इस संबंध में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की तरफ से आगरा के निजी होटल में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ.
आगरा: मध्य प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने फेडरेशन फ़ॉर इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के सहयोग से यूपी के निवेशकों को निवेश के लिए आमंत्रित कर रहा है. इस संबंध में मध्य प्रदेश पर्यटन विभाग की तरफ से आगरा के निजी होटल में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ. इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के ज्वॉइंट डायरेक्टर सुरेश झारिया ने प्रेजेंटेशन देकर निवेश की संभावनाओं की विस्तृत जानकारी दी. राजीव सक्सेना, प्रेसिडेंट टूरिज्म गिल्ड ऑफ आगरा ने अथितियों का स्वागत किया. शलभ शर्मा प्रेसिडेंट, नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स ने धन्यवाद प्रस्ताव ज्ञापित किया. कार्यक्रम में पूरन डावर प्रेसिडेंट, एएफएमईसी, अशोक कुमार जैन मैनेजिंग डायरेक्टर, कलाकृति की उपस्थिति भी उल्लेखनीय रही.
ज्वॉइंट डायरेक्टर, मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड सुरेश झारिया ने बोर्ड द्वारा निवेश संबंधी प्रोत्साहन, पर्यटन नीति, हेरिटेज पर्यटन, जल पर्यटन, टूरिस्ट सर्किट, पर्यटन परियोजनाओं को पूंजीगत अनुदान, ब्राउन फील्ड, ग्रीन फील्ड, फ्रेंचाइजी योजनाओं पर एक विस्तृत प्रेजेन्टेशन दिया. इस अवसर पर बोलते हुए सुरेश झारिया ने बताया, "प्रदेश में लगभग 100 फॉरेस्ट एरिया हैं, जहां सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक सामान्य तौर कोई कार्य नहीं किया जा सकता, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने इन इलाकों में कुछ छूट दिलाई है और फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से नोटिफाई कराया है. इन इलाकों में कैंपिंग, एडवेंचर, वॉटर स्पोर्ट्स, आर्ट, क्राफ्ट, कल्चर धार्मिक आदि गतिविधियां संचालित की जा सकती हैं. ऐसी जगहों को निवेशक फॉरेस्ट डिपार्टमेंट से लीज पर ले सकते हैं."
वहीं, आगरा के प्रसिद्ध उद्योगपति पूरन डावर ने कहा कि मध्य प्रदेश में निवेश का यह एकदम सही समय है. उन्होंने कहा कि कोई भी निवेश तभी फलदायक हो सकता है, जब उसे सही समय पर किया जाए और मध्य प्रदेश में निवेश के लिए मौजूदा समय बेहद अनुकूल है. डावर ने आगे कहा, 'मध्य प्रदेश सरकार हेरिटेज प्रॉपर्टीज को प्राइवेट हाथों में दे रही है, जो निवेशकों के लिए एक बढ़िया मौका है. आजकल टूरिस्ट हेरिटेज प्रॉपर्टी में रहना ज्यादा पसंद करते हैं. खासकर विदेशों से आने वाले सैलानियों के लिए ये एकदम अलग अनुभव होता है. लिहाजा, मध्य प्रदेश में निवेश का यह ठीक समय है. उन्होंने आगे कहा कि मध्य प्रदेश में वाइल्ड लाइफ है, हेरिटेज प्रॉपर्टी और ग्रीन कवर भी काफी है. जमीन वहां अपेक्षाकृत सस्ती है, तो ईको-टूरिज्म की संभावनाएं काफी ज्यादा हैं. इसलिए निवेशकों को आगे आना चाहिए और इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए'.
सुरेश झारिया ने बताया कि मध्य प्रदेश एक ऐसा राज्य है, जहां पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं मौजूद हैं. होटल, रिसोर्ट व पर्यटन से सम्बंधित अन्य व्यापारिक गतिविधियों के संचालन में सुगमता, प्रसार एवं पारदर्शिता मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति की तीन प्रमुख विशेषताएं हैं, जो राज्य को निवेशकों के लिए पसंदीदा स्थान बनाती हैं. इसी के चलते कई राज्यों के पर्यटन विभाग के मंत्रीगण व अधिकारीगण मध्य प्रदेश की टूरिज्म नीति का अध्ययन करने आते हैं.
झारिया ने बताया, "मध्य प्रदेश की टूरिज्म नीति आफिस में बैठकर नहीं बनी, बल्कि फील्ड में लोगों से हुए संवाद व फीडबैक पर आधारित है. हमने फिक्की जैसी व्यापारिक व वाणिज्यिक संगठनों, स्टेकहोल्डर्स के साथ विस्तृत चर्चा कर के ही अपनी इन्वेस्टर फ्रेंडली टूरिज्म पॉलिसी को मूर्त रूप दिया है."
होटल, रिसोर्ट व पर्यटन से सम्बंधित अन्य व्यापारिक गतिविधियों के संचालन में सुगमता, प्रसार एवं पारदर्शिता मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति की तीन प्रमुख विशेषताएं हैं, जो राज्य को निवेश के लिए पसंदीदा स्थान बनाती हैं. यहां जल-जमीन-जंगल-जानवरों आदि की व्यापक उपलब्धता तथा पर्यटन परियोजनाएं स्थापित करने के लिए अनुकूल वातावरण और शासन, प्रशासन की पारदर्शी एवं निवेशक फ्रेण्डली नीतियां और सहूलियतें, यही कारण है कि देशभर के अनेक निवेश प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना करने के लिए यहां आ रहे है."
झारिया ने कहा, "मध्यप्रदेश सरकार टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए पीपीपी मॉडल पर कार्य कर रही है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए विदेशी निवेश के भी प्रयास कर रही है, जिसके परिणाम काफी सकारात्मक रहे हैं. मध्य प्रदेश में टूरिज्म सेक्टर में सालाना 200 करोड़ रुपये से ऊपर के व्यापार की संभावनाएं हैं. सरकार ने वेलनेस सेंटर्स की स्थापना के लिए विशेष नीति भी बनाई है. इसके अलावा मध्य प्रदेश में फिल्म निर्माण करने वालों को सब्सिडी भी दी जा रही है."
उन्होंने कहा, "प्रदेश में पर्यटकों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए पर्यटन का इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित किया जाना एक महती आवश्यकता है. इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास केवल शासकीय स्त्रोतों से किया जाना पर्याप्त नहीं होगा इसलिए संतुलित एवं समेकित पर्यटन की वृद्धि, जिससे सामाजिक एवं आर्थिक विकास सम्भव हो, रोजगार के अवसरों का सृजन हो तथा प्रदेश समग्र पर्यटन अनुभव प्रदान करने वाला गन्तव्य बन सके इसके लिए प्रदेश शासन द्वारा पर्यटन नीति 2016 संशोधित 2019 लागू की गई है. वर्तमान में पर्यटन विभाग ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव भेजा है. इस पर्यटन नीति से प्रदेश में निजी निवेशकों को प्रोत्साहन मिल सके एवं कम समय में अधिकतम सुविधाओं का लाभ पर्यटकों को उपलब्ध कराया जा सके."
