राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के समापन के मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने नदियों के संरक्षण के लिए अलग से प्राधिकरण गठित करने का ऐलान किया.
छत्तीसगढ़ में चल रहे तीन दिवसीय ‘राष्ट्रीय रामायण महोत्सव’ का समापन हो गया है. रायगढ़ में 1 से 3 जून तक चले इस महोत्सव के आखिरी दिन बोलते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रभु श्रीराम हमारे दिलों में हैं, हमारे जीवन में हैं. राम नाम का रस ही ऐसा है, जितना सुनिएगा, राम रस की प्यास उतनी बढ़ती जाती है. CM ने कहा कि इस महोत्सव का आयोजन राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के रूप में किया गया, लेकिन कंबोडिया, इंडोनेशिया के रामायण दलों के आने से इसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया. उन्होंने जूरी सदस्यों के विचारों को साझा करते हुए कहा कि हमने देश के विभिन्न हिस्सों में केवल भगवान श्रीराम के बाल्य-काल, रामलीला जैसे अध्यायों का मंचन देखा है. यह पहली बार है कि भगवान राम के अरण्यकाण्ड का मंचन देखने को मिला. बघेल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पहली बार राष्ट्रीय रामायण महोत्सव का आयोजन किया गया, जो सफल रहा.
नदियों के संरक्षण पर जोर
मुख्यमंत्री बघेल ने समापन समारोह में कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ वनों से अच्छादित है. भगवान श्रीराम ने अपने वनवास के दौरान इन्हीं जंगलों, नदियों और पहाड़ों के बीच से वन गमन किया. भगवान राम छत्तीसगढ़ के वनों, नदियों, पर्वतों को पार करते हुए आगे बढ़े. हमने अपनी नदियों और प्रकृति को बचाने का संकल्प लिया है. इन्द्रावती और अरपा नदी के संरक्षण के लिए प्राधिकरण गठित किए गए हैं. महानदी, शिवनाथ नदियों के साथ आज केलो की महाआरती की गई. उन्होंने कहा कि प्रकृति हमें सब कुछ देती है, इसे बचाएं. उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि प्रदेश की सभी नदियों के संरक्षण के लिए अलग से प्राधिकरण गठित किया जाएगा.
हमारा युगों-युगों से संबंध
संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. रायगढ़ इस दौरान राममय रहा, ऐसा लगा हम अयोध्या में आ गए हैं. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ माता कौशल्या का मायका और भगवान राम का ननिहाल है. उनके वनवास का सबसे लम्बा समय छत्तीसगढ़ में गुजारा, भगवान राम का हमारा युगों-युगों से संबंध है.
इनके नाम रहा रिकॉर्ड
राज्य के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव में पहला वर्ल्ड रिकॉर्ड अरण्य कांड पर सबसे ज्यादा समय तक, तीन दिनों तक लगातार 765 मिनट तक अरण्य कांड का मंचन करने पर बना. छत्तीसगढ़ सहित 13 राज्यों और दो विदेशी इस तरह 17 दलों के 375 कलाकरों ने इसमें हिस्सा लिया. राज्य के संस्कृति विभाग ने ‘मोस्ट स्टेज आर्टिस्ट परफार्मिंग ऑन अरण्यकाण्ड’ का रिकॉर्ड अर्जित किया. सबसे ज्यादा कलाकार और सबसे देर तक चलने वाले अरण्य कांड पर कार्यक्रम के लिए यह रिकॉर्ड बना. रायगढ़ जिला प्रशासन के नाम भी 10 हजार से अधिक लोगों द्वारा सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए वर्ल्ड रिकॉर्ड बना. छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन रायगढ़ को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किया गया.
इन्हें किया गया सम्मानित
राष्ट्रीय रामायण महोत्सव के दौरान अरण्यकाण्ड पर आयोजित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कर्नाटक के दल को प्राप्त हुआ. दल प्रमुख को स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और 5 लाख रुपए की राशि का चेक प्रदान कर सम्मानित किया गया. प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार असम के दल को मिला, उसे तीन लाख की पुरस्कार राशि का चेक तथा स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति और तृतीय पुरस्कार झारखंड के दल को प्रदान किया गया. उसे दो लाख की राशि के चेक के साथ स्मृति चिन्ह, राजकीय गमछा, रामचरित मानस की प्रति प्रदान की गई. इस दौरान, रायगढ़ नगर निगम महापौर जानकी काटजू ने मुख्यमंत्री को गदा भेंट किया.
इन्होंने दर्ज कराई मौजूदगी
समापन समारोह में कंबोडिया, इंडोनेशिया सहित सभी राज्यों तथा जूरी सदस्यों को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, संसदीय सचिव चन्द्रदेव राय, विधायक प्रकाश नायक, विधायक लालजीत सिंह राठिया, विधायक राम कुमार यादव, विधायक चक्रधर सिंह, विधायक लालजीत सिंह राठिया सहित कई विधायक, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत रामसुंदर दास, पूर्व सांसद नंदकुमार साय, पूर्व विधायक बोधराम कंवर, रायगढ़ नगर निगम महापौर जानकी काटजू तथा जिला पंचायत अध्यक्ष निराकार पटेल, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य, कलेक्टर रायगढ़ तारन प्रकाश सिन्हा सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे.
अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है तो भी आप मतदान कर सकेंगे. इसके लिए आपको इन 11 जरूरी दस्तावेजों में से किसी एक को मतदान केंद्र में दिखाना होगा. फिर आप आसानी से मतदान कर सकेंगे.
लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है. मतदाताओं में भी इसको लेकर खासा उत्साह है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जिनका वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card) अपडेट होकर न आया हो या फिर गुम हो गया हो. उन मतदाताओं की चिंता का निवारण निर्वाचन आयोग (Elections Commission) ने कर दिया है. निर्वाचन आयोग का कहना है कि बना वोटर आईडी कार्ड के भी वोट डाला जा सकता है बशर्ते मतदाता के पास कुछ अन्य जरूरी आईडी कार्ड मौजूद हों. आइए जानते हैं वे कौन से दस्तावेज हैं, जिसके माध्यम से भी वोट डाला जा सकता है.
इन दस्तावेज से भी कर सकेंगे मतदान
चुनाव आयोग के मुताबिक, अगर कोई मतदान केंद्र पर वोटर आईडी कार्ड ले जाना भूल गया है, तब भी वो चुनाव में हिस्सा ले सकता है. नियमों के अनुसार, मतदान केंद्र पर वोटर आईडी के अलावा और भी ऐसे दस्तावेज हैं जिनको दिखाकर वोट करने की अनुमति मिल जाती है. ये दस्तावेज हैं-
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- अगर आप सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट के कर्मचारी हैं या फिर, PSUs और पब्लिक लिमिटेड कंपनी में काम कर रहे हैं तो कंपनी की फोटो आईडी के आधार पर भी मतदान किया जा सकता है
- PAN कार्ड
- आधार कार्ड
- पोस्ट ऑफिस और बैंक द्वारा जारी किया गया पासबुक
- MGNREGA जॉब कार्ड
- लेबर मिनिस्ट्री द्वारा जारी किया गया हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड
- पेंशन कार्ड जिसपर आपकी फोटो लगी हो और अटेस्टेड हो
- नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
- सांसद या विधायक की तरफ से जारी आधिकारिक पहचानपत्र
इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड या कोई भी वाजिब पहचान पत्र है लेकिन आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो आप वोट नहीं दे सकते हैं. वोटर लिस्ट में नाम चेक करने के लिए आप चुनाव आयोग की एसएमएस सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें आपको ‘ ECI (अपना EPIC नंबर)’ लिखकर 1950 नंबर पर एसएमएस भेजना होता है.
चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव पर हुए खर्च, लोगों की धारणा, अनुभव और अनुमान के आधार पर यह चुनाव में खर्च की गई कुल राशि का आकलन किया है.
18वीं लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का चुनाव कल से शुरू हो रहा है. पहले चरण का मतदान 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में फैले 102 चुनाव क्षेत्रों में होगा. सभी राजनीतिक दलों ने सत्ता का सुख पाने के लिए जोर-आजमाइश के साथ वो सभी पैतरें अपना रहे हैं, जिससे मतदाताओं को रिझा सकें. इसके लिए उम्मीदवार से लेकर पार्टी स्तर पर भी खूब पैसे उड़ाए जा रहे हैं. बड़े राजनीतिक दल जहां मीडिया, सोशल मीडिया में विज्ञापन देने के साथ पारंपरिक तरीके से प्रचार कर करोंड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं. जिसकी वजह से हर चुनाव में खर्च का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों और सरकारी खर्चों का छोटे राज्यों के बजट के बराबर पहुंच जाता है.
कई गुना बढ़ा चुनावी खर्चा
1952 में हुए पहले चुनाव से लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव तक चुनावी खर्च कई गुना बढ़ चुका है. चुनाव आयोग के मुताबिक, 1952 में हुए देश के पहले चुनाव में 10.5 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में यह खर्च बढ़कर 3,870.3 करोड़ रुपये पहुंच गया. गैर लाभकारी संगठन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (CMS) की एक स्टडी के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में 55,000-60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. वहीं, 2024 में यह खर्च बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपये हो सकता है.
2024 में खर्च हो सकते हैं 1.20 लाख करोड़
2024 लोकसभा चुनाव 7 चरणों में हो रहे हैं. इस चुनाव में धुआंधार खर्च प्रचार से लेकर विभिन्न गतिविधियों में किए जा रहे हैं. पिछले चुनाव में खर्च हुए आंकड़ों से पता चल रहा है कि इस बार का चुनाव खर्च 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच सकता है. भाजपा से लेकर कांग्रेस करोड़ों रुपये का विज्ञापन दे रही है. वहीं, स्टार प्रचारकों पर भी करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. बड़े-बड़े नेता हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज से पहुंचकर जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. वहीं, इस बार करीब 96.8 करोड़ मतदाता देश में हैं, जो प्रधानमंत्री चुनेंगे.
2019 में 9000 करोड़ रुपये हुए खर्च
भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा और 303 सीटें जीतीं. इस बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री चुने गए, लेकिन चुनावी खर्च में बेहताशा वृद्धि हो गई. इस चुनाव में 9000 करोड़ रुपये खर्च किए गए. जोकि पिछले चुनाव के अपेक्षा लगभग तीन गुना अधिक था. इस चुनाव में 90 करोड़ मतदाता थे, जिसमें से 67.4 फीसद ने मतदान किया था. इस चुनाव में एक वोटर पर करीब 100 रुपये खर्च हुए.
