भारतीय संस्कृति में क्या है विक्रम संवत का महत्त्व, कितने प्रकार के होते हैं संवत्सर?

आज अंग्रेजी कैलेंडर प्रचलन में है, परन्तु हमारे तीज-त्यौहार, व्रत, उपवास, रामनवमी-जन्माष्टमी, गृह प्रवेश, विवाह आदि का शुभमुहूर्त भारतीय कैलेंडर अर्थात हिन्दू पंचांग के अनुसार ही देखा जाता है.

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Tuesday, 21 March, 2023
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  • डॉ. सौरभ मालवीय

नवरात्र हवन के झोंके, सुरभित करते जनमन को।
है शक्तिपूत भारत, अब कुचलो आतंकी फन को॥
नव संवत पर संस्कृति का, सादर वन्दन करते हैं।
हो अमित ख्याति भारत की, हम अभिनन्दन करते हैं॥

22 मार्च से विक्रम संवत 2080 का प्रारंभ हो रहा है. विक्रम संवत को नव संवत्सर भी कहा जाता है. संवत्सर पांच प्रकार के होते हैं, जिनमें सौर, चन्द्र, नक्षत्र, सावन और अधिमास सम्मिलित हैं. मेष, वृष, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुम्भ एवं मीन नामक बारह राशियां सूर्य वर्ष के महीने हैं. सूर्य का वर्ष 365 दिन का होता है. इसका प्रारम्भ सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने से होता है. चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, अग्रहायण, पौष, माघ और फाल्गुन चन्द्र वर्ष के महीने हैं. चन्द्र वर्ष 355 दिन का होता है. इस प्रकार इन दोनों वर्षों में दस दिन का अंतर हो जाता है. चन्द्र माह के बढ़े हुए दिनों को ही अधिमास या मलमास कहा जाता है. नक्षत्र माह 27 दिन का होता है, जिन्हें अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र कहा जाता है. सावन वर्ष में 360 दिन होते हैं. इसका एक महीना 30 दिन का होता है.      

विक्रम संवत का महत्व 
भारतीय संस्कृति में विक्रम संवत का बहुत महत्त्व है. चैत्र का महीना भारतीय कैलेंडर के हिसाब से वर्ष का प्रथम महीना है. नवीन संवत्सर के संबंध में अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं. वैदिक पुराण एवं शास्त्रों के अनुसार चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि को आदिशक्ति प्रकट हुई थीं. आदिशक्ति के आदेश पर ब्रह्मा ने सृष्टि की प्रारम्भ की थी. इसीलिए इस दिन को अनादिकाल से नववर्ष के रूप में जाना जाता है. मान्यता यह भी है कि इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था. इसी दिन सतयुग का प्रारम्भ हुआ था. मान्यता है कि इसी दिन सम्राट विक्रमादित्य ने अपना राज्य स्थापित किया था. श्रीराम का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था. युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ था. नवरात्र भी इसी दिन से प्रारम्भ होते हैं. इसी तिथि को राजा विक्रमादित्य ने शकों पर विजय प्राप्त की थी. विजय को चिर स्थायी बनाने के लिए उन्होंने विक्रम संवत का शुभारंभ किया था, तभी से विक्रम संवत चली आ रही है. इसी दिन से महान गणितज्ञ भास्कराचार्य ने सूर्योदय से सूर्यास्त तक दिन, महीने और वर्ष की गणना करके पंचांग की रचना की थी. चैत्र शुक्ल प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्त्व भी है. स्वामी दयानंद सरस्वती ने इसी दिन आर्य समाज की स्थापना की थी. इस दिन महर्षि गौतम जयंती मनाई जाती है. इस दिन संघ संस्थापक डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिवस भी मनाया जाता है.

महीनों का रोचक नामकरण
सृष्टि की सर्वाधिक उत्कृष्ट काल गणना का श्रीगणेश भारतीय ऋषियों ने अति प्राचीन काल से ही कर दिया था. तदनुसार हमारे सौरमंडल की आयु लगभग चार अरब 32 करोड़ वर्ष हैं. आधुनिक विज्ञान भी कार्बन डेटिंग और हॉफ लाइफ पीरियड की सहायता से इसे लगभग चार अरब वर्ष पुराना मान रहा है. इतना ही नहीं, श्रीमद्भागवद पुराण, श्री मारकंडेय पुराण और ब्रह्म पुराण के अनुसार अभिशेत् बाराह कल्प चल रहा है और एक कल्प में एक हजार चतुरयुग होते हैं. जिस दिन सृष्टि का प्रारम्भ हुआ, वह आज ही का पवित्र दिन था. इसी कारण मदुराई के परम पावन शक्तिपीठ मीनाक्षी देवी के मंदिर में चैत्र पर्व मनाने की परंपरा बन गई. भारतीय महीनों का नामकरण भी बड़ा रोचक है. अर्थात जिस महीने की पूर्णिमा जिस नक्षत्र में पड़ती है, उसी के नाम पर उस महीने का नामकरण किया गया है, उदाहरण के लिए इस महीने की पूर्णिमा चित्रा नक्षत्र में हैं, इसलिए इसे चैत्र महीने का नाम दिया गया. क्रांति वृत पर 12 महीने की सीमाएं तय करने के लिए आकाश में 30-30 अंश के 12 भाग किए गए और उनके नाम भी तारा मंडलों की आकृतियों के आधार पर रखे गए. इस प्रकार बारह राशियां बनीं. चूंकि सूर्य क्रांति मंडल के ठीक केंद्र में नहीं है, अत: कोणों के निकट धरती सूर्य की प्रदक्षिणा 28 दिन में कर लेती है और जब अधिक भाग वाले पक्ष में 32 दिन लगते हैं. इसलिए प्रति तीन वर्ष में एक मास अधिक हो जाता है.

