IPL2024: सादगी पसंद इस क्रिकेटर पर मेहरबान हैं लक्ष्मी, कमाई जान उड़ जाएंगे होश

भारतीय क्रिकेट टीम के ऑफ स्पिनर व राजस्थान रॉयल्स के खिलाड़ी आर अश्विन सोमवार को आईपीएल में एक स्पेशल डबल सेंचुरी पूरी करके धोनी, कोहली और रोहित शर्मा वाले एलीट ग्रुप में शामिल होंगे.  

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Monday, 01 April, 2024
R Ashwin

ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) भारतीय क्रिकेट टीम के बड़े खिलाड़ियों में से एक हैं. दुनिया भर में अश्विन की बहुत बड़ी फैन फॉलोइंग है. अश्विन सोमवार को IPL (आईपीएल) 2024  में अपनी स्पेशल डबल सेंचुरी पूरी करके धोनी, कोहली वाले एक खास ग्रुप में शामिल हो जाएंगे. इस ग्रुप में वो लोग शामिल हैं, जिन्होंने आईपीएल में 200 या उससे अधिक मैच खेले हैं. ऐसे में इस खास मौके पर हम आपको आज सादगी से रहने वाले इस क्रिकेटकर की नेटवर्थ भी बताते हैं, जिसे जानकर आपके होश उड़ जाएंगे. तो चलिए जानते हैं अश्विन कहां -कहां से कितनी कमाई करते हैं. 

130 करोड़ रुपये की संपत्ति के मालिक 
आर अश्विन का जन्म 17 सितंबर 1986 को चेन्नई में हुआ. ऑफ स्पिनर अश्विन ने न केवल टेस्ट क्रिकेट बल्कि वनडे इंटरनेशनल और टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है. वह कई ब्रांडों का प्रचार भी करते हैं जहां वह अच्छी खासी रकम वसूलते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार आर अश्विन की कुल संपत्ति लगभग 132 करोड़ रुपये है. अपने बीसीसीआई अनुबंध के साथ, अश्विन आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स से 5 करोड़ रुपये कमाते हैं. 


 
IPL से मिलते हैं करोड़ों रुपये 
आर अश्विन की  क्रिकेट से सालाना कमाई 10 करोड़ से अधिक है और वह महीने के 50 लाख से अधिक कमाते हैं. वहीं, राजस्थान रॉयल्स से उन्हें सालाना 5 करोड़ रुपये सैलरी के तौर पर मिलते हैं. 

BCCI से भी मिलते हैं 5 करोड़
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने अश्विन को ग्रेड-ए में शामिल किया हुआ है, ऐसे में उन्हें बोर्ड की ओर से भी 5 करोड़ रुपये सैलरी के रूप में मिलते हैं.   

ब्रैंड्स के प्रचार से भी होती है मोटी कमाई
अश्विन जूमकार, मूव, मिंत्रा जैसे विभिन्न ब्रैंडों के साथ साझेदारी में मोटी कमाई करते हैं. अश्विन बॉम्बे शेविंग कंपनी, स्पेक्समेकर्स और रामराज लिनन शर्ट्स का विज्ञापन करते हैं. वहीं, ओप्पो और कोलगेट के साथ साझेदारी की हुई है. साथ ही ट्रॉली बैग के एक बड़े ब्रैंड अरिस्टोक्रेट्स बैग्स से भी जुड़ै हैं. इनसे भी उनकी करोड़ों रुपये की कमाई होती है. 

लग्जरी घर और गाड़ियों का कलेक्शन
अश्विन के पास चेन्नई में एक लग्जरी डिजाइनर घर है. इसके अलावा देश भर में उनके पास कई रियल-एस्टेट संपत्तियां हैं. उनके पास दुनिया की कुछ बेहतरीन लग्जरी कारें हैं, जिनमें ऑडी, रोल्स-रॉयस आदि शामिल हैं.


पूर्व क्रिकेटर पद्म भूषण कपिल देव बने  PGTI के नए कप्तान 

प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (PGTI) के नए अध्यक्ष बनने पर पूर्व क्रिकेटर पद्म भूषण कपिल देव (Kapil Dev) को सम्मानित किया गया.

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Thursday, 25 July, 2024
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प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (PGTI) के नए अध्यक्ष बनने पर पूर्व क्रिकेटर पद्म भूषण कपिल देव (Kapil Dev) को सम्मानित किया गया. इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी शामिल हुईं.

छठे एमपी गोल्फ कप की घोषणा
प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया (PGTI) के नए अध्यक्ष बनने पर पूर्व क्रिकेटर पद्म भूषण कपिल देव (Kapil Dev) को सम्मानित किया गया. इसके साथ ही आयोजकों ने इस साल नवंबर में आयोजित होने वाले छठे एमपी (संसद सदस्य) गोल्फ कप की घोषणा भी की. इस अवसर पर आयोजकों ने भारत में गोल्फ को और अधिक बढ़ावा देने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी के संरक्षण में जेआईटी गोल्फ प्रीमियर लीग (Golf Premier League) के लॉन्च की योजना का खुलासा भी किया. 

अधिक आर्थिक मदद से गोल्फ खेल बढ़ेगा आगे 
इस अवसर पर कपिल देव ने कहा कि गोल्फ जिस क्रांति से गुजर रहा है उसका हिस्सा बनकर वह काफी खुश हैं. अब इस खेल के प्रति लोगों का नजरिया बदल गया है. भारत से अब पेशेवर रूप से गोल्फ खेलने वालों की संख्या भी बढ़ रही है, ऐसे में अधिक आर्थिक मदद से ही ये क्षेत्र आगे बढ़ेगा.

दीक्षा डागर लेडीज यूरोपियन टूर में जीत हासिल करने वाली दूसरी भारतीय गोल्फर

कपिल देव ने कहा कि पेरिस ओलंपिक में भाग लेने जा रही अर्जुन पुरस्कार विजेता दीक्षा डागर इस बात का उदाहरण हैं कि कैसे भारतीय गोल्फ प्रतिभा को वैश्विक मंच पर सम्मानित और मान्यता दी जा रही है. वह अदिति अशोक के बाद लेडीज यूरोपियन टूर में जीत हासिल करने वाली दूसरी भारतीय गोल्फर हैं और 18 साल की उम्र में ऐसा करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला हैं. 

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पेशेवर महिला गोल्फर पेशेवर पुरुष गोल्फरों के साथ खेलें

पीजीटीआई के नए अध्यक्ष के रूप में कपिल देव ने कहा कि हमें खेल की मानसिकता वाले अधिक लोगों की जरूरत है और खेल को और अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए टी20 प्रारूप की संभावना पर विचार करना चाहिए, जहां पेशेवर महिला गोल्फर पेशेवर पुरुष गोल्फरों के साथ खेलें. 

पूर्व मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा
इस मौके पर मुख्य अतिथि पूर्व विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वह खुश हैं कि महिलाएं भी अब गोल्फ जैसे खेलों में बढ़ चढ़कर शामिल हो रही हैं. पेशेवर लोगों के अलावा कैडी से लेकर गोल्फ कोर्स स्टाफ और यहां तक कि पर्यटन उद्योग तक एक बड़ा समुदाय इससे लाभान्वित हो रहा है. 

60 से अधिक पेशेवर महिला गोल्फर 

भारतीय महिला गोल्फ संघ (WGAI) की अध्यक्ष और महिला इंडियन ओपन गोल्फ की चेयरपर्सन कविता सिंह ने कहा कि ज्यादातर कॉरपोरेट्स की मदद से हम एक लंबा सफर तय कर चुके हैं, अब हमारे पास 60 से अधिक पेशेवर महिला गोल्फर हैं, जिनमें शौकिया भी शामिल हैं. अब लड़कियां खेल से अपनी जीवनयापन भी कर सकती हैं. 