क्या होती है खर्च की सीमा
चुनाव में खर्च की सीमा उस राशि को कहते हैं, जो उम्मीदवार चुनाव अभियान में वैध रूप से खर्च कर सकता है. इसमें पब्लिक मीटिंग, रैली, विज्ञापन, पोस्टर- बैनर और वाहन पर होने वाला खर्च शामिल है. चुनाव खत्म होने के 30 दिन के अंदर सभी उम्मीदवारों को खर्च का विवरण चुनाव आयोग को देना होता है. ऐसा करना जरूरी है.
पार्टियों के लिए नहीं है खर्च की सीमा
चुनाव में कोई राजनीतिक दल कितना खर्च कर सकता है, इसकी तो कोई सीमा नहीं है, लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए यह राशि 95 लाख रुपये तय की गई है. इसी तरह विधानसभा चुनाव में एक प्रत्याशी 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. कुछ छोटे राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में लोकसभा प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा 75 लाख रुपये और विधानसभा प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा 28 लाख रुपये है.
आज हम आपके ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने नशे को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. जो लोग नशे की आदत से छुटकारा चाहते हैं लोग उन्हें अपना मसीहा मानते हैं
किसी भी तरह के नशे की लत (Addiction) नुकसानदायक ही होती है. नशे से छुटकारा पाना भी लगभग सभी लोग चाहते हैं, लेकिन यह आसान काम नहीं है क्योंकि जो व्यक्ति नशे का आदी है, उसका शरीर उसे इसकी इजाजत ही नहीं देता. नशा छोड़ने की कोशिश करने पर शरीर पर ऐसे-ऐसे आफ्टर इफेक्ट दिखते हैं कि व्यक्ति फिर से नशे की ओर मुड़ जाता है. लेकिन आज हम आपके ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने नशे को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. जो लोग नशे की आदत से छुटकारा चाहते हैं लोग उन्हें अपना मसीहा मानते हैं. इनके द्वारा अविष्कृत मेडिसिन के सेवन से सिगरेट शराब तथा हर प्रकार की ड्रग्स बहुत ही आसानी से छोड़ी जा सकती है.
घर बैठे मंगा सकते हैं मेडिसिन
ऐसी अद्वितीय औषधि के आविष्कारक और कोई नहीं डॉक्टर मोहम्मद शोएब खान है. जितनी विचित्र इनकी औषधि है उतनी ही विचित्र इनका किसी व्यक्ति के डायग्नोसिस का तरीका भी है. यह मेडिसिन मोबाइल फोन अथवा इंटरनेट के द्वारा विश्व के किसी भी कोने में ऑडर कर इस्तेमाल की जा सकती है. नशे से पीड़ित व्यक्ति को केवल उनकी वेबसाइट www.nashamukti.com , www.de-addiction.com अथवा www.deaddiction.in के चैट रूम में लॉग इन करना पड़ता है या फिर मोबाइल 9868742743, 09211456256 अथवा 9411453526 पर कॉल करना पड़ता है.
कैसे किया जाता है इलाज?
चैट रूम में चैट करते समय अथवा मोबाइल पर कॉल करते समय नशे से पीड़ित व्यक्ति को अपनी पसंद की सिगरेट पीने, गुटका खाने अथवा शराब सूंघने को कहा जाता है इसके साथ ही डिटॉक्सिन मेडिसिन की उनमें ट्रांसमिट की जाती है. इस मेडिसिन के प्रभाव से सिगरेट, गुटखा फीके लगने लगते हैं तथा शराब की बदबू धीमी लगने लगती है. जिस मेडिसिन से ऐसा होता है वहीं नशे से पीड़ित व्यक्ति को खाने को दी जाती है जिससे नशा 1 दिन में छूट जाता हैं लेकिन शराब के लिए 2 माह का कोर्स आवश्यक है. ड्रग्स के केस में पीड़ित व्यक्ति को बिना ड्रग्स लिए दर्द होने के समय टेस्टिंग की जाती है तथा 10 मिनट में दर्द दूर होने पर मेडिसिन दी जाती है जिससे 4 दिन में ड्रग्स छूट जाती है लेकिन फिर भी 3 मास का कोर्स करना अनिवार्य होता है.
25,000 पीड़ित व्यक्तियों का किया इलाज
डॉ. मुहम्मद शोएब खान बताते हैं कि नशे के सेवन से शरीर का वोल्टेज तथा आवेश ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है. मेडिसिन से उसे आवश्यक स्थान पर लाया जाता है. वह कहते हैं कि पिछले 30 वर्षों में उन्होंने विभिन्न प्रकार के लगभग 25,000 पीड़ित व्यक्तियों का सफलता पूर्वक उपचार किया हैं. उनके द्वारा स्वास्थ्य लाभ पाने वाले लोगों में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एम एस ए सिद्दीकी, रिटायर एअर वाइस मार्शल अरविंद डाल्या, एस्कॉर्ट हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रमेश चांदना, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निदेशक अबरार अहमद, फिल्म निर्माता कुंवर विक्रम सिंह इत्यादि है तथा वह रिलायंस इंडस्ट्री के साथ मिलकर भी कई लोगों का उपचार कर चुके हैं.