इस पर्यटन नीति की मुख्य विशेषता है कि निजी निवेशकों को ऑनलाइन निविदा प्रक्रिया के माध्यम से उपयुक्त स्थानों में 90 वर्षों के लिए लीज पर भूमि और हेरिटेज परिसंपत्ति आवंटित की जाती है . ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि के लिए न्यूनतम आरक्षित मूल्य केवल रुपये 5 लाख प्रति हेक्टेयर और शहरी क्षेत्रों में रुपये 10 लाख प्रति हेक्टेयर एवं प्रति हेरिटेज परिसंपत्ति के लिए केवल रुपये 01 लाख आरक्षित मूल्य है . ऋण लेने के लिए भूमि/ हेरिटेज परिसंपत्ति को गिरवी रखा जा सकता है . निजी निवेश पर 15% से 50% तक पूंजी अनुदान, अधिकतम रुपये 90 करोड़ तक देय है.
पर्यटन विभाग द्वारा प्रदेश में पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना के लिए निविदाकारों को पारदर्शी निविदा प्रक्रिया के माध्यम से लगभग 25 भूमियों एवं 08 ऐतिहासिक महत्व की हेरिटेज परिसम्पतियों को निवेश की दृष्टि से निजी निवेशकों सौंपी हैं जिनमें होटल, रिसोर्ट, कन्वेंशन सेन्टर, एम्यूजमेन्ट पार्क, एडवेंचर व केम्पिंग आदि-आदि परियोजनाओं की स्थापना का कार्य किया जा रहा है जिसमें देश के महत्वपूर्ण ग्रुप जैसे ओरेंज काउंटी, महिंद्रा हॉलीडेज, स्टेट एक्सप्रेस, जहांनुमा, वैक्सपोल ग्रुप आदि सम्मलित हैं, साथ ही प्रदेश में गोल्फ कोर्स, फिल्म सिटी, एम्यूजमेंट पार्क, क्रूज एवं सी प्लेन आदि की स्थापना के लिए देश-विदेश से निवेशकों द्वारा रुचि प्रदर्शित की जा रही है.
प्रदेश में पर्यटन में निजी निवेश के माध्यम से पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना हेतु 1100 हेक्टेयर से अधिक का लैंड बैंक तथा 15 हेरिटेज परिसंपत्तियां उपलब्ध है | यह भूमियां सतपुड़ा, बांधवगढ़, कान्हा, संजय डुबरी तथा पालनपुर कूनों राष्ट्रीय उद्यान के समीप तथा पचमढ़ी, गांधी सागर डैम और इंदौर – भोपाल शहर के आस-पास पर्यटन सम्पन्न एरिया में स्थित है. इसी तरह बांधवगढ नेशनल पार्क, मांडू, चन्देरी के समीप तथा भोपाल शहर के बीच में हेरिटेज परिसम्पतियां स्थित है जो निवेशकों के लिए आकर्षण का केन्द्र हैं.
पर्यटन नीति के फलस्वरूप 116 पर्यटन परियोजनाओं की स्थापना हेतु 623.52 करोड़ के निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुआ हैं. जिसमें से 8 हेरिटेज होटल, 3 होटल, 20 रिसोर्ट, 02 कैम्पिंग रिसोर्ट तथा 85 मार्ग सुविधा केंद्र के प्रस्ताव अनुबंध कर निर्माणाधीन एवं संचालित हैं. निजी क्षेत्र की 138 पर्यटन परियोजनायें स्थापित होकर संचालित हैं. जिनमें कुल नवीन 5595 कक्ष निर्मित हैं एवं 1941 करोड़ का निवेश तथा लगभग 25-30 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है. नीति के लागू होने के फलस्वरुप निजी निवेशकों द्वारा 04 कन्वेंशन सेण्टर, 17 डीलक्स होटल, 02 स्टार होटल, 01 रोप वे, 09 रिसोर्ट, 56 बजट / स्टैण्डर्ड होटल, 03 मार्ग सुविधा केंद्र पर्यटन परियोजनाओं की गई है.
मोबाइल रिचार्ज को लेकर एक नई रिपोर्ट सामने आई है. इसमें दावा किया गया है कि लोकसभा चुनाव से पहले रिचार्ज की कीमत में बढ़ोत्तरी हो सकती है. ऐसे में यूजर्स को बड़ा झटका लग सकता है.
लोकसभा चुनाव बाद देश के करोड़ों लोग अपनी जेब ढीली करने को तैयार रहें. मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों ने टैरिफ बढ़ाने की पूरी तैयारी कर ली है. इसका सीधा मतलब है कि चुनावों के बाद मोबाइल रिचार्ज कराना महंगा हो जाएगा. कंपनियों ने इसकी पूरी तैयारी भी कर ली है और यह भी तय कर लिया है कि इस बार कितना पैसा बढ़ाया जाए.
टैरिफ में हो सकती है 20-25% तक की बढ़ोतरी
बोफा सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद, 4 जून से भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में टैरिफ में 20-25% तक की बढ़ोतरी हो सकती है. पहले अनुमानों में केवल 10-15% की वृद्धि की उम्मीद थी. रिपोर्ट का कहना है कि इससे कंपनियों के कैश फ्लो में सुधार होगा और वे हाई मार्जिन वाले ब्रॉडबैंड और एंटरप्राइज/डेटा सेवाओं को बढ़ावा दे सकेंगी. BofA के अनुसार, दूरसंचार कंपनियों द्वारा टैरिफ में 20-25% की बढ़ोतरी के बाद जब उपभोक्ता इस वृद्धि के हिसाब से ढल जाएंगे, तो भारतीय टेलीकॉम कंपनियां 5G में अपने निवेश की भरपाई के लिए एक साल के भीतर फिर से कीमतें बढ़ा सकती हैं.
वोडाफोन-आइडिया को होगा ज्यादा फायदा
बोफा सिक्योरिटीज का मानना है कि प्योर टेलीकॉम कंपनी के रूप में, वोडाफोन आइडिया टैरिफ बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा फायदा उठा सकता है, उनकी रिपोर्ट के अनुसार, अगर प्रति यूजर औसत राजस्व (ARPU) में 5% की बढ़ोतरी होती है, तो कंपनी की प्रति शेयर आय (EPS) में 12% तक का इजाफा हो सकता है. हालांकि, बोफा अभी भी वोडाफोन आइडिया के शेयर को खरीदने की सलाह नहीं दे रहा है. उनकी राय है कि फिलहाल कंपनी के स्पेक्ट्रम पेमेंट को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. उन्हें वित्त वर्ष 2025-26 (FY26) के बाद इस स्थिति में सुधार आने पर ही राय बनाने में सहूलियत होगी.
एयरटेल भी उठा सकता टैरिफ बढ़ोत्तरी का फायदा
भारती एयरटेल के लिए भी बोफा ने वित्त वर्ष 2025-26 के EPS अनुमान में 5-6% की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया है. जिससे साफ होता है कि कि कंपनी अपने ग्राहकों से मोटा पैसा वसूलने वाली है. हालांकि, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि उच्च मूल्यह्रास (higher depreciation) और परिशोधन (amortization) के कारण रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के लिए EPS अनुमान में 2-3% की कमी की संभावना है.