भारतीय काल गणना
भारतीय काल गणना इतनी वैज्ञानिक व्यवस्था है कि शताब्दियों तक एक क्षण का भी अंतर नहीं पड़ता, जबकि पश्चिमी काल गणना में वर्ष के 365.2422 दिन को 30 और 31 के हिसाब से 12 महीनों में विभक्त करते हैं. इस प्रकार प्रत्येक चार वर्ष में फरवरी महीने को लीप ईयर घोषित कर देते हैं. तब भी नौ मिनट 11 सेकेंड का समय बच जाता है, तो प्रत्येक चार सौ वर्षों में भी एक दिन बढ़ाना पड़ता है, तब भी पूर्णाकन नहीं हो पाता. अभी कुछ वर्ष पूर्व ही पेरिस के अंतर्राष्ट्रीय परमाणु घड़ी को एक सेकंड स्लो कर दिया गया. फिर भी 22 सेकंड का समय अधिक चल रहा है. यह पेरिस की वही प्रयोगशाला है, जहां के सीजीएस सिस्टम से संसार भर के सारे मानक तय किए जाते हैं. रोमन कैलेंडर में तो पहले 10 ही महीने होते थे. किंगनुमापाजुलियस ने 355 दिनों का ही वर्ष माना था, जिसे जुलियस सीजर ने 365 दिन घोषित कर दिया और उसी के नाम पर एक महीना जुलाई बनाया गया. उसके एक सौ वर्ष पश्चात किंग अगस्ट्स के नाम पर एक और महीना अगस्ट अर्थात अगस्त भी बढ़ाया गया. चूंकि ये दोनों राजा थे, इसलिए इनके नाम वाले महीनों के दिन 31 ही रखे गए. आज के इस वैज्ञानिक युग में भी यह कितनी हास्यास्पद बात है कि लगातार दो महीने के दिनों की संख्या समान है, जबकि अन्य महीनों में ऐसा नहीं है. यही नहीं, जिसे हम अंग्रेजी कैलेंडर का नौवां महीना सितम्बर कहते हैं, दसवां महीना अक्टूबर कहते हैं, ग्यारहवां महीना नवम्बर और बारहवां महीना दिसंबर है. इनके शब्दों के अर्थ भी लैटिन भाषा में 7,8,9 और 10 होते हैं. भाषा विज्ञानियों के अनुसार भारतीय काल गणना पूरे विश्व में व्याप्त थी और सचमुच सितम्बर का अर्थ सप्ताम्बर था, आकाश का सातवां भाग, उसी प्रकार अक्टूबर अष्टाम्बर, नवम्बर तो नवमअम्बर और दिसम्बर दशाम्बर है.

रविवार सृष्टि का प्रथम दिन
वर्ष 1608 में एक संवैधानिक परिवर्तन द्वारा एक जनवरी को नववर्ष घोषित किया गया. जेनदअवेस्ता के अनुसार धरती की आयु लगभग 12 हजार वर्ष है. चीनी कैलेंडर लगभग एक करोड़ वर्ष पुराना मानता है. चालडियन कैलेंडर धरती को लगभग दो करोड़ 15 लाख वर्ष पुराना मानता है. फीनीसयन इसे लगभग 30 हजार वर्ष की बताते हैं. सीसरो के अनुसार, यह लगभग चार लाख 80 हजार वर्ष पुरानी है. सूर्य सिद्धांत और सिद्धांत शिरोमाणि आदि ग्रंथों में चैत्रशुक्ल प्रतिपदा रविवार का दिन ही सृष्टि का प्रथम दिन माना गया है. संस्कृत के होरा शब्द से ही, अंग्रेजी का आवर (Hour) शब्द बना है. इस प्रकार यह सिद्ध हो रहा है कि वर्ष प्रतिपदा ही नववर्ष का प्रथम दिन है. एक जनवरी को नववर्ष मनाने वाले दोहरी भूल के शिकार होते हैं, क्योंकि भारत में जब 31 दिसंबर की रात को 12 बजता है, तो ब्रिटेन में सायंकाल होता है, जो कि नववर्ष की पहली सुबह हो ही नहीं सकती. और जब उनका एक जनवरी का सूर्योदय होता है, तो यहां के Happy New Year मनाने वाले रात्रि भर जागने कारण सो रहे होते हैं. ऐसी स्थिति में उनके लिए सवेरे नहा धोकर भगवान सूर्य की पूजा करना तो अत्यंत दुष्कर कार्य है. परन्तु भारतीय नववर्ष में वातावरण अत्यंत मनोहारी रहता है. केवल मनुष्य ही नहीं, अपितु जड़ चेतना नर-नाग यक्ष रक्ष किन्नर-गंधर्व, पशु-पक्षी लता, पादप, नदी नद, देवी, देव, मानव से समष्टि तक सब प्रसन्न होकर उस परम शक्ति के स्वागत मंर सन्नध रहते हैं.

चहुंओर प्रकृति चहक उठती है
नववर्ष पर दिवस सुनहले, रात रूपहली, उषा सांझ की लाली छन-छन कर पत्तों में बनती हुई चांदनी जाली कितनी मनोहारी लगती है. शीतल मंद सुगंध पवन वातावरण में हवन की सुरभि कर देते हैं. ऐसे ही शुभ वातावरण में अखिल लोकनायक श्रीराम का अवतार होता है. उल्लेखनीय है कि ज्योतिष विद्या में ग्रह, ऋतु, मास, तिथि एवं पक्ष आदि की गणना भी चैत्र प्रतिपदा से ही की जाती है. मान्यता है कि नव संवत्सर के दिन नीम की कोमल पत्तियों और पुष्पों का मिश्रण बनाकर उसमें काली मिर्च, नमक, हींग, मिश्री, जीरा और अजवाइन मिलाकर उसका सेवन करने से शरीर स्वस्थ रहता है. इस दिन आंवले का सेवन भी बहुत लाभदायक बताया गया है, माना जाता है कि आंवला नवमीं को जगत पिता ने सृष्टि पर पहला सृजन पौधे के रूप में किया था. यह पौधा आंवले का था, इस तिथि को पवित्र माना जाता है. इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है. निसंदेह, जब भारतीय नववर्ष का प्रारंभ होता है, तो चहुंओर प्रकृति चहक उठती है. भारत की बात ही निराली है.

कवि श्री जयशंकर प्रसाद के शब्दों में-
अरुण यह मधुमय देश हमारा
जहां पहुंच अनजान क्षितिज को
मिलता एक सहारा
अरुण यह मधुमय देश हमारा

इसमें संदेह नहीं कि आज अंग्रेजी कैलेंडर प्रचलन में है, परन्तु हमारे तीज-त्यौहार, व्रत, उपवास, रामनवमी-जन्माष्टमी, गृह प्रवेश, विवाह तथा अन्य कार्यों के शुभमुहूर्त आदि सभी आयोजन भारतीय कैलेंडर अर्थात हिन्दू पंचांग के अनुसार ही देखे जाते हैं. आइए इस शुभ अवसर पर हम भारत को पुन: जगतगुरु के पद पर आसीन करने में कृत संकल्प हों.

(लेखक ने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और मीडिया विषय पर पीएचडी की है).


सोमवार को रहेगा चंद्रग्रहण, जानें होली पर इसका क्या होगा असर?

25 मार्च यानी सोमवार को होली के साथ ही चंद्रग्रहण लगने वाला है. ये साल का पहला चंद्रग्रहण होगा, जिसका असर कन्या राशि पर रहेगा.

