कि एंट्री के साथ ही एयरटेल ने अपने 2 सबसे ताकतवर प्रतिद्वंदियों को पीछे छोड़ने की तैयारी भी कर ली है. बता दें कि भारती एयरटेल के निवेश वाली कंपनी Eutelsat OneWeb देश में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा शुरू करना चाहती है.

डेमो एयरवेव का इस्तेमाल शुरू
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, Eutelsat OneWeb ने एडमिनिस्ट्रेटिव रूट के माध्यम से 90 दिनों की अवधि के लिए ‘का’ एंड ‘कू’ बैंड का डेमो सैटेलाइट स्पेक्ट्रम हासिल किया है. ‘का’ बैंड स्पेक्ट्रम अर्थ स्टेशनों के संचालन के लिए महत्वपूर्ण है और ‘कू’ बैंड यूजर्स एक्सेस टर्मिनलों का समर्थन करता है. इसके साथ ही यूटेलसैट वनवेब ने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड नेटवर्क पर डेमो एयरवेव का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. अभी केवल रक्षा बलों और कुछ बड़ी सरकारी कंपनियों को ही यह सेवा दी जा रही है, लेकिन जल्द ही इसे कमर्शियल लॉन्च किया जाएगा. 

इसलिए रेस में है आगे 
एलन मस्क की स्टारलिंक सीधे रिटेल यूजर्स को सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं देगी जबकि यूटेलसैट वनवेब पूरी तरह से B2B मॉडल पर काम करेगी. दूरसंचार विभाग यानी DoT सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के एडमिनिस्ट्रेटिव आवंटन को अंतिम रूप देने और नियामक गाइडलाइन के आधार पर मूल्य निर्धारण करने की प्रक्रिया में है. नया दूरसंचार कानून अब एडमिनिस्ट्रेटिव चैनलों के माध्यम से सैटेलाइट स्पेक्ट्रम के आवंटन की सुविधा प्रदान करता है. वैसे तो सैटेलाइट इंटरनेट की दौड़ में Jio, Starlink के अलावा, TATA, Amazon Kuiper जैसे नाम भी शामिल हैं, लेकिन तैयारियों को देखकर यूटेलसैट वनवेब के अव्वल आने की संभावना अधिक है. कंपनी के पास स्पेस इंडस्ट्री रेगुलेशन, IN-SPACe से आवश्यक लाइसेंस हैं. गुजरात और चेन्नई के पास कंपनी के अर्थ स्टेशन भी चालू हैं.  

Jio को टक्कर दे पाएंगे मस्क?
Elon Musk की कंपनी स्टारलिंक की बात करें, तो यह अमेरिका में सफल रही है. स्टारलिंक सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस की सबसे खास बात ये है कि इसमें जमीन पर टावर लगाने की जरूरत नहीं होती है. सीधे सैटेलाइट से इंटनेट सर्विस मिलती है. इसके चलते दूरदराज के इलाकों में भी अच्छी स्पीड वाला इंटरनेट प्रदान किया जा सकता है. भारत में इंटरनेट का जाल तेजी से फैला है, लेकिन कनेक्टिविटी की समस्या अभी भी कायम है. एक्सपर्ट मानते हैं कि स्टारलिंक के आने से न केवल इंटरनेट की स्पीड बढ़ेगी, बल्कि कनेक्टिविटी की समस्या भी दूर होगी. हालांकि, अगर मस्क और अंबानी की टक्कर के लिहाज से देखें, तो Musk की कंपनी के लिए मुकेश अंबानी की रिलायंस Jio को टक्कर देना आसान नहीं होगा. इसकी कई वजह हैं, लेकिन सबसे अहम है इंटरनेट सर्विस की कीमत. अमेरिका में स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस के लिए करीब 7 हजार रुपए प्रति महीना चार्ज करती है. भारत में इतना पैसा देने को लोग शायद ही तैयार हों.


स्लिम और स्टाइलिश फोन खरीदना चाहते हैं? Vivo दे रहा बंपर डिस्काउंट

Vivo ने हाल में V30 और V30 Pro वैरिएंट के फोन लॉन्च किए हैं. इन स्मार्टफोन पर स्पेशल लॉन्च ऑफर दे रहा है. ये ऑफर 20 मार्च कर वीवो के ई स्टोर पर मिलेगा.

