VVIP की मौजूदगी में हुई प्राण प्रतिष्ठा, आम जनता कब से कर सकेगी श्रीराम के दर्शन?

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. पूरे देश ने इस ऐतिहासिक पल को लाइव देखा. हालांकि, इस मौके पर मंदिर में केवल उन्हें ही प्रवेश की अनुमति थी जिन्हें आमंत्रित किया गया था.

Last Modified:
Monday, 22 January, 2024
Ram Mandir

Ram Mandir Opening Date: अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. इस मौके पर पीएम मोदी सहित देश-दुनिया के तमाम गणमान्य अतिथि मौजूद रहे. प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन केवल वही उन्हें ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति थी, जिन्हें आमंत्रित किया गया था. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर कब खोला जाएगा? श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसके साथ ही कई दूसरे सवालों का जवाब भी दे दिया है, चलिए जानते हैं कि आखिर ट्रस्ट की तरफ से क्या बताया गया है.

क्या रहेगा मंदिर खुलने का टाइम?
राम मंदिर का प्रबंधन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर रहा है, जिसकी स्थापना सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने की थी. ट्रस्ट ही मंदिर निर्माण की निगरानी भी कर रहा है. ट्रस्ट का कहना है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले दिन यानी 23 जनवरी से आम श्रद्धालु श्रीराम के दर्शन कर सकेंगे. 22 जनवरी को केवल उन्हें ही दर्शन की अनुमति थी, जिन्हें आमंत्रित किया गया था. 23 जनवरी से सभी के लिए मंदिर के कपाट खुल जाएंगे. अयोध्या का राम मंदिर सुबह 7:00 बजे से दोपहर 11:30 बजे और फिर दोपहर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा. दोपहर में ढाई घंटे भोग व विश्राम के लिए मंदिर बंद को बंद रखा जाएगा.

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क्या करती में हो सकेंगे शामिल?
राम मंदिर में आरती की बात करें, तो दिन में तीन बार आरती होगी. पहली- सुबह 6:30 बजे, जिसे जागरण या श्रृंगार आरती कहते हैं. दूसरी- दोपहर 12:00 बजे जिसे भोग आरती कहते हैं और तीसरी शाम को 7:30 बजे संध्या आरती होगी. यदि आप आरती में शामिल होना चाहते हैं, तो आपको श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से पास लेना होगा. पास के लिए वैध ID प्रूफ आवश्यक है. एक बार में केवल 30 लोग ही आरती में शामिल हो सकेंगे. यह भी जान लीजिये कि मंदिर में दर्शन के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा. 

स्टेशन से कितनी है दूर है मंदिर?
अयोध्या की दूसरे शहरों से कनेक्टिविटी अब काफी अच्छी हो गई है. कई फ्लाइट्स ऑपरेट हो रही हैं. इसके अलावा, कई ट्रेनें भी चलाई गई हैं. बस सर्विस भी कई शहरों से अयोध्या को जोड़ती है. अयोध्या के रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी महज 5 किलोमीटर है. जबकि शहर के महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी करीब 17 किमी है. बता दें कि अयोध्या के भव्य राम मंदिर के निर्माण पर 1600 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा आया है. हालांकि, राज्य या केंद्र सरकार ने यह खर्चा नहीं किया है. बल्कि देश-विदेश के रामभक्तों से मिले चंदे से मंदिर का निर्माण हुआ है.
 


क्या वास्तव में केदारनाथ धाम में हुआ सोना घोटाला, आखिर क्यों मचा है बवाल?

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केदारनाथ में सोना घोटाले का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि 228 किलो सोना धाम से गायब हुआ है.

Last Modified:
Wednesday, 17 July, 2024
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आस्था के केंद्र केदारनाथ धाम को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आरोपों पर चर्चा शुरू हो गई है. लोग यह जानना चाह रहे हैं कि क्या वास्तव में केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब हो गया है? शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इसे 'सोना घोटाला' नाम दिया है. अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में कहा था कि केदारनाथ में सोना घोटाला हुआ है. उन्होंने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर बन रहे मंदिर पर भी सवाल उठाए.  शंकराचार्य ने कहा कि वहां घोटाला हो गया तो अब दिल्ली में केदारनाथ बना रहे हो. केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया, लेकिन कोई जांच तक नहीं बैठाई गई.

मुख्य पुजारी का आरोप
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जिस सोना घोटाले का जिक्र कर रहे हैं, वो मामला पिछले साल जून में सामने आया था. उस समय केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी संतोष त्रिवेदी ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि मंदिर की दीवारों पर लगा 125 करोड़ का सोना पीतल में बदल दिया गया है. उन्होंने कहा था कि 2005 में किसी दानदाता ने  125 करोड़ रुपए का सोना दिया था, जिसे मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर मड़वाया गया था. लेकिन यह सोना अब पीतल में बदल गया है. संतोष त्रिवेदी ने बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था. हालांकि, मंदिर समिति ने आरोप खारिज करते हुए इसे प्रबंधन को बदनाम करने की साजिश करार दिया था.

शिवपुराण का किया जिक्र
अब इसी मामले को शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उठाया है. उनका कहना है कि सरकार ने इसकी कभी जांच नहीं की. इसके साथ ही शंकराचार्य ने दिल्ली में केदारनाथ की तर्ज पर बन रहे मंदिर पर ही सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि प्रतीकात्मक केदारनाथ मंदिर नहीं बनाया जा सकता. शिवपुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम और पता भी बताया गया है. जैसे कि सौराष्ट्रे सोमनाथम. पहले सौराष्ट्र यानी पता और फिर सोमनाथ यानी ज्योतिर्लिंग. ठीक इसी तरह से केदारम हिमवत पृष्ठे, यानी जो केदार है वो हिमालय के पृष्ठ भाग में है. उनका कहना है कि हिमालय में केदार है तो आप दिल्ली में उसे कहां से लाकर रख देंगे? शंकराचार्य ने कहा कि जनता को भ्रम में डालने की कोशिश नहीं होनी चाहिए.

उत्तराखंड में हो रहा विरोध 
देश की राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा है. इस मंदिर को ठीक वैसा ही तैयार किया जा रहा है जैसा कि रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ मंदिर है. हाल ही में इसका भूमि पूजन भी हुआ है. दिल्ली में बन रहे इस मंदिर का उत्तराखंड में भी विरोध हो रहा है. संत-पुजारियों ने इसके खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर बनाना सीधे तौर पर हिमालय की गोद में बसे केदारनाथ धाम का अपमान है. वहीं, इस पूरे विवाद के बीच श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के प्रमुख सुरेंद्र रौतेला का कहना है कि दिल्ली में मंदिर बनाया जा रहा है, धाम नहीं. रौतेला ने कहा कि कुछ लोगों को आपत्ति है कि ये केदारनाथ धाम नहीं, केदारनाथ मंदिर नहीं होना चाहिए. अगर किसी को इस नाम से आपत्ति है तो जरूर हम नाम बदलेंगे.
 