Jio का आ सकता है IPO
टेलीकॉम कंपनियां अभी भारतीय बाजार में कोई खास हलचल नहीं मचा रही हैं. लेकिन, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) की टेलीकॉम ब्रांच, रिलायंस जियो, के जल्द ही IPO लाने की चर्चा है. जैसा कि RIL मैनेजमेंट ने पहले संकेत दिया था, यह कदम बाजार को काफी प्रभावित कर सकता है. ब्रोकरेज फर्मों का मानना है कि रिलायंस जियो का IPO दूरसंचार क्षेत्र में एक अहम इवेंट हो सकता है, जिसपर निश्चित रूप से नजर रखनी चाहिए. बोफा सिक्योरिटीज के विश्लेषक टेलीकॉम कंपनियों द्वारा कीमतें बढ़ाने के बारे में आशावादी हैं। उन्हें लगता है कि सभी कंपनियां इसमें शामिल होंगी, क्योंकि सीमित विकल्पों और डेटा सेवाओं की लोकप्रियता के कारण उपभोक्ता 20-25% की बढ़ोतरी को संभाल सकते हैं.
कमाई के नए रास्ते तलाशने में जुटी कंपनियां
बोफा सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि टेलीकॉम कंपनियां सिर्फ मोबाइल नेटवर्क से आगे बढ़ रही हैं. उनकी रिपोर्ट के अनुसार, भारती एयरटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) आने वाले समय में फाइबर ब्रॉडबैंड, एंटरप्राइज सेवाएं, डेटा सेंटर और डिजिटल कारोबारों पर ज्यादा ध्यान देंगी. दरअसल, ये सभी कारोबार ज़्यादा मुनाफा देने वाले हैं. इससे इन कंपनियों को न सिर्फ मोबाइल नेटवर्क से होने वाली कमाई में विविधता लाने में मदद मिलेगी, बल्कि नए क्षेत्रों में भी विकास के रास्ते खुलेंगे.
देश जैसे-जैसे डिजिटल हो रहा है वैसे ही ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे स्थिति में आपको इस तकनीक का इस्तेमाल करना चाहिए.
देश में बढ़ते फाइनेंशियल फ्रॉड को कम करने के लिए कई उपाय किये जा रहे हैं. ग्राहकों को और अधिक वित्तीय सुरक्षा देने, उनके लेनदेन की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए वाणिज्यिक बैंक वेरिफिकेशन के लिए आईरिस स्कैन (Iris Scan) के विकल्प का इस्तेमाल किया जा सकता है. ये विकल्प खास तौर पर वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए लाया जा रहा है. उम्र बढ़ने के कारण बुजुर्गों की उंगलियों के निशान भी अलग हो जाते हैं. जिसके कारण वेरिफिकेशन में परेशानी का सामना करना पड़ता है.
Iris Scan स्थापित करने की तैयारी में SBI?
देश में पब्लिक सेक्टर का सबसे बड़ा बैंक SBI भी आईरिस स्कैन के विकल्पों की तलाश कर रहा है. पिछले साल ही भारतीय स्टेट बैंक ने इस बारे में कहा था कि वे अपने ग्राहकों और वरिष्ठ पेंशन भोगियों के लिए सीएसपी केन्द्रों पर आईरिस स्कैनर स्थापित करने के विकल्पों की तलाश कर रहे हैं. बता दें कि एक्सिस बैंक देश का पहला बैंक है, जिसने आईरिस प्रमाणीकरण सुविधा की शुरुआत की. बैंक ने अगस्त, 2018 में आधार आधारित आईरिस स्कैन के विकल्प की शुरुआत की थी.
भारत में लोग बड़ी संख्या में डिजिटल लेन-देन कर रहे हैं. इसके बावजूद सिक्योरिटी इशूज में कोई कमी नहीं आई है. शिक्षा की कमी और ऑनलाइन पेमेंट के बारे में जानकारी कम होने के कारण अधिकांश लोग ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं. ऑनलाइन धोखाधड़ी से लोग सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं. हालांकि, थोड़ी सावधानी से इससे आसानी से बचा जा सकता है. ये हैं कुछ प्रमुख कारण जिनके माध्यम से फाइनेंशियल फ्रॉड हो रहा है.
स्क्रीन शेयरिंग फ्रॉड- लोग अक्सर जल्दबाजी में धोखेबाज द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हैं और रिमोट एक्सेस/स्क्रीन शेयरिंग ऐप इंस्टॉल कर लेते हैंय जैसे ही आप उन्हें एक्सेस देते हैं, स्कैमर्स संवेदनशील जानकारी जैसे ओटीपी, सेव किए गए पासवर्ड, बैंकिंग क्रेडेंशियल आदि प्राप्त करके काम पर लग जाते हैं.
UPI फ्रॉड- भारत में सबसे ज्यादा ऑनलाइन लेन-देन UPI के जरिए होता है. ऐसे में स्कैमर्स अशिक्षित और ऑनलाइन पेमेंट की जानकारी कम रखने वाले यूजर्स को अपना शिकार बनाते हैं. UPI यूजर को स्कैमर अक्सर ऐसे मैसेज भेजते हैं, जिसमें उन्हें शानदार डील ऑफर की जाती है. इसके बाद वह थोड़ी बातचीत करते हैं और फिर पूछते हैं कि क्या वे ऑनलाइन पेमेंट करके प्रोडक्ट को बुक कर सकते हैं? इसके बाद यूजर खुशी -खुशी उनको पेमेंट करने लिए राजी हो जाते हैं और स्कैमर्स के जाल में फंस जाते हैं.
क्यूआर कोड से फ्रॉड- क्यूआर कोड स्कैम ने भारत में अपनी जगह बना ली है क्योंकि अधिकांश लोग अपने स्मार्टफोन से ऑनलाइन पेमेंट करते वक्त क्यूआर कोड का उपयोग करते हैं. ज्यादातर स्कैमर्स ग्राहकों को संपर्क करके उनसे क्यूआर कोड को स्कैन करने के लिए कहते हैं. स्कैमर्स लोगों को उनके फोन पर बैंकिंग एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए आश्वस्त करते हैं और जैसे ही यूजर कोड को स्कैन करते हैं उनके अकाउंट से स्कैमर पैसे चुरा लेते हैं.
सर्च इंजन रिजल्ट में हेरफेर- बहुत से लोग अपने बैंकों, बीमा कंपनियों और व्यापारियों के कॉन्टैक्ट डिटेल प्राप्त करने के लिए सर्ज इंजन का सहारा लेते हैं. आमतौर पर यह बहुत अच्छे से काम करता है, लेकिन कभी-कभी, धोखेबाज SEO जैसी तकनीकों का उपयोग करके वास्तविक वेबसाइट में हेरफेर किए गए क्रेडेंशियल्स को रैंक कर देते हैं जिससे ग्राहक असली बैंक वेबसाइट के बजाय फर्जी वेबसाइट पर पहुंच जाते हैं और वहां नंबर ले लेते हैं.