 


26 जुलाई को होगा Paris Olympic 2024 का आगाज, घर बैठे फ्री में यहां देखें लाइव सेरेमनी

26 जुलाई 2024 से पेरिस ओलंपिक्स 20204 (Paris Olympics 2024) की शुरुआत होने जा रही है. इसमें 200 से अधिक देशों के लगभग 10,500 एथलीट शामिल होंगे, जिसमें 117 भारतीय खिलाड़ी हैं. 

रितु राणा by
Published - Thursday, 25 July, 2024
Last Modified:
Thursday, 25 July, 2024
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शुक्रवार यानी 26 जुलाई की शाम को ओपनिंग सेरेमनी (Opening Ceremony) के साथ पेरिस ओलंपिक्स 2024 की शुरुआत हो जाएगी. अगर आप भी ओलंपिक का लाइव प्रसारण देखकर खेलों का आनंद लेना चाहते हैं, तो सेरेमनी शुरू होने से पहले अपने फोन में एक ऐप को इंस्टॉल करना होगा. इस ऐप के जरिए आप फ्री में ओलंपिक खेल देख सकते हैं. तो आइए जनते हैं भारतीय समयानुसार पेरिस ओलंपिक 2024 ओपनिंग सेरेमनी कितने बजे से शुरू होगी और आप कौन- से ऐप में इसका लाइव प्रसारण देख सकते हैं?

कब शुरू होगी ओपनिंग सेरेमनी?
पेरिस ओलंपिक्स 2024 का काउंटडाउन शुरू हो गया है, पेरिस में खेले जाने वाले ओलंपिक खेलों की Opening Ceremony कल यानी 26 जुलाई को भारत के समयानुसार रात 11 बजे से शुरू होगी, जोकि अगले दिन 27 जुलाई देर रात 2 बजे तक चल सकती है. इसमें 200 से अधिक देशों के लगभग 10,500 एथलीट शामिल होंगे जिसमें 117 भारतीय खिलाड़ी भी शामिल हैं. वहीं, खेलों का समापन 11 अगस्त को होगा.

पेरिस में 100 साल बाद ओलंपिक खेलें की वापसी

आपको बता दें, पेरिस एक बार फिर से ओलंपिक विलेज बन रहा है. इससे पहले 1924 और 1900 में पेरिस ओलंपिक की मेजबानी कर चुका है. इसका मतलब पूरे 100 साल बाद यहां ओलंपिक्स का आयोजन होने जा रहा है. इस बार ओलंपिक में सभी एथलीट 329 मेडल स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करेंगे. 

यहां देखें फ्री स्ट्रीमिंग
भारतीय समयानुसार 26 जुलाई 2024 रात 11 बजे से पेरिस ओलंपिक 2024 की ओपनिंग सेरेमनी शुरू होगी. इवेंट की लाइव स्ट्रीमिंग देखने के लिए आपको बस मोबाइल फोन में Reliance Jio कंपनी के Jio Cinema App को डाउनलोड और इंस्टॉल करना होगा. ये ऐप आपको गूगल प्ले स्टोर और एपल एप स्टोर पर आसानी से मिल जाएगा. फोन में जियो सिनेमा ऐप को इंस्टॉल करने के बाद आपको बस फोन नंबर डालकर ऐप में लॉग-इन करना होगा. एक बार आपने ऐप में लॉग-इन कर लिया तो फिर जैसे ही Paris Olympic 2024 Opening Ceremony शुरू होगी, आप ऐप से फ्री में लाइव स्ट्रीमिंग का लुत्फ उठा पाएंगे. वहीं, यूजर्स केवल Jio Cinema App पर ही नहीं, बल्कि जियो सिनेमा की ऑफिशियल वेबसाइट पर लॉग-इन करके भी इवेंट की लाइव स्ट्रीमिंग को देख पाएंगे. वहीं, पेरिस ओलंपिक 2024 का भारत में स्पोर्ट्स 18 नेटवर्क पर SD और HD दोनों चैनलों पर सीधा प्रसारण किया जाएगा.

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BCCI ने ओलंपिक में भाग ले रहे भारतीय खिलाड़ियों के लिए खोला खजाना, करोड़ों की देगी मदद

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भारतीय एथलीट्स के लिए एक बड़ा फैसला किया है. जय शाह ने घोषणा की है कि बोर्ड 8.5 करोड़ रुपए का फंड देगा.

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Monday, 22 July, 2024
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पेरिस ओलंपिक 2024 का 24 जुलाई से आगाज हो रहा है. इस बार भारत 26वीं बार ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहा है. भारत के कुल 117 खिलाड़ियों को भारत का तिरंगा लहराने की जिम्मेदारी मिली है. इस बड़े इवेंट के लिए बीसीसीआई ने एक बड़ा ऐलान किया है. बीसीसीआई ने ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहे खिलाड़ियों के समर्थन के लिए इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को करोड़ों रुपए देने का ऐलान किया है.

BCCI ने सचिव ने दी जानकारी

बीसीसीआई सचिव जय शाह ने सोशल मीडिया पर बड़ा ऐलान किया है. जय शाह ट्वीट करते हुए बताया कि मुझे यह घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है कि बीसीसीआई 2024 पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हमारे अविश्वसनीय एथलीटों का समर्थन करेगा. हम अभियान के लिए इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन को 8.5 करोड़ रुपए प्रदान कर रहे हैं.

पेरिस ओलंपिक में उतरेंगे 117 भारतीय एथलीट्स

बता दें कि इस बार पेरिस ओलंपिक में भारत के 117 खिलाड़ी भाग लेंगे. खेल मंत्रालय ने इसके अलावा सहयोगी स्टाफ के 140 सदस्यों को भी मंजूरी दी है, जिसमें खेल अधिकारी भी शामिल हैं. सहयोगी स्टाफ के 72 सदस्यों को सरकार के खर्चे पर मंजूरी मिली है. पेरिस ओलंपिक का आगाज 26 जुलाई को होगा, जो 11 अगस्त तक चलेगा. टोक्यो ओलंपिक में भारत के 119 खिलाड़ियों ने भाग लिया था, जिन्होंने 7 पदक जीते थे. इनमें नीरज चोपड़ा का भाला फेंक में जीता गया ऐतिहासिक स्वर्ण पदक है भी शामिल है. पेरिस ओलंपिक के लिए जिन खिलाड़ियों ने क्वालिफाई किया था, उनमें से केवल गोला फेंक की एथलीट आभा खटुआ का नाम सूची में नहीं है.

ओलंपिक में 29 खिलाड़ी एथलेटिक्स के रहेंगे

खिलाड़ियों की लिस्ट में सर्वाधिक 29 (11 महिला और 18 पुरुष) खिलाड़ी एथलेटिक्स के हैं. उनके बाद निशानेबाजी के 21 और हॉकी के 19 खिलाड़ी है. टेबल टेनिस में भारत के 8, जबकि बैडमिंटन में दो बार की ओलंपिक पदक विजेता के पीवी सिंधु सहित 7 खिलाड़ी भाग लेंगे. कुश्ती के 6, तीरंदाजी और मुक्केबाजी के 6-6 खिलाड़ी ओलंपिक में अपनी चुनौती पेश करेंगे. इसके बाद गोल्फ के 4, टेनिस के 3, तैराकी के 2, सेलिंग के 2 के खिलाड़ी है. घुड़सवारी, जूडो, रोइंग और भारोत्तोलन में एक-एक खिलाड़ी भाग लेंगे.
 

 

IPL में भी दिखेगा Adani का जलवा, इस टीम में खरीद सकते हैं कंट्रोलिंग स्टेक! 

मुकेश अंबानी और गौतम अडानी के बीच अब क्रिकेट की पिच पर भी मुकाबला देखने को मिल सकता है. अडानी एक आईपीएल टीम खरीदने जा रहे हैं.

