श्रीराम के स्वागत के लिए तैयार अयोध्या, 28 लाख दीपों से जगमगाएगा सरयू का तट

राम नगरी अयोध्या में दिवाली की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं. दिवाली के मौके पर सरयू नदी के घाट पर 28 लाख दीये जलाकर विश्व रिकॉर्ड बनाया जाएगा.  

Last Modified:
Monday, 28 October, 2024
BWHindi

दिवाली के पावन पर्व में राम नगरी अयोध्या लाखों दीयों की रौशनी से जगमग होगी. प्रभु श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या में दिवाली की तैयारियां खूब जोर-शोर के साथ चल रही हैं. सनातन धर्म में दिवाली का अत्यधिक महत्व होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान राम वनवास पूरा करके और लंकापति रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे, तो उनके आगमन की खुशी दिवाली के रूप में मनाई गई थी. अब इसी दिन को हर साल दिवाली के रूप में मनाया जाता है, जिसकी तैयारियां अयोध्या (Ayodhya) में धूमधाम से हो रही हैं. इस साल अयोध्या के राम मंदिर में पहली दिवाली मनाई जाएगी.  

28 लाख दीये जलाकर बनाया जाएगा विश्व रिकॉर्ड
योगी आदित्यनाथ सरकार अयोध्या में आठवें दीपोत्सव के लिए तैयारियों में लगी है. यह अयोध्या के राम मंदिर की पहली दिवाली भी होने जा रही है. इस मौके पर इको फ्रेंडली दिवाली मनाने पर जोर दिया जा रहा है. साथ ही दीपोत्सव की तैयारियों के अंतर्गत डॉ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय ने दीयों और स्वयंसेवकों की संख्या का निर्धारण कर लिया है, जिससे इस आयोजन को सफल बनाने के लिए बड़े पैमाने पर योजनाबद्ध कार्य हो सके. उत्तर प्रदेश सरकार इस साल नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है, जिसके लिए सरयू  के तट पर 28 लाख दीये जलाए जाएंगे.

वैक्स से बनकर तैयार हुए इको फ्रेंडली दीये
इस दीपोत्सव में पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस साल जिन दीयों का इस्तेमाल किया जाना है वो मोम (Wax) से बनकर तैयार हुए इको फ्रेंडली दीये हैं. इनसे कार्बन उत्सर्जन कम होगा. साथ ही उन्हें इस तरह तैयार किया गया है कि उनसे मंदिर प्रांगण में या मंदिर की दीवारों वगैरह पर किसी तरह का निशान नहीं पड़ेगा. साथ ही ये दीये लंबे समय तक जलते रहेंगे और जल्दी नहीं बुझेंगे. मंदिर ट्रस्ट का लक्ष्य है कि इस दिवाली अयोध्या को न केवल धर्म और आस्था का केंद्र बनाया जाए, बल्कि स्वच्छता और पर्यावरण चेतना का प्रतीक भी बनाया जाए.

फूलों से होगी भव्य सजावट
राम मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा. सजावट के लिए मंदिर परिसर को कई भागों में बांटा गया है और हर भाग को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. प्रकाश व्यवस्था, प्रवेश द्वार की सजावट और पूरी तरह से सफाई की देखरेख का जिम्मा बिहार कैडर के सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी आशु शुक्ला को सौंपा गया है. भक्तों को दिव्य दृश्य का अनुभव होगा क्योंकि मंदिर को फूलों और रोशनी से खूबसूरती से सजाया गया है. 

घाटों पर दीयों और स्वयंसेवकों की संख्या
अवध विश्वविद्यालय ने घाटों पर प्रज्वलित किए जाने वाले दीयों और तैनात किए जाने वाले स्वयंसेवकों की संख्या का भी विस्तृत आंकड़ा जारी किया है. उदाहरण के लिए राम की पैड़ी के घाट एक पर 65,000 दीयों को जलाने के लिए 765 स्वयंसेवक तैनात होंगे जबकि घाट दो पर 38,000 दीयों के लिए 447 स्वयंसेवक जिम्मेदारी संभालेंगे. इसी प्रकार घाट तीन पर 48,000 दीयों के लिए 565 स्वयंसेवक और घाट चार पर 61,000 दीयों के लिए 718 स्वयंसेवक तैनात होंगे. सभी 55 घाटों पर इसी प्रकार दीयों की संख्या के अनुसार स्वयंसेवकों को तैनात किया जाएगा. आयोजन में विभिन्न कॉलेजों और संस्थाओं से जुड़े स्वयंसेवक पूरे उत्साह के साथ भागीदारी करेंगे और घाटों पर दीयों की उचित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे.

छोटी दिवाली पर होगा दीपोत्सव
सरयू नदी के तट पर 80,000 दीयों से स्वास्तिक का चिन्ह भी बनाया जा रहा है, जो दीपोत्सव के मुख्य आकर्षणों में से एक होगा. इसके साथ ही, 30 अक्टूबर के दिन छोटी दिवाली पर अयोध्या में 28 लाख दीप जलाकर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया जाएगा. दीपोत्सव की भव्यता एक स्थायी छाप छोड़े, यह सुनिश्चित करने के लिए श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने मंदिर को 29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक मध्यरात्रि तक दर्शन के लिए खुला रखने का निर्णय लिया है.


 


Elon Musk : प्रतिभाशाली व्यक्ति और एक ट्रिलियनेयर बनने की ओर अग्रसर

एस्ट्रोलॉजर विक्रम चंदीर्रामणि के अनुसार अप्रैल 2025 एक महत्वपूर्ण महीना साबित होगा, जब बड़ी निवेश योजनाओं के परिणामस्वरूप बिजनेस ऑपरेशंस और असेट सेल्स से महत्वपूर्ण रेवेन्यू प्राप्त होंगे.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Wednesday, 20 November, 2024
Last Modified:
Wednesday, 20 November, 2024
BWHindia

वर्तमान में टेस्ला (Tesla) के फाउंडर एलोन मस्क (Elon Musk) की संपत्ति करीब 316 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जोकि वॉरेन बफेट और बिल गेट्स की संयुक्त संपत्ति से भी अधिक है. टेस्ला का शेयर इस वर्ष के निचले स्तर से ढाई गुना बढ़ चुका है. मस्क का प्रभाव अब सरकार तक फैल चुका है. उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया और ट्रंप ने अमेरिकी चुनावों में जीत भी हासिल की. एस्ट्रोलॉजर विक्रम चंदीर्रामणि ने कहा है कि उन्होंने इसका अनुमान जनवरी 2024 में ट्विटर पर लगाया था. मस्क, जो एक प्रतिभाशाली और विशिष्ट व्यक्ति हैं, अक्सर अपने कट्टर विचारों के कारण विरोध का सामना करते हैं. इतिहास ने यह सिद्ध किया है कि क्रांतिकारी बदलावों को बिना विरोध के कभी भी स्वीकार नहीं किया जाता. उनके दाहिने right झुकाव वाले राजनीतिक दृष्टिकोण ने मुख्य रूप से वामपंथी-लिबरल मीडिया से आलोचना प्राप्त की है.

इतिहास के पहले ट्रिलियनेयर होंगे मस्क
जैसे दिवंगत स्टीव जॉब्स ने अपने दृष्टिकोण से कई उद्योगों को गहरे प्रभावित किया, वैसे ही एलोन मस्क ने भी अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण से कई क्षेत्रों जैसे इलेक्ट्रिक वाहन, अंतरिक्ष अन्वेषण, इंटरनेट कनेक्टिविटी, रोबोटिक्स और यहां तक कि राजनीति में भी गहरा प्रभाव डाला है. एक अत्यधिक शक्तिशाली कुंडली के साथ मस्क 2030 तक ट्रिलियनेयर बनने की दिशा में अग्रसर हैं और संभवतः इतिहास के पहले ट्रिलियनेयर बन सकते हैं. आइए मस्क की यात्रा और आगे का रास्ता एक ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखें, जिसमें वैदिक और पश्चिमी ज्योतिष का संयोजन किया गया है. 