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Monday, 18 March, 2024
vivo v 30 smartphone

स्लीम और कम वजन वाले फोन की तलाश कर रहे हैं, तो ये जानकारी आपका दिल खुश कर सकती है. वीवो (Vivo) अपने नए फोन पर स्पेशल लॉन्च ऑफर दे रहा है. दरअसल, वीवो ने हाल ही में अपने भारतीय ग्राहकों के लिए Vivo V30 और V30 Pro स्मार्टफोन लॉन्च किए हैं. इन दोनों ही फोन को कंपनी ने अपनी वी सीरीज में पेश किया है. ये दोनों ही फोन 5000mAh बैटरी से लैस हैं. अगर आप एक स्लिम, स्टाइलिश और कैमरा स्पेसिफिक फोन खरीदना चाहते हैं, तो वीवो के नए फोन आपके लिए बेहतर विकल्प हैं. आइए आपको बताते हैं वीवो अपने इन स्टमार्टफोन पर कितना डिस्काउंट  ऑफर कर रहा है और आप कहां इस ऑफर का लाभ ले सकते हैं.

Vivo V30 स्मार्टफोन के तीन वेरिएंट और उनकी कीमत
Vivo V30 स्मार्टफोन में तीन वेरिएंट कंपनी तीन वेरिएंट दे रही है, जिसमें 8GB+128GB, 8GB+256GB और 12GB+256GB शामिल हैं. Vivo V30 स्मार्टफोन के 8GB+128GB वेरिएंट की कीमत 33,999 रुपये, Vivo V30 स्मार्टफोन के 8GB+256GB वेरिएंट की कीमत 35,999 रुपये और Vivo V30 स्मार्टफोन के 12GB+256GB वेरिएंट की कीमत 37,999 रुपये है.

Vivo V30 Pro स्मार्टफोन के दो वेरिएंट और उनकी कीमत
Vivo V30 Pro स्मार्टफोन मेंदो वेरिएंट 8GB+256GB और 12GB+512GB ये दो वेरिएंट हैं. इसमें Vivo V30 Pro स्मार्टफोन के 8GB+256GB वेरिएंट की कीमत 41,999 रुपये और Vivo V30 Pro स्मार्टफोन के 12GB+512GB वेरिएंट की कीमत 46,999 रुपये है. 

इतना मिल रहा डिस्काउंट
इन दोनों ही फोन की खरीदारी पर डिस्काउंट ऑफर किया जा रहा है, जिसका लाभ आप 20 मार्च तक ले सकते हैं. ये ऑफर  आपको केवल वीवो के ई स्टोर पर ही मिलेगा. वीवो की ऑफिशियल वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार HDFC/ICICI Credit & Debit Card के साथ खरीदारी करते हैं, तो आपको V30 (8/128) पर 3399.90 रुपये का डिस्काउंट, V30 (8/256) पर 3599.90 रुपये का डिस्काउंट, V30 (12/256) पर 3799.90 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा. वहीं, V30 Pro (8/256) पर 4199.90 रुपये का डिस्काउंट और V30 Pro (12/512) पर 4699.90 रुपये का डिस्काउंट मिलेगा. 


 


सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं AI से बनीं फेक फोटो और वीडियो, ऐसे करें पहचान

सोशल मीडिया पर कई सिलेब्रिटीज की AI से बनीं फोटो और वीडियो वायरल हो रही हैं. आप कई टेक्नोलॉजी और सामान्य तरीकों से इन फेक फोटो और वीडियो की पहचान कर सकते हैं.

Last Modified:
Friday, 15 March, 2024
Artificial Intelligence

सोशल मीडिया पर  इन दिनों आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स से बनीं तस्वीरें और वीडियो खूब वायरल हो रही हैं. इनमें नेताओं से लेकर फिल्मी सितारे, स्पोर्ट्समैन आदि सिलेब्रिटीज की फोटो भी शामिल हैं. अगर आपको इनमें कौन-सी एआई की मदद से तैयार की गई फोटो और वीडियो की पहचान करनी है, तो इसे आसानी से पहचाना जा सकता है. तो आईए हम आपको कुछ ऐसी जरूरी बातें बताते हैं, जिनसे आप इन्हें पहचान सकते हैं.