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Friday, 19 July, 2024
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कारोबार की दुनिया में अंगद की तरह पैर जमाने वाले गौतम अडानी अब क्रिकेट की पिच पर भी पैर जमाने जा रहे हैं. अडानी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की एक टीम में कंट्रोलिंग स्टेक खरीद सकते हैं. यदि ऐसा होता है तो वह बिज़नेस के साथ-साथ क्रिकेट में भी मुकेश अंबानी को टक्कर देंगे. आईपीएल की टीम मुंबई इंडियंस का मालिकाना हक अंबानी के रिलायंस ग्रुप के पास है. वैसे, अडानी समूह स्पोर्ट्स में पहले से ही मौजूद है, लेकिन आईपीएल में उनकी कोई टीम नहीं है. अब गुजरात टाइटन्स के सहारे वह इसमें एंट्री ले सकता है.

खत्म हो रहा लॉक-इन पीरियड 
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, निजी इक्विटी फर्म CVC कैपिटल पार्टनर्स अपनी इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) की फ्रेंचाइजी 'गुजरात टाइटन्स' में कंट्रोलिंग स्टेक बेचने की तैयारी में है. कंपनी इसके लिए अडानी ग्रुप और टोरेंट ग्रुप के साथ बातचीत कर रही है. CVC की योजना अपनी आईपीएल फ्रेंचाइजी में ज्यादातर हिस्सेदारी बेचकर अपने पास माइनोरिटी स्टेक रखने की है. दरअसल, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) की लॉक-इन अवधि फरवरी 2025 में समाप्त होने वाली है. इसके बाद टीमों में हिस्सेदारी बेची जा सकती है. 

पहले चूक गए थे मौका
तीन साल पुरानी फ्रेंचाइजी 'गुजरात टाइटन्स' की वैल्यू 1 अरब डॉलर से 1.5 अरब डॉलर के बीच हो सकती है. CVC Capitals ने 2021 में ₹5,625 करोड़ में यह फ्रेंचाइजी खरीदी थी. अडानी ग्रुप 2021 में आईपीएल की अहमदाबाद फ्रेंचाइजी को खरीदना चाहता था, लेकिन चूक गया था. अब वह 'गुजरात टाइटन्स'में हिस्सेदारी खरीदकर अपनी पुरानी इच्छा पूरी कर सकता है. अडानी समूह के अलावा, इस दौड़ में शामिल दूसरी कंपनी टोरेंट भी गुजरात से ताल्लुख रखती है. कंपनी का मुख्यालय अहमदाबाद में है. वहीं, CVC कैपिटल का हेडक्वार्टर लक्जमबर्ग में है. इस बारे में अभी तीनों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है. 

पहले से हैं ये टीमें
अडानी समूह काफी पहले ही स्पोर्ट्स में एंट्री ले चुका है. उसके पास महिला प्रीमियर लीग (WPL) और UAE की इंटरनेशनल लीग T20 में टीमें हैं. अडानी ने 1,289 करोड़ रुपए की सबसे बड़ी बोली लगाकर WPL की अहमदाबाद फ्रैंचाइजी को खरीदा था. इसी तरह, मुकेश अंबानी के रिलायंस ग्रुप के पास आईपीएल की मुंबई इंडियंस के अलावा, साउथ अफ्रीका T20 लीग और UAE T20 लीग में एक-एक टीम हैं. रिपोर्ट्स के अनुसार, 2021 में अहमदाबाद टीम के लिए अडानी ग्रुप ने 5100 करोड़ और टोरेंट ग्रुप ने 4653 करोड़ की बोली लगाई थी, लेकिन CVC कैपिटल ने सबसे बड़ी बोली लगाकर दोनों को पीछे छोड़ दिया था. 

IPL विजेता रही है टीम
गुजरात टाइटन्स IPL विजेता रही है. इस टीम ने अपने पहले ही सीजन में IPL का खिताब जीत लिया था. टाटा आईपीएल 2022 का फाइनल मैच गुजरात टाइटन्स बनाम राजस्थान रॉयल्स के बीच खेला गया था. गुजरात टाइटन्स ने फाइनल मैच 7 विकेट से जीत लिया था. जानकी इस बार का आईपीएल कोलकाता नाइट राइडर्स ने जीता है. मुकेश अंबानी की मुंबई इंडियंस भी आईपीएल विजेता रह चुकी है. बता दें कि कुछ समय पहले खबर आई थी कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी इंग्लैंड के फुटबॉल क्लब लिवरपूल FC को खरीद सकते हैं. फेनवे स्पोर्ट्स ग्रुप (FSG) इस मशहूर को क्लब को बेचने के लिए तैयार हो गया है. लिवरपूल की डील कम से कम 381 अरब रुपए में हो सकती है. FSG की तरह से गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टेनली इस डील को फाइनल करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं.
 


आलीशान घर, महंगी गाड़ियां और करोड़ों की प्रॉपर्टी, हेड कोच गौतम गंभीर के पास बेशुमार दौलत

गौतम गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम का नया हेड कोच बनाया गया है. बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने ये जानकारी दी है.

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Wednesday, 10 July, 2024
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टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद राहुल द्रविड़ ने भारतीय टीम का हेड कोच पद छोड़ दिया था. अब भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने गौतम गंभीर को भारतीय क्रिकेट टीम का नया हेड कोच होने की जिम्मेदारी सौंपी है. गौतम गंभीर अब कोच का पद संभालेंगे, लेकिन इससे पूर्व उन्होंने कमेंट्री और IPL में मेंटॉरशिप करके खूब कमाई की है. इसके अलावा उन्होंने कई कंपनियों में मोटी रकम इन्वेस्ट की हुई है. तो चलिए जानते हैं कि भारतीय टीम के नए हेड कोच का नेट वर्थ कितना है और वो कितनी संपत्ति के मालिक हैं.

इतनी है नेटवर्थ

गौतम गंभीर दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेटरों में से एक हैं, जिनकी अनुमानित कुल संपत्ति 2024 में 265 करोड़ रुपये (32 मिलियन डॉलर) है. उन्होंने अपने क्रिकेट करियर, ब्रांड प्रायोजन और व्यावसायिक हितों से बहुत अधिक संपत्ति अर्जित की है. अपने क्रिकेट करियर और कमर्शियल स्पॉनसरशिप के अलावा, गंभीर ने कई जगह पैसा भी इनवेस्ट किया है. उनका एक कपड़ों का बिजनेस, एक रेस्तरां चेन है. इसके अलावा वह एक रियल एस्टेट फर्म के मालिक हैं. पिछले कई वर्षों में गौतम गंभीर की कुल संपत्ति और उनकी आय में 19% की वृद्धि होने का अनुमान है.

IPL से 25 करोड़ की कमाई

गौतम गंभीर ने IPL में आखिरी बार कोई मैच 2018 में खेला था, तब उन्हें एक सीजन खेलने के लिए 2.8 करोड़ रुपये मिलते थे. मगर IPL 2024 में उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स को एक मेंटॉर के तौर पर ज्वाइन किया था. मेंटॉर के तौर पर काम करने के लिए गंभीर ने IPL 2025 में 25 करोड़ रुपये चार्ज किए थे. जबकि IPL के सबसे महंगे खिलाड़ी मिचेल स्टार्क हैं, जिन्हें KKR ने 24.75 करोड़ रुपये में खरीदा था. गंभीर बिना कोई मैच खेले ही IPL में प्लेयर्स से ज्यादा कमाई कर लेते हैं.

गंभीर के पास आलीशान घर

गौतम गंभीर दिल्ली के निवासी हैं और उनका एक घर भारत के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में है. राजिंदर नगर के गौतम गंभीर के घर की कीमत 15 करोड़ रुपये है और इसका इस्तेमाल उनके मुख्य निवास के रूप में किया जाता है. इस मकान के अलावा, गौतम गंभीर के पास ग्रेटर नोएडा के जेपी विश टाउन में प्लॉट नंबर B009 है, जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपये है और मलकपुर गांव में एचएमडीए के 87 लेआउट में प्लॉट नंबर 324 है, जिसकी कीमत 1 करोड़ रुपये है.