दवा का नहीं है कोई साइड इफेक्ट
डॉ. खान का दावा है कि उनकी दवा का न तो कोई साइड इफेक्ट है और न ही इसकी अपनी कोई लत है. मेडिसिन नशे के प्रति घृणा भी उत्पन्न करती है और नशीले पदार्थों से शरीर को हुए नुकसान की भरपाई भी करती है. वर्तमान में डॉ. खान हौज रानी मालवीय नगर नई दिल्ली में अपना क्लिनिक चला रहे हैं और उनके पास प्रतिदिन तीन से चार मरीज आते हैं. अपनी नई आविष्कृत दवाओं के साथ क्लिनिकल परीक्षण के लिए उनका आवेदन सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी में लगभग 25 वर्षों से लंबित है.
सरकार इस दवा के इस्तेमाल की दे मंजूरी
वह नशे के प्रभावी उपचार के प्रति उदासीनता के लिए सरकार को सीधे तौर पर दोषी ठहराते हैं. अगर सरकार ने उनके अभियान को संरक्षण दिया होता, तो ये नशे को खत्म करने में बहुत कारगर साबित होती. इसके साथ ही डॉक्टर का कहना है कि मैं चाहता हूं कि मेरी दवा का क्लिनिकल परीक्षण किया जाए और अगर नशे को खत्म करने में प्रभावी पाया जाता है, तो इस मेडिसिन को भारत सरकार द्वारा अस्पतालों में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
(डिस्क्लेमर: उपरोक्त लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. ये विचार पब्लिशिंग हाउस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं न ही उन्हें दर्शाते है.लेखक यह लेख अपनी व्यक्तिगत क्षमता में लिख रहा है. उनका उद्देश्य किसी भी एजेंसी या संस्था के आधिकारिक विचारों, दृष्टिकोणों या नीतियों का प्रतिनिधित्व करना नहीं है और न ही ऐसा माना जाना चाहिए.)
नई दिल्ली के जीएमआर एरोसिटी स्थित द स्क्वायर में आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दिल्ली और अन्य स्थानों से आए दर्शकों का मन मोह लिया.
एरोसिटी एंटरटेनमेंट फेस्ट 2024 का भव्य आयोजन किया गया. इस फेस्ट को हाजमोला, BW Businessworld और GMR Aerocity द्वारा प्रस्तुत व आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में Bisleri Limonata रिफ्रेशमेंट पार्टनर, 24SEVEN कन्वीनियंस पार्टनर, JT Talent एंटरटेनमेंट पार्टनर, Meena Bazaar क्लोथिंग पार्टनर, Arckbeauty & makeup byrua मेकअप पार्टनर, Joya Art Jewellers by Honey Creations ज्वैलरी पार्टनर और Weaving Threads फुटवियर पार्टनर थे. अन्य इवेंट सपोर्ट पार्टनर्स में जॉय ट्रैवल्स (Joy Travels), फैंड्रम (Fandrum), थिकशेक फैक्ट्री (Thickshake Factory), रियल्टी+ (Realty+), ई4एम (E4M), आईडब्ल्यूएम बज़ (IWM Buzz), इम्पैक्ट (Impact), पिच (Pitch) और वीडियो प्रोडक्शन शामिल थे.
फेस्ट 2024 का हुआ भव्य आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत ऊर्जा डांस ट्रूप द्वारा डांस फ्यूजन के एक रोमांचक फ्लैश मॉब प्रदर्शन के साथ हुई, इसके बाद दर्शकों ने लिफ्टअप्रोमीडिया- नुक्कड़ नाटक समूह द्वारा फैमिली मैडनेस: ए डेली ड्रामा नामक एक मज़ेदार नुक्कड़ नाटक का आनंद लिया, जिसमें सार्वजनिक परिवहन की अव्यवस्था पर व्यंग्य किया गया था. जादूगर विनोद कुमार द्वारा पेश किए गए जादू के करतबों ने सबका मन मोह लिया. परनीत सिंह, साहिल शर्मा और कनिष्का शर्मा के शानदार संगीत ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. इस बीच, फेस्टिवल में लोगों ने फेस्ट फन ब्रेक का आनंद लिया, जिसमें एंटरटेनमेंट मस्कट ब्लू फॉक्स और बम्बल बी ट्रांसफॉर्मर और एंगेजमेंट ज़ोन में आर्केड गेमिंग शामिल थे.
संगीतमय प्रस्तुति ने लगाए चार चांद
जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया नज़्म अनप्लग्ड ने संगीतमय प्रस्तुति के साथ फेस्ट में चार चांद लगा दिए, इसके बाद मनोज भंडारी ने एक स्टैंड-अप शो किया, इसके साथ ही लोगों ने मीना बाज़ार और आर्कब्यूटी एंड मेकअपबायरूआ के सौजन्य से एक आकर्षक फैशन फिएस्टा का आनंद लिया. वहीं मालविका श्रीवास्तव और उनके बैंड द्वारा संगीतमय शाम में समा बांध दिया. सूफी बैंड ने मोहित सिंह द्वारा रचित रंगरेज़ और तथा देविका अरोड़ा और उनके संगीत बैंड द्वारा प्रस्तुत किए गए गानों से इस भव्य फेस्ट का समापन हुआ जो सभी लोगों के लिए एक यादगार अनुभव रहा.
लोगों ने लिया भरपूर आनंद
एरोसिटी एंटरटेनमेंट फेस्ट 2024 ने कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शनों, कई आकर्षणों केंद्रो और यादगार अनुभवों ने लोगों को आकर्षित किया. संगीत, कला, भोजन और संस्कृति के मिश्रण के साथ एरोसिटी एंटरटेनमेंट फेस्ट ने सभी के लिए कुछ न कुछ जरूर था. विभिन्न शैलियों के प्रसिद्ध कलाकारों के लाइव संगीत ने जनता को मनमोहित कर दिया. इसके साथ ही फेस्ट में उपस्थित लोगों ने स्थानीय विक्रेताओं के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया.