Last Modified:
Sunday, 24 March, 2024
Holi celebration

इस साल का पहला चंद्रग्रहण 25 मार्च यानी सोमवार को लगने जा रहा है. वहीं, इसी दिन देशभर में होली का जश्न भी मनाया जाएगा. हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होली का त्योहार मनाया जाता है. ज्योतिषियों की मानें तो, इस बार होली बहुत ही अनोखी मानी जा रही है क्योंकि होली के दिन ही साल का पहला चंद्रग्रहण लगना जा रहा है. ऐसे में लोग इसी सोच में पड़े हैं कि इस बार होली मनाई जाएगी या नहींं, या होली पर ग्रहण का कितना असर पड़ेगा, तो आइए आपको बताते हैं ेचंग्रहण पर होली का कितना प्रभाव रहेगा और आप होली मना सकेंगे या नहीं. 

ग्रहण का समय और प्रभाव
ज्योतिषियों के अनुसार, चंद्रग्रहण सोमवार सुबह 10 बजकर 30 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 3 बजकर 02 मिनट पर यह समाप्त होगा. इस ग्रहण की अवधि लगभग 4 घंटे 36 मिनट की रहेगी. साल का पहला चंद्रग्रहण कन्या राशि में लगेगा. हालांकि, यह चंद्रग्रहण भारत में नहीं दिखेगा. लेकिन, फिर भी इसका प्रभाव लोगों पर पड़ेगा. साथ ही देश विदेश पर पड़ेगा. 

क्या होगा होली पर असर?
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को साल का पहला चंद्रग्रहण लगने जा रहा है. यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, जिस कारण इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. इसलिए,  भारत में होली खेली जा सकती है, यानी होली पर चंद्रग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. साथ ही किसी धार्मिक कार्य और पूजा पाठ पर भी रोक नहीं लगेगी. लेकिन,  यह चंद्र ग्रहण अमेरिका, जापान, रूस के कुछ हिस्सों, स्पेन, इटली, पुर्तगाल, आयरलैंड आदि देशों में दिखेगा.  

क्या होगा होलिका दहन शुभ मुहूर्त?
आज होलिका दहना किया जाएगा. होलिका दहन की शुरुआत 24 मार्च यानी आज सुबह 9 बजकर 54 मिनट से होगी और समापन 25 मार्च यानी कल दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर होगा. आज भद्रा काल सुबह 9 बजकर 24 मिनट से शुरू होगा और रात 10 बजकर 27 मिनट तक रहेगा, इसलिए आज रात 10 बजकर 27 मिनट के बाद ही होलिका दहन किया जा सकता है. 

किन राशियों के लिए रहेगा शुभ? 
25 मार्च को लगने जा रहा है चंद्रग्रहण का सभी राशियों पर प्रभाव पड़ेगा. मिथुन, मकर, सिंह और धनु वालों के लिए यह साल का पहला चंद्रग्रहण बहुत ही शुभ माना जा रहा है और लाभ होने की संभावना भी बन रही है.  कर्क, कन्या और कुंभ राशि वालों के लिए अशुभ माना जा रहा है.

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ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या नहीं?
ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य न करें, किसी मांगलिक कार्य का संकल्प न लें और 
कोई भी धार्मिक अनुष्ठान करने से बचें. वहीं, इस दौरान भगवान का ध्यान करें, खाने के सामान में तुलसी के पत्ते रख दें, शुद्ध जल से स्नान करें और गरीबों को भी दान करें.  

 


क्या कहते हैं क्रिप्टो करेंसी के सितारे, कैसा रहेगा आने वाला कल?

दिल्ली के सिलेब्रिटी एस्ट्रोलॉजर और पामिस्ट आचार्य प्रवीण चौहान के अनुसार सितारों को देखकर और ज्योतिष के माध्यम से निवेशक क्रिप्टो बाजार में निवेश करके फायदा कमा सकते हैं.                                                                  

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Monday, 18 March, 2024
Astrologer praveen

क्या क्रिप्टोकरेंसी नई आकाशीय(Celetial), यूनिवर्सल इंटरनेट मुद्रा हो सकती है, जो पैसे को देखने के हमारे तरीके को बदल देगी? तो आइए दिल्ली के सेलेब्रिटी एस्ट्रोलॉजर और पामिस्ट आचार्य प्रवीण चौहान से क्रिप्टोकरेंसी का ज्योतिष जानते हैं. प्रवीण चौहान के अनुसार कई नए क्रिप्टोकरेंसी करोड़पतियों के निर्माण के पीछे ज्योतिष और सितारों का संरेखण प्रेरक शक्ति रही हैं. ये ऐसे लोग थे जिन्होंने क्रिप्टोकरेंसी तब खरीदी जब इसकी कीमत पेनी में मापी जाती थी और फिर जब क्रिप्टोकरेंसी ने हजारों डॉलर पर कारोबार किया तब इन्होंने अपनी हिस्सेदारी का एक हिस्सा बेचकर मुनाफा कमाया. इसी तरह ये लोग आज करोड़पति बन गए हैं. 

क्रिप्टोकरेंसी की कीमत की गति और दिशा का अनुमान

आचार्य प्रवीण के अनुसार उनके वैदिक ज्योतिष अध्ययन के माध्यम से प्राचीन विज्ञान का उपयोग करके क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों की गति और दिशा का अनुमान लगाया जा सकता है. आख़िरकार ज्योतिष और वित्तीय तकनीकी विश्लेषण के बीच समानताएं हैं. दोनों प्रथाएं उन रुझानों की पहचान करने के लिए अतीत के डेटा का उपयोग करती हैं, जो पहले ही साकार हो चुके हैं और फिर उस जानकारी का उपयोग करके पैटर्न के भविष्य के परिणामों का पूर्वानुमान लगाते हैं. तीन में से एक व्यक्ति के पास इन खगोलीय संपत्तियों पर सट्टा लगाने और निवेश करने की प्राकृतिक प्रतिभा होती है. आप चाहे एक अनुभवी निवेशक हों या अभी शुरुआत कर रहे हैं, आपके लिए क्रिप्टो क्षेत्र जैसे अस्थिर बाजारों में निवेश करने के लिए वैदिक ज्योतिष फायदेमंद हो सकती है.