गौतम गंभीर के पास हैं जबरदस्त गाड़ियां

गौतम गंभीर के पास उनके कलेक्शन में मारुति सुजुकी SX4 (8 लाख रुपये), टोयोटा कोरोला (20 लाख रुपये) और महिंद्रा बोलेरो स्टिंगर (9 लाख रुपये) का कस्टमाइज्ड वर्जन शामिल है। इनके अलावा, गौतम के पास ऑडी Q5 (52 लाख रुपये) और BMW 530D (67 लाख रुपये) जैसी शानदार कारें भी हैं। इसके अलावा, गौतम गंभीर के पास 75000 रुपये की KTM बाइक भी है।

गौतम गंभीर की इनवेस्टमेंट

गौतम गंभीर एक एक्टिव निवेशक हैं और उन्होंने विभिन्न सार्वजनिक और निजी कंपनियों में भारी निवेश किया है. उन्होंने HDFC इक्विटी फंड में 10 लाख रुपये का निवेश किया है और कोटक महिंद्रा समूह में 7 अलग-अलग श्रेणियों में लगभग 2.5 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके अलावा, गौतम गंभीर ने 3 अलग-अलग श्रेणियों में ICICI प्रूडेंशियल फंड में 2.21 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके अलावा और जगह भी गंभीर ने अच्छा खासा पैसा इनवेस्ट कर रखा है.
 


Happy Birthday- क्रिकेट के मैदान के बाद नेटवर्थ के मामले में भी ‘दादा’ हैं सौरव गांगुली

भारतीय क्रिकेट टीम आज जहां भी पहुंची है उसका काफी हद तक श्रेय पूर्व कप्तान सौरव गांगुली को दिया जाता है. उन्हीं गांगुली का आज जन्मदिन है.

Last Modified:
Monday, 08 July, 2024
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली आज (8 जुलाई) को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं. भारत के सबसे सफल कप्तानों में से एक गांगुली ने टीम इंडिया को नई पहचान दिलाई. टीम इंडिया में अपने साथियों के बीच 'दादा' के नाम से विख्यात गांगुली ने अपनी कप्तानी में भारत को कई यादगार जीत दिलाई. क्रिकेट से संन्यास के बाद भी बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष गांगुली सुर्खियों में बने रहते हैं. आइए जानते हैं गांगुली की कुल संपत्ति और सालाना कमाई के बारे में.

इतनी के गांगुली की नेटवर्थ 

प्रिंस ऑफ कोलकाता सौरव गांगुली को क्रिकेट के दीवाने देश भारत में किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है. वह सबसे प्रभावशाली भारतीय कप्तानों में से एक हैं. बंगाल टाइगर ने 2008 में क्रिकेट से संन्यास ले लिया, लेकिन इससे उनकी ब्रांड वैल्यू पर कोई खास असर नहीं पड़ा. सौरव गांगुली की अनुमानित कुल संपत्ति 700 करोड़ रुपये बताई जाती है. उनके पास कोलकाता के अलावा लंदन में 2 BHK प्रॉपर्टी है. क्रिकेट के अलावा टीवी इंडस्ट्री में भी अच्छा नाम कमाया है.

सौरव गांगुली की सैलरी

बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (CAB) हो या भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BBCI) 2012 में क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद गांगुली क्रिकेट प्रशासक भी रह चुके हैं, जो उनकी प्राथमिक कमाई का जरिया रहा है. इसके अलावा उन्होंने विभिन्न ब्रांड्स के लिए विज्ञापन भी जरिया है. अगस्त 2022 में, पूर्व BCCI अध्यक्ष को 'ड्रीमसेटगो' नामक एक स्पोर्ट्स एक्सपीरीयं एंड ट्रैवल प्लेटफॉर्म ने अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया. गांगुली को विको, लॉयड रोप्स, बंधन बैंक, लक्स कोजी, “एक्टिव.एआई” नामक एक सॉफ्टवेयर कंपनी ने भी ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया है.

विज्ञापन से कमाई

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक प्यूमा उन्हें प्रति वर्ष 1.35 करोड़ रुपये का भुगतान करती है. यह अनुमान लगाया गया है कि वह प्रति ब्रांड विज्ञापन के लिए प्रति वर्ष लगभग एक करोड़ रुपये चार्ज करते हैं. गांगुली एस्सिलोर लेंस, साइकिल अगरबत्ती, बर्नपुर सीमेंट और क्लासप्लस जैसे ब्रांडों का भी विज्ञापन करते हैं. गांगुली फॉर्च्यून राइस ब्रान ऑयल, माई 11 सर्किल ऐप और अजंता शूज का प्रचार करते हैं. 2019 में गांगुली को तीन साल की अवधि के लिए हीरो होंडा का ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया था. गांगुली ने 2019 में प्यूमा के साथ एक डील की और कथित तौर पर उन्हें प्रति वर्ष 1.35 करोड़ रुपये का भुगतान मिलता है.

सौरव गांगुली का घर

सौरव गांगुली का जन्म कोलकाता के बेहाला के एक हाई मिडिल क्लास फैमिली में हुआ था. उनका परिवार अभी भी शहर में सबसे अमीर है और दादा ने अभी तक अपना निवास स्थान नहीं बदला है. वह उसी घर में रहते हैं जहां उनका पालन-पोषण हुआ था. कथित तौर पर इस घर की कीमत 7 करोड़ रुपये है. पूर्व भारतीय कप्तान के पास लंदन में एक आलीशान 2 BHK अपार्टमेंट भी है।

सौरव गांगुली के निवेश

बंगाल टाइगर के पास कुल 6 लग्जरी कारें हैं, जिनमें ऑडी, मर्सिडीज और बीएमडब्ल्यू जैसे वैश्विक ब्रांड शामिल हैं. कारों के अलावा, उन्हें बाइक का भी शौक है और उनके पास दो बाइक हैं. इसके अलावा, गांगुली ने 'फ्लिक्सट्री' नामक एक इन्फोटेनमेंट स्टार्टअप और एक एडुटेक स्टार्टअप "क्लासप्लस" में भी निवेश किया है.
 

 

विश्व विजेता टीम इंडिया पर पैसों की बारिश, लेकिन कैसे होगा प्राइस मनी का बंटवारा?

टीम इंडिया पर पैसों की बारिश हुई है. T-20 वर्ल्ड कप जीतने पर BCCI और ICC से उसे अच्छी-खासी रकम मिली है.

Last Modified:
Monday, 08 July, 2024
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T-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया पर पैसों की बरसात हुई है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने हाल ही में टीम इंडिया को 125 करोड़ रुपए की प्राइज मनी देने का ऐलान किया था. 125 करोड़ का बंटवारा केवल प्लेयिंग 11 के बीच ही नहीं होगा, बल्कि चयनकर्ताओं और सपोर्ट स्टाफ को भी इसमें शामिल किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्राइज मनी में से सबसे ज्यादा हिस्सा T20 वर्ल्ड कप स्क्वॉड में शामिल 15 खिलाड़ियों को मिलेगा. टीम के कोच राहुल द्रविड़ सहित इन 15 प्लेयर्स को 5-5 करोड़ रुपए मिलेंगे. 

इन्हें मिलेंगे ढाई-ढाई करोड़
वहीं, रिंकू सिंह, खलील अहमद, आवेश खान और शुभमन गिल जैसे रिजर्व खिलाड़ियों को भी अच्छी-खासी रकम मिलेगी. इसी तरह, ढाई-ढाई करोड़ रुपए कोर कोचिंग स्टाफ में बांटे जाएंगे, इसमें बैटिंग कोच विक्रम राठौर, फील्डिंग कोच टी दिलीप और बॉलिंग कोच पारस म्हाम्ब्रे शामिल हैं. 125 करोड़ में से 1-1 करोड़ रुपए की राशि अजीत अगरकर की अगुवाई वाली सिलेक्शन कमेटी में शामिल 5 चयनकर्ताओं को मिलेगी.  