सुबह-सुबह भक्तों को मिली खुशखबरी, श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी द्वार खुले

ओडिशा की नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार ने अपना वादा पूरा करते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चारों द्वार फिर से खोल दिए हैं.

Last Modified:
Thursday, 13 June, 2024
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ओडिशा से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चारों द्वार फिर से खोल दिए गए हैं. राज्य की नवनिर्वाचित BJP सरकार ने बुधवार को पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वारों को पुन: खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और आज यानी गुरुवार सुबह इस अपर अमल भी हो गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पूजा अर्चना की. बालासोर से सांसद प्रतापचंद्र सारंगी और अन्य मंत्री इस दौरान मौजूद रहे.

500 करोड़ का विशेष कोष
राज्य की नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार ने मंदिर से जुड़े अहम मुद्दों के लिए 500 करोड़ रुपए के विशेष कोष का भी ऐलान किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ओडिशा के मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने बताया कि चुनाव के दौरान हमने कहा था कि हम श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी 4 द्वार फिर से खोलेंगे. हमने अपना वादा पूरा कर दिया है, मंदिर के सभी चार द्वार आज खुल गए हैं. इस मौके पर CM सहित मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य यहां मौजूद रहे.


नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का ज्योतिषीय महत्व और भविष्य की संभावनाएं

सांप्रदायिक सद्भाव, पूंजी बाजार, उच्च शिक्षा और बौद्धिक क्षेत्रों में संभावित चुनौतियों के साथ सरकार का ध्यान व्यापार, कृषि, संचार और बुनियादी ढांचे पर होगा.

Last Modified:
Monday, 10 June, 2024
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम 7:23 बजे दिल्ली में तीसरी बार शपथ ले चुके हैं. गठबंधन जनादेश के आलोक में वर्तमान सरकार के ज्योतिषीय महत्व और भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण करने में कई कारक शामिल हैं. एक मुहूर्त चार्ट को मुख्य रूप से दो मापदंडों पर आंका जाता है:

चुने गए समय का ज्योतिषीय महत्व - पंचांग कारक

ज्योतिषीय कारक - शपथ समय का राशिफल

इसके अतिरिक्त, विस्तृत विश्लेषण के लिए प्रधानमंत्री की कुंडली, देश की कुंडली और वार्षिक चार्ट के साथ संबंध महत्वपूर्ण है. 

पंचांग कारक

चुना गया दिन: रविवार - दिन का स्वामी सूर्य शासन और सत्ता के लिए अनुकूल है. 
 
तिथि: शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, जिसे रिक्ता तिथि के रूप में जाना जाता है. तिथि स्वामी शनि है, जो आम तौर पर प्रतिकूल होता है, खासकर रविवार को. 

योग: ध्रुव, जो सकारात्मक है. 

करण: वणिज, जो सकारात्मक है. 

होरा: शपथ के समय बृहस्पति की होरा थी, जो अत्यंत शुभ है. शनि की होरा अभी खत्म हुई थी. 

चंद्रमा का स्थान: चंद्रमा कर्क राशि में और कर्क नवांश में है.
कुल मिलाकर, इस शपथ के समय का पंचांग कारक अच्छा है, चंद्रमा की अपनी राशि स्थिति से प्रतिकूल तिथि कम हो जाती है. 
ज्योतिषीय कारक

लग्न: वृश्चिक, मीन नवांश लग्न के साथ नवांश में बृहस्पति के साथ - स्थिर लग्न स्थिरता का संकेत देता है जबकि नवांश लग्न में बृहस्पति शुभ होता है.

चंद्रमा का स्थान: चंद्रमा नौवें घर में अपनी ही राशि में है, और नवमांश में, वह कर्क राशि में भी है - एक वर्गोत्तम स्थिति, जो बहुत शुभ है. 
ग्रह विन्यास: चार ग्रह - सूर्य, शुक्र, बुध और बृहस्पति - 7वें घर में हैं. चतुर्थ स्वामी चतुर्थ भाव में है, और लग्न स्वामी लग्न को देखता है, जो स्थिरता के लिए सकारात्मक कारक हैं. 
बृहस्पति का प्रभाव: लगभग सभी ग्रह बृहस्पति के प्रभाव में हैं, जो संकट के समय दैवीय कृपा का संकेत देता है.

वृश्चिक लग्न- मोदी का इष्ट लग्न  
यह कोई संयोग नहीं है कि नरेंद्र मोदी के मंत्रालय ने हमेशा वृश्चिक लग्न के प्रभाव में शपथ ली है.

2014 में नरेंद्र मोदी ने तुला राशि के अंत में शपथ ली थी, लेकिन उनके सभी मंत्रियों ने वृश्चिक राशि में शपथ ली थी.

2019 में, लग्न फिर से वृश्चिक था. 

और इस बार भी वृश्चिक लग्न है.

यह अतीत में मोदी सरकार की गोपनीयता, अचानकता और लीक से हटकर लिए गए फैसलों को स्पष्ट करता है. यह कार्यकाल भी पहले से ज्यादा अलग नहीं होगा. आने वाले महीनों में परंपरा को तोड़ने वाले कुछ अप्रत्याशित निर्णयों की अपेक्षा करें.

शपथ चार्ट में नकारात्मक प्रभाव

लग्न पर अशुभ दृष्टि: लग्न पर लगभग सभी अशुभ ग्रहों की दृष्टि होती है. 
केमद्रम योग: चंद्रमा केमद्रम योग में है. 
गंडांत स्थिति: लग्न गंडांत (दोनों राशि और नक्षत्र जंक्शन) में है, जो प्रारंभिक परेशानियों और विवादों का संकेत देता है.