फिशिंग स्कैम- स्कैमर्स संस्थाओं से मिलती-जुलती वेबसाइट बनाकर यूजर्स को बरगला सकते हैं. ऑनलाइन ट्रांजेक्श और ई-कॉमर्स के नए ग्राहक ऐसी वेबसाइटों की पहचान करने और लेनदेन को पूरा करने में विफल हो सकते हैं. मैसेजिंग ऐप और सोशल मीडिया पर ऐसी वेबसाइटों का URL मिलना आम बात है. इसके अलावा स्कैमर यूजर्स को SMS ब्रॉडकास्ट करने के लिए बल्क मैसेजिंग सेवाओं का भी उपयोग करते हैं.
क्या है जामताड़ा मॉडल?
झारखंड के जामताड़ा ज़िले में होने वाले अपराधों को 'जामताड़ा मॉडल' कहा जाता है. इस साइबर स्कैम में, अपराधी खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों से पैसे ऐंठते हैं. जामताड़ा मॉडल अब कई जगहों पर फैल गया है. बिहार के छह ज़िलों में साइबर अपराधी सक्रिय हैं. राजस्थान, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर बसे तीन ज़िलों का त्रिकोण भी अब 'नया जामताड़ा' बनता जा रहा है.
यूजर्स को भी रहना होगा जागरुक
देश जैसे जैसे डिजिटल (Digital) हो रहा है वैसे ही ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड (Online Financial Fraud ) के केस तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे स्थिति में अगर आप भी इस तरह की ऑनलाइन ठगी (online fraud) के शिकार हो जाते हैं तो आपको पता होना चाहिए कि क्या करना है. ऐसी स्थिति में घबराने की बजाय कुछ जरूरी कदम उठा कर आप अपने पैसे वापस पा सकते हैं.
अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड नहीं है तो भी आप मतदान कर सकेंगे. इसके लिए आपको इन 11 जरूरी दस्तावेजों में से किसी एक को मतदान केंद्र में दिखाना होगा. फिर आप आसानी से मतदान कर सकेंगे.
लोकसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होना है. मतदाताओं में भी इसको लेकर खासा उत्साह है. वहीं, कुछ लोग ऐसे भी हो सकते हैं जिनका वोटर आईडी कार्ड (Voter ID Card) अपडेट होकर न आया हो या फिर गुम हो गया हो. उन मतदाताओं की चिंता का निवारण निर्वाचन आयोग (Elections Commission) ने कर दिया है. निर्वाचन आयोग का कहना है कि बना वोटर आईडी कार्ड के भी वोट डाला जा सकता है बशर्ते मतदाता के पास कुछ अन्य जरूरी आईडी कार्ड मौजूद हों. आइए जानते हैं वे कौन से दस्तावेज हैं, जिसके माध्यम से भी वोट डाला जा सकता है.
इन दस्तावेज से भी कर सकेंगे मतदान
चुनाव आयोग के मुताबिक, अगर कोई मतदान केंद्र पर वोटर आईडी कार्ड ले जाना भूल गया है, तब भी वो चुनाव में हिस्सा ले सकता है. नियमों के अनुसार, मतदान केंद्र पर वोटर आईडी के अलावा और भी ऐसे दस्तावेज हैं जिनको दिखाकर वोट करने की अनुमति मिल जाती है. ये दस्तावेज हैं-
- पासपोर्ट
- ड्राइविंग लाइसेंस
- अगर आप सेंट्रल और स्टेट गवर्नमेंट के कर्मचारी हैं या फिर, PSUs और पब्लिक लिमिटेड कंपनी में काम कर रहे हैं तो कंपनी की फोटो आईडी के आधार पर भी मतदान किया जा सकता है
- PAN कार्ड
- आधार कार्ड
- पोस्ट ऑफिस और बैंक द्वारा जारी किया गया पासबुक
- MGNREGA जॉब कार्ड
- लेबर मिनिस्ट्री द्वारा जारी किया गया हेल्थ इंश्योरेंस कार्ड
- पेंशन कार्ड जिसपर आपकी फोटो लगी हो और अटेस्टेड हो
- नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (NPR) द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड
- सांसद या विधायक की तरफ से जारी आधिकारिक पहचानपत्र
इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर आपके पास वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड या कोई भी वाजिब पहचान पत्र है लेकिन आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है, तो आप वोट नहीं दे सकते हैं. वोटर लिस्ट में नाम चेक करने के लिए आप चुनाव आयोग की एसएमएस सर्विस का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसमें आपको ‘ ECI (अपना EPIC नंबर)’ लिखकर 1950 नंबर पर एसएमएस भेजना होता है.
चुनाव आयोग की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव पर हुए खर्च, लोगों की धारणा, अनुभव और अनुमान के आधार पर यह चुनाव में खर्च की गई कुल राशि का आकलन किया है.
18वीं लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण का चुनाव कल से शुरू हो रहा है. पहले चरण का मतदान 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UT) में फैले 102 चुनाव क्षेत्रों में होगा. सभी राजनीतिक दलों ने सत्ता का सुख पाने के लिए जोर-आजमाइश के साथ वो सभी पैतरें अपना रहे हैं, जिससे मतदाताओं को रिझा सकें. इसके लिए उम्मीदवार से लेकर पार्टी स्तर पर भी खूब पैसे उड़ाए जा रहे हैं. बड़े राजनीतिक दल जहां मीडिया, सोशल मीडिया में विज्ञापन देने के साथ पारंपरिक तरीके से प्रचार कर करोंड़ों रुपये खर्च कर रहे हैं. जिसकी वजह से हर चुनाव में खर्च का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. लोकसभा चुनाव में राजनीतिक दलों और सरकारी खर्चों का छोटे राज्यों के बजट के बराबर पहुंच जाता है.
कई गुना बढ़ा चुनावी खर्चा
1952 में हुए पहले चुनाव से लेकर 2019 के लोकसभा चुनाव तक चुनावी खर्च कई गुना बढ़ चुका है. चुनाव आयोग के मुताबिक, 1952 में हुए देश के पहले चुनाव में 10.5 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जबकि 2014 के लोकसभा चुनाव में यह खर्च बढ़कर 3,870.3 करोड़ रुपये पहुंच गया. गैर लाभकारी संगठन सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज (CMS) की एक स्टडी के मुताबिक, 2019 के लोकसभा चुनाव में 55,000-60,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे. वहीं, 2024 में यह खर्च बढ़कर 1.20 लाख करोड़ रुपये हो सकता है.
2024 में खर्च हो सकते हैं 1.20 लाख करोड़
2024 लोकसभा चुनाव 7 चरणों में हो रहे हैं. इस चुनाव में धुआंधार खर्च प्रचार से लेकर विभिन्न गतिविधियों में किए जा रहे हैं. पिछले चुनाव में खर्च हुए आंकड़ों से पता चल रहा है कि इस बार का चुनाव खर्च 1.20 लाख करोड़ रुपये से अधिक पहुंच सकता है. भाजपा से लेकर कांग्रेस करोड़ों रुपये का विज्ञापन दे रही है. वहीं, स्टार प्रचारकों पर भी करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं. बड़े-बड़े नेता हेलिकॉप्टर और हवाई जहाज से पहुंचकर जनसभा को संबोधित कर रहे हैं. वहीं, इस बार करीब 96.8 करोड़ मतदाता देश में हैं, जो प्रधानमंत्री चुनेंगे.