सिलेब्रिटीज की फोटो वीडियो हो रही वायरल

एआई टूल्स का प्रयोग हर क्षेत्र में प्रोडक्टिविटी बढ़ाने के लिए हो रहा है. वहीं, इसका इस्तेमाल सोशल मीडिया पर गलत इन्फॉर्मेशन फैलाने के लिए भी किया जा रहा है. आए दिन हमें व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एआई जनरेटेड कंटेंट वायरल होते रहते हैं. वायरल हो रहे इन कंटेंट में बॉलीवुड सलेब्स, स्पोर्ट्समैन और नेताओं के फोटो वीडियो शामिल होते हैं. AI जनरेटेड कंटेंट की आसानी से पहचान की जा सकती हैं.

1.सोर्स की पहचान- कोई भी वीडियो या फोटो एआई से बनी है या नहीं इसकी पहचान ऑरिजनल सोर्स से कर सकते हैं. इसके लिए आप गूगल इमेज सर्च की मदद ले सकते हैं. इसके साथ ही दूसरे इमेज सर्च टूल्स जैसे TinEye और Yandex की भी मदद ली जा सकती है. यहां इमेज अपलोड कर आपको इससे जुड़े रिजल्ट दिखाई देंगे. इससे आप इमेज के सोर्स का पता कर सकते हैं. अगर इमेज इंटरनेट पर पहले मौजूद नहीं होगी तो रिजल्ट नहीं मिलेंगे.

2.फोटो के बैकग्राउंड को ध्यान से देखें - एआई की मदद से बनी फोटो को ध्यान से देखेंगे तो आपको इनका बैकग्राउंड काफी ब्लरी और अधूरा नजर आएगा. इसे जूम करके देखेंगे तो आप अंतर साफ देख पाएंगे. ऐसा इस वजह से होता है कि एआई सिर्फ फोटो बनाने में मुख्य ऑब्जेक्ट पर ही फोकस करता है. यही कारण है कि बैकग्राउंड को देखकर आप ऐसी फोटोज को आसानी से पहचान सकते हैं.

3.डिस्क्रिप्शन या वॉटरमार्क - एआई से बनी फोटो में वॉटरमार्क होता है. ध्यान से देखने पर आप इसकी पहचान इससे कर सकते हैं. इसके साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एआई जनरेटेड वीडियो या फोटो शेयर किया हो तो इसके कीवर्ड,  टैग या डिस्क्रिप्शन को पढ़कर आप यह जान सकते हैं कि इसे एआई  से बनाया गया है या नहीं.

 4. हावभाव और बारीकियां - एआई से तैयार किए फोटो और वीडियो को ध्यान से देखें तो हावभाव और बारीकियों को देखकर इनकी पहचान करवाई जा सकती है. फोटो- वीडियो में व्यक्ति की आंखे,  दांत,  बाल और शरीर के दूसरे अंगों की बनावट में गड़बडी से एआई जनरेटेड फोटो और वीडियो की पहचान की जा सकती है. एआई से बनी फोटो और वीडियो में अक्सर ऑब्जेक्ट एक दूसरे से मैश-अप रहते हैं.

5. एआई-डिटेक्शन टूल्स - एआई से बनी फोटो और वीडियो को पहचानने के लिए आप माइक्रोसॉफ्ट वीडियो ऑथेंटिकेटर, एआई और नॉट जैसे टूल्स की मदद ले सकते हैं. इसके साथ ही गूगल क्रोम ब्राउजर पर कई एक्सटेंशन भी मौजूद हैं, जिनका इस्तेमाल किया जा सकता है.

 


आखिर ऐसा क्या हुआ कि सरकार ने इन 18 OTT Platforms को कर दिया Block? 

केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने चेतावनी के बावजूद सुधार नहीं करने वाले OTT प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है.