तारीख, समय और स्थान से लगा सकते हैं पूर्वानुमान

ज्योतिष में किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख, समय और स्थान उसके जीवन पर खगोलीय गतिविधि के प्रभाव का पूर्वानुमान लगाने के लिए आवश्यक तत्व हैं. इसी तरह क्रिप्टोकरेंसी के लिए ज्योतिष पढ़ने के लिए हमें इसकी लॉन्च तिथि पर विचार करने की आवश्यकता है. उदाहरण के लिए 3 जनवरी 2009 को बनाया गया बिटकॉइन का जेनेसिस ब्लॉक, इसकी जन्मतिथि के समकक्ष के रूप में कार्य करता है. जब क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की सफलता की बात आती है, तो किसी व्यक्ति की कुंडली में ग्रहों और घरों की स्थिति और संयोजन मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकते हैं, जबकि क्रिप्टोकरेंसी अप्रत्याशित साबित हुई है और हमेशा बाजार के रुझान का पालन नहीं करती है. क्रिप्टो बाजार की अस्थिर प्रकृति के बावजूद इसके उद्योग में हाल के वर्षों में जबरदस्त वृद्धि हुई है.

इस महीने में बढ़ सकती है बिटकाइन की कीमत

विश्लेषण के अनुसार अप्रैल में बिटकॉइन हॉल्टिंग इवेंट बिटकॉइन की कीमत को नई सर्वकालिक ऊंचाई पर ले जा सकता है. मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव के रूप में मानी जाने वाली संपत्ति अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव पर भी प्रतिक्रिया करती है. वॉल स्ट्रीट विशेषज्ञ उम्मीद कर रहे हैं कि फेडरल रिजर्व इस साल कम से कम 3 बार ब्याज दरों में कटौती करेगा, जिसके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में अधिक धन प्रवाहित होगा और निवेशकों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी, जिसके परिणामस्वरूप अधिक धनराशि बिटकॉइन जैसी परिसंपत्तियों में स्थानांतरित होगी.

ज्योतिष के पास भाग्य के रहस्यों को खोलने की कुंजी

सितारों को देखकर और ज्योतिष से अंतर्दृष्टि प्राप्त करके, निवेशक क्रिप्टो बाजार में खेल रही अनोखी ताकतों की गहरी समझ प्राप्त कर सकते हैं. इस ज्ञान के साथ वे अधिक जानकारीपूर्ण निर्णय ले सकते हैं और संभावित रूप से 2024-25 और उसके बाद सफलता के छिपे अवसरों को प्राप्त कर सकते हैं. ज्योतिषीय घरानों (astrological houses) के पास सट्टा लाभ में भाग्य के रहस्यों को खोलने की कुंजी है, खासकर क्रिप्टो बाजार में ये संभव है. 

कैसे काम करते हैं ये ज्योतिष घराने?

ज्योतिष घरानों के 4 प्रमुख घर (House) आपकी सफलता या विफलता की क्षमता का निर्धारण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

1.जन्म कुंडली में दूसरा घर (2nd House) संचित धन का प्रतिनिधित्व करता है और इसकी स्थिति क्रिप्टो बाजार में अमीर होने की आपकी संभावना को सीधे प्रभावित कर सकती है. 

2.आठवां घर (8th House) अचानक लाभ और संपत्ति को नियंत्रित करता है. इसकी अनुकूल स्थिति व्यक्ति को ऐसे अवसर प्रदान कर सकती है जो प्रचुर मात्रा में धन लाते हैं. इस घर में भाग्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और ब्रह्मांडीय संरेखण वित्तीय लाभ लाने के लिए अद्भुत काम कर सकता है.

3. नौंवा घर (9th House) को भाग्य और सौभाग्य का भाव कहा जाता है. इस घर में स्थिति को आपके पक्ष में मोड़ने की शक्ति है और जिन लोगों को मजबूत 9वें घर का आशीर्वाद प्राप्त है, उन्हें अपनी निवेश यात्रा में वित्तीय लाभ और सफलता का अनुभव होने की संभावना है.

4.12वां घर (12th House) नुकसान का प्रतीक है और क्रिप्टो बाजार में सफलता के लिए एक बड़ी बाधा हो सकता है. नकारात्मक ऊर्जा और आपके निवेश पर इसके संभावित प्रभाव से बचने के लिए इस घर की सावधानीपूर्वक निगरानी और नियंत्रण की आवश्यकता है. सही मार्गदर्शन और ज्योतिषीय अंतर्दृष्टि के साथ आप 12वें घर में प्रवेश कर सकते हैं और अपनी वित्तीय सफलता के रास्ते में आने वाली किसी भी बाधा को दूर कर सकते हैं.


राम मंदिर में चढ़ावे का अंबार, पहले दिन भक्तों ने दान किए 3.17 करोड़!  

श्रीराम के दर्शन के लिए अयोध्या के राम मंदिर पहुंचने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है. भक्त दिल खोलकर दान भी कर रहे हैं.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 25 January, 2024
Last Modified:
Thursday, 25 January, 2024
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'वनवास' खत्म कर अयोध्या (Ayodhya) पधारे श्रीराम के दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है. इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं कि प्रशासन के लिए व्यवस्था संभालना मुश्किल हो गया है. इस बीच, राम मंदिर (Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पहले दिन यानी मंगलवार को चढ़ावे का जो आंकड़ा आया है, उसने सभी को चौंका दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक ही दिन में राम भक्तों द्वारा 3.17 करोड़ रुपए का चढ़ावा (Donation) चढ़ाया गया है. 

बड़ी संख्या में भक्तों ने किए दर्शन
रिपोर्ट्स में राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी अनिल मिश्रा के हवाले से बताया गया है कि प्राण प्रतिष्ठा के दिन 10 दान काउंटर खोले गए थे. 22 जनवरी को समारोह के बाद श्रद्धालुओं ने दान काउंटर और ऑनलाइन दान के रूप में 3.17 करोड़ रुपए डोनेट किए हैं. उन्होंने बताया कि 23 जनवरी को पांच लाख से ज्यादा भक्तों ने दर्शन किए. जबकि, इसके एक दिन बाद रात 10 बजे तक 2.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए. बुधवार को चढ़ावे के रूप में जो राशि प्राप्त हुई है, उसकी जानकारी आज सामने आएगी. 

रात 10 बजे तक खुल रहा मंदिर
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते फिलहाल मंदिर सुबह छह बजे से रात 10 बजे तक खोला जा रहा है. जबकि मंदिर के खुलने का पूर्व निर्धारित समय सुबह 7 बजे से सुबह साढ़े ग्यारह बजे तक, फिर दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक थी. उत्त प्रदेश में पड़ रही भीषण ठंड और कोहरे के बावजूद लोग बड़ी संख्या में राम लला के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं. मुख्य मार्ग राम पथ और मंदिर परिसर के आसपास लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. वहीं, सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर के बाहर रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की टीमों की तैनाती की भी खबर है. 