2019 में 9000 करोड़ रुपये हुए खर्च
भारतीय जनता पार्टी ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा और 303 सीटें जीतीं. इस बार नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री चुने गए, लेकिन चुनावी खर्च में बेहताशा वृद्धि हो गई. इस चुनाव में 9000 करोड़ रुपये खर्च किए गए. जोकि पिछले चुनाव के अपेक्षा लगभग तीन गुना अधिक था. इस चुनाव में 90 करोड़ मतदाता थे, जिसमें से 67.4 फीसद ने मतदान किया था. इस चुनाव में एक वोटर पर करीब 100 रुपये खर्च हुए.
क्या होती है खर्च की सीमा
चुनाव में खर्च की सीमा उस राशि को कहते हैं, जो उम्मीदवार चुनाव अभियान में वैध रूप से खर्च कर सकता है. इसमें पब्लिक मीटिंग, रैली, विज्ञापन, पोस्टर- बैनर और वाहन पर होने वाला खर्च शामिल है. चुनाव खत्म होने के 30 दिन के अंदर सभी उम्मीदवारों को खर्च का विवरण चुनाव आयोग को देना होता है. ऐसा करना जरूरी है.
पार्टियों के लिए नहीं है खर्च की सीमा
चुनाव में कोई राजनीतिक दल कितना खर्च कर सकता है, इसकी तो कोई सीमा नहीं है, लेकिन लोकसभा चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों के लिए यह राशि 95 लाख रुपये तय की गई है. इसी तरह विधानसभा चुनाव में एक प्रत्याशी 40 लाख रुपये तक खर्च कर सकता है. कुछ छोटे राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में लोकसभा प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा 75 लाख रुपये और विधानसभा प्रत्याशी के लिए खर्च की सीमा 28 लाख रुपये है.
आज हम आपके ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने नशे को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. जो लोग नशे की आदत से छुटकारा चाहते हैं लोग उन्हें अपना मसीहा मानते हैं
किसी भी तरह के नशे की लत (Addiction) नुकसानदायक ही होती है. नशे से छुटकारा पाना भी लगभग सभी लोग चाहते हैं, लेकिन यह आसान काम नहीं है क्योंकि जो व्यक्ति नशे का आदी है, उसका शरीर उसे इसकी इजाजत ही नहीं देता. नशा छोड़ने की कोशिश करने पर शरीर पर ऐसे-ऐसे आफ्टर इफेक्ट दिखते हैं कि व्यक्ति फिर से नशे की ओर मुड़ जाता है. लेकिन आज हम आपके ऐसे डॉक्टर के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने नशे को खत्म करने का बीड़ा उठाया है. जो लोग नशे की आदत से छुटकारा चाहते हैं लोग उन्हें अपना मसीहा मानते हैं. इनके द्वारा अविष्कृत मेडिसिन के सेवन से सिगरेट शराब तथा हर प्रकार की ड्रग्स बहुत ही आसानी से छोड़ी जा सकती है.
घर बैठे मंगा सकते हैं मेडिसिन
ऐसी अद्वितीय औषधि के आविष्कारक और कोई नहीं डॉक्टर मोहम्मद शोएब खान है. जितनी विचित्र इनकी औषधि है उतनी ही विचित्र इनका किसी व्यक्ति के डायग्नोसिस का तरीका भी है. यह मेडिसिन मोबाइल फोन अथवा इंटरनेट के द्वारा विश्व के किसी भी कोने में ऑडर कर इस्तेमाल की जा सकती है. नशे से पीड़ित व्यक्ति को केवल उनकी वेबसाइट www.nashamukti.com , www.de-addiction.com अथवा www.deaddiction.in के चैट रूम में लॉग इन करना पड़ता है या फिर मोबाइल 9868742743, 09211456256 अथवा 9411453526 पर कॉल करना पड़ता है.
कैसे किया जाता है इलाज?
चैट रूम में चैट करते समय अथवा मोबाइल पर कॉल करते समय नशे से पीड़ित व्यक्ति को अपनी पसंद की सिगरेट पीने, गुटका खाने अथवा शराब सूंघने को कहा जाता है इसके साथ ही डिटॉक्सिन मेडिसिन की उनमें ट्रांसमिट की जाती है. इस मेडिसिन के प्रभाव से सिगरेट, गुटखा फीके लगने लगते हैं तथा शराब की बदबू धीमी लगने लगती है. जिस मेडिसिन से ऐसा होता है वहीं नशे से पीड़ित व्यक्ति को खाने को दी जाती है जिससे नशा 1 दिन में छूट जाता हैं लेकिन शराब के लिए 2 माह का कोर्स आवश्यक है. ड्रग्स के केस में पीड़ित व्यक्ति को बिना ड्रग्स लिए दर्द होने के समय टेस्टिंग की जाती है तथा 10 मिनट में दर्द दूर होने पर मेडिसिन दी जाती है जिससे 4 दिन में ड्रग्स छूट जाती है लेकिन फिर भी 3 मास का कोर्स करना अनिवार्य होता है.
25,000 पीड़ित व्यक्तियों का किया इलाज
डॉ. मुहम्मद शोएब खान बताते हैं कि नशे के सेवन से शरीर का वोल्टेज तथा आवेश ग्रहण करने की क्षमता बढ़ जाती है. मेडिसिन से उसे आवश्यक स्थान पर लाया जाता है. वह कहते हैं कि पिछले 30 वर्षों में उन्होंने विभिन्न प्रकार के लगभग 25,000 पीड़ित व्यक्तियों का सफलता पूर्वक उपचार किया हैं. उनके द्वारा स्वास्थ्य लाभ पाने वाले लोगों में दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एम एस ए सिद्दीकी, रिटायर एअर वाइस मार्शल अरविंद डाल्या, एस्कॉर्ट हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. रमेश चांदना, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के निदेशक अबरार अहमद, फिल्म निर्माता कुंवर विक्रम सिंह इत्यादि है तथा वह रिलायंस इंडस्ट्री के साथ मिलकर भी कई लोगों का उपचार कर चुके हैं.
दवा का नहीं है कोई साइड इफेक्ट
डॉ. खान का दावा है कि उनकी दवा का न तो कोई साइड इफेक्ट है और न ही इसकी अपनी कोई लत है. मेडिसिन नशे के प्रति घृणा भी उत्पन्न करती है और नशीले पदार्थों से शरीर को हुए नुकसान की भरपाई भी करती है. वर्तमान में डॉ. खान हौज रानी मालवीय नगर नई दिल्ली में अपना क्लिनिक चला रहे हैं और उनके पास प्रतिदिन तीन से चार मरीज आते हैं. अपनी नई आविष्कृत दवाओं के साथ क्लिनिकल परीक्षण के लिए उनका आवेदन सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी में लगभग 25 वर्षों से लंबित है.