1. मस्क का लग्न, मिथुन, जो बुध द्वारा शासित है, उनकी व्यक्तित्व और प्रतिभाओं को गहराई से आकार देता है. उनके जन्मकुंडली में, बुध 9वीं और 12वीं घरों का शासक है, जो लंबी दूरी की यात्रा, उच्च शिक्षा और अन्वेषण का प्रतीक है. मिथुन में स्थित बुध मस्क की बौद्धिक जिज्ञासा, अनुकूलता और नवाचार की प्रवृत्तियों को बढ़ाता है. ये गुण मस्क की अत्यधिक पठन आदतों और जानकारी के विशाल ढेर को आत्मसात करने की क्षमता के साथ मेल खाते हैं.

2. स्पेसएक्स के शुरुआती दिनों में, जब विशेषज्ञ संशयपूर्ण थे, मस्क की बुध-प्रभावित ताकतें उजागर हुईं. वह पाओलो अल्टो के सार्वजनिक पुस्तकालय में जाते थे, ताकि रॉकेट इंजीनियरिंग का अध्ययन कर सकें और विशेषज्ञों से पुराने इंजन मैन्युअल उधार ले सकें. तकनीकी साहित्य में डूबकर, उन्होंने तेजी से जटिल रॉकेटरी अवधारणाओं में महारत हासिल की और अनुभवी इंजीनियरों का सम्मान अर्जित किया. यह निरंतर आत्म-शिक्षा उनके जन्मकुंडली में बुध के प्रभाव को रेखांकित करती है, जो उन्हें अंतरिक्ष अन्वेषण में क्रांतिकारी प्रगति करने के लिए प्रेरित करता है.

3. स्पेसएक्स की स्थापना 14 मार्च 2002 को मस्क के चंद्र दशा और बुध भुक्ति के दौरान हुई थी. स्पेसएक्स की अवधारणा 2001 के श्रमिक दिवस सप्ताहांत के दौरान, भी बुध भुक्ति में, मस्क और उनके दोस्त एडियो रेस्सी के बीच चर्चा के दौरान आई थी. इस समय मस्क ने अमेरिकी नागरिकता प्राप्त की थी, और उनकी पेपाल हिस्सेदारी की बिक्री से उन्हें 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले, जो उनके महत्वाकांक्षी उपक्रमों के लिए बीज पूंजी प्रदान करने का कार्य किया.

4. स्पेसएक्स ने 2008 में अपना पहला बड़ा मील का पत्थर हासिल किया, जब फाल्कन 1 पहला निजी वित्त पोषित रॉकेट बना जिसने कक्षा में प्रवेश किया. यह ऐतिहासिक उपलब्धि मस्क के मंगल दशा और बुध भुक्ति के दौरान हुई. इसी दौरान, टेस्ला, जो पहले कम मूल्यांकित था और संदेह का सामना कर रहा था, मस्क की राहु दशा के बुध भुक्ति में 2020 से महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त करने लगा.

5. मई 2020 में, स्पेसएक्स ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए अंतरिक्ष यात्री भेजे, जो पहली बार निजी रूप से वित्त पोषित चालक दल मिशन के रूप में एक ऐतिहासिक क्षण था. इसके बाद, केवल पांच महीने में ग्यारह सफल unmanned उपग्रह लॉन्च हुए. इस परिवर्तनकारी अवधि के दौरान, टेस्ला का स्टॉक 14 गुना बढ़ गया, जो नवंबर 2021 में अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. साथ ही, मस्क ने ट्विटर को खरीदने की अपनी उच्च-प्रोफाइल बोली लगाई, जिसने विभिन्न उद्योगों में उनके प्रभाव को और मजबूत किया.

6. मस्क के पांचवे घर, जो मंगल द्वारा शासित है, और उनके दसवें घर, जो शुक्र और मंगल द्वारा शासित है, उनके असाधारण करियर की प्रक्षिप्ति को रेखांकित करते हैं. मंगल, मकर राशि में उच्च, उनके इंजीनियरिंग और नवाचार में असाधारण उपलब्धियों का प्रतीक है, जबकि शुक्र सौंदर्य, ऑटोमोबाइल और रचनात्मकता का प्रतिनिधित्व करता है. ये स्थान मस्क के नेतृत्व में टेस्ला और स्पेसएक्स के साथ पूरी तरह से मेल खाते हैं. मकर में स्थित मंगल, एक प्रधान और गतिशील संकेत, मस्क के ध्यान को वायुमंडलीय क्षेत्रों और इलेक्ट्रिक वाहनों जैसे गतिशील और क्रांतिकारी उद्योगों पर केंद्रित करता है, बजाय स्थिर क्षेत्रों जैसे औद्योगिक मशीनरी के मस्क की रचनात्मकता, जो पांचवे घर और मंगल और शुक्र की संयुक्त ऊर्जा से गहरे प्रभावित है, उनके प्रयासों की विशेषता है. उनके उत्पाद निर्माण, डिज़ाइन, रणनीति, और विपणन के प्रति नवाचारी दृष्टिकोण उनके असाधारण रचनात्मक सहज ज्ञान को उजागर करता है. पांचवे घर का सट्टे से जुड़ा संबंध मस्क के निर्भीक निर्णय लेने की शैली में स्पष्ट है, जो उच्च जोखिम, उच्च पुरस्कार वाले उपक्रमों से मेल खाती है जिन्हें बहुत कम लोग undertaking करने की हिम्मत करते हैं.

7. मंगल और शुक्र, जो पांचवे और सातवें घरों से जुड़े हुए हैं, मस्क के व्यक्तिगत जीवन को भी प्रभावित करते हैं. उन्होंने तीन महिलाओं से 12 बच्चों को जन्म दिया है, जो रिश्तों और संतान में इन ग्रहों की परस्पर क्रिया का उदाहरण प्रस्तुत करता है, जो उनके कुंडली की गतिशील और विस्तारित प्रकृति को दर्शाता है.

8. मस्क के दूसरे, सातवें और दसवें कुस्प्स, जो संपत्ति, रिश्तों और करियर का प्रतिनिधित्व करते हैं-आग्नि वाली राशियों, सिंह, धनु और मेष द्वारा शासित हैं. आग्नि की राशियां आक्रामकता, जुनून, और उच्च-प्रोफाइल प्रयासों का प्रतीक हैं, जो मस्क की विशाल संपत्ति, गतिशील व्यक्तिगत जीवन, और निरंतर कार्य नीति में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती हैं. मेष, एक गतिशील राशि, मस्क की असाधारण गति, महत्वाकांक्षा, और उन चीजों को प्राप्त करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है, जिन्हें अन्य लोग असंभव मानते हैं. जैसे वॉल्टर आइजाक्सन अपनी जीवनी में बताते हैं, मस्क का मानना है कि जीवन सिर्फ समस्याओं का समाधान नहीं होना चाहिए—बल्कि इसे महान सपनों का पीछा भी करना चाहिए.

9. वर्तमान में, अपनी राहु दशा (2012–2030) और शुक्र भुक्ति में, एलोन मस्क एक परिवर्तनकारी चरण से गुजर रहे हैं जो उनके क्रांतिकारी प्रयासों से पूरी तरह मेल खाता है. राहु भुक्ति के दौरान, टेस्ला ने मॉडल S पेश किया, जो पहला इलेक्ट्रिक कार था जिसने किसी भी देश में मासिक नई कार बिक्री में सबसे ऊपर स्थान प्राप्त किया, जिससे टेस्ला को स्थायी परिवहन के क्षेत्र में एक नेता के रूप में स्थापित किया. स्पेसएक्स अब दिसंबर तक एक टेंडर प्रस्ताव पेश करने की तैयारी कर रहा है, जो कंपनी को $250 बिलियन का मूल्य देगा. इस पहल के सुचारू रूप से आगे बढ़ने की संभावना है.