करोड़ों का कारोबार भी हुआ 
राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा को पूरे देश में दिवाली की तरह मनाया गया था. इस मौके पर करोड़ों का कारोबार हुआ है. हाल ही में कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) की तरफ से बताया गया था कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के चलते देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान है. उत्तर प्रदेश में लगभग 40 हजार करोड़ की वस्तु एवं सेवाओं की बिक्री हुई. जबकि राजधानी दिल्ली में यह आंकड़ा 25 हजार करोड़ रुपए पहुंच गया. CAIT के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा था कि संभवतः देश में यह पहली बार है जब आस्था एवं भक्ति के कारण इतनी बड़ी राशि व्यापार के जरिए बाजारों में आई. खास बात ये है कि यह कारोबार छोटे व्यापारियों एवं लघु उद्यमियों द्वारा किया गया, जिसकी वजह से यह पैसा व्यापार में आर्थिक तरलता को बढ़ाएगा. खंडेलवाल के मुताबिक, राम मंदिर की वजह से देश में कारोबार के नए अवसर मिले हैं और लोगों को बड़े पैमाने पर रोजगार भी मिलेगा.  
 


VVIP की मौजूदगी में हुई प्राण प्रतिष्ठा, आम जनता कब से कर सकेगी श्रीराम के दर्शन?

अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. पूरे देश ने इस ऐतिहासिक पल को लाइव देखा. हालांकि, इस मौके पर मंदिर में केवल उन्हें ही प्रवेश की अनुमति थी जिन्हें आमंत्रित किया गया था.

Last Modified:
Monday, 22 January, 2024
Ram Mandir

Ram Mandir Opening Date: अयोध्या के राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) की प्राण प्रतिष्ठा हो गई है. इस मौके पर पीएम मोदी सहित देश-दुनिया के तमाम गणमान्य अतिथि मौजूद रहे. प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन केवल वही उन्हें ही मंदिर में प्रवेश की अनुमति थी, जिन्हें आमंत्रित किया गया था. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर कब खोला जाएगा? श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इसके साथ ही कई दूसरे सवालों का जवाब भी दे दिया है, चलिए जानते हैं कि आखिर ट्रस्ट की तरफ से क्या बताया गया है.

क्या रहेगा मंदिर खुलने का टाइम?
राम मंदिर का प्रबंधन श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर रहा है, जिसकी स्थापना सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार ने की थी. ट्रस्ट ही मंदिर निर्माण की निगरानी भी कर रहा है. ट्रस्ट का कहना है कि 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले दिन यानी 23 जनवरी से आम श्रद्धालु श्रीराम के दर्शन कर सकेंगे. 22 जनवरी को केवल उन्हें ही दर्शन की अनुमति थी, जिन्हें आमंत्रित किया गया था. 23 जनवरी से सभी के लिए मंदिर के कपाट खुल जाएंगे. अयोध्या का राम मंदिर सुबह 7:00 बजे से दोपहर 11:30 बजे और फिर दोपहर 2:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए खुलेगा. दोपहर में ढाई घंटे भोग व विश्राम के लिए मंदिर बंद को बंद रखा जाएगा.

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क्या करती में हो सकेंगे शामिल?
राम मंदिर में आरती की बात करें, तो दिन में तीन बार आरती होगी. पहली- सुबह 6:30 बजे, जिसे जागरण या श्रृंगार आरती कहते हैं. दूसरी- दोपहर 12:00 बजे जिसे भोग आरती कहते हैं और तीसरी शाम को 7:30 बजे संध्या आरती होगी. यदि आप आरती में शामिल होना चाहते हैं, तो आपको श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से पास लेना होगा. पास के लिए वैध ID प्रूफ आवश्यक है. एक बार में केवल 30 लोग ही आरती में शामिल हो सकेंगे. यह भी जान लीजिये कि मंदिर में दर्शन के लिए किसी भी तरह का शुल्क नहीं देना होगा. 

स्टेशन से कितनी है दूर है मंदिर?
अयोध्या की दूसरे शहरों से कनेक्टिविटी अब काफी अच्छी हो गई है. कई फ्लाइट्स ऑपरेट हो रही हैं. इसके अलावा, कई ट्रेनें भी चलाई गई हैं. बस सर्विस भी कई शहरों से अयोध्या को जोड़ती है. अयोध्या के रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी महज 5 किलोमीटर है. जबकि शहर के महर्षि वाल्मीकि अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से मंदिर की दूरी करीब 17 किमी है. बता दें कि अयोध्या के भव्य राम मंदिर के निर्माण पर 1600 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्चा आया है. हालांकि, राज्य या केंद्र सरकार ने यह खर्चा नहीं किया है. बल्कि देश-विदेश के रामभक्तों से मिले चंदे से मंदिर का निर्माण हुआ है.
 


भगवान राम की हुई है प्राण प्रतिष्‍ठा, जानिए 84 सेकेंड का रहस्‍य 

प्राण प्रतिष्‍ठा के इस कार्यक्रम के साथ ही भगवान राम की पहली छवि देश के सामने आ चुकी है. इस प्राण प्रतिष्‍ठा को देखने दुनियाभर के मेहमान आए हुए हैं.

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Monday, 22 January, 2024
Pran Pratistha

अयोध्‍या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्‍ठा का कार्यक्रम पूरा हो चुका है. भगवान राम की वो मूरत पूरे देश के सामने आ चुकी है जिसका देश के करोड़ों रामभक्‍तों को इंतजार था. पीएम मोदी और संघ प्रमुख की मौजूदगी में हुए प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में कई अन्‍य लोग भी मौजूद रहे. आज राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा हुई है वो 84 सेकेंड का मुहूर्त सबसे दिलचस्‍प है. 12:29:08 से 12:30:32 तक का मुहुर्त ऐसा समय है जिसमें सबसे खास समय बन रहा है. कई पंडितों ने इस मुहूर्त का चयन किया है. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्‍यों भगवान राम की प्राण प्रतिष्‍ठा के लिए इन्‍हीं 84 सेकेंड का चयन किया गया है. 

पीएम मोदी ने किया प्राण प्रतिष्‍ठा का पूजन 
पीएम मोदी ने इन 84 सेकेंड में ही राम मंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा की पूजा की. इस मौके पर उनके साथ संघ प्रमुख मोहन भागवान, राज्‍यपाल आनंदी बेन पटेल और दूसरे यजमान अनिल शर्मा भी मौजूद रहे. अनिल शर्मा ने अपनी पत्‍नी के प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में भाग लिया. वो राम मंदिर ट्रस्‍ट के सदस्‍य हैं.प्राण प्रतिष्‍ठा के बाद आरती भी की गई. 