सरकार इस दवा के इस्तेमाल की दे मंजूरी
वह नशे के प्रभावी उपचार के प्रति उदासीनता के लिए सरकार को सीधे तौर पर दोषी ठहराते हैं. अगर सरकार ने उनके अभियान को संरक्षण दिया होता, तो ये नशे को खत्म करने में बहुत कारगर साबित होती. इसके साथ ही डॉक्टर का कहना है कि मैं चाहता हूं कि मेरी दवा का क्लिनिकल परीक्षण किया जाए और अगर नशे को खत्म करने में प्रभावी पाया जाता है, तो इस मेडिसिन को भारत सरकार द्वारा अस्पतालों में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
(डिस्क्लेमर: उपरोक्त लेख में व्यक्त किए गए विचार लेखक के हैं. ये विचार पब्लिशिंग हाउस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं न ही उन्हें दर्शाते है.लेखक यह लेख अपनी व्यक्तिगत क्षमता में लिख रहा है. उनका उद्देश्य किसी भी एजेंसी या संस्था के आधिकारिक विचारों, दृष्टिकोणों या नीतियों का प्रतिनिधित्व करना नहीं है और न ही ऐसा माना जाना चाहिए.)
नई दिल्ली के जीएमआर एरोसिटी स्थित द स्क्वायर में आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम ने दिल्ली और अन्य स्थानों से आए दर्शकों का मन मोह लिया.
एरोसिटी एंटरटेनमेंट फेस्ट 2024 का भव्य आयोजन किया गया. इस फेस्ट को हाजमोला, BW Businessworld और GMR Aerocity द्वारा प्रस्तुत व आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में Bisleri Limonata रिफ्रेशमेंट पार्टनर, 24SEVEN कन्वीनियंस पार्टनर, JT Talent एंटरटेनमेंट पार्टनर, Meena Bazaar क्लोथिंग पार्टनर, Arckbeauty & makeup byrua मेकअप पार्टनर, Joya Art Jewellers by Honey Creations ज्वैलरी पार्टनर और Weaving Threads फुटवियर पार्टनर थे. अन्य इवेंट सपोर्ट पार्टनर्स में जॉय ट्रैवल्स (Joy Travels), फैंड्रम (Fandrum), थिकशेक फैक्ट्री (Thickshake Factory), रियल्टी+ (Realty+), ई4एम (E4M), आईडब्ल्यूएम बज़ (IWM Buzz), इम्पैक्ट (Impact), पिच (Pitch) और वीडियो प्रोडक्शन शामिल थे.
फेस्ट 2024 का हुआ भव्य आयोजन
कार्यक्रम की शुरुआत ऊर्जा डांस ट्रूप द्वारा डांस फ्यूजन के एक रोमांचक फ्लैश मॉब प्रदर्शन के साथ हुई, इसके बाद दर्शकों ने लिफ्टअप्रोमीडिया- नुक्कड़ नाटक समूह द्वारा फैमिली मैडनेस: ए डेली ड्रामा नामक एक मज़ेदार नुक्कड़ नाटक का आनंद लिया, जिसमें सार्वजनिक परिवहन की अव्यवस्था पर व्यंग्य किया गया था. जादूगर विनोद कुमार द्वारा पेश किए गए जादू के करतबों ने सबका मन मोह लिया. परनीत सिंह, साहिल शर्मा और कनिष्का शर्मा के शानदार संगीत ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया. इस बीच, फेस्टिवल में लोगों ने फेस्ट फन ब्रेक का आनंद लिया, जिसमें एंटरटेनमेंट मस्कट ब्लू फॉक्स और बम्बल बी ट्रांसफॉर्मर और एंगेजमेंट ज़ोन में आर्केड गेमिंग शामिल थे.
संगीतमय प्रस्तुति ने लगाए चार चांद
जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया नज़्म अनप्लग्ड ने संगीतमय प्रस्तुति के साथ फेस्ट में चार चांद लगा दिए, इसके बाद मनोज भंडारी ने एक स्टैंड-अप शो किया, इसके साथ ही लोगों ने मीना बाज़ार और आर्कब्यूटी एंड मेकअपबायरूआ के सौजन्य से एक आकर्षक फैशन फिएस्टा का आनंद लिया. वहीं मालविका श्रीवास्तव और उनके बैंड द्वारा संगीतमय शाम में समा बांध दिया. सूफी बैंड ने मोहित सिंह द्वारा रचित रंगरेज़ और तथा देविका अरोड़ा और उनके संगीत बैंड द्वारा प्रस्तुत किए गए गानों से इस भव्य फेस्ट का समापन हुआ जो सभी लोगों के लिए एक यादगार अनुभव रहा.
लोगों ने लिया भरपूर आनंद
एरोसिटी एंटरटेनमेंट फेस्ट 2024 ने कलाकारों के बेहतरीन प्रदर्शनों, कई आकर्षणों केंद्रो और यादगार अनुभवों ने लोगों को आकर्षित किया. संगीत, कला, भोजन और संस्कृति के मिश्रण के साथ एरोसिटी एंटरटेनमेंट फेस्ट ने सभी के लिए कुछ न कुछ जरूर था. विभिन्न शैलियों के प्रसिद्ध कलाकारों के लाइव संगीत ने जनता को मनमोहित कर दिया. इसके साथ ही फेस्ट में उपस्थित लोगों ने स्थानीय विक्रेताओं के स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लिया.
कार्यक्रम में विदेशी भी शामिल हुए
इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण गेमिंग जोन था, जिसने पूरे दिन दर्शकों को बांधे रखा. विकएंड पर आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में लोगों को संगीत, भोजन और डांस के विभिन्न रूप देखने को मिले. इस उत्सव में न केवल भारतीय बल्कि एरोसिटी के होटलों के आस-पास रहने वाले विदेशी भी शामिल हुए. इस कार्यक्रम ने देश भर के कई विक्रेताओं को मंच भी प्रदान किया. BW बिजनेसवर्ल्ड और GMR एरोसिटी ने फैशन फिएस्टा के लिए अपने फुटवियर पार्टनर्स, आउटरीच पार्टनर्स Paytm इनसाइडर और बुकमायशो, टीवी पार्टनर NewsX, गिफ्टिंग पार्टनर बीनली, इवेंट सपोर्ट पार्टनर्स जॉय ट्रैवल्स, फैंड्रम, थिकशेक फैक्ट्री, रियल्टी+, E4M, आईडब्ल्यूएम बज़, इम्पैक्ट और पिच का आभार व्यक्त किया.
ये यात्रा 30 दिनों में 3333 किमी की दूरी तय कर पर्यावरण जागरुकता और महिलाओं में रोजगार की भावना को पैदा करने का प्रयास करेगी.
महिला सशक्तिकरण के साथ देश में हरित पर्यावरण का मजबूत संदेश देने के लिए भारत की पहली इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर रैली लॉन्च की गई है जो कन्याकुमारी से कश्मीर तक देश के एक छोर से दूसरे छोर की दूरी तय करेगी. इस यात्रा की खास बात ये है कि ये पूरी तरह से महिला थ्री व्हीलर से होगी. इस यात्रा को भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी कंपनी (इमास) और महिलाओं के सामाजिक उत्थान, उद्यम तथा कौशल गतिशीलता के लिए प्रतिबद्ध सामाजिक संगठन एमओडब्लूओ के साथ मिलकर ईटीओ मोटर्स इंडिया ने इस अनोखे 'ईटीओवाली' रैली का आयोजन किया है.