10. वर्ष 2025 की शुरुआत एक मजबूत नोट पर होगी, जिसमें महत्वपूर्ण विकास की संभावना है. जनवरी के अंत तक, मस्क एक प्रमुख संपत्ति हासिल कर सकते हैं, एक नया उपक्रम शुरू कर सकते हैं, या किसी मौजूदा उपक्रम का विस्तार कर सकते हैं, जो लोगों को चमत्कृत कर देगा. फरवरी में एक नया राजस्व स्रोत सामने आ सकता है, जो उनके वित्तीय दृष्टिकोण को और मजबूत करेगा. फरवरी और मार्च के बीच, मस्क अपने करियर में अतिरिक्त जिम्मेदारियां ले सकते हैं, जो उनके कंपनियों और सरकार में उनकी भागीदारी से जुड़ी हो सकती हैं.

11. अप्रैल 2025 एक महत्वपूर्ण महीना साबित होगा, जब बड़े निवेश योजनाएं और विस्तार सफलतापूर्वक साकार हो जाएंगी, जिससे व्यापार संचालन और संपत्ति बिक्री से महत्वपूर्ण राजस्व प्राप्त होगा. इस गति का सिलसिला अगस्त तक जारी रहने की संभावना है, जिसमें और अधिक विस्तार, मस्क की संपत्तियों के मूल्यांकन में वृद्धि, और महत्वपूर्ण सफलताएँ देखी जा सकती हैं. जबकि अगस्त में वैश्विक चुनौतियां आ सकती हैं, यह मस्क के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जो उनके प्रभाव और सफलता को और मजबूत करेगा. जैसे-जैसे मस्क की चढ़ाई जारी रहेगी, दुनिया इस अद्वितीय उद्यमी के निरंतर उत्थान को देखेगी.

डिस्क्लेमर (इस लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं और यह जरूरी नहीं कि ये संस्थान के विचारों को दर्शाते हों.)


तिरुमाला बोर्ड के गैर-हिंदू कर्मचारियों के सामने 2 ही विकल्प - VRS या ट्रांसफर लें 

लड्डू विवाद के बाद अब तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड फिर खबरों में हैं. बोर्ड ने गैर -हिन्दू कर्मचारियों के संबंध में एक प्रस्ताव पारित किया है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 19 November, 2024
Last Modified:
Tuesday, 19 November, 2024
BWHindia

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) बोर्ड से जुड़े गैर-हिंदुओं के सामने परेशानी खड़ी हो गई है. बोर्ड ने उन्हें स्वेच्छा से  रिटायरमेंट (VRS) या किसी अन्य विभाग में तबादला लेने को कहा है. बोर्ड के इस फैसले से करीब 300 कर्मचारी प्रभावित हो सकते हैं. बोर्ड की तरफ से इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया है. TDD बोर्ड के इस फैसले का कई कर्मचारी यूनियनों ने भी समर्थन किया है. ऐसे में गैर-हिंदू कर्मचारियों के पास बोर्ड की बात मानने के अलावा कोई चारा दिखाई नहीं दे रहा है. बता दें कि टीटीडी एक स्वतंत्र सरकारी ट्रस्ट है, जिस पर तिरुपति के तिरुमाला वेंकटेश्वरा मंदिर का प्रबंधन संभालने की जिम्मेदारी है.

7 हजार हैं स्थाई कर्मचारी
एक रिपोर्ट के अनुसार, बोर्ड के 7 हजार स्थाई कर्मचारियों में से करीब 300 इस फैसले से प्रभावित हो सकते हैं. TDD में करीब 14 हजार ऐसे कर्मचारी भी हैं, जो कॉन्ट्रेक्ट पर काम कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस फैसले को कई कर्मचारी यूनियनों से भी समर्थन मिल रहा है. ट्रस्ट के अध्यक्ष बीआर नायडू का कहना है कि केवल हिन्दुओं को ही मंदिर का काम देखना चाहिए. गौरतलब है कि लड्डू विवाद को लेकर भी तिरुपति काफी सुर्खियों में रहा है. मौजूदा चंद्रबाबू  नायडू की सरकार ने आरोप लगाए थे कि पूर्व की वाईएसआरसीपी सरकार में तिरुपति के प्रसाद के लड्डू बनाने में लगने वाले घी में जानवर की चर्बी मिलाई जा रही थी.

पहले भी हुए हैं संशोधन
गौर करने वाली बात है कि टीटीडी एक्ट अब तक तीन बार संशोधित हो चुका है, ताकि मंदिर बोर्ड और उससे जुड़े संस्थानों में सिर्फ हिन्दुओं को ही नौकरी मिले. 1989 में सरकार की तरफ से एक आदेश भी जारी हुआ था, जिसमें टीटीडी के पदों पर सिर्फ हिन्दुओं की नियुक्ति की बात कही गई थी. हालांकि, यह देखने में आया है कि इसके बावजूद भी गैर हिन्दुओं की नियुक्ति हुई है. मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की सरकार को इस संबंध में हिन्दू कर्मचारियों की तरफ से शिकायतें मिली थीं. माना जा रहा है कि उसी के मद्देनजर बोर्ड ने यह फैसला लिया है. 


12 साल बाद होने जा रही दुर्लभ astronomical exchange घटना, जानिए राशियों पर क्या होगा इसका असर?

7 नवंबर 2024 को 12 साल बाद एक दुर्लभ खगोलीय विनिमय घटना होने जा रही है. इस असामान्य गोचर का विभिन्न राशियों पर अलग अलग प्रभाव पड़ेगा. 

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Monday, 04 November, 2024
Last Modified:
Monday, 04 November, 2024
BWHindia

गुरुवार यानी 7 नवंबर 2024 को एक दुर्लभ खगोलीय विनिमय घटना (astronomical exchange Event) होने जा रही है. इस असामान्य गोचर का विभिन्न राशियों पर अलग अलग प्रभाव पड़ेगा. एस्ट्रो कंसल्टेंट संजय चौधरी के अनुसार Jupiter, जिसे बृहस्पति/गुरु के नाम से भी जाना जाता है, राशि चक्र में महत्वपूर्ण धीमी गति से चलने वाले ग्रहों में से एक है, जो आमतौर पर एक राशि में एक साल रहता है और वर्तमान में प्रतिगामी स्थिति में वृषभ (Taurus) राशि (शुक्र द्वारा शासित) में गोचर कर रहा है. मूल कुंडली में एक मजबूत बृहस्पति किसी भी कुंडली में बहुत सारी नकारात्मकता को दूर कर देता है. वहीं, Venus जिसे शुक्र के नाम से भी जाना जाता है, एक तीव्र गति से चलने वाला ग्रह है और आमतौर पर एक राशि में 24 दिनों तक रहता है. यह हिंदू/वैदिक ज्योतिष में विलासिता के समान, कामुक सुख, इत्र, सौंदर्य, मनोरंजन आदि का प्रतिनिधित्व करता है. वर्तमान में यह वृश्चिक (Scorpio) राशि पर पारगमन कर रहा है और 7 नवंबर 2024 को धनु (Sagittarius) (बृहस्पति द्वारा शासित) में स्थानांतरित हो जाएगा, इस प्रकार 2 दिसंबर 2024 तक संबंधित राशियों में इन दोनों ग्रहों के बीच आदान-प्रदान होगा. 

12 वर्षों बाद बन रहा ये संयोग
यह एक दुर्लभ खगोलीय विनिमय घटना (astronomical exchange event) है, जो लगभग 12 वर्षों के बाद हो रही है, आखिरी बार इसी तरह की घटना जनवरी 2013 में हुई थी. इस असामान्य गोचर का विभिन्न राशियों पर निम्नलिखित प्रभाव पड़ेगा. इसे किसी की चंद्र (Moon) राशि के साथ-साथ लग्न (ascendant) या उदीयमान राशि से पढ़ा जाना चाहिए. अंतिम परिणाम चल रहे दशा क्रम के साथ-साथ अन्य ग्रहों की स्थिति/पारगमन के आधार पर भिन्न हो सकते हैं.