कार्यक्रम में विदेशी भी शामिल हुए
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गेमिंग जोन था, जिसने पूरे दिन दर्शकों को बांधे रखा. विकएंड पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में लोगों को संगीत, भोजन और डांस के विभिन्न रूप देखने को मिले. इस उत्सव में न केवल भारतीय बल्कि एरोसिटी के होटलों के आस-पास रहने वाले विदेशी भी शामिल हुए. इस कार्यक्रम ने देश भर के कई विक्रेताओं को मंच भी प्रदान किया. BW बिजनेसवर्ल्ड और GMR एरोसिटी ने फैशन फिएस्टा के लिए अपने फुटवियर पार्टनर्स, आउटरीच पार्टनर्स Paytm इनसाइडर और बुकमायशो, टीवी पार्टनर NewsX, गिफ्टिंग पार्टनर बीनली, इवेंट सपोर्ट पार्टनर्स जॉय ट्रैवल्स, फैंड्रम, थिकशेक फैक्ट्री, रियल्टी+, E4M, आईडब्ल्यूएम बज़, इम्पैक्ट और पिच का आभार व्यक्त किया.
ये यात्रा 30 दिनों में 3333 किमी की दूरी तय कर पर्यावरण जागरुकता और महिलाओं में रोजगार की भावना को पैदा करने का प्रयास करेगी.
महिला सशक्तिकरण के साथ देश में हरित पर्यावरण का मजबूत संदेश देने के लिए भारत की पहली इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर रैली लॉन्च की गई है जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक देश के एक छोर से दूसरे छोर की दूरी तय करेगी. इस यात्रा की खास बात ये है कि ये पूरी तरह से महिला थ्री व्हीलर से होगी. इस यात्रा को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी (इमास) और महिलाओं के सामाजिक उत्थान, उद्यम तथा कौशल गतिशीलता के लिए प्रतिबद्ध सामाजिक संगठन एमओडब्लूओ के साथ मिलकर ईटीओ मोटर्स इंडिया ने इस अनोखे 'ईटीओवाली' रैली का आयोजन किया है.
यात्रा का ये है मकसद
इस रैली में 8 सदस्यीय महिलाओं का टीम है जो इलेक्ट्रिक 3-पहिया वाहन, एक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल और एक इलेक्ट्रिक एसयूवी के साथ कन्याकुमारी से कश्मीर का सफर करेंगी. महिलाओं की यह रैली टीम 30 दिनों में 3333 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करेगी. महिला थ्री-व्हीलर रैली को कन्याकुमारी से हरी झंडी दिखाई जाएगी जिसके बाद यह रैली मदुरै, बेंगलुरु, हैदराबाद, नागपुर, इंदौर, जयपुर और दिल्ली से होते हुए जम्मू में समाप्त होगी. इस रैली का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ यह संदेश देना भी है कि कैसे इलेक्ट्रिक 3-पहिया वाहन स्थिर आजीविका की तलाश कर रही महिलाओं के लिए रोजगार का एक बेहतर अवसर प्रदान कर सकती हैं.
राज्यों में जुड़ेंगे अलग-अलग लोग
कन्याकुमारी से शुरू होने वाली ये यात्रा जब विभिन्न प्रदेशों में जब यह रैली प्रवेश करेगी तब राज्यों के परिवहन, महिला कल्याण मंत्रालयों तथा अन्य सरकारी संस्थाओं के सहयोग से इस दौरान विशेष जागरूरकता कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी. इन कार्यशालाओं में हरित परिवहन के साधन के रूप में ईवी की बेहद महत्वपूर्ण हो रही भूमिका को रेखांकित कर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही देश की आधाी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों में किस तरह महिलाएं काम के घंटे चुनने के लचीलेपन के साथ अपनी आय बढ़ाने के लिए ऑटो ड्राइविंग के माध्यम से सूक्ष्म उद्यमी बन सकती हैं.
इस यात्रा से हम हैं रोमांचित
इस रैली को झंड़ी दिखाकर रवाना करने के मौके पर अपने संबोधन में ईटीओ मोटर्स के निदेशक सुरेंद्र नाथ ने कहा हम एमओडब्लूओ और सिडबी के साथ साझेदारी करके रोमांचित हैं. ‘ईटीओवाली’ कार्यक्रम हमारे महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम ‘ईटीओ एम्पावर्स’ से बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य और जीवन बीमा कवरेज जैसे अत्यधिक लाभकारी प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ ड्राइवरों को उचित रोजगार के अवसर प्रदान करना है. "ईटीओवाली" को विशेष रूप से महिलाओं को इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स के बारे में जागरूक करने के लक्ष्य के साथ इस तथ्य से जागरूक करने के लिए भी तैयार किया गया है कि यह आधी आबादी को सुरक्षित और टिकाऊ रोजगार के अवसर प्रदान करता है. ‘ईटीओवाली’ कार्यक्रम को कई चरणों में विभाजित किया गया है. मार्च 2024 में पहला चरण महिलाओं की रैली पर केंद्रित होगा और जागरूकता बढ़ाएगा। दूसरे चरण में 500 महिलाओं का चयन किया जाएगा जिन्हें ई3डब्ल्यू चलाने और भारत के कई शहरों में सेवाएं शुरू करने के लिए प्रशिक्षित कर जरूरी ड्राइविंग कौशल प्रदान किया जाएगा.