हालाँकि, केंद्र में बृहस्पति, बुध और शुक्र की मजबूत स्थिति इन नकारात्मक प्रभावों को खत्म कर देती है. इसके अतिरिक्त, नक्षत्र पुनर्वसु शुभ है, जो नरेंद्र मोदी के जन्म नक्षत्र अनुराधा और भारत की स्वतंत्रता कुंडली के नक्षत्र पुष्य के साथ अच्छी तरह मेल खाता है. 
चार्ट विश्लेषण और भविष्य के निहितार्थ

वृश्चिक लग्न: काल पुरुष की 8वीं राशि रहस्य, अचानकता और अप्रत्याशितता का प्रतीक है. मोदी की पिछली शपथों में भी वृश्चिक लग्न था, जो अप्रत्याशित निर्णयों के जारी रहने का संकेत है. 

गठबंधन सरकार: दूसरा घर (कुटुंब) और सातवां घर (साझेदारी) मजबूत हैं. 7वें घर में द्वितीय स्वामी और 7वें घर में शुभ ग्रह मजबूत गठबंधन समर्थन का संकेत देते हैं. शुक्र अस्त होने के बावजूद लग्न पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है.

अप्रत्याशित समर्थन: 11वां स्वामी (मित्र) 10वें और 7वें स्वामी के साथ है और चंद्रमा से 11वां घर बहुत मजबूत है जो बाहर से संभावित अप्रत्याशित समर्थन का संकेत दे रहा है.

विपक्ष की भूमिका: चौथा घर (विपक्ष) मूलत्रिकोण में शनि के साथ मजबूत है. दशमेश सूर्य सप्तम भाव में अस्त अवस्था में है. सरकार को महत्वपूर्ण विरोध का सामना करना पड़ेगा लेकिन सभी प्रमुख ग्रहों द्वारा त्रिकोण और केंद्र में रहने के कारण स्थिरता बनी रहेगी. 

शनि की ताकत: शुरुआत में मजबूत लेकिन समय के साथ शनि-राहु की निकटता और डी9 चार्ट में शनि-मंगल की युति के कारण कम हो जाती है - समय के साथ विरोधी ताकत कम हो जाएगी.

देश पर प्रभाव

मजबूत घर: दूसरा, 11वां, 7वां, 12वां और 9वां घर मजबूत हैं, जो व्यापार, विदेशी निवेश, घरेलू बचत, वित्तीय सुधार और कृषि पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है. 

ग्रामीण और कृषि क्षेत्र: मजबूत शनि ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन पर प्राथमिकता का संकेत देता है. 

संचार और बुनियादी ढांचा: एक मजबूत तीसरा घर पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों के साथ-साथ संचार, पर्यटन और बुनियादी ढांचे पर जोर देने का प्रतीक है.

पंचम भाव में चिंताएं: पंचम भाव पाप कर्तरी योग और राहु से पीड़ित है. यह भाव बुद्धिजीवियों, भावनात्मक स्थिरता, सांप्रदायिक सद्भाव, सट्टेबाजी, निवेश, स्टॉक एक्सचेंज, बच्चों, जनसंख्या, विश्वविद्यालयों, नैतिकता और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है. छात्र आंदोलन, सांप्रदायिक तनाव, शेयर बाजार में उथल-पुथल और संभावित कानूनी बदलावों से नाराजगी की आशंका है. 

आर्थिक सुधार और वित्तीय नीतियां: दूसरे और ग्यारहवें घर की मजबूत स्थिति को देखते हुए, घरेलू बचत को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार होने की संभावना है. सरकार ऐसी नीतियां पेश कर सकती है जो वित्तीय विकास और स्थिरता को प्रोत्साहित करती हैं.

तकनीकी प्रगति: बुध के मजबूत स्थिति में होने से, प्रौद्योगिकी और संचार क्षेत्रों में प्रगति की उम्मीद है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नई पहल हो सकती है।

स्वास्थ्य देखभाल और लोक कल्याण: छठे घर में मजबूत लग्न स्वामी और नौवें घर में चंद्रमा की चंद्र वर्गोत्तम स्थिति सार्वजनिक कल्याण और स्वास्थ्य देखभाल सुधारों पर एक मजबूत जोर देने का सुझाव देती है। सरकार आबादी के समग्र स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए नई स्वास्थ्य देखभाल नीतियां लागू कर सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय संबंध: मजबूत 7वां घर और लाभकारी ग्रह स्थिति अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सकारात्मक विकास का संकेत देती है। सरकार कूटनीति और वैश्विक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए नए गठबंधन बना सकती है और मौजूदा गठबंधन को मजबूत कर सकती है। 
व्यापक संदर्भ

ध्यान दें कि किसी भी चार्ट का विश्लेषण अलग से नहीं किया जाता है - इसका विश्लेषण देश, काल और पत्र के दायरे में किया जाता है। मुहूर्त विश्लेषण में काल (समय) कारक को प्राथमिकता दी जाती है। इसलिए संवत्सर और हिंदू नववर्ष चार्ट का प्रभाव शपथ चार्ट पर भी काफी पड़ता है। यहां विचार करने लायक दो बिंदु हैं:

संवत्सर का नाम : क्रोधी.

वर्तमान हिंदू नववर्ष का राजा: मंगल, शनि मंत्री के साथ।

इससे पता चलता है कि आने वाले समय में न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व स्तर पर अशांति, प्राकृतिक आपदाएं, हिंसा, युद्ध जैसी स्थितियां और मजबूत जन भावनाएं शामिल होंगी। सरकार कभी-कभी पक्षपातपूर्ण लग सकती है, उग्रवाद, आक्रामकता और नफरत अधिक प्रमुख होती जा रही है- यह विश्व स्तर पर लागू होगा.

चुना गया मुहूर्त सरकार की स्थिरता और कामकाज के लिए अच्छा है, जो अचानक और अभूतपूर्व निर्णयों की विशेषता है. शपथ चार्ट में मजबूत ज्योतिषीय कारक, चुनौतीपूर्ण ग्रहों के प्रभावों के साथ मिलकर, आने वाले कार्यकाल के लिए एक जटिल तस्वीर पेश करते हैं. सांप्रदायिक सद्भाव, पूंजी बाजार, उच्च शिक्षा और बौद्धिक क्षेत्रों में संभावित चुनौतियों के साथ सरकार का ध्यान व्यापार, कृषि, संचार और बुनियादी ढांचे पर होगा. व्यापक ज्योतिषीय संदर्भ महत्वपूर्ण उथल-पुथल और मजबूत सार्वजनिक प्रतिक्रियाओं की अवधि का सुझाव देता है.