1. मेष ( ARIES) : मेष राशि के जातकों के दूसरे और नौवें गृह के स्वामी का आदान-प्रदान होगा जिसके परिणामस्वरूप पिता से वित्तीय लाभ मिल सकता है. सरकारी क्षेत्र या निर्यात से जुड़े लोगों को इस समय अवधि के दौरान अच्छे लाभ देखने को मिल सकते हैं.

2. वृषभ (TAURUS) : वृषभ लग्न के लोगों के बीच पहले और आठवें गृह के स्वामी की अदला-बदली होगी, जिससे सट्टेबाजी/शेयर बाजार में नुकसान हो सकता है. कोशिश करें कि इस दौरान किसी भी नए प्रोजेक्ट/उद्यम में बड़ा पैसा निवेश न करें.

3. मिथुन (GEMIN) : मिथुन राशि के जातकों को 7वें और 12वें गृह के स्वामियों के आदान-प्रदान का अनुभव होगा, जिससे भागीदारों के माध्यम से लाभ हो सकता है. इस समय अवधि के दौरान अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए अपने जीवनसाथी के प्रति शांत प्रतिक्रिया बनाए रखने का प्रयास करें.

4. कर्क (CANCER) : कर्क राशि के जातकों के लिए, यह गोचर छठे और ग्यारहवें गृह के स्वामियों के बीच आदान-प्रदान का कारण बनेगा, जिससे कार्यस्थल पर अप्रत्याशित लाभ हो सकता है. पात्र लोग प्रमोशन से भी बाहर हो सकते हैं. बड़े भाई-बहनों के साथ संबंध तनावपूर्ण हो सकते हैं.

5. सिंह (LEO) : सिंह राशि के जातकों के लिए यह सबसे अच्छी अवधि में से एक है क्योंकि यह गोचर 5वें और 10वें गृह के स्वामियों का आदान-प्रदान करेगा. जो लोग बौद्धिक पेशे में हैं उन्हें उम्मीदों से परे अच्छा लाभ और प्रसिद्धि मिलेगी. बच्चों का स्वास्थ्य चिंता का कारण बन सकता है, तदनुसार सावधानी बरतें.

6. कन्या ( VIRGO) : कन्या राशि के लोगों के लिए चौथे और नौंवे गृह के स्वामी का आदान-प्रदान होगा, जो नए वाहन खरीदने के लिए उत्कृष्ट है. अचानक विदेश यात्रा हो सकती है. कार्यस्थल पर अप्रत्याशित प्रसिद्धि मिल सकती है. काम और घरेलू शांति के बीच संतुलन बनाए रखने की कोशिश करें.

7. तुला (LIBRA) : तुला राशि के जातकों के लिए गोचर में तीसरे और आठवें गृह के स्वामी का आदान-प्रदान ईएनटी से संबंधित स्वास्थ्य समस्याएं दे सकता है. भाई-बहनों के साथ वाद-विवाद से बचना चाहिए. यह अवधि कई तुला राशि वालों के साहस को कम कर सकती है.

8. वृश्चिक (SCORPIO) : वृश्चिक राशि के जातकों के लिए, इस गोचर में दूसरे और सातवें गृह के स्वामी का आदान-प्रदान होगा, जिससे साझेदारी के माध्यम से लाभ मिल सकता है. जीवनसाथी अचानक हावी हो सकता है लेकिन पारिवारिक जीवन उत्तम रहेगा.

9. धनु (SAGITTARIUS) : धनु राशि वालों के लिए पहले और छठे गृह के स्वामियों की अदला-बदली देखने को मिलेगी, जिसके परिणामस्वरूप यदि कोई पुरानी बीमारी है तो वह ठीक हो जाएगी. अधिक धन संचय करने की होड़ हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप अनिष्ट हो सकता है, तदनुसार सावधानी बरतें.

10. मकर (CAPRICORN) : मकर राशि के जातकों के लिए 5वें और 12वें गृह के स्वामी का आदान-प्रदान होगा, जिसके परिणामस्वरूप बच्चों के साथ बड़े मतभेद हो सकते हैं. जो लोग विदेश में उच्च शिक्षा के लिए प्रयास कर रहे हैं उन्हें सकारात्मक प्रगति की उम्मीद है.

11. कुंभ (AQUARIUS) : कुंभ राशि के जातकों के लिए चतुर्थ और एकादश भाव के स्वामी का आदान-प्रदान होगा जिसके परिणामस्वरूप माता से लाभ हो सकता है. अप्रत्याशित संपत्ति लाभ भी संभव है. इस समयावधि में नया वाहन खरीदने के योग बन रहे हैं.

12. मीन (PISCES) : वर्तमान गोचर तीसरे और दसवें गृह के स्वामियों के बीच आदान-प्रदान करेगा जो करियर में प्रगति दे सकता है. भाई असामान्य तरीकों से जातक की मदद कर सकते हैं. यह समय पेशेवर मोर्चे पर साहस लाएगा.

(डिस्क्लेमर : उपरोक्त लेख ग्रहों की स्थिति और उस पर हुए शोध पर आधारित है. लेखक उपरोक्त रीडिंग के आधार पर शेयर बाजार/कीमती धातुओं/गेमिंग ऐप में किए गए किसी भी निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति/कॉर्पोरेट द्वारा किए गए किसी भी नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं है.)


धनतेरस पर खरीद लाएं ये खास चीजें, घर में होगी धन की बरकत!

धनतेरस पर झाड़ू से लेकर सोना व चांदी खरीदने की मान्यता है. ऐसा माना जाता है कि इन चीजों को खरीदने से सालभर घर और परिवार पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 29 October, 2024
Last Modified:
Tuesday, 29 October, 2024
BWHindia

दिवाली के त्यौहार में धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी (Ma Lakshmi) और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन के समय अमृत कलश के साथ मां लक्ष्मी का अवतरण हुआ था. हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है. कहा जाता है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आगमन होता है. इस दिन खरीदी गई वस्तुएं शुभ फल देती हैं. तो चलिए जानते हैं धनतेरस पर किन चीजों को खरीदना शुभ होता है और उसका क्या फल मिलता है?

1. झाड़ू- झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है. धनतेरस के दिन झाड़ू (Broom) खरीदना काफी शुभ माना जाता है, क्योंकि झाड़ू को घर लाकर आप मां लक्ष्मी को आमंत्रित कर रहे हैं.

2. सोने चांदी का सामान- धनतेरस पर धातु की वस्तुएं खरीदना काफी शुभ माना जाता है. इस दिन आप खासतौर पर चांदी के बर्तन, चांदी के आभूषण और चांदी के सिक्के (Silver Coins) खरीद सकते हैं. इस दिन आप सोने का सामान भी खरीद सकते हैं. इस दिन खरीदी गई वस्तुओं को दिवाली की पूजा के दौरान साथ में रखना चाहिए.

3. गणेश लक्ष्मी की मूर्ति- धनतेरस पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति खरीदना काफी शुभ माना जाता है. इन मूर्तियों की दिवाली के दिन पूजा (Diwali Puja) करनी चाहिए. आप छोटी बड़ी किसी भी तरह की मूर्तियां ला सकते हैं.

4. कुबेर यंत्र- धनतेरस पर कुबेर यंत्र और महालक्ष्मी यंत्र खरीदना भी काफी शुभ माना जाता है. कुबेर यंत्र खरीदने के बाद घर पर उसकी पूजा करने से परिवार पर धन के देवता कुबेर की कृपा बनी रहती है. वहीं, महालक्ष्मी यंत्र को पूजा के बाद दुकान या घर की तिजोरी में रख देना चाहिए.