इनका भी होगा हिस्सा
खिलाड़ियों, कोच और चयनकर्ताओं के अलावा टीम के फिजियोथेरेपिस्ट - कमलेश जैन, योगेश परमार और तुलसी राम युवराज, थ्रोडाउन एक्सपर्ट - राघवेंद्र दवगी, नुवान उदेनेके और दयानंद गरानी, मालिश करने वाले -राजीव कुमार और अरुण कनाडे और स्ट्रेंथ एवं कंडीशनिंग कोच सोहम देसाई को 2-2 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. बता दें कि T20 वर्ल्ड कप के लिए खिलाड़ियों सहित कुल 42 लोगों का दल गया था. इसमें टीम के वीडियो विश्लेषक, बीसीसीआई स्टाफ सदस्य और लॉजिस्टिक्स मैनेजर शामिल हैं, इन्हें भी प्राइज मनी में से हिस्सा दिया जाएगा. 

ICC ने दिए इतने करोड़
फाइनल जीतने वाली टीम इंडिया को आईसीसी की तरफ से 20.40 करोड़ रुपए मिले हैं. इसी तरह, महाराष्ट्र सरकार ने भी विश्व चैंपियन को 11 करोड़ रुपए दिए हैं. राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बीते शुक्रवार को टी-20 विश्व कप जीतने वाली भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 11 करोड़ रुपए के नकद इनाम की घोषणा की थी. इस दौरान, सीएम शिंदे ने अपने भाषण में पाकिस्तान के खिलाफ टीम की जीत पर खुशी जताई और खासतौर पर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ फाइनल मैच में सूर्यकुमार यादव के शानदार कैच की तारीफ भी की.


Olympic में रहा है भारतीय हॉकी का स्वर्णिम इतिहास, क्या इस बार होगा कोई चमत्कार?

भारतीय ओलंपिक दल पेरिस 2024 के लिए रवाना हो रहा है, हॉकी के जादूगर की दिग्गज की कहानी सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा बनी हुई है.

Last Modified:
Friday, 05 July, 2024
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शनिवार, 15 अगस्त 1936 को सुबह लगभग ग्यारह बजे, आसमान साफ था और हल्की ठंडी हवा बर्लिन को ठंडक दे रही थी. तापमान आरामदायक बीस डिग्री सेंटीग्रेड था. ओलंपिक खेलों के लिए विशेष रूप से बनाए गए नए हॉकी स्टेडियम में 20,000 से अधिक दर्शक भरे हुए थे. सभी की नजरें एक आदमी पर टिकी थीं. वह मशहूर हॉकी के जादूगर थे जो किसी भी खेल का रुख अकेले बदल सकते थे. उस अद्वितीय खिलाड़ी का नाम था ध्यान चंद.

उस महत्वपूर्ण दिन, तीस वर्षीय ध्यान चंद ने अजेय भारतीय टीम का नेतृत्व किया जो ओलंपिक फाइनल में शक्तिशाली जर्मन हॉकी टीम का सामना कर रही थी. राष्ट्रीय गर्व से भरे जर्मन किसी भी कीमत पर और किसी भी तरह से स्वर्ण पदक जीतने के लिए दृढ़ थे. भारतीय कप्तान का ओलंपिक खेलों में 1928 में एम्स्टर्डम और 1932 में लॉस एंजेलिस में स्वर्ण पदक जीतने का अद्वितीय रिकॉर्ड था. अब यह भारत और ध्यान चंद के लिए लगातार तीसरा स्वर्ण पदक जीतने का मौका था. हालांकि, ओलंपिक के लिए कप्तान नियुक्त होने के बाद, ध्यान चंद आत्म-संदेह से घिर गए और अपनी आत्मकथा 'गोल' में स्वीकार किया कि, "पहली बार, मैं ओलंपिक टीम की कप्तानी कर रहा था; मुझे आश्चर्य हुआ कि क्या भारत मेरी नेतृत्व में खिताब हार जाएगा?"

29 अगस्त 1905 को जन्मे ध्यान चंद झांसी के राजपूत थे, जिनके परिवार का सैन्य इतिहास था. सोलह साल की उम्र में उन्होंने ब्रिटिश भारतीय सेना में दाखिला लिया और पहली बार हॉकी के खेल से परिचित हुए. उनकी रेजिमेंट के सुबेदार-मेजर बाले तिवारी, जो खुद भी हॉकी खिलाड़ी थे, उनके गुरु बने. युवा ध्यान चंद ने हॉकी को मछली की तरह पानी में खेलना शुरू किया और कड़ी मेहनत के बाद वे मैदान पर एक अच्छे फॉरवर्ड खिलाड़ी बन गए. वह झेलम में पंजाब इंडियन इन्फैंट्री टूर्नामेंट के फाइनल के दौरान प्रसिद्ध हुए. फाइनल खत्म होने के चार मिनट बाकी थे और ध्यान चंद की टीम दो गोल से हार रही थी. निराश कमांडिंग ऑफिसर चिल्लाया, “आगे बढ़ो ध्यान!” दर्शकों में एक युवा भारतीय सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट अजीत रुद्र भी थे, जो दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज के प्रिंसिपल सुशील कुमार रुद्र के बेटे थे, उन्होंने बाद में लिखा कि खेल के अंतिम मिनट बहुत ही अद्भुत थे. धीरे-धीरे हर विरोधी को ड्रीबल करते हुए, खेल में दुर्लभ क्षमता वाले इस युवा खिलाड़ी ने अंतिम तीन मिनट में पहला गोल किया, फिर दूसरा और अंततः तीसरा गोल करके अपनी टीम को जीत दिलाई. उस दिन से ध्यान चंद को 'हॉकी का जादूगर' नाम दिया गया और भारतीय हॉकी टूर्नामेंटों में उनके शानदार प्रदर्शन की कहानियाँ फैलती रहीं.

सेना में लांस-नायक के पद पर पदोन्नत होकर, ध्यान चंद भारत की पहली ओलंपिक हॉकी टीम के चुने हुए सेंटर-फॉरवर्ड के रूप में राष्ट्रीय मंच पर उभरे. 22 वर्षीय ध्यान चंद ने एम्स्टर्डम में अपने शानदार खेल से दर्शकों को मोहित कर दिया. 26 मई 1928 को, भारतीय टीम ने 'करो या मरो' की भावना से खेलते हुए, अपनी पहली ओलंपिक हॉकी स्वर्ण पदक जीता और ध्यान चंद 5 मैचों में 14 गोल करके शीर्ष स्कोरर बने. चार साल बाद झांसी का यह खिलाड़ी, जो सेना में नायक के पद पर पदोन्नत हो चुके थे, अपने छोटे भाई रूप सिंह के साथ लॉस एंजेलिस पहुंचे, जहां उन्होंने भारत के ओलंपिक स्वर्ण पदक का बचाव किया. दक्षिणी कैलिफोर्निया में स्वामी योगानंद परमहंस और स्वामी परमांनद ने उन्हें अपने आश्रमों में मेहमान नवाजा और उन्हें हॉलीवुड के सितारों चार्ली चैपलिन, डगलस फेयरबैंक्स, और हैरोल्ड लॉयड से मिलने का मौका भी मिला. 11 अगस्त 1932 को, फाइनल के दिन, छोटे भारतीय समुदाय ने भारतीय टीम का उत्साह बढ़ाया, जिनमें से कुछ ब्रिटेन से भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने वाले गदर आंदोलन के क्रांतिकारी थे. उस निर्णायक मैच में ध्यान चंद की अनोखी त्रिकोणीय पासिंग तकनीक ने मेजबान देश को हरा दिया. ध्यान चंद ने आठ गोल किए और भारत ने 24-1 से अमेरिका को हराकर स्वर्ण पदक बरकरार रखा और विश्व रिकॉर्ड बनाया. एक स्थानीय पत्रकार ने भारत की हॉकी टीम को "पूर्व से आया तूफान" कहा.