यात्रा का ये है मकसद
इस रैली में 8 सदस्यीय महिलाओं का टीम है जो इलेक्ट्रिक 3-पहिया वाहन, एक इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल और एक इलेक्ट्रिक एसयूवी के साथ कन्याकुमारी से कश्मीर का सफर करेंगी. महिलाओं की यह रैली टीम 30 दिनों में 3333 किलोमीटर की लंबी दूरी तय करेगी. महिला थ्री-व्हीलर रैली को कन्याकुमारी से हरी झंडी दिखाई जाएगी जिसके बाद यह रैली मदुरै, बेंगलुरु, हैदराबाद, नागपुर, इंदौर, जयपुर और दिल्ली से होते हुए जम्मू में समाप्त होगी. इस रैली का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के साथ यह संदेश देना भी है कि कैसे इलेक्ट्रिक 3-पहिया वाहन स्थिर आजीविका की तलाश कर रही महिलाओं के लिए रोजगार का एक बेहतर अवसर प्रदान कर सकती हैं.
राज्यों में जुड़ेंगे अलग-अलग लोग
कन्याकुमारी से शुरू होने वाली ये यात्रा जब विभिन्न प्रदेशों में जब यह रैली प्रवेश करेगी तब राज्यों के परिवहन, महिला कल्याण मंत्रालयों तथा अन्य सरकारी संस्थाओं के सहयोग से इस दौरान विशेष जागरूरकता कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी. इन कार्यशालाओं में हरित परिवहन के साधन के रूप में ईवी की बेहद महत्वपूर्ण हो रही भूमिका को रेखांकित कर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा. इसके साथ ही देश की आधाी आबादी को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों में किस तरह महिलाएं काम के घंटे चुनने के लचीलेपन के साथ अपनी आय बढ़ाने के लिए ऑटो ड्राइविंग के माध्यम से सूक्ष्म उद्यमी बन सकती हैं.
इस यात्रा से हम हैं रोमांचित
इस रैली को झंड़ी दिखाकर रवाना करने के मौके पर अपने संबोधन में ईटीओ मोटर्स के निदेशक सुरेंद्र नाथ ने कहा हम एमओडब्लूओ और सिडबी के साथ साझेदारी करके रोमांचित हैं. ‘ईटीओवाली’ कार्यक्रम हमारे महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम ‘ईटीओ एम्पावर्स’ से बहुत निकटता से जुड़ा हुआ है जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य और जीवन बीमा कवरेज जैसे अत्यधिक लाभकारी प्रोत्साहन प्रदान करने के साथ-साथ ड्राइवरों को उचित रोजगार के अवसर प्रदान करना है. "ईटीओवाली" को विशेष रूप से महिलाओं को इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स के बारे में जागरूक करने के लक्ष्य के साथ इस तथ्य से जागरूक करने के लिए भी तैयार किया गया है कि यह आधी आबादी को सुरक्षित और टिकाऊ रोजगार के अवसर प्रदान करता है. ‘ईटीओवाली’ कार्यक्रम को कई चरणों में विभाजित किया गया है. मार्च 2024 में पहला चरण महिलाओं की रैली पर केंद्रित होगा और जागरूकता बढ़ाएगा। दूसरे चरण में 500 महिलाओं का चयन किया जाएगा जिन्हें ई3डब्ल्यू चलाने और भारत के कई शहरों में सेवाएं शुरू करने के लिए प्रशिक्षित कर जरूरी ड्राइविंग कौशल प्रदान किया जाएगा.
DGCA के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि एक वरिष्ठ पायलट द्वारा एयर इंडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है.
डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और एयर इंडिया (Air India) को लेकर इस वक्त एक काफी बड़ी खबर सामने आ रही है. हाल ही में DGCA ने सूचना देते हुए बताया है कि उसने एयर इंडिया के खिलाफ प्रमुख रूप से एक्शन लेते हुए 1.10 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है. एयर इंडिया पर ये जुर्माना सेफ्टी के नियमों का उल्लंघन करने के लिए लगाया गया है.
Air India के खिलाफ क्यों लिया गया एक्शन?
एक बयान देते हुए DGCA ने बताया कि एयर इंडिया (Air India) द्वारा किराए पर लिए गए बोइंग 777 प्लेन को अमेरिका भेजा गया जबकि इसमें आवश्यक इमरजेंसी ऑक्सीजन सप्लाई सिस्टम मौजूद नहीं था. DGCA के अधिकारियों ने जानकारी देते हुए बताया कि एक वरिष्ठ पायलट द्वारा एयर इंडिया के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा गया था कि एयरलाइन द्वारा बोइंग 777 हवाई जहाजों को बिना आवश्यक आपातकालीन ऑक्सीजन सिस्टम के अमेरिका तक उड़ान भरने की मंजूरी दी गई. इसी शिकायत के आधार पर सिविल एविएशन मंत्रालय और DGCA ने एयर इंडिया के खिलाफ एक्शन लिया है.
क्यों दर्ज करवाई है शिकायत?
जिस पायलट द्वारा एयर इंडिया (Air India) के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई थी वह B777 कमांडर के रूप में काम कर चुका है और इस अभ्यास के बारे में पायलट ने मंत्रालय और DGCA के समक्ष 29 अक्टूबर को शिकायत दर्ज करवाई थी. आपको बता दें कि यह पायलट अब एयरलाइन के साथ काम नहीं करते हैं. आपको बता दें कि ज्यादातर एयरक्राफ्ट्स में सिलिंडर होते हैं जिनकी मदद से ओवरहेड मास्क्स में ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है और कैबिन के डि-प्रेशर होने की स्थिति में ही ओवरहेड मास्क्स की जरूरत पड़ती है. इन सिलिंडरों के द्वारा कैबिन में 12-15 मिनट प्रति यात्री की दर से ऑक्सीजन सप्लाई की जाती है.
जरूरी हैं ये बातें
इतना समय प्लेन के लिए काफी होता है और इस समय के दौरान हवाई जहाज 10,000 फीट जितनी ऊंचाई तक आ जाते हैं और इसे इंसानों के लिए ठीक वातावरण माना जाता है. इस ऊंचाई पर आकर एयरक्राफ्ट को ठंडा करने के लिए और लोगों के सांस लेने के लिए प्लेन के इंजन से हवा ली जाती है. लेकिन अगर कोई जहाज काफी ऊंचे पर्वतों पर उड़ान भर रहा है तो वह 10,000 फीट जितनी ऊंचाई पर तभी आ सकता है जब वह पर्वत श्रृंखला को पार कर ले. इसका मतलब ये है कि प्लेन को ज्यादा ऊंचे एलटीट्यूड पर ज्यादा अधिक समय तक उड़ान भरनी पड़ेगी और इसके लिए एयरक्राफ्ट में अतिरिक्त सिलिंडरों की आवश्यकता भी पड़ती है, ताकि 25-30 मिनट तक यात्रियों के मास्क तक ऑक्सीजन सप्लाई की जा सके.
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कार्यक्रम का प्रसारण गांव के साथ-साथ देश के विभिन्न शहरी इलाकों और सार्वजनिक जगहों पर भी किया जाएगा.