5. धनिए के बीज- धनिए के बीज मां लक्ष्मी के प्रतीक माने गए हैं. मान्यता है कि धनिए के बीज धन को अपनी ओर खींचते हैं. धनतेरस के दिन धनिए के बीज खरीद कर घर लाने चाहिए. इन बीजों को दिवाली की पूजा के दौरान लक्ष्मी गणेश की मूर्तियों के पास रखना चाहिए. पूजा के बाद आप धनिए के बीजों को तिजोरी में भी रख सकते हैं.

6 धनतेसर पर पान का पत्ता खरीदने का महत्व-धनतेरस के दिन आप पान के पत्ते खरीदकर उनसे माता लक्ष्मी और भगवान धनवंतरी का पूजन करें. पान के पत्ते पर भोग रखकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें. दरअसल, माता लक्ष्मी को पात का पत्ता काफी प्रिय है. पान के पत्ते का इस्तेमाल धनतेरस की पूजा में करने से आपको माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा. साथ ही पान के पत्ते का इस्तेमाल करने से माता लक्ष्मी की व्यक्ति की विशेष कृपा भी होती है.

7. धनतेरस पर सुपारी खरीदने का महत्व-धनतेरस के दिन आप चाहें तो सुपारी भी खरीद सकते हैं दरअसल, मां लक्ष्मी को सुपारी का भोग अति प्रिय है इसलिए इस दिन सुपारी खरीदकर मां लक्ष्मी को अर्पित करें और फिर इस सुपारी को उठकर लाल या पीले कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें. ऐसे करने से आपके धन में 13 गुना बढ़ोतरी होगी. साथ ही मां लक्ष्मी आप पर प्रसन्न रहेंगी.

इसे भी पढ़ें-धनतेरस पर खरीदने जा रहे हैं सोना, ऐसे चेक करें शुद्धता!

 


विवाद पर भारी आस्था और विश्वास, तिरुपति लड्डुओं की बिक्री में नहीं आई कोई कमी

तिरुपति मंदिर में प्रसाद के तौर पर मिलने लड्डुओं की बिक्री पहले जैसी ही हो रही है. मौजूदा विवाद का उसकी बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Tuesday, 24 September, 2024
Last Modified:
Tuesday, 24 September, 2024
BWHindia

आंध्र प्रदेश के विश्वप्रसिद्ध तिरुपति मंदिर में प्रसाद के तौर पर मिलने वाले लड्डुओं को लेकर पिछले कुछ दिनों से बवाल मचा हुआ है. इन लड्डुओं को बनाने में पशु चर्बी वाले घी के इस्तेमाल के आरोप लगे हैं. राज्य की सत्ताधारी पार्टी TDP ने एक लैब रिपोर्ट के आधार पर आरोप लगाया है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में पशु चर्बी युक्त घी के इस्तेमाल से लड्डू बनाए गए थे. हालांकि, इस पूरे विवाद का लोगों के विश्वास और आस्था पर कोई असर नहीं हुआ है. लड्डुओं की बिक्री पहले की ही तरह हो रही है. 

इस तरह हुई बिक्री
आंध्र प्रदेश के इस मंदिर में करीब 60 हजार श्रद्धालु हर रोज पहुंचते हैं. एक रिपोर्ट में मंदिर प्रशासन के हवाले से बताया गया है कि बीते चार दिनों में 14 लाख तिरुपति लड्डू भक्तों को बेचे गए हैं. 19 सितंबर को 3.59 लाख, 20 सितंबर को 3.17 लाख, 21 सितंबर को 3.67 लाख और 22 सितंबर को 3.60 लाख लड्डुओं की बिक्री हुई है. इससे पता चलता है कि मौजूदा विवाद का लड्डुओं की बिक्री पर कोई असर नहीं पड़ा है. श्रद्धालुओं की आस्था और भरोसा अब भी इन पर कायम है. 

ऐसे बनाए जाते हैं लड्डू 
श्रद्धालुओं का कहना है कि किसी विवाद में इतनी शक्ति नहीं कि उनकी श्रद्धा को हिलाया सके. तिरुपति मंदिर में मिलने वाले महाप्रसाद के लड्डू बनाने की प्रक्रिया को 'दित्तम' के नाम से जाना जाता है. इसमें खास मात्रा में सभी चीजें डाली जाती हैं. करीब  300 साल के इतिहास में इसकी रेसिपी में केवल छह बार बदलाव किया गया है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड (TTD) की तरफ से कुछ समय पहले बताया गया था कि प्रसाद के लड्डू को खराब होने से बचाने के लिए इसमें गुड़ का सीरा उपयोग किया जाता है. इसके बाद इसमें आंवला, काजू और किशमिश को मिलाया जाता है. लड्डू की बूंदी बनाने के लिए शुद्ध घी का इस्तेमाल किया जाता है.

हर साल मोटी कमाई
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड हर रोज 3 लाख से ज्यादा लड्डू तैयार करवाता है. प्रसाद के रूप में मिलने वाले इन लड्डुओं से बोर्ड को हर साल मोटी कमाई होती है. एक अनुमान के मुताबिक, बोर्ड को लड्डुओं की बिक्री से लगभग 500 करोड़ रुपए की सालाना कमाई होती है. 1715 से ही लगातार प्रसाद में लड्डू बनाए जा रहे हैं. 2014 में तिरुपति के लड्डू को जीआई टैग भी मिल गया. इसका मतलब है कि अब इस नाम से कोई और लड्डू नहीं बेच सकता. एक लड्डू का वजन करीब 175 ग्राम होता है. हर रोज लगभग 15000 किलो शुद्ध घी लड्डुओं को तैयार करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

ऐसे शुरू हुआ विवाद
इसी साल जुलाई में एक लैब टेस्ट के दौरान पाया गया था कि महाप्रसादम में इस्तेमाल घी में कुछ बाहरी फैट मौजूद हैं. इसके बाद टीटीडी ने कॉन्ट्रैक्टर को ब्लैकलिस्ट कर दिया और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से घी लेना शुरू कर दिया. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड एक किलो घी के लिए कॉन्ट्रैक्टर को 320 रुपए का भुगतान करता था. जबकि कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से एक लीटर शुद्ध घी उसे 475 रुपए में पड़ रहा है. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और TDP प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने इसी रिपोर्ट को सार्वजनिक करके पूर्व सरकार को कठघरे में खड़ा किया है. इसके साथ ही उन्होंने मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन भी किया है. वहीं, पूर्व CM ने TDP पर धार्मिक मामलों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया है.


आज घर-घर विराजेंगे बप्पा, अनंत अंबानी ने भेंट किया 20 किलो सोना का मुकुट

पूरा देश आज गणेशोत्सव मना रहा है. आज गणपति बप्पा घर-घर विराजे जाएंगे. गणेशोत्सव की सबसे ज्यादा धूम महाराष्ट्र में देखने को मिलती है.

बिजनेस वर्ल्ड ब्यूरो by
Published - Saturday, 07 September, 2024
Last Modified:
Saturday, 07 September, 2024
BWHindia

आज घर-घर में बप्पा विराजेंगे. 10 दिनी गणेशोत्सव आज यानी 7 सितंबर से शुरू हो रहा है. इस मौके पर मुंबई के लालबागचा राजा को सोने-चांदी से सजाया गया है. लालबागचा राजा की काफी मान्यता है. पूरे साल इनके दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन गणेशोत्सव के मौके पर इसमें एकदम से काफी इजाफा हो जाता है.   

15 करोड़ है कीमत
गणेश चतुर्थी के अवसर पर मुंबई के लालबागचा के राजा को 20 किलो सोने का मुकुट पहनाया गया है. एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस मुकुट को अंबानी परिवार के छोटे बेटे अनंत अंबानी और रिलायंस फाउंडेशन ने भेंट किया है. इसकी कीमत कम से कम 15 करोड़ रुपए बताई जा रही है. यह मुकुट यहां आने वाले बप्पा के भक्तों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. 