Last Modified:
Thursday, 14 March, 2024
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केंद्र सरकार ने कुछ OTT प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्र सरकार के केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 18 OTT प्लेटफॉर्म्स को ब्लॉक करने का फैसला लिया है. इन प्लेटफॉर्म को सरकार की तरफ से कई बार चेतावनी दी जा चुकी थी, लेकिन जब इसके बाद भी उन्होंने सुधार नहीं किया तो सरकार को उन्हें ब्लॉक करने का फैसला लेने पड़ा. 

इन पर हुई कार्रवाई 
सरकार ने जिन 18 प्लेटफॉर्म पर कार्रवाई की है, वो अश्लील कंटेंट को बढ़ावा दे रहे थे. रिपोर्ट्स में बताया गया है कि सूचना प्रसारण मंत्रालय ने 18 OTT प्लेटफॉर्म को ब्लॉक कर दिया है. इन प्लेटफॉर्म को अश्लील कंटेंट को लेकर पूर्व में कई बार चेतावनी जारी की जा चुकी है. इसके अलावा, 19 वेबसाइट, 10 Apps और OTT Platform के 57 Social Media अकाउंट को भी ब्लॉक करने का फैसला लिया गया है.

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इन्हें किया गया ब्लॉक
सूचना प्रसारण मंत्रालय ने यह कार्रवाई 'इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट, 2000' की है. सरकार की कार्रवाई की जद में Dreams Films, Voovi, Yessma, Uncut Adda, Tri Flicks, X Prime, Neon X VIP, Besharams, Hunters, Rabbit, Xtramood, Nuefliks, MoodX, Mojflix, Hot Shots VIP, Fugi, Chikooflix और Prime Play जैसे OTT प्लेटफॉर्म्स आए हैं. सरकार की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इन प्लेटफॉर्म पर मौजूद अधिकतर कंटेंट में महिलाओं को अपमानजनक स्थिति में दिखाया गया है. साथ ही इन प्लेटफॉर्म में सेक्सुअल कंटेंट को अलग-अलग तरह से इस्तेमाल किया है, इसी के मद्देनजर यह कार्रवाई की गई है.

एक करोड़ डाउनलोड्स
सरकार ने जिन ओटीटी ऐप्स को ब्लॉक किया है, उनमें से कुछ ने दर्शकों तक अच्छी-खासी पहुंच बना ली है. एक ऐप के तो 1 करोड़ से अधिक डाउनलोड्स हैं. इसी तरह, दो ऐसे ऐप्स हैं, जिनके गूगल प्ले स्टोर पर 50 लाख से अधिक डाउनलोड्स हैं. वहीं, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बात करें तो मंत्रालय के मुताबिक इन सभी ऐप्स के कुल मिलाकर 32 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं. ऐसे में यहां दिखाई जाने वाली सामग्री बड़े पैमाने पर लोगों को प्रभावित करती है. इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने उन्हें ब्लॉक कर दिया है. 
 


TikTok को पीछे छोड़, जानें कौन बना 2023 में दुनिया का सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाला App

इंस्टाग्राम 2023 में 768 मिलियन डाउनलोड के साथ सबसे अधिक डाउनलोड होने वाले ऐप बन गया है. इंस्टाग्राम की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. बच्चों से लेकर बड़े-बुजुर्ग भी इस पर खूब रील बनाते हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 13 March, 2024
Last Modified:
Wednesday, 13 March, 2024
Instagram

इंस्टाग्राम (Instagram) ऐप ने इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब धूम मचाई हुई है. छोटे छोटे गांव, कस्बों से लेकर बड़े बड़े शहरों में भी लोग रील बनाने के लिए इसका खूब इस्तेमाल कर रहे हैं. अब इंस्टाग्राम ने सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 2023 में सबसे अधिक डाउनलोड किए जाने वाले ऐप का खिताब अपने नाम करा लिया है. इस रिकॉर्ड के साथ ही इंस्टाग्रम ने टिकटॉक को भी पीछे छोड़ दिया है. भारत के साथ ही दुनियाभर में इंस्टाग्राम की लोकप्रियता दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार  इंस्टाग्राम ऐप डाउनलोड की कुल संख्या 2023 में  2022 की तुलना में 20 प्रतिशत तक बढ़ी है. 