29 अप्रैल 1931 को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) के 29वें सत्र में बर्लिन को 11वें ओलंपिक खेलों की मेजबानी के लिए चुना गया था. हालांकि, 1933 में जर्मनी में नेशनल सोशलिस्टिश डॉयचे आर्बाइटर पार्टी (नाजी पार्टी) के सत्ता में आने से दुनिया भर में हलचल मच गई. मीडिया में नाजी पार्टी के नस्लीय पूर्वाग्रह, यहूदी विरोध, सख्त नस्लीय कानूनों, जिप्सियों पर अत्याचार और यहूदियों पर घोषित न किए गए विश्व युद्ध की रिपोर्टें आने लगीं. 1933 से यहूदियों ने दुनिया के सबसे बुरे शासन में से एक से भागकर भारत में शरण पाई, जो यहूदियों पर कभी अत्याचार नहीं करता था. मुंबई में यहूदी राहत संघ का गठन किया गया, जिसने कई इंजीनियरों, डॉक्टरों, शिक्षकों, वैज्ञानिकों और कलाकारों को भारत में बसने में मदद की. भारतीय राजनीतिक नेतृत्व ने मानवीय आधार पर यहूदी शरणार्थियों के लिए ब्रिटिश अधिकारियों के साथ कड़ी मेहनत से वीजा प्राप्त करने की लड़ाई लड़ी. यहां तक कि जर्मनी में रहने वाले भारतीयों को भी फासीवादी तानाशाही ने नहीं बख्शा. 

जनवरी 1936 में भारतीय नेता सुभाष चंद्र बोस ने जर्मन विदेश कार्यालय के साथ तीन असफल मिशनों के बाद निराश होकर भारत-जर्मन सहयोग की कोशिशें छोड़ दीं. मुंबई में, नाजी जर्मनी के कौंसुल कार्ल कैप, जिनके सिर पर WW1 की गोली का निशान था, ने वाणिज्य दूतावास के बाहर छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखा. प्रदर्शनकारियों ने एडोल्फ हिटलर की हालिया नस्लवादी टिप्पणी की निंदा की. उन्होंने सभी जर्मन वस्तुओं पर प्रतिबंध लगाने और भारत से बर्लिन खेलों से हटने की मांग की. बर्लिन ओलंपिक के बहिष्कार की बात दुनिया भर में हो रही थी. इस समय, IOC ने नाजियों को अपनी चरमपंथी विचारधारा को कम करने के लिए मजबूर किया और वे मान भी गए. अपने यहूदी विरोध, नस्लवाद और विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं को कुछ समय के लिए छिपाते हुए, नाजियों ने ओलंपिक का उपयोग वैश्विक प्रचार जीत के लिए करना चाहा.

बहिष्कार का विचार धीरे-धीरे समाप्त हो गया और मुंबई के बैलार्ड पियर से शानदार विदाई के बाद, भारतीय ओलंपिक दल 13 जुलाई 1936 को लंबी अंतरमहाद्वीपीय यात्रा के बाद बर्लिन हौपटबानहोफ (मुख्य रेलवे स्टेशन) पर पहुंचा. जर्मन राजधानी में नाजियों ने अपने नस्लीय उत्पीड़न को छुपा दिया और शहर की सड़कों को ओलंपिक झंडों और स्वस्तिकों से सजा दिया. ओलंपिक खेलों के उद्घाटन दिवस पर, स्टेडियम में लगभग 100,000 लोग थे और पहली बार लाइव टीवी प्रसारण हुआ. प्रत्येक राष्ट्र ने ओलंपिक मैदान के चारों ओर एक जुलूस में मार्च किया. चूंकि भारत ब्रिटिश साम्राज्य का सदस्य था, ध्यान चंद, जो छोटे भारतीय दल का नेतृत्व कर रहे थे, तिरंगा नहीं ले सकते थे. भारतीयों ने हल्के नीले रंग की पगड़ियों में विशिष्ट पोशाक पहनी थी और वे कुछ ही देशों में से थे जिन्होंने हिटलर के सम्मान में नाजी सलामी देने के बजाय स्मार्ट "आइज़-राइट" सलामी दी. फिर भी, उन्हें विशाल भीड़ ने गर्मजोशी से स्वागत किया.

अगले सोलह दिनों में, उन्नचास देशों ने उन्नीस खेलों में प्रतिस्पर्धा की. जर्मनी ने खेलों में दबदबा बनाया और हॉकी टूर्नामेंट में भाग लेने वाले ग्यारह देशों में से फाइनलिस्ट के रूप में उभरा. भारतीय हॉकी टीम ने भी अपने सभी मैच जीते और बारिश के कारण 15 अगस्त को पुनर्निर्धारित फाइनल में पहुंची. उस दिन भारतीय खिलाड़ी बेचैन थे क्योंकि 17 जुलाई को एक अभ्यास मैच में जर्मनी ने उन्हें चौंकाने वाली हार दी थी. उप प्रबंधक पंकज गुप्ता ने पूरी टीम को ड्रेसिंग रूम में बुलाया और उनके सामने भारतीय तिरंगे को श्रद्धापूर्वक खोला. 

भारतीय हॉकी खिलाड़ी, ध्यान चंद और उनके छोटे भाई रूप सिंह, अहमद शेर खान, अली दारा, बाबू निमल, अहसान खान, कार्लाइल टैपसेल, साइरिल मिची, अर्नेस्ट जॉन कुलन, गुरचरण सिंह गरेवाल, जोसेफ गलीबार्डी, जोसेफ फिलिप्स, लियोनल एमेट, मिर्जा मसूद, मोहम्मद हुसैन, पीटर फर्नांडीस, रिचर्ड एलन, सैयद जाफर और शब्बन शाहबुद्दीन ने अनेक भाषाओं, परंपराओं और धर्मों वाले बहुसांस्कृतिक और विविधतापूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व किया. पूरी टीम ने झंडे को सलामी दी, प्रार्थना की और फिर अपने हॉकी स्टिक लेकर अपने देश के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए मैदान में उतरी. अब राष्ट्रीय सम्मान इन खिलाड़ियों के कंधों पर था.

भारतीय शाही परिवार के सदस्य, जैसे जयपुर के महाराजा सवाई मान सिंह, बड़ौदा के महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ और भोपाल की राजकुमारी आबिदा सुल्तान, कुछ भारतीयों के साथ, जिनमें से कई यूरोप में छात्र थे, स्टेडियम में भारतीय खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिए बैठे थे. सीटी की आवाज पर, भारतीय सेंटर फॉरवर्ड ध्यान चंद आगे बढ़े, गेंद उनके हॉकी स्टिक से बंधी हुई थी और दो फॉरवर्ड रूप सिंह और दारा छोटे पास प्राप्त करने के लिए तैयार थे. जर्मन टीम ने भारतीय हॉकी कौशल का गहन अध्ययन किया था और अपनी रक्षा में बहुत सुधार किया था. भारतीयों के गोल क्षेत्र तक पहुंचने के प्रयासों को प्रभावी ढंग से रोका गया. स्कोर करने के सभी सात प्रयास असफल रहे. खेल के पहले तीस मिनट बिना किसी गोल के बीत गए. ध्यान चंद और उनकी टीम को अंततः स्वर्ण पदक के लिए एक योग्य प्रतिद्वंद्वी मिल गया था. फिर 32वें मिनट में, एक अंतर का लाभ उठाते हुए, जाफर ने गेंद को रूप सिंह को पास किया, जिसने दो विरोधियों को ड्रीबल करते हुए गोलकीपर के बाएं तरफ से एक मुश्किल कोण से मारकर पहला गोल किया.