DGCA के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि एक वरिष्ठ पायलट द्वारा एयर इंडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है.
डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और एयर इंडिया (Air India) को लेकर इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. हाल ही में DGCA ने सूचना देते हुए बताया है कि उसने एयर इंडिया के खिलाफ प्रमुख रूप से एक्शन लेते हुए 1.10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. एयर इंडिया पर ये जुर्माना सेफ्टी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया है.
Air India के खिलाफ क्यों लिया गया एक्शन?
एक बयान देते हुए DGCA ने बताया कि एयर इंडिया (Air India) द्वारा किराए पर लिए गए बोइंग 777 प्लेन को अमेरिका भेजा गया जबकि इसमें आवश्यक इमरजेंसी ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम मौजूद नहीं था. DGCA के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि एक वरिष्ठ पायलट द्वारा एयर इंडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा गया था कि एयरलाइन द्वारा बोइंग 777 हवाई जहाजों को बिना आवश्यक आपातकालीन ऑक्सीजन सिस्टम के अमेरिका तक उड़ान भरने की मंजूरी दी गई. इसी शिकायत के आधार पर सिविल एविएशन मंत्रालय और DGCA ने एयर इंडिया के खिलाफ एक्शन लिया है.
क्यों दर्ज करवाई है शिकायत?
जिस पायलट द्वारा एयर इंडिया (Air India) के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी वह B777 कमांडर के रूप में काम कर चुका है और इस अभ्यास के बारे में पायलट ने मंत्रालय और DGCA के समक्ष 29 अक्टूबर को शिकायत दर्ज करवाई थी. आपको बता दें कि यह पायलट अब एयरलाइन के साथ काम नहीं करते हैं. आपको बता दें कि ज्यादातर एयरक्राफ्ट्स में सिलिंडर होते हैं जिनकी मदद से ओवरहेड मास्क्स में ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है और कैबिन के डि-प्रेशर होने की स्थिति में ही ओवरहेड मास्क्स की जरूरत पड़ती है. इन सिलिंडरों के द्वारा कैबिन में 12-15 मिनट प्रति यात्री की दर से ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है.
जरूरी हैं ये बातें
इतना समय प्लेन के लिए काफी होता है और इस समय के दौरान हवाई जहाज 10,000 फीट जितनी ऊंचाई तक आ जाते हैं और इसे इंसानों के लिए ठीक वातावरण माना जाता है. इस ऊंचाई पर आकर एयरक्राफ्ट को ठंडा करने के लिए और लोगों के सांस लेने के लिए प्लेन के इंजन से हवा ली जाती है. लेकिन अगर कोई जहाज काफी ऊंचे पर्वतों पर उड़ान भर रहा है तो वह 10,000 फीट जितनी ऊंचाई पर तभी आ सकता है जब वह पर्वत श्रृंखला को पार कर ले. इसका मतलब ये है कि प्लेन को ज्यादा ऊंचे एलटीट्यूड पर ज्यादा अधिक समय तक उड़ान भरनी पड़ेगी और इसके लिए एयरक्राफ्ट में अतिरिक्त सिलिंडरों की आवश्यकता भी पड़ती है, ताकि 25-30 मिनट तक यात्रियों के मास्क तक ऑक्सीजन सप्लाई की जा सके.
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कार्यक्रम का प्रसारण गांव के साथ-साथ देश के विभिन्न शहरी इलाकों और सार्वजनिक जगहों पर भी किया जाएगा.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि करीब आ रही है और ज्यादा से ज्यादा लोग इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं. साथ ही लोग ये भी जानना चाहते हैं कि आखिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को कब और कहां देखा जा सकता है? आपको बता दें कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को 22 जनवरी को दूरदर्शन पर लाइव देखा जा सकता है.
कितने बजे से शुरू होगा लाइव टेलीकास्ट?
राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Temple Trust) ने लोगों से अपील की है कि वह इस कार्यक्रम में वर्चुअली हिस्सा लें और साथ ही ट्रस्ट के द्वारा यह जानकारी भी दी गई है कि कार्यक्रम का प्रसारण गांव के साथ-साथ देश के विभिन्न शहरी इलाकों और सार्वजनिक जगहों पर भी किया जाएगा. 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वाराणसी के पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के द्वारा ही प्रमुख परंपराओं को पूरा किया जाएगा. सुबह 11 बजे से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण शुरू हो जाएगा और दोपहर 1 बजे तक इस कार्यक्रम का प्रसारण अयोध्या के राम मंदिर से किया जाएगा.
कहां देखें लाइव प्रसारण?
अयोध्या धाम के राम मंदिर में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए तैयारियां की जा रही हैं. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का पूरा प्रसारण दूरदर्शन न्यूज (DD News) और दूरदर्शन के सभी राष्ट्रीय चैनलों पर किया जाएगा. दूरदर्शन द्वारा लाइव प्रसारण की फीड को अन्य न्यूज एजेंसियों के साथ भी साझा किया जायेगा और अन्य न्यूज ब्रॉडकास्टरों के लिए दूरदर्शन द्वारा एक यूट्यूब लिंक भी साझा किया जाएगा. दूरदर्शन द्वारा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए पूरी अयोध्या नगरी में लगभग 40 कैमरे लगाए जायेंगे और राम मंदिर के प्रांगण में भी दूरदर्शन द्वारा कैमरे लगाए जाएंगे. दूरदर्शन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पूरे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्राम का प्रसारण 4K टेक्नोलॉजी में किया जाएगा.
