सौरभ द्विवेदी ने कहा कि सुदूर गांव में बैठा कोई भी शख्स क्या पढ़ना चाहता है और क्या देखना चाहता है इसका अंदाजा एआई नहीं लगा सकता है बल्कि इंसान ही सोच सकता है.
ललित नारायण कांडपाल 8 months ago
आलोक मेहता ने पत्रकारिता के सामने आ रही चुनौतियों एवं प्रिंट, टेलीविजन, एवं डिजिटल पत्रकारिता के बारे में भी बात की.
पवन कुमार मिश्रा 8 months ago
प्रदीप भंडारी ने कहा कि आज ब्रॉडकॉस्ट में शेयर कम हो रहा है जबकि डिजिटल का शेयर बढ़ रहा है.
ललित नारायण कांडपाल 8 months ago
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मौजूदा टीआरपी सिस्टम का कोई आधार नहीं है, इसे पूरी तरह से सोशल मीडिया पर आधारित होना चाहिए.
ललित नारायण कांडपाल 8 months ago