संजीव रंजन मिश्र
अतिथि लेखक

लेखक के पास एक पेशेवर के रूप में वैदिक ज्योतिष में 40 वर्षों से अधिक का अनुभव है और एक शिक्षार्थी के रूप में 45 वर्षों से अधिक का अनुभव है. उनके कई छात्र देश और उद्योगों में अग्रणी ज्योतिषी और ग्राहक हैं, इसलिए उन्हें न केवल लोगों, बल्कि व्यवसायों, उद्योगों, राजनीतिक दलों और मीडिया घरानों का मार्गदर्शन करने में भी विशेषज्ञता हासिल है.
 


इस अक्षय तृतीया बचत का बन रहा है शुभ संयोग, जानें कहां मिल रहा है कितना डिस्काउंट

अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार यानी 10 मई को मनाया जाएगा. इस खास मौके पर ज्वैलरी ब्रैंड्स से लेकर बैंक तक गाहकों को स्पेशल ऑफर दे रहे हैं.

Last Modified:
Monday, 06 May, 2024
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सनातन धर्म में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का दिन बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. इस साल अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार यानी 10 मई को मनाया जाएगा. अक्षय शब्द का अर्थ होता है 'जिसका कभी क्षय न हो या जिसका कभी नाश न हो'. इस दिन लोग जीवन में सुख व समृद्धि के लिए माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ सोने व चांदी की ज्वैलरी की खरीदारी भी करते हैं. ऐसे में इस खास मौके पर देश के बड़े ज्वेलरी ब्रैंड्स से लेकर बैंक भी आपको कार लोन पर आकर्षक ऑफर्स दे रहे हैं. तो चलिए आपको इन ऑफर्स की जानकारी देते हैं.

मेकिंग चार्ज पर 25 प्रतिशत तक की बंपर छूट
.मशहूर ज्वेलरी ब्रांड मालाबार गोल्ड्स (Malabar Golds) ग्राहकों को अक्षय तृतीया के मौके पर डायमंड और गोल्ड ज्वेलरी की शॉपिंग पर मेकिंग चार्ज पर 25 प्रतिशत की छूट दे रहा है. यह ऑफर 27 अप्रैल से 12 मई तक के लिए वैलिड है. वहीं, टाटा के ब्रैंड तनिष्क (Tanishq) ने भी अक्षय तृतीया के लिए स्पेशल ऑफर लॉन्च किया है. कंपनी ग्राहकों को गोल्ड और डायमंड ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज पर 20 फीसदी की छूट दे रही है. यह ऑफर 2 मई से 12 मई तक के लिए वैलिड है. मेलोरा (Mellora) अक्षय तृतीया के मौके पर अपने ग्राहकों के लिए डायमंड और Gemstone ज्वेलरी की खरीद पर 25 फीसदी की छूट ऑफर कर रहा है.

मिलेंगे गिफ्ट वाउचर
जोयालुक्कास (joyalukkas) भी अक्षय तृतीया के मौके पर ग्राहकों के लिए स्पेशल ऑफर लेकर आया है. ग्राहकों को 50,000 रुपये की ज्वेलरी की खरीदारी पर 1000 रुपये का गिफ्ट वाउचर मिलेगा. वहीं, 50,000 रुपये से अधिक डायमंड की खरीद पर 2,000 रुपये का गिफ्ट वाउचर मिलेगा. 

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देश के ये टॉप बैंक कार लोन पर पर दे रहे ऑफर
बैंक भी अक्षय तृतीय के अवसर पर ग्राहकों को कार लोन पर ब्याज दरों और प्रोसेसिंग फीस पर काफी अच्छा ऑफर दे रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार देश के टॉप 10 बैंक 4 साल के पीरियड वाले 10 लाख रुपये तक के कार लोन पर 8.7 से 9.4 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहे हैं. यूनियन बैंक 8.70 प्रतिशत ब्यज ऑफर कर रहा है, जिसमें 24, 565 हजार रुपये ईएमआई कटेगी. वहीं, एसबीआई, इंडियन बैंक, केनरा बैंक और पंजाब नेशनल 8.75 की दर से लोन दे रहे हैं. इसमें आपकी 24, 587 रुपये ईएमआई जाएगी. बैंक ऑफ इंडिया में 8.85 प्रतिशत ब्याज के साथ आपकी 24, 632 रुपये ईएमआई जाएगी. बैंक ऑफ बड़ोदा में 8. 90 प्रतिशत ब्याज दर के साथ आपको 24, 655 रुपये, एक्सिस बैंक में 9.30 प्रतिशत ब्याज दर के साथ 24, 835 ईएमआई,  आईसीआईसीआई बैंक में 9.10 प्रतिशत ब्याज दर के साथ 24, 745 और एचडीएफसी बैंक में 9.40 प्रतिशत ब्याज दर के साथ आपको 24,881 रुपये ईएमआई देनी होगी.  
 


आज मनाई जाएगी राम नवमी, सुख व समृद्धि के लिए करें ये उपाय

आज देशभर में राम नवमी के साथ कन्या पूजन किया जाएगा. राम नवमी पर लोग पूजा पाठ करके अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए कामना करते हैं. 

Last Modified:
Tuesday, 16 April, 2024
Ram Navami

आज देशभर में राम नवमी मनाई जा रही है. अयोध्या में भी राम लला की पूजा की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. आपको बता दें, हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को राम नवमी मनाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है. साथ ही इसी दिन चैत्र नवरात्र का कन्या पूजन भी किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन उपाय करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और धन वर्षा भी होती है. तो चलिए जानते हैं आप राम नवमी पर किन उपायों से सुख समृद्धि पा सकते हैं. 

राम नवमी पूजन के लिए शुभ मुहुर्त 
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार राम नवमी 2024 का शुभ मुहूर्त इस वर्ष 17 अप्रैल को सुबह 11:03 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक रहेगा. इस समय श्रद्धालु श्रीराम और माता सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. इसके साथ ही कन्या पूजन के लिए भी ये मुहूर्त शुभ है. 

राम नवमी पर करें ये उपाय 
1.अगर आपको कार्यों में सफलता नहीं रही है, तो ऐसे में राम नवमी पर भगवान श्रीराम को पूजा के दौरान चंदन का तिलक लगाएं. साथ ही सच्चे मन से श्रीराम स्तुति का पाठ करें. मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है.
2.इसके अलावा आप राम नवमी पर श्रद्धा अनुसार गरीबों को कपड़ों और भोजन का दान कर सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि यह उपाय करने से भगवान श्रीराम प्रसन्न होते हैं.
3.भगवान श्रीराम भगवान विष्णु जी के 7वें अवतार हैं. माना जाता है कि विष्णु जी को पीले फुल अति प्रिय है, तो ऐसे में आप राम नवमी पर प्रभु को पीले फूल अर्पित करें. मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है.
4.अगर आप धन की प्राप्ति चाहते हैं, तो राम नवमी पर मंदिर में केसरिया ध्वज का दान करें और दूध में केसर ड़ालकर प्रभु का अभिषेक करें. साथ ही विशेष चीजों का भोग लगाएं. कहा जाता है कि यह उपाय करने से धन लाभ के योग बनते हैं.