टिकटॉक को टक्कर दे रहा इंस्टाग्राम
इंस्टाग्राम ने टिकटॉक को देखकर ही 2020 में इंस्टाग्राम रील्स जैसे फीचर की शुरुआत की थी, जिसमें यूजर्स को 15 सेकेंड से लेकर 90 सेकेंड्स तक की वीडियो क्लिप शेयर करने की सुविधा है. सेंसर टावर के सीनियर इनसाइट्स मैनेजर अब्राहम यूसेफ ने मीडिया को बताया है कि पिछले कुछ सालों में इंस्टाग्राम ने अपने रील्स फीचर की लोकप्रियता के साथ पुराने सोशल मीडिया फीचर्स और फंक्शन्स को अपनाने के मामले में टिकटॉक से बेहतर प्रदर्शन किया है. एक्सपर्ट्स के अनुसार इंस्टाग्राम ने नए यूजर्स को शामिल करने के साथ ही शॉर्ट-फॉर्म वीडियो की मदद से अपने पुराने यूजर्स को भी ऐप से जोड़े रखा है. मार्केट इंटेलिजेंस फर्म सेंसर टॉवर ने जानकारी दी है कि इंस्टाग्राम ऐप डाउनलोड की कुल संख्या 2023 में पिछले वर्ष (2022) की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़कर 768 मिलियन तक पहुंच गई, जबकि बाइटडांस के ऐप टिकटॉक की डाउनलोड संख्या केवल 4 प्रतिशत बढ़कर 733 मिलियन तक ही पहुंच सकी है.

लोगों को ऐसे आकर्षित कर रहा इंस्टाग्राम  
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार लोग तेजी से इंस्टाग्राम की ओर आकर्षित हो रहे हैं, क्योंकि यह फॉलोअर्स बेस से पैसा कमाने का एक बेहतर मंच है. हालांकि टिकटॉक भी किसी से पीछे नहीं है यह कंटेंट क्रिएटर्स को रातोंरात वायरल होने में मदद करता है. वहीं, इंस्टागआम के टिकटॉक से आगे निकलने का एक बहुत बड़ा कारण ये भी है कि वह बिना किसी वॉटरमार्क के आपको वीडियो डाउनलोड करने देता है, जबकि टिकटॉक में टिकटॉक-वॉटरमार्क के साथ ही वीडियो डाउनलोड होती है. भारत में टिकटॉक का बैन होना भी इंस्टाग्राम के आगे बढ़ने का एक अहम कारण हो सकता है. पिछले साल की चौथी तिमाही में टिकटॉक पर 1 अरब से अधिक एक्टिव यूजर्स ने औसतन 95 मिनट बिताए, जबकि इंस्टाग्राम पर 62 मिनट बिताए गए.


 


भारत में इन बड़े बदलावों के साथ फोर्ड की वापसी, जानें नए वैरिएंट में क्या फीचर्स मिलेंगे?

Ford Motor)भारत में वापसी करने वाली है. अगर कंपनी की यहां एंट्री होती है, तो Endeavour फिर से भारतीय सड़कों पर दौड़ते हुए नजर आएगी. बता दें, फोर्ड ने 2021 में भारत में अपना कारोबार समेट लिया था. 

Last Modified:
Tuesday, 12 March, 2024
Ford

अमेरिका की बड़ी कार निर्माता कंपनी जल्द ही भारत में वापसी करने जा रही है. बता दें, फोर्ड ने 2021 में भारत में अपना कारोबार बंद कर दिया था. अब यह कंपनी अपनी एसयूवी एंडेवर (Endeavour) के साथ भारत में वापसी करेगी. इस नए वेरिएंट में कई बदलाव किए गए हैं. कार के सामने की ओर बड़ी ग्रिल और मैट्रिक्स एलईडी हेडलाइट और एलईडी डीआरएल यूनिट्स के साथ SUV का आकार अब और चौकोर हो गया है. हेडलाइट यूनिट एक हॉरिजेंटल पट्टी से जुड़ी हुई हैं. वेरिएंट के आधार पर अलॉय व्हील का आकार 17 इंच से 21 इंच के बीच रखा गया है.