जानिए क्‍या खास है इस मुहूर्त में 
अयोध्‍या में 12:29:08 से 12:30:32 तक जिस समय में प्राण प्रतिष्‍ठा का कार्यक्रम संपन्‍न हुआ वो बेहद शुभ है. इस मुहूर्त में सबसे खास ये है कि इस समय में मेष लग्‍न है, वृश्चिक नवांश है और अभिजीत क्षण है.  इस समय में जो नक्षत्र चल रहा है वो मृक्षेष है जो कि भगवान चंद्र के साथ जुड़ा हुआ है. आज सोमवार है. सोमवार को 12:29:08 से 12:30:32 तक परम योग बना है. इंद्र योग, आनंद योग, सर्वार्थ सिद्धी योग, अमृत सिद्धी योग बाणपंचक सिद्धी योग नहीं होने से ये संजीवनी योग बन रहा है. पंचबाण न होने से ये ये संजीवनी योग और लग्‍नेश मंगल में होने से नवमेश गुरु की परंपरा होने से ये राजयोग बन रहा है. मकर में भगवान सूर्य हैं. इसके चलते ये योग और महत्‍वपूर्ण हो गया है. इसीलिए इस समय का चयन किया गया है. इसलिए देश के कई विद्वानों ने इस समय का चयन किया था. 

देश भर से मिले हैं भगवान राम को तोहफे 
राम मंदिर ट्रस्‍ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि भगवान राम को उनके मंदिर में प्राण प्रतिष्‍ठा से पहले कई तोहफे मिले हैं. इनमें जनकपुरी मिथिला से छत्‍तीसगढ़ से भार अनाज चिवड़ा, फल, मेवे आए हैं. जोधपुर के संत 6 क्विंटल घी लेकर आए हैं. वो बैलगाड़ी में लाया गया है.  यूपी के रायबरेली से राख आई है जो आई है. कर्नाटक से ग्रेनाइट आया है. सफेद पत्‍थर मकराना से आया है.

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प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में मौजूूद रहे ये उद्योगपति और सुपरस्‍टार

प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में आने वाले सभी मेहमानों के लिए विशेष महाप्रसाद की तैयारी की गई है. इस प्रसाद के 20 हजार से ज्‍यादा पैकेट बनाए गए हैं.

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Monday, 22 January, 2024
पीएम मोदी

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में पहुंचने वाले कई मेहमानों की जानकारी तो पहले ही सामने आ गये थे लेकिन आज कई और नाम ऐसे हैं जो इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए पहुंचे हैं. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्‍ठा में अब तक उद्योगपति कुमार मंगलम बिडला से लेकर सुपरस्‍टार में रजनीकांत और जैकी श्राफ तक पहुंच चुके हैं. उद्योगपति से लेकर सुपरस्‍टार तक सभी लोगों ने वहां पहुंचने पर कहा कि वो इस पल के बारे में बता नहीं सकते हैं कि वो कैसा महसूस कर रहे हैं.

ये उद्योगपति ले रहे हैं भाग
राम मंदिर कार्यक्रम में उद्योगजगत के लगभग सभी दिग्‍गज नजर आए. इनमें जहां कुमार मंगलम बिडला, रिलायंस प्रमुख अनिल अंबानी, नीता अंबानी, और ईशा अंबानी ने भाग लिया. यही नहीं राम मंदिर के इस प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में अजय पिरामल, OYO के मालिक रितेश अग्रवाल, Ease My Trip के निशांत पिट्ट, Zoho के फाउंडर श्रीीधर वेंबू  भी इसमें शिरकत करते नजर आए. इस कार्यक्रम में भारती समूह के प्रमुख सुनील भारती मित्‍तल भी नजर आए. सभी अतिथियों पर हेलीकॉप्‍टर से पुष्‍प वर्षा भी की गई.   

ये मेहमान पहुंचे अयोध्‍या 
रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा में अभिनेता रजनीकांत, अमिताभ बच्‍चन, हेमा मालिनी, विक्‍की कौशल, कैटरिना कैफ, मनोज जोशी, प्रसून जोशी, सचिन तेंदुलकर, सहित कई नामी सितारे इस कार्यक्रम में अभी तक पहुंच चुके हैं. गायक सोनू निगम, शंकर महादेवन, अनुराधा पौडवाल, सहित कई नामी गायकों ने अपनी प्रस्‍तुति दी है. 

कांची के शंकराचार्य ने भी किया पूजन 
कांची शंकराचार्य स्वामी विजयेंद्र रविवार को प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व विशेष पूजा के लिए राम जन्मभूमि पहुंचे तो गोविंददेवजी महाराज, कोषाध्यक्ष, रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, गणेश्वर द्रविड़ और लक्ष्मीकांत दीक्षित सहित अन्य वेद विद्वानों द्वारा पूर्ण कुंभ स्वागतम के साथ उनकी अगवानी की गई. स्वामी ने यज्ञशाला की परिक्रमा कर सभी कलशों में पुष्प अर्पित किये और फिर केंद्रीय कलश में आकर मंत्रोच्चार के बीच हरथी का प्रदर्शन किया. उन्होंने राम भगवान पर विशेष मंत्रों का जाप किया और फिर नए मंदिर की ओर प्रस्थान किया. प्रवेश करने से ठीक पहले मंदिर के पहले चरण में नारियल तोड़ा गया, उसके बाद पहले दो स्तंभों के सामने दो और नारियल फोड़े गए, जिन पर गणेश जी अंकित थे. बाद में शंकराचार्य अर्ध मंडप के अंदर गए और फिर गर्भ गृह में प्रवेश किया. विग्रह के न्यास के बाद कांची पीठाधिपति ने भगवान को विशेष अभारणम् प्रस्तुत किये. इसके उपरांत उन्हें अर्ध मंडपम में शॉल और अन्य सम्मान दिए गए जहां वैदिकों का अभिनंदन किया गया और विशेष अनुष्ठान पूजा के बाद विजयेंद्र स्वामी रविवार को ही कांची लौट गए.

मेहमानों के लिए तैयार किया गया है महाप्रसाद 
राम मंदिर प्राण प्रतिष्‍ठा कार्यक्रम में पहुंचे मेहमानों के लिए खास महाप्रसाद की तैयारी की गई है. मेहमानों के लिए जो महाप्रसाद बनाया गया है उसमें रोली-अक्षत, तुलसी दल, रक्षा सूत्र (कलावा), गुड़ रेवड़ी, राम दीया, इलायची दाना, रामदाना चिक्की, और मेवे के लड्डू जैसे सामान शामिल हैं. इस प्रसाद को विशेषतौर पर यहां आने वाले मेहमानों के लिए बनाया गया है. इसकी स्‍पेशल पैकेजिंग भी की गई है. खास प्रसाद के अब तक पूरे लगभग 20 हजार पैकेट तैयार किए जा चुके हैं. 