मुंबई-पुणे में धूम
महाराष्ट्र में गणेशोत्सव के सबसे ज्यादा धूम रहती है. खासकर मुंबई और पुणे का गणेशोत्सव सर्वाधिक फेमस है. इस खास मौके का गवाह बनने के लिए विदेशी सैलानी भी यहां आते हैं. गणेश मंडलों द्वारा महीनों पहले से इसकी तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं. गणेश चतुर्थी पर ढोल-नगाड़ों के साथ गणपति को विरजा जाता है. पूरे दस दिन ऐसा भक्तिमय माहौल बना रहता है. 10 दिनी गणेशोत्सव 7 सितंबर से शुरू होकर  17 सितंबर तक चलेगा.

सालों पुराना जुड़ाव
बताया जा रहा है कि मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी ने लालबागचा राजा को जो सोने का मुकुट भेंट दिया है, उसे तैयार करने में दो महीने का समय लगा है. अनंत अंबानी का लालबागचा राजा से जुड़ाव सालों पुराना है. उन्हें अक्सर गणेशोत्सव समारोह और गिरगांव चौपाटी बीच पर होने वाले भव्य विसर्जन समारोह में शामिल होते देखा जा सकता है. अनंत अंबानी के योगदान को देखते हुए उन्हें लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेश उत्सव मंडल की मानद सदस्यता मिली हुई है.


क्या वास्तव में केदारनाथ धाम में हुआ सोना घोटाला, आखिर क्यों मचा है बवाल?

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने केदारनाथ में सोना घोटाले का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि 228 किलो सोना धाम से गायब हुआ है.

Last Modified:
Wednesday, 17 July, 2024
BWHindia

आस्था के केंद्र केदारनाथ धाम को लेकर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के आरोपों पर चर्चा शुरू हो गई है. लोग यह जानना चाह रहे हैं कि क्या वास्तव में केदारनाथ धाम से 228 किलो सोना गायब हो गया है? शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने इसे 'सोना घोटाला' नाम दिया है. अविमुक्तेश्वरानंद ने हाल ही में कहा था कि केदारनाथ में सोना घोटाला हुआ है. उन्होंने दिल्ली में केदारनाथ मंदिर की तर्ज पर बन रहे मंदिर पर भी सवाल उठाए.  शंकराचार्य ने कहा कि वहां घोटाला हो गया तो अब दिल्ली में केदारनाथ बना रहे हो. केदारनाथ से 228 किलो सोना गायब कर दिया गया, लेकिन कोई जांच तक नहीं बैठाई गई.

मुख्य पुजारी का आरोप
एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती जिस सोना घोटाले का जिक्र कर रहे हैं, वो मामला पिछले साल जून में सामने आया था. उस समय केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी संतोष त्रिवेदी ने यह कहकर सनसनी फैला दी थी कि मंदिर की दीवारों पर लगा 125 करोड़ का सोना पीतल में बदल दिया गया है. उन्होंने कहा था कि 2005 में किसी दानदाता ने  125 करोड़ रुपए का सोना दिया था, जिसे मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर मड़वाया गया था. लेकिन यह सोना अब पीतल में बदल गया है. संतोष त्रिवेदी ने बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) पर गड़बड़ी का आरोप लगाया था. हालांकि, मंदिर समिति ने आरोप खारिज करते हुए इसे प्रबंधन को बदनाम करने की साजिश करार दिया था.

शिवपुराण का किया जिक्र
अब इसी मामले को शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने उठाया है. उनका कहना है कि सरकार ने इसकी कभी जांच नहीं की. इसके साथ ही शंकराचार्य ने दिल्ली में केदारनाथ की तर्ज पर बन रहे मंदिर पर ही सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि प्रतीकात्मक केदारनाथ मंदिर नहीं बनाया जा सकता. शिवपुराण में 12 ज्योतिर्लिंगों के नाम और पता भी बताया गया है. जैसे कि सौराष्ट्रे सोमनाथम. पहले सौराष्ट्र यानी पता और फिर सोमनाथ यानी ज्योतिर्लिंग. ठीक इसी तरह से केदारम हिमवत पृष्ठे, यानी जो केदार है वो हिमालय के पृष्ठ भाग में है. उनका कहना है कि हिमालय में केदार है तो आप दिल्ली में उसे कहां से लाकर रख देंगे? शंकराचार्य ने कहा कि जनता को भ्रम में डालने की कोशिश नहीं होनी चाहिए.

उत्तराखंड में हो रहा विरोध 
देश की राजधानी दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर बनाया जा रहा है. इस मंदिर को ठीक वैसा ही तैयार किया जा रहा है जैसा कि रुद्रप्रयाग में स्थित केदारनाथ मंदिर है. हाल ही में इसका भूमि पूजन भी हुआ है. दिल्ली में बन रहे इस मंदिर का उत्तराखंड में भी विरोध हो रहा है. संत-पुजारियों ने इसके खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि दिल्ली में केदारनाथ धाम मंदिर बनाना सीधे तौर पर हिमालय की गोद में बसे केदारनाथ धाम का अपमान है. वहीं, इस पूरे विवाद के बीच श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के प्रमुख सुरेंद्र रौतेला का कहना है कि दिल्ली में मंदिर बनाया जा रहा है, धाम नहीं. रौतेला ने कहा कि कुछ लोगों को आपत्ति है कि ये केदारनाथ धाम नहीं, केदारनाथ मंदिर नहीं होना चाहिए. अगर किसी को इस नाम से आपत्ति है तो जरूर हम नाम बदलेंगे.
 


सुबह-सुबह भक्तों को मिली खुशखबरी, श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी द्वार खुले

ओडिशा की नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार ने अपना वादा पूरा करते हुए श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चारों द्वार फिर से खोल दिए हैं.

Last Modified:
Thursday, 13 June, 2024
BWHindia

ओडिशा से एक बड़ी खबर सामने आई है. यहां पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चारों द्वार फिर से खोल दिए गए हैं. राज्य की नवनिर्वाचित BJP सरकार ने बुधवार को पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी चार द्वारों को पुन: खोलने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी और आज यानी गुरुवार सुबह इस अपर अमल भी हो गया. इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने पूजा अर्चना की. बालासोर से सांसद प्रतापचंद्र सारंगी और अन्य मंत्री इस दौरान मौजूद रहे.

500 करोड़ का विशेष कोष
राज्य की नवनिर्वाचित बीजेपी सरकार ने मंदिर से जुड़े अहम मुद्दों के लिए 500 करोड़ रुपए के विशेष कोष का भी ऐलान किया गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ओडिशा के मंत्री सूर्यवंशी सूरज ने बताया कि चुनाव के दौरान हमने कहा था कि हम श्री जगन्नाथ मंदिर के सभी 4 द्वार फिर से खोलेंगे. हमने अपना वादा पूरा कर दिया है, मंदिर के सभी चार द्वार आज खुल गए हैं. इस मौके पर CM सहित मंत्रिपरिषद के सभी सदस्य यहां मौजूद रहे.


नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल का ज्योतिषीय महत्व और भविष्य की संभावनाएं

सांप्रदायिक सद्भाव, पूंजी बाजार, उच्च शिक्षा और बौद्धिक क्षेत्रों में संभावित चुनौतियों के साथ सरकार का ध्यान व्यापार, कृषि, संचार और बुनियादी ढांचे पर होगा.