ग्लोबल मार्केट में इस नाम से बिकती है फोर्ड एंडेवर

आपको बता दें कि Ford अपनी इस प्रीमियम एसयूवी को ग्लोबल मार्केट में Everest के नाम से बेचती है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फोर्ड मोटर पर दो साल के अंतराल के बाद भारत लौटने की योजना बना रही है. जिन मॉडलों को यह लॉन्च कर सकता है, उनमें एंडेवर भी शामिल है. इस एसयूवी को हाल ही में Ford Ranger के साथ देखा गया था,  इसके बाद फोर्ड की भारत में वापसी की संभावना तेज हो गई है.

Ford Endeavour (Everest) में क्या नया?
फोर्ड, एंडेवर को ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण-पूर्व एशिया जैसे वैश्विक बाजारों में एवरेस्ट के नाम से बेची जाती है. फोर्ड के भारत से 2022 में बाहर निकलने के बाद अब Endeavour  यहां फिर से वापसी करने जा रही है. अपने नए अवतार में एंडेवर का आकार 146 मिमी तक बढ़ गया है. इसमें लैडर फ्रेम आर्किटेक्चर पहले जैसा ही है. एसयूवी की लंबाई और ऊंचाई में भी मामूली वृद्धि हुई, जबकि व्हीलबेस 2,850 मिमी से बढ़कर 2,900 मिमी हो गया,  जिससे केबिन के अंदर अधिक जगह दी गई है.

ऐसा होगा डिजाइन
नई एंडेवर में कई बदलाव किए गए हैं. सामने की ओर बड़ी ग्रिल और मैट्रिक्स एलईडी हेडलाइट और एलईडी डीआरएल यूनिट्स के साथ एसयूवी का आकार अब अधिक बड़ा और चौकोर हो गया है. हेडलाइट यूनिट एक हॉरिजेंटल पट्टी से जुड़ी हुई हैं. वेरिएंट के आधार पर अलॉय व्हील का आकार 17 इंच से 21 इंच के बीच रखा गया है.

ये होंगे फीचर्स
ये एसयूवी कई बेहतरीन फीचर्स के साथ आएगी, जिसमें 12 इंच का टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम, पैनोरमिक सनरूफ, पावर्ड फ्रंट सीट्स, पावर्ड टेलगेट, ऑटो-फोल्डिंग थर्ड रो सीट्स शामिल हैं. इसके अलावा एसयूवी का इंटीरियर ऑल-ब्लैक थीम के साथ आएगा. 

कैसा होगा इंजन
भारत में देखी गई एवरेस्ट एसयूवी 2.0-लीटर टर्बो डीजल या 2.0-लीटर बाई-टर्बो डीजल इंजन वाली हो सकती है. टर्बो इंजन 168 bhp की पावर प्रोड्यूस कर सकता है, जबकि बाई-टर्बो 208 bhp की पावर जेनरेट कर सकता है. टॉर्क आउटपुट 405 एनएम है. टर्बो डीजल इंजन 6-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन का उपयोग करता है, जबकि Bi-टर्बो में 10-स्पीड ऑटोमैटिक ट्रांसमिशन मिलता है.


सरकार की सख्ती से चीनी कंपनियों के उड़े होश, अब उठा रहीं ये कदम

चीनी कंपनियों को लेकर बढ़ रही चिंता के मद्देनजर सरकार ने कुछ नियम तैयार किए हैं.

Last Modified:
Monday, 11 March, 2024
file photo

चीन और उसकी कंपनियां दुनियाभर में बदनाम हैं. चीन की कई कंपनियों पर अमेरिका जासूसी का आरोप लगा चुका है. भारत में भी पड़ोसी की कंपनियों पर सरकार की कड़ी नजर है. पिछले कुछ सालों में लगभग सभी प्रमुख चीनी स्मार्टफोन कंपनियां (Chinese Smartphone Companies) हमारी जांच एजेंसियों के रडार पर आई हैं. इन कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग, सीमा शुल्क और आयकर चोरी जैसे कई गंभीर आरोप लगे हैं. ऐसे में अब ये कंपनियां विवाद सुलझाने के लिए बीच का रास्ता तलाश रही हैं. कुछ कंपनियां प्रोडक्ट सप्लाई के प्राइमरी सोर्स के रूप में हर राज्य में भारतीय वितरकों को नियुक्त कर रही हैं.