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि करीब आ रही है और ज्यादा से ज्यादा लोग इस कार्यक्रम का हिस्सा बनना चाहते हैं. साथ ही लोग ये भी जानना चाहते हैं कि आखिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह को कब और कहां देखा जा सकता है? आपको बता दें कि रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को 22 जनवरी को दूरदर्शन पर लाइव देखा जा सकता है.
कितने बजे से शुरू होगा लाइव टेलीकास्ट?
राम मंदिर ट्रस्ट (Ram Temple Trust) ने लोगों से अपील की है कि वह इस कार्यक्रम में वर्चुअली हिस्सा लें और साथ ही ट्रस्ट के द्वारा यह जानकारी भी दी गई है कि कार्यक्रम का प्रसारण गांव के साथ-साथ देश के विभिन्न शहरी इलाकों और सार्वजनिक जगहों पर भी किया जाएगा. 22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह में वाराणसी के पंडित लक्ष्मीकांत दीक्षित के द्वारा ही प्रमुख परंपराओं को पूरा किया जाएगा. सुबह 11 बजे से प्राण प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण शुरू हो जाएगा और दोपहर 1 बजे तक इस कार्यक्रम का प्रसारण अयोध्या के राम मंदिर से किया जाएगा.
कहां देखें लाइव प्रसारण?
अयोध्या धाम के राम मंदिर में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए तैयारियां की जा रही हैं. प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का पूरा प्रसारण दूरदर्शन न्यूज (DD News) और दूरदर्शन के सभी राष्ट्रीय चैनलों पर किया जाएगा. दूरदर्शन द्वारा लाइव प्रसारण की फीड को अन्य न्यूज एजेंसियों के साथ भी साझा किया जायेगा और अन्य न्यूज ब्रॉडकास्टरों के लिए दूरदर्शन द्वारा एक यूट्यूब लिंक भी साझा किया जाएगा. दूरदर्शन द्वारा प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लाइव प्रसारण के लिए पूरी अयोध्या नगरी में लगभग 40 कैमरे लगाए जायेंगे और राम मंदिर के प्रांगण में भी दूरदर्शन द्वारा कैमरे लगाए जाएंगे. दूरदर्शन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि पूरे प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्राम का प्रसारण 4K टेक्नोलॉजी में किया जाएगा.
कहां-कहां होगा लाइव प्रसारण?
जहां एक तरफ दूरदर्शन द्वारा प्रमुख राम मंदिर के प्रांगण को दिखाया जाएगा वहीं सरयू घाट के पास मौजूद राम की पैड़ी, कुबेर टीले पर मौजूद जटायु की मूर्ति और अन्य जगहों से भी लाइव प्रसारण किया जाएगा. इसके साथ ही देश भर में मौजूद सभी मंदिरों, विदेशों में मौजूद भारतीय दूतावासों और अन्य दूतावासों में भी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाइव प्रसारण किया जाएगा.
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कोहरे के कारण इस वक्त रेल, सड़क और हवाई सभी प्रकार के यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
कोहरे का सितम रोड, हवाई जहाज से लेकर रेलवे पर बुरी तरह पड़ा है. हर यातायात में सफर करने वाले यात्री बुरी तरह से परेशान हैं. लेकिन इन्हीं परिस्थितियों में हमारी व्यवस्थाओं की परख भी होती है. लेकिन रेलवे का 139 सिस्टम दिल्ली की सर्दी में ऐसा हांपा कि दिल्ली-कानपुर शताब्दी से सफर करने वाले एक शख्स को पहले तो सिस्टम बताता रहा कि ट्रेन देरी से आ रही है लेकिन उसी ट्रेन को कुछ देर बाद कैंसिल बता दिया. लेकिन हद तो तब हो गई जब यात्री ने देखा कि कुछ घंटे बाद वो ट्रेन आ गई. लेकिन तब तक वो यात्री दूसरी ट्रेन में टिकट कर चुका था. कोहरे के कारण यात्रियों को इसी तरह की कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
आखिर क्या है ये पूरा मामला?
दरअसल दिल्ली में अपनी रिश्तेदारी में आए ओम हरि शर्मा अपनी पत्नी और पुत्रबधू के साथ दिल्ली आए हुए थे. उन्होंने मंगलवार को कानपुर जाने के लिए ट्रेन नंबर 12034 नई दिल्ली-कानपुर सेंट्रल ट्रेन से तीन टिकट कराई हुई थी. कोहरे के कारण गाड़ी के लेट होने की खबरों के बीच एक ओर जहां वो अपनी गाड़ी को लाइव ट्रैकिंग सिस्टम पर वॉच कर रहे थे तो दूसरी ओर 139 पर पूछताछ कर रहे थे.
ओम हरि शर्मा ने बताया कि पहले तो 139 सिस्टम ये बताता रहा कि ट्रेन काफी घंटे लेट है. लेकिन उसके बाद 139 ने ये बता दिया कि ट्रेन कैंसिल हो गई है. इस पर जब उन्होंने जब टिकट को कैंसिल करना चाहा तो उसमें दो विकल्प दिखाने लगा या तो आपकी ट्रेन 3 घंटे देरी से हो या कैंसिल हो चुकी हो. लेकिन आईआरसीटीसी के एप से ये टिकट कैंसिल नहीं हो पाई. अकेले ओम हरि शर्मा ही नहीं बल्कि कई और भी यात्री रेलवे स्टेशन पर गाडि़यों की सही जानकारी न मिलने के कारण परेशान दिखे. किसी को उसकी गाड़ी की सही जानकारी नहीं मिल रही थी तो कोई दूसरी व्यवस्थाओं के कारण परेशान थे.
अब ये उन्हें सता रही है ये चिंता
ओम हरि शर्मा का जाना जरूरी था तो उन्होंने कानपुर सेंट्रल शताब्दी की टिकट छोड़कर लखनऊ शताब्दी से टिकट करा दी. अब ओम हरि शर्मा का कहना है कि 139 की गलती के कारण जो जानकारी मिली और उसके बाद टिकट कैंसिल हो पाई तो उसका रिफंड उन्हें मिलेगा भी या नहीं. दूसरा ये कि जब ट्रेन कैंसिल नहीं थी तो 139 ने उसे कैंसिल क्यों बताया.
क्या कहता है रेलवे?
नार्दन रेलवे के सीपीआरओ दीपक कुमार का कहना है कि जहां तक यात्री के टिकट के रिफंड का सवाल है तो वो स्टेशन पर जाकर टीडीआर (टिकट डिपॉजिट रिसिप्ट) ले सकते हैं. उससे उन्हें रिफंड मिल जाएगा. वहीं दूसरी ओर 139 के गलत जानकारी देने का सवाल है तो इसे चेक कराया जाएगा कि आखिर ऐसा कैसे हुआ.
कई ट्रेनों पर पड़ा है कोहरे का असर
कोहरे का असर कई ट्रेनों पर पड़ा है. यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दूसरे कई राज्यों की ओर जाने वाली कई ट्रेनें इसके चलते प्रभावित हुई हैं. अकेले 16 जनवरी को दो दर्जन से ज्यादा ट्रेनों पर कोहरे का असर हुआ है.