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वनवास खत्म, आज अयोध्या पधार रहे हैं श्रीराम; पूरा देश मनाएगा फिर से दिवाली

अयोध्या में तैयार भव्य राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आज होने वाली है. PM मोदी की मौजूदगी में पूरा देश इस कार्यक्रम को लाइव देखेगा.

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Monday, 22 January, 2024
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असंख्य राम भक्तों को जिस दिन का इंतजार था, वो आ गया है. अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा आज होने जा रही है. PM नरेंद्र मोदी सहित देश-विदेश से बड़ी संख्या में पधारे खास मेहमानों की मौजूदगी में होने वाले इस कार्यक्रम को लाइव देखने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. कई राज्यों ने इस मौके पर सार्वजनिक घोषित किया हुआ है. वहीं, केंद्र सरकार के कर्मचारियों की भी आधे दिन की छुट्टी है. इस ऐतिहासिक पल के लिए अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया गया है. साथ ही सुरक्षा के इंतजाम भी पुख्ता हैं.

भव्य होगा PM का स्वागत
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूपी के विभिन्न अंचलों के लोकनृत्यों के कलाकारों के साथ ही संस्कृति मंत्रालय के क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रों के 200 कलाकारों द्वारा अयोध्या के 100 चिह्नित स्थलों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे. इसमें हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और राजस्थान सहित कई राज्यों के कलाकार हिस्सा लेंगे. PM मोदी के आगमन पर उनका भव्य स्वागत किया जाएगा. पीएम सुबह 10 बजकर 20 मिनट पर अयोध्या पहुंचेंगे. जबकि देश-विदेश से कई अतिथि पहुंच चुके हैं. इनमें संघ प्रमुख मोहन भागवत, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, मुकेश  अंबानी, गौतम अडानी, अमिताभ बच्चन, रजनीकांत आदि शामिल हैं.  

लाइव दिखाया जाएगा समारोह
इस भव्य सुबह समारोह की शुरुआत मंगल ध्वनि से होगी. विभिन्न राज्यों के 50 से ज्यादा वाद्ययंत्र सुबह 10 बजे से स्वर लहरियां बिखेरना शुरू कर देंगे. प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर बनाने वाले श्रमजीवियों से भी मुलाकात करेंगे. इसके बाद कुबेर टीला जाकर भगवान शिव का पूजन करेंगे. शाम को देशभर में फिर से दिवाली मनाई जाएगी. सुबह से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को दूरदर्शन के राष्ट्रीय और क्षेत्रीय चैनलों पर लाइव दिखाया जाएगा. इसके अलावा, तमाम टीवी चैनलों, राममंदिर ट्रस्ट, विहिप और RSS से जुड़े सहयोगी संगठनों के यूट्यूब चैनल, सोशल मीडिया से भी इस कार्यक्रम की लाइव स्ट्रीमिंग की जाएगी. 

ये है प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त
प्राण प्रतिष्ठा का शुभ मुहूर्त दोपहर 12:29:08 से 12:30:32 तक है. दीपावली का त्यौहार भगवान राम के वनवास खत्म कर अयोध्या वापसी की खुशी में मनाया जाता है. अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण को राम लला के वनवास खत्म करके के अयोध्या लौटने के रूप में देखा जा रहा है. इसलिए आज यानी 22 जनवरी को पूरा देश एक बार फिर से दिवाली मनाएगा. रविवार को बाजार में दिवाली से पहले जैसा माहौल था. लाइटिंग, दीयों की जमकर खरीदारी की गई है. आज रात पूरा देश रोशनी से जगमगा उठेगा.    
 


Ayodhya Ram Mandir: 22 जनवरी को क्या केंद्रीय कर्मचारियों की भी रहेगी छुट्टी? ये रहा जवाब

अयोध्या स्थित राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने वाली है. इस मौके पर कुछ राज्यों ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Thursday, 18 January, 2024
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Thursday, 18 January, 2024
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अयोध्या में राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के उद्घाटन वाले दिन यानी 22 जनवरी को क्या केंद्र सरकार के कर्मचारियों की भी छुट्टी रहेगी? इस सवाल का जवाब मिल गया है. कुछ राज्यों में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा के बाद अब केंद्र सरकार ने भी आधे दिन की छुट्टी का ऐलान किया है. सरकार द्वारा गुरुवार को बताया गया है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 22 जनवरी को सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालय आधे दिन के लिए बंद रहेंगे. भगवान राम के प्रति कर्मचारियों की भावना को देखते हुए 22 जनवरी 2024 को दोपहर 2:30 बजे तक केंद्रीय सरकारी कार्यालयों में कामकाज नहीं होगा. 

इन राज्यों में भी अवकाश
केंद्र सरकार ने आधे दिन की छुट्टी इसलिए घोषित की है, ताकि कर्मचारी प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम घर पर बैठकर देख सकें. केंद्र से पहले कई राज्यों ने भी राम मंदिर के उद्घाटन के दिन छुट्टी की घोषणा की है. इसमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गोवा, छत्तीसगढ़ और हरियाणा शामिल हैं. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार राम मंदिर 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह के मद्देनजर राज्य में शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे. साथ ही पूरे राज्य में शराब और मांस की दुकानें बंद रखी जाएंगी. इसी तरह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने 22 जनवरी को स्कूल, सरकारी कार्यालयों में छुट्टी घोषित की है. यादव ने शराब, मांस और भांग की दुकानों को बंद रखने का भी आदेश जारी किया है.

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लाइव दिखाया जाएगा समारोह
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि 22 जनवरी को सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालय आधे दिन के लिए बंद रहेंगे. मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से जुड़े समारोह का गवाह बनने की कर्मचारियों की मांग को देखते हुए यह फैसला लिया गया है. कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक, देशभर के सभी केंद्रीय सरकारी कार्यालय, केंद्रीय संस्थान और केंद्रीय औद्योगिक प्रतिष्ठान दोपहर 2:30 बजे तक आधे दिन के लिए बंद रहेंगे. दूरदर्शन ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए व्यापक व्यवस्था की है. साथ ही कई निजी टीवी चैनलों पर भी यह लाइव दिखाया जाएगा.


Ayodhya के लिए 'राम लला' की मूर्ति तैयार करने वाले Arun Yogiraj को जानते हैं आप?

कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज ने अयोध्या स्थित राम मंदिर के लिए भगवान राम की मूर्ति तैयार की है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 02 January, 2024
Last Modified:
Tuesday, 02 January, 2024
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अयोध्या स्थित राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) में कर्नाटक के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) द्वारा निर्मित 'राम लला' की मूर्ति स्थापित की जाएगी. मैसूर के रहने वाले अरुण प्रसिद्ध मूर्तिकारों की पांच पीढ़ियों से ताल्लुख रखते हैं. भाजपा के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बताया है कि राज्य के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज द्वारा बनाई गई 'राम लला' की मूर्ति भव्य राम मंदिर की शोभा बढ़ाएगी. बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन करेंगे.  

पिता और दादा से प्रभावित
अरुण योगीराज देश में सबसे अधिक डिमांड वाले मूर्तिकारों में शुमार हैं. वह 'राम लला' के साथ ही अब तक कई हस्तियों की मूर्तियां बना चुके हैं. उन्होंने बेहद कम उम्र में मूर्तिकला की दुनिया में कदम रख लिया था. अर्जुन द्वारा निर्मित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा दिल्ली में स्थापित है. अरुण अपने अपने पिता और दादा से प्रभावित होकर इस क्षेत्र में आए थे आज उनकी एक अलग पहचान है. अरुण के पूर्वज मैसरू राजा के समय से मूर्ति तैयार करने का काम करते थे.

नौकरी में नहीं लगा दिल
अरुण योगीराज ने मैसूर यूनिवर्सिटी से MBA की डिग्री हासिल करने के बाद कुछ समय तक कॉरपोरेट क्षेत्र में नौकरी भी की, लेकिन उनका दिल नहीं लगा. इसलिए वह सबकुछ छोड़कर मूर्तिकला की अपनी विरासत को आगे बढ़ाने में जुट गए. बहुत थोड़े से समय में ही उन्होंने अपनी एक अलग पहचान स्थापित करने में सफलता हासिल की. आज अरुण देश के सबसे ज्यादा व्यस्त मूर्तिकारों में शुमार हैं. अरुण के पोर्टफोलियो में कई प्रभावशाली मूर्तियां शामिल हैं. उदाहरण के तौर पर उनके द्वारा निर्मित सुभाष चंद्र बोस की 30 फीट की मूर्ति इंडिया गेट पर लगी है. इसके अलावा, केदारनाथ स्थित आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति और मैसूर स्थित 21 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा भी उन्होंने ही बनाई है. साथ ही वह रामकृष्ण परमहंस की प्रतिमा का भी निर्माण कर चुके हैं.

आधिकारिक ऐलान बाकी
अरुण योगीराज द्वारा निर्मित राम लला की प्रतिमा 51 इंच की है, जिसे मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित किया जाएगा. हालांकि, प्रतिमा चयन का आधिकारिक ऐलान 5 जनवरी को श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय करेंगे. प्रतिमा बनाने का काम तीन मूर्तिकारों को दिया गया था, जो अलग-अलग जगहों पर प्रतिमा का निर्माण कर रहे थे. इनमें से अरुण की प्रतिमा का चयन किया गया है. हाल ही में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसकी जानकारी देते हुए लिखा था - अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति का चयन हो गया है. देश के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार हमारे गौरव योगीराज अरुण द्वारा बनाई गई भगवान राम की मूर्ति अयोध्या में स्थापित की जाएगी. 
 


इस राशि वालों पर सबसे ज्यादा मेहरबान हैं लक्ष्मी, अरबपतियों की लिस्ट में है दबदबा 

एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अरबपतियों की लिस्ट में तुला राशि वालों की संख्या सबसे ज्यादा है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 22 February, 2023
Last Modified:
Wednesday, 22 February, 2023
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दुनियाभर के अरबपतियों में यूं तो कई बातें कॉमन होंगी, लेकिन एक कॉमन बात ऐसी भी है जो बेहद दिलचस्प है और वो है राशि यानी Zodiac Sign. एक रिसर्च में सामने आया है कि अरबपतियों की लिस्ट में शामिल सबसे अमीर कारोबारी तुला (Libra) राशि के हैं. ब्रिटिश कंपनी कैशफ्लोट की ताजा स्टडी के अनुसार, फो‌र्ब्स की 2022 की अरबपतियों की सूची में शामिल 268 में से 31 अरबपति तुला राशि वाले हैं, जो कुल अरबपतियों की संख्या का 12 प्रतिशत है.

मीन राशि वाले 11%
ज्योतिष शास्त्र में कुल 12 राशियां हैं, जिनमें मेष, वृषभ, मिथुन, कर्क, सिंह, कन्या, तुला, वृश्चिक, धनु, मकर, कुंभ और मीन शामिल हैं. इस लिहाज से देखें तो तुला राशि 7वें नंबर पर है, लेकिन अमीरी के मामले में यह टॉप पर है, यानी सबसे ज्यादा अरबपति इसी राशि के हैं. अरबपतियों की लिस्ट में तुला के बाद मीन राशि वालों का नंबर आता है और इनकी संख्या 29 है. यह सूची में शामिल कुल अरबपतियों का 11 प्रतिशत है. 

तुला वाला कोई नहीं
अरबपतियों की सूची में सबसे कम 5.5 प्रतिशत संख्या मकर राशि वालों की है. इन सभी अरबपतियों की राशि जन्म तिथि को आधार मानकर तय की गई है. इस स्टडी का सबसे दिलचस्प बात ये है कि दुनिया के टॉप अमीरों की लिस्ट में एक भी अरबपति ऐसा नहीं है जिसकी राशि तुला हो. राशि के हिसाब से फो‌र्ब्स की अरबपतियों की लिस्ट में हिस्सेदारी की बात करें, तो तुला की 12 प्रतिशत, मीन 11, सिंह 9, मेष 8, कन्या 8, मिथुन 8, कुंभ 7.5, कर्क 7.5, धनु 7.5, वृश्चिक 6 और मकर 5.5 फीसदी हिस्सेदारी है.

टॉप 10 अरबपति, उनकी राशि और संपत्ति

1: बर्नार्ड अर्नो, 214.9 अरब डॉलर, मीन
2: एलन मस्क, 198.2 अरब डॉलर, कर्क
3: जेफ बेजोस, 120.4 अरब डॉलर, मकर
4: लैरी एलिशन, 112.3 अरब डॉलर, सिंह
5: वारेन बफे, 107.3 अरब डॉलर, कन्या
6: बिल गेट्स, 107.0 अरब डॉलर, वृश्चिक
7: कार्लोस स्लिम हेलू, 90.7 अरब, डॉलर कुंभ
8: मुकेश अंबानी, 86.0 अरब डॉलर, मेष
9: स्टीव बाल्मर, 83.0 अरब डॉलर, मेष
10: लैरी पेज, 82.0 अरब डॉलर, मेष