Last Modified:
Monday, 10 June, 2024
BWHindia

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम 7:23 बजे दिल्ली में तीसरी बार शपथ ले चुके हैं. गठबंधन जनादेश के आलोक में वर्तमान सरकार के ज्योतिषीय महत्व और भविष्य की संभावनाओं का विश्लेषण करने में कई कारक शामिल हैं. एक मुहूर्त चार्ट को मुख्य रूप से दो मापदंडों पर आंका जाता है:

चुने गए समय का ज्योतिषीय महत्व - पंचांग कारक

ज्योतिषीय कारक - शपथ समय का राशिफल

इसके अतिरिक्त, विस्तृत विश्लेषण के लिए प्रधानमंत्री की कुंडली, देश की कुंडली और वार्षिक चार्ट के साथ संबंध महत्वपूर्ण है. 

पंचांग कारक

चुना गया दिन: रविवार - दिन का स्वामी सूर्य शासन और सत्ता के लिए अनुकूल है. 
 
तिथि: शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, जिसे रिक्ता तिथि के रूप में जाना जाता है. तिथि स्वामी शनि है, जो आम तौर पर प्रतिकूल होता है, खासकर रविवार को. 

योग: ध्रुव, जो सकारात्मक है. 

करण: वणिज, जो सकारात्मक है. 

होरा: शपथ के समय बृहस्पति की होरा थी, जो अत्यंत शुभ है. शनि की होरा अभी खत्म हुई थी. 

चंद्रमा का स्थान: चंद्रमा कर्क राशि में और कर्क नवांश में है.
कुल मिलाकर, इस शपथ के समय का पंचांग कारक अच्छा है, चंद्रमा की अपनी राशि स्थिति से प्रतिकूल तिथि कम हो जाती है. 
ज्योतिषीय कारक

लग्न: वृश्चिक, मीन नवांश लग्न के साथ नवांश में बृहस्पति के साथ - स्थिर लग्न स्थिरता का संकेत देता है जबकि नवांश लग्न में बृहस्पति शुभ होता है.

चंद्रमा का स्थान: चंद्रमा नौवें घर में अपनी ही राशि में है, और नवमांश में, वह कर्क राशि में भी है - एक वर्गोत्तम स्थिति, जो बहुत शुभ है. 
ग्रह विन्यास: चार ग्रह - सूर्य, शुक्र, बुध और बृहस्पति - 7वें घर में हैं. चतुर्थ स्वामी चतुर्थ भाव में है, और लग्न स्वामी लग्न को देखता है, जो स्थिरता के लिए सकारात्मक कारक हैं. 
बृहस्पति का प्रभाव: लगभग सभी ग्रह बृहस्पति के प्रभाव में हैं, जो संकट के समय दैवीय कृपा का संकेत देता है.

वृश्चिक लग्न- मोदी का इष्ट लग्न  
यह कोई संयोग नहीं है कि नरेंद्र मोदी के मंत्रालय ने हमेशा वृश्चिक लग्न के प्रभाव में शपथ ली है.

2014 में नरेंद्र मोदी ने तुला राशि के अंत में शपथ ली थी, लेकिन उनके सभी मंत्रियों ने वृश्चिक राशि में शपथ ली थी.

2019 में, लग्न फिर से वृश्चिक था. 

और इस बार भी वृश्चिक लग्न है.

यह अतीत में मोदी सरकार की गोपनीयता, अचानकता और लीक से हटकर लिए गए फैसलों को स्पष्ट करता है. यह कार्यकाल भी पहले से ज्यादा अलग नहीं होगा. आने वाले महीनों में परंपरा को तोड़ने वाले कुछ अप्रत्याशित निर्णयों की अपेक्षा करें.

शपथ चार्ट में नकारात्मक प्रभाव

लग्न पर अशुभ दृष्टि: लग्न पर लगभग सभी अशुभ ग्रहों की दृष्टि होती है. 
केमद्रम योग: चंद्रमा केमद्रम योग में है. 
गंडांत स्थिति: लग्न गंडांत (दोनों राशि और नक्षत्र जंक्शन) में है, जो प्रारंभिक परेशानियों और विवादों का संकेत देता है.

हालाँकि, केंद्र में बृहस्पति, बुध और शुक्र की मजबूत स्थिति इन नकारात्मक प्रभावों को खत्म कर देती है. इसके अतिरिक्त, नक्षत्र पुनर्वसु शुभ है, जो नरेंद्र मोदी के जन्म नक्षत्र अनुराधा और भारत की स्वतंत्रता कुंडली के नक्षत्र पुष्य के साथ अच्छी तरह मेल खाता है. 
चार्ट विश्लेषण और भविष्य के निहितार्थ

वृश्चिक लग्न: काल पुरुष की 8वीं राशि रहस्य, अचानकता और अप्रत्याशितता का प्रतीक है. मोदी की पिछली शपथों में भी वृश्चिक लग्न था, जो अप्रत्याशित निर्णयों के जारी रहने का संकेत है. 

गठबंधन सरकार: दूसरा घर (कुटुंब) और सातवां घर (साझेदारी) मजबूत हैं. 7वें घर में द्वितीय स्वामी और 7वें घर में शुभ ग्रह मजबूत गठबंधन समर्थन का संकेत देते हैं. शुक्र अस्त होने के बावजूद लग्न पर इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है.

अप्रत्याशित समर्थन: 11वां स्वामी (मित्र) 10वें और 7वें स्वामी के साथ है और चंद्रमा से 11वां घर बहुत मजबूत है जो बाहर से संभावित अप्रत्याशित समर्थन का संकेत दे रहा है.

विपक्ष की भूमिका: चौथा घर (विपक्ष) मूलत्रिकोण में शनि के साथ मजबूत है. दशमेश सूर्य सप्तम भाव में अस्त अवस्था में है. सरकार को महत्वपूर्ण विरोध का सामना करना पड़ेगा लेकिन सभी प्रमुख ग्रहों द्वारा त्रिकोण और केंद्र में रहने के कारण स्थिरता बनी रहेगी. 

शनि की ताकत: शुरुआत में मजबूत लेकिन समय के साथ शनि-राहु की निकटता और डी9 चार्ट में शनि-मंगल की युति के कारण कम हो जाती है - समय के साथ विरोधी ताकत कम हो जाएगी.

देश पर प्रभाव

मजबूत घर: दूसरा, 11वां, 7वां, 12वां और 9वां घर मजबूत हैं, जो व्यापार, विदेशी निवेश, घरेलू बचत, वित्तीय सुधार और कृषि पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत देता है. 

ग्रामीण और कृषि क्षेत्र: मजबूत शनि ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन पर प्राथमिकता का संकेत देता है. 

संचार और बुनियादी ढांचा: एक मजबूत तीसरा घर पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंधों के साथ-साथ संचार, पर्यटन और बुनियादी ढांचे पर जोर देने का प्रतीक है.

पंचम भाव में चिंताएं: पंचम भाव पाप कर्तरी योग और राहु से पीड़ित है. यह भाव बुद्धिजीवियों, भावनात्मक स्थिरता, सांप्रदायिक सद्भाव, सट्टेबाजी, निवेश, स्टॉक एक्सचेंज, बच्चों, जनसंख्या, विश्वविद्यालयों, नैतिकता और मूल्यों का प्रतिनिधित्व करता है. छात्र आंदोलन, सांप्रदायिक तनाव, शेयर बाजार में उथल-पुथल और संभावित कानूनी बदलावों से नाराजगी की आशंका है. 

आर्थिक सुधार और वित्तीय नीतियां: दूसरे और ग्यारहवें घर की मजबूत स्थिति को देखते हुए, घरेलू बचत को बढ़ावा देने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार होने की संभावना है. सरकार ऐसी नीतियां पेश कर सकती है जो वित्तीय विकास और स्थिरता को प्रोत्साहित करती हैं.