कहां-कहां होगा लाइव प्रसारण?
जहां एक तरफ दूरदर्शन द्वारा प्रमुख राम मंदिर के प्रांगण को दिखाया जाएगा वहीं सरयू घाट के पास मौजूद राम की पैड़ी, कुबेर टीले पर मौजूद जटायु की मूर्ति और अन्य जगहों से भी लाइव प्रसारण किया जाएगा. इसके साथ ही देश भर में मौजूद सभी मंदिरों, विदेशों में मौजूद भारतीय दूतावासों और अन्य दूतावासों में भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा.
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कोहरे के कारण इस वक्त रेल, सड़क और हवाई सभी प्रकार के यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कोहरे का सितम रोड, हवाई जहाज से लेकर रेलवे पर बुरी तरह पड़ा है. हर यातायात में सफर करने वाले यात्री बुरी तरह से परेशान हैं. लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमारी व्यवस्थाओं की परख भी होती है. लेकिन रेलवे का 139 सिस्टम दिल्ली की सर्दी में ऐसा हांपा कि दिल्ली-कानपुर शताब्दी से सफर करने वाले एक शख्स को पहले तो सिस्टम बताता रहा कि ट्रेन देरी से आ रही है लेकिन उसी ट्रेन को कुछ देर बाद कैंसिल बता दिया. लेकिन हद तो तब हो गई जब यात्री ने देखा कि कुछ घंटे बाद वो ट्रेन आ गई. लेकिन तब तक वो यात्री दूसरी ट्रेन में टिकट कर चुका था. कोहरे के कारण यात्रियों को इसी तरह की कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
आखिर क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल दिल्ली में अपनी रिश्तेदारी में आए ओम हरि शर्मा अपनी पत्नी और पुत्रबधू के साथ दिल्ली आए हुए थे. उन्होंने मंगलवार को कानपुर जाने के लिए ट्रेन नंबर 12034 नई दिल्ली-कानपुर सेंट्रल ट्रेन से तीन टिकट कराई हुई थी. कोहरे के कारण गाड़ी के लेट होने की खबरों के बीच एक ओर जहां वो अपनी गाड़ी को लाइव ट्रैकिंग सिस्टम पर वॉच कर रहे थे तो दूसरी ओर 139 पर पूछताछ कर रहे थे.
ओम हरि शर्मा ने बताया कि पहले तो 139 सिस्टम ये बताता रहा कि ट्रेन काफी घंटे लेट है. लेकिन उसके बाद 139 ने ये बता दिया कि ट्रेन कैंसिल हो गई है. इस पर जब उन्होंने जब टिकट को कैंसिल करना चाहा तो उसमें दो विकल्प दिखाने लगा या तो आपकी ट्रेन 3 घंटे देरी से हो या कैंसिल हो चुकी हो. लेकिन आईआरसीटीसी के एप से ये टिकट कैंसिल नहीं हो पाई. अकेले ओम हरि शर्मा ही नहीं बल्कि कई और भी यात्री रेलवे स्टेशन पर गाडि़यों की सही जानकारी न मिलने के कारण परेशान दिखे. किसी को उसकी गाड़ी की सही जानकारी नहीं मिल रही थी तो कोई दूसरी व्यवस्थाओं के कारण परेशान थे.
अब ये उन्हें सता रही है ये चिंता
ओम हरि शर्मा का जाना जरूरी था तो उन्होंने कानपुर सेंट्रल शताब्दी की टिकट छोड़कर लखनऊ शताब्दी से टिकट करा दी. अब ओम हरि शर्मा का कहना है कि 139 की गलती के कारण जो जानकारी मिली और उसके बाद टिकट कैंसिल हो पाई तो उसका रिफंड उन्हें मिलेगा भी या नहीं. दूसरा ये कि जब ट्रेन कैंसिल नहीं थी तो 139 ने उसे कैंसिल क्यों बताया.
क्या कहता है रेलवे?
नार्दन रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार का कहना है कि जहां तक यात्री के टिकट के रिफंड का सवाल है तो वो स्टेशन पर जाकर टीडीआर (टिकट डिपॉजिट रिसिप्ट) ले सकते हैं. उससे उन्हें रिफंड मिल जाएगा. वहीं दूसरी ओर 139 के गलत जानकारी देने का सवाल है तो इसे चेक कराया जाएगा कि आखिर ऐसा कैसे हुआ.
कई ट्रेनों पर पड़ा है कोहरे का असर
कोहरे का असर कई ट्रेनों पर पड़ा है. यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दूसरे कई राज्यों की ओर जाने वाली कई ट्रेनें इसके चलते प्रभावित हुई हैं. अकेले 16 जनवरी को दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों पर कोहरे का असर हुआ है.
इन लड्डुओं को 22 जनवरी को देवरहा बाबा के शिष्यों के साथ-साथ भगवान श्रीराम के भक्तों के द्वारा बांटा जाएगा.
22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन और प्राण-प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होने जा रहा है और इसके लिए पूरे जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं. छोटी से छोटी बारीकियों का भी बहुत ही खास ध्यान रखा जा रहा है और सुरक्षा मानकों का भी बहुत ज्यादा ध्यान रखा जा रहा है. अब खबर आ रही है कि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए लड्डू बनाने के कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है.
