1989 से पहले तक इस गांव की हालत बद से बदतर थी, लेकिन 1989 में पोपटराव पवार को गांव का सरपंच चुना गया. उस दिन के बाद से तो जैसे गांव में रिफॉर्म की बयार बह गई.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो 1 year ago