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श्रीराम को लगाएं इन चीजों का भोग
1.माना जाता है कि भगवान राम को पंचामृत का भोग न लगाने से पूजा अधूरी रहती है. ऐसे में आप रामनवमी की पूजा के दौरान प्रभु को पंचामृत का भोग लगा सकते हैं.
2.भोग में खीर को भी शामिल कर सकते हैं. मान्यता है कि जब राजा दशरथ के घर भगवान राम और समेत चारों भाइयों का जन्म हुआ था, तो उस समय खीर ही बनाई गई थी.
3.अगर आप परिवार में सुख व समृद्धि चाहते हैं, तो इसके लिए आप राम नवमी पर मीठे बेर और कंदमूल का भोग लगाएं. पौराणिक कथा के अनुसार, भगवान राम ने वनवास के दौरान कंदमूल का सेवन किया था. 
4.भगवान श्रीराम के भोग के लिए आप घर पर केसर भा बना सकते हैं. ऐसा माना जाता है कि प्रभु को केसर भात का भोग लगाने दरिद्रता से छुटकारा मिलता है.

 


कुछ ही घंटों में शुरू होगा सूर्यग्रहण, अमेरिका में इसे देखने के लिए करोड़ों हुए खर्च

सोमवार को साल 2024 का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है. बस कुछ ही घंटों बाद सूर्यग्रहण शुरू हो जाएगा, हालांकि इसका भारत पर कई असर नहीं होगा. 

Last Modified:
Monday, 08 April, 2024
Solar eclipse

अब से कुछ घंटों बाद धरती पर बेहद रहस्यमयी खगोलीय घटना होने वाली है. सोमवार को साल 2024 का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण लगेगा. ज्योतिष शास्त्र में इसे एक अशुभ घटना माना गया है, लेकिन ये सूर्य ग्रहण अमेरिका के लिए शुभ संकेत लाया है. अमेरिका में इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए करोड़ों का खर्चा किया जा रहा है, तो आइए हम आपको बताते अमेरिका में लेकर क्या तैयारियां चल रही हैं?

इतनी देर का होगा सूर्यग्रहण
भारत में रात 9.12 बजे से देर रात 2.22 बजे तक सूर्य ग्रहण रहेगा, अब से कुछ घंटों बाद धरती से 15 करोड़ किलोमीटर की दूरी पर मौजूद सूर्य की तरंगों को ग्रहण लगने वाला है. हालांकि इस ग्रहण का भारत पर कोई असर नहीं होगा. वहीं इस सूर्य का सबसे अधिक प्रभाव अमेरिका में पड़ने वाला है, वहां इसे लेकर जोरों पर तैयारी चल रही है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य ग्रहण अमेरिका के लोगों के लिए शुभ संयोग लेकर आया है. अमेरिका में हवाई जहाज की टिकटों से लेकर होटलों तक की एडवांस बुकिंग हो गई. 
 

इतने लोग देखेंगे सूर्य ग्रहण
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये सूर्य ग्रहण अमेरिका को मंदी के ग्रहण से उबारने वाला है. 4 घंटे 25 मिनट का ये सूर्य ग्रहण पिछले 50 साल का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा. इस खगोलीय घटना को लेकर अमेरिका में लोगों में दीवानगी देखते ही बन रही है. इसके पीछे की वजह है इतना लंबा और इतना स्पष्ट सूर्य ग्रहण अमेरिका में अगले 20 साल में नहीं पड़ेगा. यही वजह है कि लोग इसे करीब से देखना चाहते हैं, महसूस करना चाहते हैं और इसलिए अमेरिका में 8 अप्रैल से पहले 50 लाख लोगों का सबसे बड़ा मूवमेंट हो रहा है.

उड़ेंगे दर्जनों हवाई जहाज
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अगले 2 दिनों में अमेरिका के करीब 14 शहरों के ऊपर से दर्जनों हवाई जहाज लगातार उड़ान भरेंगे. लोग अमेरिका आएंगे और फिर वापस अपने शहर लौटेंगे. अमेरिका के दूसरे राज्यों से लाखों लोग उन शहरों में पहुंच रहे हैं, जहां सूर्य ग्रहण बेहद साफ दिखाई देगा. अमेरिका में हजारों लोगों ने हवाई जहाज से सूर्य ग्रहण को देखने के लिए बुकिंग कराई है. आसमान से वो सूर्य ग्रहण का अद्भुत नजारा देखने के लिए लाखों खर्च कर रहे हैं. 

इन शहरों में दिखेगा ग्रहण
अमेरिका के टेक्सास, ओक्लाहोमा, मिसूरी, इलिनॉय, इंडियाना, मिशिगन, अर्कांसस, टेनेसी, केंटकी, ओहायो, पेन्सिलवेनिया, न्यूयॉर्क, वर्मोंट, न्यू हैम्पशायर, मैन वो शहर हैं, जहां पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखेगा. इन शहरों में करीब साढ़े 4 मिनट तक दिन में रात हो जाएगी. 8 अप्रैल को जब पूर्ण सूर्य ग्रहण इन शहरों में दिखेगा, तब लाखों लोग इसके साक्षी बनेंगे. साल 2016 में भी ऐसा सूर्य ग्रहण पड़ा था लेकिन वो इतना लंबा नहीं था. हालांकि, सूर्य का क्रोमोस्फियर साफ दिखा था.

1500 फीसदी बढ़ गई टिकट की मांग
अमेरिका में दिन में 1.27 बजे से 4.35 बजे तक पूर्ण सूर्य ग्रहण दिखेगा, करीब 4 करोड़ 40 लाख लोग पूर्ण सूर्य ग्रहण के साक्षी बनेंगे. इसे लेकर विमानों में टिकट की मांग 1500 फीसदी बढ़ गई है. साउथ वेस्ट और डेल्टा जैसी एयरलाइन्स 185 किमी के रूट पर कई फ्लाइट्स चलाएंगी. कई विमान कंपनियां सरकार से घुमावदार रूट की मंजूरी में जुटी हैं जिससे दाईं और बाईं दोनों ओर की विंडो सीट पर बैठे लोग इस मनोरम दृश्य को आराम से देख सकें. कुछ लोग तो ऐसे हैं जो 30 घंटे का सफ़र तय कर उन शहरों में पहुंचे, जहां सूर्य ग्रहण बिल्कुल साफ दिखाई देगा. लोगों की बेताबी को देखते हुए डेल्टा एयरलाइंस ने 2 स्पेशल फ्लाइट्स का ऐलान किया, तो हजारों रुपए की टिकट्स हाथों हाथ बिक गई.