तकनीकी प्रगति: बुध के मजबूत स्थिति में होने से, प्रौद्योगिकी और संचार क्षेत्रों में प्रगति की उम्मीद है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए नई पहल हो सकती है।

स्वास्थ्य देखभाल और लोक कल्याण: छठे घर में मजबूत लग्न स्वामी और नौवें घर में चंद्रमा की चंद्र वर्गोत्तम स्थिति सार्वजनिक कल्याण और स्वास्थ्य देखभाल सुधारों पर एक मजबूत जोर देने का सुझाव देती है। सरकार आबादी के समग्र स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए नई स्वास्थ्य देखभाल नीतियां लागू कर सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय संबंध: मजबूत 7वां घर और लाभकारी ग्रह स्थिति अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में सकारात्मक विकास का संकेत देती है। सरकार कूटनीति और वैश्विक साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए नए गठबंधन बना सकती है और मौजूदा गठबंधन को मजबूत कर सकती है। 
व्यापक संदर्भ

ध्यान दें कि किसी भी चार्ट का विश्लेषण अलग से नहीं किया जाता है - इसका विश्लेषण देश, काल और पत्र के दायरे में किया जाता है। मुहूर्त विश्लेषण में काल (समय) कारक को प्राथमिकता दी जाती है। इसलिए संवत्सर और हिंदू नववर्ष चार्ट का प्रभाव शपथ चार्ट पर भी काफी पड़ता है। यहां विचार करने लायक दो बिंदु हैं:

संवत्सर का नाम : क्रोधी.

वर्तमान हिंदू नववर्ष का राजा: मंगल, शनि मंत्री के साथ।

इससे पता चलता है कि आने वाले समय में न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व स्तर पर अशांति, प्राकृतिक आपदाएं, हिंसा, युद्ध जैसी स्थितियां और मजबूत जन भावनाएं शामिल होंगी। सरकार कभी-कभी पक्षपातपूर्ण लग सकती है, उग्रवाद, आक्रामकता और नफरत अधिक प्रमुख होती जा रही है- यह विश्व स्तर पर लागू होगा.

चुना गया मुहूर्त सरकार की स्थिरता और कामकाज के लिए अच्छा है, जो अचानक और अभूतपूर्व निर्णयों की विशेषता है. शपथ चार्ट में मजबूत ज्योतिषीय कारक, चुनौतीपूर्ण ग्रहों के प्रभावों के साथ मिलकर, आने वाले कार्यकाल के लिए एक जटिल तस्वीर पेश करते हैं. सांप्रदायिक सद्भाव, पूंजी बाजार, उच्च शिक्षा और बौद्धिक क्षेत्रों में संभावित चुनौतियों के साथ सरकार का ध्यान व्यापार, कृषि, संचार और बुनियादी ढांचे पर होगा. व्यापक ज्योतिषीय संदर्भ महत्वपूर्ण उथल-पुथल और मजबूत सार्वजनिक प्रतिक्रियाओं की अवधि का सुझाव देता है.


संजीव रंजन मिश्र
अतिथि लेखक

लेखक के पास एक पेशेवर के रूप में वैदिक ज्योतिष में 40 वर्षों से अधिक का अनुभव है और एक शिक्षार्थी के रूप में 45 वर्षों से अधिक का अनुभव है. उनके कई छात्र देश और उद्योगों में अग्रणी ज्योतिषी और ग्राहक हैं, इसलिए उन्हें न केवल लोगों, बल्कि व्यवसायों, उद्योगों, राजनीतिक दलों और मीडिया घरानों का मार्गदर्शन करने में भी विशेषज्ञता हासिल है.
 


इस अक्षय तृतीया बचत का बन रहा है शुभ संयोग, जानें कहां मिल रहा है कितना डिस्काउंट

अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार यानी 10 मई को मनाया जाएगा. इस खास मौके पर ज्वैलरी ब्रैंड्स से लेकर बैंक तक गाहकों को स्पेशल ऑफर दे रहे हैं.

Last Modified:
Monday, 06 May, 2024
BWHindia

सनातन धर्म में अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) का दिन बहुत शुभ माना जाता है. इस दिन सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है. इस साल अक्षय तृतीया का पर्व शुक्रवार यानी 10 मई को मनाया जाएगा. अक्षय शब्द का अर्थ होता है 'जिसका कभी क्षय न हो या जिसका कभी नाश न हो'. इस दिन लोग जीवन में सुख व समृद्धि के लिए माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ सोने व चांदी की ज्वैलरी की खरीदारी भी करते हैं. ऐसे में इस खास मौके पर देश के बड़े ज्वेलरी ब्रैंड्स से लेकर बैंक भी आपको कार लोन पर आकर्षक ऑफर्स दे रहे हैं. तो चलिए आपको इन ऑफर्स की जानकारी देते हैं.

मेकिंग चार्ज पर 25 प्रतिशत तक की बंपर छूट
.मशहूर ज्वेलरी ब्रांड मालाबार गोल्ड्स (Malabar Golds) ग्राहकों को अक्षय तृतीया के मौके पर डायमंड और गोल्ड ज्वेलरी की शॉपिंग पर मेकिंग चार्ज पर 25 प्रतिशत की छूट दे रहा है. यह ऑफर 27 अप्रैल से 12 मई तक के लिए वैलिड है. वहीं, टाटा के ब्रैंड तनिष्क (Tanishq) ने भी अक्षय तृतीया के लिए स्पेशल ऑफर लॉन्च किया है. कंपनी ग्राहकों को गोल्ड और डायमंड ज्वेलरी के मेकिंग चार्ज पर 20 फीसदी की छूट दे रही है. यह ऑफर 2 मई से 12 मई तक के लिए वैलिड है. मेलोरा (Mellora) अक्षय तृतीया के मौके पर अपने ग्राहकों के लिए डायमंड और Gemstone ज्वेलरी की खरीद पर 25 फीसदी की छूट ऑफर कर रहा है.

मिलेंगे गिफ्ट वाउचर
जोयालुक्कास (joyalukkas) भी अक्षय तृतीया के मौके पर ग्राहकों के लिए स्पेशल ऑफर लेकर आया है. ग्राहकों को 50,000 रुपये की ज्वेलरी की खरीदारी पर 1000 रुपये का गिफ्ट वाउचर मिलेगा. वहीं, 50,000 रुपये से अधिक डायमंड की खरीद पर 2,000 रुपये का गिफ्ट वाउचर मिलेगा. 

इसे भी पढ़ें-RBI के इस नए नियम का अपडेट के बाद, कई सरकारी कंपनियों के शेयर पाताल में

देश के ये टॉप बैंक कार लोन पर पर दे रहे ऑफर
बैंक भी अक्षय तृतीय के अवसर पर ग्राहकों को कार लोन पर ब्याज दरों और प्रोसेसिंग फीस पर काफी अच्छा ऑफर दे रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार देश के टॉप 10 बैंक 4 साल के पीरियड वाले 10 लाख रुपये तक के कार लोन पर 8.7 से 9.4 प्रतिशत का ब्याज ऑफर कर रहे हैं. यूनियन बैंक 8.70 प्रतिशत ब्यज ऑफर कर रहा है, जिसमें 24, 565 हजार रुपये ईएमआई कटेगी. वहीं, एसबीआई, इंडियन बैंक, केनरा बैंक और पंजाब नेशनल 8.75 की दर से लोन दे रहे हैं. इसमें आपकी 24, 587 रुपये ईएमआई जाएगी. बैंक ऑफ इंडिया में 8.85 प्रतिशत ब्याज के साथ आपकी 24, 632 रुपये ईएमआई जाएगी. बैंक ऑफ बड़ोदा में 8. 90 प्रतिशत ब्याज दर के साथ आपको 24, 655 रुपये, एक्सिस बैंक में 9.30 प्रतिशत ब्याज दर के साथ 24, 835 ईएमआई,  आईसीआईसीआई बैंक में 9.10 प्रतिशत ब्याज दर के साथ 24, 745 और एचडीएफसी बैंक में 9.40 प्रतिशत ब्याज दर के साथ आपको 24,881 रुपये ईएमआई देनी होगी.