हाफ टाइम में भारत सिर्फ एक गोल से आगे था. जैसे ही दूसरा हाफ शुरू हुआ, सातवें मिनट में टैपसेल ने सफलतापूर्वक एक पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदल दिया. भारत दो गोल से आगे हो गया. ध्यान चंद ने महसूस किया कि दो-शून्य की बढ़त खिताब बनाए रखने के लिए पर्याप्त नहीं थी. स्थिति ने नए सोच की मांग की और उन्हें मौके पर खरा उतरना पड़ा. भारतीय कप्तान ने अपने स्टड वाले जूते और मोजे उतार दिए और रबर-सोल वाले जूते पहनकर पूरे मैदान में हमला शुरू कर दिया. दर्शकों ने हॉकी का बेहतरीन खेल देखा, जिसमें ध्यान चंद की कलाइयों की नाजुक हरकत, ड्रिब्लिंग, तेज मोड़ और छोटे पास शामिल थे. यह बिल्कुल कविता की तरह था. कप्तान के शानदार प्रदर्शन से प्रेरित होकर, भारतीय टीम ने अपने खेल को कई स्तरों तक ऊँचा उठाया. फिर ध्यान चंद का जादू चमका, दुनिया के सबसे महान हॉकी खिलाड़ी ने साबित कर दिया कि उनका कोई मुकाबला नहीं है. 

हजारों दर्शकों की निगाहों के सामने, उन्होंने जर्मन डिफेंस को तोड़ते हुए शानदार तीसरा गोल किया. कुछ समय बाद दारा के साथ तालमेल बनाकर, ध्यान चंद ने फिर से जर्मनों को मात देते हुए एक और गोल किया. अचानक, अंतराल के बारह मिनट बाद भारत चार-शून्य से आगे हो गया. भारतीय हमले से स्तब्ध जर्मनों ने पलटवार करने का फैसला किया. उन्होंने खेल की गति को बढ़ाकर जोरदार हिट, अंडरकटिंग और बॉल को उठाना शुरू कर दिया. दूसरे हाफ के सोलहवें मिनट में, एक जर्मन फॉरवर्ड ने स्ट्राइकिंग क्षेत्र के किनारे से एक कमजोर शॉट मारा. गेंद दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता गोलकीपर रिचर्ड एलन के पैड्स से टकराकर वापस आई और बहुमुखी जर्मन डेकाथलीट कर्ट 'कुट्टी' वीस को एक सेकंड में गोल करने का मौका मिला. जर्मन दर्शक खुशी से झूम उठे. यह बर्लिन ओलंपिक में भारत के खिलाफ किया गया पहला गोल था. 

भारतीय टीम ने तुरंत अपनी लय वापस पाई. अगले ही मिनट में, जाफर ने सेंटर लाइन से एक शानदार दौड़ लगाते हुए भारत का पांचवां गोल किया. फिर ध्यान चंद ने दारा को रिवर्स पास दिया, जिसने गेंद को गोल में धकेल कर भारत की बढ़त को छह-एक तक बढ़ा दिया. विरोधियों की आक्रामक रफ टैकल के बावजूद, शाहाबुद्दीन ने दारा को एक अच्छा पास दिया, और बुलेट जैसी सटीकता के साथ, उन्होंने सातवां गोल किया. अब तक ध्यान चंद, जर्मन गोलकीपर टिटो वार्नहोल्ट्ज के साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण टक्कर में अपने एक दांत खो चुके थे. चोट से निराश न होकर, उन्होंने चिकित्सा उपचार के बाद मैदान में वापसी की. स्ट्राइकिंग क्षेत्र के पास शाहाबुद्दीन से मिले एक क्रॉस पास के साथ, ध्यान चंद के अद्भुत गेंद नियंत्रण ने ओलंपिक फाइनल का फैसला कर दिया क्योंकि उन्होंने तीसरी बार गोल किया. अंतिम सीटी बजते ही, शानदार भारतीय टीम आठ-एक से जीत गई. उन्होंने ओलंपिक में लगातार तीसरा स्वर्ण पदक भी जीता. बर्लिन में ध्यान चंद की टीम की जीत ने भारतीय जनता को उत्साहित कर दिया क्योंकि वे ब्रिटिश शासन के अत्याचारों से आजादी के लिए संघर्ष कर रहे थे.

बर्लिन ध्यान चंद का आखिरी ओलंपिक था. इस विनम्र और बेहद प्रतिभाशाली भारतीय कप्तान ने भारत के लिए दो और स्वर्ण पदक जीतने का अवसर खो दिया क्योंकि 1940 और 1944 के ओलंपिक खेल रद्द कर दिए गए थे. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, 1942 में चीन में सेवा दे रहे ध्यान चंद को फरोज़पुर लौटने का आदेश मिला. भाग्य ने उन्हें जापानियों द्वारा कब्जा किए जाने से बचा लिया, जिन्होंने छह महीने बाद उस क्षेत्र पर कब्जा कर लिया. 1943 में, उन्हें किंग्स कमीशन से सम्मानित किया गया और लेफ्टिनेंट के पद पर पदोन्नत किया गया. 1956 में उन्होंने मेजर ध्यान चंद के रूप में सेना से सेवानिवृत्त हुए. उन्हें भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया, हालांकि वे भारत रत्न के हकदार थे और बाद में उन्हें भारतीय टीम का मुख्य कोच नामित किया गया. भारतीय हॉकी के स्वर्ण युग के प्रतीक इस महान व्यक्ति का 3 दिसंबर 1979 को निधन हो गया.

ध्यान चंद की आत्मकथा की प्रस्तावना में, मेजर-जनरल अजीत रुद्र ने लिखा, "ध्यान चंद ने खेल में भारत को विश्व मानचित्र पर रखा है. हमें उनके जैसा एक और चाहिए; उनके जैसे और कई चाहिए." जब भारतीय ओलंपिक दल पेरिस 2024 के लिए रवाना हो रहा है, हॉकी के जादूगर की इस दिग्गज की कहानी सभी भारतीयों के लिए प्रेरणा बनी हुई है.
 


वर्ल्ड चैंपियन पहुंचे भारत, पीएम मोदी से की मुलाकात, एयरपोर्ट पर हुआ जोरदार स्वागत

भारतीय क्रिकेट टीम ने T20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में हराकर त‍िरंगा लहराया था. आज भारतीय टीम की वतन वापसी हुई. टीम इंडिया के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की.

Last Modified:
Thursday, 04 July, 2024
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टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतकर भारतीय क्रिकेट टीम की स्वदेश वापसी हो चुकी है. टीम इंड‍िया दिल्ली एयरपोर्ट के टर्म‍िनल 3 पहुंची पहुंची, टीम इंड‍िया के ल‍िए एक स्पेशल बस का अरेंजमेंट किया गया. टीम इंड‍िया ने दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचकर पहले इम‍िग्रेशन से संबध‍ित कार्यवाही करवाई. इसके बाद वह आईटीसी मौर्य होटल पहुंची. भारतीय टीम की एक झलक देखने के ल‍िए कई फैन्स दिल्ली एयरपोर्ट पर पहले ही पहुंच गए थे. टीम इंड‍िया जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर निकली तो फैन्स भी इंड‍िया-इंड‍िया के नारे लगाते हुए नजर आए.  

जब द‍िल्ली एयरपोर्ट पहुंची टीम इंड‍िया 

भारतीय क्रिकेट टीम द‍िल्ली पहुंची तो फैन्स का जोश देखने लायक था. कई फैन्स तो ऐसे थे जो देर रात से ही एयरपोर्ट के आसपास पहुंच गए थे, ताक‍ि वह चैम्प‍ियन खिलाड़ियों का दीदार कर सकें. इसके साथ ही BCCI ने आज सुबह टीम इंडिया के भारत लौटने के बाद एक वीडियो अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया है जो तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में सभी खिलाड़ी फ्लाइट के अंदर नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में दिख रहा है कि कैसे सभी खिलाड़ी बारी-बारी एक बॉक्स खोलते हैं जिसमें टी20 वर्ल्ड कप की चमचमाती ट्रॉफी रखी है. वह एक-एक करके ट्रॉफी उठाते हैं, उसके साथ सेलिब्रेट करते हैं.