होटल की डिमांड 1200 गुना तक बढ़ी
सूर्य ग्रहण की वजह से अमेरिका के कई शहरों में होटल्स की डिमांड 1200 गुना तक बढ़ गई. ट्रांसपोर्ट कंपनियों ने ग्रहण वाले स्पॉट के लिए स्पेशल पैकेज जारी कर दिया है. कई शहरों में अच्छे होटल में एक रूम का किराया- 120 डॉलर जबकि 8 अप्रैल को एक रूम का किराया 1585 डॉलर तक पहुंच गया है. पाथ ऑफ टोटैलिटी यानी ग्रहण वाले शहरों में Airbnb के 90 फीसदी होटल बुक हो गए हैं. इंटरनेट पर Airbnb के होटलों की सर्च 1000 गुना तक बढ़ गई.

ग्रहण से कंपनियों की मौज!
कई कंपनियां सोलर एक्लिप्स पार्टी आयोजित कर रही हैं. स्पेशल सेटअप लगाकर सूर्य ग्रहण देखने का इंतजाम किया जा रहा है. साइंटिस्ट्स और एक्सपर्ट्स के साथ क्लब में सोलर पार्टी रखी जा रही है. जिन क्लब्स में 20 डॉलर में एंट्री होती थी वो 325 डॉलर वसूल रहे हैं. ISO प्रमाणित चश्मों की मांग काफी ज्यादा बढ़ गई है. कई वेबसाइट्स पर 3 डॉलर का चश्मा 16 डॉलर में बिक रहा है. अकेले टेक्सास में 1.4 बिलियन डॉलर का कारोबार होने की उम्मीद है. वर्मांट में 230 मिलियन डॉलर तक का व्यापार हो सकता है.

नासा फायर करेगा 3 रॉकेट
इस बेहद दुर्लभ खगोलीय घटना पर दुनियाभर के वैज्ञानिकों की नजर है. जब अमेरिका में करोड़ों लोग सूर्य ग्रहण को देख रहे होंगे, तब NASA धरती से अंतरिक्ष की ओर 3 रॉकेट फायर करेगा. तीनों रॉकेट्स सीधे ग्रहण की छाया में लॉन्च किए जाएंगे. वैज्ञानिकों की 3 टीम WB-57 हवाई जहाज के जरिए सूर्य ग्रहण का अध्ययन करेंगी. 2024 के सूर्य ग्रहण के वक्त WB-57 हवाई जहाज 57 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ेंगे. यानी एक तरफ जहां अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए ये सुनहरा मौका है तो वहीं वैज्ञानिक उन रहस्यों से पर्दा उठा सकते हैं जिसका वो लम्बे वक्त से इंतजार कर रहे हैं.


9 अप्रैल से शुरू होगी चैत्र नवरात्रि, शुभ फल की प्राप्ति के लिए करें ये उपाय

पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल से शुरू हो रही है और 17 अप्रैल को नवमी के साथ ही इसका समापन होगा. 

Last Modified:
Saturday, 06 April, 2024
Navratri

नवरात्रि मां दुर्गा की पूजा और उपासना का पर्व है. भारत में इस त्यौहार को बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है. श्रद्धालु माता रानी को प्रसन्न करने के लिए नौ दिनों का व्रत रखते हैं. आपको बता दें, साल में 4 बार नवरात्रि का व्रत रखा जाता है, जिसमें दो गुप्त नवरात्रि, तीसरी चैत्र नवरात्रि और चौथी शारदीय नवरात्रि शामिल है. पंचांग के अनुसार, इस साल चैत्र माह की नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से होने जा रही है. इस साल नवरात्रि के पहले दिन सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग समेत कई अद्भुत संयोग बन रहे हैं. ऐसे में हम आपको बताते हैं कि आप कैसे माता रानी को प्रसन्न करके धन, सुख व समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं.
 
विधिवत पूजा करके माता को लगाएं भोग
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार चैत्र नवरात्रि में मां के भक्त माता रानी को प्रसन्न करने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं, 9 दिनों तक व्रत रखते हैं. मां भगवती की विधिवत पूजा उपासना करके उनसे सुखी जीवन की कामना करते हैं. ऐसे में नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों के पूजा के साथ उन्हें 9 दिनों तक विशेष चीजों का भोग लगा सकते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और धन, सुख व समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं. 

नवरात्रि का मुहुर्त
पंचांग के अनुसार इस साल चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ 8 अप्रैल को रात 11:50 पर होगी और अगले दिन 9 अप्रैल को 8:30 पर समाप्त होगी इसलिए उदय तिथि के अनुसार 9 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि का आरंभ होगा 13 अप्रैल को समापन होगा. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह व्रत स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं. 

माता रानी को लगाएं मिठाई का भोग
नवरात्रि के नौ दिन माता रानी के नौ अलग अलग स्वरूपों की पूजा होती है. ऐसे में हर दिन माता रानी को अलग अलग मिठाई या प्रसाद का भोग लगाएं. ऐसा करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी. 
-पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, इस दिन माता रानी को घी से बनी मिठाई का भोग लगाएं. 
-नवरात्रि के दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की विधिवत पूजा करें और उन्हें पंचामृत का भोग लगाएं. 
-नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, उन्हें दूध से बनी मिठाई का भोग लगाएं. 
-नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा की जाती है, उन्हें माल पुआ का भोग लगाना शुभ माना जाता है. 
-नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंद माता की पूजा करें और उन्हें चीनी या केले का भोग लगाएं. 
-नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करें और उन्हें मीठे पान का भोग लगाएं.
- नवरात्रि के सातवें दिन महाकाल रात्रि की विधिवत पूजन से पूजा करें और उन्हें गुड़ की बनी मिठाई का भोग लगाएं.
-आठवें दिन में महागौरी की पूजा करके उन्हें नारियल का भोग लगाएं. 
-नौवे दिन में मां सिद्धिदात्री की पूजा करें और उन्हें खीर, पुड़ी और हलवे का भोग लगाएं.
 