तैयार किया जा रहा है लड्डू का प्रसाद
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश और गुजरात से मिठाई बनाने वाले खास कारीगरों को बुलाया गया है और ये कारीगर बहुत ही शानदार और अनोखे लड्डू बनायेंगे और इन लड्डुओं को बनाने में देसी घी का इस्तेमाल किया जाएगा. ऐसी बहुत सी मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं जिनमें दावा किया जा रहा है कि इन लड्डुओं का इस्तेमाल प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में प्रसाद के रूप में किया जाएगा. इन लड्डुओं को 22 जनवरी को देवरहा बाबा के शिष्यों के साथ-साथ भगवान श्रीराम के भक्तों के द्वारा बांटा जाएगा. लड्डू प्रसाद तैयार किया जा रहा है और इसे टिफन के डब्बों में पैक भी किया जा रहा है.
40 लोगों की टीम तैयार कर रही है लड्डू
देवरहा बाबा के एक शिष्य ने मीडिया के साथ जानकारी साझा करते हुए बताया है कि इन लड्डुओं को पूरी तरह से देसी घी से बनाया जा रहा है और इन लड्डुओं के निर्माण में एक बूंद पानी का इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा है और यह लड्डू आने वाले 6 महीनों तक खराब नहीं होंगे. पहले रामलला को इन लड्डुओं का भोग लगाया जाएगा और उसके बाद VIP लोगों को यह लड्डू प्रसाद के रूप में दिए जाएंगे. हर डब्बे में 11 लड्डू होंगे और रामलला के दर्शन करने आये श्रद्धालुओं के बीच यह लड्डू प्रसाद के रूप में बांटे जायेंगे. इन लड्डुओं को 40 लोगों की एक टीम के द्वारा तैयार किया जा रहा है और जानकारी के मुताबिक 44 कुंटल लड्डुओं का निर्माण किया जाएगा.
घर पर मिलेगा राम मंदिर का प्रसाद
राम मंदिर का प्रसाद घर पर प्राप्त करने के लिए खादी आर्गेनिक (Khadi Organic) को तैयार किया जा रहा है. खादी आर्गेनिक एक ई-कॉमर्स साईट है और इसे भगवान श्रीराम के प्रसाद को घर घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई है. प्रसाद प्राप्त करने के लिए खादी आर्गेनिक की वेबसाइट पर जाएं और उसके बाद फ्री प्रसाद के विकल्प पर क्लिक करें और फिर अगले पेज पर अपना मोबाइल नंबर दर्ज करवाएं. अगर आपको अपने घर पर ही प्रसाद की डिलीवरी चाहिए हो तो डिलीवरी के विकल्प पर क्लिक करें.
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कांग्रेस पार्टी की ओर से रामतीर्थ ट्रस्ट को लेकर तीन लोगों को निमंत्रण दिया गया था. इनमें सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी शामिल थे.
अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाली प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने फैसला ले लिया है. कांग्रेस पार्टी का कोई भी नेता इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होगा. वहां न जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी ने कहा कि ये राम मंदिर का नहीं बल्कि बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम है. उन्होंने कहा कि अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कर बीजेपी इसका चुनावी फायदा लेना चाह रही है.
क्या कहा कांग्रेस पार्टी ने ?
कांग्रेस पार्टी की ओर से इसे रिलीज जारी करके स्पष्ट किया गया है. रिलीज में कांग्रेस पार्टी की ओर से कहा गया है कि
' पिछले महीने, कांग्रेस अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी एवं लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण मिला.
भगवान राम की पूजा-अर्चना करोड़ों भारतीय करते हैं. धर्म मनुष्य का व्यक्तिगत विषय होता आया है, लेकिन भाजपा और आरएसएस ने वर्षों से अयोध्या में राम मंदिर को एक राजनीतिक परियोजना बना दिया है. स्पष्ट है कि एक अर्द्धनिर्मित मंदिर का उद्घाटन केवल चुनावी लाभ उठाने के लिए ही किया जा रहा है. 2019 के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय को स्वीकार करते हुए एवं लोगों की आस्था के सम्मान में मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी एवं अधीर रंजन चौधरी भाजपा और आरएसएस के इस आयोजन के निमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करते हैं'.
22 जनवरी को होनी है प्राण प्रतिष्ठा
अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है. इस प्राण प्रतिष्ठा में पीएम मोदी भाग लेने जा रहे हैं. इस कार्यक्रम को लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही है. अयोध्या में जहां एक ओर मंदिर निर्माण को अंतिम चरण दिया जा रहा है वहीं दूसरी ओर साज सज्जा का काम भी तेजी से चल रहा है. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की सकुशल व्यवस्था के लिए दूसरे जनपदों से अधिकारी भी बुलाए गए है. अयोध्या में होने वाले ऐतिहासिक कार्यक्रम की व्यवस्था के लिए योगी सरकार की ओर से ये तैयारी की जा रही है. स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से अयोध्या में सहायक नगर आयुक्त की ड्यूटी लगाई गई है. अधिशासी अभियंता ट्रैफिक, जोनल सेनेटरी अधिकारी,मुख्य सफाई एवं खाद्य निरीक्षक और सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों को विशेष तौर पर अयोध्या भेजा गया है. कर निर्धारण अधिकारी, कर अधीक्षक और राजस्व निरीक्षकों की भी अयोध्या में लगाई गई ड्यूटी है.