बनाए हैं सख्त नियम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत में मौजूद चीनी कंपनियों को पिछले कुछ समय से जांच का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में उनके लिए बाजार में बना रहना मुश्किल हो रहा है. इसलिए वीवो और ओप्पो जैसी कंपनियां प्रोडक्ट सप्लाई के प्राइमरी सोर्स के रूप में हर राज्य में भारतीय वितरकों को नियुक्त कर रही हैं. दरअसल, भारत में चीनी स्मार्टफोन कंपनियों को लेकर बढ़ती चिंता के मद्देनजर सरकार ने इन कंपनियों के लिए कुछ सख्त नियम लागू किए हैं. जिसमें चीनी स्मार्टफोन ब्रैंड्स का प्रबंधन भारतीय होना प्रमुख है. यानी कि कंपनी के प्रमुख अधिकारियों, जैसे कि CEO, COO, CFO और CTO भारतीय नागरिक होने चाहिए.

पहली वाली व्यवस्था बदली
इसके अलावा, सरकार यह भी चाहती है कि चीनी कंपनियां का वितरक भारतीय हो. इसके जरिए सरकार का उद्देश्य भारत में डिस्ट्रीब्यूशन स्ट्रक्चर को लोकल बनाना है. पहले चीनी स्मार्टफोन कंपनियों के पास हर राज्य में एक या दो चीनी स्वामित्व वाली और प्रबंधित वितरण कंपनियां थीं, जिन्हें एजेंट कहा जाता था. एजेंट स्थानीय वितरकों के माध्यम से खुदरा विक्रेताओं तक सामान पहुंचाते थे. लेकिन अब सरकार के साथ टकराव को दूर करने के लिए प्रोडक्ट सप्लाई के प्राइमरी सोर्स के रूप में हर राज्य में भारतीय वितरकों को नियुक्त किया जा रहा है.

अब तक इन्होंने उठाया कदम
अब, Vivo ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में एजेंट व्यवस्था खत्म करते हुए इन राज्यों के लिए भारतीय वितरकों को नियुक्त किया है. कंपनी अन्य राज्यों में भी ऐसा करेगी. वहीं, Oppo ने दिल्ली में एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है. जबकि Xiaomi और Realme पहले से ही भारत में डिस्ट्रीब्यूशन के लिए भारतीय कंपनियों की मदद ले रही हैं. सरकार ने चीनी कंपनियों को यह भी स्पष्ट किया है कि उन्हें स्थानीय Contract Manufacturers का इस्तेमाल करना होगा. एक रिपोर्ट बताती है कि ओप्पो, वीवो और रियलमी ने डिक्सन टेक्नोलॉजीज और कार्बन ग्रुप जैसे भारतीय अनुबंध निर्माताओं के साथ स्मार्टफोन निर्माण शुरू कर दिया है, या शुरू करने की प्रक्रिया में हैं.

इस तरह मिलेगा फायदा
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि यह बदलाव भारत के लिए फायदेमंद है, इससे कई फायदे देखने को मिलेंगे. उदाहरण के तौर पर, रोजगार के नए अवसर उत्पन्न होंगे, स्मार्टफोन की कीमतों में कमी आ सकती है. इसके अलावा भारत में स्मार्टफोन इंडस्ट्री को भी मजबूती प्रदान करेगा. गौरतलब है कि पिछले कुछ सालों में, भारत में मौजूद चीनी स्मार्टफोन कंपनियों की बढ़ती शक्ति और प्रभाव को लेकर चिंताएं बढ़ी हैं. इन कंपनियों पर मनी लॉन्ड्रिंग, सीमा शुल्क चोरी और आयकर चोरी जैसे कई गंभीर आरोप भी लगे हैं. जिसके बाद जांच एजेंसियों ने इन कंपनियों पर छापेमारी की है.