सोमवार को रहेगा चंद्रग्रहण, जानें होली पर इसका क्या होगा असर?

25 मार्च यानी सोमवार को होली के साथ ही चंद्रग्रहण लगने वाला है. ये साल का पहला चंद्रग्रहण होगा, जिसका असर कन्या राशि पर रहेगा.

Last Modified:
Sunday, 24 March, 2024
Holi celebration

इस साल का पहला चंद्रग्रहण 25 मार्च यानी सोमवार को लगने जा रहा है. वहीं, इसी दिन देशभर में होली का जश्न भी मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है. ज्योतिषियों की मानें तो, इस बार होली बहुत ही अनोखी मानी जा रही है क्योंकि होली के दिन ही साल का पहला चंद्रग्रहण लगना जा रहा है. ऐसे में लोग इसी सोच में पड़े हैं कि इस बार होली मनाई जाएगी या नहींं, या होली पर ग्रहण का कितना असर पड़ेगा, तो आइए आपको बताते हैं ेचंग्रहण पर होली का कितना प्रभाव रहेगा और आप होली मना सकेंगे या नहीं. 

ग्रहण का समय और प्रभाव
ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्रग्रहण सोमवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 02 मिनट पर यह समाप्त होगा. इस ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 36 मिनट की रहेगी. साल का पहला चंद्रग्रहण कन्या राशि में लगेगा. हालांकि, यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. लेकिन, फिर भी इसका प्रभाव लोगों पर पड़ेगा. साथ ही देश विदेश पर पड़ेगा. 

क्या होगा होली पर असर?
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को साल का पहला चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, जिस कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. इसलिए,  भारत में होली खेली जा सकती है, यानी होली पर चंद्रग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. साथ ही किसी धार्मिक कार्य और पूजा पाठ पर भी रोक नहीं लगेगी. लेकिन,  यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, जापान, रूस के कुछ हिस्सों, स्पेन, इटली, पुर्तगाल, आयरलैंड आदि देशों में दिखेगा.  

क्या होगा होलिका दहन शुभ मुहूर्त?
आज होलिका दहना किया जाएगा. होलिका दहन की शुरुआत 24 मार्च यानी आज सुबह 9 बजकर 54 मिनट से होगी और समापन 25 मार्च यानी कल दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा. आज भद्रा काल सुबह 9 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा, इसलिए आज रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है. 

किन राशियों के लिए रहेगा शुभ? 
25 मार्च को लगने जा रहा है चंद्रग्रहण का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. मिथुन, मकर, सिंह और धनु वालों के लिए यह साल का पहला चंद्रग्रहण बहुत ही शुभ माना जा रहा है और लाभ होने की संभावना भी बन रही है.  कर्क, कन्या और कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ माना जा रहा है.

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ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं?
ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें, किसी मांगलिक कार्य का संकल्प न लें और 
कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करने से बचें. वहीं, इस दौरान भगवान का ध्यान करें, खाने के सामान में तुलसी के पत्ते रख दें, शुद्ध जल से स्नान करें और गरीबों को भी दान करें.  

 


क्या कहते हैं क्रिप्टो करेंसी के सितारे, कैसा रहेगा आने वाला कल?

दिल्ली के सिलेब्रिटी एस्ट्रोलॉजर और पामिस्ट आचार्य प्रवीण चौहान के अनुसार सितारों को देखकर और ज्योतिष के माध्यम से निवेशक क्रिप्टो बाजार में निवेश करके फायदा कमा सकते हैं.                                                                  

Last Modified:
Monday, 18 March, 2024
Astrologer praveen

क्या क्रिप्टोकरेंसी नई आकाशीय(Celetial), यूनिवर्सल इंटरनेट मुद्रा हो सकती है, जो पैसे को देखने के हमारे तरीके को बदल देगी? तो आइए दिल्ली के सेलेब्रिटी एस्ट्रोलॉजर और पामिस्ट आचार्य प्रवीण चौहान से क्रिप्टोकरेंसी का ज्योतिष जानते हैं. प्रवीण चौहान के अनुसार कई नए क्रिप्टोकरेंसी करोड़पतियों के निर्माण के पीछे ज्योतिष और सितारों का संरेखण प्रेरक शक्ति रही हैं. ये ऐसे लोग थे जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी तब खरीदी जब इसकी कीमत पेनी में मापी जाती थी और फिर जब क्रिप्टोकरेंसी ने हजारों डॉलर पर कारोबार किया तब इन्होंने अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचकर मुनाफा कमाया. इसी तरह ये लोग आज करोड़पति बन गए हैं. 

क्रिप्टोकरेंसी की कीमत की गति और दिशा का अनुमान

आचार्य प्रवीण के अनुसार उनके वैदिक ज्योतिष अध्ययन के माध्यम से प्राचीन विज्ञान का उपयोग करके क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों की गति और दिशा का अनुमान लगाया जा सकता है. आख़िरकार ज्योतिष और वित्तीय तकनीकी विश्लेषण के बीच समानताएं हैं. दोनों प्रथाएं उन रुझानों की पहचान करने के लिए अतीत के डेटा का उपयोग करती हैं, जो पहले ही साकार हो चुके हैं और फिर उस जानकारी का उपयोग करके पैटर्न के भविष्य के परिणामों का पूर्वानुमान लगाते हैं. तीन में से एक व्यक्ति के पास इन खगोलीय संपत्तियों पर सट्टा लगाने और निवेश करने की प्राकृतिक प्रतिभा होती है. आप चाहे एक अनुभवी निवेशक हों या अभी शुरुआत कर रहे हैं, आपके लिए क्रिप्टो क्षेत्र जैसे अस्थिर बाजारों में निवेश करने के लिए वैदिक ज्योतिष फायदेमंद हो सकती है.

तारीख, समय और स्थान से लगा सकते हैं पूर्वानुमान

ज्योतिष में किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख, समय और स्थान उसके जीवन पर खगोलीय गतिविधि के प्रभाव का पूर्वानुमान लगाने के लिए आवश्यक तत्व हैं. इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी के लिए ज्योतिष पढ़ने के लिए हमें इसकी लॉन्च तिथि पर विचार करने की आवश्यकता है. उदाहरण के लिए 3 जनवरी 2009 को बनाया गया बिटकॉइन का जेनेसिस ब्लॉक, इसकी जन्मतिथि के समकक्ष के रूप में कार्य करता है. जब क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की सफलता की बात आती है, तो किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों और घरों की स्थिति और संयोजन मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी अप्रत्याशित साबित हुई है और हमेशा बाजार के रुझान का पालन नहीं करती है. क्रिप्टो बाजार की अस्थिर प्रकृति के बावजूद इसके उद्योग में हाल के वर्षों में जबरदस्त वृद्धि हुई है.