टीम ने पीएम मोदी से मुलाकात की

रोहित शर्मा की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने पीएम मोदी से पीएम आवास पर मुलाकात की. टी20 वर्ल्ड कप में चैंपियन बनने के बाद आज ही सुबह टीम इंडिया वतन वापस आई है. ब्रेकफास्ट पर रोहित शर्मा समेत टीम इंडिया के अन्य खिलाड़ियों के साथ पीएम मोदी मुलाकात की. बता दें कि टी20 विश्व कप जीत कर भारतीय क्रिकेट टीम गुरुवार को तड़के ही बारबाडोस से लौटी है. पीएम मोदी ने इंडियन क्रिकेट टीम को नाश्ते पर आमंत्रित किया है. प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले शनिवार को फाइनल के बाद फोन पर भारतीय टीम को विश्व कप के लिए बधाई दी थी.

टीम को मिलेंगे 125 करोड़ रुपये

जय शाह ने टीम इंडिया के चैंपियन बनने के बाद 125 करोड़ रुपये की प्राइज़ मनी का एलान किया था. मेन इन ब्लू की जीत के बाद जय शाह ने एक्स पर लिखा था, "मुझे आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 जीतने वाली टीम इंडिया के लिए 125 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि का एलान करते हुए खुशी हो रही है. टीम ने पूरे टूर्नामेंट में असाधारण प्रतिभा, दृढ़ संकल्प और खेल कौशल का प्रदर्शन किया है. इस शानदार उपलब्धि के लिए सभी खिलाड़ियों, कोच और सपोर्ट स्टाफ को बधाई.

17 साल बाद टी20 में टीम इंडिया चैम्पियन

T20 वर्ल्ड कप 2024 में भारतीय टीम ने इतिहास रचते हुए दूसरी बार इस फॉर्मेट का खिताब अपने किया. फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ भारत ने 7 रनों से जीत दर्ज की. इससे पहले भारतीय टीम 2007 टी20 वर्ल्ड कप जीत चुकी है. वहीं वनडे में 1983 और 2011 वर्ल्ड कप जीता है. इस बार वर्ल्ड कप जीतने के बाद विराट कोहली, कप्तान रोहित शर्मा और स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने टी20 इंटरनेशनल से रिटायरमेंट ले लिया.
 

 

वर्ल्ड चैंपियन भारत पर पैसों की बारिश, ICC के बाद BCCI ने खोला खजाना, दिया करोड़ों का इनाम

BCCI सचिव जय शाह ने ऐलान किया है कि रोहित शर्मा की अगवाई में T20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम को प्राइज मनी के तौर पर 125 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.

Last Modified:
Monday, 01 July, 2024
BWHindia

टीम इंडिया ने T20 वर्ल्ड कप 2024 का खिताब जीतकर 11 से चल रहे ट्रॉफी के इंतजार को खत्म कर दिया. रोहित शर्मा की कप्तानी में भारतीय टीम ने फाइनल में साउथ अफ्रीका को हराकर दूसरी बार ये ट्रॉफी अपने नाम कर ली. टीम इंडिया की इस शानदार जीत ने जहां पूरे देश को खुशियों से भर दिया, वहीं खिलाड़ियों की झोली में भी इनाम की बरसात हो गई. वर्ल्ड जीतने पर टीम इंडिया को ICC की ओर से ट्रॉफी, मेडल और करीब 22.76 करोड़ रुपये इनाम में मिले. वहीं दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड BCCI ने तो इंडिया की इस यादगार सफलता पर अपनी तिजोरी को पूरी तरह खोल दिया. BCCI टीम इंडिया और इसके सपोर्ट स्टाफ को 125 करोड़ रुपये का इनाम देगा.

कुल प्राइज मनी था 93.51 करोड़ 

ICC मेन्स T20 वर्ल्डकप 2024 का समापन हो चुका है. इस बार T20 वर्ल्ड कप 2 जून से लेकर 29 जून तक वेस्टइंडीज और यूएसए में खेला गया. फाइनल मैच भारत और साउथ अफ्रीका के बीच केंसिंग्टन ओवल में हुआ, जिसमें भारतीय टीम ने 7 रनों से यादगार जीत हासिल की. टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम तो मालामाल हुई ही. वहीं उप-विजेता साउथ अफ्रीकी टीम पर भी पैसों की बारिश हुई. ICC ने इस मेगा इवेंट के लिए पहले ही प्राइज मनी का ऐलान कर दिया था. T20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए कुल 11.25 मिलियन डॉलर (लगभग 93.51 करोड़ रुपये) की प्राइज मनी तय की गई थी.

भारतीय टीम को मिले करीब 20.36 करोड़ मिले

टी20 वर्ल्डकप 2024 जीतने वाली भारतीय टीम को लगभग 20.36 करोड़ रुपये (2.45 मिलियन डॉलर) मिले. टी20 वर्ल्ड कप के इतिहास में पहली बार विजेता टीम को इतनी राशि मिली. वहीं फाइनल में हारने वाली टीम यानी उप-विजेता साउथ अफ्रीका को लगभग 10.64 करोड़ रुपये (1.28 मिलियन डॉलर) मिले. जबकि सेमीफाइनल में पहुंचने वाली बाकी दो टीमों अफगानिस्तान और इंग्लैंड को एक समान लगभग 6.54 करोड़ रुपये (787,500 डॉलर) दिए गए. टी20 वर्ल्ड कप में इस बार 20 टीमें हिस्सा ले रही थी. हर टीम को आईसीसी की तरफ से कुछ ना कुछ राशि दी गई. सुपर-8 (दूसरे राउंड) से आगे नहीं बढ़ने वाली टीमों में से प्रत्येक को 382,500 डॉलर (लगभग 3.17 करोड़ रुपये) मिले.

वहीं नौवें से 12वें स्थान तक रहने वाली टीमों में प्रत्येक को 247,500 डॉलर (लगभग 2.05 करोड़) मिले. जबकि 13वें से 20वें स्थान तक रहने वाली टीमों में से प्रत्येक को 225,000 डॉलर (लगभग 1.87 करोड़ रुपये) प्राप्त हुए. इसके अलावा मैच जीतने पर (सेमीफाइनल और फाइनल को छोड़कर) टीमों को अतिरिक्त 31,154 डॉलर (लगभग 25.89 लाख रुपये) मिले.

टी-20 वर्ल्डकप 2024 की प्राइज मनी

    •    विजेता (भारत): करीब 20.36 करोड़ रुपये
    •    उप-विजेता (साउथ अफ्रीका): 10.64 करोड़ रुपये
    •    सेमीफाइनलिस्ट: 6.54 करोड़ रुपये
    •    दूसरे राउंड से बाहर होने पर: 3.17 करोड़ रुपये
    •    9वें से 12वें स्थान वाली टीम: 2.05 करोड़ रुपये
    •    13वें से 20वें स्थान वाली टीम: 1.87 करोड़
    •    पहले और दूसरे राउंड में जीत: 25.89 लाख रुपये

टीम इंडिया को BCCI देगा 125 करोड़ 

टीम इंडिया की इस जीत के बाद BCCI ने भारतीय टीम के लिए प्राइज मनी के तौर पर 125 करोड़ रुपए का एलान किया है. BCCI टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया को 125 करोड़ रुपए देगा. BCCI सचिव जय शाह ने ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने इस बात की जानकारी दी है. बीसीसीआई सचिव जय शाह ने ट्वीट में लिखा कि मुझे यह बताने में बेहद खुशी हो रही है कि ICC मेंस T20 वर्ल्ड कप जीतने पर भारतीय टीम को प्रइज मनी के तौर पर 125 करोड़ रुपए मिलेंगे. भारतीय टीम ने टी20 वर्ल्ड कप में शानदार खेल, प्रतिभा, संकल्प और खेल भावना दिखाया. आपको बता दें कि क्रिकेट इतिहास में पहले किसी बोर्ड ने वर्ल्ड चैंपियन बनने पर अपनी टीम को इतना बड़ा इनाम नहीं दिया है.
हालांकि इसका बड़ा अमाउंट इनकम टैक्स के रूप में देना पड़ेगा क्योंकि प्राइज मनी पर टैक्स भी लगता है जिसे खत्म करने की मांग बीसीसीआई सरकार से कर रही है.