इस महीने में बढ़ सकती है बिटकाइन की कीमत

विश्लेषण के अनुसार अप्रैल में बिटकॉइन हॉल्टिंग इवेंट बिटकॉइन की कीमत को नई सर्वकालिक ऊंचाई पर ले जा सकता है. मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में मानी जाने वाली संपत्ति अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव पर भी प्रतिक्रिया करती है. वॉल स्ट्रीट विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि फेडरल रिजर्व इस साल कम से कम 3 बार ब्याज दरों में कटौती करेगा, जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में अधिक धन प्रवाहित होगा और निवेशकों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक धनराशि बिटकॉइन जैसी परिसंपत्तियों में स्थानांतरित होगी.

ज्योतिष के पास भाग्य के रहस्यों को खोलने की कुंजी

सितारों को देखकर और ज्योतिष से अंतर्दृष्टि प्राप्त करके, निवेशक क्रिप्टो बाजार में खेल रही अनोखी ताकतों की गहरी समझ प्राप्त कर सकते हैं. इस ज्ञान के साथ वे अधिक जानकारीपूर्ण निर्णय ले सकते हैं और संभावित रूप से 2024-25 और उसके बाद सफलता के छिपे अवसरों को प्राप्त कर सकते हैं. ज्योतिषीय घरानों (astrological houses) के पास सट्टा लाभ में भाग्य के रहस्यों को खोलने की कुंजी है, खासकर क्रिप्टो बाजार में ये संभव है. 

कैसे काम करते हैं ये ज्योतिष घराने?

ज्योतिष घरानों के 4 प्रमुख घर (House) आपकी सफलता या विफलता की क्षमता का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

1.जन्म कुंडली में दूसरा घर (2nd House) संचित धन का प्रतिनिधित्व करता है और इसकी स्थिति क्रिप्टो बाजार में अमीर होने की आपकी संभावना को सीधे प्रभावित कर सकती है. 

2.आठवां घर (8th House) अचानक लाभ और संपत्ति को नियंत्रित करता है. इसकी अनुकूल स्थिति व्यक्ति को ऐसे अवसर प्रदान कर सकती है जो प्रचुर मात्रा में धन लाते हैं. इस घर में भाग्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और ब्रह्मांडीय संरेखण वित्तीय लाभ लाने के लिए अद्भुत काम कर सकता है.

3. नौंवा घर (9th House) को भाग्य और सौभाग्य का भाव कहा जाता है. इस घर में स्थिति को आपके पक्ष में मोड़ने की शक्ति है और जिन लोगों को मजबूत 9वें घर का आशीर्वाद प्राप्त है, उन्हें अपनी निवेश यात्रा में वित्तीय लाभ और सफलता का अनुभव होने की संभावना है.

4.12वां घर (12th House) नुकसान का प्रतीक है और क्रिप्टो बाजार में सफलता के लिए एक बड़ी बाधा हो सकता है. नकारात्मक ऊर्जा और आपके निवेश पर इसके संभावित प्रभाव से बचने के लिए इस घर की सावधानीपूर्वक निगरानी और नियंत्रण की आवश्यकता है. सही मार्गदर्शन और ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि के साथ आप 12वें घर में प्रवेश कर सकते हैं और अपनी वित्तीय सफलता के रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा को दूर कर सकते हैं.


राम मंदिर में चढ़ावे का अंबार, पहले दिन भक्तों ने दान किए 3.17 करोड़!  

श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या के राम मंदिर पहुंचने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. भक्त दिल खोलकर दान भी कर रहे हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 25 January, 2024
Last Modified:
Thursday, 25 January, 2024
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'वनवास' खत्म कर अयोध्या (Ayodhya) पधारे श्रीराम के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है. इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं कि प्रशासन के लिए व्यवस्था संभालना मुश्किल हो गया है. इस बीच, राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहले दिन यानी मंगलवार को चढ़ावे का जो आंकड़ा आया है, उसने सभी को चौंका दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक ही दिन में राम भक्तों द्वारा 3.17 करोड़ रुपए का चढ़ावा (Donation) चढ़ाया गया है. 

बड़ी संख्या में भक्तों ने किए दर्शन
रिपोर्ट्स में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा के हवाले से बताया गया है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन 10 दान काउंटर खोले गए थे. 22 जनवरी को समारोह के बाद श्रद्धालुओं ने दान काउंटर और ऑनलाइन दान के रूप में 3.17 करोड़ रुपए डोनेट किए हैं. उन्होंने बताया कि 23 जनवरी को पांच लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए. जबकि, इसके एक दिन बाद रात 10 बजे तक 2.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए. बुधवार को चढ़ावे के रूप में जो राशि प्राप्त हुई है, उसकी जानकारी आज सामने आएगी. 

रात 10 बजे तक खुल रहा मंदिर
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते फिलहाल मंदिर सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक खोला जा रहा है. जबकि मंदिर के खुलने का पूर्व निर्धारित समय सुबह 7 बजे से सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक, फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक थी. उत्त प्रदेश में पड़ रही भीषण ठंड और कोहरे के बावजूद लोग बड़ी संख्या में राम लला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मुख्य मार्ग राम पथ और मंदिर परिसर के आसपास लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की टीमों की तैनाती की भी खबर है. 

करोड़ों का कारोबार भी हुआ 
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को पूरे देश में दिवाली की तरह मनाया गया था. इस मौके पर करोड़ों का कारोबार हुआ है. हाल ही में कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की तरफ से बताया गया था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के चलते देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान है. उत्तर प्रदेश में लगभग 40 हजार करोड़ की वस्तु एवं सेवाओं की बिक्री हुई. जबकि राजधानी दिल्ली में यह आंकड़ा 25 हजार करोड़ रुपए पहुंच गया. CAIT के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा था कि संभवतः देश में यह पहली बार है जब आस्था एवं भक्ति के कारण इतनी बड़ी राशि व्यापार के जरिए बाजारों में आई. खास बात ये है कि यह कारोबार छोटे व्यापारियों एवं लघु उद्यमियों द्वारा किया गया, जिसकी वजह से यह पैसा व्यापार में आर्थिक तरलता को बढ़ाएगा. खंडेलवाल के मुताबिक, राम मंदिर की वजह से देश में कारोबार के नए अवसर मिले हैं और लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिलेगा.